पटना, 07 अप्रील 2015:- मानव विकास मिशन के अन्तर्गत सम्पूर्ण टीकाकरण में राज्य को देश के सर्वश्रेष्ठ पाॅच स्थानों के अंदर लाये जाने और उस पर बरकरार रहने का लक्ष्य निर्धारित किया है, इसके लिये पल्स पोलियो अभियान के तर्ज पर सम्पूर्ण टीकाकरण हेतु मिशन इन्द्रधनुष को चलाना होगा। मुझे पूरा विश्वास है कि हमारा पूरा स्वास्थ्य महकमा के साथ-साथ यूनिसेफ, डब्लू0एच0ओ0 एवं अन्य सभी विकास से जुड़ी संस्थाओं की कड़ी मेहनत से हम मिशन इन्द्रधनुष के आगामी पाॅच वर्षों के लक्ष्य को निश्चित रूप से हल कर पायेंगे। इसके लिये 14 जिलों में सभी प्रारंभिक तैयारियाॅ पूरी कर ली गयी है। आज मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार मुख्यमंत्री सचिवालय के संवाद सभाकक्ष में स्वास्थ्य विभाग और यूनिसेफ द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित सम्पूर्ण टीकाकरण हेतु मिशन इन्द्रधनुष का शुभारंभ दीप प्रज्जवलित कर कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज मिशन इन्द्रधनुष का शुभारंभ हो रहा है, यह एक राष्ट्रीय कार्यक्रम है। इस मिशन के अन्तर्गत पहले चरण में वैसे जिलों को चिह्नित किया गया है, जिनमें देश के कुल टीकारहित या आंशिक रूप से प्रतिरक्षित बच्चों में से पचास प्रतिशत बच्चे रहते हैं। इसमें बिहार के 14 जिले यथा- अररिया, किशनगंज, कटिहार, सहरसा, दरभंगा, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, बेतिया, पटना, गया, जमुई एवं बेगूसराय आते हैं। इन 14 जिलों पर सम्पूर्ण टीकाकरण का विशेष अभियान चलाया जायेगा। इसकी शुरूआत आज की गयी है। विगत नौ वर्षों में राज्य ने टीकाकरण के क्षेत्र में काफी अच्छी प्रगति की है। पल्स पोलियो का अभियान पूरी जिम्मेदारी से राज्य में चलाया गया। डब्लू0एच0ओ0, यूनिसेफ ने मुझसे पल्स पोलियो अभियान में विशेष रूचि लेने का अनुरोध किया था। मैंने राज्य के सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि व्यक्तिगत जिम्मेदारी लेकर इस अभियान को चलायें। अभियान को पूरी सफलता के साथ चलाया गया, जिसके परिणामस्वरूप तीन वर्षों से राज्य में पोलियो का कोई केस नहीं मिल रहा है। प्रतिदिन अभियान में लगे लोग अपना काम पूरा करने के बाद तय कार्यक्रमों के अलावा आगे क्या करना है, पर चर्चा करते थे। रूटिन इमुनाइजेशन की स्थिति मात्र 12 प्रतिशत थी। रूटिन इमुनाइजेशन ने गति पकड़ी और आज इस क्षेत्र में काफी अच्छी उपलब्धि है। नियमित टीकाकरण के लिये मैंने लक्ष्य रखा है कि राज्य को प्रथम सर्वश्रेष्ठ पाॅच स्थानों के अंदर रहना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नियमित टीकाकरण शिशुओं की जिन्दगी बचाने का सबसे प्रभावी असरदार और किफायती साधन है। पिछले दस वर्षों में नियमित टीकाकरण के क्षेत्र में काफी प्रगति हुयी है। आज अथक प्रयास और कुशल प्रबंधन के कारण बिहार में नियमित टीकाकरण का आच्छादन राष्ट्रीय औसत से अधिक है, जिसके कारण शिशु मृत्यु दर भी घटा है। बिहार वर्तमान में राष्ट्रीय औसत के बराबर है परन्तु हमारा लक्ष्य हर बच्चे तक पहुॅचने का है। किसी को