Thursday, 2 April 2015

एन0एम0सी0एच0 में नर्सिंग काॅलेज की स्थापना की जायेगी:- मुख्यमंत्री

पटना, 02 अप्रैल 2015:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने नालन्दा चिकित्सा महाविद्यालय पटना के 45वें स्थापना दिवस-सह-पूर्ववर्ती छात्र पुनर्मिलन समारोह का उद्घाटन करते हुए कहा कि आज नालन्दा मेडिकल काॅलेज में बी0एस0सी0 नर्सिंग काॅलेज की स्थापना की जायेगी, जिसका शिलान्यास हुआ। उन्होंने कहा कि पहला नर्सिंग काॅलेज की स्थापना आई0टी0एम0एस0 में की गई है। उन्होंने कहा कि मेरे शासनकाल के पूर्व बिहार में एक भी नर्सिंग काॅलेज नहीं था।
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि 31 करोड़ रूपये की लागत से एन0एम0सी0एच0 एक ट्राॅमा सेन्टर-सह-इमरजेंसी सेन्टर की स्थापना की जायेगी। एक सौ बेड का एन0एम0सी0एच0 वार्ड की स्थापना होगी। पुरस्तकालय भवन का विस्तार होगा। छह करोड़ रूपये की लागत से ड्रग वेयर हाउस का निर्माण होगा। ग्यारह करोड़ रूपये की लागत से ओ0पी0डी0 काॅम्पलेक्स बिल्डिंग की  स्थापना होगी। ग्यारह करोड़ रूपये की लागत से वैक्सिन सेन्टर की स्थापना की जायेगी। उन्होंने आज दो सौ बेड का महिला छात्रावास का उद्घाटन किया तथा जी0एन0 टेªनिंग स्कूल भवन का उद्घाटन किया। उन्होंने डायग्नोस्टिक सेन्टर भवन का शिलान्यास किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरे शासनकाल में मेडिकल काॅलेज की संख्या बढ़ी है और मेडिकल काॅलेज की स्थापना हो, इसके लिए आवश्यक है कि इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण एवं चिकित्सकों तथा पारा मेडिकल स्टाफ की नियुक्ति की जाय। उन्होंने कहा कि चिकित्सकों तथा पारा मेडिकल स्टाफ का पद खाली नहीं रहे। उन्होंने कहा कि मेरी इच्छा है कि चिकित्सकों एवं पारा मेडिकल स्टाफ की नियमित नियुक्ति की प्रक्रिया प्रांरभ की जाय। संविदा पर निुयक्त चिकित्सकों एवं पारा मेडिकल स्टाफ को नियमित नियुक्ति में वेटेज दिया जाय। संविदा पर चिकित्सकों एवं पारा मेडिकल स्टाफ की नियुक्ति बाध्यता है। उन्होंने प्रधान सचिव स्वास्थ्य श्री ब्रजेश मेहरोत्रा एवं सचिव स्वास्थ्य श्री आनन्द किशोर को निर्देश दिया कि अगर नियमित नियुक्ति में किसी तरह का वैधानिक बाधा हो तो उसे दूर करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 65 साल में भी चिकित्सक अपने दायित्वो को पूरा करने में सक्षम होते हैं। चिकित्सकों की सेवानिवृति का वर्ष 65 से 70 करने में हमें कोई एतराज नहीं है। उन्होंने कहा कि जो नए चिकित्सक अपनी शिक्षा पूरी करते हैं, उन्हें भी नौकरी मिलने में कोई कठिनाई नहीं होगी। सूपर स्पेशियलिटी के कारण पदों में कमी नहीं होगी। बहुत सारे मेडिकल काॅलेज खोले जाने हैं तथा कई मेडिकल काॅलेज खुले हैं। उन्होंने कहा कि हमारी आबादी इतनी है कि बिहार के बच्चे मेडिकल की शिक्षा प्राप्त करने दूसरे प्रदेश में जाते हैं और दूसरे राज्यों के आमदनी के वृद्धि में सहयोग करते हैं। हम चाहते है कि हमारे बच्चे बिहार में ही मेडिकल की शिक्षा प्राप्त करें, इसके लिए कई मेडिकल काॅलेज खोले जायेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के नवनिर्मित मेडिकल काॅलेज का भवन भुकंपरोधी हो। इसमें रैक्टो फिटिंग होना चाहिये क्योंकि बिहार भूकंप के दृष्टिकोण से सिस्मिक जोन 5 एवं 6 में आता है। उन्होंने कहा कि  न0एम0सी0एच0 सभी सुविधाओं से युक्त हो क्योंकि यहाॅ यातायात के दृष्टिकोण से रोगियों के अआने में हर तरह से सुविधा होती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संविदा के आधार पर नियुक्त चिकित्सकों को जितनी जल्दी हो नियमित होना चाहिये। उन्होंने कहा कि संविदा के आधार पर नियुक्त चिकित्सक अनशन