पटना, 17 अप्रैल 2015:- पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 चन्द्रशेखर जी की जयंती आज राज्य में हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। जगह-जगह पर समारोह आयोजित कर उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व की चर्चा की गई। पटना में राजकीय जयंती समारोह का आयोजन बहादुरपुर हाउसिंग काॅलोनी पार्क न0-2 कंकड़बाग में आयोजित की गई। जहाॅ पर मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार, प्रदेश जदयू अध्यक्ष श्री वशिष्ठ नारायण सिंह, जल संसाधन मंत्री श्री विजय कुमार चैघरी, खाद्य उपभोक्ता मंत्री श्री श्याम रजक, भवन निर्माण मंत्री श्री दामोदर रावत, सहकारिता मंत्री श्री जय कुमार सिंह, समाज कल्याण मंत्री श्रीमती लेसी सिंह, पूर्व विधायक श्री मिथिलेश कुमार सिंह, महासचिव राज्य नागरिक परिषद श्री छोटू सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता यथा श्रीमती कंचन माला चैधरी, श्री शिवशंकर निषाद, डाॅ0 जितेन्द्र सिंह, श्री एम0के0 मधु सहित अनेकों सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने स्व0 चन्द्रशेखर जी के चित्र पर माल्र्यापण उन्हें शत्-शत् नमन किया, श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर सर्वधर्म प्रार्थना का भी आयोजन हुआ तथा स्व0 चन्द्रशेखर जी की आत्मा की चिर शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की गई।
बहादुरपुर हाउसिंग काॅलोनी पार्क न0-2 में स्व0 चन्द्रशेखर जी की आदमकद प्रतिमा के अधिष्ठापन एवं पार्क सौन्दर्यीकरण कार्य का शिलान्यास मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के कर कमलों द्वारा संपन्न हुआ। बाद में पत्रकारों से वार्ता करते हुये मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने स्व0 चन्द्रशेखर जी को नमन करते हुये कहा कि आज स्व0 चन्द्रशेखर जी की जयंती है। उनकी जयंती को राजकीय समारोह के रूप में मनाये जाने का निर्णय राज्य सरकार ने लिया है। बहादुरपुर हाउसिंग काॅलोनी पार्क-2 का निर्माण और सौन्दर्यीकरण किया जायेगा। इसी पार्क में उनकी आदमकद प्रतिमा का अधिष्ठापन होगा। 8 जुलाई को स्व0 चन्द्रशेखर जी की पुण्यतिथि है। सरकार का प्रयास है कि पुण्यतिथि के दिन उनकी आदमकद प्रतिमा का अनावरण करा दिया जाये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की राजनीति में जो स्थान चन्द्रशेखर जी का था, उसे भुलाया नहीं जा सकता। छात्र जीवन से ही वे सक्रिय राजनीति में रहे। युवा तर्क नेता के रूप में जाने जाते थे। काॅग्रेस में रहते हुये भी अपनी बात को वे बेबाक रूप से रखते थे। इस्टैबलिस्मेंट(व्यवस्था) के खिलाफ आवाज उठाते रहे। उनसे बहुत कुछ सीखने का मौका मिला। वे संसदीय परंपरा के रक्षक थे। संसदीय परंपरा से हटकर दूसरे रास्ते पर भटकते लोगों को देखते तो वे आगाह करते थे। भटकाव से दुखी रहते थे। लोकतंत्र में गहरी आस्था थी। देश की संस्कृति से उनका गहरा लगाव था। स्पष्टवादिता के लिए वे सुविख्यात थे। इमरजेंसी में वे जेल गये, 1977 में जब जनता पार्टी बनी तब से वे जनता पार्टी के अध्यक्ष भी बने।
दायित्वों का निर्वाह करते हुये ऐसे महापुरूष की आदमकद प्रतिमा लगाये जाने का निर्णय लिया गया। उन्होंने लाखों लोगों को जगाया। ऐसे महापुरूष की प्रतिमा लगाई जाये ताकि आने वाली पीढ़ी उनसे प्रेरणा ले सके।
