Sunday, 19 April 2015

दो दिवसीय पटना परिभ्रमण के दौरान राष्ट्रपति का भव्य स्वागत किया गया

पटना, 17 अप्रैल 2015:- दो दिवसीय पटना परिभ्रमण के दौरान राष्ट्रपति श्री प्रणव मखर्जी का भव्य स्वागत किया गया। पटना हवाई अड्डा पर राज्यपाल श्री केशरी नाथ त्रिपाठी, मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार, पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश श्री एल0 नरसिंहा रेड्डी, मेयर पटना नगर निगम श्री अफजल इमाम, पटना उच्च न्यायालय के निबंधक श्री बिनोद कुमार सिन्हा, मुख्य सचिव श्री अंजनी कुमार सिंह, पुलिस महानिदेशक श्री पी0के0 ठाकुर, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री डी0एस0 गंगवार, जिलाधिकारी श्री अभय कुमार सिंह, वरीय पुलिस पदाधिकारी श्री जितेन्द्र राणा ने बारी-बारी से फूलों का गुलदस्ता भेंटकर राष्ट्रपति का स्वागत किया। मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार से राष्ट्रपति श्री प्रणव मुखर्जी ने कुशल क्षेम पूछा।
स्टेट हैंगर में मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने अध्यक्ष बिहार विधानसभा श्री उदय नारायण चैधरी, जल संसाधन मंत्री श्री विजय कुमार चैधरी, भवन निर्माण तथा लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री श्री दामोदर रावत, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री श्याम रजक, समाज कल्याण मंत्री श्रीमती लेशी सिंह, पिछड़ा एवं अति पिछड़ा कल्याण मंत्री श्रीमती बीमा भारती सहित सभी मंत्रियों एवं गणमान्य व्यक्तियों से राष्ट्रपति श्री प्रणव मुखर्जी को बारी-बारी से परिचय कराया। मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार, अध्यक्ष बिहार विधानसभा श्री उदय नारायण चैधरी, जल संसाधन मंत्री श्री विजय कुमार चैधरी सहित सभी मंत्रियों ने राष्ट्रपति को फूलों का गुलदस्ता भेंटकर भव्य स्वागत किया।






Friday, 17 April 2015

मुख्यमंत्री ने शोक एवं दुख व्यक्त किया

पटना, 17 अप्रैल 2015:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार को जैसे ही रेणु शर्मा के निधन की सूचना दी गई तो मुख्यमंत्री ने गहरा शोक व्यक्त करते हुये कहा कि मैं इस सूचना से अत्यधिक मर्माहत हॅू। उनसे हमलोगों का पारिवारिक संबंध रहा था। वे जननायक कर्पूरी ठाकुर जी की पुत्री थी। उनका स्वभाव सरल एवं सुशील था। वे सबसे सहृदय मिलती थी। हमलोग भी उन्हें अपने बहन के रूप में मानते थे, उनका आदर करते थे।
मुख्यमंत्री ने शोक संत्पत परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की तथा स्व0 रेणु शर्मा की आत्मा की चिर शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की। ज्ञातव्य है कि आज रेणु शर्मा का निधन किदवईपुरी स्थित उनके आवास पर हो गया।





पूर्व मुख्यमंत्री स्व0 विनोदानंद झा याद किये गये

पटना, 17 अप्रैल 2015:-  पूर्व मुख्यमंत्री स्व0 विनोदानंद झा की जयंती के अवसर पर उन्हें शत्-शत् नमन किया गया। उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व की चर्चा कर उन्हें भावभिनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
स्व0 विनोदानंद झा की जयंती के अवसर पर आज राजकीय जयंती समारोह का आयोजन श्री कृष्ण स्मारक भवन परिसर में आयोजित हुआ। जहाॅ पर मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार, जल संसाधन मंत्री श्री विजय कुमार चैधरी, पशु पालन मंत्री श्री बैद्यनाथ सहनी, विधायक डाॅ0 इजहार अहमद, पूर्व विधायक श्री श्रीकांत सत्यदर्शी, सामाजिक कार्यकत्र्ता यथा श्री कुलवंत सिंह सलूजा, श्री चन्देश्वर प्रसाद सिंह, श्री अरविन्द निषाद, डाॅ0 बंसत सिंह सहित अनेकों सामाजिक एवं राजनीति कार्यकर्ताओं ने स्व0 विनोदानंद झा के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग द्वारा भजन, कीर्तन एवं देशभक्ति गीतों का गायन किया गया, आरती पूजन की गई।






पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 चन्द्रशेखर जी स्पष्टवादिता के लिए सुविख्यात थे- मुख्यमंत्री

पटना, 17 अप्रैल 2015:- पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 चन्द्रशेखर जी की जयंती आज राज्य में हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। जगह-जगह पर समारोह आयोजित कर उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व की चर्चा की गई। पटना में राजकीय जयंती समारोह का आयोजन बहादुरपुर हाउसिंग काॅलोनी पार्क न0-2 कंकड़बाग में आयोजित की गई। जहाॅ पर मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार, प्रदेश जदयू अध्यक्ष श्री वशिष्ठ नारायण सिंह, जल संसाधन मंत्री श्री विजय कुमार चैघरी, खाद्य उपभोक्ता मंत्री श्री श्याम रजक, भवन निर्माण मंत्री श्री दामोदर रावत, सहकारिता मंत्री श्री जय कुमार सिंह, समाज कल्याण मंत्री श्रीमती लेसी सिंह, पूर्व विधायक श्री मिथिलेश कुमार सिंह, महासचिव राज्य नागरिक परिषद श्री छोटू सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता यथा श्रीमती कंचन माला चैधरी, श्री शिवशंकर निषाद, डाॅ0 जितेन्द्र सिंह, श्री एम0के0 मधु सहित अनेकों सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने स्व0 चन्द्रशेखर जी के चित्र पर माल्र्यापण उन्हें शत्-शत् नमन किया, श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर सर्वधर्म प्रार्थना का भी आयोजन हुआ तथा स्व0 चन्द्रशेखर जी की आत्मा की चिर शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की गई।
बहादुरपुर हाउसिंग काॅलोनी पार्क न0-2 में स्व0 चन्द्रशेखर जी की आदमकद प्रतिमा के अधिष्ठापन एवं पार्क सौन्दर्यीकरण कार्य का शिलान्यास मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के कर कमलों द्वारा संपन्न हुआ। बाद में पत्रकारों से वार्ता करते हुये मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने स्व0 चन्द्रशेखर जी को नमन करते हुये कहा कि आज स्व0 चन्द्रशेखर जी की जयंती है। उनकी जयंती को राजकीय समारोह के रूप में मनाये जाने का निर्णय राज्य सरकार ने लिया है। बहादुरपुर हाउसिंग काॅलोनी पार्क-2 का निर्माण और सौन्दर्यीकरण किया जायेगा। इसी पार्क में उनकी आदमकद प्रतिमा का अधिष्ठापन होगा। 8 जुलाई को स्व0 चन्द्रशेखर जी की पुण्यतिथि है। सरकार का प्रयास है कि पुण्यतिथि के दिन उनकी आदमकद प्रतिमा का अनावरण करा दिया जाये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की राजनीति में जो स्थान चन्द्रशेखर जी का था, उसे भुलाया नहीं जा सकता। छात्र जीवन से ही वे सक्रिय राजनीति में रहे। युवा तर्क नेता के रूप में जाने जाते थे। काॅग्रेस में रहते हुये भी अपनी बात को वे बेबाक रूप से रखते थे। इस्टैबलिस्मेंट(व्यवस्था) के खिलाफ आवाज उठाते रहे। उनसे बहुत कुछ सीखने का मौका मिला। वे संसदीय परंपरा के रक्षक थे। संसदीय परंपरा से हटकर दूसरे रास्ते पर भटकते लोगों को देखते तो वे आगाह करते थे। भटकाव से दुखी रहते थे। लोकतंत्र में गहरी आस्था थी। देश की संस्कृति से उनका गहरा लगाव था। स्पष्टवादिता के लिए वे सुविख्यात थे। इमरजेंसी में वे जेल गये, 1977 में जब जनता पार्टी बनी तब से वे जनता पार्टी के अध्यक्ष भी बने।
दायित्वों का निर्वाह करते हुये ऐसे महापुरूष की आदमकद प्रतिमा लगाये जाने का निर्णय लिया गया। उन्होंने लाखों लोगों को जगाया। ऐसे महापुरूष की प्रतिमा लगाई जाये ताकि आने वाली पीढ़ी उनसे प्रेरणा ले सके।
पत्रकारांे के कश्मीर से जुड़े एक प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा सत्ता के लालच में हर उन चीजों से समझौता कर रही है, जिसके खिलाफ अब तक वे बोलते रहे थे। जनसंघ के समय से जो उनका मत था, उसके विपरीत सत्ता के लोभ में उन्होंने जम्मू कश्मीर में गठबंधन किया। आज हमलोग देख रहे है कि नया-नया रिकाॅर्ड बन रहा है। सरकार रहते वहाॅ पर भारत विरोधी काम हो रहा है। भाजपा को ही जवाब देना होगा। वे कहते थे कि राष्ट्र कमजोर हो रहा है, इसे मजबूत करेंगे, देशभक्ति का दावा करते थे। देश की रक्षा करेंगे। अब तक जो कुछ नहीं होता था वह सब कुछ हो रहा है।
पत्रकारों के जनता दल परिवार के विलय से जुड़े प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री मुलायम सिंह यादव जी नये दल के अध्यक्ष बन चुके है। जो औपचारिकतायें है, वे उसे पूरा करेंगे।






Thursday, 16 April 2015

श्री सरयु राय के लिये मंत्री पद बड़ा नहीं:- मुख्यमंत्री

पटना, 16 अप्रैल 2015:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज बिहार विधान परिषद के उपसभागार में झारखण्ड के संसदीय कार्य मंत्री श्री सरयु राय के अभिनंदन समारोह को संबोधित करते हुये कहा कि श्री सरयु राय के लिये मंत्री पद बड़ा नहीं है। वे बौद्धिक एवं राजनीतिक दोनों क्षेत्रों में झारखण्ड के महत्वपूर्ण हस्ती हैं। यह झारखण्ड के लिये सौभाग्य की बात है कि इनकी योग्यता एवं क्षमता का उपयोग होता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं बिहार विधान परिषद के सभापति श्री अवधेश नारायण सिंह को बधाई देता हूॅ कि इन्होंने एक अच्छी परंपरा की शुरूआत की है। श्री सरयु राय 1998 से 2004 तक झारखण्ड क्षेत्र से बिहार विधान परिषद के सदस्य रहे। संसदीय कार्य मंत्री के पूर्व वे 2005 से 2009 तक झारखण्ड विधानसभा के सदस्य रहे हैं। उन्होंने कहा कि श्री सरयु राय के प्रयास से ही बिहार के विभाजन होने के बाद हम सब लोग प्रयत्नशील रहे कि विधान परिषद के निवार्चित सदस्यों की सदस्यता समाप्त नहीं होनी चाहिये। जब तक अवधि है, सदस्यता बरकरार रहनी चाहिये। बिहार का पुनर्गठन होने पर वे झारखण्ड गये। अपनी काबिलियत एवं योग्यता से झारखण्ड की सेवा कर रहे हैं। झारखण्ड के समस्याओं का समाधान एवं विकास के लिये आगे भी कार्य करते रहेंगे। इन्होंने सोन अंचल किसान संघर्ष समिति के संयोजक के रूप में मध्यप्रदेश, उतर प्रदेश एवं बिहार के बीच हुये वाणसागर समझौता के खिलाफ एवं सोन नदी पर पानी के हक के लिये किसान संघर्ष का शंखनाद किया। वाणसागर समझौता में बिहार के हक की अवहेलना की गयी। ये पटना हाई कोर्ट तक लड़ाई लड़ते रहे। आज से 21 साल पहले बिहार के आर्थिक स्थिति पर श्वेत पत्र तैयार की गयी। उसके लेखक श्री सरयु राय जी ही थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों से इनका संबंध बहुत पुराना है। ये भाजपा के साथ इनका स्वाभाविक लगाव है। पार्टी की परिधि के बाहर सार्वजनिक हित में ये सामूहिक भूमिका निभाते रहे हैं। बिहार से झारखण्ड अलग होने के बाद ये झारखण्ड के ही होकर रह गये। जिस समय झारखण्ड का निर्माण हुआ, उस समय झारखण्ड के आन्दोलन में आवेग नहीं बचा था। वैसे बिहार के लोग जिन्होंने झारखण्ड को अपना लिया, वे झारखण्ड सरकार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में यह धारणा प्रचलित थी कि अगर झारखण्ड अलग हो जायेगा तो बिहार में बचेगा क्या। झारखण्ड के निर्माण के बाद बिहार में मायूसी का माहौल था, जबकि झारखण्ड में उत्सव का माहौल था। हमने शुरू से ही कहा है कि बिहार में बहुत कुछ है। बिहार में अपार संभावनायें हैं। खान एवं खदान भले ही झारखण्ड चला गया हो लेकिन हमारी विरासत बोधगया, नालंदा, वैशाली, राजगीर एवं अन्य महत्वपूर्ण विरासत हमारे पास है। 2000 में बने झारखण्ड की मायूसी को आज लोग भूल गये हैं। पन्द्रह वर्षों में लोगों को अब यह भी याद नहीं है कि झारखण्ड बिहार का हिस्सा था। आज बिहार में एक लाख बीस हजार करोड़ रूपये का बजट साइज है। झारखण्ड के पास सरप्लस राशि था। झारखण्ड ने रेलवे प्रोजेक्ट में अपना दो तिहाई धन लगा दिया। झारखण्ड आगे बढ़ रहा है, आगे बढ़े। झारखण्ड में रिर्सोस की कमी नहीं है। बिहार भी आज बेहतर स्थिति में है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाजन के पन्द्रह साल बाद भी आज बहुत सारे मुद्दे हैं, जिनका समाधान होना जरूरी है। श्री सरयु राय जी को इन मुद्दों की जानकारी है। वे अपनी योग्यता एवं क्षमता से इसमें समाधान करने का प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि हमलोगों की पूरी शुभकामनायें श्री सरयु राय जी के साथ है। वे राजनीति में एक सितारे के रूप में चमकते रहें, इनका भविष्य उज्ज्वल हो।
सभापति बिहार विधान परिषद श्री अवधेश नारायण सिंह ने कहा कि झारखण्ड बॅटवारे में श्री सरयु राय झारखण्ड चले गये। हम झारखण्ड से बिहार आ गये। 1998 में ये झारखण्ड क्षेत्र से बिहार विधान परिषद के सदस्य बने। हमलोगों के प्रयास से और गृह मंत्री श्री लालकृष्ण आडवाणी एवं श्री नीतीश कुमार जी के सहयोग से निवार्चित सदस्यों की सदस्यता बिहार विभाजन के बाद बनी रही। श्री सरयु राय झारखण्ड चले गये। हमने कहा कि हम सता के गोद में न जाकर माता की गोद में जायेंगे। श्री सरयु राय बात कम करते हैं, काम ज्यादा करते हैं। कृषि एवं नहर योजना तथा पईन का इन्हें गहरा अध्ययन है। इनका जीवन दाग रहित हो और ये आगे बढ़ते रहें।
मंत्री संसदीय कार्य झारखण्ड सरकार श्री सरयु राय ने कहा कि मंत्री बनने के बाद अगर हमें यह सम्मान मिला है तो हम 2000 में ही झारखण्ड में मंत्री बन गये रहते। मैं मंत्री नहीं बनना चाहता था। राजनीति में एक बार गाड़ी छुटती है तो कब पकड़ाती है पता नहीं। बिहार विधान परिषद के सभापति श्री अवधेश बाबू, मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार एवं सभी मित्रों के आग्रह से मैं अभिनंदन समारोह में उपस्थित हुआ हूॅ। मैं सभी का आभार व्यक्त करता हूॅ। उन्होंने कहा कि अभिनंदन एवं श्रद्धांजलि में बहुत बारिक अंतर है। श्रद्धांजलि में कहा जाता है कि वे थे और अभिनंदन में कहा जाता है कि हैं। मैं अपने मित्रगणों एवं शुभचिन्तकों से मिलने का अवसर गंवाना नहीं चाहता था, मैं आप सभी का आभार व्यक्त करता हूॅ। उन्होंने कहा कि प्रारंभ में हम राष्ट्रीय स्वयं सेवक के साथ जुड़े हुये थे। बाद में पत्रकारिता से जुड़ गये। नीतीश जी के कारण ही दुबारा राजनीति में सक्रिय हुआ।
मंत्री संसदीय कार्य झारखण्ड सरकार श्री सरयु राय ने कहा कि दुबारा राजनीति में सक्रिय रहा, इसका मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार की बहुत बड़ी भूमिका है। बिहार विधान परिषद ही मेरे संसदीय जीवन का पहला पड़ाव है। बिहार विधान परिषद में आने के लिये अन्य दलों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। उन्होंने कहा कि मतभेद हुआ, फिर मिले तो यह दिल का रिश्ता माना जाता है। अगर मतभेद न हो तो यह मस्तिष्क का रिश्ता माना जाता है। उन्होंने कहा कि बिहार मेरी जन्मभूमि है। झारखण्ड मेरा कर्मभूमि है। झारखण्ड में रहने वाला हर व्यक्ति जब अपने आपको झारखण्ड का नहीं समझेगा, तब तक झारखण्ड का विकास नहीं होगा। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि झारखण्ड में कोई ऐसा मुद्दा नहीं उठेगा, जिससे बिहार के हितों पर आंच आये और बिहार में कोई ऐसा मुद्दा नहीं उठेगा, जिससे झारखण्ड के हितों पर आंच आये। दोनों राज्यों के बीच में स्नेह का अच्छा संबंध है।
इस अवसर पर सदस्य बिहार विधान परिषद श्री हरेन्द्र प्रताप पाण्डेय, सदस्य बिहार विधान परिषद श्री केदार नाथ पाण्डेय, सदस्य बिहार विधान परिषद श्री मदन मोहन झा, सदस्य बिहार विधान परिषद श्री रजनीश कुमार ने भी सभा को सारगर्भित ढ़ंग से संबोधित किया। इस अवसर पर उप सभापति बिहार विधान परिषद श्री सलिम परवेज ने मुख्यमंत्री को पुष्प-गुच्छ भेंटकर स्वागत किया। मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने मंत्री संसदीय कार्य झारखण्ड श्री सरयु राय को प्रतीक चिह्न भेंटकर सम्मानित किया। सभापति बिहार विधान परिषद श्री अवधेश नारायण सिंह ने मंत्री झारखण्ड श्री सरयु राय को प्रशस्ति पत्र देकर एवं शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया। मंच का संचालन श्री रामप्रवेश राय ने किया, धन्यवाद ज्ञापन उप सभापति बिहार विधान परिषद श्री सलिम परवेज ने किया।






