Tuesday, 14 April 2015

बाबा विशुनाथ रावत मेला को मेला प्राधिकार के अन्तर्गत लायेंगे ताकि राजकीय मेला की तरह इस मेला का इंतजाम सुव्यवस्थित ढ़ंग से हो सके:- मुख्यमंत्री

पटना, 14 अप्रैल 2015:- बाबा विशुनाथ रावत मेला को मेला प्राधिकार के अन्तर्गत लायेंगे ताकि राजकीय मेला की तरह इस मेला के लिये सारे इंतजाम सुव्यवस्थित ढ़ंग से हो सके। विजय घाट पुल का उद्घाटन अगले महीने 15-16 मई को होगा और इस पुल का नामांकरण बाबा विशुनाथ रावत पुल के नाम पर करा देंगे। यह घोषणा आज मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने मधेपुरा जिला के चैसा प्रखण्ड अन्तर्गत लोहालगन ग्राम में बाबा विशुनाथ रावत मेला का उद्घाटन करते हुये किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने मधेपुरा जिला की 102 योजनाओं का शिलान्यास एवं उद्घाटन भी किया, जिसकी कुल प्राक्कलित राशि 13,727.186 लाख रूपये है।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर बाबा विशुनाथ मंदिर में पूजा अर्चना की तथा कहा कि उन्हें इस मेले में दूसरी बार आने का मौका मिला है। पहली बार 15 अप्रैल 2007 को वे यहाॅ आये थे। उस समय लोगों ने मिलकर कई माॅगें उनके समक्ष रखी थी। इस स्थल को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित कराये जाने की माॅग भी की थी। बाबा विशुनाथ रावत के प्रति लोगों के मन में अपार श्रद्धा है। मेले में लाखों की संख्या में लोग आते हैं और दूध चढ़ाकर अपनी श्रद्धा निवेदित करते हैं। पशुपालकों की बाबा के प्रति विशेष श्रद्धा है। बाबा विशुनाथ रावत का पशुओं से बहुत ज्यादा स्नेह एवं प्रेम था। वे पशुओं की सेवा करते थे। जब उनका देहावसान हुआ तो उनके पार्थिव शरीर को गायों ने घेर लिया और उनके स्तन से स्वतः दूध निकलने लगा। इसी दूध में बाबा प्रवाह हो गये, ऐसी लोक कथायें हैं। लाखों लोगों की आस्था उनसे जुड़ी हुयी है। आज भी वे जन-जन के प्रिय हैं। ऐसे पवित्र स्थल को पर्यटन स्थल का दर्जा नहीं दिया जायेगा तो और किसे दिया जायेगा। मेला का उद्घाटन प्रशासन ने कराया है। मेला के बेहतर आयोजन के लिये और जो कुछ किया जाना है, वह किया जायेगा, इसके लिये निर्णय लिया है कि इस मेला को मेला प्राधिकार के अन्तर्गत लायेंगे। राजस्व विभाग के नियंत्रण में मेला प्राधिकार आता है। राजस्व मंत्री श्री नरेन्द्र नारायण यादव मेला को सुसज्जित एवं आकर्षक बनाने के लिये आवश्यक प्रयास करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विजय घाट पुल की माॅग भी यहाॅ की गयी थी। माॅग के अनुसार पुल का शिलान्यास कर दिया गया। आज ही इस पुल का उद्घाटन करना चाहते थे, मगर पुल में कुछ काम बाकी रह गया है इसलिये इस पुल का उद्घाटन अगले महीने अर्थात 15- 16 मई को होगा। पुल का नामांकरण भी आप सब के माॅग के अनुसार विशुनाथ रावत पुल के रूप में करा देंगे। लगुलगुुआम सड़क का चैड़ीकरण करा दिया जायेगा। स्टेट हाईवे- 58 का चैड़ीकरण भी कराया जायेगा। बाबा विशुनाथ रावत के नाम पर और भी जो कुछ करने की जरूरत होगी, किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि विजय घाट पुल से बाबा विशुनाथ रावत धाम के सड़क का चैड़ीकरण भी होगा। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में पुल/पुलिया, स्कूल, स्वास्थ्य केन्द्र इत्यादि की व्यवस्था जरूरत के अनुसार करायी जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा विशुनाथ रावत के आदर्श को मानते हुये राज्य में हर जगह प्रेम, भाईचारा, सहिष्णुता, विश्वास का वातावरण बनाये रखें। आपसी मेल-जोल, भाईचारा से विकास का रास्ता प्रशस्त होता है और समृद्ध समाज का निर्माण होता है। उन्होंने कहा कि जब तक बिहार की तरक्की नहीं होगी, तब तक भारत की तरक्की नहीं हो सकती है। इसी तरह कोसी और मिथिलांचल की तरक्की के बिना बिहार की तरक्की नहीं हो सकती है। बेटा हो या बेटी सबको शिक्षित करें। बाबा साहब डाॅ0 भीमराव अंबेदकर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि आज उनका जन्मदिवस है। इस अवसर पर हम संकल्प लें कि शिक्षित बनेंगे, संगठित होंगे और अन्याय के खिलाफ संघर्ष करेंगे। शिक्षा के साथ-साथ कौशल पर भी ध्यान दिया जा रहा है। पाॅच वर्षों में एक करोड़ लोगों के कौशल का विकास करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। कौशल का विकास हो जायेगा तो आमदनी में वृद्धि हो जायेगी। उन्होंने कहा कि हम हर व्यक्ति के आमदनी को बढ़ाना चाहते हैं इसलिये मानव विकास पर ध्यान दे रहे हैं। मानव विकास मिशन गठित किया है। विकास का सही मतलब है कि सबको शिक्षा मिले, सब स्वस्थ रहें, सबको पौष्टिक आहार मिले, विकास का यही सही मायने है।
