पटना, 04 अप्रील 2015:- सड़कों का रखरखाव पुख्ता होना चाहिये। इसके लिए नीति भी है और धन की व्यवस्था भी कर दी है। अधीक्षण अभियंता से लेकर कनीय अभियंता तक नीयत समय के अंतराल पर घूम-घूमकर सड़कों की स्थिति देखते रहंे और इसके रखरखाव पर ध्यान दें। आम नागरिकों से भी अनुरोध है कि जहाॅ पर सड़क की स्थिति खराब मिले, इसकी सूचना काॅल सेंटर के माध्यम से पथ निर्माण विभाग को सुलभ करायें। अभियंतागण सूचनाओं पर त्वरित कार्रवाई करें। सड़कों की स्थिति को ठीक-ठाक रखें। सरकार ने जो पैसा रखरखाव के लिए दिया है, उसे रखरखाव पर लगाय। लोगों से जहाॅ भी शिकायत मिले, उस पर तुरंत कार्रवाई करें। आज मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार मुख्यमंत्री सचिवालय के संवाद सभा कक्ष में बिहार राज्य पुल निर्माण निगम की 29 योजनाओं का शिलान्यास, 24 योजनाओं का कार्यारंभ एवं 20 योजनाओं का उद्घाटन तथा पथ निर्माण विभाग के पथों के उन्नयन सुदृढ़ीकरण की 68 योजनाओं का शिलान्यास, 80 पुल-पुलिया निर्माण कार्य का शिलान्यास, 73 पथों के उन्नयन सुदृढ़ीकरण कार्य का कार्यारंभ तथा 8 पुल-पुलिया निर्माण का कार्यारंभ रिमोट कंट्रोल के माध्यम से करने के बाद समारोह को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर पथ संधारण जन शिकायत निवारण प्रणाली अन्तर्गत वेबपोर्टल www.rcdbihar.in का लोकार्पण भी किया।
मुख्यमंत्री ने पथ निर्माण विभाग एवं बिहार राज्य पुल निर्माण विभाग को आज एक साथ बहुत सारी योजनाओं का उद्घाटन, शिलान्यास एवं कार्यरंभ करने के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि बिहार के विकास के लिए सड़क की स्थिति का बेहतर होना आवश्यक है। इस विषय पर मैंने काफी जोर दिया है। कानून का राज स्थापित करने, शिक्षा, स्वास्थ्य, सुशासन, विकास और बुनियादी ढ़ाॅचों के विकास पर मैंने जोर दिया है। सड़क निर्माण पर मेरा जोर रहा है। पथ निर्माण विभाग की सड़क हो या अन्य सड़कें, जिनका निर्माण ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा होता है। उन सब सड़कों पर राज्य सरकार का ध्यान तो रहता ही है किन्तु केन्द्र सरकार की सड़क एन0एच0 (राष्ट्रीय उच्च पथ) की स्थिति ठीक नहीं है। प्रयास किया था कि आपेक्षित धन राशि मिले। केन्द्र सरकार राशि नहीं दे रही थी तो राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार को सूचित कर राज्य सरकार के पैसे से एन0एच0 (राष्ट्रीय उच्च पथ) सड़कों का उन्नयन किया। एन0एच0आई0 बनने के बाद कुछ सड़कें एन0एच0आई0 के नियंत्रित में आ जाती है। उन सड़कों का रखरखाव एन0एच0आई0 करती है। एन0एच0 (राष्ट्रीय उच्च पथ) के उन्नयन पर लगभग 1000 करोड़ रूपये खर्च किया। इन पैसों के लिए बराबर केन्द्र सरकार से मांग करते है और अनुरोध करते रहे कि जो पैसा लगा दिया है, उसे वापस कराया जाय, मगर आज तक ये पैसा वापस नहीं मिला है।