मुख्यमंत्री ने आयुक्त पटना प्रमण्डल पटना को नेपुरा ग्राम में पुलिस एवं ग्रामीण के बीच हुयी झड़प की जाॅच का आदेश दिया

पटना, 16 अप्रैल 2015:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आयुक्त पटना प्रमण्डल पटना डाॅ0 ई0एल0एस0एन0 बाला प्रसाद को नालंदा जिला के सिलाव थानान्तर्गत नेपुरा ग्राम में पुलिस एवं ग्रामीण के बीच हुई झड़प की जाॅच का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने शीघ्र जाॅच कर प्रतिवेदन देने का आदेश दिया।






सुधा ब्रांड दूध की जो गुणवता है, उसके चलते जो एक बार इसे ग्रहण करता है वह बार-बार इसे ग्रहण करना चाहता है:- मुख्यमंत्री

पटना, 16 अप्रैल 2015:- सुधा ब्रांड दूध की जो गुणवता है उसके चलते जो एक बार इसे ग्रहण करता है, वह बार-बार इसे ग्रहण करना चाहता है। ब्रांडिंग से लोगों का विश्वास बढता है और इससे कारोबार में बढ़ोतरी होती है, आमदनी बढ़ती है। सब को भोजन मिल जाय यही हमार लक्ष्य नहीं है बल्कि पौष्टिक तत्वों के साथ भोजन लोगों को मिले ऐसा प्रयास किया जा रहा है। दुग्ध का उत्पादन बढेगा तो लोगों को पौष्टिक तत्व मिल पायेंगे। कम्फेड दुग्ध उत्पादकों के सहयोग से चलता है। इसका बड़ा फायदा है। हर चीज के लिए व्यवस्थित ढंग से काम हो रहे हैं। सरकार डेयरी प्लांट के लिए सहयोग करती है। आज मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार कम्फेड के 32वें स्थापना दिवस समारोह का उद्घाटन दीप प्रज्ज्वलित कर कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कम्फेड के वार्षिक प्रतिवेदन 2015 का लोकार्पण भी किया तथा 50 समितियों के दुग्ध उत्पादकों को दूध के मूल्य का सीधे उनके बैंक खाते में राशि हस्तांतरित करने के पायलेट प्रोजेक्ट का भी शुभारंभ किया। यह सुविधा अन्य समितियों में चरणबद्ध रूप से विस्तारित किया जायेगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने दुग्ध उत्पादन क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों के लिए कम्फेड के दुग्ध संघ, इकाई, समिति सदस्य, वितरक, बिक्रेता एवं कर्मियों को पुरस्कार एवं प्रशस्ति पत्र भेंटकर सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री ने सहकारिता एवं दुग्ध उत्पादन क्षेत्र के सभी सहकारिता समितियों का स्वागत करते हुए कहा कि आज उन्हें पुनः कम्फेड के स्थापना दिवस समारोह में उपस्थित होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। पूर्व में भी इस तरह के समारोह में वे आते रहे हैं। आज राज्य के लगभग 18,400 गाॅव में दुग्ध समितियाॅ स्थापित हैं, जिनसे लगभग 9.4 लाख दुग्ध उत्पादक परिवार जुडे़ हुये हैं। यह एक बहुत बड़ी संख्या है। आप संकल्प कर लें तो राज्य के दुग्ध उत्पादन में क्रांतिकारी परिवर्तन कर सकते हैं। हमारे यहाॅ कम्फेड है, जो सुधा के नाम से दुग्ध एवं दुग्ध उत्पादित सामानों का विपणन करती है। जब भी ब्रांड की चर्चा होती है तो मैं कहता हॅू कि सुधा ब्रांड से सबक लेनी चाहिये। वर्ष 2006 में राज्य में मात्र 4 लाख लीटर प्रतिदिन दुग्ध का संग्रहण होता था, जो आज 4 गुणा बढकर 16.90 लाख लीटर हो रहा है, इसके लिए आपको बधाई देता हूॅ। गत वर्ष पशु चिकित्सा सेवाओं में कमी की ओर मेरा ध्यान आकृष्ट किया गया था। हमने कार्रवाई की और बड़ी संख्या में पशु चिकित्सकों की नियुक्ति
करायी गयी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दुग्ध सहकारी तंत्र से मेरा जुड़ाव बहुत पुराना है। समय-समय पर दुग्ध उतपादकों से मेरा संवाद भी होता है। आपका यह संगठन केवल आपके परिवार की जरूरतों को पूरा नहीं करता है, वरन् पूरी ग्रामीण अर्थव्यवस्था में भी योगदान देता है। आप जितना अधिक दुग्ध उत्पादन करेंगे, उसी अनुपात में आपकी आय में वृद्धि होगी। लोगों की दिलचस्पी पशुपालन में बढ़ रही है। राज्य के 76 प्रतिशत लोगों की आजीविका कृषि प्रक्षेत्र से जुड़ी है। बिहार के सकल घरेलू उत्पादन में कृषि क्षेत्र का जितना बड़ा अंशदान होना चाहिये था, वह नहीं है। पशुपालन को यदि अपनायें तो घरेलू सकल उत्पादन जी0डी0पी0 में हम ज्यादा सहायोग दे पायेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कम्फेड ने अब सुधा के नाम से यू0एच0टी0 दुग्ध का उत्पादन और विपणन आरंभ कर दिया है। इस तकनीकी का उपयोग पहले कुछ गिने चुने महासंघों एवं बड़े निजी उद्योग ही कर रहे थे। अब आपका राज्य भी इसमें शामिल हो गया है। यू0एच0टी0 दुग्ध राज्य के अतिरिक्त झारखण्ड, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, असम, मणिपूर, मेघालय, त्रिपूरा, मिजोरम, नागालैण्ड, अरूणाचल प्रदेश आदि राज्यों में भी बिकने लगा है। मैं आशा करता हूॅ कि कम्फेड इसका उत्पादन और बढ़ायेगा तथा देश के अन्य राज्यों में भी इसे
उपलब्ध करायेगा। उन्होंने कहा कि जब राज्य में दुग्ध प्रसंस्करण सुविधाओं में अभाव का उल्लेख मुझसे किया गया था। हमने कम्फेड से कहा कि हम राशि देंगे, आप नवीनतम तकनीकी का प्लांट लगाइए। राज्य योजना से राशि उपलब्ध कराकर बिहारशरीफ में 4 लाख लीटर और डेहरी आॅनसोन में 1 लाख लीटर की डेयरी का निर्माण कराया, जो आज दुग्ध उत्पादकों की सेवा कर रही है। बिहार में टेटरापैक हो रहा है। टेटरापैक से दुग्ध को 6 माह
तक बचा कर रखा जा सकता है। इसका प्लांट बिहारशरीफ में लगा है। दुग्ध की मात्रा बढी तो पुनः नये प्लान्ट लगायेंगे। योजना तैयार कर सहयोग करेंगे। हमने एन0सी0डी0सी0 से ऋण लेकर संयंत्रों की स्थापना की स्वीकृति दे दी, जिस पर लगने वाला ब्याज राज्य सरकार वहन करेगी। ब्याज की कुल राशि लगभग 308 करोड़ रूपये है, जिसे राज्य सरकार देगी।
इसके अतिरिक्त विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत हम निरंतर गव्य प्रक्षेत्र के विकास के लिए राशि उपलब्ध करा रहे हंै। दुग्ध का संग्रह ठीक ढंग से होगा तो दुग्ध प्रसंस्करण भी ठीक से हो सकेगा। मिठाई, दुग्ध, दुग्ध से उत्पादित अन्य समान लोगों तक सही ढंग से पहुॅच पायेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि मिल्क पाउडर ज्यादा से ज्यादा आप बना रहे हंै। जब दुग्ध की माॅग बढ़ जाती है या दुग्ध के उत्पादन में कमी हो जाती है तो ऐसे समय में मिल्क पाउडर से दुग्ध की आवश्यकता को पूरा कर सकते हैं। बाजार में दुग्ध का पाउडर इतना ज्यादा आ
चुका है, जिसके कारण बहुत सा मिल्क पाउडर बिना बिके रह जाता है। दुग्ध महासंघों को विपणन में कठिनाई का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि राज्य के सहकारी तंत्र ने ना तो दुग्ध की कीमत घटाई और ना ही संग्रहण पर रोक लगाया। उन्होंने विपणन को बढ़ाने के लिए नए तरीके खोजे। नये राज्यों को दुग्ध एवं दुग्ध उत्पादनों का विपणन प्रारंभ किया। उन्होनें कहा कि मिल्क पाउडर जो बाहर से आ रहा है, उसके लिए इम्पोर्ट पाॅलिसी में सुधार लाने की जरूरत होगी। उन्होंने कहा कि तत्काल वे इस विषय को टेकअप करेंगे। पशु आहार पर भी अनुदान दिया है। हम वही बोलते हैं, जो कर सकते हैं। दो  दिनों के अन्दर कम्फेड की मीटिंग बुलाकर संबंधित विभागों के साथ बातें करेंगे। डेयरी उद्योग को बढावा देने, जागृत करने और पशुपालन की ओर ध्यान देंगे। कोई कठिनाई नहीं आये, इसके लिए हर तरह का सहयोग करेंगे। बिहार का कोई आदमी भूखा नहीं रहे, सबको पौष्टिक आहार मिले, सभी बच्चों को दुग्ध मिले, यही हमारी कामना है। दुग्ध संघों को मेरी
बधाई और शुभकामनाएॅ।
समारोह की अध्यक्षता पशुपालन मंत्री श्री बैधनाथ सहनी ने किया और कहा कि कम्फेड की स्थापना 32 वर्ष पूर्व राज्य सरकार के द्वारा की गई थी। आज कम्फेड के अन्तर्गत 8 दुग्ध संघ एवं 5 अन्य इकाईयाॅ कार्यरत हैं, जिनमें 3 डेयरी एवं 1 पशु आहार कारखाना झारखण्ड राज्य में अवस्थित है। बिहारशरीफ डेयरी प्रोजेक्ट कम्फेड की आधूनिक इकाई हैं तथा यहाॅ से सुधा के नए उत्पाद डेयरी व्हाइटनर, टेट्रापैक एवं इलेक्स्टर दुग्ध का उत्पादन किया जाता है।
18,385 समीतियों के माध्यम से प्रत्येक दिन दुग्ध संग्रहण करने एवं उत्पादकों को उचित बाजार मूल्य उपलब्ध कराने की दिशा में कम्फेड महत्वपूर्ण पहल कर रही है। पशुपालन मंत्री ने इस अवसर पर डेयरी के क्षेत्र में राज्य सरकार की अन्य महत्वपूर्ण उपलब्धियों की विस्तार से चर्चा की और कहा कि पटना, राॅची और मुजफ्फरपुर स्थित पशु आहार कारखाना ‘सुधा पशु आहार’ का निर्माण कर दुग्ध समितियों को पशु आहार की आपूर्ति
की जाती है। उन्होंने कम्फेड की दूसरी योजनाओ पर भी विस्तार से प्रकाश डाला।
सचिव पशुपालन श्री नर्मदेशवर लाल ने कम्फेड के सुनहरे 32 वर्षों पर प्रकाश डाला।
स्वागत भाषण प्रबंध निदेशक कम्फेड श्री आदेश तितरमारे ने किया। अध्यक्ष वैशाल पाटलिपुत्रा दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ श्रीमती किरण कुमारी ने धन्यवाद ज्ञापान किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सचिव श्री चंचल कुमार, निबंधक सहयोग समिति श्री अजय कुमार चैधरी, अध्यक्ष देशरत्न डाॅ0 रोजेन्द्र प्रसाद दुग्ध उत्पादक सहाकरी संघ श्री  जय शंकर सिंह, अध्यक्ष तिरहुत दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति श्री नागेश्वर राय, अध्यक्ष
शाहाबाद दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ श्री विनोद सिंह यादव, अध्यक्ष बिक्रमशीला दुग्ध उत्पादक सहकारी संध श्री नागेन्द्र प्रसाद राय, अध्यक्ष मगध दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ श्री कमलेश शर्मा, अध्यक्ष कोशी दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ श्री देवनारायण यादव सहित अनेकों गणमान्य व्यक्ति एवं कम्फेड के वरीय अधिकारीगण उपस्थित थे।
इस अवसर पर सचिव पशुपालन श्री नर्मदेश्वर लाल ने मुख्यमंत्री को प्रतीक चिन्ह भेंट उनका स्वागत किया।

बिहार जैसे राज्य के चीनी उत्पादक किसानो एवं चीनी मिलों के वित्तीय संकट के निवारणार्थ केन्द्र सरकार विशेष सहयोग वांछित - डाॅ0 रंजु गीता

नई दिल्ली, 16 अप्रैल: डाॅ0 रंजु गीता, मंत्री गन्ना उद्योग विभाग, बिहार सरकार ने कहा है कि राज्य के गन्ना उत्पादक किसानों एवं चीनी मिलों के समक्ष व्याप्त आर्थिक समस्याओं के निदान हेतु कारगर एवं सख्त रणनीति बनाने की आवश्यकता है। डाॅ0 गीता ने बताया कि मुख्यमंत्री, बिहार को सम्बोधित दिनांक 08-04-2015 का पत्र भी प्राप्त हुआ है। जिसके माध्यम से केन्द्रीय मंत्री द्वारा गन्ना उत्पादन एवं चीनी मिलों की आर्थिक संकट के निदान हेतु अपना सुझाव देने की अपेक्षा की गई है।
गन्ना मंत्री डाॅ0 गीता आज नई दिल्ली स्थित कृषि भवन के आचार्य जगदीश चन्द्र बोस हाॅल में केन्द्रीय मंत्री, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय द्वारा गन्ना किसानों और चीनी उद्योग में व्याप्त अभूतपूर्व वित्तीय संकट के समाधान हेतु बुलाए गए राज्यों के मुख्य मंत्रियों की बैठक को सम्बोधित कर रही थी। गन्ना मंत्री ने बताया कि राज्य में विभिन्न स्तरों पर आहुत बैठकों में गन्ना मिल के प्रतिनिधियों द्वारा सुलभ कराए गए जानकारी से यह तथ्य प्रकाश में आया है कि प्रवृत ईंख मूल्य के दर एवं औसत 9.07 प्रतिशत रिकवरी पर राज्य में चीनी अत्पादन लागत औसतन रू0 3200-3250/ किवंटल आता है। जबकि दूसरी ओर चीनी का मूल्य विगत छः वर्षों के सबसे नीचले स्तर अर्थांत् चीनी मिलों द्वारा रू0 2600 से 2650/ किवंटल की दर से बिक्री की जाती है। परिणामस्वरूप चीनी मिले गम्भीर आर्थिक संकट में है। फलस्वरूप उन्हे राज्य के गन्ना उत्पादक किसानों को सम्पूर्ण गन्ना मूल्य के भुगतान में अत्यधिक कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है।
डाॅ0 गीता ने बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा बाहर से आयात किए जाने की अनुमति दिए जाने के फलस्वरूप
ब्राजिल आदि देशों से देश में उत्पादित चीनी की कमीत से काफी कम कीमत पर चीनी आ रहा है। जिसके कारण देश में उत्पादित चीनी पुरी तरह प्रभावित होती है। परिणामस्वरूप बिहार जैसे कम रिकवरी वाले राज्य की चीनी मिले रूग्णता की ओर अग्रसर है, और गन्ना उत्पादक किसान आर्थिक बदहोली में।
गन्ना मंत्री ने कारगर रणनीति बनाने हेतु केन्द्र सरकार की अपेक्षा के अनुरूप अपने सुझाव से अवगत कराया-यथा-जब देश में खपत की तुलना में कहीं अधिक लगभग 25 मिलियन में0 टन चीनी का उत्पादन हो रहा है,
तो बाहर से आयात हो रहे चीनी को पूर्ण रूप से बन्द किया जाए या आयात चीनी पर अधिरोपित 25 प्रतिशत आयात शुल्क को बढ़ाकर 60 प्रतिशत कर दिया जाए। उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा Advance Authorisation Scheme (AAS) के अन्तर्गत आयातित चीनी में अन्तर्निहित सिद्वांतों का अनुपालन सख्ती से नहीं होने के कारण आयातित चीनी का घरेलू बाजार में हो रहे प्रवेश स्थानीय बाजार के हितों के बिल्कुल प्रतिकूल है। कच्चे चीनी को रिफाईनिंग के पश्चात Grain to Grain नीति अंतर्गत निर्यात कराया जाए एवं इसके लिए निर्धारित अवधि को अठारह माह से घटाकर तीन माह किया जाए। साथ ही सरकार के स्तर से सख्त निगरानी में इसका अनुपालन सुनिश्चित हो। देश में उत्पादित सफेद चीनी को भी कच्चे चीनी की भाँति निर्यात करने की सभी सुविधाएँ सहित राज्य की चीनी मिलों को आवश्यक प्रोत्साहन एवं सहयोग किया जाए। गन्ना मंत्री ने बताया कि जून 2014 में खाद्य एवं आपूर्ति मंत्रालय द्वारा यह निर्णय लिया गया था कि दो वर्षों में भुगतान किये गए केन्द्रीय उत्पादन शुल्क के समतुल्य चीनी मिलों को ब्याज रहित ऋण उपलब्ध करायी जाएगी। जिससे चीनी मिलों को किसानों के बकाये ईख मूल्य भुगतान में सहयोग मिलेगा। डाॅ0 गीता ने
बताया कि किसानो के बकाये ईख मूल्य के त्वरित भुगतान हेतु केंद्र सरकार के स्तर से तीस लाख टन चीनी का बफर स्टाॅक बनाया जाय या MMTC/STC/FCI के माध्यम से चीनी के क्रय की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएं।
आहुत बैठक की अध्यक्षता श्री राम विलास पासवान, मंत्री, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण
मंत्रालय, भारत सरकार ने की। अधिकाधिक राज्यों के गन्ना मंत्रियों ने अपने-अपने सुझाव दिये। डाॅ0 संजु गीता के साथ गन्ना सचिव, बिहार सरकार श्री संजय कुमार सिंह ने भी बैठक में भाग लिया।

