अल्पसंख्यकों के विकास के लिये 15सूत्री कार्यक्रम के कार्यान्वयन में सरकार तेजी लायेगी:- मुख्यमंत्री
पटना, 13 नवम्बर 2014:- मुख्यमंत्री श्री जीतन राम माॅझी ने आज अनुग्रह नारायण सिन्हा समाज अध्ययन संस्थान पटना में मुस्लिम समाज में साक्षरता की रणनीति विषयक राज्यस्तरीय सेमिनार को संबोधित करते हुये कहा कि अल्पसंख्यकों के विकास के लिये 15सूत्री कार्यक्रम के कार्यान्वयन में सरकार तेजी लायेगी। उन्होंने कहा कि 15सूत्री कार्यक्रम में शिथिलता आयी है। सरकार सच्चर कमिटी की अनुशंसा पर विचारोपरान्त समग्र रूप से आगे बढ़ाने का काम करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के माध्यम से 75 अल्पसंख्यक बाहुल्य प्रखण्डों में विद्यालय एवं अस्पताल की कमी का सर्वे आद्रि द्वारा करायी जा रही है। प्रतिवेदन आने के बाद सरकार अपने संसाधनों से 75 अल्पसंख्यक बाहुल्य प्रखण्डों में विद्यालय एवं अस्पताल खोलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 24 करोड़ रूपये की लागत से 75 अल्पसंख्यक बाहुल्य प्रखण्डों में स्कील डेवलपमेंट के लिये प्रशिक्षण की योजना बनाकर भारत सरकार को भेजी गयी है। अगर भारत सरकार योजनाओं की स्वीकृति करती है तो इसका क्रियान्वयन शीघ्र सरकार करेगी। उन्होंने कहा कि अगर भारत सरकार स्वीकृति नहीं देती है तो बिहार सरकार अपने संसाधनों से स्कील डेवलपमेंट प्रशिक्षण कार्यक्रम को क्रियान्वित करेगी। उन्हांने कहा कि इन दिनों भारत सरकार बिहार सरकार को सहयोग एवं सहायता प्रदान नहीं कर रही है, अपने वादा के अनुसार केन्द्र की भाजपा सरकार न तो बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दे रही है और न ही विशेष सहायता। यहाँ तक कि बी0आर0जी0एफ0 एवं मनरेगा की राशि में कटौती कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कब्रिस्तानों की घेराबंदी सरकार कर रही है, इसे शीघ्र पूरा कर लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक अल्पसंख्यक लोगों को लाभान्वित करने के लिये अल्पसंख्यक योजनाओं में गड़बडि़यों को दूर किया जायेगा। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक भाई-बहनों के विकास के लिये जो भी कदम उठाने की बात होगी, सरकार पीछे नहीं हटेगी। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक, दलित, महादलित एवं अत्यंत पिछड़ों के लिये जनसंख्या के अनुसार बजट का प्रतिशत निर्धारित होगा। उन्होंने कहा कि आप स्वयं स्वावलंबी बनें ताकि शैक्षणिक, आर्थिक, सामाजिक एवं राजनीतिक स्थिति बेहतर हो सके। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक भाई-बहन के लिये हुनर कार्यक्रम है। इसमें अगर और सुधार की आवश्यकता होगी तो सुधार करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोग इंसान हैं, भगवान ने यहाँ कुछ करने के लिये भेजा है। हमें अपनी क्षमता के अनुसार लोगों की भलाई एवं विकास के लिये काम करना चाहिये। उन्होंने अल्पसंख्यकों को आह्वान किया कि अल्पसंख्यक, पिछड़ा, अति पिछड़ा, दलित एवं महादलित तथा गरीब तबका सरकार के ऊपर पूर्णतः निर्भर नहीं रहना चाहिये। समाज एवं सरकार का काम अवसर प्रदान करना है। सरकार समाज के नीचले तबके को आगे बढ़ने के लिये अवसर प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि आज मुस्लिम परिवार की दशा निराशाजनक है। 