पटना, 16 अप्रैल 2015:- सुधा ब्रांड दूध की जो गुणवता है उसके चलते जो एक बार इसे ग्रहण करता है, वह बार-बार इसे ग्रहण करना चाहता है। ब्रांडिंग से लोगों का विश्वास बढता है और इससे कारोबार में बढ़ोतरी होती है, आमदनी बढ़ती है। सब को भोजन मिल जाय यही हमार लक्ष्य नहीं है बल्कि पौष्टिक तत्वों के साथ भोजन लोगों को मिले ऐसा प्रयास किया जा रहा है। दुग्ध का उत्पादन बढेगा तो लोगों को पौष्टिक तत्व मिल पायेंगे। कम्फेड दुग्ध उत्पादकों के सहयोग से चलता है। इसका बड़ा फायदा है। हर चीज के लिए व्यवस्थित ढंग से काम हो रहे हैं। सरकार डेयरी प्लांट के लिए सहयोग करती है। आज मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार कम्फेड के 32वें स्थापना दिवस समारोह का उद्घाटन दीप प्रज्ज्वलित कर कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कम्फेड के वार्षिक प्रतिवेदन 2015 का लोकार्पण भी किया तथा 50 समितियों के दुग्ध उत्पादकों को दूध के मूल्य का सीधे उनके बैंक खाते में राशि हस्तांतरित करने के पायलेट प्रोजेक्ट का भी शुभारंभ किया। यह सुविधा अन्य समितियों में चरणबद्ध रूप से विस्तारित किया जायेगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने दुग्ध उत्पादन क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों के लिए कम्फेड के दुग्ध संघ, इकाई, समिति सदस्य, वितरक, बिक्रेता एवं कर्मियों को पुरस्कार एवं प्रशस्ति पत्र भेंटकर सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री ने सहकारिता एवं दुग्ध उत्पादन क्षेत्र के सभी सहकारिता समितियों का स्वागत करते हुए कहा कि आज उन्हें पुनः कम्फेड के स्थापना दिवस समारोह में उपस्थित होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। पूर्व में भी इस तरह के समारोह में वे आते रहे हैं। आज राज्य के लगभग 18,400 गाॅव में दुग्ध समितियाॅ स्थापित हैं, जिनसे लगभग 9.4 लाख दुग्ध उत्पादक परिवार जुडे़ हुये हैं। यह एक बहुत बड़ी संख्या है। आप संकल्प कर लें तो राज्य के दुग्ध उत्पादन में क्रांतिकारी परिवर्तन कर सकते हैं। हमारे यहाॅ कम्फेड है, जो सुधा के नाम से दुग्ध एवं दुग्ध उत्पादित सामानों का विपणन करती है। जब भी ब्रांड की चर्चा होती है तो मैं कहता हॅू कि सुधा ब्रांड से सबक लेनी चाहिये। वर्ष 2006 में राज्य में मात्र 4 लाख लीटर प्रतिदिन दुग्ध का संग्रहण होता था, जो आज 4 गुणा बढकर 16.90 लाख लीटर हो रहा है, इसके लिए आपको बधाई देता हूॅ। गत वर्ष पशु चिकित्सा सेवाओं में कमी की ओर मेरा ध्यान आकृष्ट किया गया था। हमने कार्रवाई की और बड़ी संख्या में पशु चिकित्सकों की नियुक्ति
करायी गयी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दुग्ध सहकारी तंत्र से मेरा जुड़ाव बहुत पुराना है। समय-समय पर दुग्ध उतपादकों से मेरा संवाद भी होता है। आपका यह संगठन केवल आपके परिवार की जरूरतों को पूरा नहीं करता है, वरन् पूरी ग्रामीण अर्थव्यवस्था में भी योगदान देता है। आप जितना अधिक दुग्ध उत्पादन करेंगे, उसी अनुपात में आपकी आय में वृद्धि होगी। लोगों की दिलचस्पी पशुपालन में बढ़ रही है। राज्य के 76 प्रतिशत लोगों की आजीविका कृषि प्रक्षेत्र से जुड़ी है। बिहार के सकल घरेलू उत्पादन में कृषि क्षेत्र का जितना बड़ा अंशदान होना चाहिये था, वह नहीं है। पशुपालन को यदि अपनायें तो घरेलू सकल उत्पादन जी0डी0पी0 में हम ज्यादा सहायोग दे पायेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कम्फेड ने अब सुधा के नाम से यू0एच0टी0 दुग्ध का उत्पादन और विपणन आरंभ कर दिया है। इस तकनीकी का उपयोग पहले कुछ गिने चुने महासंघों एवं बड़े निजी उद्योग ही कर रहे थे। अब आपका राज्य भी इसमें शामिल हो गया है। यू0एच0टी0 दुग्ध राज्य के अतिरिक्त झारखण्ड, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, असम, मणिपूर, मेघालय, त्रिपूरा, मिजोरम, नागालैण्ड, अरूणाचल प्रदेश आदि राज्यों में भी बिकने लगा है। मैं आशा करता हूॅ कि कम्फेड इसका उत्पादन और बढ़ायेगा तथा देश के अन्य राज्यों में भी इसे
उपलब्ध करायेगा। उन्होंने कहा कि जब राज्य में दुग्ध प्रसंस्करण सुविधाओं में अभाव का उल्लेख मुझसे किया गया था। हमने कम्फेड से कहा कि हम राशि देंगे, आप नवीनतम तकनीकी का प्लांट लगाइए। राज्य योजना से राशि उपलब्ध कराकर बिहारशरीफ में 4 लाख लीटर और डेहरी आॅनसोन में 1 लाख लीटर की डेयरी का निर्माण कराया, जो आज दुग्ध उत्पादकों की सेवा कर रही है। बिहार में टेटरापैक हो रहा है। टेटरापैक से दुग्ध को 6 माह
तक बचा कर रखा जा सकता है। इसका प्लांट बिहारशरीफ में लगा है। दुग्ध की मात्रा बढी तो पुनः नये प्लान्ट लगायेंगे। योजना तैयार कर सहयोग करेंगे। हमने एन0सी0डी0सी0 से ऋण लेकर संयंत्रों की स्थापना की स्वीकृति दे दी, जिस पर लगने वाला ब्याज राज्य सरकार वहन करेगी। ब्याज की कुल राशि लगभग 308 करोड़ रूपये है, जिसे राज्य सरकार देगी।
इसके अतिरिक्त विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत हम निरंतर गव्य प्रक्षेत्र के विकास के लिए राशि उपलब्ध करा रहे हंै। दुग्ध का संग्रह ठीक ढंग से होगा तो दुग्ध प्रसंस्करण भी ठीक से हो सकेगा। मिठाई, दुग्ध, दुग्ध से उत्पादित अन्य समान लोगों तक सही ढंग से पहुॅच पायेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि मिल्क पाउडर ज्यादा से ज्यादा आप बना रहे हंै। जब दुग्ध की माॅग बढ़ जाती है या दुग्ध के उत्पादन में कमी हो जाती है तो ऐसे समय में मिल्क पाउडर से दुग्ध की आवश्यकता को पूरा कर सकते हैं। बाजार में दुग्ध का पाउडर इतना ज्यादा आ
चुका है, जिसके कारण बहुत सा मिल्क पाउडर बिना बिके रह जाता है। दुग्ध महासंघों को विपणन में कठिनाई का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि राज्य के सहकारी तंत्र ने ना तो दुग्ध की कीमत घटाई और ना ही संग्रहण पर रोक लगाया। उन्होंने विपणन को बढ़ाने के लिए नए तरीके खोजे। नये राज्यों को दुग्ध एवं दुग्ध उत्पादनों का विपणन प्रारंभ किया। उन्होनें कहा कि मिल्क पाउडर जो बाहर से आ रहा है, उसके लिए इम्पोर्ट पाॅलिसी में सुधार लाने की जरूरत होगी। उन्होंने कहा कि तत्काल वे इस विषय को टेकअप करेंगे। पशु आहार पर भी अनुदान दिया है। हम वही बोलते हैं, जो कर सकते हैं। दो दिनों के अन्दर कम्फेड की मीटिंग बुलाकर संबंधित विभागों के साथ बातें करेंगे। डेयरी उद्योग को बढावा देने, जागृत करने और पशुपालन की ओर ध्यान देंगे। कोई कठिनाई नहीं आये, इसके लिए हर तरह का सहयोग करेंगे। बिहार का कोई आदमी भूखा नहीं रहे, सबको पौष्टिक आहार मिले, सभी बच्चों को दुग्ध मिले, यही हमारी कामना है। दुग्ध संघों को मेरी
बधाई और शुभकामनाएॅ।
