पटना, 24 फरवरी 2015:- विधि-व्यवस्था राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है, विधि-व्यवस्था को बनाये रखने में किसी तरह की कोताही या शिथिलता कदापि सहन नहीं की जायेगी। हर स्थिति में अपराध को नियंत्रण में रखा जाय। राज्य में कानून का राज स्थापित रहे, इसके लिये अधिकारी मनोयोग एवं लगन के साथ पूरी मेहनत करें। साम्प्रदायिक सौहार्द्र और भाईचारा के वातावरण को किसी भी कीमत में बिगड़ने नहीं दिया जाय। हर कीमत पर इसे बनाये रखें। अपराधियों की गतिविधि पर कड़ी निगरानी रखी जाय। लंबित वादों का निस्तारण त्वरित गति से कराया जाय। आपराधिक एवं साम्प्रदायिक घटनाओं के लिये संबंधित जिला के जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक पर जिम्मेदारी निर्धारित करायी जायेगी। जिला में विधि व्यवस्था एवं अपराध की स्थिति के आधार पर जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक के कार्यों तथा कर्तव्यों का मूल्यांकन होगा। विधि-व्यवस्था संधारण एवं अपराध नियंत्रण के लिये रोड मैप एवं एस0ओ0पी0 पूर्व से ही बना हुआ है। इसी को अक्षरशः अपनाते हुये अपने कर्तव्यों का निबर्हन करें। यही टास्क सभी जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षकों को दिया जाता है। जिलों में अपराध, संवेदनशील स्थलों, फ्लैश प्वाईंट्स, घटनाओं, अपराध मैपिंग जिलाधिकारी/पुलिस अधीक्षक करायें ताकि किसी भी हालत में साम्प्रदायिक सौहार्द्र एवं सामाजिक समरसता में कमी नहीं आये। आज मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने विडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य के सभी क्षेत्रीय प्रशासनिक अधिकारियों के साथ विधि-व्यवस्था की गहन समीक्षा कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी प्रमंडलीय आयुक्त, रेंज आई0जी0, पुलिस उप-महानिरीक्षक, जिला पदाधिकारी एवं वरीय पुलिस अधीक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि विडियों काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आप सबांे से अपनी बात कहने और आप सबकी बातों को सुनने का मौका मिला है। वर्ष 2005 के नवम्बर में जब मैनेे मुख्यमंत्री का कार्यभार संभाला था तो उस समय से ही मेरा प्रयास राज्य में कानून का राज स्थापित करने का रहा है। सभी काम कानून के अनुसार किये जाने चाहिए। कानून के अनुसार प्रशासन एंव पुलिस अधिकारी अपना काम करें। इन सबका ही परिणाम रहा है कि लोग अपने-अपने घरों से परिवार के साथ देर रात में निकलते हैं और कोई भी काम करने के लिए घर से बाहर जाते हैं। लोगों के मन में डर नहीं बचा है। लोगों में सुरक्षा की भावना आयी है, जिसे हर हालत में कायम रहना चाहिये। हमारी पहली जिम्मेदारी विधि-व्यवस्था को बनाये रखने की है। बिहार की छवि बदली है और हर तरफ सुधार आया है। सुधार लाने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ी और आप सबका सहयोग मिला।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्यपालिका ने राज्य में विधि-व्यवस्था को कायम रखने एवं राज्य में कानून का राज स्थापित करने के लिए जो काम किया, उसमें न्यायपालिका का भी सहयोग मिला। शासन के प्रो-एक्टिव हो जाने से स्पीडी ट्रायल के साथ-साथ नियमित ट्रायल में भी गति आयी है और आगे भी गति बनी रहनी चाहिये। अपराधियों को सजा मिलने से सुशासन के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ा है, यह कायम रहे। ट्रायल में तेजी आई और त्वरित गति से मामलों का निष्पादन हुआ।
