Tuesday, 31 March 2015

ओलापात से फसलों को हुए नुकसान के लिए किसानों को सहायता दिया जायेगा - मुख्यमंत्री

पटना, 31 मार्च 2015:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने कल दिनांक- 30.03.2015 को हुए ओलापात से फसल की क्षति एवं वज्रपात से हुई मृत्यु को गंभीरता से लेते हुए आज मुख्यमंत्री सचिवालय संवाद में उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। बैठक में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि ओलापात से हुए फसल नुकसान के लिए किसानों को सहायता दी जाय।
समीक्षा बैठक में संबंधित विभागों के प्राथमिक मूल्यांकन पर विमर्श किया गया। कृषि उत्पादन आयुक्त श्री विजय प्रकाश एवं प्रधान सचिव आपदा प्रबंधन श्री व्यास जी ने मुख्यमंत्री को बताया कि शीतलहर (ब्वसकूंअम) से मसूर के फसल की व्यापक पैमाने पर क्षति हुई है। ओलापात से गेहूॅ एवं अन्य फसलों की व्यापक क्षति हुई है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि किसानवार विस्तृत क्षति का आकलन करें। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि दिनांक 01.04.2015 को मुख्य सचिव के स्तर पर सभी जिला पदाधिकारियों के साथ विडियो कांफ्रेंसिंग कर जिलावार विभिन्न फसलों के किसानवार क्षति का पूर्ण आकलन प्राप्त किया जाये ताकि किसानों को सहायता देने में तेजी लायी जाये।
प्राकृतिक आपदा से विभिन्न जिलों में 20 लोगों की मृत्यु की सूचना प्राप्त हुई है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि प्रत्येक मृतकों के परिजनों को आपदा प्रबंधन विभाग से 1.5 लाख रूपये एवं मख्यमंत्री राहत कोष से 50 हजार रूपये अर्थात कुल 2 लाख रूपये प्रति मृतक के परिवारों को मुआवजा दिया जाय।
बैठक में मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार, मंत्री कृषि, जल संसाधन एवं सूचना जन-सम्पर्क श्री विजय कुमार चैधरी, मंत्री आपदा प्रबंधन एवं समाज कल्याण श्रीमती लेशी सिंह, मुख्य सचिव श्री अंजनी कुमार सिंह, कृषि उत्पादन आयुक्त श्री विजय प्रकाश, प्रधान सचिव आपदा प्रबंधन श्री व्यास जी, प्रधान सचिव कृषि श्री सुधीर कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री धर्मेन्दर सिंह गंगवार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अतीश चन्द्रा, निदेशक कृषि श्री धर्मेन्दर सिंह सहित संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे।


Monday, 30 March 2015

राज्य सरकार की विभिन्न निगम निकाय एवं उपक्रमों ने आज मुख्यमंत्री राहत कोष के लिये 54.61 करोड़ रूपये की राशि का चेक मुख्यमंत्री को भेंट किया

पटना, 30 मार्च 2015:- राज्य सरकार की विभिन्न निगम निकाय एवं उपक्रमों ने आज मुख्यमंत्री राहत कोष के लिये 54.61 करोड़ रूपये की राशि का चेक मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार को भेंट किया। जिन निगम निकाय एवं उपक्रमों ने मुख्यमंत्री को मुख्यमंत्री राहत कोष के लिये राशि दी है, वे यथा निम्न हैं- बिहार राज्य पुल निर्माण निगम 15 करोड़ रूपये, बिहार राज्य बिवरेज काॅरपोरेशन 11 करोड़ रूपये, बिहार राज्य बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन काॅरपोरेशन 12 करोड़ रूपये, बिहार राज्य काॅपरेटिव मिल्क फेडरेशन (कम्फेड) तीन करोड़ रूपये, बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट काॅरपोरेशन लिमिटेड तीन करोड़ रूपये, बिहार स्टेट पुलिस भवन निर्माण निगम तीन करोड़ रूपये, बिहार शहरी आधारभूत संरचना विकास निगम एक करोड़ रूपये, बिहार मेडिकल सर्विसेज एण्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट काॅरपोरेशन एक करोड़ रूपये, बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम दो करोड़ रूपये, बिहार राज्य टेक्सटबुक काॅरपोरेशन लिमिटेड दो करोड़ रूपये, बिहार स्टेट इलेक्ट्राॅनिक विकास निगम लिमिटेड (बेल्ट्राॅन) पचास लाख रूपये, बिहार स्टेट टूरिस्ट डेवलपमेंट काॅरपोरेशन एक करोड़ ग्यारह लाख रूपये।
मुख्यमंत्री ने सभी संबंधित निगम निकाय एवं उपक्रमों के अधिकारियों को धन्यवाद दिया और कहा कि वे पूरी लग्न एवं निष्ठा से अपने कर्तव्यों, दायित्वों का निर्बाह करते रहेंगे तो निगम निकाय कभी भी घाटे में नहीं जायेगा बल्कि लाभ कमाकर राज्य के निर्माण में अपनी भागदारी तो देगी ही तथा सामाजिक दायित्वों का निर्बाह भी कर पायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री राहत कोष में दिल खोलकर दान करना चाहिये। इस राशि का उपयोग गरीब, असहाय एवं प्राकृतिक आपदाओं के समय पीडि़त परिवारों की सहायता में खर्च की जाती है। मुख्यमंत्री ने हर्ष व्यक्त करते हुये कहा कि राज्य के निगम निकाय जिनकी स्थिति कभी बद से बदतर थी और वे बंद होने के कगार पर थी, वही आज मुनाफा कमा रही है। साथ ही सामाजिक दायित्वों में हाथ भी बंटा रही है।
इस अवसर पर पथ निर्माण मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ लनन सिंह, पशुपालन मंत्री श्री बैद्यनाथ सहनी, स्वास्थ्य मंत्री श्री रामधनी सिंह, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री श्री नौशाद आलम, निबंधन मंत्री श्री अवधेश प्रसाद कुशवाहा, विधायक श्री सरफराज आलम, विकास आयुक्त श्री एस0के0 नेगी, प्रधान सचिव शिक्षा श्री आर0के0 महाजन, प्रधान सचिव पथ निर्माण श्री अरूण कुमार सिंह, प्रधान सचिव स्वास्थ्य श्री ब्रजेश मेहरोत्रा, प्रधान सचिव लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण श्रीमती अंशुली आर्य, प्रधान सचिव गृह श्री आमिर सुबहानी, सचिव पशुपालन श्री नर्मदेश्वर लाल, अध्यक्ष बिहार राज्य पुलिस बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन काॅरपोरेशन श्री सुनील कुमार, बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के अध्यक्ष श्री बिपिन कुमार सिंह, बिहार राज्य बिल्डिंग काॅरपारेशन निगम के प्रबंध निदेशक श्री गंगा कुमार, प्रबंध निदेशक कम्फेड श्री आदेश तितरमारे, बिहार शिक्षा परियोजना के प्रबंध निदेशक श्री राहुल सिंह सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे।



जनता दल परिवार का विलय प्रगति पर:- मुख्यमंत्री

पटना, 30 मार्च 2015:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार से आज शाम विधानसभा परिसर में पत्रकारों ने वार्ता। मुख्यमंत्री ने पत्रकारों के एक प्रश्न के उतर में कहा कि जनता दल परिवार के विलय की कार्रवाई प्रगति पर है। बहुत जल्दी इसके बारे में ठोस निर्णय ले लिया जायेगा। जो निर्णय लिये जायेंगे, उसकी जानकारी आप सबों को दे दी जायेगी।


बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत विकास निगम लि0, पटना ने मुख्यमंत्री राहत कोष में दिया दो करोड़ रूपये

पटना, 30 मार्च 2015:- शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव, श्री आर0के0 महाजन ने वर्तमान वित्तीय वर्ष में बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत विकास निगम लि0, सैदपुर, पटना की ओर से दो करोड़ (2,00,00,000) रूपये मुख्यमंत्री राहत कोष में आज दी। उक्त जानकारी मुख्य अभियंता-सह-प्रभारी प्रबंध निदेशक ने दी।
उन्होंने बताया कि उक्त अवसर पर विकास-आयुक्त-सह-निगम के अध्यक्ष श्री एस0के0 नेगी, मुख्य अभियंता श्री ब्रजेश प्रसाद तथा वरीय लेखा पदाधिकारी श्री रंजन कुमार मिश्रा सहित अन्य पदाधिकारीगण उपस्थित थे।

Sunday, 29 March 2015

मुख्यमंत्री ने स्व0 इन्दिरा मेहरोत्रा के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की

पटना, 29 मार्च 2015:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज शाम बेली रोड स्थित महामहिम राज्यपाल के प्रधान सचिव श्री ब्रजेश मेहरोत्रा के आवास पर जाकर उनकी पूज्य माताश्री स्व0 इन्दिरा मेहरोत्रा के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की तथा उनकी आत्मा की चिर शांति के लिये ईश्वर से प्रार्थना की। ज्ञातव्य है कि आज शाम स्व0 इन्दिरा मेहरोत्रा की आत्मा की शांति के लिये श्री ब्रजेश मेहरोत्रा के आवास पर श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन किया गया था।
इस अवसर पर सभापति बिहार विधान परिषद श्री अवधेश नारायण सिंह, अध्यक्ष बिहार विधानसभा श्री उदय नारायण चैधरी, स्वास्थ्य मंत्री श्री रामधनी सिंह, खान एवं भूतत्व मंत्री श्री राम लखन राम रमन, पुलिस महानिदेशक श्री पी0के0 ठाकुर, सदस्य मानवाधिकार आयोग श्री नीलमणि, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री डी0एस0 गंगवार, अध्यक्ष बिहार लोक सेवा आयोग श्री आलोक कुमार सिन्हा, प्रधान सचिव श्री शशि शेखर शर्मा, सचिव निबंधक, सहकारिता श्री हुकूम सिंह मीणा, सेवानिवृत आई0ए0एस0 अधिकारी श्री एन0के0 अग्रवाल, बिहार चेम्बर आॅफ काॅमर्स के अध्यक्ष श्री ओ0पी0 साह सहित अनेक सामाजिक, राजनीतिक कार्यकर्ता एवं वरीय अधिकारियों ने भी स्व0 इन्दिरा मेहरोत्रा के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
मुख्यमंत्री ने स्व0 इन्दिरा मेहरोत्रा के निकट परिजन श्रीमती ममता मेहरोत्रा, श्रीमती श्रुती मेहरोत्रा, श्री सौरभ मेहरोत्रा, श्री शरद मेहरोत्रा, श्री राजीव मेहरोत्रा, तुलिका मेहरोत्रा, सार्थक मेहरोत्रा से भी मुलाकात की और उन्हें सांत्वना दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्व0 इन्दिरा मेहरोत्रा धर्मपरायण एवं सामाजिक कार्यों में रूचि रखने वाली महिला थी। उनकी रूचि समाज सेवा में अत्यधिक रही। ईश्वर उनकी आत्मा को चिर शांति प्रदान करे।


मुख्यमंत्री ने श्री राम नवमी शोभा यात्रा की आरती की

पटना, 28 मार्च 2015:-  मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज शाम राम नवमी के अवसर पर पटना के डाकबंगला चैराहा पहुॅच कर श्री श्री राम नवमी शोभा यात्रा अभिनन्दन समिती द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया। शोभा यात्रा का स्वागत किया तथा आरती की।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में लोगों ने मुख्यमंत्री का अभिवादन किया। मुख्यमंत्री ने भी उपस्थित जन-समुदाय का हाथ हिलाकर अभिवादन स्वीकार किया और राम नवमी की शुभकामनाएॅ राज्य वासियों को दीं। इस अवसर पर पूर्व उप मुख्यमंत्री श्री सुशील कुमार मोदी, खाद्य उपभोक्ता मंत्री श्री श्याम रजक, विधायक श्री अरूण कुमार, श्रीमती सुखदा पाण्डेय, श्रीमती उषा विद्यर्थी, श्री नितिन नवीन, विधान पार्षद श्रीमती किरण घई, हरेन्द्र प्रताप, सामाजिक कार्यकर्ता श्री अजय गुप्ता सहित अनेकों सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ता उपस्थित थे। आयोजकों ने मुख्यमंत्री का स्वागत अंग वस्त्र एवं प्रतीक चिन्ह भेंट कर किया।



मुख्यमंत्री ने स्व0 प्रेम कान्त झा को श्रद्धांजलि अर्पित की

पटना, 28 मार्च 2015:-  मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज शाम कंकड़बाग, पी0सी0 कालोनी स्थित स्व0 प्रेम कान्त झा के आवास पर जाकर उनके चित्र पर माल्यार्पण किया, श्रद्धांजलि अर्पित की तथा उनके परिजनों से मुलाकात कर उन्हें संत्वना दी। ज्ञातव्य है कि आज स्व0 प्रेमकान्त झा का श्राद्धकर्म उनके आवास पर आयोजित था।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर स्व0 प्रेमकान्त झा की स्मृति में एक वृक्ष भी लगाया। मुख्यमंत्री काफी देर तक स्व0 प्रेमकान्त झा के परिजनों के साथ रहे और प्रेमकान्त झा से जुड़े संस्मरणों को याद किया तथा उनके गुणों एवं सामाजिक एवं साहित्यिक कार्यों को याद किया। मुख्यमंत्री ने स्व0 झा के पत्रकार पुत्र श्री प्रशांत झा, श्री प्रमोद झा एवं अन्य उनके निकट संबंधियों से मुलाकात की और उनके दुख को बाॅटा। इस अवसर पर खाद्य उपभोक्ता मंत्री श्री श्याम रजक भी उपस्थित थे।


जनता परिवार की विलय की गाड़ी चल पड़ी है- मुख्यमंत्री

पटना, 28 मार्च 2015:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज श्रम संसाधन विभाग एवं सी0सी0आई0 द्वारा आयोजित स्कील कानकलेव का उद्घाटन समारोह के बाद होटल मौर्या में  पत्रकारों से बातचीत करते हुये कहा कि जनता परिवार के विलय की गाड़ी पटरी पर है और विलय की गाड़ी चल पड़ी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली भ्रमण के दौरान 26 मार्च के रात में सपा सुप्रीमो श्री मुलायम सिंह यादव से मुलाकात हुई। 27 मार्च को मैं, राजद सुप्रीमो श्री लालू प्रसाद यादव, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री शरद यादव एवं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव के साथ बैठकर काफी देर तक बातचीत की। विलय पर काफी चर्चा हुई है। उन्होंने कहा कि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव को विलय की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए अधिकृत किया गया है। उन्होंने कहा कि श्री एच0डी0 देवगौड़ा एवं श्री ओम प्रकाश चैट्ाला जी से भी बात करनी है। उन्होंने कहा कि बहुत जल्द अगले बैठक की तारीख तय होगी। उसमें सबकुछ अंतिम रूप से सामने आयेगा। मेरे समझ में महाविलय में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा। इसमें कोई संशय के बादल नहीं है।
पत्रकारों द्वारा पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के विकास के संबंध में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से विस्तृत चर्चा हुई है। बिहार के विकास के लिए हमारी जो भी आवश्यकता है, उस पर चर्चा हुई है। चर्चा काफी अच्छी रही है। प्रधानमंत्री ने सभी बातों को ध्यान से सुना है और कहा है कि इस पर गौर करेंगे। मेरी समझ से बातचीत अच्छी हुई है। हमनें प्रधानमंत्री के समक्ष 14वें वित्त आयोग के सिफारिश के कारण राज्य को होने वाले नुकसान की संभावनाओं से अवगत कराते हुये उनसे नुकसान की भरपाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि हमने प्रधानमंत्री से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने की मांग रखी है। विशेष राज्य के दर्जा प्राप्त होने से पूंजी निवेश में टैक्स में छूट मिलेगा। टैक्स में छूट मिलने से निवेश को बढ़ावा मिलेगा। निवेशक पंूजी लगायेंगे। बिहार में कल कारखाने खुलेंगे। इससे रोजगार के अवसर पर मिलेंगे। वे इस विचार से सहमत थे कि केन्द्रीय बजट में की गई घोषणा की आंध्र प्रदेश की तरह बिहार को विशेष सहायता देंगे। हमनें सारी बातें  उनके समक्ष रखी है। हमें क्या चाहिये?
मुख्यमंत्री ने कहा कि वित्त मंत्री द्वारा संसद में दिये गये बजट अभिभाषण में यह घोषणा की आंध्र की तरह बिहार को विशेष सहायता मिलेगा। बिहार राज्य पुनर्गठन अधिनियम  2000 के अन्तर्गत प्रावधान है कि बिहार की विशेष आवश्यकता को देखा जाना है। उन्होंने कहा कि इन प्रतिबद्धताओं एवं 14वें वित्त आयोग की अनुसंशा तथा केन्द्रीय बजट 2015-16 से बिहार को हुये नुकसान के मद्देनजर हमने सर्वदलीय बैठक की थी। सर्वदलीय बैठक में भाजपा के लोग शामिल नहीं हुये। सर्वदलीय बैठक में यह निर्णय हुआ कि प्रधानमंत्री को पत्र लिखा जाये एवं मेमोरेण्डम दिया जाये। हमने प्रधानमंत्री को पत्र दिया है एवं इसके साथ विस्तृत मेमोरेण्डम भी दिया है। उन्होंने कहा कि इससे पहले पिछले महीने में बजट पेश होने के दो दिन पहले हमनें वित्त मंत्री के सामने 14वें वित्त आयोग की चर्चा की। 14वें वित्त आयोग से बिहार को होने वाले नुकसान की चर्चा की। बिहार के जरूरतों की भी चर्चा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमनें प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि बिहार के संसाधनों में कमी की भरपाई, आप की प्रतिबद्धता एवं हमारी मांग के अनुरूप तत्काल विशेष व्यवस्था की जाये।