तथ्य की जानकारी नहीं है, या गलत बयानी कर रहे है- मुख्यमंत्री

पटना, 16 अप्रैल 2015:- आज सुबह मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार सेवा विमान से दिल्ली से पटना वापस लौटने के बाद हवाई अड्डे पर पत्रकारों के साथ वार्ता की। पत्रकारों द्वारा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह के उस बयान जिसमें उन्होंने राज्य के 12 चीनी मिलों की जमीन में मौल बनाने की बात कहीं है से जुड़े प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि चीनी मिल के जमीन पर कहाॅ मौल बना है, श्री अमित शाह जी को बताना चाहिये। यदि चीनी मिल की जमीन पर मौल बना होगा तो इसका चित्र भी होगा, उसे रिलीज करना चाहिये। हम जानना चाहते है कि वे बतायें कहाॅ पर चीनी मिल के जमीन पर मौल बना है। राज्य की 15 चीनी मिल और दो डिस्टेलरी बंद पड़े थे। इनकों चालू करने का प्रयास किया गया। 2007 में एस0बी0आई0 कैप्स को सलाहाकार नियुक्त किया गया। उन्होंने चीनी मिलों की कीमत तथा उनके भविष्य, संभावना इत्यादि का अध्ययन कर सरकार को एक रिपोर्ट सौंपी। जिसके आधार पर चार बार निविदायें आमंत्रित की गई और 7 चीनी मिल और एक डिस्टेलरी को पूरी पारदर्शिता के साथ बंदोबस्त की गई। दो जगहों पर चीनी मिल चल रही है। भारत सरकार के एक उपकरण एच0पी0सी0एल0 ने ये चीनी मिल ली है। मोतिपुर चीनी मिल इंडिया पोटास लिमिटेड को बंदोबस्त किया गया, मगर इस पर न्यायालय में वाद चल रहे है। अन्य जगहों पर 8 चीनी मिल और एक डिस्टेलरी यथावत बंद स्थिति में है। इन मिलों को चालू कराने की प्रक्रिया, प्रक्रियाधीन है। राज्य सरकार का गन्ना उद्योग विभाग इस दिशा में कार्य कर रहा है। पारदर्शी विविध प्रक्रिया के द्वारा बंदोबस्ती हुई है। सरकार की निविदा प्रक्रिया के परिणाम स्वरूप 7 चीनी मिल एवं एक डिस्टेलरी बंदोबस्त हुई है। किसी मंत्री या उनके रिश्तेदार को चीनी मिल की जमीन नहीं दी गई है और न हीं कोई मौल बना है। श्री अमित शाह जी को तथ्य की जानकारी नहीं है या गलत बयानी कर रहे है। इसके अलावा कोई बात करना चाहते हो तो बतायें।
जनता दल परिवार के विलय से जुड़े पत्रकारों के प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि कल विलय की घोषणा हो चुकी है। सभी दलों ने निर्णय ले लिया है कि विलय के बाद जो नई पार्टी बन रही है। उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव जी होंगे। सभी दलों के अध्यक्षों को मिलाकर एक समिति बनाई गई है। जो सारी बातों को अंतिम रूप देने के लिए आगे का कार्यक्रम तैयार करेगी। समिति कार्यक्रम, नीति, झण्डा, चुनाव चिन्ह् इत्यादि के लिए भी निर्णय लेगी। श्री मुलायम सिंह यादव जी अध्यक्ष हो गये है। सब मिलकर आपस में सब चीजों के बारें में निर्णय लेंगे। पहले से चर्चा होती रही है। औपचारिकताओं को मूर्त रूप देने का निर्णय समिति लेगी। भाजपा द्वारा यह कहे जाने की विलय में पेंच अभी भी फंसा हुआ है, पर मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा अन्दर से परेशान है। जिस चीज का वे मजाक उड़ा रहे है। वह उनके लिए विनाशकारी होने वाला है। वह चुटकी नहीं ले रहे है बल्कि उनके अन्तरमन में जो भय का भाव है, उसे वे प्रकट कर रहे है।
नाम, झण्डा पर कब तक फैसला होगा, से जुड़े पत्रकारों के प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री मुलायम सिंह यादव जी अध्यक्ष बन चुके है। आगे बढ़-चढ़कर सबकों बुलायेंगे, विचार करेंगे, आगे का काम करेंगे। पत्रकारों के इस प्रश्न पर की विलय का क्या प्रभाव सरकार के काम काज पर पड़ेगा के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार जैसे काम कर रही है। वह करती रहेगी। मुस्तैदी से विकास और सुशासन के एजेंडे पर काम कर रहे है। मुस्तैदी से अपना काम करते रहेंगे। बचे हुये समय में मुस्तैदी से अपना काम करेंगे रहेंगे। बिहार की खिदमत करेंगे। आगे चुनाव की चर्चा ही होगी। उन्हांेने कहा कि बिहार की सरकार को राजद, काॅग्रेस, सी0पी0आई0 और एक निर्दलीय का समर्थन प्राप्त है।






Tuesday, 14 April 2015

बाबा विशुनाथ रावत मेला को मेला प्राधिकार के अन्तर्गत लायेंगे ताकि राजकीय मेला की तरह इस मेला का इंतजाम सुव्यवस्थित ढ़ंग से हो सके:- मुख्यमंत्री

पटना, 14 अप्रैल 2015:- बाबा विशुनाथ रावत मेला को मेला प्राधिकार के अन्तर्गत लायेंगे ताकि राजकीय मेला की तरह इस मेला के लिये सारे इंतजाम सुव्यवस्थित ढ़ंग से हो सके। विजय घाट पुल का उद्घाटन अगले महीने 15-16 मई को होगा और इस पुल का नामांकरण बाबा विशुनाथ रावत पुल के नाम पर करा देंगे। यह घोषणा आज मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने मधेपुरा जिला के चैसा प्रखण्ड अन्तर्गत लोहालगन ग्राम में बाबा विशुनाथ रावत मेला का उद्घाटन करते हुये किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने मधेपुरा जिला की 102 योजनाओं का शिलान्यास एवं उद्घाटन भी किया, जिसकी कुल प्राक्कलित राशि 13,727.186 लाख रूपये है।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर बाबा विशुनाथ मंदिर में पूजा अर्चना की तथा कहा कि उन्हें इस मेले में दूसरी बार आने का मौका मिला है। पहली बार 15 अप्रैल 2007 को वे यहाॅ आये थे। उस समय लोगों ने मिलकर कई माॅगें उनके समक्ष रखी थी। इस स्थल को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित कराये जाने की माॅग भी की थी। बाबा विशुनाथ रावत के प्रति लोगों के मन में अपार श्रद्धा है। मेले में लाखों की संख्या में लोग आते हैं और दूध चढ़ाकर अपनी श्रद्धा निवेदित करते हैं। पशुपालकों की बाबा के प्रति विशेष श्रद्धा है। बाबा विशुनाथ रावत का पशुओं से बहुत ज्यादा स्नेह एवं प्रेम था। वे पशुओं की सेवा करते थे। जब उनका देहावसान हुआ तो उनके पार्थिव शरीर को गायों ने घेर लिया और उनके स्तन से स्वतः दूध निकलने लगा। इसी दूध में बाबा प्रवाह हो गये, ऐसी लोक कथायें हैं। लाखों लोगों की आस्था उनसे जुड़ी हुयी है। आज भी वे जन-जन के प्रिय हैं। ऐसे पवित्र स्थल को पर्यटन स्थल का दर्जा नहीं दिया जायेगा तो और किसे दिया जायेगा। मेला का उद्घाटन प्रशासन ने कराया है। मेला के बेहतर आयोजन के लिये और जो कुछ किया जाना है, वह किया जायेगा, इसके लिये निर्णय लिया है कि इस मेला को मेला प्राधिकार के अन्तर्गत लायेंगे। राजस्व विभाग के नियंत्रण में मेला प्राधिकार आता है। राजस्व मंत्री श्री नरेन्द्र नारायण यादव मेला को सुसज्जित एवं आकर्षक बनाने के लिये आवश्यक प्रयास करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विजय घाट पुल की माॅग भी यहाॅ की गयी थी। माॅग के अनुसार पुल का शिलान्यास कर दिया गया। आज ही इस पुल का उद्घाटन करना चाहते थे, मगर पुल में कुछ काम बाकी रह गया है इसलिये इस पुल का उद्घाटन अगले महीने अर्थात 15- 16 मई को होगा। पुल का नामांकरण भी आप सब के माॅग के अनुसार विशुनाथ रावत पुल के रूप में करा देंगे। लगुलगुुआम सड़क का चैड़ीकरण करा दिया जायेगा। स्टेट हाईवे- 58 का चैड़ीकरण भी कराया जायेगा। बाबा विशुनाथ रावत के नाम पर और भी जो कुछ करने की जरूरत होगी, किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि विजय घाट पुल से बाबा विशुनाथ रावत धाम के सड़क का चैड़ीकरण भी होगा। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में पुल/पुलिया, स्कूल, स्वास्थ्य केन्द्र इत्यादि की व्यवस्था जरूरत के अनुसार करायी जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा विशुनाथ रावत के आदर्श को मानते हुये राज्य में हर जगह प्रेम, भाईचारा, सहिष्णुता, विश्वास का वातावरण बनाये रखें। आपसी मेल-जोल, भाईचारा से विकास का रास्ता प्रशस्त होता है और समृद्ध समाज का निर्माण होता है। उन्होंने कहा कि जब तक बिहार की तरक्की नहीं होगी, तब तक भारत की तरक्की नहीं हो सकती है। इसी तरह कोसी और मिथिलांचल की तरक्की के बिना बिहार की तरक्की नहीं हो सकती है। बेटा हो या बेटी सबको शिक्षित करें। बाबा साहब डाॅ0 भीमराव अंबेदकर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि आज उनका जन्मदिवस है। इस अवसर पर हम संकल्प लें कि शिक्षित बनेंगे, संगठित होंगे और अन्याय के खिलाफ संघर्ष करेंगे। शिक्षा के साथ-साथ कौशल पर भी ध्यान दिया जा रहा है। पाॅच वर्षों में एक करोड़ लोगों के कौशल का विकास करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। कौशल का विकास हो जायेगा तो आमदनी में वृद्धि हो जायेगी। उन्होंने कहा कि हम हर व्यक्ति के आमदनी को बढ़ाना चाहते हैं इसलिये मानव विकास पर ध्यान दे रहे हैं। मानव विकास मिशन गठित किया है। विकास का सही मतलब है कि सबको शिक्षा मिले, सब स्वस्थ रहें, सबको पौष्टिक आहार मिले, विकास का यही सही मायने है।
मुख्यमंत्री ने पूर्व मंत्री श्रीमती रेणु कुमारी कुशवाहा की माॅग पर घोषणा किया कि उदाकिशनुगंज में आई0टी0आई0 की स्थापना करायी जायेगी। उन्होंने कहा कि आज जिन भवनों का शिलान्यास किया गया है, उसमें पाॅलिटेक्निक काॅलेज मधेपुरा, उदाकिशनगुज अनुमण्डल के कार्यालय भवन के शिलान्यास के साथ-साथ सात पंचायतों में पंचायत सरकार भवन का उद्घाटन हुआ है। मेरा सपना है कि जिस तरह केन्द्र में और राज्य में सरकार है, उसी तरह पंचायतों की सरकार भी सबल हो और स्वतंत्र रूप से कार्य पंचायत सरकार भवन में करे। पंचायत सरकार भवन में मुखिया, सरपंच, वार्ड सदस्य, पंच, पंचायत सचिव के साथ सभी पंचायत से जुड़े अधिकारी वहाॅ बैठें और वहीं से पंचायत सारकार अपने कार्यों को सुचारू रूप से निपटाये। उन्होंने कहा कि जहाॅ पर बैंक की शाखा नहीं होगी, वहाॅ पर पंचायत सरकार भवन में बैंक की शाखा खोलने के लिये जगह देंगे। राज्य में 8400 से ज्यादा पंचायत है, इनमें से 1700 पंचायतों में पंचायत सरकार भवन के निर्माण का कार्य प्रारंभ हो गया है। दो सौ पंचायत सरकार भवन बनकर तैयार हो चुके हैं। मधेपुरा जिला के सातो तैयार पंचायत भवन में सुचारू रूप से काम प्रारंभ हो, मेरी भावना के अनुरूप पंचायत सरकार भवन में सब तरह के कार्य प्रारंभ हों। जिला पदाधिकारी पंचायत सरकार भवनों को व्यक्तिगत रूप से जाकर देखें। मैं स्वयं एक-दो पंचायत सरकार भवनों को भी देखना चाहूॅगा। जब मैं पंचायत सरकार भवन को सुचारू रूप से काम करते हुये देखूॅगा तो मुझे बड़ी संतुष्टि होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज के सभी वर्ग, तबके का विकास हो। न्याय के साथ विकास हो इसलिये मैं न्याय के साथ विकास पर ध्यान दे रहा हूॅ। हर वर्ग, तबके, जाति, धर्म, सम्प्रदाय के लोगों को विकास का लाभ मिले, समाज के अंतिम पायदान पर बैठे लोगों को भी विकास का लाभ मिले, ऐसी मेरी अवधारणा है और इसके लिये प्रयास कर रहा हूॅ। एक- दूसरे का आदर करें, प्रेम, सद्भाव और विश्वास के रिश्तों को मजबूत करें। उन्होंने कहा कि विजय घाट पुल का उद्घाटन करने वे अगले माह यहाॅ पुनः आयेंगे।
समारोह की अध्यक्षता राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री श्री नरेन्द्र नारायण यादव ने किया और कहा कि आज मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने जिले की कई योजनाओं का शिलान्यास एवं उद्घाटन किया है। उन्होंने बाबा विशुनाथ रावत मेला को मेला प्राधिकार के अन्तर्गत लेने तथा विजय घाट पुल का नाम विशुनाथ रावत पुल रखा जाय, कि माॅग की। 39 करोड़ रूपये की लागत से मधेपुरा पाॅलिटेक्निक काॅलेज तथा उदाकिशनगुज अनुमण्डल कार्यालय का शिलान्यास रखने के लिये मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री श्रीमती बीमा भारती, सांसद श्री राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव, पूर्व मंत्री एवं विधायक श्रीमती रेणु कुमारी कुशवाहा, विधायक श्री रमेश ऋषिदेव, विधायक श्री गोपाल मण्डल ने भी अपने-अपने विचारों को रखा एवं राज्य में हो रहे चहुमूखी विकास की चर्चा की। इस अवसर पर जदयू जिलाध्यक्ष श्री सीयाराम यादव, राजद जिलाध्यक्ष श्री तौकिर आलम, सदस्य बिहार बाल अधिकार संरक्षण आयोग श्री अब्दुल सतार सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। मुख्यमंत्री का स्वागत आज मिथिला की परंपरागत रीति रिवाज के साथ किया गया तथा उन्हें प्रतीक चिह्न, अंगवस्त्र इत्यादि भेंटकर सम्मानित किया गया।

मुख्यमंत्री ने इंसपेक्टर तारीक बिन अहमद के आकस्मिक निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की

पटना, 14 अप्रैल 2015:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री की सुरक्षा में तैनात इंसपेक्टर तारीक बिन अहमद के सड़क हादसे में हुयी मौत पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की।
मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा कि इंसपेक्टर तारीक बिन अहमद लगनशील एवं कर्तव्यनिष्ठ पुलिस पदाधिकारी थे। उनका आकस्मिक निधन काफी दुखदायी है।
मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की चिर शान्ति तथा उनके परिजनों, अनुयायियों एवं प्रशंसकों को दुःख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है।  

