पटना, 11 मार्च 2015:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज सदन में विश्वासमत हासिल करने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुये कहा कि बिहार विधानसभा में विश्वासमत प्राप्त करना चार दलों यथा- जदयू, राजद, काॅग्रेस एवं सी0पी0आई0 की एकजुटता का परिणाम है। बिहार विधानसभा में विश्वासमत पर लाॅबी डिवीजन से हुयी वोटिंग। नीतीश सरकार ने विश्वासमत हासिल किया। विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 140 वोट पड़े। विपक्ष में एक भी विधायक नहीं। बी0जे0पी0 पहले ही कर चुका वाकआउट।
मुख्यमंत्री ने विश्वासमत हासिल करने के बाद सभी को शुक्रिया एवं धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि विश्वासमत के पक्ष में समर्थन करने वाले सभी सदस्यों को धन्यवाद देता हूॅ। उन्होंने कहा कि महामहिम राज्यपाल ने जब मुझे सरकार बनाने के लिये आमंत्रित किया था तो उन्होंने निर्देश दिया था कि तीन सप्ताह के अंदर विश्वासमत प्राप्त कर सूचित करें। आज 140 सदस्यों ने विश्वासमत के पक्ष में मतदान किया, जबकि विपक्ष में मतदान करने वाले सदस्यों की संख्या शून्य रही। उन्होंने कहा कि विश्वासमत प्राप्त करने की सूचना महामहिम राज्यपाल को प्रेषित कर दी गयी है। उन्होंने कहा कि मैं उन तमाम माननीय सदस्यों को धन्यवाद देता हूॅ, जिन्होंने विश्वासमत के प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लिया। विपक्ष को भी मैं धन्यवाद देता हूॅ, उन्हें अंत तक सदन में बने रहना चाहिये था। यह उनका अधिकार था कि वे मतदान करते या नहीं करते।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सात फरवरी को पार्टी के निर्णय के आलोक में नेता चुना गया था। नौ फरवरी को मेरे द्वारा महामहिम राज्यपाल के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश किया गया था। सरकार बनाने के समर्थन में राजद, काॅग्रेस एवं सी0पी0आई0 के साथ-साथ एक निर्दलीय सदस्य का भी समर्थन प्राप्त था। चार दल एक तरफ था, एकमात्र भाजपा अलग- थलग पड़ गयी। उन्होंने कहा कि भाजपा संवैधानिक धज्जियों को उड़ाने में लगा हुआ था। जिस प्रकार का माहौल एवं परिस्थितियाॅ भाजपा ने पैदा की, बिहार को अस्थिर करने का प्रयास किया तथा भ्रम फैलाने की कोशिश की गयी, आज विश्वासमत से भाजपा को जवाब मिल गया। भाजपा अलग-थलग पड़ गयी। आज विधानसभा के फैसले ने भाजपा को बेनकाब कर दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा को यह मालूम है कि दलों में नेतृत्व परिवर्तन होता है। यह पार्टी का निर्णय है, उन्हें पार्टी के निर्णय के बीच में नहीं कूदना चाहिये था। वे चाहते थे कि बिहार में उनकी मर्जी की सरकार बनी रहे और सरकार के गलतियों का ठिकरा मुझ पर फोड़ते रहें। उन्होंने कहा कि आज भाजपा के सदस्यों द्वारा सदन में जो प्ले कार्ड प्रदर्शित किया गया, वह भाजपा के गलत नीतियों का परिचायक है। वे जाति के आधार पर कार्ड खेलकर समाज को बाॅटना चाहते थे। वे माॅझी सरकार के फैसलों का आलोचना करते रहते थे। जब नेतृत्व परिवर्तन हुआ तो उन्हें धन्यवाद देना चाहिये। वे धन्यवाद के बजाय आलोचना कर रहे हैं। भाजपा पूर्णतः बेनकाब हो गयी है। झूठे महादलित प्रेम को दर्शा रही है। उन्हें जय श्रीराम के बदले जय जीतन राम का नारा लगाना चाहिये। उन्होंने कहा कि जो दल के बंधन को तोड़कर निकलना चाहते हैं, निकल सकते हैं और अलग पार्टी बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में वर्तमान संवैधानिक आधार पर ही समाज के उपेक्षित एवं गरीब तबकों का विकास हो सकता है। उन्होंने कहा कि नियम एवं कानून की परिधि में रहकर बिहार को विकास के रास्ते पर ले जायेंगे। अपना एक-एक मिनट का समय बिहार के जनता की खिदमत एवं बिहार के विकास में लगायेंगे।
पत्रकारों द्वारा पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता परिवार के मर्जर के संबंध में बातचीत चल रही है। सभी दल मर्जर के लिये सैद्धांतिक रूप से सहमत हैं। सपा सुप्रीमो श्री मुलायम सिंह यादव की तबीयत खराब है। उनकी तबीयत ठीक होने पर उनके नेतृत्व में मर्जर की आगे की कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री डाॅ0 मनमोहन सिंह के ईमानदारी पर कोई उंगली नहीं उठा सकता। कोयला घोटाला मामले में कोई तकनिकी कारण से ही न्यायपालिका कार्रवाई की होगी।
