Friday, 27 February 2015

हमारी अपेक्षा है कि केन्द्रीय वित्त मंत्री बिहार की चिन्ताओं पर गौर करें, बिहार के साथ अन्याय नहीं होने दें:- मुख्यमंत्री

पटना, 27 फरवरी 2015:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज दिल्ली से वापस लौटने के बाद पटना हवाई अड्डा पर पत्रकारों से वार्ता करते हुये कहा कि उनकी बातें दिल्ली में केन्द्रीय वित मंत्री श्री अरूण जेटली से हुयी है। 14वें वित आयोग की अनुशंसा जिसे केन्द्र सरकार ने स्वीकृत कर लिया है और उक्त अनुशंसा के आलोक में सभी मुख्यमंत्रियों को प्रधानमंत्री जी ने पत्र लिखा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उक्त पत्र के आलोक में उन्होंने प्रधानमंत्री जी को पत्र लिखा है और 14वें वित आयोग की अनुशंसा से होने वाले नुकसान को सार्वजनिक रूप से प्रकट भी किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यों को टैक्स रेवेन्यू का 32 प्रतिशत मिलता था, उसकी जगह 42 प्रतिशत मिलेगी लेकिन बाकी के सभी प्रकार के ग्रांट एवं योजना मद में मिलती रही सहायता नहीं मिलने से बिहार को कोई फायदा नहीं होने वाला है। बी0आर0जी0एफ0 के अन्तर्गत बिहार को प्राप्त केन्द्रीय सहायता कानून के अन्तर्गत मिलता है। बिहार पुनर्गठन विधेयक के अन्तर्गत यह सहायता बिहार को मिलती है। योजना आयोग के उपाध्यक्ष की अध्यक्षता में लिये गये निर्णय के अनुसार 10वीं पंचवर्षीय योजना से अतिरिक्त विशेष सहायता मिलती है। वर्तमान पंचवर्षीय योजना में यह सहायता बारह हजार करोड़ रूपये मिल रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने केन्द्रीय वित मंत्री जी को सारी स्थिति बता दी है। टैक्स रेवेन्यू में ज्यादा राशि मिलेगी लेकिन बाकी राशि के बंद हो जाने से बिहार को कोई फायदा नहीं होगा। बी0आर0जी0एफ0 के अन्तर्गत प्राप्त सहायता को बंद कर दिया जायेगा तो यह कानून का उल्लंघन है और बिहार के साथ अन्याय होगा। उन्होंने कहा कि 12वीं पंचवर्षीय योजना में 11 प्रतिशत, 13वीं पंचवर्षीय योजना में 10.9 प्रतिशत और 14वीं पंचवर्षीय योजना में यह राशि घटकर 9.6 प्रतिशत मिलेगा, जो काफी कम होगी। पाॅच साल का आकलन कर लें तो पचास हजार करोड़ रूपये कम मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली, सड़क प्रक्षेत्र की योजना बाधित होगी। उन्हीं परियोजनाओं पर काम होता है, जो केन्द्र सरकार से स्वीकृत होती है। हमारी अपेक्षा है कि हमारी माॅगों पर विचार किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विशेष राज्य के दर्जे की माॅग निवेश को बढ़ावा देने के लिये है। युवा पीढ़ी को ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिले, के लिये है। निवेशकों को टैक्स में छूट मिलेगी। राज्य में कल-कारखाने लगेंगे, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। टैक्स में छूट देने से वित आयोग ने मना नहीं किया है, ऐसी परिस्थिति में मैंने आॅकड़ों के साथ स्थिति स्पष्ट कर दी है और वित मंत्री से आग्रह किया है कि बिहार जैसे गरीब राज्य के साथ अन्याय नहीं होने दें।

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