बाबा साहब डाॅ0 भीम राव अम्बेदकर जी की जयंती के अवसर पर मुख्यमंत्री ने भावभिनी श्रद्धांजलि अर्पित की

पटना, 14 अप्रैल 2015:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज बाबा साहब डाॅ0 भीमराव अम्बेदकर जी की जयंती के अवसर पर स्थानीय हाई कोर्ट के समीप आयोजित एक राजकीय समारोह में उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर भावभिनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष श्री उदय नारायण चैधरी, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री श्याम रजक, ग्रामीण कार्य मंत्री श्री श्रवण कुमार, सांसद श्री रामनाथ ठाकुर, अध्यक्ष जे0पी0 स्वतंत्रता सेनानी श्री मिथिलेश कुमार सिंह, विधायक श्री अरूण मांझी, अध्यक्ष अनुसूचित जाति आयोग श्री विद्यानंद विकल, महासचिव बिहार राज्य नागरिक परिषद श्री छोटू सिंह, प्रदेश संगठन मंत्री जदयू डाॅ0 विपिन कुमार यादव, महासचिव प्रदेश जदयू डाॅ0 नवीन कुमार आर्या, सदस्य राज्य खाद्य आयोग श्री नन्द किशोर कुशवाहा, सदस्य अनुसूचित आयोग श्री बबन रावत, पूर्व विधायक श्री ओम प्रकाश पासवान, जदयू नेता डाॅ0 विनोद कुमार सिंह, श्री अजय कुमार, सरदार कुलवंत सिंह सलूजा, श्री राजेन्द्र प्रसाद नट, श्री मुकेश कुमार सिंह, श्री शिव शंकर निषाद, श्री चंदेश्वर प्रसाद सिंह, श्री धर्मेन्द्र कुमार पासवान, श्री कमलेश कुमार वर्मा, श्री नन्द गोपाल, श्री निरंजन कुमार पप्पू, श्रीमती कंचन बाला चैधरी, श्री कृष्ण नन्दन प्रसाद वर्मा, श्री चन्द्रिका सिंह दांगी सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्ति, सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने भी बाबा साहब भीमराव अम्बेदकर की आदमकद प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
इस अवसर पर सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग के कलाकारों द्वारा आरती पूजन एवं भजन तथा देशभक्ति गीतों के कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये।


Monday, 13 April 2015

बिन मौसम बरसात से हुये फसलों के नुकसान की भरपाई ईश्वर अगली फसल में करें:- मुख्यमंत्री

 पटना, 13 अप्रैल 2015:- इस वर्ष बिन मौसम बरसात से किसानों को काफी नुकसान हुआ है, इसकी भरपाई अगले फसल में हो जाय, ऐसी मेरी कामना है। बैसाखी के त्योहार पर मैं राज्यवासियों विशेषकर पंजाबी बिरादरी को शुभकामनायें एवं बधाई देता हूॅ। आज शाम मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार श्रीकृष्ण मेमोरियल हाॅल में बैसाखी पर्व पर आयोजित समारोह का उद्घाटन दीप प्रज्ज्वलित कर कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बैसाखी का त्योहार विशेषकर पंजाबी समाज के लिये बहुत महत्व रखता है। हिन्दुस्तान में जिन पर्व, त्योहारों में खुशियाॅ और उमंग है, उनमें से अधिकांश त्योहारों का संबंध कृषि से है। बैसाखी का त्योहार भी कृषि से संबंधित है। नई फसल की कटाई पर किसान आनंदित होकर इसे मनाते हैं। जब फसल कटकर घर आने वाला होता है तो इसकी खुशी मनाते हैं। हमारे बिहार में 76 प्रतिशत लोग आजीविका के लिये कृषि पर निर्भर हैं। पहले के जमाने में खेती ही सब कुछ था। कटाई का जब समय आता था तो किसान खुश होते थे और खुशियों को मिलकर बाॅटते थे। ईश्वर से प्रार्थना करते थे कि इस वर्ष फसल अच्छी हुयी है। अगले वर्ष भी अच्छी फसल हो, कि कामना करते हैं। बैसाखी का पर्व इसलिये भी महत्वपूर्ण है कि सिख पंथ के 10वें गुरू गुरू गोविन्द सिंह महाराज ने खालसा पंथ की स्थापना इसी दिन की थी। आज के दिन का कई अन्य ऐतिहासिक महत्व भी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के हर प्रान्तों में किसी न किसी रूप में और किसी न किसी नाम से इस त्योहार को लोग मनाते हैं और खुशियों को बाॅटते हैं। कल सतुआनी भी है, सतुआनी के दिन सतु खाने और आम के टिकोले की चटनी खाने की परंपरा है।
मुख्यमंत्री ने पंजाबी बिरादरी की मेहनत और उद्यमिता की प्रशंसा करते हुये कहा कि भारत के बंटवारे के बाद 1948 में पंजाबी बिरादरी की स्थापना हुयी। यह बिरादरी देश के हर जगह जहाॅ रेल का संबंध था, वहाॅ आये। देश की आजादी और देश की रक्षा के लिये लड़े। सरहद की रक्षा में हमेशा इनकी भूमिका महत्वपूर्ण रही। इनमें उद्यमिता बहुत है। जो भी पाकिस्तान से आये, उन्होंने भीख नहीं माॅगा। अपनी मेहनत और उद्यमिता से अपने पैरों पर खड़े हुये। उनके जज्बे को सलाम करता हूॅ। मुख्यमंत्री ने कहा कि पटना के लाला लाजपत राय भवन से उनका भावनात्मक संबंध है। इसी हाॅल से उनका विवाह 2 फरवरी 1973 को हुआ था। शादी की समारोह की अध्यक्षता तत्कालीन कुलपति पटना विश्वविद्यालय श्री सचिन दता ने की थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाबी बिरादरी का पटना से भावनात्मक लगाव है। गुरू गोविन्द सिंह की 350वीं जन्मोत्सव 2017 में मनायेंगे। कोशिश रहेगी कि इस जन्मोत्सव में देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को कोई तकलीफ न हो। हम सब मिलकर उनके स्वागत में लगेंगे। पंजाबी बिरादरी की ओर से श्री आर0सी0 मल्होत्रा ने मुख्यमंत्री को प्रतीक चिह्न भेंटकर सम्मानित किया।
समारोह को खाद्य उभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री श्याम रजक, विधान पार्षद श्रीमती किरण घई, सचिव पर्यटन श्रीमती हरजोत कौर ने भी संबोधित किया और बैसाखी के महत्व से लोगों को अवगत कराया। स्वागत भाषण श्री गुरूचरण गाॅधी ने किया और कहा कि बैसाखी का त्योहार कृषि से जुड़ा त्योहार है, इसका दूसरा महत्व यह भी है कि इसी दिन गुरू गोविन्द सिंह महाराज ने खालसा पंथ की स्थापना की थी। अनेकता में एकता का संदेश दी थी। आज के ही दिन जलियाबाला बाग में जेनरल डायर ने देशभक्तों पर गोली बरसायी थी। आज के दिन शहीदों की जय-जयकार भी की जाती है।
इस अवसर पर प्रसिद्ध सूफी गायिका रेखा राज ने अपनी आकर्षक प्रस्तुती दी, जिसे स्रोताओं ने सराहा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सचिव श्री चंचल कुमार, श्री कुलवंत सिंह सलूजा, श्री इन्द्रजीत सिंह, श्री आर0एस0 जीत सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।


मुख्यमंत्री ने राज्यवासियों को वैसाखी की शुभकामना दी

 पटना, 13 अप्रैल 2015:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने वैसाखी की शुभकामना राज्यवासियों को दी और कामना किया कि यह त्योहार किसानों में नया जोश एवं उमंग लायेगा। राज्य में कृषि उत्पादन का रिकाॅर्ड स्थापित होगा। किसान समृद्ध और खुशहाल होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बैसाखी का पर्व किसानों के जीवन में उमंग और उल्लास का संदेश देता है। फसल तैयार होने पर खुशी व्यक्त करने वाला यह पर्व देश के विभिन्न भागों में विविध लोक पर्वों के रूप में मनाया जाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पर्व पर हमें समाज में समरसता तथा पारस्परिक सौहार्द्र बढ़ाने और समर्पण की भावना से सेवा का संकल्प लेना चाहिए।

विकास मित्र 60 साल तक कार्य करेंगे:- मुख्यमंत्री

पटना, 13 अप्रैल 2015:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने डाॅ0 बाबा साहब भीमराव अंबेदकर जयंती के अवसर पर विकास मित्रों के लिये एकदिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुये घोषणा की कि विकास मित्र 60 साल तक कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि 18 से 50 साल तक विकास मित्र का चयन होगा तथा वे 60 साल की उम्र तक कार्य करेंगे। 60 वर्षों तक विकास मित्रों की नौकरी रहेगी। उन्होंने यह भी घोषणा की कि विकास मित्रों का मानदेय छह हजार रूपये से बढ़ाकर सात हजार रूपये कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि हमने ऐसी व्यवस्था कर दी है कि अब विकास मित्रों को कोई हटा नहीं सकेगा तथा उनका मानेदय बढ़ता रहेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज विकास मित्रों के लिये एकदिवसीय उन्मुखीकरण का कार्यक्रम आयोजित किया गया। डाॅ0 बाबा साहब भीमराव अंबेदकर की जयंती की पूर्व संध्या पर उन्मुखीकरण का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम कल होना था लेकिन कल श्रीकृष्ण मेमोरियल हाॅल में वैसे लेागों द्वारा डाॅ0 बाबा साहब भीमराव अंबेदकर का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है, जिनका अंबेदकर जयंती से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारे विकास मित्र एवं यहाॅ के अनुसूचित जाति के लोग ही डाॅ0 बाबा साहब भीमराव अंबेदकर के वंशज हैं। उनलोगों का कार्यक्रम प्रचार के लिये है। आज कल तरह-तरह की प्रवृति राजनीति में हो गयी है। पता नहीं कल कौन-कौन से जुमले के लिये लोग इकट्ठा हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि महादलित जो हाशिये पर थे, उन्हें हमने पहचान दिलाया तो हम पर आरोप लगा कि हम दलितों को बाॅट रहे हैं। हमने महादलित आयोग का गठन किया। डाॅ0 बाबा साहब भीमराव अंबेदकर एवं भारत के संविधान की देन है कि उनके लिये स्थान आरक्षित किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास मित्रों को हमलोगों ने महत्वपूर्ण जिम्मेवारी सौंपी है। समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति के विकास की गति को तेज किया जाय, इसके लिये हमने शिक्षा, कौशल विकास एवं आवास के लिये योजना बनायी। अनुसूचित जाति समाज में एक बहुत बड़ा तबका था, जिनके पास बास के लिये भूमि नहीं था, वह तबका महादलित का था। महादलित एवं दलित समाज के लोगों के लिये बास भूमि की योजना बनायी। महादलितों के लिये रेडियो योजना, स्वास्थ्य, शौचालय, दशरथ माॅझी कौशल विकास योजना शुरू की गयी। उन्होंने कहा कि पहले से अनुसूचित जाति के लिये चली आ रही योजनाओं के अतिरिक्त हमने इन योजनाओं की शुरूआत की। हमने दलितों को बाॅटा नहीं बल्कि महादलितों को सशक्त किया। जानकारी के अभाव में योजनाओं का लाभ दलितों को नहीं मिल पा रहा है। इन योजनाओं को जानने एवं लाभ उठा सकें, इसके लिये प्रेरित करने तथा सरकारी दफ्तर से काम करने के लिये विकास का दूत होना चाहिये इसलिये हमने आपका नाम विकास मित्र रखा। महादलित योजनाओं का लाभ महादलितों तक पहुॅचायें। बचे हुये लोगों को बास भूमि, इन्दिरा आवास एवं अन्य योजनाओं का लाभ दिलायें। जो महादलित परिवार का मकान अधूरा पड़ा है, उन्हें इन्दिरा आवास की दूसरी किश्त की राशि दिलाना विकास मित्र का दायित्व है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन महादलितों का आवास जर्जर हो गया है, उनके आवास का जीर्णोद्धार हो जाय। सामाजिक वाणिकी योजना के अन्तर्गत महादलित परिवारों को वन पोषक के रूप में रखा गया है। उन्होंने कहा कि विकास मित्र अपना काम करें। उन्होंने कहा कि 9,500 विकास मित्र कार्यरत हैं, जो पद खाली है, उसे भरेंगे। विकास मित्रों का काम है लोगों में चेतना बढ़ाना और योजनाओं का लाभ लेने के लिये प्रेरित करना। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य है कि एक भी महादलित परिवार अशिक्षित न रहे। विकास मित्र परिवर्तन के दूत हैं, इन्हंे बहुत बड़ा कार्य करना है। महादलितों में चेतना आये, जागृति रहे, शिक्षित हों, संगठित हों, सरकारी योजनाओं का लाभ महादलित परिवार उठायें, उन्हें कोई ठग न सके, इसकी गुरूतर जिम्मेवारी विकास मित्रों की है। उन्होंने कहा कि फिर से कूपन दी जा रही है। कूपन के हिसाब से जन वितरण प्रणाली की दुकान से अनाज मिलेगा। हम नहीं चाहते हैं कि एक भी परिवार भूखा रहे। चीनी देने की भी योजना फिर से शुरू की जा रही है। आपका दायित्व है कि इन सारी योजनाओं का लाभ महादलित परिवार को मिल जाय।
इस अवसर पर अध्यक्षीय भाषण मंत्री अनुसूचित जाति/जनजाति श्री रमई राम ने किया। खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री श्याम रजक, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री श्री दामोदर रावत, ग्रामीण कार्य मंत्री श्री श्रवण कुमार, विधायक श्री ललन भूईयां, विधायक श्री अरूण माॅझी, अध्यक्ष राज्य महादलित आयोग श्री उदय माॅझी, अध्यक्ष अनुसूचित जाति/ जनजाति आयोग श्री विद्यानंद विकल ने भी अपने-अपने सारगर्भित विचार व्यक्त किये।
इस अवसर पर श्री रामनरेश कुमार राज्य समन्वयक विकास मित्र ने मुख्यमंत्री को डाॅ0 बाबा साहब भीमराव अंबेदकर की प्रतिमा प्रतीक चिह्न के रूप में भेंटकर स्वागत किया।
इस अवसर पर स्वागत भाषण सचिव अनुसूचित जाति/जनजाति कल्याण श्री एस0एम0 राजू ने किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री डी0एस0 गंगवार, सचिव ग्रामीण विकास विभाग श्री प्रदीप कुमार, सचिव पशु एवं मत्स्य संसाधन श्री नर्मदेश्वर लाल, सदस्य अनुसूचित जाति/जनजाति आयोग श्री बबन रावत, सदस्य महादलित आयोग श्री संजय कुमार राम सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति एवं हजारो की संख्या विकास मित्र उपस्थित थे। निदेशक महादलित विकास मिशन श्री रामशीष पासवान ने धन्यवाद ज्ञापन किया।