अलग-अलग शहरों के लिए आपदा प्रबंधन योजना बनाई जाय- मुख्यमंत्री

पटना, 28 मार्च 2015:-  अलग-अलग शहरों के लिए आपदा प्रबंधन योजना बनाई जाय। स्कूली बच्चों को भी प्राकृतिक आपदा एवं मानवीय चूक जनित आपदाओं की जानकारी दी जाय। उन्हें आपदा की स्थिति में जोखिम को कम से कम किये जाने के उपाय बताये जायें तथा प्रशिक्षण दी जाय। राज्य के सभी स्कूलों में साल के किसी एक दिन को आपदा प्रबंधन दिवस के रूप में मनाई जाय, जिसमें आपदा के समय किस तरह से राहत एवं बचाव कार्य किये जा सकते हैं और आपदा से कम से कम नुकसान हो इसका प्रशिक्षण दिया जाय। मौक ड्रील के माध्यम से बच्चों में आपदा और आपदा से उत्पन्न होने वाले जोखिमों के प्रति संवेदनशीलता लायी जाय। यह निदेश आज मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकार की 9वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। बैठक में जल संसाधन मंत्री श्री विजय कुमार चैधरी, वित्त मंत्री श्री विजेन्द्र प्रसाद यादव, विधि मंत्री श्री नरेन्द्र नारायण यादव, वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री पी0के0 शाही, खाद्य उपभोक्ता मंत्री श्री श्याम रजक, निबंधन मंत्री श्री अवधेश प्रसाद कुशवाहा, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री श्री नौशाद आलम, पशुपालन मंत्री श्री बैद्यनाथ सहनी, पर्यटन मंत्री श्री जावेद इकबाल अंसारी, स्वास्थ्य मंत्री श्री रामधनी सिंह, खान एवं भूतत्व मंत्री श्री राम लखन राम रमण, श्रम संसाधन मंत्री श्री दुलाल चन्द गोस्वामी, आपदा एवं समाज कल्याण मंत्री श्रीमती लेशी सिंह, सहकारिता मंत्री श्री जय कुमार ंिसंह, गन्ना उद्योग मंत्री श्रीमती रंजू गीता, पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री श्रीमती बीमा भारती, पथ निर्माण मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह, मुख्य सचिव श्री अंजनी कुमार सिंह, विकास आयुक्त श्री एस0के0 नेगी सहित विभिन्न विभागों के प्रधान सचिव /सचिव ने भाग लिया।
बैठक में प्राधिकरण की वार्षिक कार्य योजना 2015-16 एवं वार्षिक प्रतिवेदन 2014-15 का अनुमोदन किया गया। वार्षिक कार्य योजना में स्ट्रैक्चरल मिटीगेशन (ैजतंबजनतंस डपजपहंजपवद), नॅान स्ट्रैक्चरल मिटीगेशन, अर्लि वार्निंग सिस्टम के विकास, मानव संसाधन, प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण की योजनाओं के अन्तर्गत सुपौल जिला के सभी अस्पताल, सभी हाई स्कूल एवं कुछ चैयनित प्रशासी भवन को मिलाकर करीब 200 सरकारी भवनों में संभावित भुकंप तीव्रता के कारण होने वाली क्षति के मुल्याकंण हेतु रैपिड वीजुअल स्क्रेनिंग (त्ंचपक टपेनंस ैबतममदपदह) की योजना पारित की गई। बैठक में पुराने भवनों के मजबूतीकरण इत्यादि की भी चर्चा कर डिजास्टर रिस्क रिडक्शन पर महत्व देने को कहा गया। मुख्यमंत्री ने निदेश दिया कि सूचना जन-सम्पर्क विभाग के डायरी कलेण्डर एवं विभिन्न प्रचार साहित्यों में भी आपदा प्रबंधन से संबंधित सूचना डाली जाय।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आधारभूत संरचनाओं का निर्माण सुरक्षित हो इसके लिए सेफ डिजाइन और कन्स्ट्रक्शन होने चाहिये। सभी मकान आधारभूत संरचनाएॅ भूकंप निरोधी होनी चाहिये। इसके लिए लोगों को संवेदनशील करना होगा। उन्होंने निर्माण कार्य में लगे इंजीनियरों को भूकंप निरोधी मकानों के डिजाइन और कंस्ट्रक्शन का प्रशिक्षण दिलाये जाने को भी कहा। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि डिजास्टर मैनेजमंेट इंस्टीच्यूट की स्थापना कराई जानी चाहिये साथ ही ट्रैफिक पार्क का भी निमार्ण कराया जाय ताकि ट्रैफिक के नियमों से अधिक से अधिक लोग अवगत हो सकें और रोड एक्सीडेंट से बचा जा सके। दुर्भाग्यवश यदि दुग्र्घटना होती भी है तो ऐसे समय में कम से कम नुकसान कैसे हो इसके लिए क्या कुछ किया जा सकता है इसकी जानकारी आम लोगों को दिलाई जानी चाहिये। विभिन्न तरह के आपदा के समय किस तरह का आपदा प्रबंधन होगा इसकी भी चर्चा बैठक में की गई।
उपाध्यक्ष आपदा प्रबंधन प्राधिकर श्री अनिल कुमार सिन्हा ने उपस्थित सदस्यों का स्वागत किया। उन्होंने बताया कि प्राधिकरण द्वारा आपदा प्रबंधन के विभिन्न विषयों पर इनफाॅर्मेशन एजुकेशन, काॅम्निकेशन सामग्रियों के मुद्रण के प्रस्ताव का भी आज की बैठक मंे अनुमोदन किया गया। बैठक को प्राधिकरण के सदस्य प्रो0 एस0एन0 आर्या एवं राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य श्री कमल किशोर ने भी संबोधित किया और कहा कि बिहार में आपदा प्रबंधन की दिशा में जो काम मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में हो रहा है वह प्रेरणा दायक है।


राज्य सरकार की निगम, निकाय अब घाटे में नहीं रहती, बल्कि मुनाफा कमाती है, और सामाजिक दायित्वों का निर्वाह भी करती है- मुख्यमंत्री

पटना, 28 मार्च 2015:-  मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार से आज शाम पर्यटन मंत्री श्री जावेद इकबाल अंसारी एवं सचिव पर्यटन श्रीमती हरजोत कौर ने मुलाकात कर उन्हें बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम की ओर से मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए एक करोड़ ग्यारह लाख ग्यारह हजार एक सौ ग्यारह रू0 का चेक भेंट किया। इस अवसर पर बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक श्री मो0 सोहैल सहित अन्य वरीय आधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम की सराहना करते हुए कहा कि अब राज्य सरकार की निगम निकाय एवं उपक्रम घाटे में नहीं रहती है बल्कि मुनाफा कमाती है और सामाजिक दायित्वों का निर्वाह भी करती है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री राहत कोष में दिल खोल कर दान किया जाना चाहिये।



आज के युग में कौशल संवर्द्धन का बहुत महत्व है- मुख्यमंत्री

पटना, 28 मार्च 2015:-  मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज होटल मौर्या पटना में श्रम संसाधन विभाग एवं सी0आई0आई0 द्वारा आयोजित स्कील कानकलेव का उद्घाटन करते हुए कहा कि आज के युग में कौशल संवर्द्धन का बहुत महत्व है। उन्होंने कहा कि काम की कमी नहीं है, काम करने वाले स्कील्ड लेबर की कमी है। इसके बिना कोई रोजगार नहीं मिल सकता। उन्होंने ने कहा कि रोजगार के अवसर हैं। रोजगार के अवसर का लाभ उठाने के लिए श्रमिकों का योग्य होना जरूरी है। इसलिए कौशल संवर्द्धन (स्कील डेवलपमेंट) आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में युवा आबादी की संख्या देश में सबसे ज्यादा है। उन्हें प्रशिक्षित कर उनके ऊर्जा का इस्तेमाल करना है। अगर हम उन्हें स्कील्ड नहीं कर पाये तो बिहार में बेरोजगारों की फौज खड़ी हो जायेगी जिसे रोकना आसान नहीं होगा। रोजगार के लिए स्कील चाहिये। युवा आबादी की ऊर्जा बेहतर इस्तेमाल कर विकास की रफ्तार को तेज कर सकते हैं। विकास होगा तो रोजगार के अवसर बढ़ेगे। विकास का मतलब कुछ क्षेत्रों या कुछ लोगों के विकास से नहीं है। विकास का मतलब है न्याय के साथ विकास। हर क्षेत्र और हर तबके का विकास। विकास ऐसा हो जो सब महसूस कर सकें। उन्होंने कहा कि विकास के लिए शिक्षा, प्रशिक्षण एवं हुनर की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जो लोग पैदा होते हैं वे अवसर से आगे बढ़ते हैं। उन्हें किस प्रकार का माहौल मिला एवं किस तरह का प्रशिक्षण मिला यह उनके आगे बढ़ने के लिए आवश्यक है। जन्म से कुछ ही लोग विलक्षण प्रतिभा के धनी होते हैं। कुछ ऐसे भी लोग होते हैं जो सीख ही नहीं पाते हैं। अगर युवाओं का शिक्षण एवं प्रशिक्षण सही तरह से दिया जाय तो थोड़ी से भी हुनर रहने पर वे कमाने लगते हैं तथा समाज एवं देश के विकास में योगदान देते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा सारा फोकस शिक्षा पर होनी चाहिये। उन्होंने कहा कि हमलोगों ने एक करोड़ लोगों को हुनर मंद बनाने का फैसला लिया। 2013 में हमने लक्ष्य निर्धारित किया कि पाॅच वर्षों में एक करोड़ लोगों को हुनरमंद बनाया जाना है। इसके लिए स्कील डेवलपमेंट मिशन बनाया गया। 17 विभागों को इससे जोड़ा गया। उनसे पूछा गया कि आप कितने लोगों को हुनरमंद बना सकते हैं। अलग-अलग विभागों से यह कहा गया कि आप युवाओं का स्कील डेवलप करना चाहते हैं तो ऐसी संस्था होनी चाहिये जो लागों को ट्रेड करे तथा टेªनिंग देने वाले ट्रेनर हों। बाजार का आकलन करके किस प्रकार के स्कील डेवलप  लोगों की माॅग है, इसका आकलन कर कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि 2006 में स्टैनफोर्ड युनिवर्सिटी से मुझे निमंत्रण मिला था। हमने मुख्य सचिव एवं अन्य आधिकारियों को भेजा। अधिकारियों ने आकर हमें सूचित किया कि वहाॅ नर्सेस की बहुत कमी है। जितना नर्सेस भेजा जायेगा सभी का समायोजन हो सकता है। उन्होंने कहा कि हमलोगों ने आवश्यकता का आकलन स्थानीय स्तर पर किया। 1997 के पहले हमने एयर कंडीशन का इस्तेमाल नहीं किया था। आज एयर कंडीशन के बिना काम नहीं चलता। स्कील लेबर ही ए0सी0 बनाने का काम ठीक ढंग से कर सकता है तथा प्रशिक्षित नर्स ही नर्सिंग का बेहतर काम कर सकती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार झारखण्ड बटवारे के बाद होटल बिजनेस पूर्णतः समाप्त हो गया था बिहार के प्रगति के साथ साथ होटल बिजनेस अपने चरम पर पहुॅच गया है। आज होटल मौर्या का दर मुंबई के होटल से भी मंहगा है। आज कैटरिंग में बहुत सारे लोगों की आवश्यकाता है। बढि़या कैटरर के लिए प्रशिक्षण की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हम जदयू कैम्प में कैटरर को जब राजगीर ले जाते ह,ै वहाॅ खाना तो अपने देख-रेख में बनवाते है, लेकिन कैटरर की सफाई पर ध्यान देते हैं। कैटरर को कहते हैं कि बाल कटाले, नाखून कटा ले तथा राजगीर कुंड में स्नान करके खाना बनाने एवं खिलाने का काम करें। उन्होंने कहा कि गुणवत्ता युक्त कौशल संवर्द्धन होना चाहिये। उन्होंने कहा कि हमारा यह मिशन होना चाहिये कि कौशल विकास के लिए क्या प्रशिक्षण देना चाहिये और किस काम के लिए प्रशिक्षण देना चाहिये। इसके लिए ट्रेनर और ट्रेनिंग की आवश्यकता है। टेªनिंग का जो भी सेन्टर हो उसका ठीक से सलेक्शन हो। सर्टिफिकेट के देने के लिए विश्वसनीय ऐजंसी होना चाहिये जो यह सर्टिफाई करे कि किस विद्या में प्रशिक्षित हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मिशन मोड में काम करने के लिए संस्था में टेªनर एवं टेªनिंग की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सी0आई0आई0 की भूमिका युवाओं को टेªंड करने की होनी चाहिये। आवश्यकता के अनुसार सी0आई0आई0 युवाओं के कौशल का विकास करे तथा गुणवत्ता युक्त टेªनिंग का कोर्स होना चाहिये। उन्होंने कहा कि 2013 में हमने लक्ष्य निर्धारित किया था कि पाॅच वर्षांे में एक करोड़ युवाओं का कौशल विकास करेंगे। इसमें सरकारी पदाधिकारी की नहीं विशेषज्ञों की जरूरत है। कंसल्टेंट जितना चाहिये वह अभी तक नहीं मिल सका है। उन्होंने कहा कि पदाधिकारियों को सिर्फ लम्बे नोट लिख देने से काम नहीं चलेगा। बेसिक चीज यह है कि कैसे काम होगा। हमलोग लोगों के बीच रहते है, लोगों से मिलते हैं, उनसे मिली जानकारी के अनुसार राज्य के विकास का काम करते हैं। स्कील डेवलपमेंट की गाड़ी आज अटकी पड़ी है। उन्होंने कहा कि पदाधिकारियों को रूचि लेकर स्कील डेवलपमेंट के लक्ष्य को पूरा करना चाहिये। स्कील डेवलपमेंट के काम में आज सभी राज्यों को कठिनाई हो रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार जैसे राज्य में स्कील डेवलपमेंट का टेªनिंग संेटर चलाना चाहते हैं तो आॅफ टाइम में स्कूल एवं काॅलेज में टेªनिंग सेन्टर चला सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रोडक्ट ठीक हो, इसमें श्रम संसाधन विभाग के साथ-साथ सी0आई0आई0 का भी भूमिका है। उन्होंने कहा कि बिहार में प्रजनन दर ज्यादा है, इसलिये हमने लड़कियों की शिक्षा पर जोर दिया है। प्रत्येक पंचायत में एक उच्च विद्यालय की स्थापना की जा रही है। इससे 30-40 वर्षों के बाद जन-संख्या में स्थिरीकरण होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कील डेवलपमेंट विकास का आंतरिक हिस्सा है। इसके बिना विकास नहीं होगा। रोजगार का अवसर मिलेगा तो लोगों का विकास होगा। स्कील डेवलपमेंट की बड़ी महत्ता है। उन्होंने कहा कि मैं पदाधिकारियों से कह रहा हूॅ कि वे कानकलेव एवं सेमिनार तक न सिमटें, अगर कानकलेव एवं सेमिनार तक सिमट कर रह गये तो स्कील डेवलपमेंट नहीं होगा। युवाओं का कौशल विकास कर उसके ऊर्जा का इस्तेमाल करने से ही राज्य का विकास होगा। युवओं के कौशल विकास से वह अपने अन्दर की ताकत को पहचान लेगा। उन्होंने कहा कि पदाधिकारी इस उम्मीद में न रहें कि किसी तरह छह महीना बिता लेंगे तो मोडल कोड आॅफ कंडक्ट लग जायेगा। ऐसा करने से वे अपने आप को धोखा देंगे। जिस तरह से हम अनी इच्छा से जन सेवा में आये हैं उसी तरह से आप अपनी इच्छा से पदाधिकारी बने हैं। पदाधिकारी अपने स्व को जगायें, जो काम 24 घंटे में होना है उसे 12 घंटे में पूरा करें तभी हम राष्ट्रीय औसत तक पहुॅच सकेंगे। हमें विश्वास है कि युवा पीढी़ आने वाले बिहार को फिर से शिखर पर ले जायेगा
इस अवसर पर मंत्री श्रम संसाधन श्री दुलाल चन्द गोस्वामी, सी0आई0आई0 के इस्टर्न रीजन के अध्यक्ष श्री अनिल कुमार गुप्ता ने भी सारगर्भित भाषण दिये। इस अवसर पर सचिव श्रम संसाधन श्री एस0 सिद्धार्थ ने मुख्यमंत्री को प्रतीक चिन्ह् देकर स्वागत किया। इस अवसर पर विकास आयुक्त श्री एस0के0 नेगी, कृषि उत्पादन आयुक्त श्री विजय प्रकाश, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री धर्मेन्द्र सिंह गंगवार, प्रधान सचिव उद्योग श्री त्रिपुरारी शरण, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अतीश चन्द्रा, सी0आई0आई0 के क्षेत्रीय निदेशक श्री एस0 मुखर्जी सहित गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। सचिव श्रम संसाधन डाॅ0 एस0 सिद्धार्थ ने स्वागत भाषण दिया, जबकि सी0आई0आई0 के बिहार स्टेट काउंसिल के अध्यक्ष श्री एस0पी0 सिन्हा ने धन्यवाद ज्ञापन किया।



