Thursday, 5 March 2015

उच्च माध्यमिक विद्यालय विहीन पंचायतों का सर्वेक्षण कराकर वहाॅ पर विद्यालय भवन निर्माण के लिए स्थान का चयन कर लिया जाय-मुख्यमंत्री

पटना, 05 मार्च 2015:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित ‘संवाद’ सभा कक्ष में शिक्षा विभाग की विभिन्न गतिविधियों की गहन समीक्षा की। शत् प्रतिशत् बालक और बालिकाओं को स्कूल में पहुॅचाने के लिए जो कार्यक्रम तय किये गये थे, एवं उक्त तय कार्यक्रम को आगे बढ़ाये जाने एवं शिक्षा में गुणवत्ता लाये जाने क लिए शिक्षा विभाग के कार्य योजना की गहन समीक्षा की और निदेश दिया कि जो बच्चे अब भी स्कूल से बाहर है उनका भी स्कूल में नामांकन कराया जाय।
शिक्षा मंत्री श्री पी0के0 शाही ने बैठक समाप्ति के बाद पत्रकारों को बैठक में लिए गये निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में स्कूल से बाहर रह रहे बालक एवं बालिकाओं को स्कूल में पहुॅचाने के लिए जो कार्यक्रम तय किये गये थे उस पर सख्ती से अमल होगा और जो दो प्रतिशत से कम बच्चे स्कूल से बाहर रह गये हैं उनका भी स्कूल में नामांकन कराये जाने के लिए प्रयास जारी है। शिक्षा में गुणवत्ता एवं सुधार लाया जायेगा।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री के निदेश के अनुसार राज्य के सभी पंचायतों में कम से कम एक प्लस टू हाई स्कूल खोले जाने हैं। राज्य में कुल पंचायतों की संख्या 8398 है, जिसके विरूद्ध 4898 पंचायतों में प्लस-टू उच्च विद्यालय अनाच्छादित हैं। वर्ष 2013-14 में 1292 विद्यालयों के भवन निर्माण की स्वीकृति दी गई है। उनमें से अधिकांश भवन निर्माण का कार्य आरंभ हो गया है। हर वर्ष एक हजार प्लस-टू उच्च विद्यालय के लिए भवन निर्माण का कार्य प्रारंभ कर वहाॅ पर विद्यालय में पठन-पाठन का कार्य प्रारंभ किया जाना है। मुख्यमंत्री ने निदेश दिया हैै कि सभी ऐसे प्लस-टू माध्यमिक विद्यालय विहीन पंचायतों का सर्वे कराया जाय और वहाॅ पर विद्यालय भवन के निर्माण के लिए स्थान चिन्हित कर लिये जायें। स्थान चिन्हित कर लिये जाने के बाद प्रस्तावित विद्यालय के भवन स्थल की घेराबंदी करा ली जाय, ताकि आने वाले दिनों में प्रत्येक पंचायत में एक-एक सीनियर सेकण्ड्री (प्लस-टू) स्कूल स्थापित किया जा सके। तत्काल 2500 स्कूलों के भवन के निमार्ण का लक्ष्य है, शिक्षा के लिए फंड की कोई कमी नहीं है। शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया चल रही है। विज्ञान और गणित के शिक्षकों  की कमी है, जिसे शीघ्र ही भरने की कार्रवाई की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने बैठक में विद्यालय भवनों के निर्माण एवं विद्यालयों में शैचालय निर्माण आदि में अनुश्रवण को गुणात्मक एवं कारगर बनाने के लिए एस0एम0एस0, मोबाईल, काॅल सेन्टर, इन्टरनेट टेक्नोलाॅजी के उपयोग को बढ़ाने की आवश्यकता बताई और कहा कि इससे बेहतर अनुश्रवण हो सकेगा। शिक्षा के अन्य कार्यों के अनुश्रवण में आधूनिक टेक्नोलाॅजी को बढ़ावा दिये जाने की आवश्यकता बताई। बैठक में माध्यमिक शिक्षा, प्राथमिक शिक्षा, उच्च शिक्षा की भी गहन समीझा की गई। टेक्स्ट बुक काॅरपोरेशन, बिहार राज्य शैक्षिक आधारभूत संरचना, विकास निगम, बी0बोस के द्वारा किये जा रहे मुख्य कार्यों की भी समीक्षा की गई।
शिक्षा विभाग के प्रस्तुतीकरण में माध्यमिक मध्य विद्यालय, उच्च माध्यमिक विद्यालय, अनुदानित माध्यमिक विध्यालय, अनुदानित उच्च माध्यमिक विध्यालय प्रस्वीकृत मदरसा एवं संस्कृत विद्यालयों की भी विस्तृत जानकारी दी गई तथा कार्यरत शिक्षकों एवं वर्तमान में उपलब्ध रिक्तियों पर भी विस्तार से चर्चा की गई।
पोशाक योजना, मध्यान भोजन योजना, छात्र-छात्राओं को निशुल्क पाठ्य पुस्तक वितरण योजना के अन्तर्गत प्राप्त उपलब्धियों की भी जानकारी मुख्यमंत्री ने ली। वर्ष 2014-15 के तहत स्वीकृत बजट एवं प्राप्त राशि की भी समीक्षा की गई। प्रत्येक विद्यालय में बालक एवं बालिका के लिए न्यूनतम एक-एक शौचालय का निर्माण होना है। शैचालय विहीन विद्यालयों की पहचान कर वहाॅ पर शौचालय निर्माण कराये जायंे। बैठक में बालक बालिका साईकिल, पोशाक एवं प्रोत्साहन योजना की भी समीक्षा की गई। माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के लिए भवन निर्माण की भी समीक्षा की गई और इस कार्य में तेजी लाये जाने का निदेश दिया गया।
बैठक में वित्त मंत्री श्री विजेन्द्र प्रसाद यादव, शिक्षा मंत्री श्री पी0के0 शाही, मुख्य सचिव श्री अंजनी कुमार सिंह, विकास आयुक्त श्री एस0के0 नेगी, प्रधान सचिव शिक्षा श्री आर0के0 महाजन सहित अन्य वरीय अधिकारियों ने भाग लिया।



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