भी टीकाकरण से वंचित नहीं रखा जाना है। जिस तरह पोलियो अभियान में नारा दिया गया था कि एक बच्चा भी छूटा, सुरक्षा चक्र टूटा, इसे इस अभियान में भी लागू करें। अभियान के माध्यम से अगले पाॅच वर्षों में नब्बे प्रतिशत बच्चो का सम्पूर्ण टीकाकरण आच्छादन का विस्तार करने के उपाय पर केन्द्रित है। मिशन इन्द्रधनुष के अन्तर्गत विशेष टीका अभियान में टीकाकरण से वंचित एवं आंशिक रूप से प्रतिरक्षित बच्चों को लक्षित किया जाना है ताकि इन बच्चों को टीवी, गलघोंटू, काली खाॅसी, टेटनस, हेपेटाइटीस बी, हिमोफिलस, इंफ्लुएंजी टाईप बी, खसरा एवं जापानी इंसेफ्लाइटिस जैसी जानलेवा विकलांगता पैदा करने वाली बीमारियों से बचाया जा सके। टीकाकरण के क्षेत्र में लगातार किये जा रहे अध्ययनों से यह पता लगता है कि अधिकतर परिवार टीके के जानकारी के अभाव, टीकाकरण स्थल की जानकारी का अभाव एवं दुष्प्रभाव के डर से बच्चों को टीका नहीं दिलाते हैं। स्वास्थ्य सेवाओं को चुस्त-दुरूस्त करने के साथ-साथ हमारा ध्यान परिवार एवं समुदायों को टीकाकरण के महत्व और इसके फायदे के प्रति जागरूक करने का होना चाहिये। टीकाकरण पर ध्यान देंगे और नियमित रूप से सभी बच्चों का टीका करायेंगे तो इलाज पर बहुत कम खर्च होगा। अगर शुरू में ठीक ढ़ंग से बीमारी से बचाव का प्रबंधन कर दें तो बीमारियाॅ कम होगी और लोगों को बीमारियों से बचाया जा सकेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मेडिकल साइंस को अनेक तरह की चुनौतियाॅ हैं। इमुनाइजेशन कर दें तो बीमारी कम हो जायेगी। उन्होंने कहा कि एम्स पटना बन गया है। मात्र 22 विभाग, फैकल्टी से ये नहीं चलेगा, यहाॅ पर सारी सुविधा एवं सारी फैकल्टी होनी चाहिये। शोध के क्षेत्र में भी यहाॅ पर काम होते रहना चाहिये। मैं इस अभियान से काफी आशान्वित हूॅ। इसके लिये उपबंधित राशि से ज्यादा राशि की जरूरत होगी तो उसका भी इंतजाम किया जायेगा। उन्होंने मिशन इन्द्रधनुष से स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, आशा, ममता, ए0एन0एम0, आॅगनबाड़ी बहनों को जोड़ने की भी आवश्यकता बतायी।
समारोह की अध्यक्षता स्वास्थ्य मंत्री श्री रामधनी सिंह ने किया। उन्होंने कहा कि आज राज्य के 14 जिले जहाॅ प्रतिरक्षण का प्रतिशत कम है, उसमें टीकाकरण को बेहतर करने हेतु मिशन इन्द्रधनुष का शुभारंभ किया जा रहा है। इस मिशन का नाम इन्द्रधनुष इसलिये रखा गया है कि इन्द्रधनुष में सात रंग होते हैं और ये सात बीमारियों- टीवी, पोलियो, गलघोंटू, काली खाॅसी, टेटनस, हेपेटाइटीस बी एवं खसरा से बचाव के टीके हैं। अभियान के दौरान जिरो से दो वर्ष के बच्चे एवं गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया जायेगा। जिनका कोई भी टीका देना शेष रह गया है लेकिन यदि कोई दो वर्ष से अधिक उम्र का बच्चा जिसका कोई भी टीका छूटा हुआ है और सत्र स्थल पर आता है तो उसे भी टीका दिया जायेगा।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम के सफल संचालन हेतु दस मार्च को राज्यस्तरीय कार्यशाला की जा चुकी है। 14 जिलों में जिलास्तरीय कार्यशाला का आयोजन हेा चुका है। सभी ए0एन0एम0, आशा, आॅगनबाड़ी सेविका एवं अन्य का प्रशिक्षण किया जा चुका है। सभी जिले में माइक्रोप्लान बनाये जा चुके हैं। इसमें लगभग 8400 सत्र स्थलों का आयोजन किये जाने का लक्ष्य है। सभी जिलों के क्षेत्रीय पदाधिकारी द्वारा इस कार्यक्रम का पर्यवेक्षण एवं अनुश्रवण की जायेगी।
