Tuesday, 24 February 2015

भूमि अधिग्रहण अध्यादेश काला कानून है, इसका सख्त विरोध होना चाहिये:- मुख्यमंत्री

पटना, 24 फरवरी 2015:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज मुख्य सचिवालय में पत्रकारों से वार्ता करते हुये भूमि अधिग्रहण अध्यादेश से जुड़े एक प्रश्न के उतर में कहा कि भूमि अधिग्रहण अध्यादेश काला कानून है, इसका सख्त विरोध होना चाहिये। यह किसानों, गरीबों, गाॅव में रहने वालों के हित के खिलाफ है। 2013 में बने कानून में उनको भी कम्पनशेसन देना है, जो जमीन पर काम करते थे। यह अध्यादेश चंद कुछ अमीरों के लिये बना है। यह कानून कुछ काॅरपोरेट घरानों को फायदा पहुॅचाने के लिये बना है। हमलोग इसके सख्त विरोधी हैं। पार्टी के प्रमुख साथियों को इस अध्यादेश से गरीबों और किसानों को होने वाले नुकसान के बारे में बताया है, उन्हें प्रशिक्षित भी किया गया है। पार्टी की ओर से भी विरोध किया गया है। अन्ना हजारे जो इस सवाल को लेकर बैठे हैं, उनको हमलोगों का समर्थन है। बिहार जैसे राज्य में इस तरह के अध्यादेश को मानने के लिये तत्पर नहीं होंगे। विकास एकांगी नही होनी चाहिये, कुछ लोगों के लिये विकास नहीं होनी चाहिये। विकास समावेशी होनी चाहिये, न्याय के साथ होना चाहिये। हम सब लोग अपने-अपने ढ़ंग से इस अध्यादेश का विरोध करें।
मदर टेरेसा से जुड़े संघ प्रमुख श्री मोहन भागवत के बयान पर पत्रकारों के एक प्रश्न के उतर में मुख्यमंत्री ने कहा कि यह विचित्र मानसिकता है। मदर टेरेसा ने भारत आकर सेवा की, उसी सेवा के लिये उन्हें सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित किया गया और सम्मान मिला। मैं समझता हूॅ कि सामाजिक क्षेत्र में जो अच्छा काम करते हैं, उनकी प्रशंसा होनी चाहिये। धार्मिक आधार पर विश्लेषण नहीं होनी चािहये।


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