सड़कों के रखरखाव के लिए नई नीति बनाई है, जो अपने आप में खास है। इसके अन्तर्गत 5 साल के लिए रखरखाव का कान्ट्रैक्ट किया जाता है और सड़कों की स्थिति को बनाये रखने को कहा जाता है। एजेंसी एक स्तर तक सड़क को मेनटेन करते है। सड़क की स्थिति को बनाये रखने के लिए रखरखाव करते है। ग्रामीण कार्य विभाग की सड़कों के लिए भी रखरखाव की नीति बनाई है। केन्द्र सरकार को एन0एच0 (राष्ट्रीय उच्च पथ) की सड़कों को बनाने का इरादा नहीं है। केन्द्र सरकार एन0एच0 के रूप में सड़कों को घोषित तो कर देती है, मगर भूल जाती है कि इन सड़कों को बनाना भी है। सड़क बना रहे हंै तो इसे मोटरेबुल भी रखना है। ऐसा नहीं करने के कारण लोगों की कठिनाई बढ़ जाती है। विशेषकर जिन सड़कों की शिकायत होती है, वह एन0एच0 (राष्ट्रीय उच्च पथ) की सड़क है। इसे मेनटेन कराना केन्द्र की जिम्मेदारी है, मगर वो नहीं कर रहे है। केन्द्र सरकार यदि यह कह दें कि वे ये नहीं कर सकते है या अभी पैसा नहीं है, बाद में दे देंगे तो ऐसी स्थिति में राज्य सरकार अपने संसाधन से इन सड़कों की स्थिति को ठीक करने पर विचार करेगी। पता नहीं केन्द्र सरकार के पथों के अच्छे दिन कब आयेंगे ?
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर महात्मा गाॅधी सेतु के रखरखाव एवं कच्ची दरगाह से बिदुपुर के बीच गंगा नदी में प्रस्तावित पुल निर्माण से जुड़ी बातों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि कच्ची दरगाह से बिदुपुर पुल के निर्माण पी0पी0पी0 मोड में करना चाहते थे। कुछ लोग निवेश करने आये भी थे, मगर देश की आर्थिक स्थिति में गिरावट आई तो लोग पी0पी0पी0 मोड से हाथ खींचने लगे तब ए0डी0बी0 से ऋण लेकर इस पुल को बनवाना चाहते थे। ए0डी0बी0 3000 करोड़ रूपये की सहायता देने को तैयार हुआ। 2000 करोड़ रूपये राज्य सरकार लगाने को तैयार भी थी किन्तु अब केन्द्र द्वारा कहा जा रहा है कि वे इसे बनायेंगे। उन्होंने राज्य की कई सड़कों का भी जिक्र किया, जिसके निर्माण का काम प्रारंभ करने की प्रक्रिया अंतिम मुकाम पर पहॅुच गई तो केन्द्र सरकार के विभाग द्वारा कहा जाने लगा कि अब वे इसे बनायेंगे। वे परियोजनाओं में डिले करना चाहते है, काम करने में कितना यत्न और मेहनत करना पड़ता है। विकास के नाम पर दिखावा नहीं होना चाहिये। राज्य सरकार जो काम करना चाहती है, उसमें केन्द्र के द्वारा अरंगा लगाया जाता है। देश चलता है सहयोग से, विकास मूल्क भाव से, परस्पर सहयोग से। राज्य सरकार हर प्रकार से सहयोग करने को तैयार है। अनावश्यक आरोप लगाने से परहेज करना चाहिये। मेरे ऊपर सपना देखने की नहीं काम करने की जिम्मेदारी है, काम में ही मेरा विश्वास है।
समारोह की अध्यक्षता पथ निर्माण मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने किया और कहा कि आज जिन योजनाओं का कार्यारम्भ, शिलान्यास हुआ है। उनका टेंडर निकाला जा चुका है, टेंडर डिसाइड हो चुके हैं। कार्य आवंटित कर दी गई है। सभी योजनायें 10 अप्रैल 2015 से क्रियान्वित हो जाय अर्थात निर्माण कार्य प्रारंभ हो जाय। 15 जून तक इन योजनाओं में काफी हद तक काम पूरे कर लिये जायें, यह हमारा लक्ष्य है। ओ0पी0आर0एम0सी0 मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी की सांेच और विचार है। इसके अनुश्रवण के लिए कई काम किया गया है। दीघा-सोनपुर एप्रोच पथ की प्रगति से भी उन्होंने अवगत कराया। प्रधान सचिव पथ निर्माण श्री अरूण कुमार सिंह ने स्वागत भाषण किया और पथ निर्माण विभाग की उपलब्धियों पर विस्तार से चर्चा की। विकास आयुक्त श्री एस0के0 नेगी ने भी समारोह को संबोधित किया और कहा कि आज जिन योजनाओं का शिलान्यास, कार्यारंभ किया गया है, उन पर राज्य सरकार बहुत बड़ी राशि खर्च कर रही है। इन योजनाओं के पूरा होने से राज्य में आवागमन की सुविधा में विस्तार होगा।
