Saturday, 28 February 2015

जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम का आयोजन 2 मार्च को होगा

पटना, 28 फरवरी 2015:- मार्च 2015 के प्रथम सोमवार अर्थात 2 मार्च को प्रातः दस बजे से मुख्यमंत्री आवास 1 अणे मार्ग में जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम का आयोजन होगा। इस दरबार में पुलिस, भू-राजस्व एवं निबंधन से संबंधित शिकायतें मुख्यमंत्री द्वारा सुनी जाएगी।
मुख्यमंत्री के सचिव श्री अतीश चन्द्रा ने बताया है कि शिकायत पत्रों का निबंधन 2 मार्च के प्रातः साढ़े सात बजे से 11 बजे तक किया जायेगा और दस बजे प्रातः से जनता दरबार में शिकायतें सुनी जायेगी।



In focus...


देशरत्न के चरणों में श्रद्धा सुमन अर्पित करता हॅू- मुख्यमंत्री

पटना, 28 फरवरी 2015:- भारत के प्रथम राष्ट्रपति देशरत्न डाॅ0 राजेन्द्र प्रसाद की 52वीं पुण्यतिथि पर उन्हें राष्ट्र ने शत्-शत् नमन किया और उनके व्यक्तित्व, कृतित्व एवं बलिदान को याद कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित की।
पटना में देशरत्न डाॅ0 राजेन्द्र प्रसाद की पुण्यतिथि पर मुख्य राजकीय समारोह महाप्रयाण घाट (बांस घाट) स्थित उनके समाधि के निकट आयोजित की गई है, जहाॅ मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने देशरत्न की समाधि पर पुष्प-चक्र अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी। समाधि की परिक्रमा कर उन्हें नमन किया। भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणव मुखर्जी की ओर से बिहार के राज्यपाल के परिसहाय श्री राकेश दूबे, उप राष्ट्रपति श्री हामिद अंसारी की ओर से जिलाधिकारी पटना श्री अभय कुमार सिंह, भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की ओर से आयुक्त पटना प्रमण्डल श्री ई0एल0एस0एन0 बाला प्रसाद ने देशरत्न की समाधि पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर महासचिव बिहार राज्य नागरिक परिषद श्री छोटू सिंह, जदयू नेता श्री शिवशंकर निषाद, श्री कुलवंत सिंह सलूजा, श्री दिनेश गुप्ता, सहित अनेकों गणमान्य व्यक्तियों ने देशरत्न डाॅ0 राजेन्द्र प्रसाद की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें शत्-शत् नमन किया और श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर बिहार सैन्य पुलिस द्वारा शोक सलामी दी गई तथा दो मिनट का मौन रखकर तमाम उपस्थित लोगों ने देशरत्न को याद किया एवं उन्हें श्ऱद्धाजंलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने देशरत्न डाॅ0 राजेन्द्र प्रसाद को याद करते हुये आगन्तुुक पुस्तिका पर देशरत्न के प्रति आदर प्रेषित करते हुये अंकित किया कि मैं देशरत्न के चरणों में श्रद्धासुमन अर्पित करता हॅू। पत्रकारों से वार्ता करते हुये मुख्यमंत्री ने देशरत्न डाॅ0 राजेन्द्र प्रसाद की स्वतंत्रता संग्राम में दी गई भूमिका को याद कराया और कहा कि संविधान के निर्माण में उनकी महती भूमिका थी, जिसे सैदव याद किया जायेगा। उनके अंदर मेधा और राष्ट्र प्रेम की भावना थी। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। बिहार के गौरव को उन्होंने देश के सर्वोच्च पद पर रहकर बढ़ाया। उन्हें शत्-शत् नमन करता हॅू।

Friday, 27 February 2015

बिहार पुलिस दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री ने चार विशिष्ट सेवा पदक एवं 29 वीरता पदक प्राप्त अधिकारियों को पुरस्कार से सम्मानित किया


पटना, 27 फरवरी 2015:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज बिहार पुलिस दिवस समारोह में विशिष्ट सेवा पदक प्राप्त चार पुलिस अधिकारी यथा- श्री के0एस0 द्विवेदी अपर पुलिस महानिदेशक रेलवे, श्री रविन्द्र कुमार अपर पुलिस महानिदेशक निगरानी अन्वेषण ब्यूरो, श्री बिनोद कुमार पुलिस उप महानिरीक्षक सारण क्षेत्र तथा श्री सुकन पासवान पुलिस उप महानिदेशक सुरक्षा, विशेष शाखा को मेडल एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री ने वीरता पदक प्राप्त 29 पुलिस अधिकारी यथा- श्री विवेकानन्द अपर पुलिस अधीक्षक, श्री प्रवेन्द्र भारती पुलिस उपाधीक्षक, श्री रहमत अली पुलिस उपाधीक्षक, श्री गुलाम मुस्तफा पुलिस अवर निरीक्षक, श्री रामबदन पासवान प्रा0अ0नि0, डाॅ0 एस0के0 झा पुलिस निरीक्षक, श्री संजीव कुमार पुलिस निरीक्षक, श्री नागेन्द्र राय सहायक स0अ0नि0, श्री विवेकानंद अपर पुलिस अधीक्षक, श्री रामाकान्त प्रसाद पुलिस उपाधीक्षक, श्री निखिल कुमार पुलिस निरीक्षक, श्री दीपक कुमार सिंह स0अ0नि0, श्री रंधीर कुमार सिंह अ0नि0, श्री नरेश प्रसाद शर्मा पुलिस उपाधीक्षक, श्री प्रवेन्द्र भारती पुलिस उपाधीक्षक, श्री रमेश प्रसाद वर्मा पुलिस निरीक्षक, श्री नीरज कुमार सिंह अपर पुलिस अधीक्षक, श्री बालेश्वर पासवान पुलिस उपाधीक्षक, श्री चन्द्रभूषण मिश्र पुलिस निरीक्षक, श्री ओमप्रकाश पुलिस निरीक्षक, श्री धीरज थापा हवलदार, श्री धनराज कुमार स0अ0नि0, श्री अजय कुमार चैधरी स0अ0नि0, श्री नंदू राम स0अ0नि0, श्री अनिरूद्ध कुमार पंडित स0अ0नि0, श्री रघुनाथ सिंह पुलिस निरीक्षक, श्री संतोष कुमार स0अ0नि0, श्री संजय कुमार स0अ0नि, श्री बैद्यनाथ कुमार स0अ0नि0 को भी पदक एवं प्रशस्ति पत्र भेंटकर सम्मानित किया।
इस अवसर पर चैदह नागरिकों को भी घरेलू हिंसा, महिला अत्याचार, दहेज प्रताड़ना एवं अन्य पारिवारिक विवादों के निष्पादन में पुलिस को सहयोग करने के लिये पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जिसमें पूर्णिया जिला की श्रीमती स्वाति वैश्यंत्रि, श्री दीपक कुमार दीपक, श्री कृष्ण कुमार सिंह, श्री नारायण कुमार गुप्त एवं मुॅगेर जिला के श्री अरूण कुमार झा, श्री अनिल कुमार शर्मा, श्री इम्तियाज अशरफ खाॅ, श्री बंधु कोड़ा, श्री सोहन कोड़ा, श्री चन्द्रचूर सिंह एवं श्री सत्यप्रिय राय सम्मिलित हैं।


पुलिस की प्रतिबद्धता उनको दिये गये कामों के प्रति होती है: वे अपनी चिन्ता छोड़कर अपने कर्तव्यों का निर्बाह करते हैं:- मुख्यमंत्री

पटना, 27 फरवरी 2015:- पुलिस की प्रतिबद्धता उनको दिये गये कामों के प्रति होती है, वे अपनी चिन्ता छोड़कर अपने कर्तव्यों का निर्बाह करते है। हम उनकी समस्याओं को समझते हैं, उनकी समस्याओं का निदान करना मेरा काम है। आज शाम मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार बी0एम0पी0-5 के मैदान में बिहार पुलिस दिवस के अवसर पर संयुक्त पुलिस टुकडि़यों का निरीक्षण एवं सलामी लिये जाने के बाद समारोह को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार पुलिस दिवस के अवसर पर उपस्थित होकर उन्हें खुशी हो रही है। पहले पुलिस दिवस का आयोजन नहीं होता था। यदा-कदा पुलिस के कार्यक्रम होते थे। किसी खास दिवस पर कार्यक्रम नहीं होते थे। पुलिस सप्ताह का आयोजन मेरे परामर्श पर प्रारंभ हुआ। पुलिस सप्ताह का आयोजन होना चाहिये, इसका समापन पुलिस दिवस पर होना चाहिये, इससे पुलिस में अनुशासन आती है और उनका गौरव बढ़ता है। इस तरह के आयोजन के लिये अतिरिक्त धन की जरूरत होगी तो उसे पूरा किया जायेगा। पुलिस सप्ताह के अन्तर्गत विभिन्न तरह के प्रतियोगिताओं एवं कार्यक्रमों का आयोजन कर पुलिस के जवानों की प्रतिभा की खोज होनी चाहिये और उन्हें सम्मानित एवं पुरस्कृत किया जाना चाहिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि परिस्थिति कुछ भी रहे, निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार पुलिस सप्ताह का आयोजन आगे से होते रहना चाहिये।
मुख्यमंत्री ने पुलिस बल की प्रशंसा करते हुये कहा कि पुलिस को जो काम दिये जाते हैं, वे अपनी चिन्ताओं को छोड़कर मौसम की परवाह किये बिना अपने कर्तव्यों का निर्बाह करते हैं। 2005 के नवम्बर में जब मैंने मुख्यमंत्री के रूप में कार्य प्रारंभ किया था तो उस समय पुलिस बल की काफी कमी थी। अपराध पर काबू पाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता थी। पूरे बिहार में घूम-घूमकर हमने लोगों से कहा था कि कानून का राज राज्य में स्थापित करेंगे। आपका सहयोग मिला और राज्य में कानून का राज स्थापित हुआ। बिहार में कानून व्यवस्था की स्थिति सुधरी, लोगों के मन से डर निकला। बिहार के हालत ठीक हो गये तो बिहार की चर्चा खुलकर देश-विदेश में हुयी। आपने जो स्थान बना लिया है, अब आपकी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है कि आपने जो ऊॅचाई प्राप्त कर ली है, उसमें किसी तरह की गिरावट नहीं आने दें, दिन-व-दिन इसमें सुधार आनी चाहिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल में जब मैंने मुख्यमंत्री का कार्यभार संभालने के 48 घंटे के अंदर राज्य में विधि-व्यवस्था की समीक्षा की। होली का त्योहार बस आने को ही है। असामाजिक तत्व समाज में बने प्रेम, सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश करेंगे। हमारी पूरी अपेक्षा है कि पुलिस अधिकारी पूरे मनोयोग से काम करेंगे। राज्य में विधि-व्यवस्था बनाये रखने में कामयाब होंगे। समाज में सद्भाव एवं समरसता बनी रहेगी। नागरिकों का सहयोग पुलिस अधिकारी लें। पुलिस पदाधिकारी लोगों के साथ ठीक संबंध रखने की कोशिश करेंगे तो काम सरल हो जायेगा। आप लोगों की सुरक्षा के लिये हैं, ऐसा न हो कि आपके पास आने में लोग स्वयं असुरक्षित महसूस करने लगें। समस्याओं को नियंत्रित करने में नागरिकों का सहयोग लेने से मदद मिलती है। लोगों को आपसे डर नहीं लगना चाहिये, आपसे तो अपराधियों को डरना चाहिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब उन्होंने 2005 में राज्य की बागडोर संभाली तो यह जानना चाहा कि पुलिस बल की औसत आयु क्या है तो मालूम हुआ कि 38 वर्ष। इसका कारण पुलिस बल में नियुक्तियों का न होना था। अब पारदर्शी तरीके से मेरीट के आधार पर नियुक्तियाॅ होने लगी है। नियुक्तियों को भरने में किसी प्रकार की बाधा नहीं आने दें, पुलिस बल स्वीकृत किये गये हैं। पुलिस बल का प्रशिक्षण होना चाहिये। राज्य के बंटवारे के बाद पुलिस प्रशिक्षण केन्द्र झारखण्ड में चले गये हैं। प्रशिक्षण केन्द्र की कमी थी, इसके लिये ढ़ाॅचे का भी विकास करना पड़ा। यह काम सुचारू रूप से होना चाहिये। प्रशिक्षण का एक विषय नागरिकों के साथ उचित व्यवहार होना चाहिये। राजगीर में पुलिस अकादमी बन रही है, उसका काम पूरा होना चाहिये। मेरी इच्छा है कि बिहार का पुलिस अकादमी देश का सर्वश्रेष्ठ पुलिस अकादमी कहलाये। दूसरे राज्य के लोग इसे देखने आयें। पुलिस आधुनिकीकरण पर जोर है। पुलिस के लिये वाहन होने चाहिये। एक जमाना वह भी था, जब थाने में गाड़ी नहीं थी। जहाॅ पर गाड़ी थी, वह ठेलकर ही चलती थी। अत्यधिक आवाज करती थी, जिस कारण अपराधी समझ जाते थे कि पुलिस आ रही है। अब स्थिति हॅसने लायक नहीं है। सभी संसाधन पुलिस को मुहैया कराया जा रहा है। कर्तव्य के निर्वहन में भी मुस्तैदी होनी चाहिये। लोगों के मन से डर निकल जाने का जो एहसास कायम हुआ है, उसे कायम रहना चाहिये। मुख्यमंत्री ने पुलिस बल को होली की अग्रिम शुभकामना दी।
स्वागत भाषण पुलिस महानिदेशक श्री पी0के0 ठाकुर ने किया और विगत वर्षों में पुलिस द्वारा प्राप्त की गयी उपलब्धियों की विस्तार से चर्चा की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बिहार पुलिस के विभिन्न बटालियनों की आकर्षक संयुक्त परेड का निरीक्षण किया एवं सलामी ली तथा विशिष्ट सेवा पदक, वीरता पदक प्राप्त पुलिस अधिकारियों को सम्मानित किया तथा उन्हें मेडल एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया। मुख्यमंत्री को पुलिस महानिदेशक श्री पी0के0 ठाकुर ने प्रतीक चिह्न भेंटकर सम्मानित किया।
धन्यवाद ज्ञापन अपर महानिदेशक बी0एम0पी0 श्री ए0के0 उपाध्याय ने किया। मंच संचालन श्री जी0एस0 गंगवार ने किया और इस अवसर पर यह सूचना दिया कि राष्ट्रीय पुलिस चैम्यिनशिप प्रतियोगिता में बिहार पुलिस को एक गोल्ड मेडल की प्राप्ति हुयी है और उसका प्रदर्शन काफी अच्छा चल रहा है।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री अंजनी कुमार सिंह, प्रधान सचिव गृह श्री आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री डी0एस0 गंगवार सहित अन्य वरीय पुलिस अधिकारीगण उपस्थित थे।


हमारी अपेक्षा है कि केन्द्रीय वित्त मंत्री बिहार की चिन्ताओं पर गौर करें, बिहार के साथ अन्याय नहीं होने दें:- मुख्यमंत्री

पटना, 27 फरवरी 2015:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज दिल्ली से वापस लौटने के बाद पटना हवाई अड्डा पर पत्रकारों से वार्ता करते हुये कहा कि उनकी बातें दिल्ली में केन्द्रीय वित मंत्री श्री अरूण जेटली से हुयी है। 14वें वित आयोग की अनुशंसा जिसे केन्द्र सरकार ने स्वीकृत कर लिया है और उक्त अनुशंसा के आलोक में सभी मुख्यमंत्रियों को प्रधानमंत्री जी ने पत्र लिखा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उक्त पत्र के आलोक में उन्होंने प्रधानमंत्री जी को पत्र लिखा है और 14वें वित आयोग की अनुशंसा से होने वाले नुकसान को सार्वजनिक रूप से प्रकट भी किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यों को टैक्स रेवेन्यू का 32 प्रतिशत मिलता था, उसकी जगह 42 प्रतिशत मिलेगी लेकिन बाकी के सभी प्रकार के ग्रांट एवं योजना मद में मिलती रही सहायता नहीं मिलने से बिहार को कोई फायदा नहीं होने वाला है। बी0आर0जी0एफ0 के अन्तर्गत बिहार को प्राप्त केन्द्रीय सहायता कानून के अन्तर्गत मिलता है। बिहार पुनर्गठन विधेयक के अन्तर्गत यह सहायता बिहार को मिलती है। योजना आयोग के उपाध्यक्ष की अध्यक्षता में लिये गये निर्णय के अनुसार 10वीं पंचवर्षीय योजना से अतिरिक्त विशेष सहायता मिलती है। वर्तमान पंचवर्षीय योजना में यह सहायता बारह हजार करोड़ रूपये मिल रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने केन्द्रीय वित मंत्री जी को सारी स्थिति बता दी है। टैक्स रेवेन्यू में ज्यादा राशि मिलेगी लेकिन बाकी राशि के बंद हो जाने से बिहार को कोई फायदा नहीं होगा। बी0आर0जी0एफ0 के अन्तर्गत प्राप्त सहायता को बंद कर दिया जायेगा तो यह कानून का उल्लंघन है और बिहार के साथ अन्याय होगा। उन्होंने कहा कि 12वीं पंचवर्षीय योजना में 11 प्रतिशत, 13वीं पंचवर्षीय योजना में 10.9 प्रतिशत और 14वीं पंचवर्षीय योजना में यह राशि घटकर 9.6 प्रतिशत मिलेगा, जो काफी कम होगी। पाॅच साल का आकलन कर लें तो पचास हजार करोड़ रूपये कम मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली, सड़क प्रक्षेत्र की योजना बाधित होगी। उन्हीं परियोजनाओं पर काम होता है, जो केन्द्र सरकार से स्वीकृत होती है। हमारी अपेक्षा है कि हमारी माॅगों पर विचार किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विशेष राज्य के दर्जे की माॅग निवेश को बढ़ावा देने के लिये है। युवा पीढ़ी को ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिले, के लिये है। निवेशकों को टैक्स में छूट मिलेगी। राज्य में कल-कारखाने लगेंगे, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। टैक्स में छूट देने से वित आयोग ने मना नहीं किया है, ऐसी परिस्थिति में मैंने आॅकड़ों के साथ स्थिति स्पष्ट कर दी है और वित मंत्री से आग्रह किया है कि बिहार जैसे गरीब राज्य के साथ अन्याय नहीं होने दें।

Bihar Museum in Patna to open its doors from July 2015


Bihar ready to fight the swine flu terror...