हमारे देश में चलने वाले नियमित टीकाकरण कार्यक्रम दुनिया के सबसे बड़े कार्यक्रमों में से एक है, जिसमें प्रतिवर्ष 2.7 करोड़ बच्चों का टीकाकरण होता है। बिहार में यह संख्या 28 लाख से ऊपर है। जानलेवा बीमारियों के लिये उच्च टीकाकरण कवरेज स्तरों के बावजूद भारत का सम्पूर्ण टीकाकरण का आच्छादन नवीनतम सर्वेक्षण ए0एच0एस0: 12-13 के अनुसार 65.2 प्रतिशत है, जबकि बिहार का सम्पूर्ण टीकाकरण का प्रतिशत 69.9 है, जो राष्ट्रीय औसत से अधिक है।
प्रधान सचिव स्वास्थ्य श्री ब्रजेश मेहरोत्रा ने स्वागत भाषण करते हुये कहा कि मिशन इन्द्रधनुष के तहत 14 जिले चिह्नित किये गये हैं। जिनका सम्पूर्ण टीकाकरण प्रतिशत कम है। यह अभियान अगले चार महीने में प्रत्येक माह सात दिन चलाये जायेंगे एवं इस अभियान के बीच कम से कम चार सप्ताह का अंतर रखा जायेगा। मिशन इन्द्रधनुष के तहत हम इन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। जहाॅ स्वास्थ्य उपकेन्द्र खाली हैं, पिछले तीन महीने से वहाॅ ए0एन0एम0 की पदस्थापना नहीं हुयी है, ऐसे गाॅव तथा टोले जहाॅ तीन या उससे ज्यादा बार नियमित टीकाकरण सत्र का आयोजन किन्ही कारणों से नहीं हो पाया है, वैसे क्षेत्र जो पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम द्वारा उच्च जोखिम वाले क्षेत्र के रूप में चिह्नित हैं एवं वैसे क्षेत्र जहाॅ टीकाकरण का आच्छादन अभी कम है।
प्रधान सचिव श्री ब्रजेश मेहरोत्रा ने बताया कि इस अभियान के तहत आशा एवं आॅगनबाड़ी बहनों द्वारा घर-घर का सर्वेक्षण कराया जा रहा है। विशेष मोबाइल दलों द्वारा बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया जा रहा है। कोल्ड चेन मैनेजमेंट को और बेहतर किया जा रहा है। आई0सी0डी0एस0 एवं शिक्षा विभाग के साथ समन्वय स्थापित किया गया है। नियमित रूप से फाॅलोअप किया जा रहा है। सभी की जिम्मेदारी तय कर दी है। टास्क फोर्स की बैठक आयोजित की जा रही है। उन्होंने प्रिन्ट एवं इलेक्ट्राॅनिक मीडिया से विशेष रूप से आग्रह किया कि वे नियमित टीकाकरण के लाभों को अपने माध्यम से परिवारों एवं समुदाय तक पहुचायें। अंधविश्वास एवं भ्रांतियों को दूर करने में सरकार का सहयोग करें।
इस अवसर पर सचिव स्वास्थ्य श्री आनंद किशोर, राज्य प्रतिनिधि यूनिसेफ श्री यामिन मजूमदार एवं श्री एन0के0 सिन्हा ने भी समारोह को संबोधित किया और मिशन इन्द्रधनुष पर विस्तार से चर्चा की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री डी0एस0 गंगवार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री चंचल कुमार, निदेशक एम्स श्री जी0के0 सिंह सहित अनेक सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ता उपस्थित थे। धन्यवाद ज्ञापन अपर कार्यपालक निदेशक श्री राहुल कुमार