Friday, 27 February 2015

पुलिस की प्रतिबद्धता उनको दिये गये कामों के प्रति होती है: वे अपनी चिन्ता छोड़कर अपने कर्तव्यों का निर्बाह करते हैं:- मुख्यमंत्री

पटना, 27 फरवरी 2015:- पुलिस की प्रतिबद्धता उनको दिये गये कामों के प्रति होती है, वे अपनी चिन्ता छोड़कर अपने कर्तव्यों का निर्बाह करते है। हम उनकी समस्याओं को समझते हैं, उनकी समस्याओं का निदान करना मेरा काम है। आज शाम मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार बी0एम0पी0-5 के मैदान में बिहार पुलिस दिवस के अवसर पर संयुक्त पुलिस टुकडि़यों का निरीक्षण एवं सलामी लिये जाने के बाद समारोह को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार पुलिस दिवस के अवसर पर उपस्थित होकर उन्हें खुशी हो रही है। पहले पुलिस दिवस का आयोजन नहीं होता था। यदा-कदा पुलिस के कार्यक्रम होते थे। किसी खास दिवस पर कार्यक्रम नहीं होते थे। पुलिस सप्ताह का आयोजन मेरे परामर्श पर प्रारंभ हुआ। पुलिस सप्ताह का आयोजन होना चाहिये, इसका समापन पुलिस दिवस पर होना चाहिये, इससे पुलिस में अनुशासन आती है और उनका गौरव बढ़ता है। इस तरह के आयोजन के लिये अतिरिक्त धन की जरूरत होगी तो उसे पूरा किया जायेगा। पुलिस सप्ताह के अन्तर्गत विभिन्न तरह के प्रतियोगिताओं एवं कार्यक्रमों का आयोजन कर पुलिस के जवानों की प्रतिभा की खोज होनी चाहिये और उन्हें सम्मानित एवं पुरस्कृत किया जाना चाहिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि परिस्थिति कुछ भी रहे, निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार पुलिस सप्ताह का आयोजन आगे से होते रहना चाहिये।
मुख्यमंत्री ने पुलिस बल की प्रशंसा करते हुये कहा कि पुलिस को जो काम दिये जाते हैं, वे अपनी चिन्ताओं को छोड़कर मौसम की परवाह किये बिना अपने कर्तव्यों का निर्बाह करते हैं। 2005 के नवम्बर में जब मैंने मुख्यमंत्री के रूप में कार्य प्रारंभ किया था तो उस समय पुलिस बल की काफी कमी थी। अपराध पर काबू पाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता थी। पूरे बिहार में घूम-घूमकर हमने लोगों से कहा था कि कानून का राज राज्य में स्थापित करेंगे। आपका सहयोग मिला और राज्य में कानून का राज स्थापित हुआ। बिहार में कानून व्यवस्था की स्थिति सुधरी, लोगों के मन से डर निकला। बिहार के हालत ठीक हो गये तो बिहार की चर्चा खुलकर देश-विदेश में हुयी। आपने जो स्थान बना लिया है, अब आपकी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है कि आपने जो ऊॅचाई प्राप्त कर ली है, उसमें किसी तरह की गिरावट नहीं आने दें, दिन-व-दिन इसमें सुधार आनी चाहिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल में जब मैंने मुख्यमंत्री का कार्यभार संभालने के 48 घंटे के अंदर राज्य में विधि-व्यवस्था की समीक्षा की। होली का त्योहार बस आने को ही है। असामाजिक तत्व समाज में बने प्रेम, सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश करेंगे। हमारी पूरी अपेक्षा है कि पुलिस अधिकारी पूरे मनोयोग से काम करेंगे। राज्य में विधि-व्यवस्था बनाये रखने में कामयाब होंगे। समाज में सद्भाव एवं समरसता बनी रहेगी। नागरिकों