पर क्यों बैठते हैं, उन्हें अपने दायित्वों का निर्बहन करना चाहिये। संविदा पर नियुक्त सभी डाॅक्टरों को सरकार समायोजन करेगी। डाॅक्टर का काम है मरीज की देखभाल करना। सरकार का काम है कि संविदा पर नियुक्त चिकित्सकों का समायोजन कैसे हो, इसे पूरा करना एवं चिकित्सकों की समस्याओं को दूर करना। चिकित्सक का स्थान समाज में हमेशा ऊॅचा होता है। चिकित्सकों को परिजनों के व्यवहार से दुखी नहीं होना चाहिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डाॅक्टर आधा मनोवैज्ञानिक होता है। अपने व्यवहार से मरीज का आधा इलाज करता है, आधा इलाज दवा से होता है। उन्होंने कहा कि राज्य का विकास चिकित्सा शिक्षा के बिना संभव नहीं है। सबको शिक्षा, सबको चिकित्सा हमलोगों का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि इस मेडिकल काॅलेज से शिक्षा ग्रहण करने के बाद देश एवं देश के बाहर उच्च स्थान पर इसके पूर्ववर्ती छात्र पहुॅचे हैं, उन्हें मैं शुभकामना देता हूॅ एवं अध्ययनरत छात्र एवं छात्राओं को भी शुभकामना देता हूॅ कि वे चिकित्सा जगत में अपना महत्वपूर्ण स्थान बनायें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की तरफ से पदों की स्वीकृति एवं संसाधन देने में हिचक नहीं है तो कार्यों में विलम्ब क्यों हो रहा है। मेरे कहने पर मुख्य सचिव ने इस मामले में हस्तक्षेप किया।
निर्माण कार्यों एवं नियुक्तियों में कठिनाई आती है, समय की गणना शुरू में ही कर लेना चाहिये।
बिहार जाग्रत प्रदेश है। इस पर बहस बिहार के जीवंतता का प्रतीक है। मेरी इच्छा रहती है कि काम समय पर हो। इच्छा के बावजूद भी अगर काम तकनिकी एवं अन्य कारणों से समय पर नहीं होता है तो तकलीफ होती है। उन्होंने कहा कि एन0एम0सी0एच0 में पचास छात्रों के अध्ययन की अनुमति एम0सी0आई0 ने दी थी, अब यह एक सौ हो गयी है। मेरी इच्छा है कि 250 छात्र-छात्रओं को एन0एम0सी0एच0 में अध्ययन के लिये एम0सी0आई0 से अनुमति मिले, इसके लिये चिकित्सा महाविद्यालय का आधारभूत संरचना एवं चिकित्सक तथा पारा मेडिकल स्टाफ के लिये पद का सृजन किया जा रहा है। यहाॅ हर वेकेंसी को भरा जा रहा है। उन्होंने कहा कि मैं व्यक्तिगत रूप से दिलचस्पी लेकर मान्यता को बरकरार रखने के लिये प्रयासरत रहा हूॅ।
इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री श्री रामधनी सिंह ने कहा कि यहाॅ के चिकित्सकों ने सक्रियता एवं तन्मयता से मरीजों का इलाज किया है, जिसके कारण सरकारी चिकित्सालयों में मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा कि बिहार के लोगों का बेहतर इलाज हुआ, जबकि चिकित्सकों एवं पारा मेडिकल स्टाफ की कमी है।
मुख्यमंत्री ने नालंदा मेडिकल काॅलेज के चिकित्सकों एवं पूर्ववर्ती छात्रों को शाल ओढ़ाकर तथा प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया।
इस अवसर पर प्राचार्या-सह-संरक्षिका, स्थापना दिवस सह पूर्ववर्ती छात्र पुनर्मिलन समारोह डाॅ0 शिवकुमारी प्रसाद, मुख्य संरक्षक एलमुनी एसोसिएशन डाॅ0 सहजानंद प्रसाद सिंह, चेयरमैन आॅर्गनाइजिंग कमिटी एलमुनी एसोसिएशन डाॅ0 अखिलेश कुमार सिंह, चेयरमैन संचालन डाॅ0 विमल कारक ने भी अपने-अपने सारगर्भित भाषण दिये। इस अवसर पर प्रभारी कुलपति आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय डाॅ0 अरूण कुमार अग्रवाल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री धर्मेन्द्र सिंह गंगवार, प्रधान सचिव स्वास्थ्य श्री ब्रजेश मेहरोत्रा, सचिव स्वास्थ्य श्री आनंद किशोर, अधीक्षक एन0एम0सी0एच0 डाॅ0 संतोष कुमार, डाॅ0 चन्द्रशेखर, डाॅ0 उमाकान्त सहित एन0एम0सी0एच0 के अनेक चिकित्सक एवं छात्र उपस्थित थे।

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