Thursday, 26 February 2015

बिहार को भी स्वाइन फ्लू की दृष्टिकोण से प्रभावित क्षेत्र में सम्मिलित किया जाये- मुख्यमंत्री

पटना, 26 फरवरी 2015:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री जगत प्रकाश नड्डा से दूरभाष पर बातें की और उन्हें बताया कि बिहार में भी स्वाइन फ्लू के पाॅजेटिव केस पाये गये है। इन पाॅजेटिव केसों को ध्यान में रखकर बिहार को भी स्वाइन फ्लू के दृष्टिकोण से प्रभावित क्षेत्र में सम्मिलित कराकर यहाॅ पर हर तरह की आवश्यक केन्द्रीय सहायता सुलभ कराई जाये। मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से स्वाइन फ्लू के टिकाकरण के लिए वैक्सिन और दवाईयो की विशेष सहायता राज्य को दिलाये जाने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने स्वाइन फ्लू की गंभीरता को देखते हुये स्वास्थ्य विभाग एवं सभी जिलों के चिकित्सा पदाधिकारियों को स्वाइन फ्लू की रोकथाम एवं उपचार के लिए तत्पर रहने का निदेश दिया है। उन्होंने कहा कि स्वाइन फ्लू के बचाव के लिए निरोधात्मक कार्यों का व्यापक प्रचार कराया जाये ताकि इस रोग के प्रकोप से राज्य को बचाया जा सके।


रोहतास जिला में एक सड़क दुर्घटना में दो बच्चों की ट्रक से कुचलकर हुई मौत पर मुख्यमंत्री ने गहरा शोक व्यक्त किया

पटना, 26 फरवरी 2015:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने रोहतास जिला के शिवसागर प्रखण्ड के निकट बमहौड़ गाॅव में एक ट्रक से कुचलकर दो बच्चों की हुई मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने घोषणा किया कि इस दुर्घटना मे मृत बच्चों के परिजनों को राज्य सरकार की ओर से डेढ़-डेढ़ लाख रूपया तथा मुख्यमंत्री राहत कोष से 50-50 हजार रूपये की सहायता राशि दी जायेगी।
मुख्यमंत्री ने इस घटना में घायल बच्चे का बेहतर इलाज कराये जाने का निदेश जिलापदाधिकारी रोहतास को दिया। जिलापदाधिकारी रोहतास ने उक्त घटना में दो बच्चों की मृत्यु एवं एक बच्चे के गंभीर रूप से घायल होने की सम्पुष्टि की है।


Wednesday, 25 February 2015

14वें वित्त आयोग की अनुशंसा पर हम असंतोष प्रकट करते हैं: घाटे की भरपाई केन्द्र सरकार को करनी चाहिये:- मुख्यमंत्री

पटना, 25 फरवरी 2015:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज शाम संवादाताओं से वार्ता करते हुये कहा कि 14वें वित्त आयोग की जो अनुशंसा आयी है और जिसे केन्द्र सरकार ने स्वीकृत भी कर लिया है, उस हम अपना असंतोष प्रकट करते हैं। केन्द्र से माॅग करते हैं कि केन्द्र को राज्य के घाटे की भरपाई करनी चाहिये। 13वें वित आयोग की अनुशंसा के आलोक में टैक्स का 32 प्रतिशत राज्य को जाता था और शेष केन्द्र के पास रह जाता था। 13वें एवं 14वें वित आयोग से हमारी माॅग रही है कि केन्द्रीय टैक्स में राज्य की बराबर की हिस्सेदारी होनी चाहिये। वित आयोग की अनुशंसा के आलोक में राज्यों को योजना मद में भी पैसे दिये जाते थे। योजना में केन्द्र सरकार मदद करती रही है। कई तरह के ग्रांट के माध्यम से भी राज्यों को पैसे मिलते रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि टैक्स में राज्य के हिस्से को 32 प्रतिशत से बढ़ाकर 42 प्रतिशत किया जाना स्वागतयोग्य है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना मद में भी योजना आयोग द्वारा फाॅर्मूला आधारित मदद राज्यों को हो रही है, इसके अलावा कई प्रकार के ग्रांट से भी राज्यों को पैसा मिलता है। बी0आर0जी0एफ0 फंड में देश में जितना पैसा मिलता है, उसका 32 प्रतिशत बिहार को मिलता है। यह मदद बिहार राज्य पुनर्गठन विधेयक के अनुरूप है। 10वीं पंचवर्षीय योजना से बिहार को विशेष सहायता मिलना प्रारंभ हुआ। इस योजना के अन्तर्गत बारह हजार करोड़ रूपये की सहायता निर्धारित की गयी। वर्तमान वितीय वर्ष में अपेक्षित राशि नहीं दी गयी। केन्द्र प्रायोजित योजना में केन्द्र पहले केन्द्रांश रिलिज करते थे। वर्तमान वर्ष में 15-16 हजार करोड़ रूपये की राशि केन्द्र से मिलनी थी। नये वित आयोग के अनुशंसा पर जो पैसा अब मिलेगा, उसके अलावा कोई दूसरा पैसा नहीं मिलेगा। केन्द्र प्रायोजित योजनाओं में जो केन्द्रांश मिलता था, वह भी बंद हो जायेगा। साथ ही दूसरे अनुदान भी बंद हो जायेंगे। टैक्स रेवेन्यू में जो 10 प्रतिशत की वृद्धि हुयी है, उसी में सभी मिलती रही राशि समाहित हो जायेगी। योजना मद में मिलने वाला पैसा बंद हो जायेगा। 2015-16 में जो राशि मिलने की संभावना है, वह 2014-15 में मिली राशि से कम होगी। प्रारंभिक आकलन के अनुसार केन्द्र से मिलनी वाली राशि में कमी आने की संभावना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 14वें वित आयोग की अनुशंसा में बिहार का जो हिस्सा है, पहले के वित आयोग की अनुशंसा से कम है। गत वर्ष 10.9 प्रतिशत के बदले इस वर्ष 9.6 प्रतिशत ही मिल पायेगा। पूर्व में मिली राशि की तुलना में वित आयोग की अनुशंसा के आधार पर 1.3 प्रतिशत कम राशि मिलने की संभावना है। बिहार को जो सहायता मिल रही है, कानून सम्मत है। इस पंचवर्षीय योजना में बारह हजार करोड़ रूपये की योजना स्वीकृत है। बिहार राज्य पुनर्गठन विधेयक के माध्यम से मिल रहे राशि में किसी तरह की कमी नहीं आनी चाहिये। बिहार को जो घाटा होगा, इसकी भरपाई अलग से की जानी चाहिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कहना कि विशेष राज्य के दर्जे की जरूरत नहीं है, उचित नहीं है। विशेष राज्य का दर्जा मिलने पर निवेशकों को केन्द्रीय करों में छूट मिलेगी। विशेष राज्य का औचित्य बरकरार है। रघुराम राजन कमिटी की रिपोर्ट है, हमारी माॅग को ठंडे बस्ते में डाला जाना उचित नहीं है। विशेष राज्य की जो माॅग है, वह रहेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वित आयोग की अनुशंसा का कुप्रभाव हमारे बजट पर पड़ेगा। योजना आकार प्रभावित होगा, नन प्लान साइज में भी संकट उत्पन्न होगा। यह न्यायोचित नहीं है, न्यायसंगत नहीं है। विशेष सहायता में कटौती करना गैर कानूनी एवं अनुचित होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वित आयोग की अनुशंसा का फायदा विकसित राज्यों को पहुॅचेगा। बिहार जैसे गरीब राज्यों को इससे नुकसान होगा। केन्द्रीय करों में 42 प्रतिशत का हिस्सा मिलता और योजना मद का पैसा अलग से मिलता तो इसे फायदा मानते। जो बात हम कह रहे हैं, वह तथ्य पर आधारित है। बिहार जैसे राज्यों के घाटे की भरपाई की अलग से व्यवस्था की जाय। आॅध्रप्रदेश को जिस तरह की मदद की गयी थी, उसी तरह की मदद की बिहार को जरूरत है।


धान के रिकाॅर्ड उत्पादन को देखते हुये खरीफ विपणन मौसम वर्ष 2014-15 में राज्य सरकार ने तीस लाख मेट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य निर्धारित किया है: निर्धारित लक्ष्य को निश्चित रूप से प्राप्त किया जाय:- मुख्यमंत्री

पटना, 25 फरवरी 2015:- राज्य में धान के रिकाॅर्ड उत्पादन को देखते हुये खरीफ विणन मौसम 2014-15 में राज्य सरकार ने तीस लाख मेट्रिक टन धान के खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया है। धान, चावल अधिप्राप्ति हेतु बिहार राज्य खाद्य निगम, पैक्स, व्यापार मण्डलों को राज्य अभिकरण के रूप में नामित किया गया है। राज्य में पहली बार पैक्सों एवं व्यापार मण्डलों को चार लाख मेट्रिक टन सी0एम0आर0 चावल तैयार कर राज्य खाद्य निगम को दिये जाने का लक्ष्य दिया गया है, जिससे पैक्स, व्यापार मण्डल के राईस मिलों का उपयोग होगा। निर्धारित लक्ष्य को निश्चित रूप से प्राप्त किया जाय ताकि किसानों को उत्पादित धान का उचित मूल्य मिले। आज मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार मुख्य सचिवालय स्थित कार्यालय कक्ष में धान अधिप्राप्ति एवं खाद्य उपभोक्ता संरक्षण विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा कर रहे थे।
मुख्यमंत्री को बताया गया कि धान अधिप्राप्ति हेतु 3.3 लाख किसानों का डाटाबेस पैक्स के द्वारा तैयार किया गया है, जिसमें किसानों की जमीन का खाता, खेसरा के साथ सभी आवश्यक सूचनायें सुलभ कराकर जिला के बेवसाइट पर लोड कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि इसमें किसानों के मोबाइल फोन नंबर को भी अंकित किया जाय। किसानों को उनके ऊपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य मिले, इसके लिये एन0ई0एफ0टी0 /आर0टी0जी0एस0 के माध्यम से किसानों के खाता में सीधे भुगतान की व्यवस्था की जाय। मुख्यमंत्री को बताया गया कि चालू खरीफ विपणन मौसम में 8.33 लाख मेट्रिक टन धान की अधिप्राप्ति हो चुकी है, जबकि गत वर्ष इस मौसम में 2.5 लाख मेट्रिक टन धान की ही अधिप्राप्ति हो पायी थी। अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया कि धान अधिप्राप्ति के लक्ष्य को निश्चित रूप से प्राप्त किया जायेगा। मिलरों से अग्रिम सी0एम0आर0 प्राप्त कर धान की मिलिंग करने की व्यवस्था की गयी है। किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य के अतिरिक्त तीन सौ रूपये प्रति क्विंटल की दर से बोनस भी दिया जा रहा है, इसके लिये बिहार राज्य खाद्य निगम को दो सौ करोड़ रूपये की राशि दी जा चुकी है।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि वैसे पैक्स जो किसी कारणवश अधिप्राप्ति कार्य करने में सक्षम नहीं हैं, उस पंचायत के किसानों का धान प्रखण्ड स्थित बिहार राज्य खाद्य निगम के क्रय केन्द्र पर कराये जाने की व्यवस्था की जाय। धान की मिलिंग कराने का कार्य बिहार राज्य खाद्य निगम द्वारा किया जाय। पैक्स से प्राप्त धान बिहार राज्य खाद्य निगम के क्रय केन्द्र/बेस गोदाम से मिल पर तथा मिल से सी0एम0आर0 गोदाम पर पहुॅचाने की जिम्मेदारी बिहार राज्य खाद्य निगम की होगी। उन्होंने कहा कि अधिप्राप्ति कार्य का संचालन करने तथा बिचैलिये सक्रिय न हों इसलिये जिला स्तर पर अनुश्रवण/पर्यवेक्षण एवं निरीक्षण का कार्य निरंतर रूप से चलायी जाय। मुख्यमंत्री को बताया गया कि इस कार्यक्रम में बिचैलिये सक्रिय न हों और दूसरे राज्य का धान यहाॅ पर नहीं बिके, इसके लिये पन्द्रह उड़न दस्ते का गठन कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के किसानों को अधिप्राप्ति का अधिक से अधिक लाभ मिले। उन्होंने कहा कि राज्य में खेती को बढ़ावा देने के लिये धान की खरीद पर बोनस की व्यवस्था की गयी है, इसका लाभ किसानों को मिलना चाहिये।
मिलरों से अग्रिम सी0एम0आर0 लिया जाय तथा जिन मिलरों के यहाॅ धान का बकाया राशि है, उसको वसूलने के लिये तत्पर कार्रवाई की जाय। बड़े बकायेदारों का लिस्ट बनाया जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिप्राप्ति का कार्य पूरी पारदर्शिता के साथ होना चाहिये।
बैठक में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अन्तर्गत किये जा रहे कार्यों की भी समीक्षा मुख्यमंत्री ने की। मुख्यमंत्री को बताया गया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत बिहार पहला राज्य है, जहाॅ पर लाभान्वितों की सूची ई0पी0डी0एस0 साॅफ्टवेयर पर अपलोड करने के लिये एन0आई0सी0 दिल्ली को सुलभ करा दिया गया है। खाद्यान्नों का उठाव एवं वितरण लगभग 96 प्रतिशत है। भारत सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य के अनुसार 8.71 करोड़ आबादी का 1.43 करोड़ परिवार को इस योजना से लाभान्वित किया जाना है, जिसके विरूद्ध 8.22 करोड़ आबादी एवं 1.38 करोड़ परिवारों को इस योजना से आच्छादित कर दिया गया है। 32 लाख लाभान्वितों की सूची तैयार है, जिनके लिये पन्द्रह दिनों के अंदर राशन कार्ड बन जायेगा। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अन्तर्गत प्राप्त खाद्यान्न के आवंटन, उठाव एवं वितरण का भी गहराई से अध्ययन किया गया। मुख्यमंत्री ने कृषि रोड मैप के अन्तर्गत गोदामों के निर्माण की अद्यतन स्थिति जाननी चाही तो उन्हें बताया गया कि कृषि रोड मैप के अन्तर्गत 961 गोदाम बनाना था, जिसकी भंडारण क्षमता 11.99 लाख मेट्रिक टन का है, जिसके विरूद्ध 708 गोदामों का निर्माण हो चुका है, जिसकी भण्डारण क्षमता 5.42 लाख मेट्रिक टन है।
जन वितरण प्रणाली की अनुमान्यता एवं वर्तमान में कार्यरत दुकानों की भी समीक्षा की गयी। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि 13,703 जन वितरण दुकानों की जो रिक्ति है, उसे तुरंत भरा जाय ताकि अधिक से अधिक लोगों को इससे रोजगार मिल सके। मुख्यमंत्री को बताया गया कि मानक के अनुसार राज्य में 55,567 दुकान होनी चाहिये, जिसके विरूद्ध 41,864 दुकानें कार्यरत हैं। मानक के अनुसार शहरी क्षेत्र में 1900 की आबादी पर एक जन वितरण की दुकान एवं ग्रामीण क्षेत्रों में 1350 की आबादी पर एक दुकान का प्रावधान है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि 13,703 दुकानों के लिये एक माह के अंदर अनुज्ञप्ति निर्गत कर इन रिक्तियों को भरा जाय।
बैठक में सहकारिता मंत्री श्री जय कुमार सिंह, ग्रामीण विकास मंत्री श्री श्रवण कुमार, मुख्य सचिव श्री अंजनी कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री अमृत लाल मीणा, प्रधान सचिव योजना एवं विकास श्री डी0एस0 गंगवार, सचिव खाद्य उपभोक्ता संरक्षण श्री हुकूम सिंह मीणा, सचिव उत्पाद एवं निबंधन श्री पंकज कुमार, सचिव ग्रामीण विकास श्री एस0एम0 राजू, प्रबंध निदेशक बिहार राज्य खाद्य निगम श्री विनय कुमार एवं अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे।


