पटना, 10 मार्च 2015:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज राज्य आपदा मोचन बल (एस0डी0आर0एफ0) के स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर एक महती सभा को संबोधित करते हुये कहा कि आपदा से निपटने के लिये एस0डी0आर0एफ0 पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कहा कि 10 मार्च 2010 को एस0डी0आर0एफ0 के गठन का निर्णय लिया गया था। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन का जो भी उपकरण है और विभिन्न उपकरणों के साथ एस0डी0आर0एफ0 के जवानों द्वारा जो प्रदर्शनी की गयी है और जो आपदा की स्थिति में माॅक रेस्क्यू दिखाया गया है, यह देखकर हमें यह संतोष होता है कि मेरे द्वारा एस0डी0आर0एफ0 का जो वृक्ष लगाया गया था, वह आगे बढ़ रहा है। आज एस0डी0आर0एफ0 आपदा से निपटने के लिये तैयार है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार विभिन्न प्रकार के आपदाओं का शिकार रहा है। यहाॅ हर साल बाढ़ आती है। बड़े पैमाने पर आग लगने की घटना होती है। सबसे गंभीर आपदा है भूकम्प। उन्होंने कहा कि भूकम्प की दृष्टि से बिहार सबसे खतरनाक जोन में है। सबसे खतरनाक सिसमिक जोन 4 और 5 बिहार में है। बिहार पहले भी भूकम्प की त्रासदी झेल चुका है। उन्होंने कहा कि जब गुजरात में भूकम्प आया था और उसका केन्द्र भूज था। आपदा का दायित्व कृषि मंत्रालय के जिम्मे था, उस समय केन्द्रीय कृषि मंत्री की हैसियत से मेरे स्तर पर एक बैठक हो रही थी। बैठक में विशेषज्ञों ने कहा कि जिस रिक्टर पैमाने पर गुजरात में भूकम्प आया है, उसी रिक्टर पैमाने पर अगर पटना में भूकम्प आये तो कम से कम पाॅच लाख लोगों की मृत्यु होगी। यह बात मुझे झकझोर दिया। उन्होंने कहा कि जब मैंने बिहार में मुख्यमंत्री का दायित्व संभाला तो आपदा से निपटने के लिये एस0डी0आर0एफ0 बनाने के लिये तत्पर हुआ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2006 में सूखे की स्थिति उत्पन्न हुयी थी। 2007 में बिहार का 22 जिला बाढ़ से प्रभावित था। ढ़ाई करोड़ लोग बाढ़ से प्रभावित थे। इस आपदा का प्रबंधन करना चुनौतीपूर्ण कार्य था। माॅरिशस के प्रधानमंत्री के आमंत्रण पर मैं माॅरिशस गया हुआ था। माॅरिशस से लौटते ही सर्वाधिक बाढ़ग्रस्त क्षेत्र दरभंगा जिला का मैंने दौरा किया। बाढ़ राहत के संबंध में युद्धस्तर पर कार्य शुरू हुआ। मैंने तत्कालीन प्रधानमंत्री से माॅग की कि गठित हो रहे एन0डी0आर0एफ0 की एक बटालियन बिहार में भी स्थापित किया जाय। उन्होंने हमारी बातों को मानते हुये एन0डी0आर0एफ0 की एक बटालियन बिहार में स्थापित करने की स्वीकृति दी। उन्होंने कहा कि आज का प्रदर्शनी में यह दिखाया कि भूकम्प में अगर मकान गिरते हैं तो एस0डी0आर0एफ0 लोगों को कैसे निकालेंगे। उनके कार्यों को देखकर संतोष हुआ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब बिहार में जो भी नई मकान बने, वह भूकम्परोधी बने तथा पुराने मकान में रेक्टोफिटिंग हो। उन्होंने कहा कि आपदा में महत्वपूर्ण है रिस्पांस टाइम। आपदा प्रबंधन के कनसेप्ट में रिस्पांस टाइम का बहुत ध्यान दिया जाता