पटना, 03 फरवरी 2015:- धान अधिप्राप्ति के लक्ष्य 30 लाख मेट्रिक टन को निश्चित रूप से प्राप्त किया जाय ताकि किसानों के उत्पादन को उचित मूल्य मिले और उन्हें अपने उत्पादन को औने-पौने नहीं बेचना पड़े। किसानों की आय को बढ़ाया जाना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री श्री जीतन राम माॅझी आज मुख्य सचिवालय स्थित अपने कार्यालय कक्ष में सहकारिता विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक कर रहे थे। बैठक में सहकारिता मंत्री श्री जय कुमार सिंह, विकास आयुक्त श्री एस0के0 नेगी, प्रधान सचिव सहकारिता श्री राजेश गुप्ता, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री अमृत लाल मीणा, निबंधक सहकारिता श्री हुकूम सिंह मीणा, मुख्यमंत्री के सचिव यथा- श्री अतीश चन्द्रा, श्री संजय कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री को प्रधान सचिव सहकारिता श्री राजेश गुप्ता ने बताया कि धान अधिप्राप्ति के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये विभाग द्वारा व्यापक तैयारी की गयी है। 30 जनवरी तक 4200 पैक्स एवं व्यापार मण्डलों द्वारा 1.49 लाख मेट्रिक टन धान की अधिप्राप्ति कर ली गयी है। उन्होंने कहा कि खरीफ विपणन मौसम 2012-13 में पैक्स द्वारा कुल 15.84 लाख मेट्रिक टन धान की अधिप्राप्ति की गयी, जिसके विरूद्ध 2218.23 करोड़ रूपये पैक्सों को भुगतान किया गया। वर्ष 2013-14 के खरीफ विपणन मौसम में विपरीत परिस्थिति के बाद भी पैक्सों द्वारा 11.15 लाख मेट्रिक टन धान की खरीद की गयी, जिसमें 10.94 लाख मेट्रिक टन धान एस0एफ0सी0 द्वारा उठाव कर लिया गया है।
मुख्यमंत्री को बैठक में बताया गया कि वितीय वर्ष 2014-15 में सहकारिता विभाग को योजना मद में कुल 84,900.82 लाख रूपये का आवंटन प्राप्त है, जिसके विरूद्ध 79,764.81 लाख रूपये की निकासी की जा चुकी है, जो कुल आवंटन का 83 प्रतिशत से अधिक है। शेष राशि की निकासी प्रक्रियाधीन है। कृषि रोड मैप के अन्तर्गत पैक्स/व्यापार मण्डलों में क्रमशः 200 एवं 500 मेट्रिक टन क्षमता के गोदामों का निर्माण कराया जाना है, जिसके लिये अब तक 535 पैक्स एवं 55 व्यापार मण्डलों को कुल 78.54 करोड़ रूपये उपलब्ध कराया जा चुका है। 781 गोदाम निर्माणाधीन हैं। चावल मिल सह गैसिफायर की स्थापना कुल 112 पैक्स/व्यापार मण्डल में की जानी है, जिसके विरूद्ध 60 पैक्स एवं नौ व्यापार मण्डल को कुल 23.73 करोड़ रूपये उपलब्ध करा दी गयी है। शेष राशि की निकासी प्रक्रियाधीन है। मुख्यमंत्री को बताया गया कि वितीय वर्ष 2014-15 में पैक्सों के लिये चुनाव वर्ष रहने एवं आचार संहिता लागू रहने के कारण चावल मिल सह गैसिफायर यंत्रों की स्थापना हेतु समितियों को विलम्ब से राशि प्राप्त हुयी, परिणामस्वरूप निर्माण कार्य विलम्ब से प्रारंभ हो सका।
बिहार कृषि रोड मैप योजनान्तर्गत वितीय वर्ष 2012-17 तक बिहार राज्य भंडार निगम के लिये 10 लाख मेट्रिक टन क्षमता के गोदाम निर्माण का लक्ष्य निर्धारित है। वर्ष 2012-13 एवं 2014-15 में कुल बिहार राज्य खाद्य निगम के माध्यम से 18 गोदामों का निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ है, जिससे 6.50 लाख मेट्रिक टन भंडारण क्षमता का निर्माण हो सकेगा।