मंत्रिपरिषद् के निर्णय

पटना, 25 फरवरी 2015:- मंत्रिपरिषद् की बैठक में आज कुल 08 एजेंडों पर निर्णय लिया गया। बैठक के उपरांत उपस्थित मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के प्रधान सचिव श्री बी0 प्रधान ने बताया कि विधि विभाग के अन्तर्गत महाधिवक्ता, बिहार के पद पर श्री राम बालक महतो वरीय अधिवक्ता, उच्च न्यायालय, पटना की नियुक्ति की स्वीकृति दी गई। संसदीय कार्य विभाग के अन्तर्गत विधान मंडल के संयुक्त अधिवेशन में महामहिम राज्यपाल के अभिभाषण के प्रारूप को अनुमोदित करने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत करने तथा मंत्रिपरिषद को बिहार विधान मंडल के दोनों सदनों के संशोधित औपबंधिक कार्यक्रम से अवगत कराने की स्वीकृति दी गई।
उन्होंने बताया कि कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के अन्तर्गत कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के प्रशासनिक नियंत्रणाधीन स्वायतशासी संस्थान बिहार संगीत नाटक अकादमी, पटना, बिहार ललित कला अकादमी, पटना, भारतीय नृत्य कला मंदिर, पटना एवं अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंसन सेंटर, राजगीर को कार्यालय सुव्यवस्थित करने सहित अन्य आकस्मिक व्यय एवं कार्यक्रम के आयोजन के निमित्त वत्र्तमान वित्तीय वर्ष 2014-15 में क्रमशः रु0 37,80,000/-, रु0 38,46,000/-, रु0 27,00,000/- एवं रु0 5,00,000/- अर्थात कुल रु0 1,08,26,000/- (एक करोड़ आठ लाख छब्बीस हजार रूपये) मात्र सहायक अनुदान की स्वीकृति दी गई। जल संसाधन विभाग के अन्तर्गत जल संसाधन विभाग के अंतर्गत अवमाननावाद सं॰- 2900/2006, शिवपूजन दूबे एवं अन्य बनाम राज्य सरकार एवं अन्य में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित न्यायादेश के आलोक में सेवानिवृति/सेवाकाल में मृत्यु के कारण नियमितिकरण से वंचित कार्यभारित कर्मियों को सेवांत लाभ के संदर्भ में सेवानिवृति/मृत्यु की तिथि से नियमितिकरण की स्वीकृति दी गई। प्रधान सचिव ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के अन्तर्गत वाह्य सम्पोषित योजनान्तर्गत नालन्दा चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल, पटना में  बी॰एस॰सी॰ नर्सिंग काॅलेज निर्माण हेतु बिहार चिकित्सा सेवाएं एवं आधारभूत संरचना निगम लि॰, पटना से प्राप्त प्राक्कलन एवं तकनीकी अनुमोदन के आधार पर कुल प्राक्कलित राशि रू॰ 27,62,26,667/- (रूपये सताईस करोड़ बासठ लाख छब्बीस हजार छः सौ सरसठ) मात्र की लागत पर वित्तीय वर्ष 2014-15 में योजना की प्रशासनिक स्वीकृति एवं वर्तमान वित्तीय वर्ष 2014-15 में रू॰ 10,00,00,000/- (रूपये दस करोड़) मात्र के व्यय की स्वीकृति दी गई। वित्त विभाग के अन्तर्गत बिहार आकस्मिकता निधि के स्थायी कार्य, जो 350 करोड़ रूपये है, को 30 मार्च, 2015 तक के लिए अस्थायी रूप से बढ़ाकर 2000 करोड़ रूपये करने की स्वीकृति दी गई।
उन्होंने बताया कि ऊर्जा विभाग के अन्तर्गत नाॅर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कम्पनी लि॰ एवं साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कम्पनी लि॰ द्वारा वित्तीय वर्ष 2014-15 के दौरान राज्य के शहरी क्षेत्रों में 22-24 घंटा एवं ग्रामीण क्षेत्रों में कम-से-कम 15-20 घंटा बिद्युत आपूर्ति करने के लक्ष्य की पूत्र्ति हेतु अतिरिक्त विद्युत क्रय के विरूद्ध एन.टी.पी.सी. एवं अन्य ऊर्जा प्रतिष्ठानों के बकाये विद्युत विपत्रों के भुगतान हेतु नाॅर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कम्पनी लि॰ एवं साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कम्पनी लि॰ को अनुमानित अतिरिक्त राजस्व घाटा की राशि कुल 2134.24 करोड़ रूपये, साथ ही इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी मद में बकाया के विरूद्ध समायोजित करते हुए बिजली कंपनियों को देने की बजाय उनकी ओर से वाणिज्य कर विभाग को भुगतान करने हेतु 200.00 करोड़ रूपये अर्थात कुल 2334.24 करोड़ रूपये में से इस वित्तीय वर्ष के शेष दो महीने फरवरी एवं मार्च में राज्य की वित्तीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए वित्त विभाग द्वारा किस्तों में विमुक्ति का समय निर्धारण के अनुसार बिहार आकस्मिकता निधि/तृतीय अनुपूरक से 1700.00 करोड़ रूपये उपलब्ध कराने की स्वीकृति प्रदान की गई।


Tuesday, 24 February 2015

विधि-व्यवस्था का संधारण राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है: विधि-व्यवस्था को बनाये रखने में किसी तरह की कोताही या शिथिलता कदापि सहन नहीं की जायेगी:- मुख्यमंत्री

पटना, 24 फरवरी 2015:- विधि-व्यवस्था राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है, विधि-व्यवस्था को बनाये रखने में किसी तरह की कोताही या शिथिलता कदापि सहन नहीं की जायेगी। हर स्थिति में अपराध को नियंत्रण में रखा जाय। राज्य में कानून का राज स्थापित रहे, इसके लिये अधिकारी मनोयोग एवं लगन के साथ पूरी मेहनत करें। साम्प्रदायिक सौहार्द्र और भाईचारा के वातावरण को किसी भी कीमत में बिगड़ने नहीं दिया जाय। हर कीमत पर इसे बनाये रखें। अपराधियों की गतिविधि पर कड़ी निगरानी रखी जाय। लंबित वादों का निस्तारण त्वरित गति से कराया जाय। आपराधिक एवं साम्प्रदायिक घटनाओं के लिये संबंधित जिला के जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक पर जिम्मेदारी निर्धारित करायी जायेगी। जिला में विधि व्यवस्था एवं अपराध की स्थिति के आधार पर जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक के कार्यों तथा कर्तव्यों का मूल्यांकन होगा। विधि-व्यवस्था संधारण एवं अपराध नियंत्रण के लिये रोड मैप एवं एस0ओ0पी0 पूर्व से ही बना हुआ है। इसी को अक्षरशः अपनाते हुये अपने कर्तव्यों का निबर्हन करें। यही टास्क सभी जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षकों को दिया जाता है। जिलों में अपराध, संवेदनशील स्थलों, फ्लैश प्वाईंट्स, घटनाओं, अपराध मैपिंग जिलाधिकारी/पुलिस अधीक्षक करायें ताकि किसी भी हालत में साम्प्रदायिक सौहार्द्र एवं सामाजिक समरसता में कमी नहीं आये। आज मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने विडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य के सभी क्षेत्रीय प्रशासनिक अधिकारियों के साथ विधि-व्यवस्था की गहन समीक्षा कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी प्रमंडलीय आयुक्त, रेंज आई0जी0, पुलिस उप-महानिरीक्षक, जिला पदाधिकारी एवं वरीय पुलिस अधीक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि विडियों काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आप सबांे से अपनी बात कहने और आप सबकी बातों को सुनने का मौका मिला है। वर्ष 2005 के नवम्बर में जब मैनेे मुख्यमंत्री का कार्यभार संभाला था तो उस समय से ही मेरा प्रयास राज्य में कानून का राज स्थापित करने का रहा है। सभी काम कानून के अनुसार किये जाने चाहिए। कानून के अनुसार प्रशासन एंव पुलिस अधिकारी अपना काम करें। इन सबका ही परिणाम रहा है कि लोग अपने-अपने घरों से परिवार के साथ देर रात में निकलते हैं और कोई भी काम करने के लिए घर से बाहर जाते हैं। लोगों के मन में डर नहीं बचा है। लोगों में सुरक्षा की भावना आयी है, जिसे हर हालत में कायम रहना चाहिये। हमारी पहली जिम्मेदारी विधि-व्यवस्था को बनाये रखने की है। बिहार की छवि बदली है और हर तरफ सुधार आया है। सुधार लाने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ी और आप सबका सहयोग मिला।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्यपालिका ने राज्य में विधि-व्यवस्था को कायम रखने एवं राज्य में कानून का राज स्थापित करने के लिए जो काम किया, उसमें न्यायपालिका का भी सहयोग मिला। शासन के प्रो-एक्टिव हो जाने से स्पीडी ट्रायल के साथ-साथ नियमित ट्रायल में भी गति आयी है और आगे भी गति बनी रहनी चाहिये। अपराधियों को सजा मिलने से सुशासन के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ा है, यह कायम रहे। ट्रायल में तेजी आई और त्वरित गति से मामलों का निष्पादन हुआ।
साम्प्रदायिक या जातीय तनाव के मामलें में त्वरित कार्रवाई होनी चाहिए। अपने मातहत अधिकारियों पर कड़ी निगरानी और नियंत्रण रखें। दोषियों को छोड़ा नहीं जाय, जबरन किसी को फंसाया भी नहीं जाय। पुलिस बल की संख्या में वृद्धि हुई है। थानों का वर्गीकरण कर वहाॅं पर सुविधा बढ़ायी गई है। आधुनिक हथियार खरीदे गये हैं, वैज्ञानिक अनुसंधान की व्यवस्था की गई है। नये-नये उपकरण खरीदे गये हैं। आज पहले से हम काफी बेहतर स्थिति मेें हैं। जिला पदाधिकारी और पुलिस अधीक्षक सरकार के जिम्मेदार अधिकारी हैं, उन्हें हर स्थिति में अपने-अपने जिलों में साम्प्रदायिक सौहार्द्र की स्थिति कायम रखनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने मुजफ्फरपुर के अजीजपुर मंे हुई घटना की ओर इशारा करते हुए कहा कि यदि नीचे के अधिकारी रिस्पोंस टाईम के अंदर धटनास्थल पर पहॅुचते तो ऐसी स्थिति नहीं होती। मुख्यमंत्री ने कहा कि घटना किसी भी कीमत पर नहीं घटने दें। जमीन का विवाद, कब्रिस्तान की घेराबंदी का विवाद या अन्य तरह के विवादों पर त्वरित ध्यान दिया जाय और उसका समाधान ससमय किया जाय। होली के अवसर पर विशेष सतर्कता बनाये रखें। जिला पदाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक लोगों की बातों को जरूर सुनें। रिस्पोंस टाईम सबसे जरूरी चीज है, इस पर ध्यान दें। धर्मान्तरण, लव जेहाद, घर वापसी की बात हो रही है, ऐसे समय मंे हम सबको सतर्क रहने की जरूरत है। आसूचना के संग्रह पर विशेष ध्यान दें। लोगों को यह एहसास होना चाहिए कि हमारी सुरक्षा के लिए पुलिस सक्रिय है। अपराधियों को एहसास होना चाहिए कि वे बख्से नहंी जायेंगे। वे सरकार की नजर मंे हैं, वे जरूर पकड़े जायेंगे। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि लंबित वारंटों की संख्या बहुत है, इसे हर कीमत पर कम करें। ससमय सारी कार्रवाई हो जाय तो कहीं भी विधि-व्यवस्था मंे गिरावट नहीं आयेगी, बात नहीं बिगड़ेगी। तत्काल कार्रवाई होने से स्थिति नियंत्रण में रहेगी। अधिकारी फिल्ड भीजिट करंे, गाॅंव में जायें।
भ्रष्टाचार के मामले मंे हमारी जीरो टाॅलरेंस की नीति है। भ्रष्टाचार किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। प्रखण्ड, थाना, अंचल में भ्रष्टाचार के मामले आते हैं तो पुलिस अधीक्षक की योग्यता पर प्रश्न चिह्न लगता है। इसे किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं करें। पूरी सेवा भाव से सरकारी कार्यों का निष्पादन हो तो लोगों को राहत मिलेगी और उनका विश्वास सरकार के प्रति बढ़ेगा। समस्याओं का समाधान आसानी से निकलेगा। नीचले स्तर के भ्रष्टाचार से प्रशासन की छवि धूमिल हो रही है। प्रखण्ड, थाना, अंचल में ठीक ढंग से काम हो तो लेागों का विश्वास सरकार के प्रति जगता है। अच्छा काम करेंगे तो सोहरत भी मिलेगी और इज्जत भी। लोकतंत्र मंे लोगों की संतुष्टि सबसे बड़ी जरूरत है। निरंतर सचेत रहिए, सक्रिय रहिये। साम्प्रदायिक दृष्टिकोण से संवेदनशील इलाकों की पहचान कर लें और संवेदनशीलता को देखते हुए कार्रवाई करें, इसके परिणामस्वरूप कोई घटना नहीं घटेगी। हम सब अपने टास्क को निश्चित रूप से पूरा करें। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर क्षेत्रीय अधिकारियों को होली पर्व की अग्रिम बधाई भी दी।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री अंजनी कुमार सिंह एवं पुलिस महानिदेशक श्री पी0के0 ठाकुर ने भी क्षेत्रीय पदाधिकारियों को संबोधित किया। इस अवसर पर प्रधान सचिव गृह श्री सुधीर कुमार, प्रधान सचिव सामान्य प्रशासन श्री आमिर सुबहानी, प्रधान सचिव स्वास्थ्य श्री ब्रजेश मेहरोत्रा, प्रधान सचिव मंत्रिमंडल सचिवालय श्री बी0 प्रधान, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री अमृत लाल मीणा, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अतीश चंद्रा सहित अन्य वरीय प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारी उपस्थित थे।

सभी स्टेशनों पर लाउडस्पीकर एवं बैनर और पोस्टर के माध्यम से स्वाईन फ्लू के लक्षण एवं उससे बचाव के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाय:- मुख्यमंत्री

पटना, 24 फरवरी 2015:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने विडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य के सभी जिलाधिकारियों को निर्देश देते हुये कहा कि होली के समय में राज्य के लोग जो बाहर रहते हैं, उनके घर वापस लौटने की परंपरा है। इस समय स्वाईन फ्लू का वायरस यहाॅं नहीं आये, इसके लिए हर स्टेशन पर स्वाईन फ्लू के संदिग्ध मरीजों की स्क्रीनिंग करायी जायेगी और उनके इलाज की व्यवस्था किये जायें। सभी स्टेशनों पर लाउडस्पीकर एवं बैनर और पोस्टर के माध्यम से स्वाईन फ्लू से बचाव के लिए व्यापक प्रचार कराये जायें। स्वाईन फ्लू के प्रकोप को कई राज्यों में देखते हुए राज्य में स्वाईन फ्लू से बचाव के लिए व्यापक प्रबंध किये गये हैं। स्वाईन फ्लू की जाॅंच भी यहाॅं पर संभव है। राजेन्द्र मेडिकल रिसर्च इन्टीच्यूट पटना में आज राज्य के सभी आठ मेडिकल काॅलेज और राज्य के सभी जिलों के दो-दो चिकित्सकों का वर्कशाॅप कराया जा रहा है। उन्हंे ैजंदकंतक व्चमतंजपअम च्तवबमकनतम की जानकारी दी जा रही है। उन्हें स्वाईन फ्लू के लक्षण एवं बचाव की जानकारियाॅं दी जा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि ई-मेल के माध्यम से स्वाईन फ्लू से बचाव के लिए जिला पदाधिकारी एवं मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी को जानकारी दी जाय तथा जहाॅं पर सुअरों का वास होता है, वहाॅं पर साफ-सफाई की समुचित व्यवस्था करायी जाय। जिस क्षेत्र मंे स्वाईन फ्लू पीडि़त मरीज पाये जायें, वहाॅं पर टीकाकरण का अभियान चलाया जाय। पंचायत एवं नगर निकायों के जनप्रतिनिधियेां को भी स्वाईन फ्लू की संवेदनशीलता की जानकारी दी जाय और उनसे मदद ली जाय। दो-तीन दिनों के अंदर सभी जिला पदाधिकारी अपने जिले में स्वाईन फ्लू से बचाव के लिए की गई सभी तैयारियेां को पूरा कराते हुए समीक्षा बैठक करें।
मुख्यमंत्री ने स्वाईन फ्लू से बचाव के लिए सभी जिला अस्पतालों में पाॅंच-पाॅंच बेड का आइसोलेशन वार्ड, पी0एम0सी0एच0, एन0एम0सी0एच0 मेें तीस-तीस बेड का आइसोलेशन  वार्ड तथा राज्य के शेष मेडिकल काॅलेजों में दस-दस मरीजों के लिए आइसोलेशन वार्ड बनाये जाने का निर्देश स्वास्थ्य विभाग को दिया।

भूमि अधिग्रहण अध्यादेश काला कानून है, इसका सख्त विरोध होना चाहिये:- मुख्यमंत्री

पटना, 24 फरवरी 2015:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज मुख्य सचिवालय में पत्रकारों से वार्ता करते हुये भूमि अधिग्रहण अध्यादेश से जुड़े एक प्रश्न के उतर में कहा कि भूमि अधिग्रहण अध्यादेश काला कानून है, इसका सख्त विरोध होना चाहिये। यह किसानों, गरीबों, गाॅव में रहने वालों के हित के खिलाफ है। 2013 में बने कानून में उनको भी कम्पनशेसन देना है, जो जमीन पर काम करते थे। यह अध्यादेश चंद कुछ अमीरों के लिये बना है। यह कानून कुछ काॅरपोरेट घरानों को फायदा पहुॅचाने के लिये बना है। हमलोग इसके सख्त विरोधी हैं। पार्टी के प्रमुख साथियों को इस अध्यादेश से गरीबों और किसानों को होने वाले नुकसान के बारे में बताया है, उन्हें प्रशिक्षित भी किया गया है। पार्टी की ओर से भी विरोध किया गया है। अन्ना हजारे जो इस सवाल को लेकर बैठे हैं, उनको हमलोगों का समर्थन है। बिहार जैसे राज्य में इस तरह के अध्यादेश को मानने के लिये तत्पर नहीं होंगे। विकास एकांगी नही होनी चाहिये, कुछ लोगों के लिये विकास नहीं होनी चाहिये। विकास समावेशी होनी चाहिये, न्याय के साथ होना चाहिये। हम सब लोग अपने-अपने ढ़ंग से इस अध्यादेश का विरोध करें।
मदर टेरेसा से जुड़े संघ प्रमुख श्री मोहन भागवत के बयान पर पत्रकारों के एक प्रश्न के उतर में मुख्यमंत्री ने कहा कि यह विचित्र मानसिकता है। मदर टेरेसा ने भारत आकर सेवा की, उसी सेवा के लिये उन्हें सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित किया गया और सम्मान मिला। मैं समझता हूॅ कि सामाजिक क्षेत्र में जो अच्छा काम करते हैं, उनकी प्रशंसा होनी चाहिये। धार्मिक आधार पर विश्लेषण नहीं होनी चािहये।