बिहार में एक राष्ट्रीय स्तर का गन्ना अनुसंधान संस्थान खुलेगा:- मुख्यमंत्री

पटना, 13 अप्रैल 2015:- आज अधिवेशन भवन पटना में गन्ना उद्योग विभाग द्वारा आयोजित किसान प्रशिक्षण एवं सम्मेलन, चीनी उत्पादन, लक्ष्य चुनौती एवं राह कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुये मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने घोषणा की कि बिहार में एक राष्ट्रीय स्तर का गन्ना अनुसंधान संस्थान खुलेगा, जिसका मुख्यालय चम्पारण में होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार गन्ना की खेती के लिये अच्छी जगह है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद बिहार में 20 से 25 प्रतिशत चीनी बिहार से जाता था लेकिन केन्द्र की नीतियों के कारण बिहार और उतर प्रदेश का स्थान महाराष्ट्र ने ले लिया। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है गन्ना उद्योग का विकास हुआ है। आज बिहार के उद्योगों में गन्ना की खपत हो रही है। उन्होंने कहा कि हमारे यहाॅ चीनी के भरपूर स्टाॅक के बावजूद भी बाहर से चीनी क्यों आयात किया जा रहा है। हमारे यहाॅ के चीनी मिल के मालिकों को चीनी को निर्यात करने का प्रोत्साहन दिया जाना चाहिये। उन्हें सबसिडी मिले, इससे चीनी मिल को घाटा नहीं होगा तथा किसानों को गन्ना के कीमतों का भुगतान समय पर हो जायेगा। गन्ना की खेती होनी चाहिये। जहाॅ गन्ना की खेती होती है, वहाॅ समृद्धि आयी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार चीनी मिल के मामलों में दोहरी नीति अपना रही है। महाराष्ट्र के किसानों को राहत केन्द्र सरकार द्वारा दी गयी। बिहार एवं उतर प्रदेश के चीनी मिल को भी राहत दी जानी चाहिये। उन्होंने कहा कि चीनी उद्योग में संकट है। उत्पादन के अनुसार चीनी की खपत नहीं हो रही है। पिछले सीजन में 99 प्रतिशत से ज्यादा भुगतान किसानों को हुआ। इस सीजन में 60 प्रतिशत किसानों का भुगतान हुआ है। आज देश में 17 हजार करोड़ रूपये किसानों का बकाया है। केन्द्रीय खाद्य मंत्री श्री रामविलास पासवान ने चीनी मिल के लिये जो घोषणायें की थी, उस पर अमल नहीं हो रहा है। केन्द्र सरकार को अपनी घोषणाओं पर अमल करना होगा। जितना संभव हो, चीनी मिल मालिकों को सहायता मिलनी चाहिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 16 अप्रैल को केन्द्रीय मंत्री खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण ने बैठक बुलायी है। मैंने गन्ना मंत्री श्रीमती रंजू गीता को यह निर्देश दिया है कि बिहार सरकार अपनी पूरी माॅग बैठक में रखे। बिहार के चीनी मिल मालिकों की स्थिति एवं किसानों की स्थिति के बारे में बतायें। केन्द्र सरकार द्वारा जो घोषणा की गयी है, उसे पूरा की जाय। उन्होंने कहा कि चुनाव में वायदा किया गया था कि विदेश से काला धन लायेंगे। काले धन से प्रत्येक नागरिक को पन्द्रह लाख रूपये मिलेंगे। बाद में यह कहा गया कि यह जुमला है। काले धन की तरह चीनी मिल मालिकों के साथ केन्द्र सरकार वादा नहीं करे। जुमलेबाजी से शासन नहीं चलता है। एक बार जो घोषणा हो जाय, चाहे जितनी भी मुसीबत हो, उस घोषणा को पूरा करना चाहिये। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ने 32 रूपये प्रति क्विंटल की मदद दी है। आगे भी जो आवयकता होगी, बिहार सरकार मदद करेगी। हम इंतजार करेंगे कि केन्द्र सरकार द्वारा चीनी मिल के मालिकों एवं गन्ना किसानों को क्या राहत दी जाती है। उन्होंने कहा कि बिहार में चीनी उद्योग के साथ अलग बैठक करेंगे। जो भी संभव हो सकेगा, सहायता करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे देश में कुछ लोगों के गले के नीचे विदेशी चीनी ही उतरती है। ऐसे लोगों के नाम पर ही चीनी का आयात होता है। भारत में चीनी का आयात बंद होना चाहिये, तभी गन्ना उद्योग की हालत में सुधार हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि गन्ना उद्योग को राहत पैकेज केन्द्र सरकार दे। उन्होंने कहा कि बिहार में स्थापित होने वाले राष्ट्रीय स्तर का एक गन्ना अनुसंधान संस्थान प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों के सहयोग से उत्कृष्ट गन्ना अनुसंधान संस्थान होगा, इससे गन्ना किसान लाभान्वित होंगे। गन्ना की खेती बढ़े, गन्ना की खेती में लाभ हो, गन्ना उद्योग लाभ अर्जित करे। गन्ना किसानों को समय पर भुगतान हो। राज्य सरकार द्वारा जो भी सहयोग करने का पहल होगा, राज्य सरकार करेगी। उन्होंने इस बात पर पुनः जोर दिया कि चीनी का आयात बंद हो। गन्ना उद्योग को संकट से उबारने के लिये केन्द्र सरकार राहत पैकेज दे।
इस अवसर पर वित मंत्री श्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव ने कहा कि सरकार चीनी मिल मालिकों के साथ शीघ्र बैठक कर उनके समस्याओं का समाधान करेगी। सूचना एवं जन-सम्पर्क, जल संसाधन तथा कृषि मंत्री श्री विजय कुमार चैधरी ने कहा कि सिंचाई एवं कृषि विभाग का सीधा संबंध गन्ना उद्योग से है। गन्ना फसल के सिंचाई के लिये अधिक पानी की जरूरत होती है। अन्य दूसरे फसलों को इतनी पानी की जरूरत नहीं होती। उन्होंने कहा कि पश्चिम चम्पारण एवं पूर्वी चम्पारण में गोपालगंज के नहर से सिंचाई होती है। हमलोग नहर से पानी किसानों को देते हैं, जो सस्ता होता है। उन्होंने गन्ना किसानों से आग्रह किया कि वे सिंचाई के मामले में आधुनिक तकनीक का उपयोग करें।
इस अवसर पर गन्ना उद्योग मंत्री डाॅ0 रंजू गीता ने कहा कि गन्ना किसानों को प्रशिक्षित करने के लिये प्रखण्ड एवं जिला स्तर पर प्रशिक्षण दिया गया है। आज राज्य स्तर पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। गन्ना किसानों को प्रशिक्षण के लिये ब्राजील, फ्रांस एवं चीन भेजा जायेगा।
इस अवसर पर सचिव गन्ना उद्योग विभाग श्री संजय कुमार सिंह द्वारा स्वागत भाषण किया गया। अध्यक्ष बिहार एवं उतर प्रदेश शुगर मिल एसोसिएशन श्री श्री सी0वी0 पटौदिया, निदेशक आई0सी0ए0आर0 गन्ना प्रजनन संस्थान कोयम्बटूर श्री बख्शी राम, प्रबंध निदेशक हरि नगर शुगर मिल्स लिमिटेड श्री विवेक एम0 पित्ती ने भी सभा को सारगर्भित ढ़ंग से संबोधित किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रबंध निदेशक तिरूपति शुगर मिल्स को बेहतर कार्य के लिये चैदह लाख रूपये का चेक प्रदान किया। गन्ना उद्योग मंत्री डाॅ0 रंजू गीता ने मुख्यमंत्री को प्रतीक चिह्न भेंटकर सम्मानित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री डी0एस0 गंगवार, अध्यक्ष राज्य किसान आयोग श्री सी0पी0 सिन्हा, किसान चाची श्रीमती राजकुमारी देवी सहित सैंकड़ो किसान उपस्थित थे। अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक रिगा शुगर मिल लिमिटेड श्री ओ0पी0 धनुका ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
कार्यक्रम समाप्ति के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुये मुख्यमंत्री ने शिवसेना नेता श्री संजय राउत के बयान मुस्लिमों से मताधिकार छिन लेना चाहिये, पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा कि यह नामुमकिन है। देश संविधान से चलेगा। किसी के कहने से नहीं चलेगा। देश का अपना संविधान है। संविधान के अनुसार देश चलता है।


गंगा नदी की निर्मलता पर पहल होनी चाहिये लेकिन गंगा नदी की अविरलता भी बनी रहे:- मुख्यमंत्री

पटना, 12 अप्रैल 2015:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज दैनिक जागरण पटना के नये कार्यालय भवन का शुभारंभ एवं वर्षगाॅठ समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि 2005 में जब हमारी सरकार बनी तो सबसे पहले जागरण समूह के कार्यक्रम को दिल्ली में मैंने शिरकत किया था। उसी कार्यक्रम में मैंने गंगा नदी के बारे में चर्चा किया। गंगा नदी की निर्मलता पर पहल होनी चाहिये लेकिन गंगा नदी की अविरलता भी बनी रहे। उन्होंने कहा कि आज गंगा का जल शहर के किनारे से दूर होती जा रही है। नदी छिछली होती जा रही है तथा गंगा नदी में गाद जमा हो रहा है। थोड़ा भी पानी बढ़ने से बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। इसका मुख्य कारण है, फरक्का बराज। फरक्का बराज के कारण सिल्ट जमा हो जाता है, सिल्ट डिस्चार्ज नहीं होता। उन्हांेने कहा कि पहले गंगा नदी का जल प्रवाह सिल्ट के साथ बंगाल की खाड़ी में जाता था, जो अब अवरूद्ध हो गया है। गंगा नदी पर संकट उत्पन्न हो गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगोतरी से निकलने वाली गंगा का एक बूंद पानी भी बिहार में प्रवेश नहीं करता है। जब गंगा बिहार में प्रवेश करती है तो 400 क्यूसेक पानी अपने साथ बिहार में लाती है। जब बिहार छोड़ती है तो 1600 क्यूसेक पानी साथ लेकर जाती है। बिहार गंगा की बाढ़ को भी झेलता है। उन्होंने कहा कि दैनिक जागरण समाचार पत्र समूह ने गंगा की शुद्धता एवं सफाई के लिए पूरे देश में अभियान चलाया। उन्होंने कहा कि 26 मार्च को माननीय प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकार की बैठक हुई थी। बैठक में मैंने अपना सुझाव दिया था। उन्होंने कहा कि अधिकांश योजनायें गंगा में निर्मलता सुनिश्चित करने के लिए ही ली गई है। अविरलता के लिए नहीं। गंगा की अविरलता की बिंदू पर यथोचित ध्यान देने की आवश्यकता है। प्रधानमंत्री ने भी कहा कि इस विषय पर अध्ययन जरूरी है। बिहार सरकार द्वारा पिछले कई वर्षों से राष्ट्रीय गाद प्रबंधन नीति बनाने का मुद्दा उठाया जाता रहा है। एक तरफ गंगा के जलग्रहण क्षेत्र में वनों की कटाई के कारण आने वाले गाद की मात्रा में वृद्धि हुई है। वहीं दूसरी तरफ फरक्का बराज के कुप्रभाव के कारण गंगा के तल का उपर उठना, इसके जल वाहक क्षमता में कमी होना। डम्।छक्म्त्प्छळ एवं ठत्म्।क्प्छळ प्रवृत्ति उत्तन्न होने के कारण बालू का ढ़ेर बनना बढ़ गया है। हमें फरक्का बराज की उपयोगिता को पुनर्मूल्यांकन करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इलाहाबाद से फरक्का तक यू0पी0 एवं बिहार में जलस्तर को ऊॅचा कर सिंचाई के लिए डैम बनाना, मेरे विचार से गंगा को विशाल पोखर के रूप में परिवर्तित करना होगा। उन्होंने कहा कि गंगा नदी के अन्दर को अवयव है, वहीं इसकी विशिष्टता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दैनिक जागरण जनहित के मसले को लेकर अभियान चलाने के लिए ख्याति प्राप्त समाचार समूह है। जागृति के लिए जागरण अपनी भूमिका निभाती है। मेरी शुभकामना है कि आपकी तरक्की हो, आपकी तरक्की बिहार की तरक्की से जुड़ी रहे। मीडिया प्रदेश, देश एवं लोकतंत्र के हित में अपनी बात रखती रहे। उन्होंने कहा कि आज मैं यहाॅ शुभकामना देने के लिए उपस्थित हुआ हूॅ। जागरण ने 15 साल पहले बिहार में अपना प्रकाशन प्रारंभ किया। 15 वर्ष बीत गया लेकिन किसी को कुछ पता भी नहीं चला। 2011 में इसके भवन का शिलान्यास हुआ था। आज जागरण का अपना भवन बनकर तैयार हुआ है। प्रिंटिंग पे्रस साथ-साथ यह जागरण का बिहार का मुख्यालय होगा। उन्होंने कहा कि जागरण के राजनीतिक संपादक एवं पूर्व सांसद श्री प्रशांत मिश्र हमारे मित्र है। वे बिहार में कुछ समय रहकर दैनिक जागरण समूह के माध्यम से बिहार के विकास में अपना योगदान दें।
इस अवसर पर पूर्व सांसद एवं दैनिक जागरण के राजनीतिक संपादक श्री प्रशांत मिश्र ने भी अपने सारगर्भित वक्तव्य दिये। दैनिक जागरण के निदेशक श्री सुनील गुप्ता ने स्वागत भाषण किया। इस अवसर पर दैनिक जागरण के निदेशक श्री  सुनील गुप्ता ने मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार को प्रतीक चिन्ह् के रूप में पाटली वृक्ष प्रदान किया। श्री विपिन मिश्र स्त्रोत वाचन किया। समाचार संपादक सत् गुरू शरण अवस्थी ने धन्यवाद ज्ञापन किया। इस अवसर पर न्यायमूर्ति श्री अजय त्रिपाठी, भाजपा नेता श्री सुशील कुमार मोदी, विधायक नितिन नवीन, विधान पार्षद श्री संजय सिंह, विधान पार्षद रणवीर नन्दन, विधान पार्षद श्री संजय मयुख, मेयर श्री अफजल इमाम, पूर्व समाचार संपादक श्री शैलेन्द्र दीक्षित सहित सैकड़ों गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।


बिहार को विशेष सहायता बिहार के हित और हक का प्रश्न है:- मुख्यमंत्री

पटना, 11 अप्रैल 2015:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज होटल मौर्या में एक समारोह में भाग लेने के बाद पत्रकारों के साथ वार्ता की और पत्रकारों द्वारा कल मुख्य सचिव के नीति आयोग के उपाध्यक्ष से मुलाकात से जुड़े प्रश्न के उतर में कहा कि कल मुख्य सचिव श्री अंजनी कुमार सिंह एवं मुख्यमंत्री के सचिव श्री चंचल कुमार नीति आयोग के उपाध्यक्ष एवं नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी से मुलाकात करने गये थे। उन्होंने कहा कि मेरी मुलाकात प्रधानमंत्री जी से हुयी थी और मैंने उन्हें एक ज्ञापन सौंपा था, जिसमें राज्य सरकार की जरूरतों एवं 14वें वित आयोग के अनुशंसा के कारण राज्य सरकार को होने वाली आर्थिक क्षति से अवगत कराया था, उन्हें ज्ञापन दिया था। उसी बात को आगे बढ़ाने के लिये राज्य सरकार की ओर से मुख्य सचिव ने कल उन्हें ज्ञापन सौंपा है। बिहार को मिल रही विशेष सहायता और बी0आर0जी0एफ0 मद में राशि को शून्य कर दिये जाने से जो राज्य सरकार को कठिनाई उठानी पड़ रही है, उससे उन्होंने नीति आयोग को अवगत कराया है। उन्होंने कहा कि बिहार को विशेष सहायता बिहार के हित एवं हक का प्रश्न है।
जनता दल परिवार के विलय से जुड़े प्रश्न के उतर में मुख्यमंत्री ने कहा कि औपचारिक घोषणा के लिये आदरणीय श्री मुलायम सिंह यादव जी अधिकृत हैं। राजद विधायकों के साथ हुयी बैठक से जुड़े प्रश्न के उतर में मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे पास जो भी विधायक आते हैं, उनका स्वागत करते हैं और उनकी बातों को सुनते हैं। भाजपा के भी विधायक आते हैं, हम उनकी बातों को भी सुनते हैं। मेरे समक्ष जो भी विधायक आयेंगे, उनका
स्वागत करेंगे, उनकी बातों को सुनेंगे।

Saturday, 11 April 2015

मूल्यवान चीजों को प्राप्त करना है तो लोगों की सुननी होगी: इससे रौशनी मिलेगी:- मुख्यमंत्री

