गरीब उपभोक्ताओं के हितों को संरक्षित करें, उपभोक्ता के संरक्षण के लिये जागरूकता जरूरी है:- मुख्यमंत्री
पटना, 24 दिसम्बर 2014:- उपभोक्ताओं के संरक्षण के लिये जागरूकता जरूरी है, यह कानून से ही नहीं बल्कि उचित प्रषिक्षण एवं सामाजिक जागरूकता से संभव है। हर षिक्षित व्यक्ति का कर्तव्य है कि वे अपने आसपास के लोगों को इस दिषा में जागरूक करें। आज मुख्यमंत्री श्री जीतन राम माँझी राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के अवसर पर समारोह को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि षिक्षा का उद्देष्य सिर्फ रोजगार पाना ही नहीं बल्कि इसका व्यापक अर्थ है। किस प्रकार से जीवन व्यतीत किया जाय और किस प्रकार की उपभोक्ता सामग्रियों का उपयोग किया जाय, साथ ही खुद सर्तक रहते हुये दूसरों को भी सर्तक किया जाय। उन्होंने सभी षिक्षितों से आह्वान किया कि उपभोक्ता संरक्षण में अपने प्रयासों से जागरूकता लायें। उन्होंने समाज में अमीर-गरीब की चर्चा करते हुये कहा कि उपभोक्ता संरक्षण का महत्व सबसे ज्यादा मध्यम वर्ग एवं गरीबों के लिये है। एक तरफ अभाव में हम जीते हैं और दूसरी तरफ वैसे लोग हैं, जो काफी सम्पन्न हैं, उनके लिये उपभोक्ता एवं उपभोग का कोई मूल्य नहीं है। आजादी के 68 साल में प्रवेष कर रहे हैं। हमारे पूर्वजों ने जो आजादी के लिये लड़ाई लड़ी थी, उसमें उनका स्वप्न था कि हमारा देष स्वतंत्र होगा, राजनैतिक आजादी के साथ-साथ सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक आजादी भी पायेंगे लेकिन उसमें कुछ कमी है। जब उपभोक्ता संरक्षण की बात होती है तो हमारा ध्यान गरीब व्यक्ति पर चला जाता है।
मुख्यमंत्री ने प्रखण्डों एवं ग्रामीण कस्बों के बाजारों में उपलब्ध मिठाइयों में मिलावट एवं अषुद्धता की चर्चा करते हुये कहा कि जागरूकता के अभाव में लोग अपने बच्चों की खुषी के लिये ऐसी मिठाइयों का क्रय करते हैं, साथ ही थोड़ा पैसा कमाने के लिये बिक्रेता असावधानी बरतते हैं, जिससे उपभोक्ताओं का संरक्षण नहीं होता एवं अस्वस्थता मिलती है। उपभोक्ताओं को न्याय मिलना चाहिये, उनको संरक्षण मिलना चाहिये। जिलों में उपभोक्ता फोरम है, जिसका विस्तार जरूरी है। विस्तार के साथ-साथ लोगों को जागरूक भी करना चाहिये ताकि वे जानें कि उपभोक्ता संरक्षण के लिये क्या-क्या प्रावधान है। प्रखण्ड से लेकर पंचायत तक व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार की आवष्यकता है। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता अच्छा सामान प्राप्त करेंगे तो स्वस्थ रहेंगे। फुड इंस्पेक्टर को अधिक सक्रिय बनाये जाने की आवष्यकता है। स्वास्थ्य विभाग से हटाकर इन्हें खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के अन्तर्गत संलग्न किया जायेगा, इनकी भूमिका प्रभावी बनायी जायेगी। उन्होंने कहा कि खाद का उपयोग कर रहे हैं। वह कहीं न कहीं प्वाइजनष है, इसके प्रति लोगों में जागरूकता लायी जानी चाहिये और हम उस खाद्य सामग्री को कम से कम उपयोग करें, उसकी हमें आवष्यकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी जनसंख्या काफी बढ़ी है। बिहार में जनसंख्या घनत्व राष्ट्रीय औसत से अधिक है। सामानों की किल्लत है एवं गुणवता में भी कमी है। इस संदर्भ में उपभोक्ता फोरम काफी आवष्यक है। प्रखण्ड स्तर पर भी उपभोक्ता फोरम की महत्वपूर्ण भूमिका रहे। इसे सषक्त करने के लिये बिहार सरकार हर सुविधा उपलब्ध करायेगी। उपभोक्ता संरक्षण नहीं होने से अधिक नुकसान गरीबों को ही है। गरीब उपभोक्ताओं के हितों को संरक्षित करें।