रामनवमी के अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रदेश एवं देशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें दी

पटना, 27 मार्च 2015:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने मर्यादा पुरूषोतम भगवान राम के जन्मोत्सव रामनवमी पर्व के अवसर पर प्रदेश एवं देशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें दी।
मुख्यमंत्री ने अपने शुभकामना संदेश में कहा कि भगवान राम का जीवन पूरी मानव जाति के लिये प्रेरणा स्रेात है। उनका जीवन मानव प्रेम, सद्भाव-तपस्या एवं मर्यादा से परिपूर्ण था इसलिये उन्हें मर्यादा पुरूषोतम के रूप में जाना जाता है। मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम के आदर्शों को अपने जीवन में उतारना चाहिये। भगवान श्रीराम द्वारा स्थापित जीवन मूल्य आज भी प्रासंगिक है। भगवान श्रीराम के आदर्श, समर्पण एवं त्याग को अपनाकर राज्य और देश की प्रगति में पूरी निष्ठा के साथ सहभागी बनें।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि रामनवमी जैसे पर्व राष्ट्रीय एकता, अखण्डता तथा देश की सांस्कृतिक विरासत को मजबूत करते हैं। उन्होंने राज्यवासियों से आह्वान किया है कि पावन पर्व रामनवमी को आपसी भाईचारा, पारस्परिक प्रेम, सौहार्द्र, सामाजिक सद्भाव के साथ मिल-जुलकर हर्षोल्लास के साथ मनायें।

केजरीवाल जी के निमंत्रण पर आया और जीत की बधाई दी: श्री नीतीश कुमार

नई दिल्ली, 27 मार्च: श्री नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार ने कहा कि श्री अरविन्द केजरीवाल, मुख्यमंत्री, दिल्ली से राष्ट्रपति भवन में पिछले दिन मुलाकात हुई थी। श्री केजरीवाल जी ने आने का आग्रह किया था। कल मैं दिल्ली पहुँचा तो पुनः स्मरण दिलाया गया और मैं आज पहुँच कर केजरीवाल जी को शानदार जीत की बधाई दी।
श्री कुमार आज दिल्ली सचिवालय में दिल्ली के मुख्यमंत्री जी के दिवाभोज के आमंत्रण पर आये थे। भोजनोपरान्त दिल्ली सचिवालय से प्रस्थान करते समय मीडिया प्रतिनिधियों से पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि केजरीवाल जी द्वारा आयोजित भोजन स्वादिष्ट था। साथ ही उन्होने कहा कि निमंत्रण पर आया और श्री केजरीवाल जी को शानदार जीत के लिए बधाई देकर जा रहा हूँ। श्री कुमार ने कहा कि आम आदमी पार्टी यद्यपि दिल्ली में विजयी हुई है, परन्तु देश भर के लोगों को इस पार्टी से बहुत उम्मीद है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविन्द केजरीवाल तथा उप-मुख्यमंत्री श्री मनीष सिसोदिया ने गुलदस्ता की पेशकश कर श्री नीतीश कुमार का स्वागत किया।
श्री नीतीश कुमार ने कहा कि दिल्ली सरकार के साथ मेरी पूरी शुभकामना है। साथ ही श्री कुमार ने कहा कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने संबंधी मांग जायज है। श्री कुमार ने कहा कि किसी भी प्रकार की राजनीतिक वार्ता नहीं हुई।
श्री कुमार के साथ श्री के0सी0त्यागी, माननीय सांसद, श्री चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव तथा श्री विपिन कुमार, स्थानिक आयुक्त, बिहार भी उपस्थित थे।

Saturday, 28 March 2015

श्रम संसाधन विभाग एवं सी0सी0आई0 द्वारा आयोजित स्कील कानकलेव के उद्घाटन के अवसर पर सचिव श्रम संसाधन डाॅ0 एस0 सिद्धार्थ मुख्यमंत्री श्री नीतीष कुमार को प्रतीक चिन्ह् प्रदान कर स्वागत करते हुए।



मुख्यमंत्री श्री नीतीष कुमार श्रम संसाधन विभाग एवं सी0सी0आई0 द्वारा आयोजित स्कील कानकलेव के उद्घाटन के अवसर पर श्रम संसाधन मंत्री श्री दुलाल चन्द गोस्वामी के साथ बातचीत करते हुए।





मुख्यमंत्री श्री नीतीष कुमार श्रम संसाधन विभाग एवं सी0सी0आई0 द्वारा आयोजित स्कील कानकलेव-2015 का उद्घाटन करते हुए।





राज्यपाल ने ‘रामनवमी’ के सुअवसर पर बिहारवासियों को शुभकामनाएँ दी

महामहिम राज्यपाल श्री केषरी नाथ त्रिपाठी ने ‘रामनवमी’ त्योहार के सुअवसर पर बिहारवासियों व देषवासियों को हार्दिक शुभकामनाएँ दी है।
राज्यपाल श्री त्रिपाठी ने अपने शुभकामना-संदेष में कहा है कि भगवान श्रीराम के जीवन-चरित्र में शक्ति, शील एवं सौंदर्य का अनुपम सम्मिलन है। मर्यादापुरूषोत्तम श्रीराम से हमें सत्य, न्याय, त्याग, सहनषीलता, करूणा और प्रेम की प्रेरणा मिलती है।
राज्यपाल ने ‘रामनवमी’ के त्योहार को भगवान श्रीराम के जीवनादर्षाें के अनुरूप पूरी मर्यादा, शांति, षिष्टता और सद्भावनापूर्वक मनाये जाने का अनुरोध किया है।

Thursday, 26 March 2015

CM Nitish Kumar says...





विद्युत प्रक्षेत्र में लम्बित परियोजनाओं के त्वरित निष्पादन हेतु केन्द्र से गुहार

पटना, 26 मार्च 2015- ऊर्जा मंत्री, बिहार श्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव ने राज्य के विद्युत प्रक्षेत्र की लम्बित परियोजनाओं के त्वरित निष्पादन हेतु केन्द्र सरकार से गुहार लगाई है। श्री यादव के द्वारा कजरा एवं पीरपैंती में प्रस्तावित विद्युत उत्पादन इकाई से उत्पादित होने वाले विद्युत में से 85 प्रतिशत विद्युत बिहार राज्य के लिए आवंटित करने का अनुरोध सितम्बर 2014 से केन्द्र सरकार के पास लम्बित है। इसके त्वरित निष्पादन
का अनुरोध ऊर्जा मंत्री श्री यादव के द्वारा केन्द्र सरकार से किया गया है ताकि इन परियोजनाओं से सम्बन्धित अग्रेतर कार्रवाई की जा सके।
श्री यादव के द्वारा बिहार को कोल-ब्लाॅक आवंटित करने के लिए केन्द्र सरकार के विद्युत मंत्री श्री पियूष गोयल को दूरभाष पर धन्यवाद ज्ञापित किया गया तथा उनसे अनुरोध किया गया कि उपर्युक्त परियोजनाओं एवं राज्य में प्रस्तावित अल्ट्रा मेगा पावर प्रोजेक्ट से संबंधित लम्बित सभी मामलों का निष्पादन यथाशीघ्र कराया जाय।
ऊर्जा मंत्री श्री यादव के द्वारा यह भी बताया गया कि राज्य में संचरण व्यवस्था को सुदृढ़ करने की कार्रवाई युद्ध स्तर पर की जा रही है। इस क्रम में राज्य के अन्तर्गत निर्मित बाँका-सुलतानगंज संचरण लाईन (लम्बाई 46.5 कि०मी०) के निर्माण की कार्रवाई पूर्ण की जा चुकी है। इस चुनौतीपूर्ण कार्य के सम्पादन में कुल 25.14 करोड़
की राशि व्यय की गयी है। श्री यादव के द्वारा यह भी बताया गया कि संचरण व्यवस्था सुदृढ़ीकरण के क्रम में पूर्णियाँ-बेगुसराय संचरण लाईन (लम्बाई 183 कि०मी०) का निर्माण कुल 78.60 करोड़ रूपये की लागत से कराये जाने का निर्णय लिया गया हैं।
इस योजना के कार्यान्वयन हेतु निविदा की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है। ऊर्जा मंत्री श्री यादव के द्वारा विशेष रूप से यह बताया गया कि इस संचरण लाईन की लम्बाई अधिक होने के कारण बीच में कोशी क्षेत्र अन्तर्गत मासी में एक ग्रीड सब-स्टेशन 106.99 करोड़ रूपये की लागत से निर्माण की स्वीकृति मंत्रिपरिषद् से प्राप्त हो चुकी है।
श्री यादव के द्वारा सूचित किया गया कि 9-10 अप्रैल, 2015 को गौहाटी में देश के सभी राज्यों के ऊर्जा मंत्रियों का सम्मेलन प्रस्तावित है। इस सम्मेलन में कजरा, पीरपैंती, चैसा थर्मल पावर प्रोजेक्ट एवं अल्ट्रा मेगा पावर प्रोजेक्ट तथा विद्युत प्रक्षेत्र से सम्बन्धित अन्य समस्याओं के त्वरित निष्पादन का अनुरोध केन्द्र सरकार से किया जायगा।

सैनिक कीट का प्रकोप एवं प्रबंधन


Wednesday, 25 March 2015

सिद्धेश्वर प्रसाद सिंह उर्फ सिद्धि बाबू राज्य के जाने -माने अधिवक्ता थे:- मुख्यमंत्री

पटना, 25 मार्च 2015:- पटना उच्च न्यायालय के जाने-माने वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धेश्वर प्रसाद सिंह उर्फ सिद्धि बाबू के निधन पर मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने गहरा शोक एवं दुख व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा कि सिद्धि बाबू जाने-माने दिवानी मामलों के अधिवक्ता थे। वे सरकारी वकील भी रहे थे। उनकी रूचि कला, संस्कृति एवं सामाजिक कार्यों में भी थी। वे बिहार में यूनिसेफ की पटना स्थित सांस्कृतिक इकाई बिहार आर्ट थियेटर के मुख्य संरक्षक भी थे। उनके निधन से न्यायिक जगत एवं सामाजिक क्षेत्र को अपूरणीय क्षति हुयी है।
मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की चिर शांति के लिये ईश्वर से प्रार्थना की तथा शोक संतप्त परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है।


सिद्धेश्वरी बाबू के निधन से बिहार की बड़ी क्षति हुई है - मुख्यमंत्री

पटना, 26 मार्च 2015:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज सुबह पटना उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धेश्वरी प्रसाद सिंह के राजेन्द्र नगर स्थित आवास जाकर उनके पार्थिव शरीर पर माल्यार्पण किया, श्रद्धांजलि अर्पित की तथा उनके निकट संबंधियों के साथ आधे घंटे से अधिक समय रहकर सांत्वना दी तथा उनके व्यक्तित्व, कृतित्व का स्मरण किया। मुख्यमंत्री ने स्व0 सिद्धेश्वरी प्रसाद सिंह के पुत्र यथा श्री नरेश प्रसाद सिंह, श्री शैलेन्द्र प्रसाद सिंह, पुत्र वधु श्रीमती इन्द्रा सिंह, श्रीमती चन्द्रलेखा सिंह, श्रीमती आशा सिंह एवं उनके अन्य निकट संबंधियों से भी मुलाकात की और सिद्धी बाबू से जुड़ी यादों का स्मरण किया।
पत्रकारों से वार्ता करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि सिद्धी बाबू के निधन से बिहार की बड़ी क्षति हुई है। वे जीवन प्रयन्त तक अपना काम करते रहे। अंतिम समय तक सामाजिक जीवन में सक्रिय रहे। सामाजिक कार्यांे में उनकी बेहद दिलचस्पी थी। वे विशिष्ट एवं प्रबुद्ध नागरिक थे। 70 साल से पटना उच्च न्यायालय में वकील थे। पूरी सक्रियता और याददाश के साथ अपना काम करते थे। चैतन्य रहते थे। कई अवसरों पर उनसे मुलाकात होती थी। वे सुझाव देते थे। उनसे मिलने से ऐसा लगता था कि ज्ञानवर्द्धन हो रहा है। मैं उन्हें पूरी श्रद्धा से श्रद्धांजलि अर्पित करता हॅू।


प्रवचन से लोगों के अंदर जो प्रेम की भावना है, वह विकसित होगी, समाज में प्रेेम, भाईचारा की भावना मजबूत होगी:- मुख्यमंत्री