का सहयोग पुलिस अधिकारी लें। पुलिस पदाधिकारी लोगों के साथ ठीक संबंध रखने की कोशिश करेंगे तो काम सरल हो जायेगा। आप लोगों की सुरक्षा के लिये हैं, ऐसा न हो कि आपके पास आने में लोग स्वयं असुरक्षित महसूस करने लगें। समस्याओं को नियंत्रित करने में नागरिकों का सहयोग लेने से मदद मिलती है। लोगों को आपसे डर नहीं लगना चाहिये, आपसे तो अपराधियों को डरना चाहिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब उन्होंने 2005 में राज्य की बागडोर संभाली तो यह जानना चाहा कि पुलिस बल की औसत आयु क्या है तो मालूम हुआ कि 38 वर्ष। इसका कारण पुलिस बल में नियुक्तियों का न होना था। अब पारदर्शी तरीके से मेरीट के आधार पर नियुक्तियाॅ होने लगी है। नियुक्तियों को भरने में किसी प्रकार की बाधा नहीं आने दें, पुलिस बल स्वीकृत किये गये हैं। पुलिस बल का प्रशिक्षण होना चाहिये। राज्य के बंटवारे के बाद पुलिस प्रशिक्षण केन्द्र झारखण्ड में चले गये हैं। प्रशिक्षण केन्द्र की कमी थी, इसके लिये ढ़ाॅचे का भी विकास करना पड़ा। यह काम सुचारू रूप से होना चाहिये। प्रशिक्षण का एक विषय नागरिकों के साथ उचित व्यवहार होना चाहिये। राजगीर में पुलिस अकादमी बन रही है, उसका काम पूरा होना चाहिये। मेरी इच्छा है कि बिहार का पुलिस अकादमी देश का सर्वश्रेष्ठ पुलिस अकादमी कहलाये। दूसरे राज्य के लोग इसे देखने आयें। पुलिस आधुनिकीकरण पर जोर है। पुलिस के लिये वाहन होने चाहिये। एक जमाना वह भी था, जब थाने में गाड़ी नहीं थी। जहाॅ पर गाड़ी थी, वह ठेलकर ही चलती थी। अत्यधिक आवाज करती थी, जिस कारण अपराधी समझ जाते थे कि पुलिस आ रही है। अब स्थिति हॅसने लायक नहीं है। सभी संसाधन पुलिस को मुहैया कराया जा रहा है। कर्तव्य के निर्वहन में भी मुस्तैदी होनी चाहिये। लोगों के मन से डर निकल जाने का जो एहसास कायम हुआ है, उसे कायम रहना चाहिये। मुख्यमंत्री ने पुलिस बल को होली की अग्रिम शुभकामना दी।
स्वागत भाषण पुलिस महानिदेशक श्री पी0के0 ठाकुर ने किया और विगत वर्षों में पुलिस द्वारा प्राप्त की गयी उपलब्धियों की विस्तार से चर्चा की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बिहार पुलिस के विभिन्न बटालियनों की आकर्षक संयुक्त परेड का निरीक्षण किया एवं सलामी ली तथा विशिष्ट सेवा पदक, वीरता पदक प्राप्त पुलिस अधिकारियों को सम्मानित किया तथा उन्हें मेडल एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया। मुख्यमंत्री को पुलिस महानिदेशक श्री पी0के0 ठाकुर ने प्रतीक चिह्न भेंटकर सम्मानित किया।
धन्यवाद ज्ञापन अपर महानिदेशक बी0एम0पी0 श्री ए0के0 उपाध्याय ने किया। मंच संचालन श्री जी0एस0 गंगवार ने किया और इस अवसर पर यह सूचना दिया कि राष्ट्रीय पुलिस चैम्यिनशिप प्रतियोगिता में बिहार पुलिस को एक गोल्ड मेडल की प्राप्ति हुयी है और उसका प्रदर्शन काफी अच्छा चल रहा है।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री अंजनी कुमार सिंह, प्रधान सचिव गृह श्री आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री डी0एस0 गंगवार सहित अन्य वरीय पुलिस अधिकारीगण उपस्थित थे।


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