पटना, 02 फरवरी 2015:- आज सुबह मुख्यमंत्री श्री जीतन राम माॅझी से उनके आवास 1 अणे मार्ग में केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री सुश्री उमा भारती ने मुलाकात की और राज्य की सिंचाई एवं गंगा में प्रदूषण से संबंधित विभिन्न निस्तार की योजनाओं पर विस्तार से चर्चायें की। इस अवसर पर जल संसाधन मंत्री श्री विजय कुमार चैधरी, सचिव सिंचाई श्री दीपक कुमार सिंह तथा केन्द्रीय जल संसाधन विभाग के कई प्रमुख अधिकारी उपस्थित थे।
मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री एवं केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री ने पत्रकारों के साथ वार्ता की। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार के मंत्री के रूप में सुश्री उमा भारती जी आज यहाॅ आयी हैं, उनका हम बिहार में स्वागत करते हैं। सिंचाई से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से बैठक मेें बातें हुयी हैं। नेपाल एवं मध्य प्रदेश से आने वली नदियों के कारण राज्य में बाढ़ एवं सुखाड़ की स्थिति पर चर्चा की गयी। सारी समस्याओं का निदान आवश्यक है। पन्द्रह दिनों के बाद बिहार के सिंचाई मंत्री जी दिल्ली जायेंगे और वहाॅ पर केन्द्र सरकार के अधिकारियों के साथ बैठक कर बिहार की लंबित सिंचाई योजनाओं के निस्तार की कार्रवाई के लिये केन्द्र का ध्यान आकृष्ट करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उमा भारती जी ने कार्य के प्रति जो भावना दिखाई है, उससे वे संतुष्ट हैं। हमलोगों ने उनके समक्ष अपना पक्ष रखा। उन्होंने हमलोगों से आगे बढ़कर हमारी बातों पर ध्यान दिया और कहा कि ऐसा पहले क्यों नहीं हुआ। उन्होंने सभी बिन्दुओं पर सकारात्मक पहल का आश्वासन दिया है। हम उनकी भावनाओं के लिये उन्हें धन्यवाद देते हैं।
केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री सुश्री उमा भारती ने पत्रकारों से वार्ता करते हुये कहा कि मुख्यमंत्री जी ने जो बातें कही है, उससे वे संतुष्ट हैं। बाढ़ एवं सुखाड़ से निदान के लिये जल मंथन के नाम से बैठक किया था और बहुत सारे संशोधन कर दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि कई योजनाओं का लाभ कई राज्यों को नहीं मिल पाता है, इसके लिये तत्परता से उनका विभाग कार्य कर रहा है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी ने गंगा में गाद के निवारण और प्रदूषण की ओर ध्यान आकृष्ट कराया है। प्रदूषण निवारण के लिये पाॅच सौ करोड़ रूपये बिहार को दिया है और पाॅच सौ करोड़ रूपये दी जायेगी। बिहार वह राज्य है, जिसने गंगा प्रदूषण के लिये सबसे पहले स्टेप्स की तैयारी कर ली है। बिहार बाढ़ से पूरी तरह प्रभावित रहता है। यहाॅ पर लंबे समय तक बाढ़ रहता है। बाकी की योजना का भी निस्तारण कर लेंगे। जरूरत पड़ी तो नीति आयोग में भी चर्चा करेंगे। मुझे यहाॅ आना और मुख्यमंत्री जी के साथ बैठक करना अच्छा लगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी का कहना है कि राजनीति को एक तरफ रखकर साढ़े चार साल तक विकास की बात होनी चाहिये। राज्य को पूरा सहयोग करना चाहिये। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री माॅझी साहब आदर्श उदाहरण हैं, गरीबों के मसीहा हैं। गंगा को प्रदूषण मुक्त करने की सभी पहल में वे पूरा सहयोग करेंगी और राज्य में बाढ़ एवं सुखाड़ की उत्पन्न समस्या का निराकरण करायेंगी।
