पटना, 19 फरवरी 2015:- सूचना प्रावैधिकी का व्यापक उपयोग गरीबों के हित में तथा गरीबी उन्मूलन की दिशा में किया जाना चाहिये। हम गरीबों के लिए क्या कर रहे हैं, उसकी जानकारी गरीबों को पहुॅचे। इस टेक्नाॅलोजी का योगदान गरीबों के विकास में क्या हो सकता है, इसपर व्यापक सोच किया जाना चाहिये। हर क्षेत्र में विकास हो रहा है। दुनिया में सूचना प्रावैधिकी का विकास भी काफी तेजी से हुआ है। बिहार भी इस क्षेत्र में पीछे नहीं रहा है। बिहार में भी सूचना प्रावैधिकी के क्षेत्र में अनेकों उपलब्धियाॅ प्राप्त की गई हैं। निरंतर हम इस टेक्नाॅलोजी के माध्यम से ई-गर्वनेंट की ओर आगे बढ़ रहे हैं। आज सुबह मुख्यमंत्री श्री जीतन राम माँझी स्थानीय होटल मौर्या में सूचना एवं प्रावैधिकी विभाग एवं ई0 लेट्स के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित दूसरे ई-बिहार के वार्षिक समारोह का उद्घाटन कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम 21वीं शताब्दी में चल रहे है। मगर आज भी समाज में बहुत सारे लोग ऐसे हैं, जिनको अपने जीवन का उद्देश्य मात्र कमायें, खायें और जीवन लीला को समाप्त करने से अधिक की नहीं है। हमारे जन्म लेने का और इस धरती पर आने का उद्देश्य बहुउद्देशीय है। हमारा मुख्य उद्देश्य यह है कि कैसे हम लोगों की मदद करें। विशेष कर उन लोगों की मदद करें, जो मदद पाने से महरूम रहे हैं। उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति बद से बदत्तर बनी हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सूचना प्रावैधिकी विभाग को भी इस उद्देश्य की प्राप्ती के लिए अपनी भूमिका को बढ़ानी होगी। हर सरकार का बजट बढ़ रहा है। प्रति व्यक्ति आमदनी बढ़ रही है और विकास के क्षेत्र में हम निरंतर आगे बढ़ रहे हैं। ऐसे समय में हमें वहाॅ जाने की जरूरत है, जहाॅ कोई नहीं जा पाता है। जहाॅ पर गंदगी एवं अशिक्षा का माहौल है। जरूरत है कि हम वैसे लोगों के बीच जाए और उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास करें। सरकार की लाभकारी योजनाओं से उन्हें लाभांवित करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीब बच्चों के लिए मध्यान भोजन कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं, लेकिन हम देखते हैं कि जहाॅ पर 200 छात्र-छात्राओं का नामंकन है, मगर इस योजना का लाभ 50-60 बच्चें ही ले पाते हैं। विज्ञान एवं प्रावैधिकी टेक्नाॅलोजी के माध्यम से इस तरह की योजनाओं को कारगर एवं लक्ष्य समूह के लिए उपयोगी बनाने के लिए क्या कुछ किया जा सकता है, वह किया जाये ताकि ऐसी प्रवृतियों को रोका जा सके। हर प्रखण्ड में सार्वजनिक स्थानों पर सी0सी0टी0वी0 लागयें जायेंगे, जिससे यह देखा जायेगा कि पदाधिकारी एवं कर्मचारी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह किस तरह से कर रहे है। उनका व्यवहार आमजनों के साथ कैसा है। इस टेक्नाॅलोजी का व्यापक उपयोग समाज सुधार एवं कर्तव्यबोध कराने के लिए किया जाये। ताकि ई-गर्वनमेंट के रूप में हम राज्य को प्रतिस्थापित कर सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह की गरीबी उन्होंने देखी है, वह आज भी उनके दिमाग में है। मुख्यमंत्री बन जाने के बाद भी वे गरीबी को नहीं भूले है और गरीबों के लिए कुछ करने का जज्बा रखते है। उन्होंने कहा कि जब वे गरीबों को अंधविश्वास, सामाजिक कुरितियों से दूर रहकर शिक्षित होने और सामाजिक परिवेश में बदलाव की बात करते थे तो बिचैलियें उन्हें बहकाकर उनके बीच गलत भावनाओं को प्रचारित किया करते थे और कहत थे कि अमीर और गरीब भगवान ने पैदा किया है। ऐसे तत्वों के बहकावे में न आयें जीवन में खुशहाली लाने और सामाजिक परिवेश में बदलाव लाने के लिए निरंतर प्रयास किया जाना जरूरी है। मानव कल्याण में लगें। उन्होंने कहा कि ऐसा भी देखने को मिलता है कि बिचैलिये बी0पी0एल0 की आहर्ता रखने वाले पात्र परिवार के नाम को बी0पी0एल0 सूची से हटवा देते है और अमीरों का नाम जोड़वा देते हैं। उन्होंने कहा कि गरीबों की एक-एक समस्या का निदान सूचना प्रावैधिकी के माध्यम से कराए जायें। हम से गरीबों को बचाने का एक स्रोत आप हो सकते हैं।
