Thursday, 12 February 2015

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से ही अच्छे समाज का निर्माण होगा:- मुख्यमंत्री

पटना, 12 फरवरी 2015:- शिक्षक ब्रह्मा, विष्णु होते हैं, शिक्षक का दर्जा माता-पिता का भी है। जहाॅ अच्छे शिक्षक होते हैं, वहाॅ समाज अच्छा होता है। माता-पिता के बाद किसी बच्चे या मनुष्य को आगे बढ़ने की पाठशाला शिक्षक ही होते हैं। यदि शिक्षक सच्चरित्र, कर्मठ, निष्ठावान हैं तो उनका शिष्य भी उसी गुणों को ग्रहण करेगा तो देश एवं राज्य का विकास होगा। आज मुख्यमंत्री श्री जीतन राम माॅझी बिहार प्रदेश माध्यमिक शिक्षक-शिक्षकेतर कर्मचारी महासंघ के गाॅधी मैदान, पटना में आायोजित 14वां स्थापना दिवस समारोह का दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन करते हुये सभा को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षक व्यक्ति एवं समाज को आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं, यह शिक्षकों का गुण है। स्वयं का उदाहरण देते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षकों की प्रेरणा से ही हम आगे बढ़े हैं और सीमित आय में भी परिवार को आगे बढ़ाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि आप में संघर्षशीलता है, संघ में बड़ी शक्ति है। आप कर्म के प्रति जागरूक एवं सचेष्ट हैं। कर्मचारी महासंघ या संघ का यह कार्य है कि प्रशासन को उनके कमियों के विषय में उन्हें बतायें और सापेक्ष सहयोग करें ताकि प्रशासन ठीक ढ़ंग से चल सके। आपकी समस्याओं के प्रति हम सजग हैं। हमारा कर्तव्य है कि हम आपके अधिकार के लिये लड़ें लेकिन हमारा यह भी कर्तव्य है कि हम जहाॅ हैं, उसके कार्यकलाप को भी ठीक रखें। शिक्षा की गुणवता पर चर्चा करते हुये उन्होंने कहा कि आज जो आर्थिक रूप से समर्थ हैं, उनमें अपने बच्चों को सरकारी विद्यालय के बजाय निजी विद्यालयों में पढ़ाने की मानसिकता हो गयी है।
मुख्यमंत्री कहा कि सूबे के मुख्यमंत्री के रूप में गरीबों के हित एवं राज्य के विकास हेतु तत्पर हैं। आज हुये कृषि विभाग के कार्यक्रम की चर्चा करते हुये उन्होंने कहा कि कृषि कार्य में राज्य के अस्सी प्रतिशत से ज्यादा लोग लगे हुये हैं। कृषि से ही राज्य के आय में ज्यादा हिस्सा आता है लेकिन किसान गरीब हैं, उनकी परिस्थिति पर विचार कर पाॅच एकड़ जमीन तक के किसानों को कृषि कार्य के लिये मुफ्त बिजली सरकार उपलब्ध करायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि असंबद्ध शिक्षक-शिक्षकेतर कर्मियों के हालात एवं उनके समस्या से हम अवगत हैं। बिहार राज्य गैर सरकारी माध्यमिक विद्यालय, अधिग्रहण, प्रबंधन एवं नियंत्रण संशोधन अधिनियम 1993 के क्लाॅउज 3 के उप धारा 3 के कारण सरकार किसी भी विद्यालय का अधिग्रहण नहीं कर सकती, उसके कारण यह समस्या आयी है। आज इस 14वें स्थापना दिवस अधिवेशन में उपरोक्त अधिनियम के उक्त धारा के कारण जिसने हमें बाध्य किया था कि हम अधिग्रहण नहीं करेंगे, उस धारा को ही हम हटा दे रहे हैं और आपलोगों के विद्यालय को अधिग्रहण करेंगे और निश्चित रूप से अंगीभूत करेंगे, जिसकी घोषणा हम आज के दिन कर रहे हैं। इसके पीछे यह अवधारणा है कि हर पंचायतों में प्लस टू विद्यालय खोलने का हमने संकल्प लिया है। हजारो विद्यालय खोले गये हैं। उसको संबद्धता दे रहे हैं। कभी-कभी भूमि और भवन के कारण समस्या हो रही है। आप जिस भी विद्यालय से जुड़े हैं, वहाॅ भवन और भूमि है। यदि आप भूमि देना चाहते हैं तो आपके विद्यालय का सरकारीकरण क्यों नहीं होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 