राजस्व उगाही के लक्ष्य को मात्र प्राप्त ही न करें बल्कि लक्ष्य से आगे निकलकर उपलब्धियों का कीर्तिमान स्थापित करें:- मुख्यमंत्री

पटना, 24 फरवरी 2015:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज मुख्य सचिवालय के सभाकक्ष में राज्य योजना एवं गैर योजना मद के वार्षिक उद्व्यय, अब तक प्राप्त आवंटन एवं खर्च की गहन समीक्षा की और निर्देश दिया कि राजस्व उगाही में लगे विभाग के अधिकारी मात्र लक्ष्य को प्राप्त ही न करें बल्कि लक्ष्य से आगे निकलकर उपलब्धियों का कीर्तिमान स्थापित करें। मुख्यमंत्री को राजस्व उगाही में उत्पन्न समस्याओं से भी अवगत कराया गया तथा जनवरी 2015 तक प्राप्त उपलब्धि की विस्तार से जानकारी दी गयी। मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त किया कि अधिकारी पूरे मनोयोग से राजस्व संग्रहण के लक्ष्य को प्राप्त करेंगे और राज्य में विकास को गति देंगे। राजस्व संग्रहण में किसी प्रकार की शिथिलता अक्षम्य होगी।
मुख्यमंत्री ने बैठक में सभी विभागों में योजना, गैर योजना मद के उपलब्ध आवंटन, प्राप्त केन्द्रीय सहायता की जानकारी ली। मुख्यमंत्री को बताया गया कि वर्ष 2014-15 में 16,750.19 करोड़ रूपये का केन्द्रीय सहायता स्वीकृत है, जिसके विरूद्ध अब तक 10,356.46 करोड़ रूपये भारत सरकार द्वारा उपलब्ध कराये गये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि उपयोगिता प्रमाण पत्र या अन्य कारणों से केन्द्रीय सहायता प्राप्त नहीं हुयी है तो उपयोगिता प्रमाण पत्र तुरंत भेजी जाय और भारत सरकार से सम्पर्क कर शेष आवंटन देने के लिये अनुरोध किया जाय। सभी विभागों ने जनवरी 2015 तक लक्ष्य के विरूद्ध कितनी राशि खर्च की है, इसकी जानकारी भी मुख्यमंत्री ने ली। अब तक कुल 74.31 प्रतिशत राशि व्यय की गयी है। शेष राशि का ससमय व्यय सुनिश्चित कराने का निर्देश मुख्यमंत्री ने दिया।
राजस्व संग्रहण के संबंध में मुख्यमंत्री को जानकारी दी गयी कि पेट्रोल, डीजल आदि के दामों में कमी के कारण वाणिज्य-कर का कर संग्रहण लक्ष्य से कम रहा है। मुख्यमंत्री ने वाणिज्य-कर विभाग को प्रयास कर कर संग्रहण को अधिक से अधिक करने का निर्देश दिया। निबंधन विभाग के कर संग्रहण में मुख्यमंत्री ने कहा कि लक्ष्य के अनुरूप कर संग्रहण के विशेष प्रयास किये जायें। उत्पाद विभाग को अवैध शराब के विरूद्ध विशेष छापामारी एवं कर संग्रहण हेतु विशेष अनुश्रवण करते हुये कर संग्रहण में तेजी लाने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि मुख्य सचिव राजस्व संग्रह के लक्ष्य एवं प्राप्त उपलब्धि की साप्ताहिक समीक्षा तथा अनुश्रवण करें। मुख्यमंत्री ने परिवहन, भू-राजस्व, खान एवं वन विभाग के साथ अन्य राजस्व संग्रह से जुड़े विभागों की बारी-बारी से उनको दिये गये लक्ष्य और उनके द्वारा जनवरी 2015 तक संग्रह किये गये राजस्व की समीक्षा भी की। मुख्यमंत्री ने कहा कि जितना संसाधन बढ़ेगा, उतना विकास के लिये राशि उपलब्ध होगी।
बैठक में जल संसाधन मंत्री श्री विजय कुमार चैधरी, वित मंत्री श्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव, वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री पी0के0 शाही, परिवहन मंत्री श्री रमई राम, खान एवं भूतत्व मंत्री श्री राम लखन राम रमन, पथ निर्माण मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, स्वास्थ्य मंत्री श्री रामधनी सिंह, खाद्य आपूर्ति मंत्री श्री श्याम रजक, समाज कल्याण मंत्री श्रीमती लेसी सिंह, पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री श्रीमती बीमा भारती, सहकारिता मंत्री श्री जय कुमार सिंह, निबंधन मंत्री श्री अवधेश प्रसाद कुशवाहा, पशुपालन मंत्री श्री बैद्यनाथ सहनी, श्रम संसाधन मंत्री श्री दुलालचंद गोस्वामी, मुख्य सचिव श्री अंजनी कुमार सिंह, विकास आयुक्त श्री एस0के0 नेगी सहित सभी विभागों के प्रधान सचिव/सचिवों ने भाग लिया।



Monday, 23 February 2015

स्वाइन फ्लू की रोकथाम के लिये स्वाइन फ्लू के लक्षण, उपचार, रोग से बचने के उपायों का व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाय:- मुख्यमंत्री

पटना, 23 फरवरी 2015:- स्वाइन फ्लू की रोकथाम के लिये स्वाइन फ्लू के लक्षण, उपचार, इस मर्ज से बचने के उपाय का व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाय। बिहार सरकार द्वारा इस मर्ज की रोकथाम के लिये सरकार द्वारा की गयी इंतजामों की जानकारी भी आमजनों को अखबार, रेडियो, टीवी, पोस्टर इत्यादि के माध्यम से उपलब्ध करायी जाय ताकि अधिक से अधिक लोगों को इस मर्ज के बारे में जानकारी हो सके और स्वाइन फ्लू जैसी बीमारियों को राज्य में फैलने से रोका जा सके। यह आदेश आज मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ राज्य में स्वाइन फ्लू के रोकथाम के लिये किये गये इंतजामातों की उच्चस्तरीय समीक्षा करते हुये दी।
प्रधान सचिव स्वास्थ्य श्री ब्रजेश मेहरोत्रा ने मुख्यमंत्री को बताया कि स्वाइन फ्लू का प्रकोप राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, दिल्ली, मध्यप्रदेश, तेलंगाना, उतर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, आॅध्रप्रदेश आदि राज्यों में पाया गया है, यद्यपी बिहार में अभी तक स्वाइन फ्लू का एक भी मरीज नहीं पाया गया है, फिर भी एहतियात के तौर पर स्वास्थ्य विभाग ने इस मर्ज से बचाव के लिये समुचित जानकारी एवं इलाज की व्यवस्था की है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि राज्य के सभी रेलवे स्टेशनों पर स्वाइन फ्लू की रोकथाम के लिये प्रचार-प्रसार किये जायें तथा वहाॅ पर कैम्प लगाकर उन राज्यों से आने वाले यात्रियों, जहाॅ पर स्वाइन फ्लू के संक्रमित मरीज पाये गये हैं, कि स्क्रीनिंग करायी जाय। यदि किसी यात्री में स्वाइन फ्लू के लक्षण पाये जायें तो उनके समुचित इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाय। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि दरभंगा, बरौनी, हाजीपुर, कटिहार, गया एवं सहरसा रेलवे स्टेशनों पर विशेष रूप से स्वाइन फ्लू के लिये सर्तकता अभियान चलाया जाय।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि कल से राजेन्द्र मेडिकल रिसर्च इन्स्टीच्यूट अगमकुआॅ में राज्य के आठ मेडिकल काॅलेज एवं सभी जिलों के दो-दो चिकित्सकों को बुलाकर उनका वर्कशाॅप कराया जाय और उन्हें स्टैण्डर्ड आॅपरेटिव प्रोसिज्योर (एस0ओ0पी0) की जानकारी दी जाय। सभी जिलों के चिकित्सकों एवं पारा मेडिकल स्टाफ को विडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विशेष टेªनिंग दी जाय और उन्हें सेंसिटाइज किया जाय।
मुख्यमंत्री ने स्वाइन फ्लू के इलाज के लिये दवाओं कि उपलब्धता की भी जानकारी ली और निर्देश दिया कि राज्य के सभी अस्पतालों में स्वाइन फ्लू की इलाज के लिये पर्याप्त मात्रा में दवा की उपलब्धता सुनिश्चित करायी जाय। यदि किसी क्षेत्र में कोई संदेहात्मक स्थिति का मरीज पाया जाय और ऐसा प्रतीत हो कि वह स्वाइन फ्लू से ग्रस्त है तो उस व्यक्ति का उपचार अस्पतालों में भेजकर कराया जाय और उस क्षेत्र में टीकाकरण का विशेष अभियान चलाया जाय ताकि यह मर्ज फैलने न पाये।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि पटना एवं अन्य शहरी क्षेत्र के वैसे जगह जहाॅ पर शुअरों का निवास होता है, वहाॅ पर साफ-सफाई की व्यापक व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाय। होली के समय बड़ी संख्या में राज्य निवासी जो दूसरे प्रदेशों में रोजगार या पढ़ाई के लिये जाते हैं, वे अपने घर आया करते हैं इसलिये सुनिश्चित किया जाय कि स्वाइन फ्लू की रोकथाम के लिये सभी आवश्यक व्यवस्था ससमय (होली के पूर्व) पूरी कर ली जाय ताकि इस बीमारी का राज्यवासियों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ने पाये।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि स्वाइन फ्लू के इलाज के लिये राज्य के सभी जिला अस्पतालों में पाॅच-पाॅच बेड का एक आइसोलेशन वार्ड स्थापित किया जाय। संक्रामक रोग अस्पताल में चालीस बेड, पी0एम0सी0एच0 एवं नालंदा मेडिकल काॅलेज में तीस-तीस बेड का आइसोलेशन वार्ड स्थापित किया जाय। शेष मेडिकल काॅलेजों में दस-दस मरीजों के इलाज के लिये आइसोलेशन वार्ड बनाया जाय। सभी चिकित्सा महाविद्यालयों एवं जिलों में स्वाइन फ्लू के संक्रमण की रोकथाम के लिये पी0पी0ई0 (पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्यूपमेंट्स) कीट, ट्रिपल लेयर मास्क एवं एन0-95 मास्क उपलब्ध कराया जाय।
बैठक में वित मंत्री श्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव, स्वास्थ्य मंत्री श्री रामधनी सिंह, मुख्य सचिव श्री अंजनी कुमार सिंह, प्रधान सचिव स्वास्थ्य श्री ब्रजेश मेहरोत्रा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री अमृत लाल मीणा, सचिव स्वास्थ्य श्री आनंद किशोर, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अतीश चन्द्रा, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह सहित अन्य वरीय चिकित्सकों ने भाग लिया।


राज्य के सभी गैर विद्युतीकृत गाँवों के विद्युतीकरण को जून 2015 तक पूर्ण करने का प्रयास किया जाय:- मुख्यमंत्री


पटना, 23 फरवरी 2015:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज ऊर्जा विभाग के कार्यकलापों की गहन समीक्षा की। समीक्षा बैठक में वित्त एवं वाणिज्यकर मंत्री श्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव, मुख्य सचिव श्री अंजनी कुमार सिंह, विकास आयुक्त श्री एस0के0 नेगी, मुख्यमंत्री के ऊर्जा सलाहकार श्री पी0के0 राय, प्रधान सचिव वित्त श्री रामेश्वर सिंह, सचिव ऊर्जा श्री प्रत्यय अमृत, प्रबंध निदेशक दक्षिण बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड श्रीमती पलका साहनी एवं प्रबन्ध निदेशक उत्तर बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड श्री बालामुरूगन डी0 तथा विद्युत विभाग एवं विद्युत कम्पनियों के अन्य पदाधिकारियों ने भाग लिया।
सचिव ऊर्जा एवं अध्यक्ष-सह-प्रबन्ध निदेशक बिहार स्टेट पावर (होल्डिंग) कंपनी लिमिटेड श्री प्रत्यय अमृत द्वारा ऊर्जा प्रक्षेेत्र में किये जा रहे कार्यों एवं उपलब्धियों के संबंध में विस्तृत प्रस्तुतीकरण किया गया। प्रस्तुतीकरण के क्रम में ऊर्जा सचिव के द्वारा ळमदमतंजपवदए ज्तंदेउपेेपवद एवं क्पेजतपइनजपवद से संबंधित सभी कंपनियों की उपलब्धियों एवं उनके द्वारा चलायी जा रही परियोजनाओं पर विशेष रूप से प्रकाश डाला गया।
बरौनी थर्मल पावर स्टेशन के आधुनिकीकरण एवं जीर्णोद्धार परियोजनाओं मंे हो रहे विलम्ब को मुख्यमंत्री के द्वारा गंभीरता से लिया गया तथा निर्देश दिया गया कि इस योजना का सतत् डवदपजवतपदह कर इसे अतिशीघ्र पूर्ण करायी जाय। बरौनी थर्मल पावर स्टेशन के संचालन हेतु विभिन्न विकल्पों पर चर्चा की गयी। मुख्यमंत्री के द्वारा निर्देश दिया गया कि बरौनी थर्मल पावर स्टेशन को ठपींत ैजंजम च्वूमत ळमदमतंजपवद ब्वउचंदल स्पउपजमक के अभियंताओं के माध्यम से ही संचलित किया जाय तथा इसके संचालन हेतु अभियंताओं को आधुनिक तकनीक से अवगत कराने हेतु चरणबद्ध तरीके से प्रशिक्षण का कार्यक्रम भी तैयार किया जाय।
मुख्यमंत्री के द्वारा ठपींत ैजंजम च्वूमत ज्तंदेउपेेपवद ब्वउचंदल स्पउपजमक के अंतर्गत चल रही परियोजनाओं की समीक्षा की गयी। सचिव ऊर्जा द्वारा बताया गया कि वर्ष 2014-15 में ज्तंदेवितउंजपवद ब्ंचंबपजल के लिए निर्धारित लक्ष्य 4721 डट। के विरूद्ध 5210 डट। पूरा कर लिया गया है तथा च्वूमत म्अंबनंजपवद ब्ंचंबपजल का निर्धारित लक्ष्य 3777 मेगावाट से 4168 मेगावाट तक कर लिया गया है। जून 2015 तक इसे 5000 मेगावाट से अधिक करने का लक्ष्य रखा गया है।
राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना की समीक्षा क्रम में मुख्यमंत्री द्वारा निर्देश दिया गया कि सभी गैर विद्युतीकृत गाँवों के विद्युतीकरण को जून 2015 तक पूर्ण करने का प्रयास किया जाय। मुख्यमंत्री क्षेत्रीय विकास योजना एवं सांसद विकास योजना के अधीन ट्राँसफर्मर लगाये जाने के कार्य की भी प्रगति की समीक्षा की गयी तथा मुख्यमंत्री द्वारा निर्देश दिया गया कि इन योजनाओं में लंबित सभी अनुशंसाओं को यथाशीघ्र कार्यान्वित करायी जाय। मुख्यमंत्री द्वारा विद्युत कंपनियों के अधीन चल रही परियोजनाओं को समय पर गुणवत्ता के साथ पूर्ण कराने का निर्देश दिया गया।
दोनों वितरण कंपनियों- साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड एवं नाॅर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के राजस्व संग्रहण के बिन्दुओं की भी समीक्षा की गयी तथा मुख्यमंत्री के द्वारा दोनों वितरण कंपनियों को राजस्व वसूली के सूक्ष्म प्रबंधन डपबतव डंदंहमउमदज कर राजस्व संग्रहण में और सुधार लाने का निर्देश दिया गया। मुख्यमंत्री द्वारा यह भी निर्देश दिया गया कि पूर्व की भाँति मुख्य सचिव के द्वारा विद्युत कंपनियों के राजस्व वसूली एवं परियोजनाओं के कार्यान्वयन की समीक्षा जारी रहेगी।
मुख्यमंत्री ने सभी उपस्थित पदाधिकारियों को संबोधित करते हुये कहा कि ऊर्जा क्षेत्र अति महत्वपूर्ण है तथा यह सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है फलस्वरूव इस प्रक्षेत्र के लिए निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप चरणबद्ध तरीके से निर्धारित समय-सीमा के अंदर गुणवत्ता के साथ पूर्ण किया जाना आवश्यक है।
मुख्यमंत्री के निर्देश के आलोक में आमजनों के शिकायत के निवारण हेतु निम्नांकित ज्मसमचीवदम छवण् की सेवा उपलब्ध करायी गयी है- 1. नाॅर्थ बिहार- 0612-2504999 (पूर्वाह्न 10.00 बजे से अपराह्न 6.00 बजे तक), 2. साउथ बिहार- 0612-2504900 (पूर्वाह्न 10.00 बजे से अपराह्न 6.00 बजे तक) तथा 3. टाॅल फ्री नं0- 18003456190  (24ग7 सभी विद्युत कंपनियों के लिए)