समारोह की अध्यक्षता सूचना प्रावैधकी मंत्री श्री शाहिद अली खाॅ ने किया। इस अवसर पर प्रधान सचिव सूचना प्रावैधिकी श्री त्रिपुरारी शरण, कार्यपालक निदेशक सी-डी0ए0सी0 श्री हेमंत दरबारी एवं निदेशक प्रमुख साॅफ्टवेयर टेक्नाॅलोजी पार्क आॅफ इंडिया श्री ओंकार राय ने भी अपने विचारों को रखा और सूचना प्रावैधकी के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ई-बिहार के अस्मारिका का लोकार्पण भी किया। आयोजकों को द्वारा मुख्यमंत्री एवं विशिष्ट अतिथियों को प्रतीक चिन्ह एवं अंग वस्त्र भेंट कर सम्मानित किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम 21वीं शताब्दी में चल रहे है। मगर आज भी समाज में बहुत सारे लोग ऐसे हैं, जिनको अपने जीवन का उद्देश्य मात्र कमायें, खायें और जीवन लीला को समाप्त करने से अधिक की नहीं है। हमारे जन्म लेने का और इस धरती पर आने का उद्देश्य बहुउद्देशीय है। हमारा मुख्य उद्देश्य यह है कि कैसे हम लोगों की मदद करें। विशेष कर उन लोगों की मदद करें, जो मदद पाने से महरूम रहे हैं। उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति बद से बदत्तर बनी हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सूचना प्रावैधिकी विभाग को भी इस उद्देश्य की प्राप्ती के लिए अपनी भूमिका को बढ़ानी होगी। हर सरकार का बजट बढ़ रहा है। प्रति व्यक्ति आमदनी बढ़ रही है और विकास के क्षेत्र में हम निरंतर आगे बढ़ रहे हैं। ऐसे समय में हमें वहाॅ जाने की जरूरत है, जहाॅ कोई नहीं जा पाता है। जहाॅ पर गंदगी एवं अशिक्षा का माहौल है। जरूरत है कि हम वैसे लोगों के बीच जाए और उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास करें। सरकार की लाभकारी योजनाओं से उन्हें लाभांवित करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीब बच्चों के लिए मध्यान भोजन कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं, लेकिन हम देखते हैं कि जहाॅ पर 200 छात्र-छात्राओं का नामंकन है, मगर इस योजना का लाभ 50-60 बच्चें ही ले पाते हैं। विज्ञान एवं प्रावैधिकी टेक्नाॅलोजी के माध्यम से इस तरह की योजनाओं को कारगर एवं लक्ष्य समूह के लिए उपयोगी बनाने के लिए क्या कुछ किया जा सकता है, वह किया जाये ताकि ऐसी प्रवृतियों को रोका जा सके। हर प्रखण्ड में सार्वजनिक स्थानों पर सी0सी0टी0वी0 लागयें जायेंगे, जिससे यह देखा जायेगा कि पदाधिकारी एवं कर्मचारी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह किस तरह से कर रहे है। उनका व्यवहार आमजनों के साथ कैसा है। इस टेक्नाॅलोजी का व्यापक उपयोग समाज सुधार एवं कर्तव्यबोध कराने के लिए किया जाये। ताकि ई-गर्वनमेंट के रूप में हम राज्य को प्रतिस्थापित कर सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह की गरीबी उन्होंने देखी है, वह आज भी उनके दिमाग में है। मुख्यमंत्री बन जाने के बाद भी वे गरीबी को नहीं भूले है और गरीबों के लिए कुछ करने का जज्बा रखते है। उन्होंने कहा कि जब वे गरीबों को अंधविश्वास, सामाजिक कुरितियों से दूर रहकर शिक्षित होने और सामाजिक परिवेश में बदलाव की बात करते थे तो बिचैलियें उन्हें बहकाकर उनके बीच गलत भावनाओं को प्रचारित किया करते थे और कहत थे कि अमीर और गरीब भगवान ने पैदा किया है। ऐसे तत्वों के बहकावे में न आयें जीवन में खुशहाली लाने और सामाजिक परिवेश में बदलाव लाने के लिए निरंतर प्रयास किया जाना जरूरी है। मानव कल्याण में लगें। उन्होंने कहा कि ऐसा भी देखने को मिलता है कि बिचैलिये बी0पी0एल0 की आहर्ता रखने वाले पात्र परिवार के नाम को बी0पी0एल0 सूची से हटवा देते है और अमीरों का नाम जोड़वा देते हैं। उन्होंने कहा कि गरीबों की एक-एक समस्या का निदान सूचना प्रावैधिकी के माध्यम से कराए जायें। हम से गरीबों को बचाने का एक स्रोत आप हो सकते हैं।
समारोह की अध्यक्षता सूचना प्रावैधकी मंत्री श्री शाहिद अली खाॅ ने किया। इस अवसर पर प्रधान सचिव सूचना प्रावैधिकी श्री त्रिपुरारी शरण, कार्यपालक निदेशक सी-डी0ए0सी0 श्री हेमंत दरबारी एवं निदेशक प्रमुख साॅफ्टवेयर टेक्नाॅलोजी पार्क आॅफ इंडिया श्री ओंकार राय ने भी अपने विचारों को रखा और सूचना प्रावैधकी के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ई-बिहार के अस्मारिका का लोकार्पण भी किया। आयोजकों को द्वारा मुख्यमंत्री एवं विशिष्ट अतिथियों को प्रतीक चिन्ह एवं अंग वस्त्र भेंट कर सम्मानित किया गया।
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