ने किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री एवं अन्य विशिष्ट अतिथियों को प्रधान सचिव स्वास्थ्य श्री ब्रजेश मेहरोत्रा ने स्मृति चिह्न भेंटकर सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर मिशन इन्द्रधनुष के लोगों का अनावरण, पत्रिका का अनावरण, पोस्टर का अनावरण एवं विज्ञापन का अनावरण किया तथा अभियान के प्रचार के लिये बनायी गयी लघु फिल्म का भी अवलोकन किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज मिशन इन्द्रधनुष का शुभारंभ हो रहा है, यह एक राष्ट्रीय कार्यक्रम है। इस मिशन के अन्तर्गत पहले चरण में वैसे जिलों को चिह्नित किया गया है, जिनमें देश के कुल टीकारहित या आंशिक रूप से प्रतिरक्षित बच्चों में से पचास प्रतिशत बच्चे रहते हैं। इसमें बिहार के 14 जिले यथा- अररिया, किशनगंज, कटिहार, सहरसा, दरभंगा, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, बेतिया, पटना, गया, जमुई एवं बेगूसराय आते हैं। इन 14 जिलों पर सम्पूर्ण टीकाकरण का विशेष अभियान चलाया जायेगा। इसकी शुरूआत आज की गयी है। विगत नौ वर्षों में राज्य ने टीकाकरण के क्षेत्र में काफी अच्छी प्रगति की है। पल्स पोलियो का अभियान पूरी जिम्मेदारी से राज्य में चलाया गया। डब्लू0एच0ओ0, यूनिसेफ ने मुझसे पल्स पोलियो अभियान में विशेष रूचि लेने का अनुरोध किया था। मैंने राज्य के सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि व्यक्तिगत जिम्मेदारी लेकर इस अभियान को चलायें। अभियान को पूरी सफलता के साथ चलाया गया, जिसके परिणामस्वरूप तीन वर्षों से राज्य में पोलियो का कोई केस नहीं मिल रहा है। प्रतिदिन अभियान में लगे लोग अपना काम पूरा करने के बाद तय कार्यक्रमों के अलावा आगे क्या करना है, पर चर्चा करते थे। रूटिन इमुनाइजेशन की स्थिति मात्र 12 प्रतिशत थी। रूटिन इमुनाइजेशन ने गति पकड़ी और आज इस क्षेत्र में काफी अच्छी उपलब्धि है। नियमित टीकाकरण के लिये मैंने लक्ष्य रखा है कि राज्य को प्रथम सर्वश्रेष्ठ पाॅच स्थानों के अंदर रहना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नियमित टीकाकरण शिशुओं की जिन्दगी बचाने का सबसे प्रभावी असरदार और किफायती साधन है। पिछले दस वर्षों में नियमित टीकाकरण के क्षेत्र में काफी प्रगति हुयी है। आज अथक प्रयास और कुशल प्रबंधन के कारण बिहार में नियमित टीकाकरण का आच्छादन राष्ट्रीय औसत से अधिक है, जिसके कारण शिशु मृत्यु दर भी घटा है। बिहार वर्तमान में राष्ट्रीय औसत के बराबर है परन्तु हमारा लक्ष्य हर बच्चे तक पहुॅचने का है। किसी को भी टीकाकरण से वंचित नहीं रखा जाना है। जिस तरह पोलियो अभियान में नारा दिया गया था कि एक बच्चा भी छूटा, सुरक्षा चक्र टूटा, इसे इस अभियान में भी लागू करें। अभियान के माध्यम से अगले पाॅच वर्षों में नब्बे प्रतिशत बच्चो का सम्पूर्ण टीकाकरण आच्छादन का विस्तार करने के उपाय पर केन्द्रित है। मिशन इन्द्रधनुष के अन्तर्गत विशेष टीका अभियान में टीकाकरण से वंचित एवं आंशिक रूप से प्रतिरक्षित बच्चों को लक्षित किया जाना है ताकि इन बच्चों को