Wednesday, 1 April 2015

एक केन्द्रीय राज्य मंत्री के द्वारा काॅग्रेस अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गाॅधी के बारे में आज की गयी टिप्पणी की जितनी निन्दा की जाय, वह कम है:- मुख्यमंत्री

पटना, 01 अप्रील 2015:- केन्द्र सरकार के एक राज्य मंत्री द्वारा काॅगे्रस पार्टी की अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गाॅधी के बारे में आज जो टिप्पणी की गयी है, उसकी जितनी भी निन्दा की जाय, वह कम है। यह इस बात का परिचायक है कि लोगों का सोंच एवं नजरिया क्या है। इस तरह की बात करना आपतिजनक बात है। ऐसी परिस्थिति में जिस व्यक्ति ने टिप्पणी की है, वह उस व्यक्ति की हद तक सीमित नहीं रह जाती है। यह पूरी पार्टी और नेतृत्व की सोंच को दर्शाता है। आज शाम मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार विधानसभा परिसर में पत्रकारों के साथ वार्ता कर रहे थे।
पत्रकारों द्वारा पूछे गये एक प्रश्न के उतर में मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री राहुल गाॅधी के बारे में जो टिप्पणी की गयी है, उसका कोई मतलब नहीं है। आज की परिस्थिति में राहुल गाॅधी जी कहाॅ गये हैं और सार्वजनिक समारोह में क्यों हिस्सा नहीं ले रहे हैं, पर कोई टिप्पणी किया जाना कोई मतलब नहीं रखता है। सार्वजनिक जीवन में रह रहे कोई व्यक्ति, व्यक्तिगत रूप से निर्णय लेने के लिये स्वतंत्र होता है। यह उनका अधिकार है। इस तरह की बात करना स्तरहीन बात है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह का बयान इस बात का परिचायक है कि काला धन स्वदेश वापस लाने में विफलता, रोजगार देने के वादे को पूरा नहीं किया जाना, भूमि अधिग्रहण अध्यादेश मामले में जिस प्रकार से लेागों का आक्रोश पनपता जा रहा है, अब चारो तरफ से प्रश्न पूछे जा रहे हैं। उसके खिज और बौखलाहट का यह परिचायक है। कभी भी अहंकार में नहीं आना चाहिये। जनता सर्वोपरी है। वह जो समर्थन देती है, उसे वापस ले भी सकती है। लोकतंत्र में इस तरह की बात का कोई स्थान नहीं हो सकता है। वादे बहुत किये गये थे, पूरा नहीं कर पा रहे हैं इसलिये स्तरहीन बातें कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह का बयानबाजी करने वालों को उनका दल पुरस्कृत कर रहा है। जैसी टेªनिंग होती है, वह प्रदर्शित होती है। इस तरह के बयान के कारणों को भाजपा का शीर्ष नेतृत्व ही बता पायेगा।
विधानसभा में आज भाजपा के सदस्यों के आचरण से जुड़े एक प्रश्न के उतर में मुख्यमंत्री ने कहा कि सोंची-समझी रणनीति के तहत सदन में अमर्यादित आचरण किये जा रहे हैं। बात-बात में सदन की कार्यवाही को बाधित की जा रही है। बार-बार सदन को बाधित करना उचित नहीं है। सरकार पक्ष रखने के लिये सदैव तैयार है। अध्यक्ष महोदय द्वारा एडवाइजरी कमिटी की बैठक बुलानी चाहिये। सदन में जो आचरण प्रस्तुत किये गये हैं, वह कहीं से उचित नहीं है। लंबा सत्र है, मुद्दे को उठाने में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है। इस तरह का आचरण कर वे मीडिया के माध्यम से प्रचार में रहना चाहते हैं। इस तरह का प्रचार नकारात्मक परिणाम देता है। सदन में मामले उठायें, चर्चा के लिये सदन में सरकार सदैव तैयार रहती है। अध्यक्ष महोदय पर टिप्पणी करना अशोभनीय है। संसदीय लोकतांत्रिक परंपरा के विरूद्ध है। छपने की होड़ है, लोग चर्चा में बने रहना चाहते हैं। मैं मित्रवत सलाह देता हूॅ कि इस तरह के काम का प्रभाव नकारात्मक पैदा होता है। आज जो कुछ हुआ, वह ठीक नहीं है।



No comments:

Post a Comment