पटना, 25 मार्च 2015:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज गाॅधी मैदान में श्रीमद्भगवत ज्ञान-यज्ञ समारोह का उद्घाटन दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस अवसर पर प्रसिद्ध कथावाचक श्री रमेश भाई जी ने मुख्यमंत्री को फूलों का माला एवं चादर भेंटकर सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री ने श्रीमद्भगवत ज्ञान-यज्ञ उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुये कहा कि अध्यात्मिक सत्संग समिति द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम के लिये समिति के अध्यक्ष एवं तमाम सदस्यों को बधाई देता हूॅ। सात दिनों तक लगातार परम श्रद्धेय महान कथावाचक रमेश भाई जी का कथावाचन होगा। इसका लाभ पटनावासी और बिहारवासी उठायेंगे। पटना की धरती पर श्रद्धेय कथावाचक रमेश भाई जी का स्वागत एवं अभिनंदन करता हूॅ। उनके प्रवचन से लोगों के अंदर जो प्रेम की भावना है, वह मजबूत होगी और समाज में प्रेम, भाईचारा की भावना मजबूत होगी। वे इसी प्रकार राज्य में आते रहें ताकि बिहार के लोग उनके प्रवचन से लाभ उठा सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं यहाॅ स्रोता के रूप में उपस्थित हुआ हूॅ। आप सबको शुभकामना है, आज चैती छठ का प्रथम अघ्र्य है। इस अवसर पर मैं राज्यवासियों एवं आप सबको शुभकामनायें देता हूॅ। आप सब भगवत कथा का आनंद लीजिये, छठ का त्योहार हम सबों के लिये खुशी, समृद्धि का नया विहान लेकर आये, ऐसी मेरी कामना है।
मुख्यमंत्री लगभग डेढ़ घंटा से अधिक समय तक श्रीमद्भगवत ज्ञान-यज्ञ समारोह में उपस्थित रहे और कथावाचक श्रद्धेय रमेश भाई की कथा को गहराई से सुना। इस अवसर पर धार्मिक न्यास परिषद के अध्यक्ष आचार्य किशोर कुणाल, विधान पार्षद श्री रणवीर नंदन, श्री ललन सर्राफ, पूर्व सांसद श्री अर्जुन राय, सामाजिक कार्यकर्ता श्री कमल नोपानी, श्री गोविन्द कनौडिया, श्री अजय गुप्ता, श्री विजय कृष्ण पुरिया, श्री आर0के0 सिन्हा सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।


जश्न-ए-उर्दू समारोह में उर्दू साहित्य के ग्यारह साहित्यकारों को उर्दू पाण्डुलिपि प्रकाशन अन्तर्गत स्वीकृत अनुदान राशि मुख्यमंत्री ने भेंट की

पटना, 25 मार्च 2015:- दो दिवसीय जश्न-ए-उर्दू के उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने राज्य के ग्यारह उर्दू साहित्यकारों, कवियों को उर्दू पाण्डुलिपि प्रकाशन के अन्तर्गत स्वीकृत राशि का चेक भेंट किया। जिन उर्दू साहित्यकारों को अनुदान की राशि दी गई, वे यथा- श्री मोहम्मद मुस्लेहुद्दीन (फुलवारीशरीफ, पटना), डाॅ0 मोहम्मद मजाहिरूल हक (सुलतानगंज, पटना), डाॅ0 मोहम्मद साकिब अनवर (पूर्णिया), श्री मोहम्मद जमालुद्दीन उर्फ जमाल (फुलवारीशरीफ, पटना), श्री मोहम्मद जाकिर (बेतिया), श्री मोहम्मद शहाबुद्दीन (बेलागंज, गया), श्री सदर आलम गौहर (मधुबनी), श्रीमती तहसीन रोजी (सुलतानंज, पटना), श्रीमती तबस्सुम नाज (दरगाह रोड, पटना), डाॅ0 कासिम खुर्शीद (महेन्द्रू, पटना) एवं श्री सैयद अरशद असलम (मुजफ्फरपुर) हैं। अनुदान पाने वाले एक साहित्यकार को 35 हजार रूपये, पाॅच साहित्यकारों को तीस-तीस हजार रूपये, तीन साहित्यकारों को 25-25 हजार रूपये एवं दो साहित्यकारों को 20-20 हजार रूपये अनुदान की राशि का चेक मुख्यमंत्री ने दिया।

हिन्दी के शब्दों से उर्दू अमीर बनती है, उर्दू के शब्दों से हिन्दी आगे बढ़ती है: उर्दू राज्य की दूसरी राजभाषा है, इसमें ताकत है:- मुख्यमंत्री

पटना, 25 मार्च 2015:- हिन्दी के शब्दों से उर्दू अमीर बनती है, उर्दू के शब्दों से हिन्दी आगे बढ़ती है। उर्दू राज्य की दूसरी राजभाषा है, इसकी ताकत का एहसास है। हिन्दी, उर्दू को मिलाकर हिन्दुस्तानी भाषा बोली जाती है। उर्दू शब्द का प्रयोग करते हैं तो सब समझ जाते हैं। उर्दू, हिन्दी फले-फुले, दोनों मिलकर आगे बढ़े। हिन्दी, उर्दू ने मिलकर देश को आजाद कराया। उर्दू के विकास के लिये जो कुछ भी बन पड़ेगा, करेंगे। अपने फर्ज का निर्बाह करेंगे। आज शाम मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार श्रीकृष्ण मेमोरियल हाॅल में दो दिवसीय जश्न-ए-उर्दू का उद्घाटन दीप प्रज्ज्वलित कर कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उर्दू हमारी दूसरी राजभाषा है इसलिये उर्दू जिन परिवारों में परंपरागत रूप से पढ़ी, लिखी एवं बोली जाती है, उसे वहाॅ तक सीमित नहीं रखा जाना चाहिये। उर्दू राज्य की दूसरी राजभाषा है। कोशिश होनी चाहिये कि हर कोई जो उर्दू जानना एवं सीखना चाहे तो उसे पढ़ाने की व्यवस्था होनी चाहिये। उर्दू शब्द का प्रयोग करते हैं तो सब समझ जाते हैं, उर्दू भाषा में मिठास है। उर्दू और हिन्दी दोनों बहनें हैं, दोनों में कोई विवाद नहीं है। दोनों को मिलाकर न बोलें तो जानदार तरीके से नहीं बोल सकते हैं। उर्दू भाषा और शायरी में दम होता है। काश हमें भी उर्दू भाषा की इतनी जानकारी होती कि हम भी उर्दू भाषा में अपनी बातों को मजबूती से रख पाते, इसका मलाल है। उर्दू का जश्न मनाइये, आप सबको जश्न-ए-उर्दू मुबारक हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उर्दू के विकास के लिये उनकी सरकार तत्पर है और हमने तय कर दिया था कि उर्दू शिक्षकों के रिक्त पदों को भरा जाय। उर्दू अनुवादकों के खाली रिक्त पदों को भरा जाय। मुझे बताया गया है कि उर्दू अनुवादक के तीन सौ खाली पदों को अवर सेवा आयोग में भरने के लिये अधियाचना भेजी जा चुकी है। नियुक्ति की कार्रवाई भी आगे बढ़ गयी है। बी0ए0 स्टैंडर्ड की परीक्षा हो चुकी है, आई0ए0 स्टैंडर्ड की होने वाली है। हमने निर्देश दिया है कि जो पद स्वीकृत था, पहले उसको भर दिया जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि उर्दू शिक्षकों की नियुक्ति के लिये पैमाना तय कर दिया था। क्या काबिलियत एवं योग्यता होगी, इसे तय करना पड़ता है। नियुक्ति में देर हो रही है, इसका कारण पैमाना के अनुसार अभ्यर्थी पूरी संख्या में नहीं मिल पा रहे हैं, जिस कारण पैमाना में परिवर्तन करना पड़ा और अर्हता को कम करना पड़ा। यह साबित करता है कि लोगों के मन में बैठ गया कि उर्दू पढ़ने से लाभ नहीं है इसलिये उर्दू पढ़ना बंद कर दिया या कम कर दिया। उर्दू पढ़ना चाहिये। अनुमण्डल, जिला एवं राज्य स्तर पर उर्दू जानकारों की जरूरत होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के कार्यालयों में उर्दू लिखे आवेदनों को लिये जायेंगे। उर्दू में लिखे दस्तावेजों का जवाब जितना संभव हो सके, उर्दू में दिया जाय। निबंधन कार्यालय में उर्दू में दस्तावेज स्वीकार होने चाहिये। यदि थानों में उर्दू में शिकायत की जाय तो एफ0आई0आर0 उर्दू में दर्ज होने चाहिये। पहले से हमने सब कार्रवाई प्रारंभ प्रारंभ कर दी है। राजभाषा विभाग में उर्दू निदेशालय बनाया, निदेशक उर्दू को भी विभागाध्यक्ष का दर्जा दिया। उर्दू के विकास एवं संवर्द्धन के लिये लगातार हमारी सरकार प्रयत्नशील है। इतना से संतोष नहीं करेंगे।
समारोह की अध्यक्षता अमिर-ए-शरीयत हजरत मौलाना निजामुद्दीन ने किया और कहा कि किसी जुबान को जिन्दा रखने के लिये इसे तालिमी अदारों से जोड़कर उसे मुनासिब मुकाम दिया जाय। छोटे बच्चों से बड़े बच्चों तक को उर्दू से नहीं जोड़ा जायेगा, तब तक इसके दूसरे जुबान का दर्जा दिये जाने का लाभ नहीं मिलेगा। उर्दू साहित्य, साहित्यकार, कवियों एवं उर्दू पत्रकारिता को प्रोत्साहित करने की जरूरत है। उर्दू को प्यार करने वाले खुद उर्दू नहीं पढ़ेंगे तो उर्दू का विकास कैसे होगा। उर्दू प्रेमी इस पर ध्यान दें और अपने बच्चों को उर्दू पढ़ायें। उर्दू जिन्दा है और जिन्दा रहेगी।
डाॅ0 अख्तरूल वासे ने जश्न-ए-उर्दू के आयोजन के लिये मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार को मुबारकवाद दिया और कहा कि तीस साल पहले उर्दू को दूसरी राजभाषा का दर्जा मिला था। इसके लिये उन्होंने स्व0 गुलाम सरवर, शाह मोहम्मद मुस्ताक, हारून रसीद, मोइन अंसारी इत्यादि उर्दू आन्दोलन के नेताओं को याद किया और उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि बिहार के लिये जो मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने नजरिया पेश किया है, जिसकी वजह से लोगों की उम्मीदें उनसे जुड़ गयी है। उन्होंने उर्दू के विकास के लिये उर्दू के इस्तेमाल को जमीनी स्तर पर दिखाये जाने की आवश्यकता बतायी और कहा कि इससे संवाद में बाधा की समस्या खत्म होगी। उन्होंने कहा कि उर्दू से मुसलमानों को जोड़ना उचित नहीं है। उर्दू का रिश्ता गैर मुस्लिमों से ज्यादा है। जुबानों का रिश्ता मजहब से नहीं जोड़ा जाय। हिन्दी के इतिहास में मुसलमान कवि, शायर, साहित्यकारों को भुलाया नहीं जा सकता।
इस अवसर पर सज्जादानशीं मितनघाट प्रो0 मौलाना सैयद शमीम मोनमी ने भी अपने विचारों को रखा और कहा कि उर्दू के माध्यम से उर्दू दां ने दुनिया को जाना और पहचाना। बिहार में सबसे ज्यादा उर्दू पढ़ी, बोली एवं लिखी जाती है। उर्दू पत्र-पत्रिका का सबसे बड़ा बाजार बिहार है। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में उर्दू के विकास के लिये किये जा रहे कार्यों की भी चर्चा की।
इस अवसर पर अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री श्री नौशाद आलम, पर्यटन मंत्री श्री जावेद इकबाल अंसारी, खाद्य आपूर्ति मंत्री श्री श्याम रजक, उप सभापति बिहार विधान परिषद श्री सलिम परवेज, प्रो0 अब्ुदल मन्नान तरजीह, अदारे शरिया के नाजिम हाजी सनाउल्लाह, पूर्व सुन्नी वक्फ बोर्ड अध्यक्ष श्री मोहम्मद इरशादुल्लाह, सम्पादक कौमी तंजिम श्री अशरफ फरीद, विधायक डाॅ0 इजहार अहमद, विधायक श्री सरफराज आलम, उपाध्यक्ष जमायत-ए-उलमा श्री हुस्न अहमद कादरी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री डी0एस0 गंगवार, प्रधान सचिव सामान्य प्रशासन श्री आमिर सुबहानी सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। स्वागत भाषण प्रधान सचिव मंत्रिमण्डल श्री बी0 प्रधान ने किया तथा मुख्यमंत्री एवं अन्य विशिष्ट अतिथियों को अंगवस्त्र एवं पुष्प-गुच्छ भेंटकर सम्मानित किया।
इस अवसर पर अखिल भारतीय मुशायरा का भी आयोजन हुआ, जिसमें देश के नामचीन उर्दू शायर नदा फाजली, मुनव्वर राणा, वसिम बै्रलवी, सुलतान अख्तर, अना देहलवी, सबिना अदीब सहित अन्य नामचीन कवियों ने अपनी ताजा गजलें सुनायी। श्रोताओं ने कवियों को ताली की गड़गड़ाहट से सराहा।


मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने सैकड़ों लोगों की समस्याओं को सुनकर उसके त्वरित निष्पादन का निर्देश दिये

पटना, 25 मार्च 2015:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार आज अपने आवास 7 सर्कूलर रोड में  राज्य के विभिन्न कोने से बड़ी संख्या में आये हुये सैकड़ों राजनीतिक, सामाजिक कार्यकर्ता, शुभचिंतक, पार्टी कार्यकर्ता एवं आम नागरिकों से मुलाकात की तथा उनकी समस्याओं को सुनकर समस्याओं के त्वरित निष्पादन का निर्देश संबंधित वरीय पदाधिकारियों को दिया। इस अवसर पर आये हुये सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ताओं एवं आम नागरिकों ने मुख्यमंत्री के तेजस्वी नेतृत्व में आस्था व्यक्त की। लोगों ने विश्वास व्यक्त किया कि मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार प्रगति की शिखर पर पहॅुचेगा तथा अपने गौरवमयी अतीत को प्राप्त करेगा।
मुख्यमंत्री ने बारी-बारी से सभी लोगों के समक्ष जाकर उनका अभिवादन स्वीकार किया तथा उनकी समस्याओं को गंभीरतापूर्वक सुनकर समस्याओं के निदान के लिए वरीय अधिकारियों को निर्देश दिया। सामाजिक कार्यकर्ता डाॅ0 सुनील कुमार ग्राम-अबगील, रामपुर, प्रखण्ड-सर्यूगढ़ा, जिला- लखीसराय ने मुख्यमंत्री से मानिकपुर हाई स्कूल के गोल्डन जुबली समारोह का उद्घाटन तथा अबगीला रामपुर नदी पर पुल के शिलान्यास करने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने आप्त सचिव श्री नौशाद युसुफ को आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया। नीता कश्यप, अनीता कुमार, अखिलेश कुमार, सभी बर्खास्त सिपाही भागलपुर एवं दानापुर ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि सिपाही के पद पर पुनर्नियुक्ति किया जाये। मुख्यमंत्री ने पुलिस महानिदेशक श्री पी0के0 ठाकुर को नियमानुसार कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
श्री रमेश कुमार, कचंनपुर, फतुहा ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि जमीन के विवाद में डी0एस0पी0 के सुपरवीजन में मुदालय की स्वीकारोक्त के बयान के आधार पर निर्दोष को फंसा दिया गया है। मुख्यमंत्री ने वरीय आरक्षी अधीक्षक को आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया। इन्द्रभूषण प्रसाद सिंह, गेपालपुर, प्रखण्ड- रतनी फरीदपुर ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि उनके गाॅव में सड़क, बिजली एवं हाई स्कूल नहीं है। उन्होंने गाॅव में सड़क बिजली एवं हाई स्कूल के लिए मुख्यमंत्री से अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने प्रधान सचिव श्री धर्मेन्द्र सिंह गंगवार को निर्देश दिया कि प्रधान सचिव पथ निर्माण, सचिव विद्युत एवं प्रधान सचिव श्री शिक्षा को आवश्यक कार्रवाई हेतु निर्देश दें। जदयू नेत्री श्रीमती कुमुद वर्मा ने मुख्यमंत्री ने अनुरोध किया कि उनके पति श्री अभिजात वर्मा मगध विश्वविद्यालय में डिग्री होल्डर सिविल ंइजनीयिर है। आज तक उनका पदोन्नति नहीं हुआ है। मुख्यमंत्री ने प्रधान सचिव शिक्षा को आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया। श्री यागेन्द्र ओझा, प्रेम कुमार ओझा, ग्राम-महिला, थाना-ईटारी, जिला- बक्सर ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि वे लोग राज्य खाद्य निगम के केन्द्र पर सीधे धान देना चाहते है। राज्य खाद्य निगम हमलोगों की धान नहीं खरीद रहा है। पैक्स अध्यक्ष के साथ हमलोगों का झगड़ा चल रहा है। इसलिये  हमलोग राज्य खाद्य निगम को सीधा धान देना चाहते है। मुख्यमंत्री ने प्रधान सचिव खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण को आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री डी0एस0 गंगवार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री चचंल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अतीश चन्द्रा, सचिव खाद्य उपभोक्ता श्री पंकज कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्यपदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, जिला पदाधिकारी पटना श्री अभय कुमार सिंह, वरीय पुलिस अधीक्षक श्री जितेन्द्र राणा सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे।


मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने स्व0 पंडित रामानन्द तिवारी जी को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की

पटना, 25 मार्च 2015:- आज स्व0 पंडित रामानन्द तिवारी की जयंती के अवसर पर आयोजित राजकीय समारोह में मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने गाॅघी मैदान पटना के उत्तर पश्चिम कोने पर स्थित उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
इस अवसर पर मंत्री खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण श्री श्याम रजक, जे0पी0 स्वतंत्रता सेनानी बोर्ड के अध्यक्ष श्री मिथिलेश सिंह, महासचिव राज्य नागरिक परिषद श्री छोटू सिंह, जदयू नेता श्री यशवंत सिंह सलूजा, जदयू नेता श्री शिवशंकर निषाद, जदयू नेता श्री अरविन्द निषाद, जदयू नेता श्री मुकेश सिंह, जिला जदयू अध्यक्ष श्री दिनेश गुप्ता सहित अनेक गणमान्य लोगों ने भी उनके प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी।
इस अवसर पर सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग के कलाकारों द्वारा आरती पूजन, भजन, कीर्तन एवं देशभक्ति गीत के कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये।




मुख्यमंत्री ने चैती छठ की शुभकामना प्रदेश एवं देशवासियों को दी

पटना, 24 मार्च 2015:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने चैती छठ के अवसर पर प्रदेश एवं देशवासियों को हार्दिक शुभकामनायें एवं बधाई दी। उन्होंने कहा कि छठ का त्योहार पवित्रता एवं महान आस्था का पर्व है। इस अवसर पर श्रद्धालू भगवान भाष्कर को अघ्र्य अर्पित करते हैं और समस्ता मानव जाति के कल्याण के लिये मंगल कामना करते हैं। उन्होंने आशा व्यक्त किया कि छठ का यह त्योहार हम सबके जीवन में सुख, शान्ति एवं समृद्धि की नई किरण को लायेगा।
मुख्यमंत्री ने इस महान पर्व को शान्ति, सौहार्द्र के साथ मनाये जाने की अपील की है तथा छठव्रतियों को हरसंभव सहायता देने की भी अपील राज्यवासियों से की है ताकि छठव्रती इस आस्था के कठिन पर्व को पवित्रता के साथ सम्पन्न कर सकें।



मुख्यमंत्री ने पूर्व विधान पार्षद रामेश्वर राय के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की

पटना, 24 मार्च 2015:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने पूर्व विधान पार्षद रामेश्वर राय के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की।
मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा कि वे एक प्रख्यात समाजसेवी एवं प्रसिद्ध राजनेता थे। उनके निधन से न केवल सामाजिक बल्कि राजनीति के क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुयी है।
मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की चिर शान्ति तथा उनके परिजनों, अनुयायियों एवं प्रशंसकों को दुःख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है।


लोक आस्था का पर्व चैती छठ महाव्रत के दूसरे दिन मुख्यमंत्री ने श्री नन्दकिशोर कुशवाहा के यहाॅ जाकर खरना का महाप्रसाद ग्रहण किया

पटना, 24 मार्च 2015:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज लोक आस्था का पर्व चैती छठ महाव्रत के दूसरे दिन अनिसाबाद स्थित श्री नन्दकिशोर कुशवाहा सदस्य बिहार राज्य खाद्य आयोग के आवास पर जाकर खरना के अवसर पर चैती छठी मइया को प्रणाम किया तथा राज्य की सुख, समृद्धि एवं शांति की कामना की। उन्होंने खरना का महाप्रसाद ग्रहण किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के अलावे पथ निर्माण मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, निबंधन, उत्पाद एवं मद्य निषेध मंत्री श्री अवधेश प्रसाद कुशवाहा, लघु जल संसाधन मंत्री श्री मनोज कुमार, विधायक श्री सतीश कुमार, विधान पार्षद श्री राजकिशोर कुशवाहा, विधान पार्षद श्री रणवीर नंदन, विधान पार्षद श्री संजय सिंह, अध्यक्ष बिहार राज्य खाद्य आयोग श्री अता करीम, महासचिव राज्य नागरिक परिषद श्री छोटू सिंह, सदस्य बिहार राज्य खाद्य आयोग श्री राम नरेश मालाकार, जदयू नेता श्री कुलवंत सिंह सलूजा, जदयू नेता ई0 प्रभु दयाल प्रसाद एवं अनेक सामाजिक तथा राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने भी खरना का महाप्रसाद ग्रहण किया।
श्री नन्दकिशोर कुशवाहा सदस्य राज्य खाद्य आयोग की धर्मपत्नी श्रीमती अन्नपूर्णा देवी लोक आस्था का पर्व चार दिवसीय चैती छठ महाव्रत करती हैं। 

Tuesday, 24 March 2015

महावीर जयंती के अवसर पर ‘‘पूर्ण अहिंसा दिवस’’ घोषित

पटना, 24 जनवरी 2015:- महावीर जयंती के अवसर पर, राज्य में ‘‘पूर्ण अहिंसा दिवस’’ घोषित है। उक्त अवसर पर पूरे राज्य में सभी प्रकार के पशु-पक्षी वधशालयें तथा मांस, मछली आदि की दुकानों को पूर्ण रूप से बंद रहेंगे। उक्त जानकारी सचिव, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग द्वारा दी गयी है।
इस वर्ष भगवान महावीर जयंती 02 अप्रील, 2015 को मनाया जायेगा। उक्त दिवस को ‘‘निरामिष दिवस’’ के रूप में मनाने के लिए आम जनता के बीच व्यापक प्रचार प्रसार करने हेतु बिहार के सभी प्रमंडलीय आयुक्त, सभी जिला पदाधिकारी एवं सभी पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखा गया है।

Monday, 23 March 2015

मुख्यमंत्री ने पूर्व विधायक विश्व मोहन भारती के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की

पटना, 23 मार्च 2015:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने पूर्व विधायक विश्वमोहन भारती के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की।
मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा कि वे एक प्रसिद्ध समाजसेवी एवं प्रख्यात राजनेता थे। उनके निधन से न केवल सामाजिक बल्कि राजनीति के क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुयी है।
मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की चिर शान्ति तथा उनके परिजनों, अनुयायियों एवं प्रशंसकों को दुःख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है।


बिहार के हक की आवाज उठा रहा हूँ, बिहार के हित में भाजपा भी साथ दे:- मुख्यमंत्री

पटना, 23 मार्च 2015:- आज राजकीय अतिथिशाला में मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक हुयी। सर्वदलीय बैठक में मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के अलावे वित मंत्री श्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव, संसदीय कार्य मंत्री श्री श्रवण कुमार, राजद नेता श्री अब्दुलबारी सिद्दीकी, काॅग्रेस नेता श्री सदानंद सिंह, राजद नेता श्री भोला यादव, जदयू नेता श्री संजय कुमार सिंह उर्फ गाॅधी जी, काॅग्रेस नेता श्री मदन मोहन झा, सी0पी0आई0 नेता श्री अवधेश राय, सी0पी0आई0 नेता श्री केदारनाथ पाण्डेय, मुख्य सचिव श्री अंजनी कुमार सिंह, प्रधान सचिव वित श्री रामेश्वर प्रसाद सिंह, प्रधान सचिव योजना एवं विकास डाॅ0 दीपक कुमार, प्रधान सचिव संसदीय कार्य श्री अरूण कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री डी0एस0 गंगवार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अतीश चन्द्रा, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह उपस्थित थे।
सर्वदलीय बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते ुहये मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने कहा कि 14वें वित आयोग की सिफारिश को केन्द्र सरकार के द्वारा स्वीकार करने के उपरान्त जो बिहार के संदर्भ में परिस्थिति उत्पन्न हुयी है, उस पर विमर्श करने के लिये विधानमण्डल के दोनों सदनों के नेताओं की बैठक बुलायी गयी और इस बैठक में चार दलों-जदयू, काॅग्रेस, राजद एवं सी0पी0आई0 शामिल हुये। भाजपा के प्रतिनिधि इस बैठक में शामिल नहीं हुये। कल वित मंत्री और संसदीय कार्य मंत्री ने भाजपा नेताओं से सम्पर्क किया था और पत्र लिखकर बैठक में आने के लिये आमंत्रित किया गया था। बैठक में इस बात का उल्लेख था कि किस मुद्दे पर बैठक हो रही है। अचानक उनलोगों के रूख से मालूम हुआ कि बैठक में नहीं आयेंगे। बैठक में उनलोगों के आने का कोई औचित्य नहीं है लेकिन निर्णय तो किसी भी दल का अपना होता है। हम सभी लोग इस बात को लेकर दुखी हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बैठक में 14वें वित आयोग के सिफारिश के बाद हमें क्या नुकसान हुआ, उसका जिक्र किया गया है और आॅकड़े के साथ टिप्पणी भी। सर्वसम्मति से यह निर्णय हुआ कि नये सिरे से केन्द्र सरकार को बिहार के नुकसान की भरपाई के लिये पत्र लिखेंगे। उन्होंने कहा कि जब वित आयोग की सिफारिश आयी थी तो 26 फरवरी को हमने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा। 14वें वित आयोग की सिफारिश के चलते बिहार को क्या नुकसान हुआ है और बिहार जैसे राज्य पर अलग से ध्यान रखने की वकालत हमने प्रधानमंत्री जी से की। 26 फरवरी के शाम में केन्द्रीय वित मंत्री से मिले थे और उनको भी हमने माननीय प्रधानमंत्री जी को जो पत्र भेजा था, उसकी प्रति सौंप दी और उन्होंने बजट भाषण में जिक्र किया था कि आॅध्रप्रदेश के तर्ज पर बिहार और पश्चिम बंगाल को सुविधा प्रदान करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन सभी विषयों पर सर्वदलीय बैठक में चर्चा हुयी। यह निर्णय लिया गया कि इस आलोक में एक विस्तृत पत्र प्रधानमंत्री को भेजा जाय। उन्होंने कहा कि 14वें वित आयोग के अनुशंसा के तहत राज्यों के अंतरण को 32 प्रतिशत से बढ़ाकर 42 प्रतिशत कर दिया गया किन्तु यह बढ़त मात्र कम्पोजिशनल शिफ्ट है। इस संबंध में भारत सरकार के वर्ष 2014-15 के बजट में कुल केन्द्रीय करों में राज्यों को 382215 करोड़ रूपये हस्तांतरण का प्रस्ताव था, जो वर्ष 2015-16 के लिये 523958 करोड़ रूपये प्रस्तावित है अर्थात 141743 करोड़ रूपये की वृद्धि हो रही है परन्तु दूसरी तरफ भारत सरकार ने राज्यों को राज्य योजनाओं में केन्द्रीय सहायता के रूप में वर्ष 2014-15 में 338408 करोड़ रूपये की बजटीय सहायता दी थी, जो वर्ष 2015-16 में 204784 करोड़ रूपये निर्धारित की गयी है। 133624 करोड़ रूपये की कटौती हो रही है। इस कटौती से बिहार जैसे पिछड़े राज्य को ज्यादा नुकसान हो रहा है क्योंकि पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि को अगले वितीय वर्ष से बंद कर दिया गया है। 2015-16 में बजट के लिये संसाधनों का जो आकलन किया था, उसमें केन्द्रीय करों के हिस्से के रूप में 48118 करोड़ रूपये, जो वर्ष 2014-15 के केन्द्रीय बजट के प्रावधान के ऊपर 15 प्रतिशत जोड़कर निर्धारित किया गया था। इसके अलावा राज्य योजना तथा केन्द्र प्रायोजित योजनाओं के लिये केन्द्र सरकार से मिलने वाली राशि का आकलन वर्ष 2014-15 के ऊपर 10 प्रतिशत जोड़कर किया गया था। इस आकलन के आधार पर 27495 करोड़ रूपये की प्राप्ति भारत सरकार से योजना मद में अनुमानित थी। केन्द्रीय बजट वर्ष 2015-16 में राज्य योजना एवं केन्द्र प्रायोजित योजनाओं में प्राप्त होने वाली राशि कम हो रही है। अनुमान है कि अब कुल 27494 करोड़ रूपये से घटकर मात्र 15121 करोड़ रूपये ही प्राप्त होंगे। यदि इन योजनाओं को इसी स्केल पर चलना है तो राज्य सरकार को 12300 करोड़ रूपये की व्यवस्था करनी होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 14वें वित आयोग के अनुशंसा पर राज्यों की हिस्सेदारी 32 प्रतिशत से 42 प्रतिशत होने के बाद बिहार को 50748 करोड़ रूपये की प्राप्ति अनुमानित है। इस प्रकार शुद्ध वृद्धि के मामले में लगभग (50748-48118) 2500 करोड़ रूपये की है, जबकि योजना सहायता में लगभग 12300 करोड़ रूपये की कमी हो रही है। अतः वर्ष 2015-16 के योजना आकार में लगभग 10 हजार करोड़ (12300-2500) रूपये की कटौती होगी। पाॅच वर्षाें में यह कटौती 50000 करोड़ रूपये की होगी। इसकी प्रतिपूर्ति केन्द्र सरकार करे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय समविकास योजना के समाप्त हो जाने के उपरान्त 12वीं पंचवर्षीय योजना के लिये भारत सरकार द्वारा विशेष सहायता को आगे जारी रखते हुये पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि के माध्यम से स्पेशल प्लान अन्तर्गत 12000 करोड़ रूपये की निधि स्वीकृत की गयी है। केन्द्रीय बजट के अनुसार अगले वितीय वर्ष से पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि को बंद कर दिया गया है। अतः बिहार को दूसरे माध्यम से 12000 करोड़ रूपये की सहायता मिलनी चाहिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 14वंे वित आयोग की सिफारिशें एवं केन्द्रीय बजट के कारण कुल अंतरण में कमी और इससे संबंधित प्रति वर्ष होने वाली आनुपातिक वृद्धि की परिणामी कमी की भरपाई बिहार को भौतिक एवं सामाजिक आधारभूत संरचना के विकास के लिये अलग से आवश्यकता आधारित अनुदान के रूप में सहायता देकर की जाय। उन्होंने कहा कि बिहार के हित में राज्य सरकार के तरफ से ज्ञापन के शक्ल में विस्तृत पत्र भेजा जायेगा। उन्होंने कहा कि बिहार के हित के प्रश्न पर भाजपा को अडि़यल रूख नहीं अपनाना चाहिये। उन्होंने भाजपा से पुनः आग्रह किया कि बिहार हित के प्रश्न पर नकारात्मक रवैया नहीं अपनायें। हम अपने हक के पक्ष में नुकसान की भरपाई की माॅग कर रहे हैं। भाजपा को नकारात्मक रवैया त्याग कर एक साथ मिलकर बिहार के हित में काम करना चाहिये। अगर हम सब मिलकर वित आयोग के समक्ष संयुक्त ज्ञापन दे सकते हैं तो 14वें वित आयोग की सिफारिशों को केन्द्र सरकार द्वारा स्वीकार करने के उपरान्त बिहार को जो नुकसान हुआ है, उस पर संयुक्त रूप से विमर्श कर बिहार के नुकसान की भरपाई की माॅग केन्द्र सरकार से क्यों नहीं कर सकते।