है। उन्होंने कहा कि एस0डी0आर0एफ0 के पास आपदा से निपटने के लिये अत्याधुनिक यंत्र हैं तथा प्रशिक्षित बल लेकिन फिर भी हमें लंबी दूरी तय करनी है। उन्होंने कहा कि एक-एक स्कूल में आपदा प्रबंधन के बारे में बुनियादी जानकारी दी जाय। अगर बच्चे आपदा से प्रशिक्षित होंगे तो नुकसान कम होगा, जान की हिफाजत हो सकेगी तथा बहुत तरह की बर्बादी रूक सकती है। उन्होंने कहा कि प्रशासन में आने वाले सभी अधिकारियों एवं कर्मियों को आपदा प्रबंधन के बारे में प्रशिक्षित किया जाय।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में हर साल बाढ़ से तबाही होती है। आये दिन एन0डी0आर0एफ0 के साथ-साथ एस0डी0आर0एफ0 के जवान मुस्तैद रहते हैं, जिससे लोगों का मनोबल ऊॅचा रहता है। आपदा से निपटने के लिये सबसे जरूरी है जन सहयोग। आपदा किसी को पूछकर नहीं आती है। आपदा के समय लोगों को एक साथ मिलकर मुकाबला करना चाहिये न कि गुस्सा। उन्होंने कहा कि बिहार की एस0डी0आर0एफ0 की टीम ने जम्मू- कश्मीर की बाढ़ में बेहतर कार्य किया। उन्होंने कहा कि आज एस0डी0आर0एफ0 के तमाम लोगों को शुभकामनायें देता हूॅ। आपदा प्रबंधन प्राधिकरण लोगों के बीच जन जागरूकता फैलाये तथा जनप्रतिनिधियों को भी प्रशिक्षित करे। आज लोगों की प्रवृति गलियों में मल्टी स्टोरेज बिल्डिंग बनाने की है। भूकम्प की स्थिति में लोगों को राहत कैसे मिल पायेगा, इसे लोगों को समझना चाहिये। इस प्रवृति से अंततोगत्वा सबको नुकसान हो सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहटा के किसानों ने एस0डी0आर0एफ0 बटालियन के लिये जमीन दी है। उन किसानों को मैं धन्यवाद देता हूॅ। बिहटा के किसानों के उदारता के कारण ही बिहटा में अनेक राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के संस्थान का जन्म हुआ है। उन्होंने विधायक भाई बिरेन्द्र सिंह के किसानों की माॅग से सहमत होते हुये कहा कि किसानों को उदारतापूर्वक अधिक मुआवजा मिले क्योंकि उनकी जमीन चली गयी है। किसानों की समस्यायें जल्द दूर होगी। उन्होंने प्रधान सचिव राजस्व श्री ब्यासजी को निर्देश दिया कि किसानों के मुआवजे के संबंध में शीघ्र उदारवादी प्रस्ताव लायें। प्रधान सचिव राजस्व जो उदार प्रस्ताव लायेंगे, हमें उसे मानने में संकोच नहीं होगा। इससे किसानों को अधिक लाभ होगा। उन्हांेने भूमि अधिग्रहण बिल पर बोलते हुये कहा कि किसानों के हित में केन्द्र बिल लाये ताकि किसानों को किसी तरह का नुकसान न हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा की स्थिति में पुलिस प्रथम रक्षक है, उसे आपदा से निपटने के लिये हर तरह से प्रशिक्षण मिलनी चाहिये। एन0डी0आर0एफ0 एवं एस0डी0आर0एफ0 मिलकर आपदा पीडि़त को सहायता करें। उन्होंने कहा कि आज मौसम का मिजाज बदल रहा है, इसके लिये हमलोग भी कसूरबार हैं। पर्यावरण की रक्षा करना हमलोगों का दायित्व है। हमारी सरकार ने हरियाली मिशन शुरू किया। उन्होंने कहा कि बिहार में नौ प्रतिशत हरित आवरण था। हमने पाॅच वर्षों में 25 करोड़ पेड़ लगाने का लक्ष्य रखा। युद्धस्तर पर पेड़ लगाया गया। आज बिहार का हरित आवरण तेरह प्रतिशत तक पहुॅच