मुख्यमंत्री ने विश्वासमत हासिल करने के बाद सभी को शुक्रिया एवं धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि विश्वासमत के पक्ष में समर्थन करने वाले सभी सदस्यों को धन्यवाद देता हूॅ। उन्होंने कहा कि महामहिम राज्यपाल ने जब मुझे सरकार बनाने के लिये आमंत्रित किया था तो उन्होंने निर्देश दिया था कि तीन सप्ताह के अंदर विश्वासमत प्राप्त कर सूचित करें। आज 140 सदस्यों ने विश्वासमत के पक्ष में मतदान किया, जबकि विपक्ष में मतदान करने वाले सदस्यों की संख्या शून्य रही। उन्होंने कहा कि विश्वासमत प्राप्त करने की सूचना महामहिम राज्यपाल को प्रेषित कर दी गयी है। उन्होंने कहा कि मैं उन तमाम माननीय सदस्यों को धन्यवाद देता हूॅ, जिन्होंने विश्वासमत के प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लिया। विपक्ष को भी मैं धन्यवाद देता हूॅ, उन्हें अंत तक सदन में बने रहना चाहिये था। यह उनका अधिकार था कि वे मतदान करते या नहीं करते।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सात फरवरी को पार्टी के निर्णय के आलोक में नेता चुना गया था। नौ फरवरी को मेरे द्वारा महामहिम राज्यपाल के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश किया गया था। सरकार बनाने के समर्थन में राजद, काॅग्रेस एवं सी0पी0आई0 के साथ-साथ एक निर्दलीय सदस्य का भी समर्थन प्राप्त था। चार दल एक तरफ था, एकमात्र भाजपा अलग- थलग पड़ गयी। उन्होंने कहा कि भाजपा संवैधानिक धज्जियों को उड़ाने में लगा हुआ था। जिस प्रकार का माहौल एवं परिस्थितियाॅ भाजपा ने पैदा की, बिहार को अस्थिर करने का प्रयास किया तथा भ्रम फैलाने की कोशिश की गयी, आज विश्वासमत से भाजपा को जवाब मिल गया। भाजपा अलग-थलग पड़ गयी। आज विधानसभा के फैसले ने भाजपा को बेनकाब कर दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा को यह मालूम है कि दलों में नेतृत्व परिवर्तन होता है। यह पार्टी का निर्णय है, उन्हें पार्टी के निर्णय के बीच में नहीं कूदना चाहिये था। वे चाहते थे कि बिहार में उनकी मर्जी की सरकार बनी रहे और सरकार के गलतियों का ठिकरा मुझ पर फोड़ते रहें। उन्होंने कहा कि आज भाजपा के सदस्यों द्वारा सदन में जो प्ले कार्ड प्रदर्शित किया गया, वह भाजपा के गलत नीतियों का परिचायक है। वे जाति के आधार पर कार्ड खेलकर समाज को बाॅटना चाहते थे। वे माॅझी सरकार के फैसलों का आलोचना करते रहते थे। जब नेतृत्व परिवर्तन हुआ तो उन्हें धन्यवाद देना चाहिये। वे धन्यवाद के बजाय आलोचना कर रहे हैं। भाजपा पूर्णतः बेनकाब हो गयी है। झूठे महादलित प्रेम को दर्शा रही है। उन्हें जय श्रीराम के बदले जय जीतन राम का नारा लगाना चाहिये। उन्होंने कहा कि जो दल के बंधन को तोड़कर निकलना चाहते हैं, निकल सकते हैं और अलग पार्टी बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में वर्तमान संवैधानिक आधार पर ही समाज के उपेक्षित एवं गरीब तबकों का विकास हो सकता है। उन्होंने कहा कि नियम एवं कानून की परिधि में रहकर बिहार को विकास के रास्ते पर ले जायेंगे। अपना एक-एक मिनट का समय बिहार के जनता की खिदमत एवं बिहार के विकास में लगायेंगे।
पत्रकारों द्वारा पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता परिवार के मर्जर के संबंध में बातचीत चल रही है। सभी दल मर्जर के लिये सैद्धांतिक रूप से सहमत हैं। सपा सुप्रीमो श्री मुलायम सिंह यादव की तबीयत खराब है। उनकी तबीयत ठीक होने पर उनके नेतृत्व में मर्जर की आगे की कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री डाॅ0 मनमोहन सिंह के ईमानदारी पर कोई उंगली नहीं उठा सकता। कोयला घोटाला मामले में कोई तकनिकी कारण से ही न्यायपालिका कार्रवाई की होगी।
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