टीवी, गलघोंटू, काली खाॅसी, टेटनस, हेपेटाइटीस बी, हिमोफिलस, इंफ्लुएंजी टाईप बी, खसरा एवं जापानी इंसेफ्लाइटिस जैसी जानलेवा विकलांगता पैदा करने वाली बीमारियों से बचाया जा सके। टीकाकरण के क्षेत्र में लगातार किये जा रहे अध्ययनों से यह पता लगता है कि अधिकतर परिवार टीके के जानकारी के अभाव, टीकाकरण स्थल की जानकारी का अभाव एवं दुष्प्रभाव के डर से बच्चों को टीका नहीं दिलाते हैं। स्वास्थ्य सेवाओं को चुस्त-दुरूस्त करने के साथ-साथ हमारा ध्यान परिवार एवं समुदायों को टीकाकरण के महत्व और इसके फायदे के प्रति जागरूक करने का होना चाहिये। टीकाकरण पर ध्यान देंगे और नियमित रूप से सभी बच्चों का टीका करायेंगे तो इलाज पर बहुत कम खर्च होगा। अगर शुरू में ठीक ढ़ंग से बीमारी से बचाव का प्रबंधन कर दें तो बीमारियाॅ कम होगी और लोगों को बीमारियों से बचाया जा सकेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मेडिकल साइंस को अनेक तरह की चुनौतियाॅ हैं। इमुनाइजेशन कर दें तो बीमारी कम हो जायेगी। उन्होंने कहा कि एम्स पटना बन गया है। मात्र 22 विभाग, फैकल्टी से ये नहीं चलेगा, यहाॅ पर सारी सुविधा एवं सारी फैकल्टी होनी चाहिये। शोध के क्षेत्र में भी यहाॅ पर काम होते रहना चाहिये। मैं इस अभियान से काफी आशान्वित हूॅ। इसके लिये उपबंधित राशि से ज्यादा राशि की जरूरत होगी तो उसका भी इंतजाम किया जायेगा। उन्होंने मिशन इन्द्रधनुष से स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, आशा, ममता, ए0एन0एम0, आॅगनबाड़ी बहनों को जोड़ने की भी आवश्यकता बतायी।
समारोह की अध्यक्षता स्वास्थ्य मंत्री श्री रामधनी सिंह ने किया। उन्होंने कहा कि आज राज्य के 14 जिले जहाॅ प्रतिरक्षण का प्रतिशत कम है, उसमें टीकाकरण को बेहतर करने हेतु मिशन इन्द्रधनुष का शुभारंभ किया जा रहा है। इस मिशन का नाम इन्द्रधनुष इसलिये रखा गया है कि इन्द्रधनुष में सात रंग होते हैं और ये सात बीमारियों- टीवी, पोलियो, गलघोंटू, काली खाॅसी, टेटनस, हेपेटाइटीस बी एवं खसरा से बचाव के टीके हैं। अभियान के दौरान जिरो से दो वर्ष के बच्चे एवं गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया जायेगा। जिनका कोई भी टीका देना शेष रह गया है लेकिन यदि कोई दो वर्ष से अधिक उम्र का बच्चा जिसका कोई भी टीका छूटा हुआ है और सत्र स्थल पर आता है तो उसे भी टीका दिया जायेगा।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम के सफल संचालन हेतु दस मार्च को राज्यस्तरीय कार्यशाला की जा चुकी है। 14 जिलों में जिलास्तरीय कार्यशाला का आयोजन हेा चुका है। सभी ए0एन0एम0, आशा, आॅगनबाड़ी सेविका एवं अन्य का प्रशिक्षण किया जा चुका है। सभी जिले में माइक्रोप्लान बनाये जा चुके हैं। इसमें लगभग 8400 सत्र स्थलों का आयोजन किये जाने का लक्ष्य है। सभी जिलों के क्षेत्रीय पदाधिकारी द्वारा इस कार्यक्रम का पर्यवेक्षण एवं अनुश्रवण की जायेगी।