गया है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य पन्द्रह प्रतिशत हरित आवरण प्राप्त करने का है। हमें पेड़ की रक्षा करनी चाहिये इसलिये हमने पेड़ों को रक्षासूत्र से बाॅधा है और पेड़ों को रक्षा करने का संकल्प लिया है। अगर हम पर्यावरण पर ध्यान देते हैं तो आपदा के खतरे कम होंगे। अगर आपदा आ ही जाय तो इसके लिये राहत एवं बचाव कार्य हम सबों को जन सहयोग के साथ करना चाहिये। उन्होंने कहा कि आज एस0डी0आर0एफ0 बेहतर कार्य कर रहा है। एस0डी0आर0एफ0 पूरे देश में अपना स्थान बनायेगा।
इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने एस0डी0आर0एफ0 के परेड का निरीक्षण किया। राज्य आपदा मोचन बल द्वारा आयोजित प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। एस0डी0आर0एफ0 द्वारा भूकम्प की स्थिति में बचाव एवं राहत के लिये जो प्रदर्शन किया गया, उसका अवलोकन किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर एस0डी0आर0एफ0 के ध्वज एवं प्रतीक चिह्न का समर्पण किया तथा वृक्षारोपण किया। प्रधान सचिव आपदा प्रबंधन श्री ब्यासजी ने मुख्यमंत्री को प्रतीक चिह्न देकर एवं शाल ओढ़ाकर स्वागत किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के अलावे मंत्री आपदा प्रबंधन श्रीमती लेशी सिंह, विधायक भाई बिरेन्द्र सिंह ने भी अपने-अपने सारगर्भित विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर विधान पार्षद श्री बाल्मीकि सिंह, उपाध्यक्ष बिहार राज्य आपदा प्रबंधन श्री अनिल कुमार सिन्हा, मुख्यमंत्री के सचिव श्री चंचल कुमार, महानिदेशक प्रशिक्षण श्री पी0एन0 राय, अपर पुलिस महानिदेशक अपराध अनुसंधान श्री सुनील कुमार सहित एन0डी0आर0एफ0 एवं एस0डी0आर0एफ0 के समादेष्टा, पदाधिकारी, जवान एवं हजारों की संख्या में आम नागरिक उपस्थित थे। प्रधान सचिव आपदा प्रबंधन श्री ब्यासजी ने स्वागत भाषण किया। विशेष सचिव आपदा प्रबंधन ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार विभिन्न प्रकार के आपदाओं का शिकार रहा है। यहाॅ हर साल बाढ़ आती है। बड़े पैमाने पर आग लगने की घटना होती है। सबसे गंभीर आपदा है भूकम्प। उन्होंने कहा कि भूकम्प की दृष्टि से बिहार सबसे खतरनाक जोन में है। सबसे खतरनाक सिसमिक जोन 4 और 5 बिहार में है। बिहार पहले भी भूकम्प की त्रासदी झेल चुका है। उन्होंने कहा कि जब गुजरात में भूकम्प आया था और उसका केन्द्र भूज था। आपदा का दायित्व कृषि मंत्रालय के जिम्मे था, उस समय केन्द्रीय कृषि मंत्री की हैसियत से मेरे स्तर पर एक बैठक हो रही थी। बैठक में विशेषज्ञों ने कहा कि जिस रिक्टर पैमाने पर गुजरात में भूकम्प आया है, उसी रिक्टर पैमाने पर अगर पटना में भूकम्प आये तो कम से कम पाॅच लाख लोगों की मृत्यु होगी। यह बात मुझे झकझोर दिया। उन्होंने कहा कि जब मैंने बिहार में मुख्यमंत्री का दायित्व संभाला तो आपदा से निपटने के लिये एस0डी0आर0एफ0 बनाने के लिये तत्पर हुआ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2006 में सूखे की स्थिति उत्पन्न हुयी थी। 