Monday, 23 March 2015

बिहार के हक की आवाज उठा रहा हूँ, बिहार के हित में भाजपा भी साथ दे:- मुख्यमंत्री

पटना, 23 मार्च 2015:- आज राजकीय अतिथिशाला में मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक हुयी। सर्वदलीय बैठक में मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के अलावे वित मंत्री श्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव, संसदीय कार्य मंत्री श्री श्रवण कुमार, राजद नेता श्री अब्दुलबारी सिद्दीकी, काॅग्रेस नेता श्री सदानंद सिंह, राजद नेता श्री भोला यादव, जदयू नेता श्री संजय कुमार सिंह उर्फ गाॅधी जी, काॅग्रेस नेता श्री मदन मोहन झा, सी0पी0आई0 नेता श्री अवधेश राय, सी0पी0आई0 नेता श्री केदारनाथ पाण्डेय, मुख्य सचिव श्री अंजनी कुमार सिंह, प्रधान सचिव वित श्री रामेश्वर प्रसाद सिंह, प्रधान सचिव योजना एवं विकास डाॅ0 दीपक कुमार, प्रधान सचिव संसदीय कार्य श्री अरूण कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री डी0एस0 गंगवार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अतीश चन्द्रा, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह उपस्थित थे।
सर्वदलीय बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते ुहये मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने कहा कि 14वें वित आयोग की सिफारिश को केन्द्र सरकार के द्वारा स्वीकार करने के उपरान्त जो बिहार के संदर्भ में परिस्थिति उत्पन्न हुयी है, उस पर विमर्श करने के लिये विधानमण्डल के दोनों सदनों के नेताओं की बैठक बुलायी गयी और इस बैठक में चार दलों-जदयू, काॅग्रेस, राजद एवं सी0पी0आई0 शामिल हुये। भाजपा के प्रतिनिधि इस बैठक में शामिल नहीं हुये। कल वित मंत्री और संसदीय कार्य मंत्री ने भाजपा नेताओं से सम्पर्क किया था और पत्र लिखकर बैठक में आने के लिये आमंत्रित किया गया था। बैठक में इस बात का उल्लेख था कि किस मुद्दे पर बैठक हो रही है। अचानक उनलोगों के रूख से मालूम हुआ कि बैठक में नहीं आयेंगे। बैठक में उनलोगों के आने का कोई औचित्य नहीं है लेकिन निर्णय तो किसी भी दल का अपना होता है। हम सभी लोग इस बात को लेकर दुखी हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बैठक में 14वें वित आयोग के सिफारिश के बाद हमें क्या नुकसान हुआ, उसका जिक्र किया गया है और आॅकड़े के साथ टिप्पणी भी। सर्वसम्मति से यह निर्णय हुआ कि नये सिरे से केन्द्र सरकार को बिहार के नुकसान की भरपाई के लिये पत्र लिखेंगे। उन्होंने कहा कि जब वित आयोग की सिफारिश आयी थी तो 26 फरवरी को हमने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा। 14वें वित आयोग की सिफारिश के चलते बिहार को क्या नुकसान हुआ है और बिहार जैसे राज्य पर अलग से ध्यान रखने की वकालत हमने प्रधानमंत्री जी से की। 26 फरवरी के शाम में केन्द्रीय वित मंत्री से मिले थे और उनको भी हमने माननीय प्रधानमंत्री जी को जो पत्र भेजा था, उसकी प्रति सौंप दी और उन्होंने बजट भाषण में जिक्र किया था कि आॅध्रप्रदेश के तर्ज पर बिहार और पश्चिम बंगाल को सुविधा प्रदान करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन सभी विषयों पर सर्वदलीय बैठक में चर्चा हुयी। यह निर्णय लिया गया कि इस आलोक में एक विस्तृत पत्र प्रधानमंत्री को भेजा जाय। उन्होंने कहा कि 14वें वित आयोग के अनुशंसा के तहत राज्यों के अंतरण को 32 प्रतिशत से बढ़ाकर 42 प्रतिशत कर दिया गया किन्तु यह बढ़त मात्र कम्पोजिशनल शिफ्ट है। इस संबंध में भारत सरकार के वर्ष 2014-15 के बजट में कुल केन्द्रीय करों में राज्यों को 382215 करोड़ रूपये हस्तांतरण का प्रस्ताव था, जो वर्ष 2015-16 के लिये 523958 करोड़ रूपये प्रस्तावित है अर्थात 141743 करोड़ रूपये की वृद्धि हो रही है परन्तु दूसरी तरफ भारत सरकार ने राज्यों को राज्य योजनाओं में केन्द्रीय सहायता के रूप में वर्ष 2014-15 में 338408 करोड़ रूपये की बजटीय सहायता दी थी, जो वर्ष 2015-16 में 204784 करोड़ रूपये निर्धारित की गयी है। 