पटना, 09 मार्च 2015- उद्योग मंत्री, बिहार श्री श्याम रजक ने आज पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि उपेन्द्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान, पटना के विकास की गति को और अधिक तेज करने और इसे स्वायतता देने के उद्देश्य राज्य सरकार ने संस्थान को सोसाइटीज रजिस्टेशन एक्ट, 1860 के अन्तर्गत निबंधित कराने का निर्णय लिया है। उद्योग विभाग के इस प्रस्ताव पर राज्य मंत्रिमंडल की स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है और उस निर्णय के आलोक में 15 दिन के अंदर इसका निबंधन करा लिया जायेगा और वर्षों से रिक्त पड़े डिजाइनरों और प्रशिक्षकों के रिक्त पदों को भर दिया जायेगा।
उद्योग मंत्री श्री श्याम रजक ने बताया कि उपेन्द्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान को पुर्नजीवित करना राज्य सरकार के सुशासन कार्यक्रम के प्रमुख उद्देश्यों में एक है। इस दृष्टिकोण से संस्थान के पुराने जर्जर भवनों को तोड़कर उनके स्थान पर नये वर्कशाॅप, सेमिनार हाॅल, 10 कमरों का अतिथि गृह तथा 25 दुकान वाले पटना हाट का निर्माण किया जा रहा है। नये भवन के ऊपर 29 करोड़ 81 लाख और पटना हाट के ऊपर 2 करोड़ 42 लाख रूपया व्यय किया जायेगा।
इससे पूर्व संस्थान के उप निदेशक श्री अशोक कुमार सिन्हा ने संस्थान के कार्यक्रमों और उद्देश्यों के बारे में उद्योग मंत्री श्री श्याम रजक को विस्तार से जानकारी दी। तत्तपश्चात् श्री श्याम रजक ने संस्थान परिसर में चल रहे विभिन्न कार्यक्रमों यथा संस्थान परिसर में पिछले दिनों निर्मित स्क्रैप स्कल्पचर से बनी कलाकृतियों और निर्माणाधीन पटना हाट का अवलोकन किया। श्री रजक ने संस्थान में मधुबनी पेंटिंग, कशीदकारी सहित विभिन्न शिल्पों में प्रशिक्षण पा रहे प्रशिक्षणार्थियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम को भी देखा। मंत्री श्री श्याम रजक ने हाल के वर्षों के दौरान संस्थान द्वारा चलाये गये कार्यक्रमों और गतिविधियों की सराहना की। उद्योग मंत्री के साथ उद्योग निदेशक श्री शैलेश ठाकुर भी मौजूद थे।
श्री श्याम रजक, माननीय मंत्री, उद्योग विभाग ने उपेन्द्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान, पटना का निरीक्षण किया। प्रशिक्षण के दौरान संस्थान के संग्रहालय में रखे विभिन्न कलाकृतियों को देखा। शिल्प कला से जुड़े शिक्षण/प्रशिक्षण की जानकारी ली। काष्ट कला, वेणु कला, टिकुली कला, मधुबनी पेंटिंग, पत्थर कला, सिक्की कला, छपाई कला आदि शाखाओं का निरीक्षण किया।
माननीय मंत्री महोदय ने कहा कि संग्रहालय में रखे पेंटिंग को बनाने वाले का नाम एवं तिथि का उल्लेख होने की बात कही। संग्रहालय का प्रचार-प्रसार एवं क्रय केन्द्र को प्रभावशाली बनाने का निदेश दिया गया। गुडि़या सेन्टर डी0आर0डी0ए0 विभाग में चला गया है, उसे पुनः उद्योग विभाग में लाने का प्रयास का निदेश दिया। टेªनिंग, प्रशिक्षक एवं मार्केटिंग की उचित व्यवस्था पर विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि आॅफिस डेकोरेशन हेतु सामानों की खरीद उपेन्द्र महारथी संस्थान से हो, ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए और कार्य करने का माहौल बनाने का निदेश दिया। संस्थान से जुडु कलाकृतियों का रेकार्ड रखने एवं इसे वेबसाईट पर डालने, संस्थान में पुराने एवं अनुपयोगी वस्तुओं को हटाने एवं साफ-सफाई का निदेश दिया गया। जून के प्रथम सप्ताह में पटना हाट भवन तैयार करने का निदेश दिया।