समारोह की अध्यक्षता पशुपालन मंत्री श्री बैधनाथ सहनी ने किया और कहा कि कम्फेड की स्थापना 32 वर्ष पूर्व राज्य सरकार के द्वारा की गई थी। आज कम्फेड के अन्तर्गत 8 दुग्ध संघ एवं 5 अन्य इकाईयाॅ कार्यरत हैं, जिनमें 3 डेयरी एवं 1 पशु आहार कारखाना झारखण्ड राज्य में अवस्थित है। बिहारशरीफ डेयरी प्रोजेक्ट कम्फेड की आधूनिक इकाई हैं तथा यहाॅ से सुधा के नए उत्पाद डेयरी व्हाइटनर, टेट्रापैक एवं इलेक्स्टर दुग्ध का उत्पादन किया जाता है।
18,385 समीतियों के माध्यम से प्रत्येक दिन दुग्ध संग्रहण करने एवं उत्पादकों को उचित बाजार मूल्य उपलब्ध कराने की दिशा में कम्फेड महत्वपूर्ण पहल कर रही है। पशुपालन मंत्री ने इस अवसर पर डेयरी के क्षेत्र में राज्य सरकार की अन्य महत्वपूर्ण उपलब्धियों की विस्तार से चर्चा की और कहा कि पटना, राॅची और मुजफ्फरपुर स्थित पशु आहार कारखाना ‘सुधा पशु आहार’ का निर्माण कर दुग्ध समितियों को पशु आहार की आपूर्ति
की जाती है। उन्होंने कम्फेड की दूसरी योजनाओ पर भी विस्तार से प्रकाश डाला।
सचिव पशुपालन श्री नर्मदेशवर लाल ने कम्फेड के सुनहरे 32 वर्षों पर प्रकाश डाला।
स्वागत भाषण प्रबंध निदेशक कम्फेड श्री आदेश तितरमारे ने किया। अध्यक्ष वैशाल पाटलिपुत्रा दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ श्रीमती किरण कुमारी ने धन्यवाद ज्ञापान किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सचिव श्री चंचल कुमार, निबंधक सहयोग समिति श्री अजय कुमार चैधरी, अध्यक्ष देशरत्न डाॅ0 रोजेन्द्र प्रसाद दुग्ध उत्पादक सहाकरी संघ श्री जय शंकर सिंह, अध्यक्ष तिरहुत दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति श्री नागेश्वर राय, अध्यक्ष
शाहाबाद दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ श्री विनोद सिंह यादव, अध्यक्ष बिक्रमशीला दुग्ध उत्पादक सहकारी संध श्री नागेन्द्र प्रसाद राय, अध्यक्ष मगध दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ श्री कमलेश शर्मा, अध्यक्ष कोशी दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ श्री देवनारायण यादव सहित अनेकों गणमान्य व्यक्ति एवं कम्फेड के वरीय अधिकारीगण उपस्थित थे।
इस अवसर पर सचिव पशुपालन श्री नर्मदेश्वर लाल ने मुख्यमंत्री को प्रतीक चिन्ह भेंट उनका स्वागत किया।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कम्फेड के वार्षिक प्रतिवेदन 2015 का लोकार्पण भी किया तथा 50 समितियों के दुग्ध उत्पादकों को दूध के मूल्य का सीधे उनके बैंक खाते में राशि हस्तांतरित करने के पायलेट प्रोजेक्ट का भी शुभारंभ किया। यह सुविधा अन्य समितियों में चरणबद्ध रूप से विस्तारित किया जायेगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने दुग्ध उत्पादन क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों के लिए कम्फेड के दुग्ध संघ, इकाई, समिति सदस्य, वितरक, बिक्रेता एवं कर्मियों को पुरस्कार एवं प्रशस्ति पत्र भेंटकर सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री ने सहकारिता एवं दुग्ध उत्पादन क्षेत्र के सभी सहकारिता समितियों का स्वागत करते हुए कहा कि आज उन्हें पुनः कम्फेड के स्थापना दिवस समारोह में उपस्थित होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। पूर्व में भी इस तरह के समारोह में वे आते रहे हैं। आज राज्य के लगभग 18,400 गाॅव में दुग्ध समितियाॅ स्थापित हैं, जिनसे लगभग 9.4 लाख दुग्ध उत्पादक परिवार जुडे़ हुये हैं। यह एक बहुत बड़ी संख्या है। आप संकल्प कर लें तो राज्य के दुग्ध उत्पादन में क्रांतिकारी परिवर्तन कर सकते हैं। हमारे यहाॅ कम्फेड है, जो सुधा के नाम से दुग्ध एवं दुग्ध उत्पादित सामानों का विपणन करती है। जब भी ब्रांड की चर्चा होती है तो मैं कहता हॅू कि सुधा ब्रांड से सबक लेनी चाहिये। वर्ष 2006 में राज्य में मात्र 4 लाख लीटर प्रतिदिन दुग्ध का संग्रहण होता था, जो आज 4 गुणा बढकर 16.90 लाख लीटर हो रहा है, इसके लिए आपको बधाई देता हूॅ। गत वर्ष पशु चिकित्सा सेवाओं में कमी की ओर मेरा ध्यान आकृष्ट किया गया था। हमने कार्रवाई की और बड़ी संख्या में पशु चिकित्सकों की नियुक्ति