पटना, 11 अप्रैल 2015:- मूल्यवान चीजों को प्राप्त करना है तो लोगों की सुननी होगी, इससे रौशनी मिलेगी। शिक्षा और स्वास्थ्य के बारे में जो कुछ भी कर पाये, उसकी बुनियाद मेरे जीवन के दो घटनायें हैं। जिन्होंने मुझे प्रेरणा दी और मैंने इन क्षेत्रों में कुछ करने का मन बनाया और मौका मिलने पर किया। मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने कहा कि जब मैं सांसद था और अपने क्षेत्र के दियारा इलाके के भ्रमण पर एक गाॅव में था, उसी समय दस-ग्यारह वर्ष के एक बच्चे ने मेरे समक्ष आकर एक सवाल किया कि क्या हम पढ़ेंगे नहीं। मैं उस बच्चे से स्कूल और स्कूल शिक्षकों के बारे में जानकारी ली, उस बच्चे ने मेरे मन पर अमिट छाप छोड़ दी और मेरे मन में ये बात बैठ गयी कि बच्चों के शिक्षा के लिये कुछ करना है। दूसरी घटना तब हुयी, जब एक अत्यंत गरीब आदमी ने मुझसे मुलाकात कर कहा था कि अस्पताल पर ध्यान दीजिये। गरीब आदमी इलाज के लिये कहाॅ जायेगा। ये दो अनुभव जो जनप्रतिनिधि के आधार पर मुझे प्राप्त हुआ था, वह मेरे लिये अत्यंत कीमती थे। काम करते हुये जो रास्ता दिखता है, उसको समझकर क्या करना है, करता हूॅ। उन्होंने कहा कि बिहार में आइडिया देने वालों की कमी नहीं है। आइडिया को सुने, परखें और जो अच्छा लगे, उसको ग्रहण करें। मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार आज आद्री एवं पोपुलेशन फाउण्डेशन आॅफ इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में स्वास्थ्य, महिला और विकास तथा मीडिया की जिम्मेदारी विषय पर होटल मौर्या में आयोजित कार्यशाला का उद्घाटन वरिष्ठ मीडिया प्रतिनिधियों के साथ विचारों का प्रकटीकरण करते हुये कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने इस महत्वपूर्ण कार्यशाला में वरिष्ठ पत्रकारों और उन्हें बुलाये जाने के लिये वरिष्ठ पत्रकार श्रीमती नीरजा चैधरी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि कार्यशाला में अच्छी बातें हुयी है। सबने अपने-अपने ढ़ंग से महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर चर्चायें की है। महिला सशक्तिकरण के लिये बिहार में बहुत सारे कार्य हुये हैं। नगर निकाय एवं पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव में महिलाओं को पचास प्रतिशत का आरक्षण दिया गया है। प्राथमिक स्तर की शिक्षा में पचास प्रतिशत शिक्षक के पद महिलाओं के लिये आरक्षित किये गये हैं। पुलिस के सिपाही एवं दारोगा स्तर के पदों के लिये नियुक्ति में 35 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था महिलाओं के लिये की गयी है। महिला सशस्त्र बटालियन का गठन किया गया है। अनुसूचित जनजाति महिलाओं की विशेष पुलिस बटालियन बनी है। महिला सशक्तिकरण के लिये जो कार्य चले हैं, उसका अच्छा असर पड़ा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राइमरी स्कूल में जब बच्चियाॅ छठे क्लास में पहुॅचती है तो उनमें शारीरिक बदलाव होने लगता है। इसके लिये उनको उचित कपड़ा चाहिये। गरीबी के कारण उनके अभिभावक कपड़े का उचित प्रबंध नहीं कर पाते थे और मजबूरन बच्चियों का स्कूल में जाना बंद करा देते थे। लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये जब मैंने पोशाक की योजना शुरू की, पोशाक के साथ जूता, बैग खरीदने के लिये पैसे देने की योजना शुरू की तो विद्यालयों में बच्चियों की उपस्थिति बढ़ने लगी। जब काम प्रारंभ किया तो चुनौतियाॅ और बढ़ने लगी। मेरे कार्यकाल संभालने के समय साढ़े बारह प्रतिशत बच्चे स्कूल से बाहर रह रहे थे। मेरे सामने पहली चुनौती थी कि स्कूल से बाहर रह रहे बच्चों को स्कूल पहुॅचायें, इसके लिये कई योजना चलायी गयी। कई योजनाओं को चलाने के परिणामस्वरूप अब मात्र दो प्रतिशत ही बच्चे स्कूल से बाहर रह गये हैं। मैंने इस बात का भी सर्वेक्षण कराया कि कौन और किस वर्ग एवं समुदाय के बच्चे क्यों स्कूल से बाहर हैं तो मालूम हुआ कि इनमें अधिकांश संख्या मुस्लिम अल्पसंख्यक, महादलित बच्चों की थी। इन वर्गों को निरक्षरता से बाहर लाने के लिये ज्यादा काम किया। टोला सेवक और तालिमी मरकज की स्थापना की, जिसके माध्यम से विद्यालयों से बाहर छूटे बच्चों को विद्यालय में पहुॅचाया गया। अध्ययन से यह भी पता लगा कि 8वीं कक्षा तक बच्चियों को पढ़ा देने का बहुत फायदा नहीं है। कम से कम 10वीं तक बच्चियाॅ जरूर पढ़ें, इसके लिये साइकिल की योजना प्रारंभ की। समाज में ऐसी मानसिकता बनी हुयी थी कि लड़कियाॅ साइकिल यदि चलाती थी तो लोग क्या से क्या बोलते थे। बच्चियों को साइकिल दिये जाने से युगान्तरकारी बदलाव हुआ। बच्चियाॅ जब एक साथ साइकिल चलाकर अपने स्कूलों में जाने लगी तो समाज की सोंच में बदलाव आया। बच्चियों के अरमानों को पंख लगे। लोग अपने-अपने काम में व्यस्त हैं। हर आदमी की अपनी-अपनी प्राथमिकता है, मेरी प्राथमिकता शिक्षा की है। जनप्रतिनिधि के नाते हम लोगों से मिलते रहे, उनकी बातों को गंभीरता से सुनते थे। टाल के इलाकों में पैदल ही चलना पड़ता था। चार से छह महीने टाल में पानी ही रहता था। लड़कियों की मानसिकता मंे विकास लाने के लिये साइकिल योजना काफी कारगर सिद्ध हुयी। साइकिल चलाती हुयी स्कूल जाती हुयी लड़कियों की तस्वीर ने बिहार में परिवर्तन लाया। लड़के उदास न हों इसलिये लड़कों के लिये भी साइकिल योजना प्रारंभ की। लड़कियों में साइकिल से आत्मविश्वास आया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने अपने क्षेत्रीय भ्रमण में स्कूलों की स्थिति को जाकर देखा। कई-कई स्कूलों में तो ब्लैक बोर्ड तक बच्चों के लिये बेंच था। क्लास के बाहर बरामदे में भी बच्चे थे। मैंने आदेश दिया कि क्लासों की संख्या बढ़ायी जाय और कक्षाओं के साइज को भी बढ़ायें। अब शिक्षा के क्षेत्र में क्वालिटी पर फोकस कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मानव विकास मिशन की स्थापना की गयी है। उस विकास का कोई मतलब नहीं है, जिसमें मानव का विकास नहीं हुआ हो। मानव विकास के अवयवों को निर्धारित कर उन पर काम प्रारंभ किया गया। जनसंख्या स्थिरीकरण के लिये फर्टिलिटी रेट पर ध्यान देना होगा। राज्य का फर्टिलिटी रेट 3.9 है, जबकि राष्ट्रीय 3.4 का है। एक अध्ययन से यह पता चला कि 11वीं पास बच्चियों में प्रजनन दर 2 है, जो राष्ट्रीय औसत के बराबर है। 12वीं पास बच्चियों में प्रजनन दर राज्य में 1.6 है, जबकि राष्ट्रीय औसत 1.7 का है। उन्होंने कहा कि हमारे राज्य का क्षेत्रफल 94 हजार स्कवायर किलोमीटर है इसलिये हमें जनसंख्या स्थिरीकरण पर ध्यान देना आवश्यक है। यदि हर लड़की को 12वीं कक्षा तक पढ़ा देते हैं तो जनसंख्या स्थिरीकरण स्वयं हो जायेगा इसलिये निर्णय लिया कि हर पंचायत में एक प्लस टू स्तर का विद्यालय खोलेंगे। जब हर लड़कियाॅ प्लस टू तक पढ़ लेगी तो जनसंख्या का स्थिरीकरण हो जायेगा।
मुख्यमंत्री ने स्वयं सहायता समूह की चर्चा करते हुये कहा कि स्वयं सहायता समूह की महिलाओं में आत्मविश्वास है। उनसे जब बातें की और उनकी बातों को सुनी तो देखा कि वे मजबूत संगठन के रूप में विकसित हो रही है। उन्होंने अपने अनुभव को सुनाया और बताया कि उन्होंने समाज को सजग कर बाल विवाह, भू्रण हत्या को रोकने का काम किया है। जमीन पर अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ अभियान चलाकर जमीन हड़पने की घटनाओं से मुक्ति दिलायी है। मैंने राज्य में दस लाख स्वयं सहायता समूह बनाये जाने का निर्णय लिया। एक करोड़ दस लाख महिलाओं को इससे जोड़ा जायेगा। महिलायें आत्मनिर्भर एवं सशक्त होगी। स्वयं सहायता समूह की ये उपलब्धि रही कि जो महिलायें कुछ नहीं लिख सकती थी, वह आज प्रोसिडिंग लिख रही है। पी0डी0एस0 की दुकान चला रही है, अपने संगठन का हिसाब-किताब रखती है। कोई सदस्य बीमार पड़ता है तो उसकी देख-रेख करती है, दवा और इलाज का उचित इंतजाम कराती हैं। स्वयं सहायता समूह द्वारा संचालित पी0डी0एस0 के दुकानों के माध्यम से पाॅच हजार रूपये माहवार की बचत उन्हें हो रही है। शिक्षा और स्वयं सहायता समूह को जोड़ दें तो महिला सशक्तिकरण को बल मिलेगा और महिलायें सशक्त होगी। महिलायें आत्मनिर्भर की दिशा में आगे बढ़ रही है। तीन लाख स्वयं सहायता समूह बन चुका है। स्वयं सहायता समूह के प्रयास से लिंग अनुपात भी ठीक होगा। एडवर्स (विपरीत) सेक्स रेशियो समस्या है। पुरूष एवं स्त्रीयों की लिंग अनुपात बराबर नहीं होगी तो समाज अनेक बुराइयों से घिर जायेगा और समाज बर्बाद हो जायेगा। भू्रण हत्या रोक दी जाय तो सेक्स रेशियो ठीक हो जायेगा।
सामाजिक सोंच को विकसित करना होगा। मैंने सेनेटरी नैपकीन की योजना चलायी। स्वच्छता बोलने से नहीं आती, इसके लिये प्रयास आवश्यक है। सेनेटरी नैपकीन से महिलाआंे का स्वास्थ्य ठीक रहेगा। वे बहुत सारी बीमारियों से बचेंगी। शौचालय के निर्माण पर जोर दिया। बी0पी0एल0 के साथ ए0पी0एल0 परिवारों को भी लोहिया स्वच्छता योजना बनाकर शौचालय निर्माण के लिये सहायता दी। राम मनोहर लोहिया जी ने कहा था कि महिलाओं को किस तरह किस तरह अपमानजनक स्थिति में शौच के लिये जाना पड़ता है। उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित नेहरू जी से कहा था कि सबके लिये शौचालय बना दें तो हम विरोध करना छोड़ देंगे। शौचालय के लिये व्यापक योजना है। घर-घर में शौचालय बनवायें। खुलें में शौच न करें। खुलें में शौच नहीं करेंगे तो नब्बे प्रतिशत बीमारियाॅ नहीं होगीं मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि शोध ने यह बताया है कि एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिन्ड्रोम का कारण गंदगी, प्रदूषण, कुपोषण तथा पानी का प्रदूषित हो जाना है। उन्होंने कहा कि पानी को गंदा होने से बचायें। महिला और स्वास्थ्य का गहन रिश्ता है। मेरा परामर्श यह होता कि इस कार्यशाला में हर शिक्षा को भी जोड़ देते तो कार्यशाला और भी उपयोगी सिद्ध होती। महिला सशक्तिकरण को रोका नहीं जा सकता। हमने महिला सशक्तिकरण नीति भी बनायी है। समाज की अहम भूमिका है। समाज अपनी सोंच में परिवर्तन लाये। अब लड़कियाॅ बोझ नहीं है। पैदा होने से छह वर्ष तक उन्हें आगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से कुपोषण से बचाया जाता है तथा उनके लिये अन्य व्यवस्था की जाती है। स्कूलों में मध्याह्न भोजन, पोशाक, किताब, छात्रवृति के साथ सब तरह की व्यवस्था है। हम सबको मानसिकता को बदलना होगा। मुख्यमंत्री ने विशेषकर मीडिया से मुखातिब होते हुये कहा कि इस तरह के कवरेज में मीडिया की अहम भूमिका होगी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मीडिया को चटपटी खबरों की जगह समाज को शिक्षित एवं परिवर्तन लाने वाली कहानियों को प्रमुखता देनी चाहिये। उन्होंने कहा कि सामाजिक परिवर्तन में मीडिया की अहम भूमिका है। उन्होंने कहा कि शिक्षा और स्वयं सहायता समूह से उन्हें बड़ी आशा है, इसका कारगर रूप धीरे-धीरे सामने आने लगा है। स्वयं सहायता समूह के क्षेत्र में हम देर से आये, मगर दुरूस्त आये। हमारे स्वयं सहायता समूह को राष्ट्रीय स्तर पर अपनाया जा रहा है। समाज के अंदरूनी स्वास्थ्य की चिन्ता करनी होगी। किसान चाची की खोज मीडिया ने की थी। अब वह हमलोगों के साथ सक्रिय रूप से जुड़ चुकी हैं। लोगों की इच्छा का जग जाना कोई असाधारण बात नहीं है। इससे बड़ी बात क्या हो सकती है। कमियाॅ उजागर होगी, सुधार आती जायेगी। कुछ नया करने का अवसर मिलेगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने श्री फिरोज अब्बास खाॅ के निर्देशन में टीवी सीरियल एवं पोस्टर मैं कुछ भी कर सकती हूॅ, का लोकार्पण भी किया।

इस अवसर पर आद्री के सदस्य सचिव श्री शैवाल गुप्ता, पोपुलेशन फाउण्डेशन आॅफ इंडिया की कार्यपालक निदेशक श्रीमती पूनम मूतेजा, एन0डी0टीवी की संपादक सुश्री निधि कुलपति, एडिटर नेशनल ओपिनियन सुश्री वंदिता मिश्रा, सुश्री प्रियदर्शिनी ने भी अपने-अपने विचारों को रखा। इस अवसर पर प्रतिष्ठित समाचार-पत्रों के स्थानीय संपादक यथा- श्री मैमन मैथ्यू, श्री बिनोद बंधु, श्री दयाशंकर राय, श्री दीपक मिश्रा, श्री राजेन्द्र तिवारी, कुमाार प्रबोध, श्री श्रीकान्त प्रत्यूष एवं वरिष्ठ संवाददाताओं ने परिचर्चा में भाग लेेकर विषय वस्तु पर अपने-अपने विचार रखे।
इस अवसर पर प्रधान सचिव स्वास्थ्य श्री ब्रजेश मेहरोत्रा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डी डी0एस0 गंगवार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री चंचल कुमार सहित अनेक सामाजिक, राजनीतिक कार्यकर्तागण उपस्थित थे।


मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय जनता दल के विधायकों के साथ बैठक की

पटना, 10 अप्रैल 2015:- आज मुख्यमंत्री सचिवालय संवाद में मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय जनता दल के विधायकों के साथ बैठक की। यह बैठक करीब एक घंटे तक चली।
मुख्यमंत्री ने बारी-बारी से राजद विधायकों से उनके क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं की जानकारी ली। उन्होंने राजद विधायकों को संबोधित करते हुये कहा कि राजद विधायक अपने-अपने क्षेत्रों की अगर कोई समस्या है तो बतायें तथा प्रशासनिक तंत्र की स्थिति के बारे में भी जानकारी दें। उन्होंने कहा कि चुनाव का समय नजदीक है, अब समय गंवाना ठीक नहीं है। हम सब मिलकर काम कर रहे हैं। तमाम लोगों की समस्याओं का निदान खोज रहे हैं। त्वरित कार्रवाई कर समस्याओं का निदान किया जा रहा है। हम सब मिलकर चुनाव लड़ेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजद सुप्रीमो श्री लालू प्रसाद यादव भी जनता दल परिवार के विलय के बारे में कह चुके हैं। शीघ्र समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव बैठक बुलायेंगे। हमलोग एक झंडा, एक निशान पर चुनाव लड़ेंगे। राजद विधायकों ने बारी-बारी से मुख्यमंत्री को अपने-अपने क्षेत्र की समस्याओं एवं प्रशासनिक तंत्र की स्थिति से अवगत कराया।
विधानसभा परिसर में पत्रकारों से बातचीत करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल के विधायकों के साथ मेरी चर्चा हुयी। हम सब एक होने वाले हैं। सुशासन, विकास एवं अन्य विषयों पर भी चर्चा हुयी। पत्रकारों द्वारा पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि सुशासन है, लाॅ है तथा विकास का काम हो रहा है। समाज में शांति है। समाज में प्रेम एवं सद्भाव का वातावरण बना रहे। उन्हांेने कहा कि चुनाव का समय है, चुनाव में जिनलोगों से मुकाबला है, वे जिस स्तर पर जाकर जिस तरह की भाषा का प्रयोग करते हैं, वे चुनाव के समय कुछ भी कर सकते हैं। ऐसे तत्वों से सबको सचेत रहना चाहिये, ये बातें मैं अपने दल के विधायकों, कार्यकर्ताओं, मित्र दलों के सदस्यों एवं लोगों से कहता रहता हूॅ कि वे लोग सजग एवं सचेत रहें। हम सभी लोगों को समाज में शांति एवं सद्भाव कायम रखने के लिये सतत् सचेत एवं सजग रहने के लिये कहता रहता हूूॅ।


पंचायत सरकार भवनों का निर्माण उच्च प्राथमिकता देते हुये पूरा कराया जाय:- मुख्यमंत्री

