Sunday, 28 December 2014

जिसको षिक्षा के प्रति सम्मान है, वही षिक्षा मंदिरों के लिये जमीन दान दे सकता है:- मुख्यमंत्री

 जिसको षिक्षा के प्रति सम्मान है, वही षिक्षा मंदिरों के लिये जमीन दान दे सकता है:- मुख्यमंत्री 

 

पटना, 27 दिसम्बर 2014:- जिसको षिक्षा के प्रति सम्मान है, वही षिक्षा मंदिरों के लिये जमीन दान दे सकता है। उच्च विद्यालय के लिये नियम बना हुआ है कि जिस मिडिल स्कूल के पास एक एकड़ जमीन सुलभ है और निकट में कोई उच्च विद्यालय नहीं है, वहाॅ पर उच्च विद्यालय की स्वीकृति दी जा सकती है। श्री ब्रजनंदन शर्मा को मैं विद्यार्थी जीवन से जानता हूॅ। उन्होंने जमीन दान कर मिसाल काम किया है। इतना बड़ा दान कम ही लेाग करते हैं। मैं उन्हें धन्यवाद देता हूॅ। मुख्यमंत्री श्री जीतन राम माॅझी आज मनियावां में ब्रजनंदन इन्दु उच्च माध्यमिक विद्यालय मनियावां की आधारषीला रखने के बाद एक महती जनसभा को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस विद्यालय का निर्माण 1.15 लाख रूपये की लागत पर पूरा होगा और यह विद्यालय सभी सुविधाओं से युक्त होगा। उन्होंने कहा कि इस उच्च विद्यालय का उद्घाटन भी हमहीं करें तो उन्हें अच्छा लगेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि षिक्षा के बिना कुछ नहीं हो सकता। षिक्षित हैं तो दुनिया में नाम कमा सकते हैं। उन्होंने कहा कि षिक्षा में गुणात्मक हृास हुआ है। उन्होंने कहा कि कारणों का विष्लेषण करने से यह पता चलता है कि अंगे्रज तो यहाॅ से चले गये, मगर हमने अपनी संस्कृति को छोड़ पाष्चात्य संस्कृति के पीछे दौड़ रहे हैं। राजनीतिक आजादी तो प्राप्त कर ली, मगर हमने अपने पूर्वजों के सपने जो उन्होंने देखे थे, उसके अनुरूप आगे नहीं बढ़ रहे हैं। पढ़-लिखकर सामाजिक कार्य करना अच्छा नहीं समझते। एम0ए0, बी0ए0, पी0एच0 डी0 कर अपने घर पर जो काम करता है, लोग उस पर व्यंग्य करते हैं। पढ़ने-लिखने का कतई यह अर्थ नहीं होता कि सिर्फ नौकरी करें। भाईचारा, सहयोग, देष प्रेम की बात नहीं सोंचते। दीन-दुखियों को देखते हैं, मगर उनके प्रति मदद की भावना से नहंी सोंचते। किसी की बेटी की शादी में मदद करने की प्रवृति को छोड़ते जा रहे हैं। पचास, सौ साल पहले ऐसी सोंच नहीं थी। अत्याचार, अनादर की भावना पहले नहीं थी। 21वीं सदी में हम अपने पुरखों के बताये रास्ते को छोड़ रहे हैं, यह हमारी षिक्षा में नहीं है। षिक्षकों के लिये जो कुछ किया जाय, वह कम है। षिक्षकों का भी समाज के प्रति दायित्व है। वे बच्चों को अच्छी षिक्षा दें, उन्हें सम्पूर्ण मानव बनायें। गुणात्मक षिक्षा की बात करें, स्वावलंबी बनाने की बात करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम आषा, सांख्यिकी सहायक, षिक्षकों के मानदेय को बढ़ाना चाहते हैं। हमलोगों के सामने वही स्थिति है कि जब मोर अपने पैर को देखता है तो शरमा जाता है, फिर भी हम प्रयास कर रहे हैं, सबके लिये कुछ करने का जज्बा रखते हैं। आर्थिक संसाधन जुटाकर राज्य के विकास में लगे हुये हैं। हमने राज्य का बजट 57 हजार करोड़ रूपये का बनाया था, जिसमें केन्द्र की सरकार ने कटौती कर ली है। 9-10 हजार करोड़ रूपये हमारे बजट के काटे जा रहे हैं। रघुराम राजन समिति ने रिपोर्ट दिया था कि उड़ीसा के बाद बिहार सबसे पिछड़ा राज्य है। हमें अनुषंसा के बावजूद न तो विषेष राज्य का दर्जा अब तक मिला है और न ही विषेष पैकेज। राज्य के राष्ट्रीय उच्च पथों की स्थिति खराब है। पूर्व मुख्यमंत्री श्री नीतीष कुमार ने एक हजार करोड़ रूपये लगाकर इसकी मरम्मति करा दी थी। केन्द्र का यह हाल है कि न तो मेरे बाकी पैसे को दे रही है और न ही राष्ट्रीय उच्च पथ के रखरखाव पर कोई ध्यान ही दे रही है। बिहार के सात मंत्री केन्द्र की सरकार में शामिल हैं। उनसे मेरा अनुरोध है कि ये सातो मंत्री मिलकर बिहार को उसका बाजिव हक दिला दें। जनवरी में बिहार के सांसदों के साथ दिल्ली में बैठक करने वाले हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में न्याय के साथ विकास कर रहे हैं। जहानाबाद एवं गया के जरूरतों को पूरा करेंगे। उन्होंने कहा कि वे गरीब हो सकते हैं, मगर कमजोर नहीं।