करायी गयी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दुग्ध सहकारी तंत्र से मेरा जुड़ाव बहुत पुराना है। समय-समय पर दुग्ध उतपादकों से मेरा संवाद भी होता है। आपका यह संगठन केवल आपके परिवार की जरूरतों को पूरा नहीं करता है, वरन् पूरी ग्रामीण अर्थव्यवस्था में भी योगदान देता है। आप जितना अधिक दुग्ध उत्पादन करेंगे, उसी अनुपात में आपकी आय में वृद्धि होगी। लोगों की दिलचस्पी पशुपालन में बढ़ रही है। राज्य के 76 प्रतिशत लोगों की आजीविका कृषि प्रक्षेत्र से जुड़ी है। बिहार के सकल घरेलू उत्पादन में कृषि क्षेत्र का जितना बड़ा अंशदान होना चाहिये था, वह नहीं है। पशुपालन को यदि अपनायें तो घरेलू सकल उत्पादन जी0डी0पी0 में हम ज्यादा सहायोग दे पायेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कम्फेड ने अब सुधा के नाम से यू0एच0टी0 दुग्ध का उत्पादन और विपणन आरंभ कर दिया है। इस तकनीकी का उपयोग पहले कुछ गिने चुने महासंघों एवं बड़े निजी उद्योग ही कर रहे थे। अब आपका राज्य भी इसमें शामिल हो गया है। यू0एच0टी0 दुग्ध राज्य के अतिरिक्त झारखण्ड, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, असम, मणिपूर, मेघालय, त्रिपूरा, मिजोरम, नागालैण्ड, अरूणाचल प्रदेश आदि राज्यों में भी बिकने लगा है। मैं आशा करता हूॅ कि कम्फेड इसका उत्पादन और बढ़ायेगा तथा देश के अन्य राज्यों में भी इसे
उपलब्ध करायेगा। उन्होंने कहा कि जब राज्य में दुग्ध प्रसंस्करण सुविधाओं में अभाव का उल्लेख मुझसे किया गया था। हमने कम्फेड से कहा कि हम राशि देंगे, आप नवीनतम तकनीकी का प्लांट लगाइए। राज्य योजना से राशि उपलब्ध कराकर बिहारशरीफ में 4 लाख लीटर और डेहरी आॅनसोन में 1 लाख लीटर की डेयरी का निर्माण कराया, जो आज दुग्ध उत्पादकों की सेवा कर रही है। बिहार में टेटरापैक हो रहा है। टेटरापैक से दुग्ध को 6 माह
तक बचा कर रखा जा सकता है। इसका प्लांट बिहारशरीफ में लगा है। दुग्ध की मात्रा बढी तो पुनः नये प्लान्ट लगायेंगे। योजना तैयार कर सहयोग करेंगे। हमने एन0सी0डी0सी0 से ऋण लेकर संयंत्रों की स्थापना की स्वीकृति दे दी, जिस पर लगने वाला ब्याज राज्य सरकार वहन करेगी। ब्याज की कुल राशि लगभग 308 करोड़ रूपये है, जिसे राज्य सरकार देगी।
इसके अतिरिक्त विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत हम निरंतर गव्य प्रक्षेत्र के विकास के लिए राशि उपलब्ध करा रहे हंै। दुग्ध का संग्रह ठीक ढंग से होगा तो दुग्ध प्रसंस्करण भी ठीक से हो सकेगा। मिठाई, दुग्ध, दुग्ध से उत्पादित अन्य समान लोगों तक सही ढंग से पहुॅच पायेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि मिल्क पाउडर ज्यादा से ज्यादा आप बना रहे हंै। जब दुग्ध की माॅग बढ़ जाती है या दुग्ध के उत्पादन में कमी हो जाती है तो ऐसे समय में मिल्क पाउडर से दुग्ध की आवश्यकता को पूरा कर सकते हैं। बाजार में दुग्ध का पाउडर इतना ज्यादा आ
