Sunday, 29 March 2015

आज के युग में कौशल संवर्द्धन का बहुत महत्व है- मुख्यमंत्री

पटना, 28 मार्च 2015:-  मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज होटल मौर्या पटना में श्रम संसाधन विभाग एवं सी0आई0आई0 द्वारा आयोजित स्कील कानकलेव का उद्घाटन करते हुए कहा कि आज के युग में कौशल संवर्द्धन का बहुत महत्व है। उन्होंने कहा कि काम की कमी नहीं है, काम करने वाले स्कील्ड लेबर की कमी है। इसके बिना कोई रोजगार नहीं मिल सकता। उन्होंने ने कहा कि रोजगार के अवसर हैं। रोजगार के अवसर का लाभ उठाने के लिए श्रमिकों का योग्य होना जरूरी है। इसलिए कौशल संवर्द्धन (स्कील डेवलपमेंट) आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में युवा आबादी की संख्या देश में सबसे ज्यादा है। उन्हें प्रशिक्षित कर उनके ऊर्जा का इस्तेमाल करना है। अगर हम उन्हें स्कील्ड नहीं कर पाये तो बिहार में बेरोजगारों की फौज खड़ी हो जायेगी जिसे रोकना आसान नहीं होगा। रोजगार के लिए स्कील चाहिये। युवा आबादी की ऊर्जा बेहतर इस्तेमाल कर विकास की रफ्तार को तेज कर सकते हैं। विकास होगा तो रोजगार के अवसर बढ़ेगे। विकास का मतलब कुछ क्षेत्रों या कुछ लोगों के विकास से नहीं है। विकास का मतलब है न्याय के साथ विकास। हर क्षेत्र और हर तबके का विकास। विकास ऐसा हो जो सब महसूस कर सकें। उन्होंने कहा कि विकास के लिए शिक्षा, प्रशिक्षण एवं हुनर की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जो लोग पैदा होते हैं वे अवसर से आगे बढ़ते हैं। उन्हें किस प्रकार का माहौल मिला एवं किस तरह का प्रशिक्षण मिला यह उनके आगे बढ़ने के लिए आवश्यक है। जन्म से कुछ ही लोग विलक्षण प्रतिभा के धनी होते हैं। कुछ ऐसे भी लोग होते हैं जो सीख ही नहीं पाते हैं। अगर युवाओं का शिक्षण एवं प्रशिक्षण सही तरह से दिया जाय तो थोड़ी से भी हुनर रहने पर वे कमाने लगते हैं तथा समाज एवं देश के विकास में योगदान देते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा सारा फोकस शिक्षा पर होनी चाहिये। उन्होंने कहा कि हमलोगों ने एक करोड़ लोगों को हुनर मंद बनाने का फैसला लिया। 2013 में हमने लक्ष्य निर्धारित किया कि पाॅच वर्षों में एक करोड़ लोगों को हुनरमंद बनाया जाना है। इसके लिए स्कील डेवलपमेंट मिशन बनाया गया। 17 विभागों को इससे जोड़ा गया। उनसे पूछा गया कि आप कितने लोगों को हुनरमंद बना सकते हैं। अलग-अलग विभागों से यह कहा गया कि आप युवाओं का स्कील डेवलप करना चाहते हैं तो ऐसी संस्था होनी चाहिये जो लागों को ट्रेड करे तथा टेªनिंग देने वाले ट्रेनर हों। बाजार का आकलन करके किस प्रकार के स्कील डेवलप  लोगों की माॅग है, इसका आकलन कर कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि 2006 में स्टैनफोर्ड युनिवर्सिटी से मुझे निमंत्रण मिला था। हमने मुख्य सचिव एवं अन्य आधिकारियों को भेजा। अधिकारियों ने आकर हमें सूचित किया कि वहाॅ नर्सेस की बहुत कमी है। जितना नर्सेस भेजा जायेगा सभी का समायोजन हो सकता है। उन्होंने कहा कि हमलोगों ने आवश्यकता का आकलन स्थानीय स्तर पर किया। 1997 के पहले हमने एयर कंडीशन का इस्तेमाल नहीं किया था। आज एयर कंडीशन के बिना काम नहीं चलता। स्कील लेबर ही ए0सी0 बनाने का काम ठीक ढंग से कर सकता है तथा प्रशिक्षित नर्स ही नर्सिंग का बेहतर काम कर सकती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार झारखण्ड बटवारे के बाद होटल बिजनेस पूर्णतः समाप्त हो गया था बिहार के प्रगति के साथ साथ होटल बिजनेस अपने चरम पर पहुॅच गया है। आज होटल मौर्या का दर मुंबई के होटल से भी मंहगा है। आज कैटरिंग में बहुत सारे लोगों की आवश्यकाता है। बढि़या कैटरर के लिए प्रशिक्षण की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हम जदयू कैम्प में कैटरर को जब राजगीर ले जाते ह,ै वहाॅ खाना तो अपने देख-रेख में बनवाते है, लेकिन कैटरर की सफाई पर ध्यान देते हैं। कैटरर को कहते हैं कि बाल कटाले, नाखून कटा ले तथा राजगीर कुंड में स्नान करके खाना बनाने एवं खिलाने का काम करें। उन्होंने कहा कि गुणवत्ता युक्त कौशल संवर्द्धन होना चाहिये। उन्होंने कहा कि हमारा यह मिशन होना चाहिये कि