इस अवसर पर योजना आयोग के सदस्य श्री संजय झा, मुख्यमंत्री के सचिव श्री चंचल कुमार सहित पथ निर्माण विभाग एवं पुल निर्माण विभाग के अनेक वरीय अधिकारी उपस्थित थे। धन्यवाद ज्ञापन पुल निर्माण निगम के अध्यक्ष श्री विनय कुमार ने किया।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर पथ संधारण जन शिकायत निवारण प्रणाली अन्तर्गत वेबपोर्टल www.rcdbihar.in का लोकार्पण भी किया।
मुख्यमंत्री ने पथ निर्माण विभाग एवं बिहार राज्य पुल निर्माण विभाग को आज एक साथ बहुत सारी योजनाओं का उद्घाटन, शिलान्यास एवं कार्यरंभ करने के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि बिहार के विकास के लिए सड़क की स्थिति का बेहतर होना आवश्यक है। इस विषय पर मैंने काफी जोर दिया है। कानून का राज स्थापित करने, शिक्षा, स्वास्थ्य, सुशासन, विकास और बुनियादी ढ़ाॅचों के विकास पर मैंने जोर दिया है। सड़क निर्माण पर मेरा जोर रहा है। पथ निर्माण विभाग की सड़क हो या अन्य सड़कें, जिनका निर्माण ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा होता है। उन सब सड़कों पर राज्य सरकार का ध्यान तो रहता ही है किन्तु केन्द्र सरकार की सड़क एन0एच0 (राष्ट्रीय उच्च पथ) की स्थिति ठीक नहीं है। प्रयास किया था कि आपेक्षित धन राशि मिले। केन्द्र सरकार राशि नहीं दे रही थी तो राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार को सूचित कर राज्य सरकार के पैसे से एन0एच0 (राष्ट्रीय उच्च पथ) सड़कों का उन्नयन किया। एन0एच0आई0 बनने के बाद कुछ सड़कें एन0एच0आई0 के नियंत्रित में आ जाती है। उन सड़कों का रखरखाव एन0एच0आई0 करती है। एन0एच0 (राष्ट्रीय उच्च पथ) के उन्नयन पर लगभग 1000 करोड़ रूपये खर्च किया। इन पैसों के लिए बराबर केन्द्र सरकार से मांग करते है और अनुरोध करते रहे कि जो पैसा लगा दिया है, उसे वापस कराया जाय, मगर आज तक ये पैसा वापस नहीं मिला है।
सड़कों के रखरखाव के लिए नई नीति बनाई है, जो अपने आप में खास है। इसके अन्तर्गत 5 साल के लिए रखरखाव का कान्ट्रैक्ट किया जाता है और सड़कों की स्थिति को बनाये रखने को कहा जाता है। एजेंसी एक स्तर तक सड़क को मेनटेन करते है। सड़क की स्थिति को बनाये रखने के लिए रखरखाव करते है। ग्रामीण कार्य विभाग की सड़कों के लिए भी रखरखाव की नीति बनाई है। केन्द्र सरकार को एन0एच0 (राष्ट्रीय उच्च पथ) की सड़कों को बनाने का इरादा नहीं है। केन्द्र सरकार एन0एच0 के रूप में सड़कों को घोषित तो कर देती है, मगर भूल जाती है कि इन सड़कों को बनाना भी है। सड़क बना रहे हंै तो इसे मोटरेबुल भी रखना है। ऐसा नहीं करने के कारण लोगों की कठिनाई बढ़ जाती है। विशेषकर जिन सड़कों की शिकायत होती है, वह एन0एच0 (राष्ट्रीय उच्च पथ) की सड़क है। इसे मेनटेन कराना केन्द्र की जिम्मेदारी है, मगर वो नहीं कर रहे है। केन्द्र सरकार यदि यह कह दें कि वे ये नहीं कर सकते है या अभी पैसा नहीं है, बाद में दे देंगे तो ऐसी स्थिति में राज्य सरकार अपने संसाधन से इन सड़कों की स्थिति को ठीक करने पर विचार करेगी। पता नहीं केन्द्र सरकार के पथों के अच्छे दिन कब आयेंगे ?