मुख्यमंत्री ने संचिकाओं का निष्पादन किया

 पटना, 23 फरवरी 2015:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार आज सुबह लगभग साढे़ दस बजे मुख्य सचिवालय स्थिति अपने कार्यालय चेम्बर में आकर सरकारी कार्यों एवं संचिकाओं का निष्पादन किया। उर्जा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर अधिकारियों को समूचित निदेश दिये। समाचार लिखे जाने तक बैठकों का सिलसिला जारी था। मुख्य सचिव श्री अंजनी कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री के आज कार्यालय आने पर उनका स्वागत फूलों के गुलदस्ते को भेंट कर किया। ज्ञातव्य है कि मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने कल शाम मुख्यमंत्री के पद की शपथ ली थी और आज सुबह उन्होंने सचिवालय आकर सरकारी कार्यों का निष्पादन प्रारंभ किया।
इस अवसर पर प्रधान सचिव वित्त श्री रामेश्वर सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री अमृत लाल मीणा, प्रधान सचिव स्वास्थ्य श्री ब्रजेश मेहरोत्रा, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अतीश चन्द्रा, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे।

पूर्व विधायक स्व0 सीता राम चमरिया के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ होगा

पटना, 23 फरवरी 2015:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने पूर्व विधायक सीता राम चमरिया के निधन पर गहरा शोक और दुख व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा कि स्व0 सीता राम चमरिया जुझारू सामजिक कार्यकर्ता एवं राज नेता थे। वे दो बार विधानसभा के सदस्य रहे तथा एक बार विधार परिषद के भी सदस्य रहे थे। उन्होंने कटिहार नगर पालिका के अध्यक्ष के पद को भी सुशोभित किया था तथा बिहार राज्य बिलडिंग कंस्ट्रकशन कार्पोरेशन के चेयरमैन भी रहे थे। उनकी पहचान जुझारू राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में रही थे। वे आॅल इंडिया काॅन्ग्रेस के महत्वपूर्ण पदों पर भी रहे तथा राज्य की सेवा की।
मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की चीर शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की तथा घोषणा किया कि स्व0 सीता राम चमरिया के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ होगा। मुख्यमंत्री ने स्व0 चमरिया के परिजनों को संत्वना भी दी।


मुख्यमंत्री को बधाई देने वालों का तांता लगा रहा

पटना, 23 फरवरी 2015:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार से आज सुबह उनके आवास पर राज्य के विभिन्न कोने से आये हजारों राजनीतिक एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं ने उन्हें चैथी बार राज्य के मुख्यमंत्री के पद की शपथ लिये जाने के लिए बधाई एवं शुभाकामनाएॅ दीं। उन्हें फूल माला एवं पुष्पगुच्छ भेंट किया।
मुख्यमंत्री ने आए तमाम लोगों का उनके समक्ष जाकर उनका अभिवादन स्वीकार किया तथा कहा कि राज्य के चैमुखी विकास में वे अपनी भूमिका दें। राज्य में अमन, शांति, सौहार्द, प्रेम का वातावरन बनाये रखें। सब मिलकर राज्य को प्रगती के शीर्ष पर ले जाने में मदद करें।
मुख्यमंत्री से मुलाकात करने वालों में जदयू, राजद, काॅन्ग्रेस एवं भारतीय काॅमनिस्ट पार्टी के जुझारू कार्यकर्ता, जिला स्तरीय पार्टी पदाधिकारी एवं विभिन्न संस्थाओं के सदस्य गण प्रमुख थे।


महामहिम राज्यपाल एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री से मुख्यमंत्री ने शिष्टाचार मुलाकात की तथा उन्हें शुभकामनाओं के साथ कोलकाता के लिए रवाना किया


पटना, 23 फरवरी 2015:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज पूर्वाहन पटना हवाई अड्डा के स्टेट हैंगर पहुॅचकर बिहार एवं पश्चिम बंगाल के महामहिम राज्यपाल श्री केशरी नाथ त्रिपाठी एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री सुश्री ममता बनर्जी से शिष्टाचार मुलकात की। उन्हें फूलों का गुलदस्ता भेंट किया तथा शुभकामनाओं के साथ राज्य सरकार के विमान से कोलकाता के लिए रवाना किया। मुख्यमंत्री ने सुश्री ममता बनर्जी का बिहार आने के लिए शुक्रिया अदा किया।
इस अवसर पर राज्य मंत्रिमंडल की सदस्य समाज कल्याण मंत्री श्रीमती लेसी सिंह, पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री श्रीमती बीमा भारती, गन्ना उद्योग मंत्री श्रीमती रंजू गीता, विधान पार्षद यथा श्री संजय कुमार सिंह उर्फ गाॅघी जी, विधान पार्षद श्री मंजर आलम सहित अनेकों गणमान्य व्यक्ति, सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित थे।


Sunday, 22 February 2015

बिहार जग में प्रतिष्ठा पाये और आगे बढ़े, इसके लिये बुनियादी ढ़ांचा, शिक्षा, स्वास्थ्य, कानून व्यवस्था, कृषि, ऊर्जा के साथ हर क्षेत्र पर हमारा जोर रहेगा: हमारी प्राथमिकतायें सर्वविदित रही है:- मुख्यमंत्री

पटना, 22 फरवरी 2015:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज मुख्यमंत्री के पद का शपथ लेने के बाद अपने आवास 7 सर्कुलर रोड में पत्रकारों के साथ वार्ता की और पत्रकारों को संबोधित करते हुये कहा कि हम आप सब लोगों का स्वागत करते हैं। शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने जो अतिथिगण आये, उनके हम शुक्रगुजार हैं। पूर्व प्रधानमंत्री श्री एच0डी0 देवगौड़ा, असम के मुख्यमंत्री श्री तरूण गोगोई, उतर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश सिंह यादव, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री सुश्री ममता बनर्जी, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री शरद यादव, इंडियन लोक दल के नेता श्री अभय चैटाला, सांसद श्री दुष्यंत चैटाला, श्री कमल मोरारका, काॅग्रेस के वरिष्ठ नेता श्री मोती लाल बोरा, काॅग्रेस के महासचिव श्री सी0पी0 जोशी, श्रीकान्त जेना, समाजवादी पार्टी के नेता श्री शिवपाल सिंह यादव, एन0सी0पी0 नेता श्री तारिक अनवर, असम प्रदेश काॅगे्रस के श्री अंजन दता, काॅग्रेस प्रदेश अध्यक्ष श्री अशोक चैधरी, काॅग्रेस के वरिष्ठ नेता श्री सदानंद सिंह, राजद प्रदेश अध्यक्ष श्री रामचन्द्र पूर्वे, राजद के वरिष्ठ नेता श्री अब्दुलबारी सिद्दीकी, काॅग्रेस नेता श्री कृपाशंकर सिंह, जदयू के प्रदेश अध्यक्ष श्री वशिष्ठ नारायण सिंह, जदयू के नेता एवं सांसद श्री के0सी0 त्यागी, पूर्व मुख्यमंत्री श्री जीतन राम माॅझी, पूर्व उप मुख्यमंत्री एवं बिहार विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष श्री सुशील कुमार मोदी, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष श्री नन्दकिशोर यादव एवं तमाम दलों के नेतागण, विधायकगण, सांसद, पूर्व सांसदगण ने अपनी उपस्थिति थी। उन सभी को दिल की गहराई से धन्यवाद देता हूॅ। काॅग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गाॅधी एवं राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री लालू प्रसाद नहीं आ सके, मगर उन्होंने भी अपनी शुभकामनायें दी है, उन्हें भी मैं धन्यवाद देता हूॅ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नौ माह पूर्व मैंने मुख्यमंत्री के पद का त्याग किया था और ऐसी परिस्थिति उत्पन्न हो गयी थी, जिसके कारण मुझे फिर से जिम्मेदारी लेनी पड़ी। मैंने जिम्मेदारी ली है तो पूरे मन से ली है। मैंने तो पद छोड़ दिया था, मगर लोग मेरे फैसले से संतुष्ट नहीं थे और खुश भी नहीं थे। लोगों ने मुझे अगले पाॅच वर्षों के लिये जनादेश दिया था। हमारा पद त्याग जिस भावना से हुआ था, उससे लोग खुश नहीं हुये। मेरी पूरी कोशिश होगी कि सुशासन स्थापित रहे, कानून का राज रहे। प्रारंभ से ही सुशासन का कार्य कर रहा हूॅ। गवर्नेंस पर जोर रहा है और बिहार में ऐसा वातावरण बनाये जाने का प्रयास रहा है, जिसमें बिहारी कहलाना अपमान का नहीं गर्व का विषय हो। बिहार का जो गौरवशाली इतिहास रहा है, बिहार के लोगों में जो गौरव का भाव है, वह मजबूत होता रहे, बिहार आगे बढ़ता रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार बहुत पिछड़ा प्रदेश है, यह आगे बढ़े और प्रगति की ऊॅचाई को छुये, इसके लिये बुनियादी ढ़ांचा, शिक्षा, स्वास्थ्य, कानून व्यवस्था, कृषि, ऊर्जा, अभिवंचित वर्गों का विकास एवं समाज के सभी क्षेत्रों पर मेरा जोर रहा है और रहेगा। हमारी प्राथमिकतायें सर्वविदित रही है। पहले से जो रोड मैप बना हुआ है, उस पर काम करते जायेंगे। काम में जो कमी आयी है और सुशासन में जो क्षरण आया है, उसको पाटने का प्रयास करेंगे और सारी कमियों को पूरा करने पर विशेष ध्यान देंगे। केन्द्र सरकार से भी अपेक्षा रहेगी कि बिहार को उसका बाजिव हक मिले। सबका सहयोग प्राप्त करने की कोशिश करेंगे। राजनीतिक तौर पर आमने-सामने हो सकते हैं। केन्द्र की सरकार और राज्य की सरकार दोनों की जिम्मेदारी है। जो राज्य पिछड़े हैं, उस पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिये। जितना परिश्रम करना पड़ेगा, करेंगे। बिहार को विकास के रास्ते पर ले जायेंगे। भावना से ग्रस्त होकर या पूर्वाग्रह से प्रेरित होकर कोई कदम नहीं उठायेंगे। जो फैसले लिये गये हैं, उसे खुले मन से बिना पूर्वाग्रह और भावना से ग्रस्त होकर परखूॅगा। इसके लिये उचित कदम उठाऊॅगा, मन में कोई पूर्वाग्रह नहीं है। शासन चलाना पूर्वाग्रह से नहीं होता है। केन्द्र सरकार के मंत्री के रूप में काम करने का और बिहार में साढ़े आठ वर्षों तक मुख्यमंत्री के रूप में बिहार की सेवा का जो अवसर मिला है, उसके आधार पर काम को गति देना हमारी प्राथमिकता होगी। राजनीतिक काम भी अपनी गति से चलता रहेगा। जदयू, राजद एवं काॅगे्रस तथा कम्युनिस्ट पार्टी के प्रति आभार व्यक्त करता हूॅ, जिन्होंने अपनी एकजुटता कायम रखी। भविष्य में इसी तरह की एकजुटता कायम रहे, इसके लिये प्रयास जारी रहेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जो सुशासन का एजेंडा और विकास का रोड मैप बनाया है, उस पर मेरा फोकस रहेगा। उसी के आधार पर लोगों की खिदमत करने की कोशिश करेंगे। मीडिया ने बिना पूर्वाग्रह के सारी परिस्थितियों को जिस तरह रखा है और निष्पक्ष सेवा की है, उसके लिये भी मैं उनका अभिनंदन करता हूॅ। हमने कोशिश की थी कि जो भी बिहार के लोग देश के बाहर रहते हैं, उन सबका सहयोग राज्य के विकास एवं निर्माण में लिया जाय। बिहार के विकास में सब योगदान करें। लोगों ने जब कहना शुरू कर दिया कि जनता ने पाॅच वर्षों के लिये जनादेश दिया था। इसको देखते हुये कुछ काम और करना पड़ेगा। जिस प्रकार से लोगों का रिस्पांस देख रहा हूॅ, उससे लगता है कि लोगों का भरोसा और विश्वास मुझ पर है। हम उनके भरोसे एवं अपेक्षा के अनुसार खरे होने का प्रयास करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि आपतिजनक होर्डिंग को लगाये जाने की इजाजत नहीं देनी चाहिये। इस प्रकार की कोशिश को नाकाम करें। प्रेम, सद्भाव, भाईचारा, एकता, प्यार, स्नेह के भाव से बिहार को नई ऊॅचाई पर ले जायेंगे। 22 मार्च को बिहार दिवस मनायेंगे और बिहार को और आगे ले जाने और बेहतर बनाने का संकल्प दोहरायेंगे। लोगों का भरोसा एवं विश्वास कायम रहे, इसका प्रयास करेंगे।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बधाई देने से जुड़े एक प्रश्न के उतर में मुख्यमंत्री ने कहा कि वे प्रधानमंत्री जी को बधाई देने के लिये धन्यवाद देते हैं। राज्य सरकार पूरे तौर पर केन्द्र के साथ सहयोग कर राज्य एवं देश के हित में काम करेगी। बिहार के विकास के लिये अपेक्षित सहयोग केन्द्र से चाहेगी। जब भी जरूरत होगी प्रधानमंत्री से मिलूॅगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश का पूर्वी क्षेत्र अभी भी पिछड़ा हुआ है। बहुत सारे ऐसे विषय हैं, जो हम सबोें के लिये सामान्य रूप से आवश्यक हैं। आर्थिक नजरिये से पूर्वी राज्यों के बीच मेल-जोल अच्छा रहेगा। मंत्रिमण्डल का विस्तार अगले विधानसभा सत्र के बाद किया जायेगा। उन्होंने कहा कि बिहार को केन्द्र से मिलने वाली सहायता की वे समीक्षा करेंगे।
मुख्यमंत्री ने राज्यवासियों से अपील किया कि वे एकता, भाईचारा, सद्भाव, प्यार, स्नेह का वातावरण राज्य में कायम रखें। उन्होंने राज्यवासियों के द्वारा उन्हें दिये गये विश्वास एवं स्नेह, प्यार के लिये धन्यवाद दिया।


श्री नीतीश कुमार ने राज्य के 34वें मुख्यमंत्री के रूप में आज शपथ ली

पटना, 22 फरवरी 2015:- श्री नीतीश कुमार ने आज बिहार राज्य के 34वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। मुख्यमंत्री को पद एवं गोपनीयता की शपथ राजभवन के राजेन्द्र मण्डप में महामहिम राज्यपाल श्री केशरी नाथ त्रिपाठी ने दिलायी। राज्य मंत्रिमण्डल के अन्य 22 सदस्य यथा- श्री विजय कुमार चैधरी, श्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव, श्री रमई राम, श्री दामोदर रावत, श्री नरेन्द्र नारायण यादव, श्री पी0के0 शाही, श्री श्याम रजक, श्री अवधेश प्रसाद कुशवाहा, श्रीमती लेसी सिंह, श्री दुलालचंद गोस्वामी, श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, श्री श्रवण कुमार, श्री रामधनी सिंह, श्री राम लखन राम रमन, श्री जय कुमार सिंह, श्री मनोज कुमार सिंह, श्री जावेद इकबाल अंसारी, श्रीमती बीमा भारती, श्रीमती रंजू गीता, श्री बैद्यनाथ सहनी, श्री नौशाद आलम एवं श्री बिनोद प्रसाद यादव को भी महामहिम राज्यपाल ने पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी।
शपथ ग्रहण समारोह में अध्यक्ष बिहार विधानसभा श्री उदय नारायण चैधरी, सभापति बिहार विधान परिषद श्री अवधेश नारायण सिंह, पूर्व प्रधानमंत्री श्री एच0डी0 देवगौड़ा, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री सुश्री ममता बनर्जी, असम के मुख्यमंत्री श्री तरूण गोगोई, उतर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश सिंह यादव, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री शरद यादव, काॅगे्रस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री श्री सी0पी0 जोशी, काॅग्रेस के वरिष्ठ नेता मोती लाल बोरा, सांसद एवं समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता श्री शिवपाल यादव, पूर्व मुख्यमंत्री श्री जीतन राम माॅझी, पूर्व मुख्यमंत्री श्री राम सुन्दर दास, पूर्व उप मुख्यमंत्री एवं विधान परिषद में प्रतिपक्ष नेता श्री सुशील कुमार मोदी, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष श्री नन्दकिशोर यादव, पूर्व मुख्यमंत्री झारखण्ड श्री बाबू लाल मराण्डी, सांसद यथा- श्री के0सी0 त्यागी, श्री रामनाथ ठाकुर, श्री गुलाम रसूल बलियावी, श्री अनिल सहनी, श्री कौशलेन्द्र कुमार, काॅगे्रस के वरिष्ठ नेता एवं विधायक श्री सदानंद सिंह, प्रदेश काॅग्रेस अध्यक्ष श्री अशोक चैधरी, राजद के प्रदेश अध्यक्ष श्री रामचन्द्र पूर्वे, राजद के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री श्री अब्दुलबारी सिद्दीकी, पूर्व मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह सहित अनेक विधायक, विधान पार्षद, पूर्व मंत्री, पूर्व विधायक, पूर्व विधान पार्षद सहित अनेक गणमान्य राजनीतिक एवं सामाजिक हस्तियाॅ, उच्चस्थ प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारी, न्यायविद्, शिक्षाविद् उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने सभी आये मेहमानों का गर्मजोशी से इस्तकबाल किया और उनके अभिवादन को स्वीकार किया। मुख्यमंत्री ने बारी-बारी से लोगों के समक्ष स्वयं जाकर उनका अभिवादन स्वीकार किया। राजभवन के बाहर हजारों की संख्या में उत्साही प्रशंसकों, शुभचिन्तकों ने भी मुख्यमंत्री को बधाई दी, उन्हें फूल, माला और फूलों का गुलदस्ता भेंट किया। मुख्यमंत्री आवास पर भी आमजनों की बड़ी भीड़ रही। मुख्यमंत्री ने बारी-बारी से सभी से मुलाकात की, उन्हें दिये गये विश्वास एवं स्नेह के लिये धन्यवाद दिया।
मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के परिजन यथा उनके बड़े भाई श्री सतीश कुमार, पुत्र श्री निशित कुमार, भांजा श्री सुनील कुमार उर्फ टूनटून जी सहित अन्य निकट संबंधी शपथ ग्रहण समारोह में उपस्थित थे।