पटना, 10 अप्रैल 2015:- पंचायत सरकार भवनों का निर्माण उच्च प्राथमिकता देते हुये पूरा कराया जाय। सभी जिलाधिकारियों को इस संबंध में आवश्यक अनुदेश अविलम्ब निर्गत किये जायें। यह आदेश आज मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने पंचायती राज विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में दी। बैठक में पंचायती राज मंत्री श्री बिनोद प्रसाद यादव, विकास आयुक्त श्री एस0के0 नेगी, प्रधान सचिव वित श्री रामेश्वर सिंह, प्रधान सचिव पंचायती राज श्री सुधीर कुमार राकेश, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डाॅ0 धर्मेन्द्र सिंह गंगवार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अतीश चन्द्रा सहित पंचायती राज विभाग के अन्य वरीय अधिकारियों ने भाग लिया।
मुख्यमंत्री ने बिहार पंचायत सुदृढ़ीकरण परियोजना (विश्व बैंक संपोषित) के अधीन निर्मित किये जाने वाले पंचायत सरकार भवनों का निर्माण कार्य भी अविलम्ब प्रारंभ कराये जाने का निर्देश दिया। विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति का गठन कर पंचायत सरकार भवनों के निर्माण की प्रगति का सतत् अनुश्रवण कराये जाने का निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिया। उन्होंने कहा कि निर्मित पंचायत सरकार भवनों को तुरंत क्रियाशील किया जाय तथा नागरिकों को प्राप्त होने वाली सुविधायें/सेवाओं को इस भवन से संचालित किया जाय। पंचायती राज संस्थाओं/ग्राम कचहरी के प्रधान, उप प्रधान एवं सदस्यों को मासिक नियमित भते दिये जायें। प्रत्येक ग्राम पंचायत में वार्ड स्तर पर वार्ड सभा का गठन किया जाय।
मुख्यमंत्री ने बिहार ग्राम स्वराज योजना सोसायटी के अधीन कर्मियों के रिक्त पदों की जानकारी ली और निर्देश दिया कि रिक्तियों को शीघ्र भरे जाने की कार्रवाई भी की जाय। उन्होंने कहा कि विकास योजनाओं के लिये औसतन एक ग्राम पंचायत को प्रतिवर्ष 45 लाख रूपये की राशि उपलब्ध होगी। अन्य स्रोतों से प्राप्त राशि को इसमें सम्मिलित करते हुये ग्राम पंचायत विकास कार्यों का सूत्रण एवं कार्यान्वयन गुणवता के साथ करायी जाय। पंचायतों के सुदृढ़ीकरण हेतु पंचायत अभियंत्रण संगठन के गठन के प्रस्ताव पर भी विस्तृत चर्चा बैठक में की गयी। आपराधिक, प्राकृतिक आपदा या हिंसक घटना या दुर्धटना में पंचायत/ग्राम कचहरी के प्रतिनिधियों की मृत्यु हो जाने की स्थिति में मृतकों के आश्रितों को वर्तमान में अनुग्रह अनुदान के रूप में एक लाख रूपये की राशि को बढ़ाकर पाॅच लाख रूपये कर दिये जाने पर भी गंभीरता से विचार किये गये।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि पंचायत समिति/जिला परिषद के प्रमुख तथा उप प्रमुख एवं अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष के पद एक साथ रिक्त हो जाने एवं किसी कारण से राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा किसी एक पद का चुनाव नहीं कराये जाने की स्थिति में संबंधित पंचायत समिति /जिला परिषद के उम्र में वरिष्ठतम सदस्य को तदर्थ व्यवस्था के अधीन बिल्कुल अस्थायी तौर पर उस समय तक के लिये प्रधान के रूप में कार्य करने हेतु प्राथमिकता दी जाय। जब तक उक्त पद के लिये राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशन एवं नियंत्रण के अधीन विधिवत निर्वाचन नहीं हो जाय। पंचायत चुनाव में उम्मीदवार होने हेतु वैयक्तिक परिवार में एक क्रियाशील शौचालय का होना अनिवार्य हो, इस पर भी विस्तार से चर्चा हुयी।
पंचायतों को स्वयं के आर्थिक संसाधन विकसित करने हेतु पंचायतों को कर/शूल्क लगाने की शक्ति प्रदान की जाय, इस पर भी गंभीरता से विचार किया गया।


Thursday, 9 April 2015

पूर्व लोकसभा अध्यक्ष श्रीमती मीरा कुमार ने मुख्यमंत्री से शिष्टाचार मुलाकात की

पटना, 09 अप्रैल 2015:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार से आज शाम उनके आवास पर पूर्व लोकसभा अध्यक्ष श्रीमती मीरा कुमार ने शिष्टाचार मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने श्रीमती मीरा कुमार का गर्मजोशी से इस्तकबाल किया। दोनों नेताओं के बीच लगभग आधे घंटे तक मुलाकात चली। श्रीमती मीरा कुमार ने मुख्यमंत्री को पुस्तक ‘इंडियन पार्लियामेंट्री डिप्लोमेसी-स्पीकर्स पर्सपेक्टिव’ भेंट की। मुख्यमंत्री ने सधन्यवाद पुस्तक को स्वीकार किया। ज्ञातव्य है कि इस पुस्तक की रचिता स्वयं श्रीमती मीरा कुमार हैं।


जापानी इंसेफ्लाइटिस की रोकथाम के लिये चैतरफा हमला बोलना होगा:- मुख्यमंत्री

 पटना, 09 अप्रैल 2015:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज दोपहर एम्स पटना में जापानी इंसेफ्लाइटिस एवं एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिन्ड्रोम जैसी बीमारियों की पहचान, लक्षण, कारण, उपचार एवं रोकथाम के लिये किये जा रहे शोध कार्यों की अद्यतन स्थिति की समीक्षा पावर प्वाईंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से की तथा इस मर्ज के कारणों एवं लक्षणों की जानकारी ली। इस अवसर पर निदेशक एम्स श्री जी0के0 सिंह, प्रधान सचिव आपदा श्री ब्यासजी, प्रधान सचिव खान एवं भूतत्व श्री शिशिर सिन्हा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डाॅ0 धर्मेन्द्र सिंह गंगवार, प्रधान सचिव स्वास्थ्य श्री ब्रजेश मेहरोत्रा, मुख्यमंत्री के सचिव श्री चंचल कुमार, सचिव स्वास्थ्य श्री आनंद किशोर, आयुक्त मगध प्रमण्डल श्री आर0के0 खंडेलवाल, आयुक्त तिरहुत प्रमण्डल मुजफ्फरपुर श्री आलोक कुमार, जिलाधिकारी पटना श्री अभय कुमार सिंह, जिलाधिकारी गया श्री संजय कुमार अग्रवाल, जिलाधिकारी मुजफ्फरपुर श्री अनुपम कुमार, यूनिसेफ के राज्य प्रतिनिधि श्री यामिन मजूमदार सहित मुजफ्फरपुर, गया एवं पटना मेडिकल काॅलेज के वरीय चिकित्सकों ने भाग लिया।
बाद में मुख्यमंत्री ने पत्रकारों के साथ वार्ता करते हुये कहा कि अनेक वर्षों से एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिन्ड्रोम के बीमारी के लक्षणों के तरह की बीमारी मुजफ्फरपुर, गया एवं राज्य के अन्य जगहों में गर्मी के मौसम में हो रही है, जिसको लेकर सरकार काफी परेशान एवं चिन्तित रहती है। बीमारी होती कैसे है, बीमारी है क्या, इस पर अनेक प्रकार की राय है। इस मर्ज की रोकथाम के लिये काफी प्रयास हो रहे हैं। जापानी इंसेफ्लाइटिस के केस तुलनात्मक रूप से कम हो रहे हैं।
पिछले साल इस मर्ज की रोकथाम के लिये टास्क फोर्स बनाया था, एस0ओ0पी0 (स्टैंडर्ड आॅपरेटिंग प्रोसिज्योर) बनाया गया, जिसके हिसाब से चिकित्सा में सहुलियत हो रही है। इस मर्ज के कारणों, लक्षणों एवं उपचार के लिये एम्स तथा आर0एम0आर0आई0 शोध कर रहा है। जिनलोगों ने इस क्षेत्र में अध्ययन किया है, उन सबों ने आज अपनी राय रखी है। बीमारी क्या हेाती है और क्यों हो रही है, इस पर किसी निश्चित नतीजे पर विशेषज्ञ नहीं पहुॅचे हैं। इसकी जानकारी के लिये एक संयुक्त शोध टीम बनानी चाहिये, जिसमें एम्स, आर0एम0आर0आई0, पटना मेडिकल काॅलेज, एस0के0एम0सी0एच0 मुजफ्फरपुर, अनुग्रहण नारायण मेडिकल काॅलेज गया, केजरीवाल अस्पताल मुजफ्फरपुर और जो भी इस मर्ज की रोकथाम के लिये शोध कर रहे हैं या इलाज में लगे हैं, उन सभी संस्थानों को मिलाकर एक संयुक्त शोध टीम बनाये जाने का आज फैसला लिया है। यूनिसेफ भी इसमें सहयोग करेगा, शोध के काम में सबको इनवाॅल्व कराया जायेगा ताकि इस मर्ज पर पूरी तरह से नियंत्रण पाया जा सके। बिहार सरकार इस शोध कार्य में जो आवश्यक होगी, वह सहायता करेगी तथा राज्य का स्वास्थ्य विभाग सभी संस्थानों से समन्वय कराने में सहयोग करेगा। जापानी इंसेफ्लाइटिस या इससे मिलते-जुलते लक्षण वाले बीमारियों को रोकने के लिये हमें हर चीज पर एक साथ कारगर रूप से हमला बोलना होगा। प्रचार-प्रसार पर भी ध्यान देना होगा। स्वच्छता पर ध्यान देना होगा, शुद्ध पेयजल की व्यवस्था करनी होगी तथा हाथ धोकर ही खाना खाने के लिये लेागों को प्रेरित करना होगा। कुपोषण से भी लोगों को बचाना होगा। वैज्ञानिकों ने अपने शोध में यह पाया है कि इस बीमारी का कारण गंदगी एवं कुपोषण भी है।
जनता दल परिवार के विलय से जुड़े पत्रकारों के एक प्रश्न के उतर में मुख्यमंत्री ने कहा कि जदयू विधायक दल ने विलय के प्रस्ताव पर प्रसन्नता व्यक्त की है तथा अपनी सहमति जतायी है। पार्टी की तरफ से निर्णय लेने के लिये जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री शरद यादव एवं मुझे विधायक दल ने अधिकृत किया है। विलय की तिथि से जुड़े प्रश्न के उतर में मुख्यमंत्री ने कहा कि विलय की तिथि की घोषणा आदरणीय श्री मुलायम सिंह यादव जी द्वारा की जायेगी।


Wednesday, 8 April 2015

मीडिया लोकतंत्र का चैथा स्तंभ है:- मुख्यमंत्री

पटना, 08 अप्रैल 2015:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने विधानसभा परिसर में पत्रकारों द्वारा पूछे जाने पर कहा कि मीडिया लोकतंत्र का चैथा स्तंभ है। लोकतंत्र   मजबूती के लिये मीडिया आवश्यक है। मीडिया के ऊपर कोई आरोप नहीं लगाना चाहिये।मीडिया की स्वतंत्रता आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मीडिया में आयी बात किसी को अच्छा लगे या नहीं लगे, अपनी जगह पर है। मीडिया की जो भूमिका है, वह भूमिका प्रभावी ढ़ंग से निभाया जाना चाहिये, नहीं तो लोकतंत्र कमजोर हो जायेगा। मीडिया के बारे में कोई कुछ भी बोले यह उचित नहीं है। मीडिया को अपनी भूमिका अदा करने की छूट है। इसे अपनी भूमिका अदा करनी चाहिये।

Tuesday, 7 April 2015

सम्पूर्ण टीकाकरण में राज्य को सर्वश्रेष्ठ पाॅच स्थानों के अंदर रखने का लक्ष्य निर्धारित किया है:- मुख्यमंत्री

पटना, 07 अप्रील 2015:- मानव विकास मिशन के अन्तर्गत सम्पूर्ण टीकाकरण में राज्य को देश के सर्वश्रेष्ठ पाॅच स्थानों के अंदर लाये जाने और उस पर बरकरार रहने का लक्ष्य निर्धारित किया है, इसके लिये पल्स पोलियो अभियान के तर्ज पर सम्पूर्ण टीकाकरण हेतु मिशन इन्द्रधनुष को चलाना होगा। मुझे पूरा विश्वास है कि हमारा पूरा स्वास्थ्य महकमा के साथ-साथ यूनिसेफ, डब्लू0एच0ओ0 एवं अन्य सभी विकास से जुड़ी संस्थाओं की कड़ी मेहनत से हम मिशन इन्द्रधनुष के आगामी पाॅच वर्षों के लक्ष्य को निश्चित रूप से हल कर पायेंगे। इसके लिये 14 जिलों में सभी प्रारंभिक तैयारियाॅ पूरी कर ली गयी है। आज मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार मुख्यमंत्री सचिवालय के संवाद सभाकक्ष में स्वास्थ्य विभाग और यूनिसेफ द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित सम्पूर्ण टीकाकरण हेतु मिशन इन्द्रधनुष का शुभारंभ दीप प्रज्जवलित कर कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज मिशन इन्द्रधनुष का शुभारंभ हो रहा है, यह एक राष्ट्रीय कार्यक्रम है। इस मिशन के अन्तर्गत पहले चरण में वैसे जिलों को चिह्नित किया गया है, जिनमें देश के कुल टीकारहित या आंशिक रूप से प्रतिरक्षित बच्चों में से पचास प्रतिशत बच्चे रहते हैं। इसमें बिहार के 14 जिले यथा- अररिया, किशनगंज, कटिहार, सहरसा, दरभंगा, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, बेतिया, पटना, गया, जमुई एवं बेगूसराय आते हैं। इन 14 जिलों पर सम्पूर्ण टीकाकरण का विशेष अभियान चलाया जायेगा। इसकी शुरूआत आज की गयी है। विगत नौ वर्षों में राज्य ने टीकाकरण के क्षेत्र में काफी अच्छी प्रगति की है। पल्स पोलियो का अभियान पूरी जिम्मेदारी से राज्य में चलाया गया। डब्लू0एच0ओ0, यूनिसेफ ने मुझसे पल्स पोलियो अभियान में विशेष रूचि लेने का अनुरोध किया था। मैंने राज्य के सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि व्यक्तिगत जिम्मेदारी लेकर इस अभियान को चलायें। अभियान को पूरी सफलता के साथ चलाया गया, जिसके परिणामस्वरूप तीन वर्षों से राज्य में पोलियो का कोई केस नहीं मिल रहा है। प्रतिदिन अभियान में लगे लोग अपना काम पूरा करने के बाद तय कार्यक्रमों के अलावा आगे क्या करना है, पर चर्चा करते थे। रूटिन इमुनाइजेशन की स्थिति मात्र 12 प्रतिशत थी। रूटिन इमुनाइजेशन ने गति पकड़ी और आज इस क्षेत्र में काफी अच्छी उपलब्धि है। नियमित टीकाकरण के लिये मैंने लक्ष्य रखा है कि राज्य को प्रथम सर्वश्रेष्ठ पाॅच स्थानों के अंदर रहना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नियमित टीकाकरण शिशुओं की जिन्दगी बचाने का सबसे प्रभावी असरदार और किफायती साधन है। पिछले दस वर्षों में नियमित टीकाकरण के क्षेत्र में काफी प्रगति हुयी है। आज अथक प्रयास और कुशल प्रबंधन के कारण बिहार में नियमित टीकाकरण का आच्छादन राष्ट्रीय औसत से अधिक है, जिसके कारण शिशु मृत्यु दर भी घटा है। बिहार वर्तमान में राष्ट्रीय औसत के बराबर है परन्तु हमारा लक्ष्य हर बच्चे तक पहुॅचने का है। किसी को भी टीकाकरण से वंचित नहीं रखा जाना है। जिस तरह पोलियो अभियान में नारा दिया गया था कि एक बच्चा भी छूटा, सुरक्षा चक्र टूटा, इसे इस अभियान में भी लागू करें। अभियान के माध्यम से अगले पाॅच वर्षों में नब्बे प्रतिशत बच्चो का सम्पूर्ण टीकाकरण आच्छादन का विस्तार करने के उपाय पर केन्द्रित है। मिशन इन्द्रधनुष के अन्तर्गत विशेष टीका अभियान में टीकाकरण से वंचित एवं आंशिक रूप से प्रतिरक्षित बच्चों को लक्षित किया जाना है ताकि इन बच्चों को टीवी, गलघोंटू, काली खाॅसी, टेटनस, हेपेटाइटीस बी, हिमोफिलस, इंफ्लुएंजी टाईप बी, खसरा एवं जापानी इंसेफ्लाइटिस जैसी जानलेवा विकलांगता पैदा करने वाली बीमारियों से बचाया जा सके। टीकाकरण के क्षेत्र में लगातार किये जा रहे अध्ययनों से यह पता लगता है कि अधिकतर परिवार टीके के जानकारी के अभाव, टीकाकरण स्थल की जानकारी का अभाव एवं दुष्प्रभाव के डर से बच्चों को टीका नहीं दिलाते हैं। स्वास्थ्य सेवाओं को चुस्त-दुरूस्त करने के साथ-साथ हमारा ध्यान परिवार एवं समुदायों को टीकाकरण के महत्व और इसके फायदे के प्रति जागरूक करने का होना चाहिये। टीकाकरण पर ध्यान देंगे और नियमित रूप से सभी बच्चों का टीका करायेंगे तो इलाज पर बहुत कम खर्च होगा। अगर शुरू में ठीक ढ़ंग से बीमारी से बचाव का प्रबंधन कर दें तो बीमारियाॅ कम होगी और लोगों को बीमारियों से बचाया जा सकेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मेडिकल साइंस को अनेक तरह की चुनौतियाॅ हैं। इमुनाइजेशन कर दें तो बीमारी कम हो जायेगी। उन्होंने कहा कि एम्स पटना बन गया है। मात्र 22 विभाग, फैकल्टी से ये नहीं चलेगा, यहाॅ पर सारी सुविधा एवं सारी फैकल्टी होनी चाहिये। शोध के क्षेत्र में भी यहाॅ पर काम होते रहना चाहिये। मैं इस अभियान से काफी आशान्वित हूॅ। इसके लिये उपबंधित राशि से ज्यादा राशि की जरूरत होगी तो उसका भी इंतजाम किया जायेगा। उन्होंने मिशन इन्द्रधनुष से स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, आशा, ममता, ए0एन0एम0, आॅगनबाड़ी बहनों को जोड़ने की भी आवश्यकता बतायी।
समारोह की अध्यक्षता स्वास्थ्य मंत्री श्री रामधनी सिंह ने किया। उन्होंने कहा कि आज राज्य के 14 जिले जहाॅ प्रतिरक्षण का प्रतिशत कम है, उसमें टीकाकरण को बेहतर करने हेतु मिशन इन्द्रधनुष का शुभारंभ किया जा रहा है। इस मिशन का नाम इन्द्रधनुष इसलिये रखा गया है कि इन्द्रधनुष में सात रंग होते हैं और ये सात बीमारियों- टीवी, पोलियो, गलघोंटू, काली खाॅसी, टेटनस, हेपेटाइटीस बी एवं खसरा से बचाव के टीके हैं। अभियान के दौरान जिरो से दो वर्ष के बच्चे एवं गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया जायेगा। जिनका कोई भी टीका देना शेष रह गया है लेकिन यदि कोई दो वर्ष से अधिक उम्र का बच्चा जिसका कोई भी टीका छूटा हुआ है और सत्र स्थल पर आता है तो उसे भी टीका दिया जायेगा।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम के सफल संचालन हेतु दस मार्च को राज्यस्तरीय कार्यशाला की जा चुकी है। 14 जिलों में जिलास्तरीय कार्यशाला का आयोजन हेा चुका है। सभी ए0एन0एम0, आशा, आॅगनबाड़ी सेविका एवं अन्य का प्रशिक्षण किया जा चुका है। सभी जिले में माइक्रोप्लान बनाये जा चुके हैं। इसमें लगभग 8400 सत्र स्थलों का आयोजन किये जाने का लक्ष्य है। सभी जिलों के क्षेत्रीय पदाधिकारी द्वारा इस कार्यक्रम का पर्यवेक्षण एवं अनुश्रवण की जायेगी।
हमारे देश में चलने वाले नियमित टीकाकरण कार्यक्रम दुनिया के सबसे बड़े कार्यक्रमों में से एक है, जिसमें प्रतिवर्ष 2.7 करोड़ बच्चों का टीकाकरण होता है। बिहार में यह संख्या 28 लाख से ऊपर है। जानलेवा बीमारियों के लिये उच्च टीकाकरण कवरेज स्तरों के बावजूद भारत का सम्पूर्ण टीकाकरण का आच्छादन नवीनतम सर्वेक्षण ए0एच0एस0: 12-13 के अनुसार 65.2 प्रतिशत है, जबकि बिहार का सम्पूर्ण टीकाकरण का प्रतिशत 69.9 है, जो राष्ट्रीय औसत से अधिक है।
प्रधान सचिव स्वास्थ्य श्री ब्रजेश मेहरोत्रा ने स्वागत भाषण करते हुये कहा कि मिशन इन्द्रधनुष के तहत 14 जिले चिह्नित किये गये हैं। जिनका सम्पूर्ण टीकाकरण प्रतिशत कम है। यह अभियान अगले चार महीने में प्रत्येक माह सात दिन चलाये जायेंगे एवं इस अभियान के बीच कम से कम चार सप्ताह का अंतर रखा जायेगा। मिशन इन्द्रधनुष के तहत हम इन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। जहाॅ स्वास्थ्य उपकेन्द्र खाली हैं, पिछले तीन महीने से वहाॅ ए0एन0एम0 की पदस्थापना नहीं हुयी है, ऐसे गाॅव तथा टोले जहाॅ तीन या उससे ज्यादा बार नियमित टीकाकरण सत्र का आयोजन किन्ही कारणों से नहीं हो पाया है, वैसे क्षेत्र जो पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम द्वारा उच्च जोखिम वाले क्षेत्र के रूप में चिह्नित हैं एवं वैसे क्षेत्र जहाॅ टीकाकरण का आच्छादन अभी कम है।
प्रधान सचिव श्री ब्रजेश मेहरोत्रा ने बताया कि इस अभियान के तहत आशा एवं आॅगनबाड़ी बहनों द्वारा घर-घर का सर्वेक्षण कराया जा रहा है। विशेष मोबाइल दलों द्वारा बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया जा रहा है। कोल्ड चेन मैनेजमेंट को और बेहतर किया जा रहा है। आई0सी0डी0एस0 एवं शिक्षा विभाग के साथ समन्वय स्थापित किया गया है। नियमित रूप से फाॅलोअप किया जा रहा है। सभी की जिम्मेदारी तय कर दी है। टास्क फोर्स की बैठक आयोजित की जा रही है। उन्होंने प्रिन्ट एवं इलेक्ट्राॅनिक मीडिया से विशेष रूप से आग्रह किया कि वे नियमित टीकाकरण के लाभों को अपने माध्यम से परिवारों एवं समुदाय तक पहुचायें। अंधविश्वास एवं भ्रांतियों को दूर करने में सरकार का सहयोग करें।
इस अवसर पर सचिव स्वास्थ्य श्री आनंद किशोर, राज्य प्रतिनिधि यूनिसेफ श्री यामिन मजूमदार एवं श्री एन0के0 सिन्हा ने भी समारोह को संबोधित किया और मिशन इन्द्रधनुष पर विस्तार से चर्चा की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री डी0एस0 गंगवार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री चंचल कुमार, निदेशक एम्स श्री जी0के0 सिंह सहित अनेक सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ता उपस्थित थे। धन्यवाद ज्ञापन अपर कार्यपालक निदेशक श्री राहुल कुमार ने किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री एवं अन्य विशिष्ट अतिथियों को प्रधान सचिव स्वास्थ्य श्री ब्रजेश मेहरोत्रा ने स्मृति चिह्न भेंटकर सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर मिशन इन्द्रधनुष के लोगों का अनावरण, पत्रिका का अनावरण, पोस्टर का अनावरण एवं विज्ञापन का अनावरण किया तथा अभियान के प्रचार के लिये बनायी गयी लघु फिल्म का भी अवलोकन किया।


