Thursday, 20 November 2014

World Sanitation Day...

वर्ष 2019 तक राज्य में दो करोड़ से अधिक व्यक्तिगत शौचालय का निर्माण कराकर खुले में शौच से राज्य
को मुक्ति दिलायेंगे:- मुख्यमंत्री

पटना, 19 नवम्बर 2014:- वर्ष 2019 तक राज्य में दो करोड़ से अधिक व्यक्तिगत शौचालय
का निर्माण कराकर खुले में शौच से राज्य को मुक्ति दिलायेंगे। शौचालय निर्माण के लिये पहले
4600 रूपये की सहायता दी जाती थी, अब इसे बढ़ाकर बारह हजार रूपये कर दिया गया है,
जिसमें दस हजार रूपये शौचालय के निर्माण और दो हजार रूपये पानी की व्यवस्था के लिये दिये
जाते हैं। राज्य के सभी जनप्रतिनिधि एवं जीविका के स्वयं सहायता समूह के सभी सदस्य आज यह
संकल्प लें कि वे अपने घरों में व्यक्तिगत शौचालय का निर्माण तो करायेंगे ही साथ ही साथ कम से
कम पाॅच लेागों के घरों में शौचालय के निर्माण के लिये उन्हें प्रेरित कर उनके घरों में शौचालय की
व्यवस्था करायेंगे। मुख्यमंत्री श्री जीतन राम माॅझी विश्व शौचालय दिवस के अवसर पर श्रीकृष्ण
मेमोरियल हाॅल में ग्रामीण विकास विभाग द्वारा आयोजित एक भव्य समारोह को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर दीप प्रज्वलित कर विश्व शौचालय दिवस समारोह का उद्घाटन
किया तथा लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग एवं बिहार राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन द्वारा आयोजित
एक प्रदर्शनी का भी लोकार्पण किया। प्रदर्शनी के सभी स्टाॅलों का बारीकी से अवलोकन किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज विश्व शौचालय दिवस को समारोहपूर्वक मना रहे हैं। समारोह के सफल
आयोजन के लिये उन्होंने ग्रामीण विकास विभाग एवं अन्य संबंधित विभागों को बधाई एवं
शुभकामनायें दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खुले में शौच और शौचालय के अभाव का कुपरिणाम विशेषकर गरीब
परिवारों को भुगतना पड़ता है। गरीब शौचालय की कमियों से ज्यादा त्रस्त होते हैं। हमें राजनीतिक
आजादी तो मिल गयी है, मगर शैक्षणिक एवं सामाजिक आजादी की जरूरत है। इस दिशा में हमें
बहुत कुछ करने होंगे। गरीबों को सामाजिक एवं शैक्षणिक स्तर पर उठने के लिये उन्हें मद्यपान से
दूर रहना होगा तथा शिक्षा को अपनाना होगा। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जिस तुलना में खर्च
किया जा रहा है, उस तुलना में परिणाम नहीं मिल रहे हैं। सरकार एवं संस्थाओं के साथ-साथ
स्वच्छता कार्यक्रम के सफल के लिये आमजन को मिलकर काम करने की जरूरत है। सरकार एवं
संस्था द्वारा अच्छे काम किये जा रहे हैं किन्तु आपको भावनात्मक होना होगा। यदि आप भावनात्मक
नहीं होंगे तो कुछ परिणाम नहीं मिलने वाला है।
मुख्यमंत्री ने शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डालते हुये कहा कि हमारा देश 1947 में आजाद
हुआ था। उस समय हमारे देश की साक्षरता दर 16-17 प्रतिशत थी किन्तु बड़े प्रयास किये जाने के
बाद आज हमारी साक्षरता दर 60 प्रतिशत से ऊपर है। शिक्षा के साथ साफ- सफाई भी आवश्यक
है। अपने विद्यार्थी जीवन की याद दिलाते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोग हर शनिवार को
मुहल्ले, टोले की सफाई के लिये झाड़ू लगाते थे, नालियों की सफाई करते थे। शिक्षा के दोनों
आयाम को अपनाने से ज्ञान, विज्ञान की जानकारी होगी, विद्वान बनेंगे तथा सामाजिक परिवेश में
सुधार आयेगा और स्वच्छता बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि अगर हम गरीब लोग सफाई के प्रति पहले
ही सचेत हो जाते तो आज गरीबों को इतना भुक्तभोगी नहीं होना पड़ता। उन्होंने कहा कि गंदगी
बीमारियों का मुख्य कारण है। शौचालय का उपयोग करें तो हमें कई बीमारियों से निजात मिल
सकती है, साथ ही पर्यावरण भी स्वच्छ रहेगा। शौचालय के नहीं रहने के कारण सबसे अधिक
भुक्तभोगी हमारी माँ-बहनों एवं बच्चियों को होना होता है। घर की इज्जत को बाहर न जाने दें।
अपने घरों में शौचालय अवश्य बनवायें। खुले में शौच बीमारियों को बुलाता है। निर्मल भारत अभियान
एवं लोहिया स्वच्छता योजना सफाई एवं पेयजल के लिये चलायी गयी है। पीने के पानी को हमेशा
संख्या- 1027
19ध्11ध्2014
वर्ष 2019 तक.........2
ढँक कर रखें। पानी पीने के लिये डंडीदार लोटे का प्रयोग करें। बीमारियों से बचने के लिये