Thursday, 19 February 2015

मंत्रिपरिषद् के निर्णय

पटना, 19 फरवरी 2015:- मंत्रिपरिषद् की बैठक में आज कुल 23 एजेंडों पर निर्णय लिया गया। बैठक के उपरांत उपस्थित मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुएं मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के प्रधान सचिव श्री बी0 प्रधान ने जानकारी देते हुए बताया कि पंचदश बिहार विधान सभा के षोडश सत्र में दिनांक-20 फरवरी, 2015 को मंत्रिपरिषद् द्वारा विश्वास प्राप्त करने की स्वीकृति दी गई। पंचायती राज विभाग के अन्तर्गत ग्राम कचहरी न्याय मित्र के मानदेय में बढ़ोत्तरी हेतु बिहार ग्राम कचहरी न्यायमित्र (नियोजन, सेवाशत्र्त एवं कत्र्तव्य) नियमावली, 2007 में संशोधन तथा ग्राम कचहरी सचिव के मानदेय में बढ़ोत्तरी की स्वीकृति प्रदान की। विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग के अन्तर्गत नवस्थापित राजकीय पोलिटेकनिक, जमुई को श्रीकृष्ण सिंह राजकीय पोलिटेकनिक, जमुई के रूप में नामांकरण किये जाने की स्वीकृति दी गई।
प्रधान सचिव ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के अन्तर्गत इन्दिरा गाँधी आयुर्विज्ञान संस्थान शेखपुरा, पटना को स्थापना व्यय हेतु गैर-योजना से वित्तीय वर्ष 2014-15 में द्वितीय किस्त के रूप में रू॰ 25,00,00,000/- (रूपये पच्चीस करोड़) मात्र के अनुदान तथा योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2014-15 में भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा बिहार हेतु संसूचित कुल 41.2973 करोड़ रूपये (इकतालिस करोड़ उनतीस लाख तेहत्तर हजार) के विरूद्ध राज्य सरकार द्वारा सहायक अनुदान के रूप में 5.00 करोड़ रूपये आवंटनोपरान्त द्वितीय अनुपूरक आगणन के तहत शेष उपबंधित राशि 36.2973 करोड़ रूपये (छत्तीस करोड़ उनतीस लाख तेहत्तर हजार) में से 18,91,17,000/- रूपये मात्र विमुक्ति/आवंटन की स्वीकृति दी गई है।
उन्होंने बताया कि बिहार राज्य के अन्तर्गत विभिन्न पर्वतों यथा मंदार पर्वत बांका, रोहतासगढ़ किला रोहतास, वाणावार पर्वत जहानाबाद, डोंगेश्वरी पर्वत बोधगया, ब्रहमयोगी पर्वत गया, प्रेतशिला पर्वत गया एवं मुण्डेश्वरी पर्वत कैमूर पर आकाशीय रज्जू पथ की स्थापना एवं संचालन संबंधी योजना का कार्यान्वयन राईट्स लि॰, गुड़गाॅव के माध्यम से ज्नतद ज्ञमल के आधार पर मनोनयन कर कार्य कराने की स्वीकृति तथा पर्यटन विभाग के अन्तर्गत पर्यटन विभाग बिहार, पटना के अन्तर्गत विभिन्न मदों यथा भू-अर्जन एवं व्यवसायिक एवं विशेष सेवायें के अन्तर्गत योजनाओं की स्वीकृति हेतु वित्तीय वर्ष 2014-15 में राशि 12.50 करोड़ रूपये (बारह करोड़ पचास लाख रूपये मात्र) बिहार आकस्मिकता निधि से उपलब्ध कराने की स्वीकृति दी गई।
प्रधान सचिव ने बताया कि मंत्रिपरिषद् ने गृह विभाग के अन्तर्गत मुजफ्फरपुर जिले के मुजफ्फरपुर शहर में एक ट्रैफिक थाना सृजन करने तथा योजना एवं विकास विभाग के अन्तर्गत सांख्यिकी स्वयंसेवकों की समस्या के अध्ययन करने के लिए एक समिति गठित करने एवं बिहार में युवा नीति (ल्वनजी च्वसपबल) बनाने के लिए सैद्धान्तिक स्वीकृति दी। ग्रामीण विकास विभाग के अन्तर्गत विकास मित्र एवं टोला सेवकों का 25 वर्ष तक सेवा लेने की स्वीकृति दी गई। पर्यटन विभाग के अन्तर्गत मधुबनी में सौराठ मेला को राजकीय मेला के रूप में घोषित करने की स्वीकृति दी गई। पथ निर्माण विभाग के अन्तर्गत 25 लाख तक के संविदा (ब्वदजतंबज) के कार्यों में पिछड़ा, अति पिछड़ा एवं महिला निविदादाताओं को आरक्षण का लाभ दिये जाने की स्वीकृति प्रदान की गई। सामान्य प्रशासन विभाग के अन्तर्गत बिहार राज्य के तर्ज पर ई०बी०सी० एवं ओ०बी०सी को केन्द्रीय सेवा में आरक्षण का लाभ देने हेतु राज्य सरकार की ओर से केन्द्र सरकार को अनुरोध पत्र भेजने की स्वीकृति दी। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अन्तर्गत सभी सरकारी महाविद्यालय, जहाँ उर्दू की पढ़ाई होती है, आवश्यकतानुसार उर्दू शिक्षक बहाल करने की स्वीकृति दी। गृह विभाग के अन्तर्गत सीतामढ़ी जिला के सुरसण्ड थाना अन्तर्गत कुम्मा में एक ओ०पी० स्थापित करने की स्वीकृति दी। पिछड़ा, अति पिछड़ा कल्याण विभाग के अन्तर्गत अति पिछड़ा विŸा एवं विकास निगम की स्थापना के संबंध में सैद्धान्तिक स्वीकृति दी गई। अनु० जाति जनजाति कल्याण विभाग के अन्तर्गत सफाई मजदूरों के कल्याण के लिए सफाई कर्मचारी आयोग केे गठन की स्वीकृति दी। मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अन्तर्गत प्रखण्ड पुर्नगठन संबंधी मंत्रिमंडल उप समिति की अनुशंसा के आधार पर नये प्रखण्डों के सृजन हेतु सैद्धान्तिक स्वीकृति दी गई। गृह विभाग के अन्तर्गत दिनांक-18.02.2015 के मद संख्या-12 को संशोधित करते हुए वैशाली जिला के ग्राम-नगमा, प्रखण्ड-पटेढ़ी बेलसर में गुलजार फार्म के नजदीक एक ओ०पी० स्थापित करने की स्वीकृति दी। ग्रामीण विकास विभाग के अन्तर्गत दिनांक- 18.02.2015 के मंत्रिपरिषद् के निर्णय के मद संख्या 24 का संशोधित कर लेखा सहायक-सह-डाटा इंट्री आॅपरेटर के साथ-साथ कनीय अभियंता एवं पंचायत तकनीकी सहायक के नियुक्ति होने पर भी अधिमानता देने की स्वीकृति दी गई। शिक्षा विभाग के अन्तर्गत दिनांक-18.02.2015 के मंत्रिपरिषद् के निर्णय के मद संख्या 18 एवं 28 को संशोधित करते हुए सहजानन्द सरस्वती तथा कर्पूरी ठाकुर शोध संस्थान एवं शिक्षा विभाग के अन्तर्गत संस्थानों को स्थापित करने का निर्णय लिया गया।


गरीबों के हित में शौचालय, स्वच्छता एवं शुद्ध पेयजल बहुत आवश्यक है:- मुख्यमंत्री

पटना, 19 फरवरी 2015:- गरीबों के हित में शौचालय, स्वच्छता एवं शुद्ध पेयजल बहुत आवश्यक है। गरीब व्यक्ति ही ज्यादा बीमारियों से ग्रसित होते हैं। वे बीमारी से ग्रसित न हों, इसके लिये शुद्ध पेयजल और आसपास के माहौल को स्वच्छ होना बहुत जरूरी है। वातावरण को स्वच्छ रखने में शौचालय काफी महत्वपूर्ण है। खुले में शौच बीमारियों का कारण बनता है, हर घर में शौचालय आवश्यक है। इससे बहू-बेटियों के सम्मान की भी रक्षा होती है और उनका स्वास्थ्य भी बेहतर होगा। एक तरफ लोग बीमारी से आक्रान्त हो रहे हैं तो दूसरी तरफ समाज के गलत लोगों के प्रताड़ना का अंग भी बन रहे हैं। इससे बचने का एक ही उपाय है कि हर घर में शौचालय का निर्माण हो। आज मुख्यमंत्री श्री जीतन राम माॅझी पटना प्रक्षेत्र परिसर, वेटनरी काॅलेज के प्रांगण में लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के अन्तर्गत कुल 6202.74 लाख रूपये की कुल 88 योजनाओं का शिलान्यास एवं 2786.52 लाख रूपये की लागत से कुल 43 योजनाओं का उद्घाटन रिमोट कंट्रोल के माध्यम से करने के बाद सभा को संबोधित रहे थे।
मुख्यमंत्री ने पिछले दिनों नीति आयोग की हुयी बैठक में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से हुयी चर्चा के संदर्भ में उल्लेख किया कि स्वच्छता गरीबों के लिये है और उनके हित में बहुत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है कि स्वच्छता कार्यक्रम एवं योजनाओं में सम्पूर्ण राशि दें बल्कि और अधिक राशि की आवश्यकता पड़ी तो उपलब्ध करायी जाय क्योंकि यह गरीबों के हित में है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बहुत सारी विकास योजनाओं को क्रियान्वित कर रहे हैं और इसके लिये राशि की व्यवस्था भी करते रहे हैं। 2005-06 में जहाॅ पाॅच से छह हजार करोड़ रूपये योजना मद में व्यय किया गया, वहीं 2014-15 में योजना का आकार 41 हजार करोड़ रूपये का है। 2015-16 में और आगे बढ़ाकर हम 57 हजार करोड़ रूपये ले जाना चाह रहे हैं। उन्होंने कहा कि राशि दे रहे हैं, विकास हो रहा है लेकिन गुणवता पर हमें सदा ध्यान देना चाहिये। पेयजल के संदर्भ में मुख्यमंत्री ने कहा कि गाॅव में पानी पिलाना एक पवित्र काम माना जाता है और जो पानी की व्यवस्था करता है, उसे लोग बहुत प्रतिष्ठा की नजर से देखते हैं। लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग समस्त बिहार को पानी देने का काम कर रहा है। निश्चित रूप से आप जनमानस में प्रतिष्ठित एवं सम्मानित व्यक्ति हैं। जनमानस की यह धारणा है उसमें किसी प्रकार का बट्टा नहीं लगने दें। योजनाओं की पूर्णता समय सीमा में हो तो उससे लोगों को लाभ मिलेगा और जो राशि व्यय होती है, उसमें भी बचत होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज का सहयोग जब तक नहीं मिलेगा, तब तक विकास कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में सफलता नहीं मिलेगी। पेयजल, शौचालय, स्वच्छता की समस्या सर्वोपरि है। आने वाले दिनों में हर गाॅव, हर टोलों को स्वच्छ पेयजल मिल जाय, इसके लिये एक ब्लू प्रिन्ट एवं एक रोड मैप बनाया गया है। अगले दो-तीन वर्षों में बिहार के सभी लोगों को शुद्ध पेयजल एवं शौचालय की व्यवस्था की जायेगी ताकि गरीब व्यक्ति बीमारी से प्रभावित न हो।
इस अवसर पर सभा की अध्यक्षता करते हुये लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री श्री महाचन्द्र प्रसाद सिंह ने कहा कि आज कुल 131 योजनाओं का शिलान्यास एवं उद्घाटन हुआ है। 43 उद्घाटन की योजनाओं को आम जनता की सेवा में सुपुर्द किया जा रहा है और जो 88 छोटी-बड़ी योजनाओं का शिलान्यास हुआ है, इसके लिये विभाग को निर्देशित किया गया है कि समय सीमा से पूर्व अगले छह माह में इसे पूर्ण कर उद्घाटन कराया जाय। स्वच्छता भारत सरकार, बिहार सरकार एवं मुख्यमंत्री श्री जीतन राम माॅझी का पहला एजेंडा है। गरीबों के घर को शौचालय से जोड़ने के कार्य में राशि की कमी नहीं होगी। शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने की दिशा में हमारी प्रतिबद्धता है कि 2017 तक बी0पी0एल0, ए0पी0एल0, दलित, महादलित, शोषित, पीडि़त सभी के दरवाजे तक हम पेयजल पहुॅचायें। आज कुल सात जिलों- गया, भभुआ, सासाराम, अरवल, बक्सर, आरा एवं पटना पश्चिम में योजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया गया।
इस अवसर पर काराकाट के विधायक श्री राजेश्वर राज ने भी सभा को संबोधित किया। मुख्य अभियंता पटना प्रक्षेत्र श्री बिनोद कुमार ने अतिथियों का स्वागत करते हुये कार्यक्रम के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। अधीक्षण अभियंता श्री मदन मोहन कुमार, श्री राजेश सिन्हा एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।


गरीब के हित में सरजमीं पर काम हो, उन्हें सम्मान मिले:- मुख्यमंत्री

पटना, 19 फरवरी 2015:- बिहार के गरीबों के तवारीख में अनेक राजनीतिक बातें हो रही है लेकिन गरीबों के इतिहास को जब लिखने का वक्त आयेगा तो आज के दिन का महत्व है। जो भी गरीब हैं, नाम तो सब गरीब का लेते हैं, योजनायें सभी गरीब के लिये बनती है लेकिन सरजमीं पर इन योजनाओं का बहुत कम अंश जा रहा है, जिसके कारण गरीबों की जो तादाद है, बढ़ती जा रही है। अमीरों की तादाद बढ़े या नहीं बढ़े लेकिन उनकी पूॅजी जरूर बढ़ रही है। आज मुख्यमंत्री श्री जीतन राम माॅझी श्रीकृष्ण मेमोरियल हाॅल में गरीब स्वाभिमान सम्मेलन का उद्घाटन दीप प्रज्ज्वलित कर करने के बाद सभा को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुराने समय में लोहिया जी एवं पूर्वजों द्वारा भी यह बात कही गयी है। अस्सी प्रतिशत गरीबों की आबादी है लेकिन अस्सी प्रतिशत आबादी पर पाॅच से दस प्रतिशत लोग राज कर रहे हैं। हम आजादी के 68वें वर्ष में हैं लेकिन आज भी गरीबी एवं गरीब हैं। लोग कहते हैं कि गरीबी भगवान की देन है लेकिन आज समय आ गया है, यह समझने का कि वही वे सीखाते थे, जिनकी मानसिकता हम गरीब तबके के लोगों को अपने पैर तले रख सकें। गरीबी किसी जाति का विषय नहीं है। अमीर का अपना वर्ग है, चाहे वे किसी जाति के हों, उनमें एक प्रवृति विकसित हो जाती है। समाज के गरीबों का शोषण एवं दोहन करके अमीर लोग अरबपति नहीं खरबपति हो रहे हैं। आजादी मिलने के बाद शैक्षणिक विकास के कारण लोग समझने लगे हैं कि गरीबी नियति नहीं है। महात्मा गाॅधी, बाबा साहब डाॅ0 भीमराव अंबेदकर, ज्योतिबा फूले या अन्य लोगों ने इसके लिये प्रयास किया, जिसका समाज पर असर हुआ है लेकिन वह अभी भी कम है। वह मानसिकता अभी भी समाज में है। यदि उसके विरूद्ध बात की जाती है तो उसे दबाने का प्रयास किया जाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लाख संवैधानिक प्रावधान होने के बावजूद भी हम समाज में बंटे हुये हैं। हम एक ही माता-पिता की संतान हैं, जिसके कारण हम एक हैं, जाति बंधन को तोड़ें। उन्होंने कहा कि विपरित परिस्थितियों में हमें काम करने का मौका मिला है। सबके लिये हमने काम किया है। गरीबों को इज्जत, प्रतिष्ठा दी है। तीन डिसमिल जमीन को बढ़ाकर पाॅच डिसमिल एवं राशि वर्तमान बाजार भाव के आधार पर किया गया है। स्वच्छता अभियान के तहत कैबिनेट से निर्णय लिया गया है कि सभी गाॅवों में एक स्वच्छता कर्मी नियुक्त करेंगे और सामुदायिक शौचालय का निर्माण किया जायेगा। गाॅव की सफाई का काम उस गरीब को दिया जायेगा। ऐसे 46 हजार गरीब लोगों की बहाली अपने घरों में होगी, इसके अतिरिक्त गरीबों के हित में अनेक काम किये हैं और कर रहे हैं। चाहे वे टोला सेवक, रसोइया, विकास मित्र, आशा, ममता या चैकीदार हों, सबके लिये विचार किया गया है। शहरों में गरीब लोगों को जहाॅ वे रह रहे हैं, उस जमीन पर परवाना, पर्चा देंगे और उस जमीन पर आवास बनाकर उपलब्ध करायेंगे ताकि उन्हें दिक्कत नहीं हो। छोटे शहरों में भी सफाई मजदूर हैं और इसके लिये आज की कैबिनेट की बैठक में कोशिश करेंगे कि सफाई आयोग के गठन की घोषणा की जाय। तालिमी मरकज, हुनर, कौशल विकास योजना के द्वारा गरीब लोगों को लाभ देंगे। शिक्षा के क्षेत्र में प्रोत्साहन राशि के रूप में मैट्रिक में द्वितीय श्रेणी पास करने वालों को भी आठ हजार रूपये देने का निर्णय लिया गया है। बेटियों को पढ़ने हेतु प्रोत्साहन के रूप में प्लस टू पास करने पर प्रथम श्रेणी के लिये पन्द्रह हजार रूपये एवं द्वितीय श्रेणी के लिये दस हजार रूपये देने का एलान किया है। गरीब तबकों के हित में हमने कई निर्णय लिये हैं। चाहे मदरसा, हज कमिटी, मदरसा बोर्ड एवं जितने भी गरीब से संबंधित मामला हो, सबको लाभ पहुॅचाने का काम किया है।
विधायक श्री राजेश्वर राज, श्री गजेन्द्र माॅझी, श्री रामभजन निषाद, श्री नरेन्द्र कुमार, श्री रामेश्वर रजक, श्री शान्तनु पासवान, श्री ब्रह्मा कुमार, श्री विद्यानंद राम, श्री माधव झा आजाद ने भी सभा को संबोधित किया। आयोजकों द्वारा मुख्यमंत्री को फूलों एवं मखाना का बड़ा माला पहनाकर, पुष्प-गुच्छ एवं शाल प्रदान कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर श्री अमर आजाद, श्री प्रफूल्ल माॅझी, श्री रामचरित्र माॅझी, श्री रामजतन माॅझी, श्री मुकेश माॅझी, श्री रामचरित्र सदा, श्रीमती प्रभावती देवी, श्री अखिलेश राउत सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।


