Saturday, 20 December 2014

2015 को नवजात षिषु वर्ष-2 के रूप मंे मनायेंगे- मुख्यमंत्री

2015 को नवजात षिषु वर्ष-2 के रूप मंे मनायेंगे, यह घोषणा करता हॅू- मुख्यमंत्री

 

पटना, 20 दिसम्बर 2014:-  वर्ष 2015 को नवजात षिषु वर्ष-2 के रूप मंे मनायंेगे। इसके लिए सारी आवष्यकताआंे को बिहार सरकार पूरी करेगी। यह घोषणा आज मुख्यमंत्री श्री जीतन राम माँझी ने बिहार मंे पेंटावैलेंट टीके के लिए मीडिया और कम्युनिकेषन कार्यषाला का उद्घाटन दीप प्रज्वलित कर करते हुये की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का दिन हमारे लिए गौरवपूर्ण दिन है। आप लोगांे ने मुझे इस समारोह में बुलाया है। हम भगवान से प्रार्थना करते है कि पेंटावैलंेट टीके का काम राज्य मंे सफलता के साथ पुरा हो। लोग इससे लाभान्वित हो। हमारी धारना और अनुभव है कि षिक्षा और स्वास्थ्य का घनिष्ठ संबंध है। बीमारियाॅ क्यो है? इसके कारणांे का गंभीरता से अध्ययन होना चाहिये। ‘प्रीवेन्सन इज बेटर दैन क्योर‘ के सिद्धांत को अपना कर हमें ऐसी व्यवस्था करनी चाहिये कि बीमारियाॅ कम से कम हो और लोग स्वस्थ्य रहे। उन्हें दवाईयांे की ज्यादा जरूरत न पड़े। उन्हांेने कहा कि 300-400 साल पहले दवाईयाॅ बहुत कम थी, फिर भी लोग स्वस्थ्य रहते थे। इसके लिए बुनियादी बातांे पर ध्यान देना होगा। खान-पान, वातावरण को शुद्ध रखना होगा। पहले औषधी पौधे नीम, बड़गद, पीपल प्रचुर संख्या मंे थे, जिससे हवा शुद्ध होते थे। आज जंगल कट रहे है। पर्यावरण दुषित हो रही है। शायद यही कारण है कि जब हम पर्यावरण पर ध्यान नहीं दे रहे है तो बीमारियों के झमेले में फसंते जा रहे है। पहले हमारे वैद्य, हकीमांे के पास ऐसी-ऐसी दवायंे थी कि गंभीर से गंभीर बीमारियाॅ लेप लगाने से ठीक हो जाती थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम पुरानी बातांे को भुलते जा रहे है। खान-पान, रहन-सहन, वेष-भूसा मंे हम पाष्चातय् देषों की नकल कर रहे है। जिस कारण समाज के नजरीये मंे बदलाव हो रहा है। जब तक हम प्रकिृत को नहीं बचायंेगे तब तक कुछ लाभ होने वाला नहीं है। पर्यावरण की सुरक्षा करनी होगी। उन्हांेने कहा कि वे एलोपेथ साइंस के साथ-साथ चिकित्सा की अन्य पद्धतियांे का भी सम्मान करते है। देषी चिकित्सा में भी गुण है। अपनी संस्कृति, ग्रामीण परिवेष एवं अपने पूर्वजांे की ओर देखें। उनसे सीख ले।
मुख्यमंत्री ने कहा कि टीकाकरण का काम सही ढं़ग से होना चाहिये। टीकाकरण का लाभ गरीब बच्चांे को निष्चित रूप से मिले, इस पर ध्यान देना चाहिये। टीकाकरण और पेंटावैलेंट टीके के संबंध मंे आाषा और ए0एन0एम0 को प्रषिक्षण दिलाये जाने की व्यवस्था की जाये। आषा एवं ए0एन0एम0 सेवा भाव के साथ लोगांे की सेवा करें। चिकित्सकगण मानवीय दृष्टि को अपनाकर अपना काम करें। पीडि़तांे की सेवा करंे।