133624 करोड़ रूपये की कटौती हो रही है। इस कटौती से बिहार जैसे पिछड़े राज्य को ज्यादा नुकसान हो रहा है क्योंकि पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि को अगले वितीय वर्ष से बंद कर दिया गया है। 2015-16 में बजट के लिये संसाधनों का जो आकलन किया था, उसमें केन्द्रीय करों के हिस्से के रूप में 48118 करोड़ रूपये, जो वर्ष 2014-15 के केन्द्रीय बजट के प्रावधान के ऊपर 15 प्रतिशत जोड़कर निर्धारित किया गया था। इसके अलावा राज्य योजना तथा केन्द्र प्रायोजित योजनाओं के लिये केन्द्र सरकार से मिलने वाली राशि का आकलन वर्ष 2014-15 के ऊपर 10 प्रतिशत जोड़कर किया गया था। इस आकलन के आधार पर 27495 करोड़ रूपये की प्राप्ति भारत सरकार से योजना मद में अनुमानित थी। केन्द्रीय बजट वर्ष 2015-16 में राज्य योजना एवं केन्द्र प्रायोजित योजनाओं में प्राप्त होने वाली राशि कम हो रही है। अनुमान है कि अब कुल 27494 करोड़ रूपये से घटकर मात्र 15121 करोड़ रूपये ही प्राप्त होंगे। यदि इन योजनाओं को इसी स्केल पर चलना है तो राज्य सरकार को 12300 करोड़ रूपये की व्यवस्था करनी होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 14वें वित आयोग के अनुशंसा पर राज्यों की हिस्सेदारी 32 प्रतिशत से 42 प्रतिशत होने के बाद बिहार को 50748 करोड़ रूपये की प्राप्ति अनुमानित है। इस प्रकार शुद्ध वृद्धि के मामले में लगभग (50748-48118) 2500 करोड़ रूपये की है, जबकि योजना सहायता में लगभग 12300 करोड़ रूपये की कमी हो रही है। अतः वर्ष 2015-16 के योजना आकार में लगभग 10 हजार करोड़ (12300-2500) रूपये की कटौती होगी। पाॅच वर्षाें में यह कटौती 50000 करोड़ रूपये की होगी। इसकी प्रतिपूर्ति केन्द्र सरकार करे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय समविकास योजना के समाप्त हो जाने के उपरान्त 12वीं पंचवर्षीय योजना के लिये भारत सरकार द्वारा विशेष सहायता को आगे जारी रखते हुये पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि के माध्यम से स्पेशल प्लान अन्तर्गत 12000 करोड़ रूपये की निधि स्वीकृत की गयी है। केन्द्रीय बजट के अनुसार अगले वितीय वर्ष से पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि को बंद कर दिया गया है। अतः बिहार को दूसरे माध्यम से 12000 करोड़ रूपये की सहायता मिलनी चाहिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 14वंे वित आयोग की सिफारिशें एवं केन्द्रीय बजट के कारण कुल अंतरण में कमी और इससे संबंधित प्रति वर्ष होने वाली आनुपातिक वृद्धि की परिणामी कमी की भरपाई बिहार को भौतिक एवं सामाजिक आधारभूत संरचना के विकास के लिये अलग से आवश्यकता आधारित अनुदान के रूप में सहायता देकर की जाय। उन्होंने कहा कि बिहार के हित में राज्य सरकार के तरफ से ज्ञापन के शक्ल में विस्तृत पत्र भेजा जायेगा। उन्होंने कहा कि बिहार के हित के प्रश्न पर भाजपा को अडि़यल रूख नहीं अपनाना चाहिये। उन्होंने भाजपा से पुनः आग्रह किया कि बिहार हित के प्रश्न पर नकारात्मक रवैया नहीं अपनायें। हम अपने हक के पक्ष में नुकसान की भरपाई की माॅग कर रहे हैं। भाजपा को नकारात्मक रवैया त्याग कर एक साथ मिलकर बिहार के हित में काम करना चाहिये। अगर हम सब मिलकर वित आयोग के समक्ष संयुक्त ज्ञापन दे सकते हैं तो 14वें वित आयोग की सिफारिशों को केन्द्र सरकार द्वारा स्वीकार करने के उपरान्त बिहार को जो नुकसान हुआ है, उस पर संयुक्त रूप से विमर्श कर बिहार के नुकसान की भरपाई की माॅग केन्द्र सरकार से क्यों नहीं कर सकते।


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