सूचना प्रावैधिकी का व्यापक उपयोग गरीबों के हित में होना चाहिये-मुख्यमंत्री

पटना, 19 फरवरी 2015:- सूचना प्रावैधिकी का व्यापक उपयोग गरीबों के हित में तथा गरीबी उन्मूलन की दिशा में किया जाना चाहिये। हम गरीबों के लिए क्या कर रहे हैं, उसकी जानकारी गरीबों को पहुॅचे। इस टेक्नाॅलोजी का योगदान गरीबों के विकास में क्या हो सकता है, इसपर व्यापक सोच किया जाना चाहिये। हर क्षेत्र में विकास हो रहा है। दुनिया में सूचना प्रावैधिकी का विकास भी काफी तेजी से हुआ है। बिहार भी इस क्षेत्र में पीछे नहीं रहा है। बिहार में भी सूचना प्रावैधिकी के क्षेत्र में अनेकों उपलब्धियाॅ प्राप्त की गई हैं। निरंतर हम इस टेक्नाॅलोजी के माध्यम से ई-गर्वनेंट की ओर आगे बढ़ रहे हैं। आज सुबह मुख्यमंत्री श्री जीतन राम माँझी स्थानीय होटल मौर्या में सूचना एवं प्रावैधिकी विभाग एवं ई0 लेट्स के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित दूसरे ई-बिहार के वार्षिक समारोह का उद्घाटन कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम 21वीं शताब्दी में चल रहे है। मगर आज भी समाज में बहुत सारे लोग ऐसे हैं, जिनको अपने जीवन का उद्देश्य मात्र कमायें, खायें और जीवन लीला को समाप्त करने से अधिक की नहीं है। हमारे जन्म लेने का और इस धरती पर आने का उद्देश्य बहुउद्देशीय है। हमारा मुख्य उद्देश्य यह है कि कैसे हम लोगों की मदद करें। विशेष कर उन लोगों की मदद करें, जो मदद पाने से महरूम रहे हैं। उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति बद से बदत्तर बनी हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सूचना प्रावैधिकी विभाग को भी इस उद्देश्य की प्राप्ती के लिए अपनी भूमिका को बढ़ानी होगी। हर सरकार का बजट बढ़ रहा है। प्रति व्यक्ति आमदनी बढ़ रही है और विकास के क्षेत्र में हम निरंतर आगे बढ़ रहे हैं। ऐसे समय में हमें वहाॅ जाने की जरूरत है, जहाॅ कोई नहीं जा पाता है। जहाॅ पर गंदगी एवं अशिक्षा का माहौल है। जरूरत है कि हम वैसे लोगों के बीच जाए और उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास करें। सरकार की लाभकारी योजनाओं से उन्हें लाभांवित करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीब बच्चों के लिए मध्यान भोजन कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं, लेकिन हम देखते हैं कि जहाॅ पर 200 छात्र-छात्राओं का नामंकन है, मगर इस योजना का लाभ 50-60 बच्चें ही ले पाते हैं। विज्ञान एवं प्रावैधिकी टेक्नाॅलोजी के माध्यम से इस तरह की योजनाओं को कारगर एवं लक्ष्य समूह के लिए उपयोगी बनाने के लिए क्या कुछ किया जा सकता है, वह किया जाये ताकि ऐसी प्रवृतियों को रोका जा सके। हर प्रखण्ड में सार्वजनिक स्थानों पर सी0सी0टी0वी0 लागयें जायेंगे, जिससे यह देखा जायेगा कि पदाधिकारी एवं कर्मचारी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह किस तरह से कर रहे है। उनका व्यवहार आमजनों के साथ कैसा है। इस टेक्नाॅलोजी का व्यापक उपयोग समाज सुधार एवं कर्तव्यबोध कराने के लिए किया जाये। ताकि ई-गर्वनमेंट के रूप में हम राज्य को प्रतिस्थापित कर सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह की गरीबी उन्होंने देखी है, वह आज भी उनके दिमाग में है। मुख्यमंत्री बन जाने के बाद भी वे गरीबी को नहीं भूले है और गरीबों के लिए कुछ करने का जज्बा रखते है। उन्होंने कहा कि जब वे गरीबों को अंधविश्वास, सामाजिक कुरितियों से दूर रहकर शिक्षित होने और सामाजिक परिवेश में बदलाव की बात करते थे तो बिचैलियें उन्हें बहकाकर उनके बीच गलत भावनाओं को प्रचारित किया करते थे और कहत थे कि अमीर और गरीब भगवान ने पैदा किया है। ऐसे तत्वों के बहकावे में न आयें जीवन में खुशहाली लाने और सामाजिक परिवेश में बदलाव लाने के लिए निरंतर प्रयास किया जाना जरूरी है। मानव कल्याण में लगें। उन्होंने कहा कि ऐसा भी देखने को मिलता है कि बिचैलिये बी0पी0एल0 की आहर्ता रखने वाले पात्र परिवार के नाम को बी0पी0एल0 सूची से हटवा देते है और अमीरों का नाम जोड़वा देते हैं। उन्होंने कहा कि गरीबों की एक-एक समस्या का निदान सूचना प्रावैधिकी के माध्यम से कराए जायें। हम से गरीबों को बचाने का एक स्रोत आप हो सकते हैं।
समारोह की अध्यक्षता सूचना प्रावैधकी मंत्री श्री शाहिद अली खाॅ ने किया। इस अवसर पर प्रधान सचिव सूचना प्रावैधिकी श्री त्रिपुरारी शरण, कार्यपालक निदेशक सी-डी0ए0सी0 श्री हेमंत दरबारी एवं निदेशक प्रमुख साॅफ्टवेयर टेक्नाॅलोजी पार्क आॅफ इंडिया श्री ओंकार राय ने भी अपने विचारों को रखा और सूचना प्रावैधकी के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ई-बिहार के अस्मारिका का लोकार्पण भी किया। आयोजकों को द्वारा मुख्यमंत्री एवं विशिष्ट अतिथियों को प्रतीक चिन्ह एवं अंग वस्त्र भेंट कर सम्मानित किया गया।


Wednesday, 18 February 2015

मंत्रिपरिषद् के निर्णय

पटना, 18 फरवरी 2015:- 
सामान्य प्रशासन विभाग
1. बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारियों को रूपान्तरित सुनिश्चित वृत्ति उन्नयन (ड।ब्च्) के तहत द्वितीय वित्तीय उन्नयन पे-बैंड ृ15,600- 39,100/-, ग्रेड पेृ 7,600/- का लाभ देने के संबंध में।
ग्रामीण विकास विभाग
1. महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम के प्रावधानों के आलोक में निष्पक्ष, कारगर एवं पारदर्शी तरीके से समाजिक अंकेक्षण कराने हेतु बिहार में स्वतंत्र सामाजिक अंकेक्षण निदेशालय की स्थापना,
  2. निदेशालय के अधीन राज्य एवं जिला स्तर पर निदेशालय के कार्यों के निष्पादन हेतु आवश्यक पदों का सृजन एवं संविदा पर नियोजन की स्वीकृति।
कृषि विभाग
3. विŸाीय वर्ष 2014-15 में सब मिशन आॅन एग्रीक्लचरल मेकेनाईजेशन कार्यक्रम के तहत केन्द्रांश 981.039 लाख रूपये एवं राज्यांश 327.013 लाख रूपये कुल-1308.052 लाख रूपये की लागत से योजना कार्यान्वयन की स्वीकृति।
कृषि विभाग
4. कृषि यांत्रिकरण योजना अन्तर्गत यांत्रिकरण मेला के बाहर किसानों द्वारा निबंधित आपूर्तिकत्र्ताओं के माध्यम से कृषि यंत्रों के क्रय किये जाने पर अनुदान वितरण की स्वीकृति।
उद्योग विभाग
5. उपेन्द्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान, पटना को सोसाइटी एक्ट 1860 के अन्तर्गत निबंधित करने की स्वीकृति के संबंध में।
पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग
6. बिहार पशुपालन सेवा के वरीय प्रवर कोटि वेतनमान रू० 3700-5000 के आठ पदाधिकारियों को दिनांक-31.12.1995 तक देय अधिकाल वेतनमान रू० 4100-5300 में वित्तीय लाभ देने के संबंध में।
विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग
7. केन्द्रीय सहायता से सुपौल जिलान्तर्गत राघोपुर में राजकीय पोलिटेकनिक, राघोपुर में प्रस्तावित भवनादि के निर्माण कार्यों का पूर्व स्वीकृत योजना लागत रू० 2643.00 लाख (छब्बीस करोड़ तेतालीस लाख रूपये) मात्र का प्रथम पुनरीक्षण के फलस्वरूप पुनरीक्षित योजना लागत रू० 4836.65 लाख (अड़तालीस करोड़ छत्तीस लाख पैंसठ हजार रूपये) मात्र की पुनरीक्षित प्रशासनिक स्वीकृति।
विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग
8. बदीउज्जमाँ खान इन्स्टीच्यूट आॅफ पोलिटेकनिक, पुपरी, सीतामढ़ी मेें प्रस्तावित भवनादि के निर्माण कार्याें का पूर्व स्वीकृत योजना लागत रू० 2494.00 लाख (चैबीस करोड़ चैरानवे लाख रूपये) मात्र का प्रथम पुनरीक्षण के फलस्वरूप पुनरीक्षित योजना लागत रू० 5056.59 लाख (पचास करोड़ छप्पन लाख उनसठ हजार रूपये) मात्र की पुनरीक्षित प्रशासनिक स्वीकृति।
ग्रामीण विकास विभाग
9. ग्लोबल इनवायरनमेंट फैसिलिटिज के अनुदान के तहत जलवायु परिवत्र्तन के परिप्रेक्ष्य में इसकी ग्रहणशीलन क्षमता वृद्धि एवं तद्नुसार कृषि आधारित स्थायी आजीविका परियोजना को राज्य के दो जिलोें गया तथा मधुबनी में लागू करने एवं तद्नुसार एन० आर०एल०एम० योजना के अधीन केन्द्रांश हेतु रू० 2453.20 लाख रूपये (04 मिलियन अमेरिकन डाॅलर के समतुल्य) तथा राज्यांश हेतु रू० 665.43 लाख रूपये (10.85.000 डालर के समतुल्य) के बजट प्रावधान की स्वीकृति।

अन्यान्य:-

गृह विभाग
10.(क) एक वित्तीय वर्ष में पुलिस निरीक्षक तक के पुलिस कर्मियों को 12 महीने के वेतन के स्थान पर 13 महीने के वेतन भुगतान का निर्णय लिया गया।
(ख) गृह रक्षकों का मानदेय 300 रूपये से बढ़ाकर 400 रूपये प्रतिदिन, यात्रा भत्ता 20 से बढ़ाकर 50 रूपये करने एवं 20 साल की लगातार सेवा पूर्ण करने वाले गृह रक्षकों के सेवा के उपरान्त 1 लाख 50 हजार रूपये मानदेय तथा कार्यरत रहने की अवधि 58 वर्ष से 60 वर्ष करने का निर्णय लिया गया, लेकिन 50 वर्ष की आयु पर उनकी शारीरिक दक्षता (च्ीलेपबंस थ्पजदमेे) जाँच की व्यवस्था स्थापित करने का निर्णय लिया गया।
(ग) वैशाली जिले के नगमा पटेरी गाँव में गुलजार फार्म के नजदीक एक ओ॰पी॰ स्थापित करने का निर्णय लिया गया।
शिक्षा विभाग
11.(क) विभिन्न पंचायतों में निजी उच्च माध्यमिक विद्यालयों एवं इंटर काॅलेजों के उच्च विद्यालयों को मान्यता प्रदान करने हेतु अधिनियम में यथोचित संशोधन एवं आरक्षण के प्रावधान सुनिश्चित करने का निर्णय लिया गया।
(ख) मध्याह्न भोजन योजना के अंतर्गत कार्यरत रसोइया को 1000 रूपये प्रति माह अतिरिक्त मानदेय देने हेतु भारत सरकार से अनुशंसा करने का निर्णय लिया गया।
(ग) पंचायत एवं नगर निकाय शिक्षकों के चरणवद्ध तरीके से वेतनमान निर्धारण के विषय पर अग्रेतर विचार करने हेतु उच्च स्तरीय समिति गठन करने का निर्णय लिया गया।
(घ) विद्यालयों में ललित कला एवं संगीत शिक्षकों के पद सृजन का निर्णय लिया गया।
कृषि विभाग
12.(क) किसान सलाहकारों का मानदेय प्रति माह 7 हजार रूपये करने का सैद्धांतिक निर्णय लिया गया।
(ख) स्वामी सहजानंद सरस्वती शोध संस्थान की स्थापना के प्रस्ताव पर सैद्धान्तिक स्वीकृति प्रदान करने का निर्णय लिय गया।
योजना एवं विकास विभाग
13(क) मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना के अंतर्गत विधान मंडल के सदस्यों की अनुशंसा पर कार्य कराने हेतु प्रति वर्ष 2 करोड़ के स्थान पर अगले वित्तीय वर्ष से 3 करोड़ रूपये की राशि का प्रावधान करने का निर्णय लिया गया।
पंचायती राज विभाग
14.(क) चतुर्थ राज्य वित्त आयोग के अंतर्गत राज्य के सभी राजस्व ग्रामों (लगभग 46 हजार) में एक-एक स्वच्छता कर्मी की व्यवस्था की स्वीकृति प्रदान की गयी, जिन्हें 5 हजार रूपये प्रति माह मानदेय देय होगा।
सामान्य प्रशासन विभाग
15(क) सरकारी सेवा में 35 प्रतिशत पदों का आरक्षण महिला उम्मीदवारों के लिए करने का निर्णय लिया गया (राजपत्रित पदों को छोड़कर)।
अल्पसंख्यक कल्याण विभाग
16(क) सुन्नी वक्फ बोर्ड का सहायक अनुदान 1.5 करोड़ रूपये प्रति वर्ष, शिया वक्फ बोर्ड का सहायक अनुदान 80 लाख एवं हज कमिटि का सहायक अनुदान 75 लाख प्रति वर्ष करने का निर्णय लिया गया।
सूचना प्रावैद्यिकी
17.(क) मदरसों में आधुनिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कम्प्यूटरीकरण का निर्णय लिया गया।
ग्रामीण विकास विभाग
18.(क) ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत संविदा आधारित वर्ष 2007 में नियुक्त किये गये कर्मियों को पंचायती राज विभाग के अंतर्गत सृजित होने वाले लेखा सहायक के पदों पर नियुक्ति में अनुभव के आधार पर अधिमानता देने का निर्णय लिया गया।
विधि विभाग
19.(क) श्री रामबालक महतो, महाधिवक्ता, बिहार को पदमुक्त करने तथा उनके स्थान पर श्री बिनोद कुमार कंठ, वरीय अधिवक्ता, पटना उच्च न्यायालय, पटना को नये महाधिवक्ता के रूप में नियुक्त करने का निर्णय लिया गया।
पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग
20.(क) कर्पूरी ठाकुर शोध संस्थान की स्थापना के प्रस्ताव पर सैद्धान्तिक स्वीकृति प्रदान करने का निर्णय लिय गया।
मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग
(उर्दू निदेशालय)
21.(क) उर्दू निदेशालय अन्तर्गत क्षेत्रिय कायालयों में रिक्त पदों को भरने तथा आवश्यक पदों का सृजन करने का निर्णय लिया गया।
मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग
22.(ख) श्री कृष्ण कुमार यादव, अधीक्षक राजकीय अतिथिशाला जो दिनांक-28.02.2015 को सेवानिवृत्त होने वाले है की सेवा संविदा के आधार पर अगले एक वर्ष के लिए नियोजित करने के प्रस्ताव पर सैद्धान्तिक स्वीकृति प्रदान की गयी।