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर राज्य के सभी जिलांे के लिए एक-एक प्रचार वाहन को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। इस मोबाइल पेंटावैलेंट टीके के प्रचार वाहन मंे प्रचार की सभी सुविधायंे उपलब्ध है। ये गाॅव-गाॅव जाकर लोगांे को पेंटावैलेंट टीके के बारे मंे जानकारी देंगे। यह टीका बच्चांे को पाॅच घातक रोगों गलघोंटू, काली खांसी, टिटनस, हेपेटाइटिस बी0, और हिमेंलिलिस इंफलुएंजा टाइप बी से बचाता है, इसलिए इसें पेंटावैलेंट के नाम से जाना जाता है।
स्वास्थ्य मंत्री श्री रामधनी सिंह ने समारोह की अध्यक्षता करते हुये कहा कि डी0पी0टी0 और हेपेटाइटिस बी0 पहले से नियमीत टीकाकरण मंे शामिल है। अब हिब का भी टीका शामिल किया गया है। हिब टीका गंभीर रोग निमोनिया, मैनिजाइटिस आरै सेप्टिसेमिया, ऐपिग्लोटाइटिस और सेप्टिक आथ्राईटिस आदि की रोेकथाम करने मंे कारगर साबित होगा। पेंटावैलेंट टीका लगाने से षिषु मृत्यु दर मंे कमी आयेगी। निमोनिया और हेपेटाइटिस बी0 के लिए अलग से टीका नहीं लगाना पड़ेगा।
षिक्षा मंत्री श्री वृष्णि पटेल ने समारोह को संबोधित करते हुये कहा कि विगत 5 वर्षों मंे षिषु मृत्यु दर मंे काफी कमी आई है। पूर्व मुख्यमंत्री श्री नीतीष कुमार ने 2010 को नवजात षिषु वर्ष के रूप घोषित किया था, जिसका बड़ा लाभ मिला था और षिषु मृत्यु दर मंे कमी आई थी। उन्हांेने वर्ष 2015 को पुनः नवजात षिषु वर्ष घोषित किये जाने की मांग की। उन्हांेने कहा कि इंसान और जानवर मंे यही फर्क है कि इंसान चुनौतियांे का मुकाबला करता है और नई-नई खोजकर समाज को परेषानियांे से मुक्ति दिलाता है।
प्रधान सचिव स्वास्थ्य श्री ब्रजेष मेहरोत्रा ने समारोह को संबोधित करते हुये कहा कि बिहार मंे 30 लाख बच्चांे का प्रतिरक्षित करने का लक्ष्य है। बच्चांे को पेंटावैलेंट टीके की तीन सुई दी जायेगी। यह टीका एक साल से कम के बच्चांे को पहला टीका डेढ़ माह की आयु होने पर, दूसरा टीका ढ़ाई माह की आयु पर और तीसरा टीका साढ़े तीन माह की आयु पूरा करने पर लगाये जायंेगे। पेंटावैलेंट टीका 5 टीकांे का मिश्रण है। बच्चांे को बार-बार दर्द भरे टीके नहीं लगाने पड़ेंगे।
स्वास्थ्य सचिव श्री आन्नद किषोर ने स्वागत भाषण किया और कहा कि 9 प्रकार के टीके बच्चांे को लगाये जाते है। पेंटावैलेंट टीके लगाये जाने से उन्हें अब मात्र 6 टीके ही लगाने पड़ेंगे। 114 मेडिकल आॅफिसरांे को पेंटावैलेंट टीके लगाये जाने का प्रषिक्षण दिया जा चुका है। 7 जनवरी 2015 से पूरे बिहार मंे पेंटावैलेंट टीके लगाये जाने का अभियान प्रारंभ होगा। उन्हांेने लोगों से इस अभियान को सफल करने की अपील की।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, डाॅ0 उत्पल कुमार, डाॅ0 एन0के0 अग्रवाल, डाॅ0 जी0के0 सिन्हा, डाॅ0 धनष्याम सेठ्ठी, डाॅ0 षिवेन्द्र पाण्डेय सहित अनेकांे गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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