Monday, 2 February 2015

जल संसाधन प्रबंधन हेतु केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री के साथ हुई सार्थक बैठक:- मुख्यमंत्री

पटना, 02 फरवरी 2015:- आज जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री जीतन राम माॅझी ने जनता दरबार की समाप्ति के बाद पत्रकारों से वार्ता करते हुये कहा कि आज केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री सुश्री उमा भारती के साथ हुयी बैठक में विभिन्न मुद्दों को उठाया गया, जिसमें बाढ़ एवं सुखाड़ की समस्या प्रमुख थी क्योंकि बिहार बाढ़ एवं सुखाड़ दोनों से संत्रस्त है तथा दोनों समस्या विकराल है। जहाॅ उतरी बिहार बाढ़ से तो दक्षिणी बिहार सुखाड़ से प्रभावित है। उतरी बिहार में बाढ़ नेपाल स्थित नदियों से आती है। भारत सरकार द्वारा नेपाल को क्षतिपूर्ति दी जाती है लेकिन वही नदी जब बिहार में प्रवेश के पश्चात बाढ़ लाती है तो बिहार को कोई क्षतिपूर्ति उपलब्ध नहीं करायी जाती है। समान त्रासदी के लिये जैसे नेपाल को सहायता दी जाती है, उसी प्रकार हमें भी सहायता प्राप्त होनी चाहिये। मुख्यमंत्री ने जानकारी देते हुये कहा कि केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और जल मंथन के माध्यम से आगामी पन्द्रह से बीस दिन में कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री सुश्री उमा भारती के समक्ष प्रस्ताव रखा है कि नेपाल की नदियों से बाढ़ आती है जो बिहार को अत्यधिक प्रभावित करती है। यदि डैम को अधिक ऊॅचा कर दिया जाय तो पानी ज्यादा रूकेगा और बिजली का भी ज्यादा उत्पादन होगा, जिससे उन्हें भी लाभ होगा और हमें भी लाभ होगा और हम बाढ़ से निजात पायेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सिंचाई एवं इनसे संबंधित योजनाओं में स्वीकृति देने में कई- कई चैनल होते हैं, प्रक्रिया जटिल होती है और कोई भी काम में ज्यादा दिन लग जाता है। उन्होंने कहा कि यह तय हुआ है कि अधिक चैनलों की आवश्यकता नहीं है। एक चैनल बिहार में तो दूसरा केन्द्र में होगा और इसके माध्यम से योजनाओं की स्वीकृति के संबंध में पन्द्रह दिनों के अंदर त्वरित निर्णय लिये जायेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार पर आरोप लगता है कि राशि खर्च नहीं होती है। हमने स्थिति स्पष्ट करते हुये केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री से कहा कि बिहार में बाढ़ देर से आती है, इसके कारण जल प्लावन से संबंधित कोई भी प्रोजेक्ट नवम्बर के अंत या दिसम्बर से तैयार होना आरंभ होता है और बनते-बनते जनवरी माह हो जाती है। राशि की माॅग करने एवं राशि प्राप्त होने में मार्च माह के कारण राशि लैप्स होती है, जिसके कारण राशि व्यय नहीं हो पाता है। यदि मार्च महीने का बैरियर हटा दिया जाय तो योजनाओं की राशि व्यय करने में आसानी होगी। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री ने इसे न्यायोचित माॅग कहा और मार्च माह के बैरियर को हटाने पर सहमति व्यक्त की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जितने भी सिंचाई संबंधी प्रोजेक्ट हैं, में पहले नब्बे प्रतिशत केन्द्र एवं दस प्रतिशत राज्य का अनुपात था। पिछले कुछ वर्षों में यह अनुपात पचास-पचास प्रतिशत हो गया, जिससे हमारी वितीय स्थिति प्रभावित होती है। उन्होंने कहा कि उड़ीसा के बाद सबसे गरीब राज्य होने एवं सबसे अधिक प्रभावित होने के कारण केन्द्रांश एवं राज्यांश को 75: 25 के अनुसार किये जाने की आवश्यकता है। केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री ने इस मुद्दे पर विचार किये जाने का आश्वासन दिया है। केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री ने आगामी पन्द्रह दिनों के अंदर राज्य के जल संसाधन मंत्री को दिल्ली आने एवं उनके साथ सभी संबंधित पदाधिकारियों के साथ बैठक बुलाकर उपर्युक्त सभी मामले को विचार कर समाधान की दिशा में कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।
केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री सुश्री उमा भारती द्वारा मुख्यमंत्री श्री जीतन राम माॅझी को गरीबों का मसीहा बताये जाने के पत्रकारों के प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरी इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं है। हाल ही में हुये स्थानांतरण के प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानांतरण विशुद्ध प्रशासनिक आधार पर प्रक्रिया के तहत किये गये हैं।
आज के जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में लगभग 850 लोगों ने निबंधन, उत्पाद एवं मद्य निषेध, पुलिस, राजस्व एवं भूमि सुधार, कारा, गृह एवं सामान्य प्रषासन से जुड़ी अपनी षिकायतों का निबंधन कराया। मुख्यमंत्री ने बारी-बारी से सभी लोगों की बातों को सुना और इसके निदान के लिये अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई किये जाने का निर्देष दिया।
इस अवसर पर राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री श्री नरेन्द्र नारायण यादव, निबंधन, उत्पाद एवं मद्य निषेध मंत्री श्री अवधेष प्रसाद कुषवाहा, पुलिस महानिदेशक श्री पी0के0 ठाकुर, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री अमृत लाल मीणा सहित संबंधित विभागों के प्रधान सचिव/ सचिव एवं अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे।


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