बाद में मुख्यमंत्री श्री जीतन राम माॅझी एवं केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री सुश्री उमा भारती ने मुख्यमंत्री सचिवालय के संवाद सभाकक्ष में केन्द्रीय एवं राज्य सरकार के वरीय अधिकारियों के साथ बैठक की और कहा कि मुख्यमंत्री जी के साथ बात करने के बाद वे समाधान पर पहुॅची हैं। गुजरात ने जल प्रबंधन कर अपनी समस्याओं पर नियंत्रण पा लिया है। बिहार में जल प्रबंधन की बहुत जरूरत है। जल प्रबंधन कर बाढ़ एवं सुखाड़ की समस्या का हल हो सकता है। उन्होंने कहा कि गंगा प्रदूषण मुक्ति के लिये बहुत अच्छी पहल यहाॅ की गयी है। गंगा के पानी का समुचित उपयोग होना चाहिये। डिसिल्टेशन एवं प्रदूषण का निवारण करेंगे, जिस समस्याओं का समाधान हमारे विभाग से होना है, वह करायी जायेगी। बाकी बातों के लिये नीति आयोग से अनुरोध करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्रीय मंत्री ने बिहार आकर जल समस्या के निदान के लिये हमारी समस्याओं को जाना। जो बातें कह रहे हैं, वह केन्द्र से संबंधित है। मुझे खुशी है कि वे हमारी समस्याओं को समझती हैं और इन्हें मानती हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि नेपाल में हाईडैम बनना चाहिये। केन्द्र सरकार से हमारी जो अपेक्षा है, उसे लिखकर दें। अपना-अपना प्रतिवेदन बनाकर केन्द्र को भेजें। उन्होंने कहा कि आज की बैठक ऐतिहासिक मानी जायेगी। उन्होंने फलगु नदी को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लेने के लिये कहा और कहा कि प्रस्ताव बनाकर दें। केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री ने फलगु नदी की समस्या का निराकरण कराये जाने का आश्वासन बैठक में दिया। बैठक को जल संसाधन मंत्री श्री विजय कुमार चैधरी ने भी संबोधित किया और बिहार की समस्याओं से अवगत कराया। बाद में केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री सुश्री उमा भारती ने राज्य के जल संसाधन मंत्री श्री विजय कुमार चैधरी के साथ पटना नगर के गंगा घाटों पर नगर विकास विभाग द्वारा चलायी जा रही योजनाओं का स्थल निरीक्षण भी किया।
मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री एवं केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री ने पत्रकारों के साथ वार्ता की। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार के मंत्री के रूप में सुश्री उमा भारती जी आज यहाॅ आयी हैं, उनका हम बिहार में स्वागत करते हैं। सिंचाई से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से बैठक मेें बातें हुयी हैं। नेपाल एवं मध्य प्रदेश से आने वली नदियों के कारण राज्य में बाढ़ एवं सुखाड़ की स्थिति पर चर्चा की गयी। सारी समस्याओं का निदान आवश्यक है। पन्द्रह दिनों के बाद बिहार के सिंचाई मंत्री जी दिल्ली जायेंगे और वहाॅ पर केन्द्र सरकार के अधिकारियों के साथ बैठक कर बिहार की लंबित सिंचाई योजनाओं के निस्तार की कार्रवाई के लिये केन्द्र का ध्यान आकृष्ट करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उमा भारती जी ने कार्य के प्रति जो भावना दिखाई है, उससे वे संतुष्ट हैं। हमलोगों ने उनके समक्ष अपना पक्ष रखा। उन्होंने हमलोगों से आगे बढ़कर हमारी बातों पर ध्यान दिया और कहा कि ऐसा पहले क्यों नहीं हुआ। उन्होंने सभी बिन्दुओं पर सकारात्मक पहल का आश्वासन दिया है। हम उनकी भावनाओं के लिये उन्हें धन्यवाद देते हैं।
केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री सुश्री उमा भारती ने पत्रकारों से वार्ता करते हुये कहा कि मुख्यमंत्री जी ने जो बातें कही है, उससे वे संतुष्ट हैं। बाढ़ एवं सुखाड़ से निदान के लिये जल मंथन के नाम से बैठक किया था और बहुत सारे संशोधन कर दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि कई योजनाओं का लाभ कई राज्यों को नहीं मिल पाता है, इसके लिये तत्परता से उनका विभाग कार्य कर रहा है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी ने गंगा में गाद के निवारण और प्रदूषण की ओर ध्यान आकृष्ट कराया है। प्रदूषण निवारण के लिये पाॅच सौ करोड़ रूपये बिहार को दिया है और पाॅच सौ करोड़ रूपये दी जायेगी। बिहार वह राज्य है, जिसने गंगा प्रदूषण के लिये सबसे पहले स्टेप्स की तैयारी कर ली है। बिहार बाढ़ से पूरी तरह प्रभावित रहता है। यहाॅ पर लंबे समय तक बाढ़ रहता है। बाकी की योजना का भी निस्तारण कर लेंगे। जरूरत पड़ी तो नीति आयोग में भी चर्चा करेंगे। मुझे यहाॅ आना और मुख्यमंत्री जी के साथ बैठक करना अच्छा लगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी का कहना है कि राजनीति को एक तरफ रखकर साढ़े चार साल तक विकास की बात होनी चाहिये। राज्य को पूरा सहयोग करना चाहिये। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री माॅझी साहब आदर्श उदाहरण हैं, गरीबों के मसीहा हैं। गंगा को प्रदूषण मुक्त करने की सभी पहल में वे पूरा सहयोग करेंगी और राज्य में बाढ़ एवं सुखाड़ की उत्पन्न समस्या का निराकरण करायेंगी।
बाद में मुख्यमंत्री श्री जीतन राम माॅझी एवं केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री सुश्री उमा भारती ने मुख्यमंत्री सचिवालय के संवाद सभाकक्ष में केन्द्रीय एवं राज्य सरकार के वरीय अधिकारियों के साथ बैठक की और कहा कि मुख्यमंत्री जी के साथ बात करने के बाद वे समाधान पर पहुॅची हैं। गुजरात ने जल प्रबंधन कर अपनी समस्याओं पर नियंत्रण पा लिया है। बिहार में जल प्रबंधन की बहुत जरूरत है। जल प्रबंधन कर बाढ़ एवं सुखाड़ की समस्या का हल हो सकता है। उन्होंने कहा कि गंगा प्रदूषण मुक्ति के लिये बहुत अच्छी पहल यहाॅ की गयी है। गंगा के पानी का समुचित उपयोग होना चाहिये। डिसिल्टेशन एवं प्रदूषण का निवारण करेंगे, जिस समस्याओं का समाधान हमारे विभाग से होना है, वह करायी जायेगी। बाकी बातों के लिये नीति आयोग से अनुरोध करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्रीय मंत्री ने बिहार आकर जल समस्या के निदान के लिये हमारी समस्याओं को जाना। जो बातें कह रहे हैं, वह केन्द्र से संबंधित है। मुझे खुशी है कि वे हमारी समस्याओं को समझती हैं और इन्हें मानती हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि नेपाल में हाईडैम बनना चाहिये। केन्द्र सरकार से हमारी जो अपेक्षा है, उसे लिखकर दें। अपना-अपना प्रतिवेदन बनाकर केन्द्र को भेजें। उन्होंने कहा कि आज की बैठक ऐतिहासिक मानी जायेगी। उन्होंने फलगु नदी को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लेने के लिये कहा और कहा कि प्रस्ताव बनाकर दें। केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री ने फलगु नदी की समस्या का निराकरण कराये जाने का आश्वासन बैठक में दिया। बैठक को जल संसाधन मंत्री श्री विजय कुमार चैधरी ने भी संबोधित किया और बिहार की समस्याओं से अवगत कराया। बाद में केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री सुश्री उमा भारती ने राज्य के जल संसाधन मंत्री श्री विजय कुमार चैधरी के साथ पटना नगर के गंगा घाटों पर नगर विकास विभाग द्वारा चलायी जा रही योजनाओं का स्थल निरीक्षण भी किया।
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