वित्तीय अनुशासन को अपनाकर चालू की गयी योजनाओं का ससमय कार्यान्वयन पूरा करें:- मुख्यमंत्री

 पटना, 18 फरवरी 2015:- वितीय अनुशासन को अपनाकर आज चालू की गयी सभी योजनाओं का कार्यान्वयन ससमय पूरा करें। जो योजनायें आज प्रारंभ की गयी है, उसे समय पर पूरा करायेंगे, योजनाओं को पूरा करने में वित से लेकर अन्य समस्याओं को नहीं आने देंगे। आज मुख्यमंत्री श्री जीतन राम माॅझी मुख्यमंत्री सचिवालय के संवाद सभाकक्ष में बिहार राज्य पुल निर्माण निगम की 5340.49 लाख रूपये की 13 योजनाओं का शिलान्यास, 5916.67 लाख रूपये की 20 योजनाओं का कार्यारंभ एवं 7696.51 लाख रूपये की 21 योजनाओं का उद्घाटन समेकित रूप से रिमोट कंट्रोल के माध्यम से कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पथ निर्माण विभाग की 2530.29 करोड़ रूपये की लागत से 122 पथों, जिसकी कुल लंबाई 1538.28 किलोमीटर है एवं 367.27 करोड़ रूपये की लागत से निर्माण की जाने वाली 84 पुल/पुलियों की आधारशिला भी रखी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ग्रामीण कार्य विभाग की 3580.21 करोड़ रूपये की 2426 पथों एवं 28.50 करोड़ रूपये की लागत से निर्माण किये जाने वाले दो पुलों का शिलान्यास तथा 11.06 करोड़ रूपये की लागत से निर्मित तीन पथों एवं तीन पुलों का समेकित रूप से उद्घाटन भी किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में विकास के जो काम हो रहे हैं, उससे अपेक्षित लाभ लोगों को मिल रहा है। हम चाहते हैं कि अधिक से अधिक लोगों को सरकार की योजनाओं का लाभ पहुॅचे और न्याय के साथ सभी क्षेत्रों का विकास हो। राज्य के सभी टोले, मुहल्ले पक्की सड़क से जुड़े और लोगों को आवागमन की सुविधायें मिले। उन्होंने कहा कि बिहार की आर्थिक स्थिति संकट में है। 57 हजार करोड़ रूपये का योजना बजट एवं इतनी ही राशि की गैर योजना बजट चालू वितीय वर्ष के लिये बनाया था, मगर हमारे वार्षिक योजना में कटिंग होगी, जिस कारण योजनाओं को पूरा करने में कठिनाई होगी। बिहार की स्थिति को देखते हुये पदाधिकारी एवं संवेदक सहयोग करें। योजनाओं के कार्यान्वयन में विलम्ब होने से प्राक्कलित राशि में कई गुणा वृद्धि हो जाती है और प्राक्कलित राशि को रिवाइज करना हमारी लाचारी हो जाती है। ससमय योजनाओं को पूरा करने से कई हजार करोड़ रूपये हम बचा सकेंगे और इस बची हुयी राशि से अन्य नई योजना को प्रारंभ कर पायेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीब का अर्थ मात्र अनुसूचित जाति/जनजाति के गरीब नहीं बल्कि सभी वर्ग, जाति के गरीबों से है। उन्होंने कहा कि गरीबों को अधिक से अधिक नियोजित करने के लिये ठेकेदारी में आरक्षण की व्यवस्था लागू की है। उन्होंने कहा कि एस्टिमेट ठीक ढ़ंग से बने और जो भी काम किये जायें, उसमें गुणवता हो। ईमानदारी के साथ योजनाओं को पूरा कराया जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे नियोजित शिक्षक, टोला सेवक, ममता, आशा बहन, विकास मित्र के साथ-साथ अन्य अल्पभोगी कर्मचारियों के लिये भी सोंच रहे हैं। सामाजिक क्षेत्र में भी हम काम कर रहे हैं और सबके घरों में खुशहाली और समृद्धि लाये जाने का प्रयास कर रहे हैं।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने लगभग 63 लाख वृद्ध, विकलांग, विधवाओं को पाॅच महीने का पेंशन दो-दो हजार रूपये का भुगतान किये जाने की शुरूआत सांकेतिक रूप से सभी श्रेणी के दस-दस लाभुकों को पेंशन की राशि देकर किया। उन्होंने कहा कि पेंशन मद का बारह सौ करोड़ रूपये का भुगतान कराया जा रहा है।
समारोह की अध्यक्षता पथ निर्माण मंत्री डाॅ0 भीम सिंह ने किया और कहा कि उनकी सरकार का वादा न्याय के साथ विकास का है। उन्होंने कहा कि हर वर्ष योजना मद से लगभग 40 हजार करोड़ रूपये का निर्माण कार्य होता है, जिसमें नियमानुसार चार हजार करोड़ रूपये की राशि काॅन्टैक्टर बेनिफिट के रूप में जाता है। उन्होंने कहा कि 70 लाख से नीचे के ठेके में अनुसूचित जाति/जनजाति को आरक्षण दिये जाने की व्यवस्था की गयी है। उन्होंने पथ निर्माण विभाग की अनेक उपलब्धियों की चर्चा भी की।
नगर विकास मंत्री श्री सम्राट चैधरी ने समारोह को संबोधित करते हुये कहा कि खगडि़या के आगवानी घाट से सुलतानगंज तक पुल निर्माण की योजना को प्रारंभ करने के लिये मुख्यमंत्री एवं पथ निर्माण विभाग के प्रति आभार व्यक्त करते हैं। इस पुल के निर्माण पर साढ़े आठ सौ करोड़ रूपये की लागत आयेगी और एप्रोच्च रोड इत्यादि को लगाकर यह प्रोेजेक्ट लगभग 1700 करोड़ रूपये का होगा। उन्होंने कहा कि यह पुल नेपाल से देवघर तक की कांवर यात्रा के तीर्थयात्रियों के लिये काफी लाभदायक होगी और इस क्षेत्र के लोगों ने जो अस्सी के दशक में सपना देखा था, वह साकार होगा।
समाज कल्याण मंत्री श्री महाचन्द्र प्रसाद सिंह ने समाज कल्याण के क्षेत्र में राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे कार्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला। स्वागत भाषण सचिव पथ निर्माण श्रीमती हरजोत कौर ने किया और आज के समारोह की विशेषताओं पर विस्तार से प्रकाश डाला।
इस अवसर पर विधायक श्री सुमित कुमार सिंह, विधायक श्री पवन जायसवाल, सचिव ग्रामीण कार्य श्री चंचल कुमार, सचिव समाज कल्याण श्री अरविन्द चैधरी, अध्यक्ष पुल निर्माण निगम श्री विनय कुमार सहित पथ निर्माण, समाज कल्याण, ग्रामीण कार्य विभाग के अनेक वरीय अधिकारी एवं गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

Tuesday, 17 February 2015

मुख्यमंत्री ने महाशिवरात्रि पर्व के अवसर पर बधाई एवं शुभकामनायें दी

पटना, 16 फरवरी 2015:- मुख्यमंत्री श्री जीतन राम माॅझी ने महाशिवरात्रि पर्व के पूर्व संध्या पर प्रदेश एवं देशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें दी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोग पूरे उत्साह एवं श्रद्धा के साथ महाशिवरात्रि पर्व में भगवान शिव की उपासना करते हैं। इस पर्व की अपनी अलग विशेषता है। यह पर्व हमारी संस्कृति को और मजबूत बनाता है।
मुख्यमंत्री ने लोगों का आह्वान किया है कि वे आपसी प्रेम, पारस्परिक सौहार्द्र एवं सामाजिक सद्भाव के साथ महाशिवरात्रि का पर्व मनायें। उन्होंने आशा व्यक्त की है कि यह पर्व समस्त प्रदेशवासियों के लिए सुख, शान्ति, समृद्धि लेकर आयेगा।

Saturday, 14 February 2015

16 फरवरी 2015 को ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम‘ स्थगित रहेगा

पटना, 14 फरवरी 2015:- 16 फरवरी 2015 (तृतीय सोमवार) को 1 अण्णे मार्ग में आयोजित होने वाला ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम‘ अपरिहार्य कारणांे से स्थगित रहेगा। यह सूचना मुख्यमंत्री सचिवालय ने दी है।


Thursday, 12 February 2015

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से ही अच्छे समाज का निर्माण होगा:- मुख्यमंत्री

पटना, 12 फरवरी 2015:- शिक्षक ब्रह्मा, विष्णु होते हैं, शिक्षक का दर्जा माता-पिता का भी है। जहाॅ अच्छे शिक्षक होते हैं, वहाॅ समाज अच्छा होता है। माता-पिता के बाद किसी बच्चे या मनुष्य को आगे बढ़ने की पाठशाला शिक्षक ही होते हैं। यदि शिक्षक सच्चरित्र, कर्मठ, निष्ठावान हैं तो उनका शिष्य भी उसी गुणों को ग्रहण करेगा तो देश एवं राज्य का विकास होगा। आज मुख्यमंत्री श्री जीतन राम माॅझी बिहार प्रदेश माध्यमिक शिक्षक-शिक्षकेतर कर्मचारी महासंघ के गाॅधी मैदान, पटना में आायोजित 14वां स्थापना दिवस समारोह का दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन करते हुये सभा को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षक व्यक्ति एवं समाज को आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं, यह शिक्षकों का गुण है। स्वयं का उदाहरण देते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षकों की प्रेरणा से ही हम आगे बढ़े हैं और सीमित आय में भी परिवार को आगे बढ़ाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि आप में संघर्षशीलता है, संघ में बड़ी शक्ति है। आप कर्म के प्रति जागरूक एवं सचेष्ट हैं। कर्मचारी महासंघ या संघ का यह कार्य है कि प्रशासन को उनके कमियों के विषय में उन्हें बतायें और सापेक्ष सहयोग करें ताकि प्रशासन ठीक ढ़ंग से चल सके। आपकी समस्याओं के प्रति हम सजग हैं। हमारा कर्तव्य है कि हम आपके अधिकार के लिये लड़ें लेकिन हमारा यह भी कर्तव्य है कि हम जहाॅ हैं, उसके कार्यकलाप को भी ठीक रखें। शिक्षा की गुणवता पर चर्चा करते हुये उन्होंने कहा कि आज जो आर्थिक रूप से समर्थ हैं, उनमें अपने बच्चों को सरकारी विद्यालय के बजाय निजी विद्यालयों में पढ़ाने की मानसिकता हो गयी है।
मुख्यमंत्री कहा कि सूबे के मुख्यमंत्री के रूप में गरीबों के हित एवं राज्य के विकास हेतु तत्पर हैं। आज हुये कृषि विभाग के कार्यक्रम की चर्चा करते हुये उन्होंने कहा कि कृषि कार्य में राज्य के अस्सी प्रतिशत से ज्यादा लोग लगे हुये हैं। कृषि से ही राज्य के आय में ज्यादा हिस्सा आता है लेकिन किसान गरीब हैं, उनकी परिस्थिति पर विचार कर पाॅच एकड़ जमीन तक के किसानों को कृषि कार्य के लिये मुफ्त बिजली सरकार उपलब्ध करायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि असंबद्ध शिक्षक-शिक्षकेतर कर्मियों के हालात एवं उनके समस्या से हम अवगत हैं। बिहार राज्य गैर सरकारी माध्यमिक विद्यालय, अधिग्रहण, प्रबंधन एवं नियंत्रण संशोधन अधिनियम 1993 के क्लाॅउज 3 के उप धारा 3 के कारण सरकार किसी भी विद्यालय का अधिग्रहण नहीं कर सकती, उसके कारण यह समस्या आयी है। आज इस 14वें स्थापना दिवस अधिवेशन में उपरोक्त अधिनियम के उक्त धारा के कारण जिसने हमें बाध्य किया था कि हम अधिग्रहण नहीं करेंगे, उस धारा को ही हम हटा दे रहे हैं और आपलोगों के विद्यालय को अधिग्रहण करेंगे और निश्चित रूप से अंगीभूत करेंगे, जिसकी घोषणा हम आज के दिन कर रहे हैं। इसके पीछे यह अवधारणा है कि हर पंचायतों में प्लस टू विद्यालय खोलने का हमने संकल्प लिया है। हजारो विद्यालय खोले गये हैं। उसको संबद्धता दे रहे हैं। कभी-कभी भूमि और भवन के कारण समस्या हो रही है। आप जिस भी विद्यालय से जुड़े हैं, वहाॅ भवन और भूमि है। यदि आप भूमि देना चाहते हैं तो आपके विद्यालय का सरकारीकरण क्यों नहीं होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 282 करोड़ रूपये हम अनुदान के रूप में देते हैं। यदि हम नियोजित शिक्षक के रूप में वेतनमान देंगे तो राशि की आवश्यकता होगी। सौ करोड़ रूपये भी इस मद में देना पड़े तो भी वेतनमान देंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिना गुणवतापूर्ण शिक्षा का अच्छा समाज नहीं बन सकता और इसके लिये हम आपसे अपेक्षा रखते हैं कि जिस प्रकार आज हमने आपको सम्मान देने का काम किया है, उसी प्रकार आपको भी हमें सम्मानित करना होगा। कल से दिखने लग जाय कि बिहार में बच्चों को किस प्रकार से पढ़ाना है, पढ़ाई का माहौल बनायें, यही मेरा सम्मान होगा। उन्होंने कहा कि आपको सम्मानित करने का निर्णय लिया गया है तो आप भी गरीब, दलित परिवार के बच्चों को गुणवतापूर्ण शिक्षा देकर सम्मानित करने का काम करें। निजी स्कूलों से बेहतर एवं गुणवतापूर्ण शिक्षा देने का कार्य करें ताकि यहाॅ पढ़ने वाले बच्चे आगे निकलें।
इस अवसर पर लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री श्री महाचन्द्र प्रसाद सिंह ने कहा कि वित रहित शिक्षा नीति 24 वर्ष पूर्व आरंभ हुआ था, जो राज्य का काला धब्बा के रूप में था। इस पर लगातार दवाब बनाकर वित रहित शिक्षा नीति को समाप्त किया गया और नई नीति लायी गयी। राज्य में शिक्षकों की बहुत कमी थी। नियोजित शिक्षक के रूप में एक नई योजना शुरू की गयी थी। आपकी माॅगों के प्रति सरकार संवेदनशील है। आपके द्वारा नियोजित शिक्षक के दर्जा की माॅग पर राज्य सरकार विचार कर रही है।
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री श्री वृशिण पटेल ने कहा कि महासंघ के द्वारा जितना संघर्ष एवं जद्दोजहद किया गया है, वे स्मरण हैं। वित रहित शिक्षक हों या नियोजित शिक्षक, जब तक उन्हें सम्मान नहीं मिलेगा, इनके मन में सुरक्षा की भावना नहीं होगी और इनके परिवार का भविष्य सुरक्षित नहीं होगा, तब तक बिहार में शिक्षा की उन्नति संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि सही समय पर अनुदान, नियोजित शिक्षा आदि तीन मुख्य माॅगों के प्रस्ताव से सरकार अवगत है। उन्होंने मुख्यमंत्री को कर्ण की संज्ञा देते हुये कहा कि वे माॅगने वाले को कभी निराश नहीं करते। उन्होंने कहा कि इस मुल्क या इस सूबे बिहार का कोई मुकद्दर बदल सकता है तो वह शिक्षक ही बदल सकता है, दूसरे किसी के बूते में यह बात नहीं है। शिक्षकों को प्रतिष्ठा व विश्वास मिले।
बिहार प्रदेश माध्यमिक शिक्षक-शिक्षकेतर कर्मचारी महासंघ के 14वें वार्षिक स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर मुख्यमंत्री को फूलों का बड़ा माला, प्रतीक चिह्न, शाल एवं पुष्प-गुच्छ भेंटकर सम्मानित किया गया। सभा की अध्यक्षता लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री श्री महाचन्द्र प्रसाद सिंह ने किया। स्वागत भाषण महासंघ के प्रांतीय संयोजक श्री राजकिशोर प्रसाद साधु ने किया। इस अवसर पर प्रधान सचिव शिक्षा श्री आर0के0 महाजन, श्री उपेन्द्र सिंह, शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष श्री रामनरेश पाण्डेय, श्री अरूण कुमार, श्री विद्याभूषण पाण्डेय, श्रीमती मीना सिन्हा, श्री मनोरंजन प्रसाद सिंह, श्री विकास कुमार पप्पू, श्री राघवेन्द्र तिवारी, श्री अरविन्द कुमार, श्री कमला प्रसाद, मोहम्मद अनवर, श्री रमेन्द्र प्रसाद, श्री साधु शरण सहित बड़ी संख्या में शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मी तथा अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।