इस अवसर पर खाद्य आपूर्ति मंत्री श्री श्याम रजक ने अपने संबोधन में कहा कि उपभोक्ताओं के हितों के संरक्षण के लिये 24 दिसम्बर को राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के रूप में मनाया जाता है। हमलोग खुषनसीब हैं कि बिहार पहला राज्य है, जहाॅ उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम को प्रभावी किया गया है। राज्य उपभोक्ता फोरम को प्राप्त 96 हजार दावों में से 81 हजार दावों का निष्पादन कर दिया गया है। जिलों से प्राप्त 17 हजार दावों में से 12 हजार दावों का भी निष्पादन किया गया है। मिलावट, कम माप-तौल जैसी समस्या उपभोक्ताओं को है, इसके लिये जागरूकता काफी महत्वपूर्ण है। विभिन्न प्रतियोगिताओं के आयोजन के द्वारा आने वाली पीढ़ी को उपभोक्ता संरक्षण का महत्व बताया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 27 जिलों में पूर्ण रूप से उपभोक्ता फोरम कार्यरत है एवं उसे सुविधायुक्त किया गया है। हर जिलों में एक मध्यस्थता भवन भी बनाया जायेगा। उन्होंने उपभोक्ताओं से अपील किया कि दुकानों से रसीद अवष्य लें ताकि षिकायत की दिषा में कार्रवाई करने में आसानी होगी। उपभोक्ता टाॅल फ्री नंबर पर भी अपनी षिकायत दर्ज करा सकते हैं, कार्रवाई होगी। उपभोक्ताओं के हितों के संरक्षण के लिये सरकार प्रयत्नषील है।
नालंदा खुला विष्वविद्यालय के कुलपति श्री रास बिहारी सिंह ने कहा कि पंचायत स्तर पर भी उपभोक्ता फोरम बने, जहाॅ गरीब व्यक्ति भी जा सकें। विष्वविद्यालय उपभोक्ता संरक्षण से संबंधित छह माह का दो सर्टिफिकेट कोर्स- लिगल अस्सिटेंस एवं कन्ज्यूमर प्रोटेक्षन राईट आरंभ करने जा रहा है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री को शाल एवं प्रतीक चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया गया। साथ ही खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा आयोजित छात्र-छात्राओं के बीच निबंध एवं वाद-विवाद प्रतियोगिता के विजयी प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र तथा नगद पुरस्कार मुख्यमंत्री के द्वारा प्रदान किया गया। समारोह में सचिव खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण श्री हुकूम सिंह मीणा, सचिव भारतीय लोक प्रषासन संस्थान पटना श्री नवनीत सिन्हा, संयुक्त निबंधक सहकारिता विभाग श्री आर0पी0 सिंह सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
पटना, 24 दिसम्बर 2014:- उपभोक्ताओं के संरक्षण के लिये जागरूकता जरूरी है, यह कानून से ही नहीं बल्कि उचित प्रषिक्षण एवं सामाजिक जागरूकता से संभव है। हर षिक्षित व्यक्ति का कर्तव्य है कि वे अपने आसपास के लोगों को इस दिषा में जागरूक करें। आज मुख्यमंत्री श्री जीतन राम माँझी राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के अवसर पर समारोह को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि षिक्षा का उद्देष्य सिर्फ रोजगार पाना ही नहीं बल्कि इसका व्यापक अर्थ है। किस प्रकार से जीवन व्यतीत किया जाय और किस प्रकार की उपभोक्ता सामग्रियों का उपयोग किया जाय, साथ ही खुद सर्तक रहते हुये दूसरों को भी सर्तक किया जाय। उन्होंने सभी षिक्षितों से आह्वान किया कि उपभोक्ता संरक्षण में अपने प्रयासों से जागरूकता लायें। उन्होंने समाज में अमीर-गरीब की चर्चा करते हुये कहा कि उपभोक्ता संरक्षण का महत्व सबसे ज्यादा मध्यम वर्ग एवं गरीबों के लिये है। एक तरफ अभाव में हम जीते हैं और दूसरी तरफ वैसे लोग हैं, जो काफी सम्पन्न हैं, उनके लिये उपभोक्ता एवं उपभोग का कोई मूल्य नहीं है। आजादी के 68 साल में प्रवेष कर रहे हैं। हमारे पूर्वजों ने जो आजादी के लिये लड़ाई लड़ी थी, उसमें उनका स्वप्न था कि हमारा देष स्वतंत्र होगा, राजनैतिक आजादी के साथ-साथ सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक आजादी भी पायेंगे लेकिन उसमें कुछ कमी है। जब उपभोक्ता संरक्षण की बात होती है तो हमारा ध्यान गरीब व्यक्ति पर चला जाता है।