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर महात्मा गाॅधी सेतु के रखरखाव एवं कच्ची दरगाह से बिदुपुर के बीच गंगा नदी में प्रस्तावित पुल निर्माण से जुड़ी बातों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि कच्ची दरगाह से बिदुपुर पुल के निर्माण पी0पी0पी0 मोड में करना चाहते थे। कुछ लोग निवेश करने आये भी थे, मगर देश की आर्थिक स्थिति में गिरावट आई तो लोग पी0पी0पी0 मोड से हाथ खींचने लगे तब ए0डी0बी0 से ऋण लेकर इस पुल को बनवाना चाहते थे। ए0डी0बी0 3000 करोड़ रूपये की सहायता देने को तैयार हुआ। 2000 करोड़ रूपये राज्य सरकार लगाने को तैयार भी थी किन्तु अब केन्द्र द्वारा कहा जा रहा है कि वे इसे बनायेंगे। उन्होंने राज्य की कई सड़कों का भी जिक्र किया, जिसके निर्माण का काम प्रारंभ करने की प्रक्रिया अंतिम मुकाम पर पहॅुच गई तो केन्द्र सरकार के विभाग द्वारा कहा जाने लगा कि अब वे इसे बनायेंगे। वे परियोजनाओं में डिले करना चाहते है, काम करने में कितना यत्न और मेहनत करना पड़ता है। विकास के नाम पर दिखावा नहीं होना चाहिये। राज्य सरकार जो काम करना चाहती है, उसमें केन्द्र के द्वारा अरंगा लगाया जाता है। देश चलता है सहयोग से, विकास मूल्क भाव से, परस्पर सहयोग से। राज्य सरकार हर प्रकार से सहयोग करने को तैयार है। अनावश्यक आरोप लगाने से परहेज करना चाहिये। मेरे ऊपर सपना देखने की नहीं काम करने की जिम्मेदारी है, काम में ही मेरा विश्वास है।
समारोह की अध्यक्षता पथ निर्माण मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने किया और कहा कि आज जिन योजनाओं का कार्यारम्भ, शिलान्यास हुआ है। उनका टेंडर निकाला जा चुका है, टेंडर डिसाइड हो चुके हैं। कार्य आवंटित कर दी गई है। सभी योजनायें 10 अप्रैल 2015 से क्रियान्वित हो जाय अर्थात निर्माण कार्य प्रारंभ हो जाय। 15 जून तक इन योजनाओं में काफी हद तक काम पूरे कर लिये जायें, यह हमारा लक्ष्य है। ओ0पी0आर0एम0सी0 मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी की सांेच और विचार है। इसके अनुश्रवण के लिए कई काम किया गया है। दीघा-सोनपुर एप्रोच पथ की प्रगति से भी उन्होंने अवगत कराया। प्रधान सचिव पथ निर्माण श्री अरूण कुमार सिंह ने स्वागत भाषण किया और पथ निर्माण विभाग की उपलब्धियों पर विस्तार से चर्चा की। विकास आयुक्त श्री एस0के0 नेगी ने भी समारोह को संबोधित किया और कहा कि आज जिन योजनाओं का शिलान्यास, कार्यारंभ किया गया है, उन पर राज्य सरकार बहुत बड़ी राशि खर्च कर रही है। इन योजनाओं के पूरा होने से राज्य में आवागमन की सुविधा में विस्तार होगा।
इस अवसर पर योजना आयोग के सदस्य श्री संजय झा, मुख्यमंत्री के सचिव श्री चंचल कुमार सहित पथ निर्माण विभाग एवं पुल निर्माण विभाग के अनेक वरीय अधिकारी उपस्थित थे। धन्यवाद ज्ञापन पुल निर्माण निगम के अध्यक्ष श्री विनय कुमार ने किया।
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