मुख्यमंत्री के समक्ष उपस्थापित जनता की माॅग यथा- लोचनायक पईन उड़ाही काजी दौलतपुर से लोचनायक तक नाला निर्माण के साथ, कड़रूआ नाला गोहा से रसलपुर होते हुये काको पनिहास तक कड़रूआ आहर की उड़ाही, मनियावां बाला पईन पासवान टोला से हरगौरी शर्मा तक नाला निर्माण के साथ, मनियावां में जलमीनार, मनियावां उप स्वास्थ्य केन्द्र को उत्क्रमित कर अतिरिक्त स्वास्थ्य केन्द्र निर्माण, बेलदारी बिगहा से रसलपुर तक सड़क निर्माण एवं जहानाबाद घोषी मुख्य मार्ग से जोलह बिगहा पासवान टोला तक सड़क निर्माण का जिक्र करते हुये उन्होंने कहा कि ये सारे काम एक-दो माह के अंदर पूरा करा दिये जायेंगे। उन्होंने कहा कि जिला में जो आवंटन सुलभ है, उससे यह काम कराया जा सकता है। फिर भी पैसे की आवष्यकता हो तो राषि की माॅग सरकार से की जाय, सरकार आवष्यक राषि सुलभ करा देगी। उन्होंने कहा कि प्राक्कलन बनाये जाने का काम ईमानदारी के साथ होना चाहिये। हम सब कुछ जानते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देहातों की तरह शहरी क्षेत्र के गरीबों को भी वे आवास की सुविधा देंगे, इसके लिये निर्णय ले लिया है। बिहार देष का पहला राज्य है, जिसने इस तरह की कोई योजना चलायी है। अंबेदकर फाउडेषन एवं दषरथ माॅझी कौषल प्रषिक्षण संस्थान बनाये जाने का निर्णय लिया है। वृद्धावस्था पेंषन की राषि को दुगुणा कर दिया है। बेटियों के लिये यूनिवर्सिटी तक की षिक्षा को निःषुल्क कर दिया गया है। उन्होंने इस अवसर पर नववर्ष की शुभकामना देते हुये कहा कि नववर्ष को दारू मुक्त (ड्राई ईयर) वर्ष के रूप मनायें। उन्होंने कहा कि दुर्घटना का कारण मद्यपान होता है। मद्यपान से बचें, अपने जीवन को सुरक्षित करें।
कृषि मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह ने भी समारोह को संबोधित किया और षिक्षा के प्रति राज्य सरकार के प्रतिबद्धता पर विस्तार से प्रकाष डाला। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हर पंचायत में एक प्लस टू उच्च विद्यालय खोलने जा रही है। बालिकाआंे के लिये विष्वविद्यालय स्तर तक की पढ़ाई को निःषुल्क किये जाने का निर्णय एक क्रांतिकारी कदम है, जो महिलाओं को सषक्त करने में कारगर सिद्ध होगी।
समारोह की अध्यक्षता सांसद डाॅ0 अरूण कुमार ने किया और कहा कि प्रथम बार बिहार के किसी मुख्यमंत्री का पर्दापण इस स्थल पर हुआ है। विधायक श्री अनिल कुमार ने मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त करते हुये कहा कि उन्होंने मनियावां मध्य विद्यालय को उत्क्रमित कर प्लस टू विद्यालय में उत्क्रमित करने का जो निर्णय लिया है, इसके लिये तमाम लोग उनके अनुग्रहित हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी मन में जो ठान लेते हैं, वे कर दिखाते हैं। पटना के कंकड़बाग के एक पार्क को स्व0 रामाश्रय बाबू के नाम से जोड़कर उसका उद्घाटन वे 30 जनवरी को करेंगे और इस पार्क में समिति के लोग स्व0 रामाश्रय प्रसाद सिंह की प्रतिमा लगायें, इसकी सहमति भी मुख्यमंत्री ने दी है। इसके लिये भी हम सब उनके ऋणि हैं।
इस अवसर पर विधान पार्षद श्री अनूज कुमार सिंह, अध्यक्ष जिला परिषद जहानाबाद श्रीमती संगीता सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता यथा- श्री जगदीष कुषवाहा, श्रीमती प्रभावती देवी, श्री चन्देष्वर बिन्द, श्री गिरिजानंद शर्मा सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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