Tuesday, 7 April 2015

जो खबर पढ़ी है, उसके हिसाब से भाजपा की पैकेज नहीं पैकेजिंग की योजना है:- मुख्यमंत्री

पटना, 07 अप्रील 2015:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज दोपहर संवाद सभाकक्ष में स्वास्थ्य विभाग की एक बैठक की समाप्ति के बाद पत्रकारों के साथ वार्ता की। पत्रकारों द्वारा बिहार को विशेष सहायता देने के लिये केन्द्रीय वित मंत्री श्री अरूण जेटली की अध्यक्षता में हुयी बैठक से जुड़े प्रश्न के उतर में मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सबको मालूम है कि मैंने आदरणीय प्रधानमंत्री जी से मुलाकात कर एक ज्ञापन सौंपा था, जिसमें बिहार की जरूरतों का जिक्र किया है और 14वें वित आयोग के अनुशंसा के कारण बिहार को होने वाली आर्थिक कठिनाइयों से अवगत कराया है। दो दिनों के बाद मैंने इस ज्ञापन को सार्वजनिक भी कर दिया था। योजना मद और अलग-अलग तरह की सहायता के लिये जो आर्थिक ट्रांसफर होना था, उसमें आ रही कमी से प्रधानमंत्री जी को अवगत कराया है। प्रधानमंत्री जी ने ज्ञापन पर गौर करने का आश्वासन भी दिया था। बिहार को झारखण्ड के निर्माण के कारण विशेष सहायता मिलती है। बी0आर0जी0एफ0 (बैकवर्ड रिजन ग्रांट फंड) के तहत मिल रहे बारह हजार करोड़ रूपये के बंद हो जाने का खतरा उत्पन्न हो गया है। इस राशि का मिलना बंद नहीं किया जा सकता है क्योंकि यह राशि बिहार राज्य पुनर्गठन विधेयक के तहत बिहार को दी जाती है। इसे राज्य सरकार को तत्काल देने का इंतजाम करना चाहिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने सर्वदलीय बैठक भी बुलायी थी, जिसमें सभी दल के प्रतिनिधि मात्र भाजपा को छोड़कर सम्मिलित हुये थे। उस बैठक में सहमति बनी थी कि बिहार को अपनी जरूरतों के मद्देनजर एक ज्ञापन प्रधानमंत्री जी को देना चाहिये। मुझे मालूम हुआ है कि इस दिशा में कुछ कार्रवाई चल रही है। खबर पढ़ी है, जिसके हिसाब से पैकेज नहीं, पैकेजिंग की बात की जा रही है। वित मंत्री जी की अध्यक्षता में हुयी बैठक की ब्रिफिंग भी राजनीतिक नजरीये से की गयी है। यह भाजपा की पैकेजिंग की योजना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसमें अल्ट्रा मेगा पावर प्रोजेक्ट की बात कही गयी है। इस योजना की स्वीकृति श्री सुशील कुमार शिंदे ने सैद्धांतिक रूप से दी थी। पानी और जमीन को चिह्नित करने की बात चल रही है। मोकामा राजेन्द्र सेतु के बराबर में एक नया पुल बनाने की बात की गयी है। आज से चार साल पहले बताया जा चुका है कि मोकामा में एक ब्रिज बनेगा। इसी तरह से बरौनी फर्टिलाइजर कारखाने को चलाने की बात है। इसके लिये बिजली के बकाये को बेव करने की बात की गयी थी। अलग-अलग जो काम रूके हुये हैं, सबको मिला-जुलाकर एक साथ पैकेजिंग कर देना है। हमें खुशी है कि बिहार के लिये जितना हो सके, हो जाय। बिहार की जनता की विशेष माॅग है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिये। विशेष राज्य का दर्जा मिलने पर यहाॅ पर कल-कारखाना लगाने पर केन्द्रीय करों में छूट मिलेगी। साथ ही केन्द्रीय योजना में राज्य को कम अंशदान लगाने होंगे। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले, यह हमारी पुरानी माॅग है। बिहार को आॅध्रप्रदेश के तर्ज पर विशेष सहायता मिले। वे पैकेजिंग में लगे हुये हैं, हम बिहार की माॅग को पहुॅचाने में लगे हुये हैं।
झारखण्ड प्रदेश में स्थानीय नीति को लेकर अन्य राज्यों के लोगों को रोजगार में तरजीह नहीं दिये जाने एवं स्थानीय नीति से जुड़े एक प्रश्न के उतर में मुख्यमंत्री ने कहा कि इसका तो जवाब भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को देना चाहिये। बिहार का एक हिस्सा झारखण्ड बना, झारखण्ड के लोग यहाॅ नौकरी पाना चाहते हैं तो कोई रूकावट नहीं है, झारखण्ड में रूकावट क्यों। नौकरियों को सिर्फ प्रदेश के लिये सीमित नहीं रखी जा सकती है, फिर भी इस तरह की घोषणा कर रहे हैं, इसके लिये भाजपा को जवाब देना चाहिये। बात करते हैं देश के लिये, मगर बाॅटने वाली बात कैसे करते हैं। उनकी सरकार ने पूर्ण बहुमत का जुगाड़ कर लिया है। झारखण्ड विधानसभा में जीत का दावा करते हैं बल्कि ये जीत नहीं हार है। लोकसभा चुनाव में 56 विधानसभा क्षेत्र में बढ़त थी, जबकि विधानसभा चुनाव में यह घटकर 37 हो गयी। 20 सीट पीछे चले गये। शान से झारखण्ड में जीत की दुहाई देते हैं। भाजपा विरोधियों के बीच गठबंधन नहीं हुआ, इसका फायदा उनको मिल गया। इस तरह की बात कर मौलिक अधिकार का हनन कर रहे हैं। हमलोग इसे पूरी तरह से अमान्य करते हैं। उन्होंने कहा कि हम तो सबको बुला रहे थे, वे नहीं आये। लोगों की सेवा से मतलब नहीं, भाजपा के एक-एक नेता का अलग-अलग बयान होता है। अगर चार-पाॅच महीने का बयान एक कर देखें तो इसमें द्वंद (मतभेद) सामने आयेगा।


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