कौशल विकास के लिए क्या प्रशिक्षण देना चाहिये और किस काम के लिए प्रशिक्षण देना चाहिये। इसके लिए ट्रेनर और ट्रेनिंग की आवश्यकता है। टेªनिंग का जो भी सेन्टर हो उसका ठीक से सलेक्शन हो। सर्टिफिकेट के देने के लिए विश्वसनीय ऐजंसी होना चाहिये जो यह सर्टिफाई करे कि किस विद्या में प्रशिक्षित हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मिशन मोड में काम करने के लिए संस्था में टेªनर एवं टेªनिंग की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सी0आई0आई0 की भूमिका युवाओं को टेªंड करने की होनी चाहिये। आवश्यकता के अनुसार सी0आई0आई0 युवाओं के कौशल का विकास करे तथा गुणवत्ता युक्त टेªनिंग का कोर्स होना चाहिये। उन्होंने कहा कि 2013 में हमने लक्ष्य निर्धारित किया था कि पाॅच वर्षांे में एक करोड़ युवाओं का कौशल विकास करेंगे। इसमें सरकारी पदाधिकारी की नहीं विशेषज्ञों की जरूरत है। कंसल्टेंट जितना चाहिये वह अभी तक नहीं मिल सका है। उन्होंने कहा कि पदाधिकारियों को सिर्फ लम्बे नोट लिख देने से काम नहीं चलेगा। बेसिक चीज यह है कि कैसे काम होगा। हमलोग लोगों के बीच रहते है, लोगों से मिलते हैं, उनसे मिली जानकारी के अनुसार राज्य के विकास का काम करते हैं। स्कील डेवलपमेंट की गाड़ी आज अटकी पड़ी है। उन्होंने कहा कि पदाधिकारियों को रूचि लेकर स्कील डेवलपमेंट के लक्ष्य को पूरा करना चाहिये। स्कील डेवलपमेंट के काम में आज सभी राज्यों को कठिनाई हो रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार जैसे राज्य में स्कील डेवलपमेंट का टेªनिंग संेटर चलाना चाहते हैं तो आॅफ टाइम में स्कूल एवं काॅलेज में टेªनिंग सेन्टर चला सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रोडक्ट ठीक हो, इसमें श्रम संसाधन विभाग के साथ-साथ सी0आई0आई0 का भी भूमिका है। उन्होंने कहा कि बिहार में प्रजनन दर ज्यादा है, इसलिये हमने लड़कियों की शिक्षा पर जोर दिया है। प्रत्येक पंचायत में एक उच्च विद्यालय की स्थापना की जा रही है। इससे 30-40 वर्षों के बाद जन-संख्या में स्थिरीकरण होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कील डेवलपमेंट विकास का आंतरिक हिस्सा है। इसके बिना विकास नहीं होगा। रोजगार का अवसर मिलेगा तो लोगों का विकास होगा। स्कील डेवलपमेंट की बड़ी महत्ता है। उन्होंने कहा कि मैं पदाधिकारियों से कह रहा हूॅ कि वे कानकलेव एवं सेमिनार तक न सिमटें, अगर कानकलेव एवं सेमिनार तक सिमट कर रह गये तो स्कील डेवलपमेंट नहीं होगा। युवाओं का कौशल विकास कर उसके ऊर्जा का इस्तेमाल करने से ही राज्य का विकास होगा। युवओं के कौशल विकास से वह अपने अन्दर की ताकत को पहचान लेगा। उन्होंने कहा कि पदाधिकारी इस उम्मीद में न रहें कि किसी तरह छह महीना बिता लेंगे तो मोडल कोड आॅफ कंडक्ट लग जायेगा। ऐसा करने से वे अपने आप को धोखा देंगे। जिस तरह से हम अनी इच्छा से जन सेवा में आये हैं उसी तरह से आप अपनी इच्छा से पदाधिकारी बने हैं। पदाधिकारी अपने स्व को जगायें, जो काम 24 घंटे में होना है उसे 12 घंटे में पूरा करें तभी हम राष्ट्रीय औसत तक पहुॅच सकेंगे। हमें विश्वास है कि युवा पीढी़ आने वाले बिहार को फिर से शिखर पर ले जायेगा
इस अवसर पर मंत्री श्रम संसाधन श्री दुलाल चन्द गोस्वामी, सी0आई0आई0 के इस्टर्न रीजन के अध्यक्ष श्री अनिल कुमार गुप्ता ने भी सारगर्भित भाषण दिये। इस अवसर पर सचिव श्रम संसाधन श्री एस0 सिद्धार्थ ने मुख्यमंत्री को प्रतीक चिन्ह् देकर स्वागत किया। इस अवसर पर विकास आयुक्त श्री एस0के0 नेगी, कृषि उत्पादन आयुक्त श्री विजय प्रकाश, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री धर्मेन्द्र सिंह गंगवार, प्रधान सचिव उद्योग श्री त्रिपुरारी शरण, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अतीश चन्द्रा, सी0आई0आई0 के क्षेत्रीय निदेशक श्री एस0 मुखर्जी सहित गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। सचिव श्रम संसाधन डाॅ0 एस0 सिद्धार्थ ने स्वागत भाषण दिया, जबकि सी0आई0आई0 के बिहार स्टेट काउंसिल के अध्यक्ष श्री एस0पी0 सिन्हा ने धन्यवाद ज्ञापन किया।



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