मुख्यमंत्री ने प्रखण्डों एवं ग्रामीण कस्बों के बाजारों में उपलब्ध मिठाइयों में मिलावट एवं अषुद्धता की चर्चा करते हुये कहा कि जागरूकता के अभाव में लोग अपने बच्चों की खुषी के लिये ऐसी मिठाइयों का क्रय करते हैं, साथ ही थोड़ा पैसा कमाने के लिये बिक्रेता असावधानी बरतते हैं, जिससे उपभोक्ताओं का संरक्षण नहीं होता एवं अस्वस्थता मिलती है। उपभोक्ताओं को न्याय मिलना चाहिये, उनको संरक्षण मिलना चाहिये। जिलों में उपभोक्ता फोरम है, जिसका विस्तार जरूरी है। विस्तार के साथ-साथ लोगों को जागरूक भी करना चाहिये ताकि वे जानें कि उपभोक्ता संरक्षण के लिये क्या-क्या प्रावधान है। प्रखण्ड से लेकर पंचायत तक व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार की आवष्यकता है। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता अच्छा सामान प्राप्त करेंगे तो स्वस्थ रहेंगे। फुड इंस्पेक्टर को अधिक सक्रिय बनाये जाने की आवष्यकता है। स्वास्थ्य विभाग से हटाकर इन्हें खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के अन्तर्गत संलग्न किया जायेगा, इनकी भूमिका प्रभावी बनायी जायेगी। उन्होंने कहा कि खाद का उपयोग कर रहे हैं। वह कहीं न कहीं प्वाइजनष है, इसके प्रति लोगों में जागरूकता लायी जानी चाहिये और हम उस खाद्य सामग्री को कम से कम उपयोग करें, उसकी हमें आवष्यकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी जनसंख्या काफी बढ़ी है। बिहार में जनसंख्या घनत्व राष्ट्रीय औसत से अधिक है। सामानों की किल्लत है एवं गुणवता में भी कमी है। इस संदर्भ में उपभोक्ता फोरम काफी आवष्यक है। प्रखण्ड स्तर पर भी उपभोक्ता फोरम की महत्वपूर्ण भूमिका रहे। इसे सषक्त करने के लिये बिहार सरकार हर सुविधा उपलब्ध करायेगी। उपभोक्ता संरक्षण नहीं होने से अधिक नुकसान गरीबों को ही है। गरीब उपभोक्ताओं के हितों को संरक्षित करें।
इस अवसर पर खाद्य आपूर्ति मंत्री श्री श्याम रजक ने अपने संबोधन में कहा कि उपभोक्ताओं के हितों के संरक्षण के लिये 24 दिसम्बर को राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के रूप में मनाया जाता है। हमलोग खुषनसीब हैं कि बिहार पहला राज्य है, जहाॅ उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम को प्रभावी किया गया है। राज्य उपभोक्ता फोरम को प्राप्त 96 हजार दावों में से 81 हजार दावों का निष्पादन कर दिया गया है। जिलों से प्राप्त 17 हजार दावों में से 12 हजार दावों का भी निष्पादन किया गया है। मिलावट, कम माप-तौल जैसी समस्या उपभोक्ताओं को है, इसके लिये जागरूकता काफी महत्वपूर्ण है। विभिन्न प्रतियोगिताओं के आयोजन के द्वारा आने वाली पीढ़ी को उपभोक्ता संरक्षण का महत्व बताया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 27 जिलों में पूर्ण रूप से उपभोक्ता फोरम कार्यरत है एवं उसे सुविधायुक्त किया गया है। हर जिलों में एक मध्यस्थता भवन भी बनाया जायेगा। उन्होंने उपभोक्ताओं से अपील किया कि दुकानों से रसीद अवष्य लें ताकि षिकायत की दिषा में कार्रवाई करने में आसानी होगी। उपभोक्ता टाॅल फ्री नंबर पर भी अपनी षिकायत दर्ज करा सकते हैं, कार्रवाई होगी। उपभोक्ताओं के हितों के संरक्षण के लिये सरकार प्रयत्नषील है।
नालंदा खुला विष्वविद्यालय के कुलपति श्री रास बिहारी सिंह ने कहा कि पंचायत स्तर पर भी उपभोक्ता फोरम बने, जहाॅ गरीब व्यक्ति भी जा सकें। विष्वविद्यालय उपभोक्ता संरक्षण से संबंधित छह माह का दो सर्टिफिकेट कोर्स- लिगल अस्सिटेंस एवं कन्ज्यूमर प्रोटेक्षन राईट आरंभ करने जा रहा है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री को शाल एवं प्रतीक चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया गया। साथ ही खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा आयोजित छात्र-छात्राओं के बीच निबंध एवं वाद-विवाद प्रतियोगिता के विजयी प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र तथा नगद पुरस्कार मुख्यमंत्री के द्वारा प्रदान किया गया। समारोह में सचिव खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण श्री हुकूम सिंह मीणा, सचिव भारतीय लोक प्रषासन संस्थान पटना श्री नवनीत सिन्हा, संयुक्त निबंधक सहकारिता विभाग श्री आर0पी0 सिंह सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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