पटना, 19 फरवरी 2015:- बिहार के गरीबों के तवारीख में अनेक राजनीतिक बातें हो रही है लेकिन गरीबों के इतिहास को जब लिखने का वक्त आयेगा तो आज के दिन का महत्व है। जो भी गरीब हैं, नाम तो सब गरीब का लेते हैं, योजनायें सभी गरीब के लिये बनती है लेकिन सरजमीं पर इन योजनाओं का बहुत कम अंश जा रहा है, जिसके कारण गरीबों की जो तादाद है, बढ़ती जा रही है। अमीरों की तादाद बढ़े या नहीं बढ़े लेकिन उनकी पूॅजी जरूर बढ़ रही है। आज मुख्यमंत्री श्री जीतन राम माॅझी श्रीकृष्ण मेमोरियल हाॅल में गरीब स्वाभिमान सम्मेलन का उद्घाटन दीप प्रज्ज्वलित कर करने के बाद सभा को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुराने समय में लोहिया जी एवं पूर्वजों द्वारा भी यह बात कही गयी है। अस्सी प्रतिशत गरीबों की आबादी है लेकिन अस्सी प्रतिशत आबादी पर पाॅच से दस प्रतिशत लोग राज कर रहे हैं। हम आजादी के 68वें वर्ष में हैं लेकिन आज भी गरीबी एवं गरीब हैं। लोग कहते हैं कि गरीबी भगवान की देन है लेकिन आज समय आ गया है, यह समझने का कि वही वे सीखाते थे, जिनकी मानसिकता हम गरीब तबके के लोगों को अपने पैर तले रख सकें। गरीबी किसी जाति का विषय नहीं है। अमीर का अपना वर्ग है, चाहे वे किसी जाति के हों, उनमें एक प्रवृति विकसित हो जाती है। समाज के गरीबों का शोषण एवं दोहन करके अमीर लोग अरबपति नहीं खरबपति हो रहे हैं। आजादी मिलने के बाद शैक्षणिक विकास के कारण लोग समझने लगे हैं कि गरीबी नियति नहीं है। महात्मा गाॅधी, बाबा साहब डाॅ0 भीमराव अंबेदकर, ज्योतिबा फूले या अन्य लोगों ने इसके लिये प्रयास किया, जिसका समाज पर असर हुआ है लेकिन वह अभी भी कम है। वह मानसिकता अभी भी समाज में है। यदि उसके विरूद्ध बात की जाती है तो उसे दबाने का प्रयास किया जाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लाख संवैधानिक प्रावधान होने के बावजूद भी हम समाज में बंटे हुये हैं। हम एक ही माता-पिता की संतान हैं, जिसके कारण हम एक हैं, जाति बंधन को तोड़ें। उन्होंने कहा कि विपरित परिस्थितियों में हमें काम करने का मौका मिला है। सबके लिये हमने काम किया है। गरीबों को इज्जत, प्रतिष्ठा दी है। तीन डिसमिल जमीन को बढ़ाकर पाॅच डिसमिल एवं राशि वर्तमान बाजार भाव के आधार पर किया गया है। स्वच्छता अभियान के तहत कैबिनेट से निर्णय लिया गया है कि सभी गाॅवों में एक स्वच्छता कर्मी नियुक्त करेंगे और सामुदायिक शौचालय का निर्माण किया जायेगा। गाॅव की सफाई का काम उस गरीब को दिया जायेगा। ऐसे 46 हजार गरीब लोगों की बहाली अपने घरों में होगी, इसके अतिरिक्त गरीबों के हित में अनेक काम किये हैं और कर रहे हैं। चाहे वे टोला सेवक, रसोइया, विकास मित्र, आशा, ममता या चैकीदार हों, सबके लिये विचार किया गया है। शहरों में गरीब लोगों को जहाॅ वे रह रहे हैं, उस जमीन पर परवाना, पर्चा देंगे और उस जमीन पर आवास बनाकर उपलब्ध करायेंगे ताकि उन्हें दिक्कत नहीं हो। छोटे शहरों में भी सफाई मजदूर हैं और इसके लिये आज की कैबिनेट की बैठक में कोशिश करेंगे कि सफाई आयोग के गठन की घोषणा की जाय। तालिमी मरकज, हुनर, कौशल विकास योजना के द्वारा गरीब लोगों को लाभ देंगे। शिक्षा के क्षेत्र में प्रोत्साहन राशि के रूप में मैट्रिक में द्वितीय श्रेणी पास करने वालों को भी आठ हजार रूपये देने का निर्णय लिया गया है। बेटियों को पढ़ने हेतु प्रोत्साहन के रूप में प्लस टू पास करने पर प्रथम श्रेणी के लिये पन्द्रह हजार रूपये एवं द्वितीय श्रेणी के लिये दस हजार रूपये देने का एलान किया है। गरीब तबकों के हित में हमने कई निर्णय लिये हैं। चाहे मदरसा, हज कमिटी, मदरसा बोर्ड एवं जितने भी गरीब से संबंधित मामला हो, सबको लाभ पहुॅचाने का काम किया है।
