पटना, 02 अप्रील 2015:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज वैशाली महोत्सव 2015 के उद्घाटन समारोह में एक महती सभा को संबोधित करते हुये कहा कि वैशाली महोत्सव, बोधगया महोत्सव की तरह अन्तर्राष्ट्रीय महोत्सव बनेगा। उन्होंने पर्यटन विभाग को निर्देश दिया कि पर्यटन विभाग इसे अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के महोत्सव बनायें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वैशाली महोत्सव के अवसर पर वैशालीवासियों के बीच उपस्थित होकर अत्यंत प्रसन्नता एवं आनंद का अनुभव कर रहा हूॅ। पहले भी वैशाली महोत्सव के कार्यक्रम में भाग लेने का मौका मिला है, इससे हमें प्रसन्नता एवं गौरव होता है। उन्होंने कहा कि वैशाली महोत्सव बिहार सरकार के सहयोग से मनाया जाने वाला सबसे पुराना महोत्सव है। चैत महीने के शुक्ल पक्ष के त्रयोदशी के दिन भगवान महावीर का जन्मोत्सव के अवसर पर वैशाली महोत्सव मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि यह परंपरा निर्बाध रूप से जारी रहे, इसमें हर वर्ष निखार आये। वैशाली महोत्सव का आयोजन पर्यटन विभाग अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर करे। उन्होंने कहा कि वैशाली भगवान महावीर की जन्मभूमि एवं भगवान बुद्ध की कर्मभूमि है। वैशाली में राजा विशाल का गढ़ है। इसके छोटे-छोटे हिस्से में खुदाई हुयी है। वैशालीगढ़ के सम्पूर्ण खुदाई होने से इतिहास के पन्ने खुलेंगे। उन्होंने कहा कि गढ़ का तोड़फोड़ न हो इसलिये इसे पूर्णतः सुरक्षित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वैशाली राजा विशाल का गढ़ एवं लोकतंत्र की जननी है। वैशाली में जो सभासद चुनकर आते थे, अभिषेक पुष्कर्णी में डूबकी लगाने के बाद बैठक में भाग लेते थे। उन्होंने कहा कि आज शपथ लेने की जो परंपरा है, उसी तरह की यह परंपरा रही होगी। उन्होंने कहा कि भगवान महावीर ने चालीस वर्षों में से बारह वर्षावास यहीं किया था। भगवान बुद्ध ने वैशाली में ही महिलाओं को बौद्ध संघ में पहली बार प्रवेश दिलाया। यह अद्भूत धरती है, मैं इस धरती को प्रणाम करता हूॅ। हम फिर से वैशाली के इस गौरव को स्थापित करेंगे। वैशाली का पुराना इतिहास है एवं बिहार में इसका विशिष्ट स्थान है। अतीत में बिहार का गौरवशाली स्थान रहा है। बिहार के उस गौरव को हम फिर से पुनसर््थापित करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान महावीर का मंत्र अहिंसा परमो धर्म है। हम सभी लोग संकल्प लें कि आपसी सद्भाव, प्रेम, भाईचारा एवं पारस्परिक सौहार्द्र से रहें तथा बिहार को उन्नति के शिखर पर ले जायें। आज कोई धर्म की आड़ में तो अन्य की आड़ में झगड़ा करता है। अंत में हिंसा का परित्याग कर अहिंसा का सहारा लेता है। भगवान महावीर के मूल मंत्र को अंगीकार करें। हम अपना आत्मचिन्तन करें, सबके सहयोग, प्रेम एवं सद्भाव से मिल- जुलकर आगे बढ़ें। आज बिहार की स्थिति बदल रही है। पर्यटक देश ही नहीं दुनिया से खींचकर यहाॅ आते हैं। 2012 में विदेशी पर्यटकों की संख्या दस लाख से ज्यादा हो गयी। देशी पर्यटकों की संख्या बढ़कर सवा दो करोड़ हो गयी, जो पहले पचास से साठ लाख होती थी। वैशाली भगवान बुद्ध की कर्मभूमि, भगवान महावीर के जन्मभूमि, सूफी संतों की धरती एवं ऋषि, महर्षियों की भूमि है। दुनिया से प्रत्येक मूल्क के लोग बिहार आकर ज्ञान अर्जन करते थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान बुद्ध का अस्थि कलश वैशाली के जिस स्थान से प्राप्त हुआ है, वहीं अस्थि कलश को लाकर स्थापित करेंगे। यहाॅ विशाल स्तूप का निर्माण होगा। स्तूप पत्थर का बनेगा, जो हजारों हजार वर्ष तक सुरक्षित रहेगा। उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध के स्तूप को सुरक्षा के दृष्टिकोण से पटना म्यूजियम में रखा गया है। उन्होंने कहा कि 72 एकड़ में भूमि का अधिग्रहण कर यहाॅ संग्रहालय का निर्माण किया जायेगा। किसान उदारतापूर्वक जमीन दें, सरकार भरपूर मुआवजा देगी। उन्होंने कहा कि यह जो महोत्सव है, वह यहाॅ के लोगों के दिल एवं दिमाग में छाया हुआ है। यही भावना बरकरार रहनी चाहिये।
मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को धन्यवाद दिया कि जिला प्रशासन द्वारा 131 करोड़ रूपये की विभिन्न विकास योजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास कराया गया है। उन्होंने कहा कि हम संकल्प लें कि बिहार के गौरवमयी इतिहास को हम फिर से प्राप्त करेंगे। यहाॅ सब कुछ आयेगा। उन्होंने कहा कि ऊपर वाले की प्रेरणा से हम बिहार के लोगों का अधिक से अधिक काम करें, बिहार का विकास करें तो हम अपने जीवन को धन्य मानेंगे। भगवान बुद्ध एवं महावीर के संदेश को अपने जीवन में उतारें, यही सबसे बड़ी भगवान बुद्ध एवं महावीर के प्रति भक्ति एवं श्रद्धा होगी। उन्होंने जिलाधिकारी श्री बिनोद सिंह गुंजियाल को निर्देश दिया कि तीन दिनों तक वैशाली महोत्सव को मनायें। यह महोत्सव अब से तीन दिवसीय होगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 131 करोड़ रूपये की विभिन्न विकास योजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया। उन्होंने पाण्डुलिपि ‘वैशालिका’ स्मारिका तथा वैशालिक (डाॅ0 दामोदर प्रसाद अभिनंदन ग्रंथ) का विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्ज्वलित कर वैशाली महोत्सव 2015 का उद्घाटन किया तथा पवित्र कलश की स्थापना की। उन्होंने वृक्षारोपण भी किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के अलावे पर्यटन मंत्री श्री जावेद इकबाल अंसारी, विधायक श्री अच्यूतानंद, विधायक श्रीमती अन्नू शुक्ला एवं विधायक श्री सतीश कुमार ने भी सभा को संबोधित किया। सचिव पर्यटन श्रीमती हरजोत कौर बम्हरा एवं जिलाधिकारी श्री बिनोद सिंह गंुजियाल ने स्वागत भाषण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री धर्मेन्द्र सिंह गंगवार, सचिव जल संसाधन श्री दीपक कुमार सिंह, पुलिस महानिरीक्षक तिरहुत प्रक्षेत्र श्री पारसनाथ, पुलिस उप महानिरीक्षक श्री अजय कुमार मिश्रा, जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री बिरेन्द्र कुमार, पुलिस अधीक्षक श्री चंद्रिका प्रसाद, जिला जदयू अध्यक्ष श्री ओमप्रकाश कुशवाहा, जदयू प्रदेश महासचिव श्री विजय सहनी, पूर्व विधायक श्री राजकिशोर सिंह, पूर्व विधान पार्षद श्री गणेश भारती सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वैशाली महोत्सव के अवसर पर वैशालीवासियों के बीच उपस्थित होकर अत्यंत प्रसन्नता एवं आनंद का अनुभव कर रहा हूॅ। पहले भी वैशाली महोत्सव के कार्यक्रम में भाग लेने का मौका मिला है, इससे हमें प्रसन्नता एवं गौरव होता है। उन्होंने कहा कि वैशाली महोत्सव बिहार सरकार के सहयोग से मनाया जाने वाला सबसे पुराना महोत्सव है। चैत महीने के शुक्ल पक्ष के त्रयोदशी के दिन भगवान महावीर का जन्मोत्सव के अवसर पर वैशाली महोत्सव मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि यह परंपरा निर्बाध रूप से जारी रहे, इसमें हर वर्ष निखार आये। वैशाली महोत्सव का आयोजन पर्यटन विभाग अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर करे। उन्होंने कहा कि वैशाली भगवान महावीर की जन्मभूमि एवं भगवान बुद्ध की कर्मभूमि है। वैशाली में राजा विशाल का गढ़ है। इसके छोटे-छोटे हिस्से में खुदाई हुयी है। वैशालीगढ़ के सम्पूर्ण खुदाई होने से इतिहास के पन्ने खुलेंगे। उन्होंने कहा कि गढ़ का तोड़फोड़ न हो इसलिये इसे पूर्णतः सुरक्षित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वैशाली राजा विशाल का गढ़ एवं लोकतंत्र की जननी है। वैशाली में जो सभासद चुनकर आते थे, अभिषेक पुष्कर्णी में डूबकी लगाने के बाद बैठक में भाग लेते थे। उन्होंने कहा कि आज शपथ लेने की जो परंपरा है, उसी तरह की यह परंपरा रही होगी। उन्होंने कहा कि भगवान महावीर ने चालीस वर्षों में से बारह वर्षावास यहीं किया था। भगवान बुद्ध ने वैशाली में ही महिलाओं को बौद्ध संघ में पहली बार प्रवेश दिलाया। यह अद्भूत धरती है, मैं इस धरती को प्रणाम करता हूॅ। हम फिर से वैशाली के इस गौरव को स्थापित करेंगे। वैशाली का पुराना इतिहास है एवं बिहार में इसका विशिष्ट स्थान है। अतीत में बिहार का गौरवशाली स्थान रहा है। बिहार