दो दिवसीय जश्न-ए-उर्दू 25 एवं 26 मार्च को मनाया जायेगा

पटना, 23 मार्च 2015:- प्रधान सचिव मंत्रिमण्डल समन्वय श्री बी0 प्रधान ने बताया कि दो दिवसीय जश्न-ए-उर्दू 25 एवं 26 मार्च को श्रीकृष्ण मेमोरियल हाॅल में आयोजित है। इस समारोह का उद्घाटन मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के कर कमलों द्वारा सम्पन्न होगा। श्री बी0 प्रधान ने बताया कि 25 मार्च के संध्या 6 बजे से श्रीकृष्ण मेमोरियल हाॅल में अखिल भारतीय मुशायरा एवं 26 मार्च को संध्या 6 बजे से शाम-ए-गजल का विराट आयोजन किया गया है। इन कार्यक्रमों में देश के नामचीन साहित्यकार एवं शायर सम्मिलित होंगे। जश्न-ए-उर्दू के अवसर पर कई साहित्य परिचर्चा, सेमिनार के साथ अन्य कई आकर्षक कार्यक्रमों का आयेाजन भी है। श्री प्रधान ने तमाम उर्दू प्रेमियों से अपील की है कि वे इस दो दिवसीय जश्न-ए-उर्दू के कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति देकर कार्यक्रम को सफल करें।

Education reforms..


अपराधी, शरारती एवं दबंग प्रवृत्ति के लोगों पर कड़ी नजर रखी जाय:- मुख्यमंत्री

पटना, 23 मार्च 2015:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार से आज उनके आवास पर राज्य के विभिन्न कोने से बड़ी संख्या में आये राजनीतिक, सामाजिक कार्यकर्ता, शुभचिंतक, पार्टी कार्यकर्ता एवं आम नागरिकों ने मुलाकात की तथा मुख्यमंत्री के तेजस्वी नेतृत्व में आस्था व्यक्त की और आशा व्यक्त किया कि मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य प्रगति की ऊॅचाई को छुयेगा और अपने गौरवमयी अतीत को प्राप्त करेगा।
मुख्यमंत्री ने बारी-बारी से तमाम लोगों से उनके समक्ष जाकर उनका अभिवादन स्वीकार किया और उनकी समस्याओं को गंभीरता से सुनकर उनकी समस्याओं के निदान के लिए वरीय अधिकारियों को निदेश दिया। मुख्यमंत्री को कई शिकायतकर्ताओं ने दबंग प्रवृति के लोगों द्वारा उनके जमीन का अतिक्रमण कर लिये जाने, रास्त को अवरूद्ध करने इत्यादि की भी शिकायत की। मुख्यमंत्री ने ऐस सभी शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई करने का पुलिस अधिकारियों को निदेश दिया और कहा कि अपराधी, शरारती एवं दबंग प्रवृति के लोगों पर कड़ी नजर रखी जाये ताकि वे किसी गरीब एवं असहाय को प्रताडि़त न कर सके। मुख्यमंत्री को एक व्यक्ति ने बताया कि सड़क चैड़ीकरण किये जाने के क्रम में उनको दिया गया इंदिरा आवास टूट गया है और वे भवनहीन हो गये है। मुख्यमंत्री ने इस मामले की छानबीन कराकर समुचित कार्रवाई कराये जाने का निदेश दिया। मुख्यमंत्री से मुलाकात के क्रम में विभिन्न क्षेत्रों से कुछ युवकों के गुमशुदगी की सूचना भी दी गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुमशुदगी के कारणों एवं संदिग्ध व्यक्ति की सूचना पुलिस को दी जाये। पुलिस ऐसे मामलों पर त्वरित कार्रवाई की गुमशुदा लोगों की तालाश करायी जा सके।
कुछ पैक्सों द्वारा धान अधिप्राप्ति में अनियमितता बरते जाने तथा जनवितरण प्रणाली की दुकानों से खाद्यान समय पर नहीं मिलने की भी शिकायत कुछ लोगों ने की। मुख्यमंत्री ने इन सभी प्राप्त शिकायतों को गंभीरता से सुनने के लिए सचिव खाद्य उपभोक्ता संरक्षण श्री पंकज कुमार को निदेश दिया। मुलाकात के क्रम में कई लोगों ने अपनी पारिवारिक एवं सामाजिक कठिनाईयों से भी मुख्यमंत्री को अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका प्रयास है कि हर गाॅव टोले को पक्की सड़क से जोड़कर वहाॅ पर आवागमन की सुविधा बढ़ाई जाई। गाॅव में सभी तरह की आवश्यक सुविधायें सुलभ हो। इसके लिए भी सरकार प्रयत्नशील है। कई ग्रामवासियों ने कुछ नये सड़कों के निर्माण, ग्रामीण सड़कों के मरम्मति की आवश्यकता मुख्यमंत्री को बताई। मुख्यमंत्री ने ऐसे सभी मामलों पर विचार करने के लिए ग्रामीण कार्य मंत्री श्री श्रवण कुमार को आवश्यक कार्रवाई करने के लिए कहा। वेटेनरी डाॅक्टर, डेन्टल डाॅक्टरों ने भी अपनी नियुक्ति से संबंधित मांगों को मुख्यमंत्री के समक्ष रखा और मुख्यमंत्री ने सभी मांगों पर गहराई से विचार करने के लिए उच्च अधिकारियों को निदेश दिया। सिंचाई से संबंधित कई मामले भी मुख्यमंत्री के समक्ष आये। ऐसे मामलों पर भी त्वरित कार्रवाई का निदेश मुख्यमंत्री ने दिया। राइस मिलर्स ऐसोसिएसन का शिष्टमंडल भी मुख्यमंत्री से मिला और अपनी समस्याओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराया।
कतर से आये एक बिहारी एन0आर0आई0 श्री शकिल काकवी ने भी मुख्यमंत्री से मुलाकात की, उन्हें प्रतीक चिन्ह् भेंटकर सम्मानित किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री डी0एस0 गंगवार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री चचंल कुमार, सचिव खाद्य उपभोक्ता श्री पंकज कुमार, जिला पदाधिकारी पटना श्री अभय कुमार सिंह, वरीय पुलिस अधीक्षक श्री जितेन्द्र राणा सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे।


शहीद-ए-आजम सरदार भगत सिंह को शत्-शत् नमन

 पटना, 23 मार्च 2015:- शहीद-ए-आजम सरदार भगत सिंह के शहादत दिवस पर उन्हें शत्-शत् नमन किया गया। उनकी अमर कुर्बानियों को यादकर उन्हंे श्रद्धा-सुमन अर्पित की गयी।
  शहीद-ए-आजम के शहादत दिवस पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए मुख्य राजकीय समारोह का आयोजन पटना के गाॅधी मैदान के निकट शहीद-ए-आजम भगत सिंह के प्रतिमा स्थल  प्रांगण में आयोजित किया गया, जहाॅ पर मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार, खाद्य आपूर्ति मंत्री श्री श्याम रजक, महासचिव राज्य नागरिक परिषद श्री छोटू सिंह, सामाजिक कार्यकत्र्ता यथा श्री कुलवंत सिंह सलुजा, श्री अजय कुमार, श्री मुकेश कुमार सिंह, श्री चन्देश्वर प्रसाद सिंह, सहित अनेकों सामाजिक, राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने शहीद-ए-आजम की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हे श्रद्धांजलि अर्पित की तथा उन्हे शत्-शत् नमन किया।
इस अवसर पर सशस्त्र पुलिस बल द्वारा शोक सलामी अर्पित कि गयी तथा उपस्थित लोगो ने दो मिनट का मौन रखकर शहीद-ए-आजम स्व0 भगत सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की।

समाजवाद आन्दोलन के प्रखर नेता डाॅ0 राममनोहर लोहिया याद किये गये

पटना, 23 मार्च 2015:- समाजवाद आन्दोलन के प्रखर नेता डाॅ0 राममनोहर लोहिया को आज उनकी जयंती पर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गयी। जगह-जगह पर समारोह आयोजित कर समाजवादी नेता डाॅ0 राम मनोहर लोहिया को नमन किया गया, उन्हें श्रद्धाजंलि आर्पित की गयी।
पटना राजधानी में आज स्व0 राममनोहर लोहिया को श्रद्धाजंलि अर्पित करने के लिए राजकीय जयंती सामारोह का आयोजन लोहिया उद्यान, लोहिया नगर, कंकडबाग में किया गया, जहाॅ पर मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार, खाद्य आपूर्ति मंत्री श्री श्याम रजक, पूर्व मंत्री एवं वरीय उपाध्यक्ष राज्य नागरिक परिषद श्री भोला प्रसाद सिंह, सांसद श्री राम नाथ ठाकुर, विधान पार्षद श्री संजय सिंह, महासचिव नागरिक परिषद श्री छोटू ंिसंह, सामाजिक कार्यकर्ता यथा- श्री चन्देश्वर प्रसाद सिंह, श्री दिनेश गुप्ता, श्री अजय कुमार, श्री अजय गुप्ता, श्री मुकेश कुमार सिंह, अरूण कुमार यादव, सहित अनेकों सामाजिक, राजनीतिक कार्यकता तथा गणमान्य व्यक्तियांे ने स्व0 राम मनोहर लोहिया की आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हे नमन किया तथा सपुष्प श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग के कलाकारों ने देशभक्ति गीतों का गायन किया तथा आरती पूजन की।

मुख्यमंत्री ने बिहार दिवस के अवसर पर बिहार राज्य महिला सशक्तिकरण नीति- 2015 का सूत्रण किया