2007 में बिहार का 22 जिला बाढ़ से प्रभावित था। ढ़ाई करोड़ लोग बाढ़ से प्रभावित थे। इस आपदा का प्रबंधन करना चुनौतीपूर्ण कार्य था। माॅरिशस के प्रधानमंत्री के आमंत्रण पर मैं माॅरिशस गया हुआ था। माॅरिशस से लौटते ही सर्वाधिक बाढ़ग्रस्त क्षेत्र दरभंगा जिला का मैंने दौरा किया। बाढ़ राहत के संबंध में युद्धस्तर पर कार्य शुरू हुआ। मैंने तत्कालीन प्रधानमंत्री से माॅग की कि गठित हो रहे एन0डी0आर0एफ0 की एक बटालियन बिहार में भी स्थापित किया जाय। उन्होंने हमारी बातों को मानते हुये एन0डी0आर0एफ0 की एक बटालियन बिहार में स्थापित करने की स्वीकृति दी। उन्होंने कहा कि आज का प्रदर्शनी में यह दिखाया कि भूकम्प में अगर मकान गिरते हैं तो एस0डी0आर0एफ0 लोगों को कैसे निकालेंगे। उनके कार्यों को देखकर संतोष हुआ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब बिहार में जो भी नई मकान बने, वह भूकम्परोधी बने तथा पुराने मकान में रेक्टोफिटिंग हो। उन्होंने कहा कि आपदा में महत्वपूर्ण है रिस्पांस टाइम। आपदा प्रबंधन के कनसेप्ट में रिस्पांस टाइम का बहुत ध्यान दिया जाता है। उन्होंने कहा कि एस0डी0आर0एफ0 के पास आपदा से निपटने के लिये अत्याधुनिक यंत्र हैं तथा प्रशिक्षित बल लेकिन फिर भी हमें लंबी दूरी तय करनी है। उन्होंने कहा कि एक-एक स्कूल में आपदा प्रबंधन के बारे में बुनियादी जानकारी दी जाय। अगर बच्चे आपदा से प्रशिक्षित होंगे तो नुकसान कम होगा, जान की हिफाजत हो सकेगी तथा बहुत तरह की बर्बादी रूक सकती है। उन्होंने कहा कि प्रशासन में आने वाले सभी अधिकारियों एवं कर्मियों को आपदा प्रबंधन के बारे में प्रशिक्षित किया जाय।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में हर साल बाढ़ से तबाही होती है। आये दिन एन0डी0आर0एफ0 के साथ-साथ एस0डी0आर0एफ0 के जवान मुस्तैद रहते हैं, जिससे लोगों का मनोबल ऊॅचा रहता है। आपदा से निपटने के लिये सबसे जरूरी है जन सहयोग। आपदा किसी को पूछकर नहीं आती है। आपदा के समय लोगों को एक साथ मिलकर मुकाबला करना चाहिये न कि गुस्सा। उन्होंने कहा कि बिहार की एस0डी0आर0एफ0 की टीम ने जम्मू- कश्मीर की बाढ़ में बेहतर कार्य किया। उन्होंने कहा कि आज एस0डी0आर0एफ0 के तमाम लोगों को शुभकामनायें देता हूॅ। आपदा प्रबंधन प्राधिकरण लोगों के बीच जन जागरूकता फैलाये तथा जनप्रतिनिधियों को भी प्रशिक्षित करे। आज लोगों की प्रवृति गलियों में मल्टी स्टोरेज बिल्डिंग बनाने की है। भूकम्प की स्थिति में लोगों को राहत कैसे मिल पायेगा, इसे लोगों को समझना चाहिये। इस प्रवृति से अंततोगत्वा सबको नुकसान हो सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहटा के किसानों ने एस0डी0आर0एफ0 बटालियन के लिये जमीन दी है। उन किसानों को मैं धन्यवाद देता हूॅ। बिहटा के किसानों के उदारता के कारण ही बिहटा में अनेक राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के संस्थान का जन्म हुआ है। उन्होंने विधायक भाई बिरेन्द्र सिंह के किसानों की माॅग से सहमत होते हुये कहा कि किसानों को उदारतापूर्वक अधिक मुआवजा मिले क्योंकि उनकी जमीन चली गयी है। किसानों की समस्यायें जल्द दूर होगी। उन्होंने प्रधान सचिव