खाने-पीने के सामानों को ढ़ॅककर रखें। ऐसे खाने-पीने के सामान जो ढ़ँककर नहीं रखे गये हों,
उनका सेवन न करें। खाना खाने से पहले एवं बाद में साुबन से हाथ धोयें। हम बिहारवासी यह
संकल्प लें कि अपने बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य, महिलाओं की सुरक्षा एवं सम्मान के लिये अपने घरों में
शौचालय का निर्माण कर इसका नित्य उपयोग करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने सिर्फ राजनीतिक आजादी का सपना नहीं
देखा था बल्कि एक स्वच्छ एवं विकसित देश की कल्पना की थी। अब हमारा कर्तव्य है कि गंदगी
को दूर करके भारत की सेवा करें। हम सब संकल्प लें कि स्वच्छता के प्रति सजग रहेंगे। न गंदगी
फैलायेंगे और न किसी को गंदगी करने देंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि माता बनने वाली किशोरियों को
स्वच्छ वातावरण देना चाहिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत एवं नगर पंचायतों के लगभग 2 लाख 69
हजार 906 निर्वाचित जनप्रतिनिधि हैं तथा पचास लाख से अधिक लोग स्वयं सहायता समूह से जुड़े
हुये हैं। यदि ये सब संकल्प ले लें कि अपने घरों में शौचालय के साथ-साथ पाँच लोगों के घरों में
शौचालय का निर्माण करायेंगे तो हम स्वच्छता के लक्ष्य को निश्चित रूप से प्राप्त कर सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर बिहार राज्य के सात केन्द्रीय मंत्रियों से अपील की कि वे राज्य को पैसा
दिलाने में मदद करें। उन्होंने यह भी घोषणा की कि यदि उन्हें शौचालय निर्माण में केन्द्र का पर्याप्त
सहयोग नहीं मिलता है तो ऐसी स्थिति में वे राज्य की अन्य योजनाओं में कटौती कर शौचालय
निर्माण में अपना संसाधन लगायेंगे। राज्य के ग्यारह करोड़ लोग कमर कस कर तैयार हो जायें कि
राज्य को स्वच्छ बनायेंगे तो हम दावे के साथ कह सकते हैं कि हम बिहार से गंदगी को भगा देंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मात्र शौचालय बनाये जाने का उद्देश्य न रखा जाय बल्कि शौचालय
का उपयोग भी होना चाहिये। शौचालय की सफाई पर भी अवश्य ध्यान दें। उन्होंने कहा कि वे खुद
अपने शौचालय की साफ-सफाई करते हैं। आप सब भी अपने शौचालयों को साफ-सुथरा रखने में
शर्म नहीं करें।
समारोह की अध्यक्षता ग्रामीण विकास मंत्री श्री नीतीश मिश्रा ने किया और कहा कि शौचालय
की महत्ता को नहीं समझेंगे, तब तक हम सफल नहीं हो पायेंगे। खुले में शौच की प्रवृति से राज्य
को मुक्त करें। लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री श्री महाचन्द्र प्रसाद सिंह ने शौचालय निर्माण को
प्रतिष्ठा एवं सुरक्षा से जुड़ा कार्यक्रम बताया और कहा कि अभी एक करोड़ 65 लाख शौचालय
निर्माण की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कचरा प्रबंधन का कार्यक्रम शुरू कराया गया है। अपने घरों
में शौचालय बनवायें एवं शौचालय का उपयोग करें। हर घर को 2019 तक शौचालय से जोड़ेंगे।
पंचायती राज मंत्री श्री बिनोद प्रसाद यादव ने कहा कि पंचायत एक्ट में संशोधन कर पंचायत चुनाव
के अभ्यर्थियों के आवास में शौचालय के होने को अनिवार्य किये जाने की कार्रवाई की जायेगी।
इस अवसर पर प्रधान सचिव लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण श्री विवेक सिंह, प्रधान सचिव पंचायती
राज श्री शशि शेखर शर्मा, सचिव ग्रामीण विकास श्री एस0एम0 राजू, मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी
जीविका श्रीमती एन0 विजय लक्ष्मी ने भी समारोह को संबोधित किया और बताया कि देश की 15
प्रतिशत आबादी आज भी खुले में शौच करती है, जबकि बिहार में छह करोड़ लोग खुले में शौच
करते हैं, जो हमारी कुल आबादी का पचास प्रतिशत से अधिक है। स्वच्छ भारत मिशन एवं लोहिया
स्वच्छता योजना का लाभ लें और अपने घरों को साफ, स्वच्छ रखें। इस अवसर पर श्री आनंद
शेखर, श्री प्रकाश कुमार, श्री आनंद माधव, श्रीमती नूतन जारा पाकर ने भी अपने विचारों को रखा
और स्वच्छता एवं शौचालय के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला।
सचिव ग्रामीण विकास विभाग श्री एस0एम0 राजू ने मुख्यमंत्री एवं अन्य विशिष्ट अतिथियों को
प्रतीक चिह्न भेंटकर सम्मानित किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन श्रीमती अर्चना ने किया।
’’’’’’

No comments:

Post a Comment