पत्रकारांे के कश्मीर से जुड़े एक प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा सत्ता के लालच में हर उन चीजों से समझौता कर रही है, जिसके खिलाफ अब तक वे बोलते रहे थे। जनसंघ के समय से जो उनका मत था, उसके विपरीत सत्ता के लोभ में उन्होंने जम्मू कश्मीर में गठबंधन किया। आज हमलोग देख रहे है कि नया-नया रिकाॅर्ड बन रहा है। सरकार रहते वहाॅ पर भारत विरोधी काम हो रहा है। भाजपा को ही जवाब देना होगा। वे कहते थे कि राष्ट्र कमजोर हो रहा है, इसे मजबूत करेंगे, देशभक्ति का दावा करते थे। देश की रक्षा करेंगे। अब तक जो कुछ नहीं होता था वह सब कुछ हो रहा है।
पत्रकारों के जनता दल परिवार के विलय से जुड़े प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री मुलायम सिंह यादव जी नये दल के अध्यक्ष बन चुके है। जो औपचारिकतायें है, वे उसे पूरा करेंगे।
इस अवसर पर सर्वधर्म प्रार्थना का भी आयोजन हुआ तथा स्व0 चन्द्रशेखर जी की आत्मा की चिर शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की गई।
बहादुरपुर हाउसिंग काॅलोनी पार्क न0-2 में स्व0 चन्द्रशेखर जी की आदमकद प्रतिमा के अधिष्ठापन एवं पार्क सौन्दर्यीकरण कार्य का शिलान्यास मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के कर कमलों द्वारा संपन्न हुआ। बाद में पत्रकारों से वार्ता करते हुये मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने स्व0 चन्द्रशेखर जी को नमन करते हुये कहा कि आज स्व0 चन्द्रशेखर जी की जयंती है। उनकी जयंती को राजकीय समारोह के रूप में मनाये जाने का निर्णय राज्य सरकार ने लिया है। बहादुरपुर हाउसिंग काॅलोनी पार्क-2 का निर्माण और सौन्दर्यीकरण किया जायेगा। इसी पार्क में उनकी आदमकद प्रतिमा का अधिष्ठापन होगा। 8 जुलाई को स्व0 चन्द्रशेखर जी की पुण्यतिथि है। सरकार का प्रयास है कि पुण्यतिथि के दिन उनकी आदमकद प्रतिमा का अनावरण करा दिया जाये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की राजनीति में जो स्थान चन्द्रशेखर जी का था, उसे भुलाया नहीं जा सकता। छात्र जीवन से ही वे सक्रिय राजनीति में रहे। युवा तर्क नेता के रूप में जाने जाते थे। काॅग्रेस में रहते हुये भी अपनी बात को वे बेबाक रूप से रखते थे। इस्टैबलिस्मेंट(व्यवस्था) के खिलाफ आवाज उठाते रहे। उनसे बहुत कुछ सीखने का मौका मिला। वे संसदीय परंपरा के रक्षक थे। संसदीय परंपरा से हटकर दूसरे रास्ते पर भटकते लोगों को देखते तो वे आगाह करते थे। भटकाव से दुखी रहते थे। लोकतंत्र में गहरी आस्था थी। देश की संस्कृति से उनका गहरा लगाव था। स्पष्टवादिता के लिए वे सुविख्यात थे। इमरजेंसी में वे जेल गये, 1977 में जब जनता पार्टी बनी तब से वे जनता पार्टी के अध्यक्ष भी बने।
दायित्वों का निर्वाह करते हुये ऐसे महापुरूष की आदमकद प्रतिमा लगाये जाने का निर्णय लिया गया। उन्होंने लाखों लोगों को जगाया। ऐसे महापुरूष की प्रतिमा लगाई जाये ताकि आने वाली पीढ़ी उनसे प्रेरणा ले सके।
पत्रकारांे के कश्मीर से जुड़े एक प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा सत्ता के लालच में हर उन चीजों से समझौता कर रही है, जिसके खिलाफ अब तक वे बोलते रहे थे। जनसंघ के समय से जो उनका मत था, उसके विपरीत सत्ता के लोभ में उन्होंने जम्मू कश्मीर में गठबंधन किया। आज हमलोग देख रहे है कि नया-नया रिकाॅर्ड बन रहा है। सरकार रहते वहाॅ पर भारत विरोधी काम हो रहा है। भाजपा को ही जवाब देना होगा। वे कहते थे कि राष्ट्र कमजोर हो रहा है, इसे मजबूत करेंगे, देशभक्ति का दावा करते थे। देश की रक्षा करेंगे। अब तक जो कुछ नहीं होता था वह सब कुछ हो रहा है।
पत्रकारों के जनता दल परिवार के विलय से जुड़े प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री मुलायम सिंह यादव जी नये दल के अध्यक्ष बन चुके है। जो औपचारिकतायें है, वे उसे पूरा करेंगे।
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