Monday, 23 February 2015

स्वाइन फ्लू की रोकथाम के लिये स्वाइन फ्लू के लक्षण, उपचार, रोग से बचने के उपायों का व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाय:- मुख्यमंत्री

पटना, 23 फरवरी 2015:- स्वाइन फ्लू की रोकथाम के लिये स्वाइन फ्लू के लक्षण, उपचार, इस मर्ज से बचने के उपाय का व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाय। बिहार सरकार द्वारा इस मर्ज की रोकथाम के लिये सरकार द्वारा की गयी इंतजामों की जानकारी भी आमजनों को अखबार, रेडियो, टीवी, पोस्टर इत्यादि के माध्यम से उपलब्ध करायी जाय ताकि अधिक से अधिक लोगों को इस मर्ज के बारे में जानकारी हो सके और स्वाइन फ्लू जैसी बीमारियों को राज्य में फैलने से रोका जा सके। यह आदेश आज मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ राज्य में स्वाइन फ्लू के रोकथाम के लिये किये गये इंतजामातों की उच्चस्तरीय समीक्षा करते हुये दी।
प्रधान सचिव स्वास्थ्य श्री ब्रजेश मेहरोत्रा ने मुख्यमंत्री को बताया कि स्वाइन फ्लू का प्रकोप राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, दिल्ली, मध्यप्रदेश, तेलंगाना, उतर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, आॅध्रप्रदेश आदि राज्यों में पाया गया है, यद्यपी बिहार में अभी तक स्वाइन फ्लू का एक भी मरीज नहीं पाया गया है, फिर भी एहतियात के तौर पर स्वास्थ्य विभाग ने इस मर्ज से बचाव के लिये समुचित जानकारी एवं इलाज की व्यवस्था की है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि राज्य के सभी रेलवे स्टेशनों पर स्वाइन फ्लू की रोकथाम के लिये प्रचार-प्रसार किये जायें तथा वहाॅ पर कैम्प लगाकर उन राज्यों से आने वाले यात्रियों, जहाॅ पर स्वाइन फ्लू के संक्रमित मरीज पाये गये हैं, कि स्क्रीनिंग करायी जाय। यदि किसी यात्री में स्वाइन फ्लू के लक्षण पाये जायें तो उनके समुचित इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाय। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि दरभंगा, बरौनी, हाजीपुर, कटिहार, गया एवं सहरसा रेलवे स्टेशनों पर विशेष रूप से स्वाइन फ्लू के लिये सर्तकता अभियान चलाया जाय।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि कल से राजेन्द्र मेडिकल रिसर्च इन्स्टीच्यूट अगमकुआॅ में राज्य के आठ मेडिकल काॅलेज एवं सभी जिलों के दो-दो चिकित्सकों को बुलाकर उनका वर्कशाॅप कराया जाय और उन्हें स्टैण्डर्ड आॅपरेटिव प्रोसिज्योर (एस0ओ0पी0) की जानकारी दी जाय। सभी जिलों के चिकित्सकों एवं पारा मेडिकल स्टाफ को विडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विशेष टेªनिंग दी जाय और उन्हें सेंसिटाइज किया जाय।
मुख्यमंत्री ने स्वाइन फ्लू के इलाज के लिये दवाओं कि उपलब्धता की भी जानकारी ली और निर्देश दिया कि राज्य के सभी अस्पतालों में स्वाइन फ्लू की इलाज के लिये पर्याप्त मात्रा में दवा की उपलब्धता सुनिश्चित करायी जाय। यदि किसी क्षेत्र में कोई संदेहात्मक स्थिति का मरीज पाया जाय और ऐसा प्रतीत हो कि वह स्वाइन फ्लू से ग्रस्त है तो उस व्यक्ति का उपचार अस्पतालों में भेजकर कराया जाय और उस क्षेत्र में टीकाकरण का विशेष अभियान चलाया जाय ताकि यह मर्ज फैलने न पाये।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि पटना एवं अन्य शहरी क्षेत्र के वैसे जगह जहाॅ पर शुअरों का निवास होता है, वहाॅ पर साफ-सफाई की व्यापक व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाय। होली के समय बड़ी संख्या में राज्य निवासी जो दूसरे प्रदेशों में रोजगार या पढ़ाई के लिये जाते हैं, वे अपने घर आया करते हैं इसलिये सुनिश्चित किया जाय कि स्वाइन फ्लू की रोकथाम के लिये सभी आवश्यक व्यवस्था ससमय (होली के पूर्व) पूरी कर ली जाय ताकि इस बीमारी का राज्यवासियों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ने पाये।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि स्वाइन फ्लू के इलाज के लिये राज्य के सभी जिला अस्पतालों में पाॅच-पाॅच बेड का एक आइसोलेशन वार्ड स्थापित किया जाय। संक्रामक रोग अस्पताल में चालीस बेड, पी0एम0सी0एच0 एवं नालंदा मेडिकल काॅलेज में तीस-तीस बेड का आइसोलेशन वार्ड स्थापित किया जाय। शेष मेडिकल काॅलेजों में दस-दस मरीजों के इलाज के लिये आइसोलेशन वार्ड बनाया जाय। सभी चिकित्सा महाविद्यालयों एवं जिलों में स्वाइन फ्लू के संक्रमण की रोकथाम के लिये पी0पी0ई0 (पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्यूपमेंट्स) कीट, ट्रिपल लेयर मास्क एवं एन0-95 मास्क उपलब्ध कराया जाय।
बैठक में वित मंत्री श्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव, स्वास्थ्य मंत्री श्री रामधनी सिंह, मुख्य सचिव श्री अंजनी कुमार सिंह, प्रधान सचिव स्वास्थ्य श्री ब्रजेश मेहरोत्रा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री अमृत लाल मीणा, सचिव स्वास्थ्य श्री आनंद किशोर, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अतीश चन्द्रा, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह सहित अन्य वरीय चिकित्सकों ने भाग लिया।


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