राजस्व श्री ब्यासजी को निर्देश दिया कि किसानों के मुआवजे के संबंध में शीघ्र उदारवादी प्रस्ताव लायें। प्रधान सचिव राजस्व जो उदार प्रस्ताव लायेंगे, हमें उसे मानने में संकोच नहीं होगा। इससे किसानों को अधिक लाभ होगा। उन्हांेने भूमि अधिग्रहण बिल पर बोलते हुये कहा कि किसानों के हित में केन्द्र बिल लाये ताकि किसानों को किसी तरह का नुकसान न हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा की स्थिति में पुलिस प्रथम रक्षक है, उसे आपदा से निपटने के लिये हर तरह से प्रशिक्षण मिलनी चाहिये। एन0डी0आर0एफ0 एवं एस0डी0आर0एफ0 मिलकर आपदा पीडि़त को सहायता करें। उन्होंने कहा कि आज मौसम का मिजाज बदल रहा है, इसके लिये हमलोग भी कसूरबार हैं। पर्यावरण की रक्षा करना हमलोगों का दायित्व है। हमारी सरकार ने हरियाली मिशन शुरू किया। उन्होंने कहा कि बिहार में नौ प्रतिशत हरित आवरण था। हमने पाॅच वर्षों में 25 करोड़ पेड़ लगाने का लक्ष्य रखा। युद्धस्तर पर पेड़ लगाया गया। आज बिहार का हरित आवरण तेरह प्रतिशत तक पहुॅच गया है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य पन्द्रह प्रतिशत हरित आवरण प्राप्त करने का है। हमें पेड़ की रक्षा करनी चाहिये इसलिये हमने पेड़ों को रक्षासूत्र से बाॅधा है और पेड़ों को रक्षा करने का संकल्प लिया है। अगर हम पर्यावरण पर ध्यान देते हैं तो आपदा के खतरे कम होंगे। अगर आपदा आ ही जाय तो इसके लिये राहत एवं बचाव कार्य हम सबों को जन सहयोग के साथ करना चाहिये। उन्होंने कहा कि आज एस0डी0आर0एफ0 बेहतर कार्य कर रहा है। एस0डी0आर0एफ0 पूरे देश में अपना स्थान बनायेगा।
इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने एस0डी0आर0एफ0 के परेड का निरीक्षण किया। राज्य आपदा मोचन बल द्वारा आयोजित प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। एस0डी0आर0एफ0 द्वारा भूकम्प की स्थिति में बचाव एवं राहत के लिये जो प्रदर्शन किया गया, उसका अवलोकन किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर एस0डी0आर0एफ0 के ध्वज एवं प्रतीक चिह्न का समर्पण किया तथा वृक्षारोपण किया। प्रधान सचिव आपदा प्रबंधन श्री ब्यासजी ने मुख्यमंत्री को प्रतीक चिह्न देकर एवं शाल ओढ़ाकर स्वागत किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के अलावे मंत्री आपदा प्रबंधन श्रीमती लेशी सिंह, विधायक भाई बिरेन्द्र सिंह ने भी अपने-अपने सारगर्भित विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर विधान पार्षद श्री बाल्मीकि सिंह, उपाध्यक्ष बिहार राज्य आपदा प्रबंधन श्री अनिल कुमार सिन्हा, मुख्यमंत्री के सचिव श्री चंचल कुमार, महानिदेशक प्रशिक्षण श्री पी0एन0 राय, अपर पुलिस महानिदेशक अपराध अनुसंधान श्री सुनील कुमार सहित एन0डी0आर0एफ0 एवं एस0डी0आर0एफ0 के समादेष्टा, पदाधिकारी, जवान एवं हजारों की संख्या में आम नागरिक उपस्थित थे। प्रधान सचिव आपदा प्रबंधन श्री ब्यासजी ने स्वागत भाषण किया। विशेष सचिव आपदा प्रबंधन ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
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