पटना, 22 मार्च 2015:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज ऐतिहासिक गाॅधी मैदान पटना में बिहार दिवस के अवसर पर बिहार राज्य महिला सशक्तिकरण नीति- 2015 का सूत्रण किया। उन्होंने बिहार दिवस के अवसर पर इसकी घोषणा करते हुये कहा कि प्रख्यात समाजवादी राम मनोहर लोहिया के जन्म दिवस एवं भगत सिंह के शहादत दिवस के पूर्व संध्या पर बिहार राज्य महिला सशक्तिकरण नीति- 2015 का सूत्रण करते हुये अपार आनंद का अनुभव हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह महिला सशक्तिकरण नीति विभिन्न ढ़ांचागत एवं संस्थागत बाधाओं को दूर कर सभी महिलाओं की संसाधनों तक पहुॅच एवं विकास की मुख्य धारा में भागीदारी को सुनिश्चित करेगा। उन्होंने कहा कि 2005 में ही जब हमारी सरकार बनी तो महिला सशक्तिकरण के लिये हमने पंचायती राज एवं त्रिस्तरीय नगर निकाय चुनावों में महिलाओं को पचास प्रतिशत आरक्षण दिया। साथ ही साथ सहकारी संस्थाओं में भी महिलाओं को पचास प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। भारतीय संविधान में यह लिखा हुआ है कि कम से कम एक तिहाई आरक्षण महिलाओं को दिया जाय। बिहार पहला राज्य बना, जिसने पंचायती राज चुनाव एवं नगर निकाय चुनावों में महिलाओं को पचास प्रतिशत आरक्षण दिया। परिणाम स्वरूप पचास प्रतिशत से अधिक महिलायें पंचायती राज एवं नगर निकाय चुनावों में जीत कर आयी। उन्होंने कहा कि बिहार पहला राज्य बना है, जिसने पुलिस बल की सीधी नियुक्तियों में पूर्व से आरक्षित तीन प्रतिशत पदों के अंतिरिक्त 35 प्रतिशत पद महिलाओं के लिये आरक्षित किया है। प्रारंभिक एवं प्राथमिक शिक्षकों की बहाली में पचास प्रतिशत आरक्षण महिलाओं को दिया गया है। महिला सशक्तिकरण नीति से राजनैतिक, सामाजिक क्षेत्र में उनकी भागीदारी सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से इसे लागू किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार राज्य महिला सशक्तिकरण नीति के अनुरूप राज्य की समेकित कार्ययोजना बनाने हेतु मुख्य सचिव श्री अंजनी कुमार सिंह के स्तर पर विभागीय सचिवों की एक समिति रहेगी, जो एक महीना के अंदर कार्ययोजना तैयार करेगी। मुख्य सचिव प्रत्येक छह महीने पर महिला सशक्तिकरण नीति का अनुश्रवण करेंगे। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में गठित मिशन मानव विकास की कैबिनेट कमिटी महिला सशक्तिकरण नीति के क्रियान्वयन की समीक्षा करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी आबादी बहुत ज्यादा बढ़ रही है। सरकार समाज के हर तबके के उत्थान के लिये प्रयत्नशील है। इसके लिये जनसंख्या स्थिरीकरण आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जनसंख्या स्थिरीकरण हेतु महिलाओं की शिक्षा आवश्यक है। उन्होंने कहा कि अगर लड़की मैट्रिक पास है तो उस कपल का प्रजनन दर का राष्ट्रीय औसत 2 है, बिहार में भी प्रजनन दर 2 है। अगर लड़कियाॅ 12वीं पास है तो ऐसे कपल का देश में औसत प्रजनन दर 1.7 है, जबकि बिहार में 1.6 है, जो राष्ट्रीय औसत से बेहतर है। अगर सब लड़कियाॅ प्लस टू तक पढ़ ले तो जनसंख्या दर स्थिर होगा। 40 वर्ष के बाद जनसंख्या दर नीचे आ जायेगा। लड़कियों को शिक्षित होने पर भू्रण हत्या एवं बाल विवाह जैसे कुप्रथा स्वतः खत्म हो जायेगी। लिंगानुपात बेहतर हो जायेगा। आज बिहार का लिंगानुपात 1000 पुरूष पर 917 महिलाओं का है। उन्होंने कहा कि लड़की लक्ष्मी है। लड़की का जन्म खुशी की बात है। सामाजिक परिस्थिति एवं आर्थिक समानता के लिये महिला सशक्तिकरण आवश्यक है। उन्होंने कहा कि बालिका साइकिल योजना, मुख्यमंत्री बालिका पोशाक योजना, अक्षर आंचल योजना की शुरूआत की गयी है, जिससे 9वीं कक्षा में पढ़ने वाली लड़कियों की संख्या काफी बढ़ गयी है। आज 54 प्रतिशत लड़के एवं 46 प्रतिशत लड़कियाॅ स्कूल जा रही है। वह दिन दूर नहीं जब दोनों का प्रतिशत बराबर-बराबर हो जायेगा। उन्होंने कहा कि हर पंचायत में हाई स्कूल की स्थापना होगी। अब तक 1200 हाई स्कूल खुल चुके हैं। इस साल एक हजार हाई स्कूल खोले जायेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार सरकार स्वयं सहायता समूह का गठन की है। इसका सर्वश्रेष्ठ माॅडल जीविका है। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार का लक्ष्य 2017 तक दस लाख स्वयं सहायता समूह का गठन करना है। अभी तक तीन लाख पन्द्रह हजार स्वयं सहायता समूह का गठन हो चुका है। दस लाख स्वयं सहायता समूह के गठन होने पर एक करोड़ दस लाख महिलायें स्वयं सहायता समूह से जुड़ जायेगी। एक करोड़ दस लाख परिवार कवर होगा। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूह की दीदीयों ने बताया कि एक दीदी का मकान जबरन दबंग पड़ोसी ने कब्जा कर लिया था। सभी दीदी ने मिलकर मकान से कब्जा हटवाया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री साइकिल योजना के कारण 9वीं कक्षा में पढ़ने वाली लड़कियों की संख्या में तीन गुणा वृद्धि हुयी और वे भविष्य की सपनों की उड़ान में उड़ने लगी। उन्होंने कहा कि साइकिल चलाकर जाती हुयी लड़की बिहार के विकास की तस्वीर है। उन्होने कहा कि लोहिया के सप्त क्रांति की बात कही थी। सप्त क्रांति में एक क्रांति है नर-नारी समानता। उन्होंने कहा कि जयप्रकाश नारायण ने भी कहा था कि सम्पूर्ण क्रांति का मतलब वही है, जो लोहिया जी का सप्त क्रांति है। सशक्त होती हुयी महिला समाज में आगे बढ़ रही है। आधी आबादी की शक्ति का समाज के निर्माण में उपयोग किया जाना है। समावेशी समाज का सपना तभी साकार होगा, जब नर-नारी समानता हो।
मुख्यमंत्री ने बिहारवासियों को बिहार दिवस की शुभकामनायें दी। उन्होंने कहा कि 1912 में बिहार अलग प्रान्त के रूप में गठित हुआ था। पूर्व में बिहार दिवस नहीं मनाया जाता था। बिहार दिवस मनाने का फैसला 22 मार्च को किया गया। बिहार के गठन के एक सौ साल पूरा पर बिहार दिवस के अवसर पर एक वृहद आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि बिहार दिवस उत्सव के रूप में मनाया जाता है। बिहार का इतिहास गौरवशाली है। मानवता के लिये बिहार का इतिहास महत्वपूर्ण है। बिहार दिवस का संकल्प बिहार में सद्भाव स्थापित करने का है। हमारा बिहार गौरव के उच्च शिखर पर फिर से पहुॅचे। बिहार दिवस अपनी पहचान को प्रकट करने एवं उस पर नाज करने का अवसर है। सभी बिहारी मिलकर बिहार को आगे बढ़ायें। अब बिहारी कहलाना अपमान नहीं, शान का विषय है। बिहार दिवस धूमधाम से पटना, प्रत्येक जिला, गाॅवों एवं स्कूलों में भी मनाया जाता है। इसके साथ-साथ जहाॅ भी प्रवासी बिहारी हैं, बिहार दिवस मनाते हैं। हम अपनी गौरवशाली अतीत को याद कर प्रेरणा लेते हैं। आज के दिन हम संकल्प लें कि शांति, सौहार्द्र एवं पारस्परिक प्रेम के साथ हम मिलकर रहेंगे और बिहार को आगे बढ़ाने का सपना साकार करेंगे। यह सपना तभी साकार होगा, जब विकास का किरण समाज के हर व्यक्ति एवं वर्ग को मिलेगा। हम न्याय के साथ विकास कर रहे हैं। हमारा उद्देश्य है न्याय के साथ विकास। उन्होंने कहा कि बिहार आगे बढ़ रहा है। बिहार के गौरवशाली अतीत को आप सभी के सहयोग से पुनसर््थापित करना है।
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री श्री पी0के0 शाही ने अपने सारगर्भित विचार व्यक्त किये। मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने बिहार राज्य महिला सशक्तिकरण नीति 2015 का सूत्रण एवं पुस्तक का विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने बच्चों के नामांकन हेतु अपील परफाॅर्मा का विमोचन किया। उन्होंने महान खगोलशास्त्री आर्यभट्ट पर बने एक सी0डी0 एवं डिजिटल का लोकार्पण किया एवं भोजपुरी अकादमी द्वारा प्रकाशित भोजपुरी पत्रिका जनवरी से मार्च तक के संयुक्तांक का लोकार्पण किया। किलकारी के बच्चों ने राज्य के प्रसिद्ध, ऐतिहासिक एवं पौराणिक स्थलों की तस्वीर को प्रतीक चिह्न के रूप में मुख्यमंत्री को भेंट किया।
इस मौके पर मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के अलावे जल संसाधन तथा सूचना एवं जन-सम्पर्क मंत्री श्री विजय कुमार चैधरी, वित एवं वाणिज्यकर मंत्री श्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव, खान एवं भूतत्व मंत्री श्री राम लखन राम रमन, समाज कल्याण मंत्री श्रीमती लेशी सिंह, शिक्षा मंत्री श्री पी0के0 शाही, निबंधन, उत्पाद एवं मद्य निषेध मंत्री श्री अवधेश प्रसाद कुशवाहा, पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री श्रीमती बीमा भारती, गन्ना उद्योग मंत्री श्रीमती रंजू गीता, खाद्य एवं उपभेाक्ता संरक्षण मंत्री श्री श्याम रजक, पंचायती राज मंत्री श्री बिनोद प्रसाद यादव, बिहार विधान परिषद के उप सभापति श्री सलिम परवेज, सांसद श्री रामनाथ ठाकुर, सांसद श्रीमती कहकशां परवीन, राजद नेता श्री रामचन्द्र पूर्वे, मुख्य सचिव श्री अंजनी कुमार  सिंह, पुलिस महानिदेशक श्री पी0के0 ठाकुर, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री धर्मेन्द्र सिंह गंगवार, प्रधान सचिव शिक्षा श्री आर0के0 महाजन, प्रधान सचिव गृह श्री आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के सचिव श्री चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अतीश चन्द्रा एवं संबंधित सभी विभागों के पदाधिकारी, गणमान्य व्यक्ति एवं आम नागरिक उपस्थित थे। प्रधान सचिव शिक्षा श्री आर0के0 महाजन ने स्वागत भाषण किया। अपर सचिव शिक्षा ने धन्यवाद ज्ञापन किया।


Sunday, 22 March 2015

हमने बिजली की स्थिति में सुधार लाये जाने का संकल्प लिया है, सुधार की दिशा में हर दिन आगे बढ़ रहे हैं:- मुख्यमंत्री

पटना, 22 मार्च 2015:-  हमनें बिजली की स्थिति में सुधार लाये जाने का संकल्प लिया है। सुधार की दिशा में हर दिन आगे बढ़ रहे है। जहाॅ बिजली पहॅुच गया है, वहाॅ बिजली मिल रही है। शहरी क्षेत्र में 22 से 24 घंटे बिजली मिल रही है। ग्रामीण क्षेत्र में 16 से 20 घंटे बिजली आपूर्ति हो रही है। जरूरत को पूरा करने के लिए बिजली पहॅुचाने का संकल्प है। 15  अगस्त 2012 को इस बात का एलान कर दिया था। इस बात की जो घोषणा की थी, उस पर चल रहे है। आज मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार 103वें बिहार स्थापना दिवस पर 3241.38 करोड़ रूपये की विभिन्न विद्युत परियोजनाओं का शिलान्यास एवं कार्यरम्भ तथा 105.68 करोड़ रूपये की योजनओं का उद्घाटन समेकित रूप से करने के बाद समारोह को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने आज बिहार दिवस की शुभकामना राज्यवासियों को दी तथा बिहार दिवस के अवसर पर विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन, शिलान्यास एवं कार्य प्रारंभ कराये जाने के लिए उर्जा विभाग को बधाई दी कहा कि आज जिन योजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास हुआ है वे सभी योजनायें विद्युत संचरण (ट्रांसमिशन सिस्टम ) को बेहतर करने वाली है। विद्युत आपूर्ति के तीन अव्यव जेनरेशन, ट्रांसमिशन एवं डिस्ट्रीब्यूशन का बड़ा महत्व है। विद्युत का उत्पादन कर दे, मगर इसे उपभोक्ता को सुलभ नहीं करा पाये तो इसका कोई मतलब नहीं है। बिजली उत्पादन को ट्रांसमिशन एवं डिस्ट्रीब्यूशन के माध्यम से उपभोक्ताओं तक पहॅचाना महत्वपूर्ण कार्य है। बिजली की आवश्यकता को पूरा करने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है तथा धन खर्च करने होते है। पावर प्लांट से सीधे ट्रांसमिशन सिस्टम से विद्युत पहॅुचाने में थोड़ी भी चुक रह जाती है तो सारा सिस्टम फेल हो जाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब उन्होंने 2005 में राज्य का कार्यभार संभाला था तो उस समय मात्र 45 ग्रिड सब स्टेशन राज्य में थे। बिजली पहॅुचाने के लिए नेटवर्क नहीं थे। ट्रांसमिशन लाइन मात्र 5033 किलोमीटर ही था। अधिकतम 1000 मेगावाट बिजली आपूर्ति करने की क्षमता थी। जितनी भी बिजली केन्द्र से मिलती थी, उसका भी उपयोग नहीं कर पाते थे। मात्र 12565 विद्युतीकरण गाॅव की संख्या थी। शहरों में 10 से 12 घंटे बिजली की उपलब्धता हो पाती थी। गाॅव की स्थिति और भी बदतर थी। एल0टी0 लाइन और 33000 लाइन भी काफी कमी थी। उर्जा के क्षेत्र पर हमनें काफी ध्यान दिया। उर्जा के हर पहलु पर काम हुआ। उन्होंने कहा कि यह स्थिति थी कि जहाॅ पर बिजली उत्पादन की ईकाई स्थापित होती थी, तो पावर परचेज एग्रीमेंट कैसे होता है, इसकी भी जानकारी की कमी थी। बाढ़ में 660ग3 मेगावाट का ईकाई स्थापित करने का निर्णय लिया। मार्च 1999 में माननीय तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इस परियोजना का शिलान्यास किया था। बिहार में पावर प्लांट होगा तो बिजली की उपलब्धता काफी हो जायेगी। बिहार में इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया, जबकि बिहार सरकार के सहयोग के बिना राज्य में कोई भी पावर प्लांट नहीं लग सकता था। पावर प्लांट के जमीन, पानी की व्यवस्था नहीं हो सकती थी। बिहार बिजली बोर्ड को यह समझ नहीं थी कि भविष्य में बिजली की आवश्यकता बढ़ेगी। बिहार सरकार ने बाढ़ विद्युत घर के लिए तत्काल सभी कार्योंं में मदद की। किन्तु भविष्य में जरूरत बढ़ेगी इसके लिए 10 प्रतिशत के अतिरिक्त कोई दावा नहीं किया था। एन0टी0पी0सी0 के साथ पावर परचेज एग्रीमेंट होना था वह नहीं हुआ था। बाढ़ पावर प्लांट के लिए राज्य सरकार की मेहरबानी से 25 एकड़ जमीन रातो-रात मिला था और उसी पर शिलान्यास का कार्यक्रम हुआ था। उन्होंने कहा कि उनका केन्द्र से राज्य के विद्युत कोटे को बढ़ाने की मांग रही थी और इसके लिए लगातार कोशिश उन्होंने किया। संचरण वितरण प्रणाली को सुदृढ़ कर रहे है। बाढ़ एक्सटेंशन प्रोेजेक्ट में 660 मेगावाट में 50 प्रतिशत की हिस्सेदारी मिल गई है। बाढ़ विद्युत संयंत्र से बिहार को कोटे को भी बढ़ाया है। कांटी में एन0टी0पी0सी0 के साथ कांटी विद्युत तापघर का विस्तारीकरण एवं शुद्धीकरण कर रहे है। बरौनी में 500 मेगावाट की नई ईकाई राज्य सरकार अपने बल बुते पर खड़ा कर रही है। 660ग3 ईकाई नवीनगर में बन रही है। निजी क्षेत्र में चैसा, पीरपैंती एवं कजरा में 1320ग2 की ईकाई आयेगी। तीनों का निर्माण भारत सरकार के उपकरण द्वारा होगा। जहाॅ पर 1000 मेगावाट विद्युत की आपूर्ति नहीं कर पाते थे। वहीं आज इस क्षमता को बढ़ाकर 4200 मेगावाट करने में सफलता पाई है। इस वर्ष के अंत तक यह क्षमता पाॅच हजार मेगावाट हो जायेगी। हर अनुमण्डल में ग्रिड बन रहे हैं एवं हर प्रखण्ड में पावर सब स्टेशन बने हैं। बड़ी संख्या में ग्रीड सब स्टेशन बनाये गये हैं और ऊर्जा क्षेत्र में विकास के लिये अनेक योजनाओं पर कार्य चल रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण विद्युतीकरण में कंडेक्टर गायब होता है, पोल उखड़ने लगता है, जिस कारण बहुत सारे हिस्से में पुर्नविद्युतीकरण करना पड़ रहा है। जो इच्छुक हैं, उन्हें बिजली मिले, जिस प्रकार की जरूरत है, चाहे वे घरेलू, व्यावसायिक या जिस प्रकार के काम के लिये वे बिजली चाहें, उन्हें हम बिजली दे सकें। उन्हें गुणवतापूर्ण बिजली देना हमारा लक्ष्य है। पानी, ऊर्जा की बचत करनी चाहिये। सौर ऊर्जा पर बातें करने एक संस्था आयी थी। उन्हें जहानाबाद के एक गाॅव में सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने की इच्छा की। जब उन्होंने वहाॅ पर सौर ऊर्जा से बिजली पहुॅचायी तो उन्होंने मुझे इसे देखने का अनुरोध किया। मैं जब वहाॅ गया तो लोगों ने माॅग किया कि उन्हें नकली नहीं असली बिजली चाहिये। उनकी माॅग को देखते हुये उस गाॅव में बिजली पहुॅचा दी गयी, तब उन्हें सौर ऊर्जा (अक्षय ऊर्जा) के पहलू से वाकिफ कराया, सौर ऊर्जा के महत्व को समझाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत नौ सालों में विद्युत के क्षेत्र में हुयी उपलब्धि की कोई कहानी लिखे तो उसे पता चलेगा कि बिहार ने किस हद तक प्रगति की है। विद्युत आपूर्ति में घाटे की भरपाई के लिये जो धन दे रहे हैं, उससे पता चलेगा कि इस क्षेत्र में कितनी मशक्कत और खर्च की जा रही है। कितने धन का निवेश और खर्च हो रहा है। इस क्षेत्र में निरंतर सुधार लायी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देख-रेख की समस्या पर भी ध्यान देना होगा। ट्रांसफर्मर जो जल जाते हैं, उसे ससमय बदलना चाहिये। ट्रांसफर्मर बदलने की जो नीति बनायी गयी है, ग्रामीण क्षेत्र में 72 घंटे और शहरी क्षेत्र में 24 घंटे के अंदर तत्काल ट्रांसफर्मर बदल जाना चािहये। विद्युत लाइन में किसी तरह की फाॅल्ट आने पर ससमय इसे ठीक होना चाहिये। उपभोक्ता के हित को ध्यान देना चाहिये। ठीक बिल उपभोक्ताओं को मिलना चाहिये। बिजली बिल ठीक नहीं रहने पर इसे सुधार कराने में उपभोक्ता को काफी यतन करना पड़ता है। घाटे की भरपाई राज्य सरकार अपने खजाने से कर रही है। बिजली के क्षेत्र में हम कहाॅ से कहाॅ पहुॅच गये हैं, इसमें और आगे प्रगति होती रहनी चाहिये। बिजली मिलने लगेगी तो और बिजली की माॅग बढ़ेगी। चोरी की संभावनाओं को टेक्नोलाॅजी के माध्यम से समाप्त करें। उपयोग के आधार पर उपभोक्ताओं को बिल मिलना चाहिये। उपभोक्ताओं की संतुष्टि को आधार बनायें। पुराने रोग को समाप्त करें। इफिसियेंसी लाये बिना हम लोगों को बिजली क्षेत्र में पूरा सुधार नहीं ला पायेंगे। रखरखाव की नीति होनी चाहिये ताकि आप से आप फाॅल्ट ठीक करने की कार्रवाई हो जाय। मेरी शुभकामना है कि कदम-कदम बेहतरी की ओर आप आगे बढ़ें। राज्य को विद्युत के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनायें।
समारोह की अध्यक्षता ऊर्जा मंत्री श्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव ने किया। उन्होंने कहा कि 2005 में जब मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार बनी थी, उस समय छह सौ से सात सौ मेगावाट विद्युत खपत कर पाते थे, उत्पादन शून्य था। ट्रांसमिशन लाइन की स्थिति अत्यंत जर्जर थी किन्तु आज कोई जिला ऐसा नहीं है, जहाॅ पर कम से कम एक ग्रिड स्टेशन नहीं है। कोई ऐसा प्रखण्ड नहीं है, जहाॅ पर पावर ग्रिड नहीं है। 2800 से 3000 मेगावाट विद्युत की आपूर्ति कर रहे हैं। आज जिन प्रोजेक्ट का उद्घाटन एवं शिलान्यास हुआ है, उनके पूरा हो जाने से विद्युत आपूर्ति की क्षमता पाॅच हजार मेगावाट हो जायेगी। जिरो जेनरेशन से पाॅच हजार मेगावाट बिजली आपूर्ति की उपलब्धि प्राप्त हो जायेगी। उन्होंने कहा कि हम सब कुछ हो जाने का दावा नहीं करते हैं, मगर जो कुछ कर पाये हैं, वह कम नहीं है। आठ-नौ साल के अंदर जेनरेशन, ट्रांसमिशन एवं डिस्ट्रीब्यूशन के मामले में निरंतर उपलब्धि प्राप्त की है।
विकास आयुक्त श्री एस0के0 नेगी ने समारोह को संबोधित करते हुये ऊर्जा क्षेत्र में प्राप्त उपलब्धियों पर विस्तार से चर्चा की। ऊर्जा सचिव श्री प्रत्यय अमृत ने कहा कि आवश्यकतानुसार राज्य सरकार ने ऊर्जा विभाग को राशि उपलब्ध करायी है। 4052 ग्रामों के विद्युतीकरण का काम चल रहा है। इन गाॅवों के ऊर्जान्व्ति किये जाने के लक्ष्य को हम समय सीमा के अंदर प्राप्त करेंगे।
इस अवसर पर समाज कल्याण मंत्री श्रीमती लेशी सिंह, मुख्यमंत्री के ऊर्जा सलाहकार श्री पी0के0 राय, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री डी0एस0 गंगवार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री चंचल कुमार, सचिव व्यय वित विभाग श्री प्रभात शंकर, साउथ बिहार पावर होल्डिंग कम्पनी के प्रबंध निदेशक श्री आर0 लक्ष्मण, नाॅर्थ बिहार पावर होल्डिंग कम्पनी के प्रबंध निदेशक श्री बाला डी0 मुरगन, जेनरेशन कम्पनी के प्रबंध निदेशक श्री मनीष कुमार वर्मा सहित विद्युत विभाग विभिन्न कम्पनियों के वरीय अधिकारीगण उपस्थित थे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ऊर्जा विभाग के प्रथम पावर एटलस का लोकार्पण किया तथा एक लघु वृतचित्र का भी अवलोकन किया।