हमारे देश में चलने वाले नियमित टीकाकरण कार्यक्रम दुनिया के सबसे बड़े कार्यक्रमों में से एक है, जिसमें प्रतिवर्ष 2.7 करोड़ बच्चों का टीकाकरण होता है। बिहार में यह संख्या 28 लाख से ऊपर है। जानलेवा बीमारियों के लिये उच्च टीकाकरण कवरेज स्तरों के बावजूद भारत का सम्पूर्ण टीकाकरण का आच्छादन नवीनतम सर्वेक्षण ए0एच0एस0: 12-13 के अनुसार 65.2 प्रतिशत है, जबकि बिहार का सम्पूर्ण टीकाकरण का प्रतिशत 69.9 है, जो राष्ट्रीय औसत से अधिक है।
प्रधान सचिव स्वास्थ्य श्री ब्रजेश मेहरोत्रा ने स्वागत भाषण करते हुये कहा कि मिशन इन्द्रधनुष के तहत 14 जिले चिह्नित किये गये हैं। जिनका सम्पूर्ण टीकाकरण प्रतिशत कम है। यह अभियान अगले चार महीने में प्रत्येक माह सात दिन चलाये जायेंगे एवं इस अभियान के बीच कम से कम चार सप्ताह का अंतर रखा जायेगा। मिशन इन्द्रधनुष के तहत हम इन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। जहाॅ स्वास्थ्य उपकेन्द्र खाली हैं, पिछले तीन महीने से वहाॅ ए0एन0एम0 की पदस्थापना नहीं हुयी है, ऐसे गाॅव तथा टोले जहाॅ तीन या उससे ज्यादा बार नियमित टीकाकरण सत्र का आयोजन किन्ही कारणों से नहीं हो पाया है, वैसे क्षेत्र जो पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम द्वारा उच्च जोखिम वाले क्षेत्र के रूप में चिह्नित हैं एवं वैसे क्षेत्र जहाॅ टीकाकरण का आच्छादन अभी कम है।
प्रधान सचिव श्री ब्रजेश मेहरोत्रा ने बताया कि इस अभियान के तहत आशा एवं आॅगनबाड़ी बहनों द्वारा घर-घर का सर्वेक्षण कराया जा रहा है। विशेष मोबाइल दलों द्वारा बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया जा रहा है। कोल्ड चेन मैनेजमेंट को और बेहतर किया जा रहा है। आई0सी0डी0एस0 एवं शिक्षा विभाग के साथ समन्वय स्थापित किया गया है। नियमित रूप से फाॅलोअप किया जा रहा है। सभी की जिम्मेदारी तय कर दी है। टास्क फोर्स की बैठक आयोजित की जा रही है। उन्होंने प्रिन्ट एवं इलेक्ट्राॅनिक मीडिया से विशेष रूप से आग्रह किया कि वे नियमित टीकाकरण के लाभों को अपने माध्यम से परिवारों एवं समुदाय तक पहुचायें। अंधविश्वास एवं भ्रांतियों को दूर करने में सरकार का सहयोग करें।
इस अवसर पर सचिव स्वास्थ्य श्री आनंद किशोर, राज्य प्रतिनिधि यूनिसेफ श्री यामिन मजूमदार एवं श्री एन0के0 सिन्हा ने भी समारोह को संबोधित किया और मिशन इन्द्रधनुष पर विस्तार से चर्चा की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री डी0एस0 गंगवार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री चंचल कुमार, निदेशक एम्स श्री जी0के0 सिंह सहित अनेक सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ता उपस्थित थे। धन्यवाद ज्ञापन अपर कार्यपालक निदेशक श्री राहुल कुमार ने किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री एवं अन्य विशिष्ट अतिथियों को प्रधान सचिव स्वास्थ्य श्री ब्रजेश मेहरोत्रा ने स्मृति चिह्न भेंटकर सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर मिशन इन्द्रधनुष के लोगों का अनावरण, पत्रिका का अनावरण, पोस्टर का अनावरण एवं विज्ञापन का अनावरण किया तथा अभियान के प्रचार के लिये बनायी गयी लघु फिल्म का भी अवलोकन किया।
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