पैक्स में पंचायतों की भांति आरक्षण का प्रावधान करने हेतु प्रस्ताव गठित करने का निर्देश दिया गया, साथ ही सहकारी समितियों द्वारा वितीय नियमों का अनुपालन करने हेतु यथोचित संशोधन करने का निर्णय लिया गया।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि जो किसान बैंकों से ऋण नहीं लेते हैं, उन्हें भी फसल बीमा योजना से आच्छादित किया जाय। वर्तमान में तीन प्रकार यथा- राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना, मौसम आधारित फसल बीमा योजना एवं संशोधित राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना लागू है। वर्तमान रब्बी 2014-15 के लिये राज्य के सभी जिलों में राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना लागू की गयी है। राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना के अन्तर्गत किसानों के लिये निर्धारित प्रीमियम एवं लघु सीमान्त कृषकों के लिये उक्त प्रीमियम में राज्य एवं केन्द्र सरकार द्वारा सामान्य अनुपात में 10 प्रतिशत का अनुदान दिया जाता है। फसल क्षति का आकलन, फसल कटनी प्रयोग पर आधारित है एवं क्षतिपूर्ति राशि का राज्य एवं केन्द्र सरकार द्वारा सामान्य अनुपात में वहन किया जाता है। मौसम आधारित फसल बीमा योजना के अन्तर्गत किसानों को देय प्रीमियम राशि के अतिरिक्त शेष प्रीमियम राज्य एवं केन्द्र सरकार द्वारा सामान्य अनुपात में वहन किया जाता है। क्षतिपूर्ति की राशि बीमा कम्पनी द्वारा भुगतेय है। संशोधित राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना के तहत किसानों को देय प्रीमियम राशि के अतिरिक्त शेष प्रीमियम राज्य एवं केन्द्र सरकार द्वारा सामान्य अनुपात में वहन किया जाता है। क्षतिपूर्ति की राशि बीमा कम्पनी द्वारा भुगतेय है। वितीय वर्ष 2013-14 में बीमा कम्पनी को विभाग द्वारा कुल 422.53 करोड़ रूपये विमुक्त किया गया है, जिससे कुल 24 लाख 42 हजार 213 किसान लाभान्वित हुये हैं।
समेकित सहकारी विकास परियोजना वर्तमान में आठ जिले यथा- कैमूर, खगडि़या, शिवहर, नालंदा, वैशाली, जहानाबाद, अररिया एवं मोतिहारी में संचालित किया जा रहा है, जबकि पाॅच जिले यथा- औरंगाबाद, दरभंगा, बेगूसराय, पूर्णिया एवं बेतिया में इस योजना को प्रारंभ करने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गयी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सहकारिता के क्षेत्र में अनेक संभावनायें हैं। राज्य के सभी किसानों को सहकारिता बैंक का सदस्य बनाया जाय तथा उन्हें सहकारिता के माध्यम से होने वाले लाभों की जानकारी दी जाय। सहकारिता को आन्दोलन का रूप दें, इससे खुशहाली आयेगी।
मुख्यमंत्री को प्रधान सचिव सहकारिता श्री राजेश गुप्ता ने बताया कि धान अधिप्राप्ति के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये विभाग द्वारा व्यापक तैयारी की गयी है। 30 जनवरी तक 4200 पैक्स एवं व्यापार मण्डलों द्वारा 1.49 लाख मेट्रिक टन धान की अधिप्राप्ति कर ली गयी है। उन्होंने कहा कि खरीफ विपणन मौसम 2012-13 में पैक्स द्वारा कुल 15.84 लाख मेट्रिक टन धान की अधिप्राप्ति की गयी, जिसके विरूद्ध 2218.23 करोड़ रूपये पैक्सों को भुगतान किया गया। वर्ष 2013-14 के खरीफ विपणन मौसम में विपरीत परिस्थिति के बाद भी पैक्सों द्वारा 11.15 लाख मेट्रिक टन धान की खरीद की गयी, जिसमें 10.94 लाख मेट्रिक टन धान एस0एफ0सी0 द्वारा उठाव कर लिया गया है।
मुख्यमंत्री को बैठक में बताया गया कि वितीय वर्ष 2014-15 में सहकारिता विभाग को योजना मद में कुल 84,900.82 लाख रूपये का आवंटन प्राप्त है, जिसके विरूद्ध 79,764.81 लाख रूपये की निकासी की जा चुकी है, जो कुल आवंटन का 83 प्रतिशत से अधिक है। शेष राशि की निकासी प्रक्रियाधीन है। कृषि रोड मैप के अन्तर्गत पैक्स/व्यापार मण्डलों में क्रमशः 200 एवं 500 मेट्रिक टन क्षमता के गोदामों का निर्माण कराया जाना है, जिसके लिये अब तक 535 पैक्स एवं 55 व्यापार मण्डलों को कुल 78.54 करोड़ रूपये उपलब्ध कराया जा चुका है। 781 गोदाम निर्माणाधीन हैं। चावल मिल सह गैसिफायर की स्थापना कुल 112 पैक्स/व्यापार मण्डल में की जानी है, जिसके विरूद्ध 60 पैक्स एवं नौ व्यापार मण्डल को कुल 23.73 करोड़ रूपये उपलब्ध करा दी गयी है। शेष राशि की निकासी प्रक्रियाधीन है। मुख्यमंत्री को बताया गया कि वितीय वर्ष 2014-15 में पैक्सों के लिये चुनाव वर्ष रहने एवं आचार संहिता लागू रहने के कारण चावल मिल सह गैसिफायर यंत्रों की स्थापना हेतु समितियों को विलम्ब से राशि प्राप्त हुयी, परिणामस्वरूप निर्माण कार्य विलम्ब से प्रारंभ हो सका।