चुका है, जिसके कारण बहुत सा मिल्क पाउडर बिना बिके रह जाता है। दुग्ध महासंघों को विपणन में कठिनाई का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि राज्य के सहकारी तंत्र ने ना तो दुग्ध की कीमत घटाई और ना ही संग्रहण पर रोक लगाया। उन्होंने विपणन को बढ़ाने के लिए नए तरीके खोजे। नये राज्यों को दुग्ध एवं दुग्ध उत्पादनों का विपणन प्रारंभ किया। उन्होनें कहा कि मिल्क पाउडर जो बाहर से आ रहा है, उसके लिए इम्पोर्ट पाॅलिसी में सुधार लाने की जरूरत होगी। उन्होंने कहा कि तत्काल वे इस विषय को टेकअप करेंगे। पशु आहार पर भी अनुदान दिया है। हम वही बोलते हैं, जो कर सकते हैं। दो दिनों के अन्दर कम्फेड की मीटिंग बुलाकर संबंधित विभागों के साथ बातें करेंगे। डेयरी उद्योग को बढावा देने, जागृत करने और पशुपालन की ओर ध्यान देंगे। कोई कठिनाई नहीं आये, इसके लिए हर तरह का सहयोग करेंगे। बिहार का कोई आदमी भूखा नहीं रहे, सबको पौष्टिक आहार मिले, सभी बच्चों को दुग्ध मिले, यही हमारी कामना है। दुग्ध संघों को मेरी
बधाई और शुभकामनाएॅ।
समारोह की अध्यक्षता पशुपालन मंत्री श्री बैधनाथ सहनी ने किया और कहा कि कम्फेड की स्थापना 32 वर्ष पूर्व राज्य सरकार के द्वारा की गई थी। आज कम्फेड के अन्तर्गत 8 दुग्ध संघ एवं 5 अन्य इकाईयाॅ कार्यरत हैं, जिनमें 3 डेयरी एवं 1 पशु आहार कारखाना झारखण्ड राज्य में अवस्थित है। बिहारशरीफ डेयरी प्रोजेक्ट कम्फेड की आधूनिक इकाई हैं तथा यहाॅ से सुधा के नए उत्पाद डेयरी व्हाइटनर, टेट्रापैक एवं इलेक्स्टर दुग्ध का उत्पादन किया जाता है।
18,385 समीतियों के माध्यम से प्रत्येक दिन दुग्ध संग्रहण करने एवं उत्पादकों को उचित बाजार मूल्य उपलब्ध कराने की दिशा में कम्फेड महत्वपूर्ण पहल कर रही है। पशुपालन मंत्री ने इस अवसर पर डेयरी के क्षेत्र में राज्य सरकार की अन्य महत्वपूर्ण उपलब्धियों की विस्तार से चर्चा की और कहा कि पटना, राॅची और मुजफ्फरपुर स्थित पशु आहार कारखाना ‘सुधा पशु आहार’ का निर्माण कर दुग्ध समितियों को पशु आहार की आपूर्ति
की जाती है। उन्होंने कम्फेड की दूसरी योजनाओ पर भी विस्तार से प्रकाश डाला।
सचिव पशुपालन श्री नर्मदेशवर लाल ने कम्फेड के सुनहरे 32 वर्षों पर प्रकाश डाला।
स्वागत भाषण प्रबंध निदेशक कम्फेड श्री आदेश तितरमारे ने किया। अध्यक्ष वैशाल पाटलिपुत्रा दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ श्रीमती किरण कुमारी ने धन्यवाद ज्ञापान किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सचिव श्री चंचल कुमार, निबंधक सहयोग समिति श्री अजय कुमार चैधरी, अध्यक्ष देशरत्न डाॅ0 रोजेन्द्र प्रसाद दुग्ध उत्पादक सहाकरी संघ श्री जय शंकर सिंह, अध्यक्ष तिरहुत दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति श्री नागेश्वर राय, अध्यक्ष
शाहाबाद दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ श्री विनोद सिंह यादव, अध्यक्ष बिक्रमशीला दुग्ध उत्पादक सहकारी संध श्री नागेन्द्र प्रसाद राय, अध्यक्ष मगध दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ श्री कमलेश शर्मा, अध्यक्ष कोशी दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ श्री देवनारायण यादव सहित अनेकों गणमान्य व्यक्ति एवं कम्फेड के वरीय अधिकारीगण उपस्थित थे।
इस अवसर पर सचिव पशुपालन श्री नर्मदेश्वर लाल ने मुख्यमंत्री को प्रतीक चिन्ह भेंट उनका स्वागत किया।
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