282 करोड़ रूपये हम अनुदान के रूप में देते हैं। यदि हम नियोजित शिक्षक के रूप में वेतनमान देंगे तो राशि की आवश्यकता होगी। सौ करोड़ रूपये भी इस मद में देना पड़े तो भी वेतनमान देंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिना गुणवतापूर्ण शिक्षा का अच्छा समाज नहीं बन सकता और इसके लिये हम आपसे अपेक्षा रखते हैं कि जिस प्रकार आज हमने आपको सम्मान देने का काम किया है, उसी प्रकार आपको भी हमें सम्मानित करना होगा। कल से दिखने लग जाय कि बिहार में बच्चों को किस प्रकार से पढ़ाना है, पढ़ाई का माहौल बनायें, यही मेरा सम्मान होगा। उन्होंने कहा कि आपको सम्मानित करने का निर्णय लिया गया है तो आप भी गरीब, दलित परिवार के बच्चों को गुणवतापूर्ण शिक्षा देकर सम्मानित करने का काम करें। निजी स्कूलों से बेहतर एवं गुणवतापूर्ण शिक्षा देने का कार्य करें ताकि यहाॅ पढ़ने वाले बच्चे आगे निकलें।
इस अवसर पर लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री श्री महाचन्द्र प्रसाद सिंह ने कहा कि वित रहित शिक्षा नीति 24 वर्ष पूर्व आरंभ हुआ था, जो राज्य का काला धब्बा के रूप में था। इस पर लगातार दवाब बनाकर वित रहित शिक्षा नीति को समाप्त किया गया और नई नीति लायी गयी। राज्य में शिक्षकों की बहुत कमी थी। नियोजित शिक्षक के रूप में एक नई योजना शुरू की गयी थी। आपकी माॅगों के प्रति सरकार संवेदनशील है। आपके द्वारा नियोजित शिक्षक के दर्जा की माॅग पर राज्य सरकार विचार कर रही है।
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री श्री वृशिण पटेल ने कहा कि महासंघ के द्वारा जितना संघर्ष एवं जद्दोजहद किया गया है, वे स्मरण हैं। वित रहित शिक्षक हों या नियोजित शिक्षक, जब तक उन्हें सम्मान नहीं मिलेगा, इनके मन में सुरक्षा की भावना नहीं होगी और इनके परिवार का भविष्य सुरक्षित नहीं होगा, तब तक बिहार में शिक्षा की उन्नति संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि सही समय पर अनुदान, नियोजित शिक्षा आदि तीन मुख्य माॅगों के प्रस्ताव से सरकार अवगत है। उन्होंने मुख्यमंत्री को कर्ण की संज्ञा देते हुये कहा कि वे माॅगने वाले को कभी निराश नहीं करते। उन्होंने कहा कि इस मुल्क या इस सूबे बिहार का कोई मुकद्दर बदल सकता है तो वह शिक्षक ही बदल सकता है, दूसरे किसी के बूते में यह बात नहीं है। शिक्षकों को प्रतिष्ठा व विश्वास मिले।
बिहार प्रदेश माध्यमिक शिक्षक-शिक्षकेतर कर्मचारी महासंघ के 14वें वार्षिक स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर मुख्यमंत्री को फूलों का बड़ा माला, प्रतीक चिह्न, शाल एवं पुष्प-गुच्छ भेंटकर सम्मानित किया गया। सभा की अध्यक्षता लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री श्री महाचन्द्र प्रसाद सिंह ने किया। स्वागत भाषण महासंघ के प्रांतीय संयोजक श्री राजकिशोर प्रसाद साधु ने किया। इस अवसर पर प्रधान सचिव शिक्षा श्री आर0के0 महाजन, श्री उपेन्द्र सिंह, शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष श्री रामनरेश पाण्डेय, श्री अरूण कुमार, श्री विद्याभूषण पाण्डेय, श्रीमती मीना सिन्हा, श्री मनोरंजन प्रसाद सिंह, श्री विकास कुमार पप्पू, श्री राघवेन्द्र तिवारी, श्री अरविन्द कुमार, श्री कमला प्रसाद, मोहम्मद अनवर, श्री रमेन्द्र प्रसाद, श्री साधु शरण सहित बड़ी संख्या में शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मी तथा अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।


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