विधायक श्री राजेश्वर राज, श्री गजेन्द्र माॅझी, श्री रामभजन निषाद, श्री नरेन्द्र कुमार, श्री रामेश्वर रजक, श्री शान्तनु पासवान, श्री ब्रह्मा कुमार, श्री विद्यानंद राम, श्री माधव झा आजाद ने भी सभा को संबोधित किया। आयोजकों द्वारा मुख्यमंत्री को फूलों एवं मखाना का बड़ा माला पहनाकर, पुष्प-गुच्छ एवं शाल प्रदान कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर श्री अमर आजाद, श्री प्रफूल्ल माॅझी, श्री रामचरित्र माॅझी, श्री रामजतन माॅझी, श्री मुकेश माॅझी, श्री रामचरित्र सदा, श्रीमती प्रभावती देवी, श्री अखिलेश राउत सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुराने समय में लोहिया जी एवं पूर्वजों द्वारा भी यह बात कही गयी है। अस्सी प्रतिशत गरीबों की आबादी है लेकिन अस्सी प्रतिशत आबादी पर पाॅच से दस प्रतिशत लोग राज कर रहे हैं। हम आजादी के 68वें वर्ष में हैं लेकिन आज भी गरीबी एवं गरीब हैं। लोग कहते हैं कि गरीबी भगवान की देन है लेकिन आज समय आ गया है, यह समझने का कि वही वे सीखाते थे, जिनकी मानसिकता हम गरीब तबके के लोगों को अपने पैर तले रख सकें। गरीबी किसी जाति का विषय नहीं है। अमीर का अपना वर्ग है, चाहे वे किसी जाति के हों, उनमें एक प्रवृति विकसित हो जाती है। समाज के गरीबों का शोषण एवं दोहन करके अमीर लोग अरबपति नहीं खरबपति हो रहे हैं। आजादी मिलने के बाद शैक्षणिक विकास के कारण लोग समझने लगे हैं कि गरीबी नियति नहीं है। महात्मा गाॅधी, बाबा साहब डाॅ0 भीमराव अंबेदकर, ज्योतिबा फूले या अन्य लोगों ने इसके लिये प्रयास किया, जिसका समाज पर असर हुआ है लेकिन वह अभी भी कम है। वह मानसिकता अभी भी समाज में है। यदि उसके विरूद्ध बात की जाती है तो उसे दबाने का प्रयास किया जाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लाख संवैधानिक प्रावधान होने के बावजूद भी हम समाज में बंटे हुये हैं। हम एक ही माता-पिता की संतान हैं, जिसके कारण हम एक हैं, जाति बंधन को तोड़ें। उन्होंने कहा कि विपरित परिस्थितियों में हमें काम करने का मौका मिला है। सबके लिये हमने काम किया है। गरीबों को इज्जत, प्रतिष्ठा दी है। तीन डिसमिल जमीन को बढ़ाकर पाॅच डिसमिल एवं राशि वर्तमान बाजार भाव के आधार पर किया गया है। स्वच्छता अभियान के तहत कैबिनेट से निर्णय लिया गया है कि सभी गाॅवों में एक स्वच्छता कर्मी नियुक्त करेंगे और सामुदायिक शौचालय का निर्माण किया जायेगा। गाॅव की सफाई का काम उस गरीब को दिया जायेगा। ऐसे 46 हजार गरीब लोगों की बहाली अपने घरों में होगी, इसके अतिरिक्त गरीबों के हित में अनेक काम किये हैं और कर रहे हैं। चाहे वे टोला सेवक, रसोइया, विकास मित्र, आशा, ममता या चैकीदार हों, सबके लिये विचार किया गया है। शहरों में गरीब लोगों को जहाॅ वे रह रहे हैं, उस जमीन पर परवाना, पर्चा देंगे और उस जमीन पर आवास बनाकर उपलब्ध करायेंगे ताकि उन्हें दिक्कत नहीं हो। छोटे शहरों में भी सफाई मजदूर हैं और इसके लिये आज की कैबिनेट की बैठक में कोशिश करेंगे कि सफाई आयोग के गठन की घोषणा की जाय। तालिमी मरकज, हुनर, कौशल विकास योजना के द्वारा गरीब लोगों को लाभ देंगे। शिक्षा के क्षेत्र में प्रोत्साहन राशि के रूप में मैट्रिक में द्वितीय श्रेणी पास करने वालों को भी आठ हजार रूपये देने का निर्णय लिया गया है। बेटियों को पढ़ने हेतु प्रोत्साहन के रूप में प्लस टू पास करने पर प्रथम श्रेणी के लिये पन्द्रह हजार रूपये एवं द्वितीय श्रेणी के लिये दस हजार रूपये देने का एलान किया है। गरीब तबकों के हित में हमने कई निर्णय लिये हैं। चाहे मदरसा, हज कमिटी, मदरसा बोर्ड एवं जितने भी गरीब से संबंधित मामला हो, सबको लाभ पहुॅचाने का काम किया है।
विधायक श्री राजेश्वर राज, श्री गजेन्द्र माॅझी, श्री रामभजन निषाद, श्री नरेन्द्र कुमार, श्री रामेश्वर रजक, श्री शान्तनु पासवान, श्री ब्रह्मा कुमार, श्री विद्यानंद राम, श्री माधव झा आजाद ने भी सभा को संबोधित किया। आयोजकों द्वारा मुख्यमंत्री को फूलों एवं मखाना का बड़ा माला पहनाकर, पुष्प-गुच्छ एवं शाल प्रदान कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर श्री अमर आजाद, श्री प्रफूल्ल माॅझी, श्री रामचरित्र माॅझी, श्री रामजतन माॅझी, श्री मुकेश माॅझी, श्री रामचरित्र सदा, श्रीमती प्रभावती देवी, श्री अखिलेश राउत सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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