निरीक्षण के दौरान उद्योग निदेशक, श्री शैलेश ठाकुर, उपेन्द्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान के उप विकास पदाधिकारी श्री अशोक कुमार सिन्हा एवं अन्य पदाधिकारीगण उपस्थित थे।
उद्योग मंत्री श्री श्याम रजक ने बताया कि उपेन्द्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान को पुर्नजीवित करना राज्य सरकार के सुशासन कार्यक्रम के प्रमुख उद्देश्यों में एक है। इस दृष्टिकोण से संस्थान के पुराने जर्जर भवनों को तोड़कर उनके स्थान पर नये वर्कशाॅप, सेमिनार हाॅल, 10 कमरों का अतिथि गृह तथा 25 दुकान वाले पटना हाट का निर्माण किया जा रहा है। नये भवन के ऊपर 29 करोड़ 81 लाख और पटना हाट के ऊपर 2 करोड़ 42 लाख रूपया व्यय किया जायेगा।
इससे पूर्व संस्थान के उप निदेशक श्री अशोक कुमार सिन्हा ने संस्थान के कार्यक्रमों और उद्देश्यों के बारे में उद्योग मंत्री श्री श्याम रजक को विस्तार से जानकारी दी। तत्तपश्चात् श्री श्याम रजक ने संस्थान परिसर में चल रहे विभिन्न कार्यक्रमों यथा संस्थान परिसर में पिछले दिनों निर्मित स्क्रैप स्कल्पचर से बनी कलाकृतियों और निर्माणाधीन पटना हाट का अवलोकन किया। श्री रजक ने संस्थान में मधुबनी पेंटिंग, कशीदकारी सहित विभिन्न शिल्पों में प्रशिक्षण पा रहे प्रशिक्षणार्थियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम को भी देखा। मंत्री श्री श्याम रजक ने हाल के वर्षों के दौरान संस्थान द्वारा चलाये गये कार्यक्रमों और गतिविधियों की सराहना की। उद्योग मंत्री के साथ उद्योग निदेशक श्री शैलेश ठाकुर भी मौजूद थे।
श्री श्याम रजक, माननीय मंत्री, उद्योग विभाग ने उपेन्द्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान, पटना का निरीक्षण किया। प्रशिक्षण के दौरान संस्थान के संग्रहालय में रखे विभिन्न कलाकृतियों को देखा। शिल्प कला से जुड़े शिक्षण/प्रशिक्षण की जानकारी ली। काष्ट कला, वेणु कला, टिकुली कला, मधुबनी पेंटिंग, पत्थर कला, सिक्की कला, छपाई कला आदि शाखाओं का निरीक्षण किया।
माननीय मंत्री महोदय ने कहा कि संग्रहालय में रखे पेंटिंग को बनाने वाले का नाम एवं तिथि का उल्लेख होने की बात कही। संग्रहालय का प्रचार-प्रसार एवं क्रय केन्द्र को प्रभावशाली बनाने का निदेश दिया गया। गुडि़या सेन्टर डी0आर0डी0ए0 विभाग में चला गया है, उसे पुनः उद्योग विभाग में लाने का प्रयास का निदेश दिया। टेªनिंग, प्रशिक्षक एवं मार्केटिंग की उचित व्यवस्था पर विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि आॅफिस डेकोरेशन हेतु सामानों की खरीद उपेन्द्र महारथी संस्थान से हो, ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए और कार्य करने का माहौल बनाने का निदेश दिया। संस्थान से जुडु कलाकृतियों का रेकार्ड रखने एवं इसे वेबसाईट पर डालने, संस्थान में पुराने एवं अनुपयोगी वस्तुओं को हटाने एवं साफ-सफाई का निदेश दिया गया। जून के प्रथम सप्ताह में पटना हाट भवन तैयार करने का निदेश दिया।
निरीक्षण के दौरान उद्योग निदेशक, श्री शैलेश ठाकुर, उपेन्द्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान के उप विकास पदाधिकारी श्री अशोक कुमार सिन्हा एवं अन्य पदाधिकारीगण उपस्थित थे।
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