बिहार कृषि रोड मैप योजनान्तर्गत वितीय वर्ष 2012-17 तक बिहार राज्य भंडार निगम के लिये 10 लाख मेट्रिक टन क्षमता के गोदाम निर्माण का लक्ष्य निर्धारित है। वर्ष 2012-13 एवं 2014-15 में कुल बिहार राज्य खाद्य निगम के माध्यम से 18 गोदामों का निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ है, जिससे 6.50 लाख मेट्रिक टन भंडारण क्षमता का निर्माण हो सकेगा।
पैक्स में पंचायतों की भांति आरक्षण का प्रावधान करने हेतु प्रस्ताव गठित करने का निर्देश दिया गया, साथ ही सहकारी समितियों द्वारा वितीय नियमों का अनुपालन करने हेतु यथोचित संशोधन करने का निर्णय लिया गया।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि जो किसान बैंकों से ऋण नहीं लेते हैं, उन्हें भी फसल बीमा योजना से आच्छादित किया जाय। वर्तमान में तीन प्रकार यथा- राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना, मौसम आधारित फसल बीमा योजना एवं संशोधित राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना लागू है। वर्तमान रब्बी 2014-15 के लिये राज्य के सभी जिलों में राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना लागू की गयी है। राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना के अन्तर्गत किसानों के लिये निर्धारित प्रीमियम एवं लघु सीमान्त कृषकों के लिये उक्त प्रीमियम में राज्य एवं केन्द्र सरकार द्वारा सामान्य अनुपात में 10 प्रतिशत का अनुदान दिया जाता है। फसल क्षति का आकलन, फसल कटनी प्रयोग पर आधारित है एवं क्षतिपूर्ति राशि का राज्य एवं केन्द्र सरकार द्वारा सामान्य अनुपात में वहन किया जाता है। मौसम आधारित फसल बीमा योजना के अन्तर्गत किसानों को देय प्रीमियम राशि के अतिरिक्त शेष प्रीमियम राज्य एवं केन्द्र सरकार द्वारा सामान्य अनुपात में वहन किया जाता है। क्षतिपूर्ति की राशि बीमा कम्पनी द्वारा भुगतेय है। संशोधित राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना के तहत किसानों को देय प्रीमियम राशि के अतिरिक्त शेष प्रीमियम राज्य एवं केन्द्र सरकार द्वारा सामान्य अनुपात में वहन किया जाता है। क्षतिपूर्ति की राशि बीमा कम्पनी द्वारा भुगतेय है। वितीय वर्ष 2013-14 में बीमा कम्पनी को विभाग द्वारा कुल 422.53 करोड़ रूपये विमुक्त किया गया है, जिससे कुल 24 लाख 42 हजार 213 किसान लाभान्वित हुये हैं।
समेकित सहकारी विकास परियोजना वर्तमान में आठ जिले यथा- कैमूर, खगडि़या, शिवहर, नालंदा, वैशाली, जहानाबाद, अररिया एवं मोतिहारी में संचालित किया जा रहा है, जबकि पाॅच जिले यथा- औरंगाबाद, दरभंगा, बेगूसराय, पूर्णिया एवं बेतिया में इस योजना को प्रारंभ करने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गयी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सहकारिता के क्षेत्र में अनेक संभावनायें हैं। राज्य के सभी किसानों को सहकारिता बैंक का सदस्य बनाया जाय तथा उन्हें सहकारिता के माध्यम से होने वाले लाभों की जानकारी दी जाय। सहकारिता को आन्दोलन का रूप दें, इससे खुशहाली आयेगी।
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