के उस गौरव को हम फिर से पुनसर््थापित करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान महावीर का मंत्र अहिंसा परमो धर्म है। हम सभी लोग संकल्प लें कि आपसी सद्भाव, प्रेम, भाईचारा एवं पारस्परिक सौहार्द्र से रहें तथा बिहार को उन्नति के शिखर पर ले जायें। आज कोई धर्म की आड़ में तो अन्य की आड़ में झगड़ा करता है। अंत में हिंसा का परित्याग कर अहिंसा का सहारा लेता है। भगवान महावीर के मूल मंत्र को अंगीकार करें। हम अपना आत्मचिन्तन करें, सबके सहयोग, प्रेम एवं सद्भाव से मिल- जुलकर आगे बढ़ें। आज बिहार की स्थिति बदल रही है। पर्यटक देश ही नहीं दुनिया से खींचकर यहाॅ आते हैं। 2012 में विदेशी पर्यटकों की संख्या दस लाख से ज्यादा हो गयी। देशी पर्यटकों की संख्या बढ़कर सवा दो करोड़ हो गयी, जो पहले पचास से साठ लाख होती थी। वैशाली भगवान बुद्ध की कर्मभूमि, भगवान महावीर के जन्मभूमि, सूफी संतों की धरती एवं ऋषि, महर्षियों की भूमि है। दुनिया से प्रत्येक मूल्क के लोग बिहार आकर ज्ञान अर्जन करते थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान बुद्ध का अस्थि कलश वैशाली के जिस स्थान से प्राप्त हुआ है, वहीं अस्थि कलश को लाकर स्थापित करेंगे। यहाॅ विशाल स्तूप का निर्माण होगा। स्तूप पत्थर का बनेगा, जो हजारों हजार वर्ष तक सुरक्षित रहेगा। उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध के स्तूप को सुरक्षा के दृष्टिकोण से पटना म्यूजियम में रखा गया है। उन्होंने कहा कि 72 एकड़ में भूमि का अधिग्रहण कर यहाॅ संग्रहालय का निर्माण किया जायेगा। किसान उदारतापूर्वक जमीन दें, सरकार भरपूर मुआवजा देगी। उन्होंने कहा कि यह जो महोत्सव है, वह यहाॅ के लोगों के दिल एवं दिमाग में छाया हुआ है। यही भावना बरकरार रहनी चाहिये।
मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को धन्यवाद दिया कि जिला प्रशासन द्वारा 131 करोड़ रूपये की विभिन्न विकास योजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास कराया गया है। उन्होंने कहा कि हम संकल्प लें कि बिहार के गौरवमयी इतिहास को हम फिर से प्राप्त करेंगे। यहाॅ सब कुछ आयेगा। उन्होंने कहा कि ऊपर वाले की प्रेरणा से हम बिहार के लोगों का अधिक से अधिक काम करें, बिहार का विकास करें तो हम अपने जीवन को धन्य मानेंगे। भगवान बुद्ध एवं महावीर के संदेश को अपने जीवन में उतारें, यही सबसे बड़ी भगवान बुद्ध एवं महावीर के प्रति भक्ति एवं श्रद्धा होगी। उन्होंने जिलाधिकारी श्री बिनोद सिंह गुंजियाल को निर्देश दिया कि तीन दिनों तक वैशाली महोत्सव को मनायें। यह महोत्सव अब से तीन दिवसीय होगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 131 करोड़ रूपये की विभिन्न विकास योजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया। उन्होंने पाण्डुलिपि ‘वैशालिका’ स्मारिका तथा वैशालिक (डाॅ0 दामोदर प्रसाद अभिनंदन ग्रंथ) का विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्ज्वलित कर वैशाली महोत्सव 2015 का उद्घाटन किया तथा पवित्र कलश की स्थापना की। उन्होंने वृक्षारोपण भी किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के अलावे पर्यटन मंत्री श्री जावेद इकबाल अंसारी, विधायक श्री अच्यूतानंद, विधायक श्रीमती अन्नू शुक्ला एवं विधायक श्री सतीश कुमार ने भी सभा को संबोधित किया। सचिव पर्यटन श्रीमती हरजोत कौर बम्हरा एवं जिलाधिकारी श्री बिनोद सिंह गंुजियाल ने स्वागत भाषण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री धर्मेन्द्र सिंह गंगवार, सचिव जल संसाधन श्री दीपक कुमार सिंह, पुलिस महानिरीक्षक तिरहुत प्रक्षेत्र श्री पारसनाथ, पुलिस उप महानिरीक्षक श्री अजय कुमार मिश्रा, जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री बिरेन्द्र कुमार, पुलिस अधीक्षक श्री चंद्रिका प्रसाद, जिला जदयू अध्यक्ष श्री ओमप्रकाश कुशवाहा, जदयू प्रदेश महासचिव श्री विजय सहनी, पूर्व विधायक श्री राजकिशोर सिंह, पूर्व विधान पार्षद श्री गणेश भारती सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
No comments:
Post a Comment