अध्यक्ष बिहार लोक सेवा आयोग ने मुख्यमंत्री राहत कोष के लिये तीस हजार रूपये का चेक मुख्यमंत्री को सौंपा

पटना, 21 मार्च 2015:- आज मुख्यमंत्री आवास 7, सर्कुलर में अध्यक्ष बिहार लोक सेवा आयोग श्री के0सी0 साहा ने मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री राहत कोष के लिये तीस हजार रूपये का चेक सौंपा।
अध्यक्ष बिहार लोक सेवा आयोग श्री के0सी0 साहा ने बताया कि मेरे द्वारा वाइलिन पर हिन्दी मेलोडिज का म्यूजिक सी0डी0 तैयार किया गया। इस सी0डी0 का विमोचन अध्यक्ष बिहार विधानसभा द्वारा दिनांक- 21.12.2014 को किया गया था। सी0डी0 की बिक्री राशि मुख्यमंत्री राहत कोष के लिये समर्पित था। उन्होंने कहा कि वाइलिन पर तैयार हिन्दी मेलोडिज की सी0डी0 की बिक्री से तीस हजार रूपये की प्राप्ति हुयी है। इस तीस हजार रूपये की राशि का चेक मैं मुख्यमंत्री राहत कोष के लिये मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार को सादर समर्पित किया।
मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने अध्यक्ष बिहार लोक सेवा आयोग श्री के0सी0 साहा को हिन्दी मेलोडिज का म्यूजिक सी0डी0 से प्राप्त राशि को मुख्यमंत्री राहत कोष में देने के लिये धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार, अध्यक्ष बिहार लोक सेवा आयोग श्री के0सी0 साहा के अलावे मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री डी0एस0 गंगवार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री धर्मेन्द्र कुमार एवं मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह उपस्थित थे।


युवाओं के अन्दर छिपे इनोवेटिव आइडिया को उभारने के लिए सकारात्मक पहल की जानी चाहिये:- मुख्यमंत्री

पटना, 21 मार्च 2015:- युवाओं के अन्दर छिपे इनोवेटिव आइडिया को उभारने के लिए सकारात्मक पहल की जानी चाहिये। राज्य सरकार ने इस दिशा में कई काम किये हैं, युवा अनेक लोगों को काम दे सकते हैं। इसकी यहाॅ पर संभावनायें अत्यधिक है। युवा अपने श्रम, ज्ञान से गौरव पैदा करें। मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार आज अधिवेशन भवन में द्वितीय बिहार उद्यमिता सम्मेलन का उद्घाटन दीप प्रज्जवलित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने उद्यमी संघ को दूसरे उद्यमिता सम्मेलन का आयोजन करने के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि जो बात उन्होंने इस सम्मेलन में सुनी है, उससे उनके मन को काफी संतोष हुआ है। बिहार में युवा आबादी सबसे ज्यादा है, यह हमारी पूॅजी है। युवा आबादी का ज्यादा होना फायदेमंद होता है। युवाओं का रचनात्मक उपयोग कर पायें, उनके ऊर्जा एवं शक्ति का सही उपयोग कर पायें तो यह राज्य और देश के हित के साथ-साथ रोजगार की संभावनाओं को बढ़ाने के लिये लाभदायक और उपयोगी होगा। युवाओं में नौकरी की ख्वाहिश होती है। पहले सरकारी नौकरी मिल जाय, कि ख्वाहिश उनके दिल में होती है। यदि ये न मिल सका तो मल्टिनेशनल कम्पनी में काम का मौका खोजते हैं। इसके बाद अन्य तरह के नौकरी की ख्वाहिश वे रखते हैं। उद्यमियों की सबसे बड़ी जिम्मदारी है कि वे युवाओं के अन्दर छिपी उद्यमिता को कैसे उभारें। कोई भी सरकार अपने सभी युवको को नौकरी नहीं दे सकती है, रोजगार के अवसर बहुत हैं। अवसर के अनुसार कौशल का विकास कर नौकरी हासिल की जा सकती है। अवसर के अनुसार युवाओं के कौशल विकास पर जोर देने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2007 में उन्हें आई0आई0एम0 अहमदाबाद में बोलने का मौका मिला था। हमने कहा था कि बिहार आइये यहाॅ पर काम का बड़ा अवसर है। यहाॅ हर चीज पर हम ध्यान देते हैं। उद्यमिता सम्मेलन के आयोजन पर प्रसन्नता हो रही है। बिहार से बाहर, बिहार के लोग बड़ी संख्या में शीर्ष पदों पर काम कर रहे हैं। प्रतिभा, क्षमता को प्रदर्शित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब उन्हें महाराष्ट्र के एक डेयरी प्रोजेक्ट को देखने का अवसर मिला, जो अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का था। जो व्यक्ति हमें वहाॅ सब कुछ दिखा रहे थे, वे बिहार के ही थे और वे इस प्रोजेक्ट के सबसे ऊपर के पद पर पदस्थापित थे। यदि बिहार के लोगों में क्षमता, ज्ञान, बुद्धि नहीं होती तो ऐसा कैसे हो पाता। शायद बिहार के लोगों को अपने घर में वह इज्जत नहीं मिल पा रही होगी, जिस कारण वे बाहर जाकर अपनी प्रतिभा को दिखाते हैं। बिहार के बाहर देश-दुनिया में बिहार के लोग सब जगह फैले हुये हैं। किसी भी प्रकार की प्रतियोगिता हो, चाहे वह नामांकन के लिए हो या नियुक्ति के लिए, उसमें बिहार के लोग सबसे ज्यादा सफल होते हैं। बिहार की योग्यता को कोई कम नहीं कर सकता है। बिहार के लड़कों को यदि चाॅद पर भी जाना पड़े तो भी वे वहाॅ जा सकते हेैं। उनमें लगन, तमन्ना हैं, आसमान की ऊचाई को छूने की वे तमन्ना रखते हैं। रोजगार तो सब को चाहिये। युवा होने के नाते उनमें काम करने की इच्छा है, उर्जा शक्ति है। इच्छा के अनूरूप उन्हें काम करने के लायक बनायें, काम करना चाहें तो उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलनी चाहिये। उनकी इच्छा का आकलन कर उन्हें सही दिशा दिखाई जाय।
मुख्यमंत्री ने किशनगंज की चर्चा करते हुए कहा कि वहाॅ पर फलों की खेती की बड़ी संभावनायें है। वहाॅ अनानास की खेती बड़े पैमाने पर हो रही है। इसको देखते हुए किशनगंज में एग्रिकल्चर काॅलेज स्थापित हो रहा है। उन्होंने कहा कि ब्रांड का अपना महत्व है। सहकारिता के क्षेत्र में सुधा ब्रांड के नाम से दूग्ध का उत्पादन हो रहा हैं। ब्रांड किसी भी चीज के लिए जरूरी होती हैं। चीजों का ब्रांड हो जाय तो बाजार में इसका लाभ मिलता है। गुणवता के स्टैंडर्ड को बनाये रखा जाना चाहिये। हर हालत में इसे कायम रखें। गुणवता नहीं रहेगी तो उत्पादन बाजार में नहीं टिक सकेगी। स्थानीय उत्पाद जिस पर लोगों का भरोसा है, उसकी माॅग बढ़ती है। युवा पीढ़ी में उद्यमिता है, इसका विकास करेें, उन्हें प्रेरित करें। यह काम उद्यमियों को करना चाहिये। तभी युवक रोजगार की तलाश को छोड़कर उद्यमिता की ओर आयेंगे और लोगों को रोजगार दे पायेंगे। बिहार में फुड प्रोसेसिंग, आई0टी एवं सर्विस सेक्टर में रोजगार की अनेक संभावनाएॅ हैं। इन क्षेत्रों में उद्यमिता कैसे बढ़े, इस पर उद्यमियों को विचार करना चाहिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्यमियों के साथ प्रधान सचिव उद्योग के नेतृत्व में सचिव श्रम संसाधन डाॅ0 एस0 सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के सचिव के साथ बैठ कर विचार करें कि उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए कौन-कौन से काम किये जायें, कैसे किये जायें। किन-किन क्षेत्रों में क्या संभावनाएॅ हैं, इन पर भी विचार होना चाहिये। आप सभी आपस में बैठ कर इसके लिए एक डाॅक्यूमेंट तैयार कर लें। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक करोड़ युवाओं के कौशल का विकास करना है। आपके डाॅक्यूमेंट के आधार पर उद्यमिता को बढ़ाने के लिए नीति भी बनायेंगे। युवाओं की बड़ी संख्या को देखते हुए इसके लिए कार्ययोजना भी बनायेंगे। मुख्यमंत्री ने उद्यमियों से कहा कि वे अगले वर्ष भी बिहार दिवस के पहले उद्यमिता सम्मेलन का आयोजन करें और इस सम्मेलन में यह जानकारी दें कि विगत एक वर्ष के अन्दर युवाओं के अन्दर छिपी उद्यमिता किस हद तक उभर कर सामने आई है, इसका राज्य को कितना लाभ मिला। उन्होंने कहा कि वे उद्योग-धंधे को बढ़ावा दे रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर माध्यमिक परीक्षा में कदाचार पर बोलते हुए कहा कि उन्हें जैसे ही कदाचार से संबंधित एक चित्र देखने का अवसर मिला, वैसे ही उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर कदाचार के विरूद्ध सख्त कार्रवाई किये जाने का निदेश दिया तथा सभी जिला के जिला पदाधिकारी एवं वरीय पुलिस अधिक्षक से वीडियों कान्फ्रेंसिंग कर कदाचर मुक्त परीक्षा संचालन के लिए कड़ी हिदायत दी। उन्होंने कहा कि कदाचार से सर्टिफिकेट तो मिल जायेगा, मगर ज्ञान नहीं मिलेगी, कदाचार से कोई लाभ नहीं होगा।
समारोह को उद्योग एवं खाद्य उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री श्याम रजक ने भी संबोधित किया और कहा कि युवकों में रोजगार की समस्या है। सरकारी क्षेत्र में अधिक से अधिक दो प्रतिशत से ज्यादा लोगों को रोजगार नहीं दी जा सकती है, इसके लिए जरूरी है युवक अपने अन्दर छिपी उद्यमिता को निखारें। कुटीर एवं लघु उद्योग पर विशेष ध्यान दें, इससे रोजगर के अवसर बढ़ेगे साथ ही ग्रामीण परिवेश के लोगों की आय भी बढेगी। उन्होंने कहा कि राज्य में उद्योग के विस्तार का प्रयास किया जा रहा है। उद्यमियों की कठिनाइयों को कम करने के लिए सिंगल विण्डो सिस्टम की पद्धति अपनाई गई हैं। उद्योग विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे उद्यमियों के साथ समन्वय स्थापित करें और उनकी समस्याओं के निदान पर ध्यान दें, तभी राज्य के औद्योगिकीकरण का सपना साकार हो सकेगा।
समारोह की अध्यक्षता अध्यक्ष उद्योग संघ श्री कौशलेन्द्र ने किया, जबकि स्वागत भाषण श्री अभिषेक कुमार ने किया। इस अवसर पर प्रधान सचिव उद्योग श्री त्रिपुरारी शरण, सचिव श्रम संसाधन डाॅ0 एस0 सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के सचिव श्री चंचल कुमार, पूर्व अध्यक्ष बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिऐशन श्री के0पी0एस0 केसरी सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति, युवा उद्यमी एवं वरीय अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर उद्यमिता के क्षेत्र में सफल उद्यमियों को पुरस्कार से सम्मानित कर प्रोत्साहित किया। उद्योग संघ के अध्यक्ष श्री कौशलेन्द्र ने मुख्यमंत्री को प्रतीक चिन्ह, अंगवस्त्र एवं पुष्प-गुच्छ भेंटकर सम्मानित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उद्योग संघ की एक ब्रोशियर मेकिंग एण्ड इंटरप्राइजिंग बिहार का लोकार्पण भी किया।