Saturday, 11 April 2015

पंचायत सरकार भवनों का निर्माण उच्च प्राथमिकता देते हुये पूरा कराया जाय:- मुख्यमंत्री

पटना, 10 अप्रैल 2015:- पंचायत सरकार भवनों का निर्माण उच्च प्राथमिकता देते हुये पूरा कराया जाय। सभी जिलाधिकारियों को इस संबंध में आवश्यक अनुदेश अविलम्ब निर्गत किये जायें। यह आदेश आज मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने पंचायती राज विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में दी। बैठक में पंचायती राज मंत्री श्री बिनोद प्रसाद यादव, विकास आयुक्त श्री एस0के0 नेगी, प्रधान सचिव वित श्री रामेश्वर सिंह, प्रधान सचिव पंचायती राज श्री सुधीर कुमार राकेश, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डाॅ0 धर्मेन्द्र सिंह गंगवार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अतीश चन्द्रा सहित पंचायती राज विभाग के अन्य वरीय अधिकारियों ने भाग लिया।
मुख्यमंत्री ने बिहार पंचायत सुदृढ़ीकरण परियोजना (विश्व बैंक संपोषित) के अधीन निर्मित किये जाने वाले पंचायत सरकार भवनों का निर्माण कार्य भी अविलम्ब प्रारंभ कराये जाने का निर्देश दिया। विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति का गठन कर पंचायत सरकार भवनों के निर्माण की प्रगति का सतत् अनुश्रवण कराये जाने का निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिया। उन्होंने कहा कि निर्मित पंचायत सरकार भवनों को तुरंत क्रियाशील किया जाय तथा नागरिकों को प्राप्त होने वाली सुविधायें/सेवाओं को इस भवन से संचालित किया जाय। पंचायती राज संस्थाओं/ग्राम कचहरी के प्रधान, उप प्रधान एवं सदस्यों को मासिक नियमित भते दिये जायें। प्रत्येक ग्राम पंचायत में वार्ड स्तर पर वार्ड सभा का गठन किया जाय।
मुख्यमंत्री ने बिहार ग्राम स्वराज योजना सोसायटी के अधीन कर्मियों के रिक्त पदों की जानकारी ली और निर्देश दिया कि रिक्तियों को शीघ्र भरे जाने की कार्रवाई भी की जाय। उन्होंने कहा कि विकास योजनाओं के लिये औसतन एक ग्राम पंचायत को प्रतिवर्ष 45 लाख रूपये की राशि उपलब्ध होगी। अन्य स्रोतों से प्राप्त राशि को इसमें सम्मिलित करते हुये ग्राम पंचायत विकास कार्यों का सूत्रण एवं कार्यान्वयन गुणवता के साथ करायी जाय। पंचायतों के सुदृढ़ीकरण हेतु पंचायत अभियंत्रण संगठन के गठन के प्रस्ताव पर भी विस्तृत चर्चा बैठक में की गयी। आपराधिक, प्राकृतिक आपदा या हिंसक घटना या दुर्धटना में पंचायत/ग्राम कचहरी के प्रतिनिधियों की मृत्यु हो जाने की स्थिति में मृतकों के आश्रितों को वर्तमान में अनुग्रह अनुदान के रूप में एक लाख रूपये की राशि को बढ़ाकर पाॅच लाख रूपये कर दिये जाने पर भी गंभीरता से विचार किये गये।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि पंचायत समिति/जिला परिषद के प्रमुख तथा उप प्रमुख एवं अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष के पद एक साथ रिक्त हो जाने एवं किसी कारण से राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा किसी एक पद का चुनाव नहीं कराये जाने की स्थिति में संबंधित पंचायत समिति /जिला परिषद के उम्र में वरिष्ठतम सदस्य को तदर्थ व्यवस्था के अधीन बिल्कुल अस्थायी तौर पर उस समय तक के लिये प्रधान के रूप में कार्य करने हेतु प्राथमिकता दी जाय। जब तक उक्त पद के लिये राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशन एवं नियंत्रण के अधीन विधिवत निर्वाचन नहीं हो जाय। पंचायत चुनाव में उम्मीदवार होने हेतु वैयक्तिक परिवार में एक क्रियाशील शौचालय का होना अनिवार्य हो, इस पर भी विस्तार से चर्चा हुयी।
पंचायतों को स्वयं के आर्थिक संसाधन विकसित करने हेतु पंचायतों को कर/शूल्क लगाने की शक्ति प्रदान की जाय, इस पर भी गंभीरता से विचार किया गया।


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