मुख्यमंत्री ने पूर्व मंत्री श्रीमती रेणु कुमारी कुशवाहा की माॅग पर घोषणा किया कि उदाकिशनुगंज में आई0टी0आई0 की स्थापना करायी जायेगी। उन्होंने कहा कि आज जिन भवनों का शिलान्यास किया गया है, उसमें पाॅलिटेक्निक काॅलेज मधेपुरा, उदाकिशनगुज अनुमण्डल के कार्यालय भवन के शिलान्यास के साथ-साथ सात पंचायतों में पंचायत सरकार भवन का उद्घाटन हुआ है। मेरा सपना है कि जिस तरह केन्द्र में और राज्य में सरकार है, उसी तरह पंचायतों की सरकार भी सबल हो और स्वतंत्र रूप से कार्य पंचायत सरकार भवन में करे। पंचायत सरकार भवन में मुखिया, सरपंच, वार्ड सदस्य, पंच, पंचायत सचिव के साथ सभी पंचायत से जुड़े अधिकारी वहाॅ बैठें और वहीं से पंचायत सारकार अपने कार्यों को सुचारू रूप से निपटाये। उन्होंने कहा कि जहाॅ पर बैंक की शाखा नहीं होगी, वहाॅ पर पंचायत सरकार भवन में बैंक की शाखा खोलने के लिये जगह देंगे। राज्य में 8400 से ज्यादा पंचायत है, इनमें से 1700 पंचायतों में पंचायत सरकार भवन के निर्माण का कार्य प्रारंभ हो गया है। दो सौ पंचायत सरकार भवन बनकर तैयार हो चुके हैं। मधेपुरा जिला के सातो तैयार पंचायत भवन में सुचारू रूप से काम प्रारंभ हो, मेरी भावना के अनुरूप पंचायत सरकार भवन में सब तरह के कार्य प्रारंभ हों। जिला पदाधिकारी पंचायत सरकार भवनों को व्यक्तिगत रूप से जाकर देखें। मैं स्वयं एक-दो पंचायत सरकार भवनों को भी देखना चाहूॅगा। जब मैं पंचायत सरकार भवन को सुचारू रूप से काम करते हुये देखूॅगा तो मुझे बड़ी संतुष्टि होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज के सभी वर्ग, तबके का विकास हो। न्याय के साथ विकास हो इसलिये मैं न्याय के साथ विकास पर ध्यान दे रहा हूॅ। हर वर्ग, तबके, जाति, धर्म, सम्प्रदाय के लोगों को विकास का लाभ मिले, समाज के अंतिम पायदान पर बैठे लोगों को भी विकास का लाभ मिले, ऐसी मेरी अवधारणा है और इसके लिये प्रयास कर रहा हूॅ। एक- दूसरे का आदर करें, प्रेम, सद्भाव और विश्वास के रिश्तों को मजबूत करें। उन्होंने कहा कि विजय घाट पुल का उद्घाटन करने वे अगले माह यहाॅ पुनः आयेंगे।
समारोह की अध्यक्षता राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री श्री नरेन्द्र नारायण यादव ने किया और कहा कि आज मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने जिले की कई योजनाओं का शिलान्यास एवं उद्घाटन किया है। उन्होंने बाबा विशुनाथ रावत मेला को मेला प्राधिकार के अन्तर्गत लेने तथा विजय घाट पुल का नाम विशुनाथ रावत पुल रखा जाय, कि माॅग की। 39 करोड़ रूपये की लागत से मधेपुरा पाॅलिटेक्निक काॅलेज तथा उदाकिशनगुज अनुमण्डल कार्यालय का शिलान्यास रखने के लिये मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री श्रीमती बीमा भारती, सांसद श्री राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव, पूर्व मंत्री एवं विधायक श्रीमती रेणु कुमारी कुशवाहा, विधायक श्री रमेश ऋषिदेव, विधायक श्री गोपाल मण्डल ने भी अपने-अपने विचारों को रखा एवं राज्य में हो रहे चहुमूखी विकास की चर्चा की। इस अवसर पर जदयू जिलाध्यक्ष श्री सीयाराम यादव, राजद जिलाध्यक्ष श्री तौकिर आलम, सदस्य बिहार बाल अधिकार संरक्षण आयोग श्री अब्दुल सतार सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। मुख्यमंत्री का स्वागत आज मिथिला की परंपरागत रीति रिवाज के साथ किया गया तथा उन्हें प्रतीक चिह्न, अंगवस्त्र इत्यादि भेंटकर सम्मानित किया गया।

No comments:

Post a Comment