68 वर्षों के बाद भी हम अपने लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाये हैं। समाज में सबसे बदतर स्थिति मुस्लिम समाज की महिलाओं की है। सामाजिक एवं धार्मिक कारणों से महिलाओं को वह स्वतंत्रता प्राप्त नहीं है, जो आदिवासी एवं हिन्दू महिलाओं को प्राप्त है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह नारी प्रधान देश है, यहाँ शक्ति की पूजा होती है। शक्ति का मतलब है महिलाओं की प्रधानता। पूर्व मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव, नगर निकाय चुनाव एवं शिक्षक नियुक्तियों में महिलाओं को पचास प्रतिशत आरक्षण दिया। बालिकाओं को पोशाक एवं साइकिल की सुविधायें प्रदान की। उन्होंने कहा कि मेरी व्यक्तिगत राय है कि जनसंख्या अधिक रहते हुये भी हम पुरानी परंपरा एवं संस्कृति का अपनायें। खेती पर ध्यान दें, लघु, कुटिर एवं मध्यम उद्योग को प्रोत्साहन दें। उन्होंने कहा कि पहले ढ़ाका का मलमल एवं भागलपुर का सिल्क उद्योग विख्यात था। हजारों-हजार लोगों को काम मिलता था। पश्चिमी सभ्यता अपनाने के कारण कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है और बेरोजगारी बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक महिलाओं एवं बच्चों को शिक्षित करें। स्वनियोजन की ओर बढ़ें। हम अगर मेहनत करेंगे तो गरीबी से निजात मिलेगी।
इस अवसर पर डाॅ0 ए0ए0 हई ने भी सभा को संबोधित किया। स्वागत भाषण अध्यक्ष राज्य संसाधन केन्द्र आद्रि डाॅ0 शैवाल गुप्ता ने किया। अध्यक्षीय भाषण नाजिम इमारत-ए- शरिया, फुलवारीशरीफ मौलाना अनिसुर्रहमान कासमी ने किया। धन्यवाद ज्ञापन निदेशक राज्य संसाधन केन्द्र आद्रि श्री सुदीप पाण्डेय ने किया। इस अवसर पर प्रधान सचिव अल्पसंख्यक कल्याण श्री आमिर सुबहानी, प्रख्यात विद्वान गालिब खान, निदेशक राष्ट्रीय साक्षरता मिशन प्राधिकरण श्री प्रदीप भटनागर, निदेशक इन्टरनेशनल स्कूल श्रीमती फरहत हुसैन, मुफ्ती सनाउल होदा कासमी, मोहम्मद अफजल हुसैन, अध्यक्ष बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड मोहम्मद मुमताज आलम उपस्थित थे।
पटना, 13 नवम्बर 2014:- मुख्यमंत्री श्री जीतन राम माॅझी ने आज अनुग्रह नारायण सिन्हा समाज अध्ययन संस्थान पटना में मुस्लिम समाज में साक्षरता की रणनीति विषयक राज्यस्तरीय सेमिनार को संबोधित करते हुये कहा कि अल्पसंख्यकों के विकास के लिये 15सूत्री कार्यक्रम के कार्यान्वयन में सरकार तेजी लायेगी। उन्होंने कहा कि 15सूत्री कार्यक्रम में शिथिलता आयी है। सरकार सच्चर कमिटी की अनुशंसा पर विचारोपरान्त समग्र रूप से आगे बढ़ाने का काम करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के माध्यम से 75 अल्पसंख्यक बाहुल्य प्रखण्डों में विद्यालय एवं अस्पताल की कमी का सर्वे आद्रि द्वारा करायी जा रही है। प्रतिवेदन आने के बाद सरकार अपने संसाधनों से 75 अल्पसंख्यक बाहुल्य प्रखण्डों में विद्यालय एवं अस्पताल खोलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 24 करोड़ रूपये की लागत से 75 अल्पसंख्यक बाहुल्य प्रखण्डों में स्कील डेवलपमेंट के लिये प्रशिक्षण की योजना बनाकर भारत सरकार को भेजी गयी है। अगर भारत सरकार योजनाओं की स्वीकृति करती है तो इसका क्रियान्वयन शीघ्र सरकार करेगी। उन्होंने कहा कि अगर भारत सरकार स्वीकृति नहीं देती है तो बिहार सरकार अपने संसाधनों से स्कील डेवलपमेंट प्रशिक्षण कार्यक्रम को क्रियान्वित करेगी। उन्हांने कहा कि इन दिनों भारत सरकार बिहार सरकार को सहयोग एवं सहायता प्रदान नहीं कर रही है, अपने वादा के अनुसार केन्द्र की भाजपा सरकार न तो बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दे रही है और न ही विशेष सहायता। यहाँ तक कि बी0आर0जी0एफ0 एवं मनरेगा की राशि में कटौती कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कब्रिस्तानों की घेराबंदी सरकार कर रही है, इसे शीघ्र पूरा कर लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक अल्पसंख्यक लोगों को लाभान्वित करने के लिये अल्पसंख्यक योजनाओं में गड़बडि़यों को दूर किया जायेगा। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक भाई-बहनों के विकास के लिये जो भी कदम उठाने की बात होगी, सरकार पीछे नहीं हटेगी। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक, दलित, महादलित एवं अत्यंत पिछड़ों के लिये जनसंख्या के अनुसार बजट का प्रतिशत निर्धारित होगा। उन्होंने कहा कि आप स्वयं स्वावलंबी बनें ताकि शैक्षणिक, आर्थिक, सामाजिक एवं राजनीतिक स्थिति बेहतर हो सके। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक भाई-बहन के लिये हुनर कार्यक्रम है। इसमें अगर और सुधार की आवश्यकता होगी तो सुधार करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोग इंसान हैं, भगवान ने यहाँ कुछ करने के लिये भेजा है। हमें अपनी क्षमता के अनुसार लोगों की भलाई एवं विकास के लिये काम करना चाहिये। उन्होंने अल्पसंख्यकों को आह्वान किया कि अल्पसंख्यक, पिछड़ा, अति पिछड़ा, दलित एवं महादलित तथा गरीब तबका सरकार के ऊपर पूर्णतः निर्भर नहीं रहना चाहिये। समाज एवं सरकार का काम अवसर प्रदान करना है। सरकार समाज के नीचले तबके को आगे बढ़ने के लिये अवसर प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि आज मुस्लिम परिवार की दशा निराशाजनक है। 68 वर्षों के बाद भी हम अपने लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाये हैं। समाज में सबसे बदतर स्थिति मुस्लिम समाज की महिलाओं की है। सामाजिक एवं धार्मिक कारणों से महिलाओं को वह स्वतंत्रता प्राप्त नहीं है, जो आदिवासी एवं हिन्दू महिलाओं को प्राप्त है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह नारी प्रधान देश है, यहाँ शक्ति की पूजा होती है। शक्ति का मतलब है महिलाओं की प्रधानता। पूर्व मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव, नगर निकाय चुनाव एवं शिक्षक नियुक्तियों में महिलाओं को पचास प्रतिशत आरक्षण दिया। बालिकाओं को पोशाक एवं साइकिल की सुविधायें प्रदान की। उन्होंने कहा कि मेरी व्यक्तिगत राय है कि जनसंख्या अधिक रहते हुये भी हम पुरानी परंपरा एवं संस्कृति का अपनायें। खेती पर ध्यान दें, लघु, कुटिर एवं मध्यम उद्योग को प्रोत्साहन दें। उन्होंने कहा कि पहले ढ़ाका का मलमल एवं भागलपुर का सिल्क उद्योग विख्यात था। हजारों-हजार लोगों को काम मिलता था। पश्चिमी सभ्यता अपनाने के कारण कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है और बेरोजगारी बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक महिलाओं एवं बच्चों को शिक्षित करें। स्वनियोजन की ओर बढ़ें। हम अगर मेहनत करेंगे तो गरीबी से निजात मिलेगी।
इस अवसर पर डाॅ0 ए0ए0 हई ने भी सभा को संबोधित किया। स्वागत भाषण अध्यक्ष राज्य संसाधन केन्द्र आद्रि डाॅ0 शैवाल गुप्ता ने किया। अध्यक्षीय भाषण नाजिम इमारत-ए- शरिया, फुलवारीशरीफ मौलाना अनिसुर्रहमान कासमी ने किया। धन्यवाद ज्ञापन निदेशक राज्य संसाधन केन्द्र आद्रि श्री सुदीप पाण्डेय ने किया। इस अवसर पर प्रधान सचिव अल्पसंख्यक कल्याण श्री आमिर सुबहानी, प्रख्यात विद्वान गालिब खान, निदेशक राष्ट्रीय साक्षरता मिशन प्राधिकरण श्री प्रदीप भटनागर, निदेशक इन्टरनेशनल स्कूल श्रीमती फरहत हुसैन, मुफ्ती सनाउल होदा कासमी, मोहम्मद अफजल हुसैन, अध्यक्ष बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड मोहम्मद मुमताज आलम उपस्थित थे।
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