जो खबर पढ़ी है, उसके हिसाब से भाजपा की पैकेज नहीं पैकेजिंग की योजना है:- मुख्यमंत्री

पटना, 07 अप्रील 2015:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज दोपहर संवाद सभाकक्ष में स्वास्थ्य विभाग की एक बैठक की समाप्ति के बाद पत्रकारों के साथ वार्ता की। पत्रकारों द्वारा बिहार को विशेष सहायता देने के लिये केन्द्रीय वित मंत्री श्री अरूण जेटली की अध्यक्षता में हुयी बैठक से जुड़े प्रश्न के उतर में मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सबको मालूम है कि मैंने आदरणीय प्रधानमंत्री जी से मुलाकात कर एक ज्ञापन सौंपा था, जिसमें बिहार की जरूरतों का जिक्र किया है और 14वें वित आयोग के अनुशंसा के कारण बिहार को होने वाली आर्थिक कठिनाइयों से अवगत कराया है। दो दिनों के बाद मैंने इस ज्ञापन को सार्वजनिक भी कर दिया था। योजना मद और अलग-अलग तरह की सहायता के लिये जो आर्थिक ट्रांसफर होना था, उसमें आ रही कमी से प्रधानमंत्री जी को अवगत कराया है। प्रधानमंत्री जी ने ज्ञापन पर गौर करने का आश्वासन भी दिया था। बिहार को झारखण्ड के निर्माण के कारण विशेष सहायता मिलती है। बी0आर0जी0एफ0 (बैकवर्ड रिजन ग्रांट फंड) के तहत मिल रहे बारह हजार करोड़ रूपये के बंद हो जाने का खतरा उत्पन्न हो गया है। इस राशि का मिलना बंद नहीं किया जा सकता है क्योंकि यह राशि बिहार राज्य पुनर्गठन विधेयक के तहत बिहार को दी जाती है। इसे राज्य सरकार को तत्काल देने का इंतजाम करना चाहिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने सर्वदलीय बैठक भी बुलायी थी, जिसमें सभी दल के प्रतिनिधि मात्र भाजपा को छोड़कर सम्मिलित हुये थे। उस बैठक में सहमति बनी थी कि बिहार को अपनी जरूरतों के मद्देनजर एक ज्ञापन प्रधानमंत्री जी को देना चाहिये। मुझे मालूम हुआ है कि इस दिशा में कुछ कार्रवाई चल रही है। खबर पढ़ी है, जिसके हिसाब से पैकेज नहीं, पैकेजिंग की बात की जा रही है। वित मंत्री जी की अध्यक्षता में हुयी बैठक की ब्रिफिंग भी राजनीतिक नजरीये से की गयी है। यह भाजपा की पैकेजिंग की योजना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसमें अल्ट्रा मेगा पावर प्रोजेक्ट की बात कही गयी है। इस योजना की स्वीकृति श्री सुशील कुमार शिंदे ने सैद्धांतिक रूप से दी थी। पानी और जमीन को चिह्नित करने की बात चल रही है। मोकामा राजेन्द्र सेतु के बराबर में एक नया पुल बनाने की बात की गयी है। आज से चार साल पहले बताया जा चुका है कि मोकामा में एक ब्रिज बनेगा। इसी तरह से बरौनी फर्टिलाइजर कारखाने को चलाने की बात है। इसके लिये बिजली के बकाये को बेव करने की बात की गयी थी। अलग-अलग जो काम रूके हुये हैं, सबको मिला-जुलाकर एक साथ पैकेजिंग कर देना है। हमें खुशी है कि बिहार के लिये जितना हो सके, हो जाय। बिहार की जनता की विशेष माॅग है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिये। विशेष राज्य का दर्जा मिलने पर यहाॅ पर कल-कारखाना लगाने पर केन्द्रीय करों में छूट मिलेगी। साथ ही केन्द्रीय योजना में राज्य को कम अंशदान लगाने होंगे। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले, यह हमारी पुरानी माॅग है। बिहार को आॅध्रप्रदेश के तर्ज पर विशेष सहायता मिले। वे पैकेजिंग में लगे हुये हैं, हम बिहार की माॅग को पहुॅचाने में लगे हुये हैं।
झारखण्ड प्रदेश में स्थानीय नीति को लेकर अन्य राज्यों के लोगों को रोजगार में तरजीह नहीं दिये जाने एवं स्थानीय नीति से जुड़े एक प्रश्न के उतर में मुख्यमंत्री ने कहा कि इसका तो जवाब भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को देना चाहिये। बिहार का एक हिस्सा झारखण्ड बना, झारखण्ड के लोग यहाॅ नौकरी पाना चाहते हैं तो कोई रूकावट नहीं है, झारखण्ड में रूकावट क्यों। नौकरियों को सिर्फ प्रदेश के लिये सीमित नहीं रखी जा सकती है, फिर भी इस तरह की घोषणा कर रहे हैं, इसके लिये भाजपा को जवाब देना चाहिये। बात करते हैं देश के लिये, मगर बाॅटने वाली बात कैसे करते हैं। उनकी सरकार ने पूर्ण बहुमत का जुगाड़ कर लिया है। झारखण्ड विधानसभा में जीत का दावा करते हैं बल्कि ये जीत नहीं हार है। लोकसभा चुनाव में 56 विधानसभा क्षेत्र में बढ़त थी, जबकि विधानसभा चुनाव में यह घटकर 37 हो गयी। 20 सीट पीछे चले गये। शान से झारखण्ड में जीत की दुहाई देते हैं। भाजपा विरोधियों के बीच गठबंधन नहीं हुआ, इसका फायदा उनको मिल गया। इस तरह की बात कर मौलिक अधिकार का हनन कर रहे हैं। हमलोग इसे पूरी तरह से अमान्य करते हैं। उन्होंने कहा कि हम तो सबको बुला रहे थे, वे नहीं आये। लोगों की सेवा से मतलब नहीं, भाजपा के एक-एक नेता का अलग-अलग बयान होता है। अगर चार-पाॅच महीने का बयान एक कर देखें तो इसमें द्वंद (मतभेद) सामने आयेगा।


Monday, 6 April 2015

जननायक चैधरी देवी लाल जी का आदर्श और सामाजिक संघर्ष समाज के लिए प्रेरणा श्रोत रहेगा - श्री नीतीश कुमार

नई दिल्ली, 06 अप्रैल: श्री नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार ने कहा है कि जननायक चैधरी देवीलाल जी का आदर्श, किसानों की समस्या, देश की आजादी तथा समतामूलक विचारधारा सतत् ही हमारी प्रेरणाश्रोत रहेगी। श्री कुमार ने कहा कि समाज के दवे-कुचले वर्ग के सर्वांंगीण विकास की दिशा में स्थापित अमिट छाप अमर रहेगा। श्री कुमार ने कहा कि चैधरी देवीलाल जी द्वारा स्वतंत्रता संग्राम में किए गए त्याग को भुलाया नहीं जा सकता।
मुख्यमंत्री श्री कुमार ने आज नई दिल्ली स्थित ‘‘संघर्ष स्थल‘‘ पर जननायक चैधरी देवी लाल जी की ‘‘14वीं पुण्यतिथि‘‘ के अवसर पर आयोजित ‘‘सर्वधर्म प्रार्थना सभा‘‘ में भाग लेते हुए समाधि स्थल पर माल्यार्पण कर श्रद्वांजलि अर्पित की। श्री कुमार ने कहा कि जननायक चैधरी देवी लाल देश की आजादी, किसानों की कठिनाई तथा सामाजिक असमानता दूर करने हेतु आजीवन संघर्षरत् रहे। चैधरी देवी लाल द्वारा स्थापित लोकदल एवं उनके द्वारा प्रारम्भ किया गया ‘‘न्याय युद्व‘‘ ने जनसमूहों में उनकी ख्याति शुमार कर दी।
श्री कुमार ने कहा कि जननायक ने दो बार हरियाणा के मुख्यमंत्री तथा दो बार उप-प्रधानमंत्री रहने के बाबजूद अपनी पहचान धरती पुत्र के रूप में बनाए रखा। जननायक की पहचान मंझे हुए राजनीतिज्ञ, किसानों के जनक और दवे कुचले वर्ग के उत्थान  के रूप में सदा ही बनी रहेगी।
आहुत सर्वधर्मं प्रार्थना सभा में सर्वश्री मुलायम सिंह यादव, राष्ट्रीय अध्यक्ष, समाजवादी पार्टी, श्री शरद यादव, राष्ट्रीय अध्यक्ष, जनतादल (यूनाइडेट), श्री अजय चैटाला, भारतीय राष्ट्रीय लोकदल, श्री के.सी.त्यागी, प्रधान महासचिव, जनता दल (यूनाइटेड) सहित समाज के सभी वर्गों के विशिष्ट महानुभावों ने भाग लिया।
श्री कुमार आज सर्वधर्म प्रार्थना सभा से वापस लौटने के उपरान्त पटना, बिहार के लिए प्रस्थान कर गए

दिल्ली जाने का मुख्य मकसद राज्यों के मुख्यमंत्रियों एवं उच्च न्याायलय के जजों के सम्मेलन में भाग लेना था:- मुख्यमंत्री

पटना, 06 अप्रील 2015:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज शाम विधानसभा प्रांगण में पत्रकारों से वार्ता की। पत्रकारों द्वारा दिल्ली जाने के प्रयोजन से जुड़े प्रश्न के उतर में मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली जाने का मुख्य मकसद राज्यों के मुख्यमंत्रियों एवं उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिशों के सम्मेलन में भाग लेना था। परंपरा के अनुसार बैठक की पूर्व संध्या पर प्रधानमंत्री जी के यहाॅ आयोजित रात्रि भोज में भाग लिया। उन्होंने कहा कि कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच विभिन्न प्रकार की समस्यायें आती है। सबको न्याय मिलना चाहिये, विषय पर चर्चायें होती है। जो न्याय व्यवस्था है, उसके अन्तर्गत सबकी पहुॅच न्याय को सुगम रूप से पाने के लिये होनी चाहिये, पर विचार होते हैं। कर्मियों की कमी हो या बुनियादी ढ़ाॅचों की कमियों या अन्य मामलों पर भी विचार बैठक में होते हैं। न्यायिक व्यवस्था सुदृढ़ होनी चाहिये, कर्मियों, बुनियादी ढ़ाॅचे या अन्य तरह की कमियों की पूर्ति होनी चाहिये।
जनता दल परिवार के विलय से जुड़े एक प्रश्न के उतर में मुख्यमंत्री ने कहा कि विलय को लेकर श्री मुलायम सिंह यादव और श्री शरद यादव जी के साथ दिल्ली में चर्चा हुयी है। विलय की प्रक्रिया आगे बढ़ गयी है। राजद ने विलय के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है। कल राजद के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में इस आशय की घोषणा राजद सुप्रीमो श्री लालू प्रसाद ने की है। यह एक ठोस और प्रभावी कदम है। सभी दल सैद्धांतिक रूप से सहमत हैं। हमलोगों ने श्री मुलायम सिंह यादव जी को विलय के लिये अधिकृत कर दिया है। विलय के लिये पक्षों ने अपनी राय बना ली है। श्री मुलायम सिंह यादव जी विलय के लिये दो बैठक बुला चुके हैं। अंतिम बैठक में उनको विलय की प्रक्रिया पूरी करने के लिये प्राधिकृत किया गया है। इस विषय पर वे औपचारिक बैठक बुलायेंगे। विलय की प्रक्रिया चल रही है। जदयू पहले से ही सहमत है, औपचारिक घोषणा के बाद आवश्यक औपचारिकता पूरी करनी होगी, कर लेंगे। मेरी समझ में श्री मुलायम सिंह यादव जी को बैठक बुलाने में ज्यादा समय नहीं लगेगा। सारी बातों पर चर्चा हो चुकी है और हो रही है। सबलोगों से बातचीत कर श्री मुलायम सिंह यादव औपचारिक बैठक बुलायेंगे। तकनिकी प्रक्रिया पूरी करते हुये श्री मुलायम सिंह यादव औपचारिक एलान के लिये अधिकृत हैं। मन बना हुआ है, जिस दिन बैठक होगी, उसके बाद सब कुछ हो जायेगा। औपचारिक, अनौपचारिक रूप से चर्चायें हो चुकी है। ज्ञातव्य है कि आज मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार दो दिवसीय दिल्ली कार्यक्रम के बाद आज दोपहर पटना वापस लौटे हैं।