साम्प्रदायिक या जातीय तनाव के मामलें में त्वरित कार्रवाई होनी चाहिए। अपने मातहत अधिकारियों पर कड़ी निगरानी और नियंत्रण रखें। दोषियों को छोड़ा नहीं जाय, जबरन किसी को फंसाया भी नहीं जाय। पुलिस बल की संख्या में वृद्धि हुई है। थानों का वर्गीकरण कर वहाॅं पर सुविधा बढ़ायी गई है। आधुनिक हथियार खरीदे गये हैं, वैज्ञानिक अनुसंधान की व्यवस्था की गई है। नये-नये उपकरण खरीदे गये हैं। आज पहले से हम काफी बेहतर स्थिति मेें हैं। जिला पदाधिकारी और पुलिस अधीक्षक सरकार के जिम्मेदार अधिकारी हैं, उन्हें हर स्थिति में अपने-अपने जिलों में साम्प्रदायिक सौहार्द्र की स्थिति कायम रखनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने मुजफ्फरपुर के अजीजपुर मंे हुई घटना की ओर इशारा करते हुए कहा कि यदि नीचे के अधिकारी रिस्पोंस टाईम के अंदर धटनास्थल पर पहॅुचते तो ऐसी स्थिति नहीं होती। मुख्यमंत्री ने कहा कि घटना किसी भी कीमत पर नहीं घटने दें। जमीन का विवाद, कब्रिस्तान की घेराबंदी का विवाद या अन्य तरह के विवादों पर त्वरित ध्यान दिया जाय और उसका समाधान ससमय किया जाय। होली के अवसर पर विशेष सतर्कता बनाये रखें। जिला पदाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक लोगों की बातों को जरूर सुनें। रिस्पोंस टाईम सबसे जरूरी चीज है, इस पर ध्यान दें। धर्मान्तरण, लव जेहाद, घर वापसी की बात हो रही है, ऐसे समय मंे हम सबको सतर्क रहने की जरूरत है। आसूचना के संग्रह पर विशेष ध्यान दें। लोगों को यह एहसास होना चाहिए कि हमारी सुरक्षा के लिए पुलिस सक्रिय है। अपराधियों को एहसास होना चाहिए कि वे बख्से नहंी जायेंगे। वे सरकार की नजर मंे हैं, वे जरूर पकड़े जायेंगे। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि लंबित वारंटों की संख्या बहुत है, इसे हर कीमत पर कम करें। ससमय सारी कार्रवाई हो जाय तो कहीं भी विधि-व्यवस्था मंे गिरावट नहीं आयेगी, बात नहीं बिगड़ेगी। तत्काल कार्रवाई होने से स्थिति नियंत्रण में रहेगी। अधिकारी फिल्ड भीजिट करंे, गाॅंव में जायें।
भ्रष्टाचार के मामले मंे हमारी जीरो टाॅलरेंस की नीति है। भ्रष्टाचार किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। प्रखण्ड, थाना, अंचल में भ्रष्टाचार के मामले आते हैं तो पुलिस अधीक्षक की योग्यता पर प्रश्न चिह्न लगता है। इसे किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं करें। पूरी सेवा भाव से सरकारी कार्यों का निष्पादन हो तो लोगों को राहत मिलेगी और उनका विश्वास सरकार के प्रति बढ़ेगा। समस्याओं का समाधान आसानी से निकलेगा। नीचले स्तर के भ्रष्टाचार से प्रशासन की छवि धूमिल हो रही है। प्रखण्ड, थाना, अंचल में ठीक ढंग से काम हो तो लेागों का विश्वास सरकार के प्रति जगता है। अच्छा काम करेंगे तो सोहरत भी मिलेगी और इज्जत भी। लोकतंत्र मंे लोगों की संतुष्टि सबसे बड़ी जरूरत है। निरंतर सचेत रहिए, सक्रिय रहिये। साम्प्रदायिक दृष्टिकोण से संवेदनशील इलाकों की पहचान कर लें और संवेदनशीलता को देखते हुए कार्रवाई करें, इसके परिणामस्वरूप कोई घटना नहीं घटेगी। हम सब अपने टास्क को निश्चित रूप से पूरा करें। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर क्षेत्रीय अधिकारियों को होली पर्व की अग्रिम बधाई भी दी।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री अंजनी कुमार सिंह एवं पुलिस महानिदेशक श्री पी0के0 ठाकुर ने भी क्षेत्रीय पदाधिकारियों को संबोधित किया। इस अवसर पर प्रधान सचिव गृह श्री सुधीर कुमार, प्रधान सचिव सामान्य प्रशासन श्री आमिर सुबहानी, प्रधान सचिव स्वास्थ्य श्री ब्रजेश मेहरोत्रा, प्रधान सचिव मंत्रिमंडल सचिवालय श्री बी0 प्रधान, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री अमृत लाल मीणा, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अतीश चंद्रा सहित अन्य वरीय प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी प्रमंडलीय आयुक्त, रेंज आई0जी0, पुलिस उप-महानिरीक्षक, जिला पदाधिकारी एवं वरीय पुलिस अधीक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि विडियों काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आप सबांे से अपनी बात कहने और आप सबकी बातों को सुनने का मौका मिला है। वर्ष 2005 के नवम्बर में जब मैनेे मुख्यमंत्री का कार्यभार संभाला था तो उस समय से ही मेरा प्रयास राज्य में कानून का राज स्थापित करने का रहा है। सभी काम कानून के अनुसार किये जाने चाहिए। कानून के अनुसार प्रशासन एंव पुलिस अधिकारी अपना काम करें। इन सबका ही परिणाम रहा है कि लोग अपने-अपने घरों से परिवार के साथ देर रात में निकलते हैं और कोई भी काम करने के लिए घर से बाहर जाते हैं। लोगों के मन में डर नहीं बचा है। लोगों में सुरक्षा की भावना आयी है, जिसे हर हालत में कायम रहना चाहिये। हमारी पहली जिम्मेदारी विधि-व्यवस्था को बनाये रखने की है। बिहार की छवि बदली है और हर तरफ सुधार आया है। सुधार लाने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ी और आप सबका सहयोग मिला।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्यपालिका ने राज्य में विधि-व्यवस्था को कायम रखने एवं राज्य में कानून का राज स्थापित करने के लिए जो काम किया, उसमें न्यायपालिका का भी सहयोग मिला। शासन के प्रो-एक्टिव हो जाने से स्पीडी ट्रायल के साथ-साथ नियमित ट्रायल में भी गति आयी है और आगे भी गति बनी रहनी चाहिये। अपराधियों को सजा मिलने से सुशासन के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ा है, यह कायम रहे। ट्रायल में तेजी आई और त्वरित गति से मामलों का निष्पादन हुआ।
साम्प्रदायिक या जातीय तनाव के मामलें में त्वरित कार्रवाई होनी चाहिए। अपने मातहत अधिकारियों पर कड़ी निगरानी और नियंत्रण रखें। दोषियों को छोड़ा नहीं जाय, जबरन किसी को फंसाया भी नहीं जाय। पुलिस बल की संख्या में वृद्धि हुई है। थानों का वर्गीकरण कर वहाॅं पर सुविधा बढ़ायी गई है। आधुनिक हथियार खरीदे गये हैं, वैज्ञानिक अनुसंधान की व्यवस्था की गई है। नये-नये उपकरण खरीदे गये हैं। आज पहले से हम काफी बेहतर स्थिति मेें हैं। जिला पदाधिकारी और पुलिस अधीक्षक सरकार के जिम्मेदार अधिकारी हैं, उन्हें हर स्थिति में अपने-अपने जिलों में साम्प्रदायिक सौहार्द्र की स्थिति कायम रखनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने मुजफ्फरपुर के अजीजपुर मंे हुई घटना की ओर इशारा करते हुए कहा कि यदि नीचे के अधिकारी रिस्पोंस टाईम के अंदर धटनास्थल पर पहॅुचते तो ऐसी स्थिति नहीं होती। मुख्यमंत्री ने कहा कि घटना किसी भी कीमत पर नहीं घटने दें। जमीन का विवाद, कब्रिस्तान की घेराबंदी का विवाद या अन्य तरह के विवादों पर त्वरित ध्यान दिया जाय और उसका समाधान ससमय किया जाय। होली के अवसर पर विशेष सतर्कता बनाये रखें। जिला पदाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक लोगों की बातों को जरूर सुनें। रिस्पोंस टाईम सबसे जरूरी चीज है, इस पर ध्यान दें। धर्मान्तरण, लव जेहाद, घर वापसी की बात हो रही है, ऐसे समय मंे हम सबको सतर्क रहने की जरूरत है। आसूचना के संग्रह पर विशेष ध्यान दें। लोगों को यह एहसास होना चाहिए कि हमारी सुरक्षा के लिए पुलिस सक्रिय है। अपराधियों को एहसास होना चाहिए कि वे बख्से नहंी जायेंगे। वे सरकार की नजर मंे हैं, वे जरूर पकड़े जायेंगे। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि लंबित वारंटों की संख्या बहुत है, इसे हर कीमत पर कम करें। ससमय सारी कार्रवाई हो जाय तो कहीं भी विधि-व्यवस्था मंे गिरावट नहीं आयेगी, बात नहीं बिगड़ेगी। तत्काल कार्रवाई होने से स्थिति नियंत्रण में रहेगी। अधिकारी फिल्ड भीजिट करंे, गाॅंव में जायें।
भ्रष्टाचार के मामले मंे हमारी जीरो टाॅलरेंस की नीति है। भ्रष्टाचार किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। प्रखण्ड, थाना, अंचल में भ्रष्टाचार के मामले आते हैं तो पुलिस अधीक्षक की योग्यता पर प्रश्न चिह्न लगता है। इसे किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं करें। पूरी सेवा भाव से सरकारी कार्यों का निष्पादन हो तो लोगों को राहत मिलेगी और उनका विश्वास सरकार के प्रति बढ़ेगा। समस्याओं का समाधान आसानी से निकलेगा। नीचले स्तर के भ्रष्टाचार से प्रशासन की छवि धूमिल हो रही है। प्रखण्ड, थाना, अंचल में ठीक ढंग से काम हो तो लेागों का विश्वास सरकार के प्रति जगता है। अच्छा काम करेंगे तो सोहरत भी मिलेगी और इज्जत भी। लोकतंत्र मंे लोगों की संतुष्टि सबसे बड़ी जरूरत है। निरंतर सचेत रहिए, सक्रिय रहिये। साम्प्रदायिक दृष्टिकोण से संवेदनशील इलाकों की पहचान कर लें और संवेदनशीलता को देखते हुए कार्रवाई करें, इसके परिणामस्वरूप कोई घटना नहीं घटेगी। हम सब अपने टास्क को निश्चित रूप से पूरा करें। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर क्षेत्रीय अधिकारियों को होली पर्व की अग्रिम बधाई भी दी।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री अंजनी कुमार सिंह एवं पुलिस महानिदेशक श्री पी0के0 ठाकुर ने भी क्षेत्रीय पदाधिकारियों को संबोधित किया। इस अवसर पर प्रधान सचिव गृह श्री सुधीर कुमार, प्रधान सचिव सामान्य प्रशासन श्री आमिर सुबहानी, प्रधान सचिव स्वास्थ्य श्री ब्रजेश मेहरोत्रा, प्रधान सचिव मंत्रिमंडल सचिवालय श्री बी0 प्रधान, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री अमृत लाल मीणा, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अतीश चंद्रा सहित अन्य वरीय प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारी उपस्थित थे।
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