Monday, 23 March 2015

मुख्यमंत्री ने बिहार दिवस के अवसर पर बिहार राज्य महिला सशक्तिकरण नीति- 2015 का सूत्रण किया

पटना, 22 मार्च 2015:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज ऐतिहासिक गाॅधी मैदान पटना में बिहार दिवस के अवसर पर बिहार राज्य महिला सशक्तिकरण नीति- 2015 का सूत्रण किया। उन्होंने बिहार दिवस के अवसर पर इसकी घोषणा करते हुये कहा कि प्रख्यात समाजवादी राम मनोहर लोहिया के जन्म दिवस एवं भगत सिंह के शहादत दिवस के पूर्व संध्या पर बिहार राज्य महिला सशक्तिकरण नीति- 2015 का सूत्रण करते हुये अपार आनंद का अनुभव हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह महिला सशक्तिकरण नीति विभिन्न ढ़ांचागत एवं संस्थागत बाधाओं को दूर कर सभी महिलाओं की संसाधनों तक पहुॅच एवं विकास की मुख्य धारा में भागीदारी को सुनिश्चित करेगा। उन्होंने कहा कि 2005 में ही जब हमारी सरकार बनी तो महिला सशक्तिकरण के लिये हमने पंचायती राज एवं त्रिस्तरीय नगर निकाय चुनावों में महिलाओं को पचास प्रतिशत आरक्षण दिया। साथ ही साथ सहकारी संस्थाओं में भी महिलाओं को पचास प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। भारतीय संविधान में यह लिखा हुआ है कि कम से कम एक तिहाई आरक्षण महिलाओं को दिया जाय। बिहार पहला राज्य बना, जिसने पंचायती राज चुनाव एवं नगर निकाय चुनावों में महिलाओं को पचास प्रतिशत आरक्षण दिया। परिणाम स्वरूप पचास प्रतिशत से अधिक महिलायें पंचायती राज एवं नगर निकाय चुनावों में जीत कर आयी। उन्होंने कहा कि बिहार पहला राज्य बना है, जिसने पुलिस बल की सीधी नियुक्तियों में पूर्व से आरक्षित तीन प्रतिशत पदों के अंतिरिक्त 35 प्रतिशत पद महिलाओं के लिये आरक्षित किया है। प्रारंभिक एवं प्राथमिक शिक्षकों की बहाली में पचास प्रतिशत आरक्षण महिलाओं को दिया गया है। महिला सशक्तिकरण नीति से राजनैतिक, सामाजिक क्षेत्र में उनकी भागीदारी सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से इसे लागू किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार राज्य महिला सशक्तिकरण नीति के अनुरूप राज्य की समेकित कार्ययोजना बनाने हेतु मुख्य सचिव श्री अंजनी कुमार सिंह के स्तर पर विभागीय सचिवों की एक समिति रहेगी, जो एक महीना के अंदर कार्ययोजना तैयार करेगी। मुख्य सचिव प्रत्येक छह महीने पर महिला सशक्तिकरण नीति का अनुश्रवण करेंगे। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में गठित मिशन मानव विकास की कैबिनेट कमिटी महिला सशक्तिकरण नीति के क्रियान्वयन की समीक्षा करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी आबादी बहुत ज्यादा बढ़ रही है। सरकार समाज के हर तबके के उत्थान के लिये प्रयत्नशील है। इसके लिये जनसंख्या स्थिरीकरण आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जनसंख्या स्थिरीकरण हेतु महिलाओं की शिक्षा आवश्यक है। उन्होंने कहा कि अगर लड़की मैट्रिक पास है तो उस कपल का प्रजनन दर का राष्ट्रीय औसत 2 है, बिहार में भी प्रजनन दर 2 है। अगर लड़कियाॅ 12वीं पास है तो ऐसे कपल का देश में औसत प्रजनन दर 1.7 है, जबकि बिहार में 1.6 है, जो राष्ट्रीय औसत से बेहतर है। अगर सब लड़कियाॅ प्लस टू तक पढ़ ले तो जनसंख्या दर स्थिर होगा। 40 वर्ष के बाद जनसंख्या दर नीचे आ जायेगा। लड़कियों को शिक्षित होने पर भू्रण हत्या एवं बाल विवाह जैसे कुप्रथा स्वतः खत्म हो जायेगी। लिंगानुपात बेहतर हो जायेगा। आज बिहार का लिंगानुपात 1000 पुरूष पर 917 महिलाओं का है। उन्होंने कहा कि लड़की लक्ष्मी है। लड़की का जन्म खुशी की बात है। सामाजिक परिस्थिति एवं आर्थिक समानता के लिये महिला सशक्तिकरण आवश्यक है। उन्होंने कहा कि बालिका साइकिल योजना, मुख्यमंत्री बालिका पोशाक योजना, अक्षर आंचल योजना की शुरूआत की गयी है, जिससे 9वीं कक्षा में पढ़ने वाली लड़कियों की संख्या काफी बढ़ गयी है। आज 54 प्रतिशत लड़के एवं 46 प्रतिशत लड़कियाॅ स्कूल जा रही है। वह दिन दूर नहीं जब दोनों का प्रतिशत बराबर-बराबर हो जायेगा। उन्होंने कहा कि हर पंचायत में हाई स्कूल की स्थापना होगी। अब तक 1200 हाई स्कूल खुल चुके हैं। इस साल एक हजार हाई स्कूल खोले जायेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार सरकार स्वयं सहायता समूह का गठन की है। इसका सर्वश्रेष्ठ माॅडल जीविका है। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार का लक्ष्य 2017 तक दस लाख स्वयं सहायता समूह का गठन करना है। अभी तक तीन लाख पन्द्रह हजार स्वयं सहायता समूह का गठन हो चुका है। दस लाख स्वयं सहायता समूह के गठन होने पर एक करोड़ दस लाख महिलायें स्वयं सहायता समूह से जुड़ जायेगी। एक करोड़ दस लाख परिवार कवर होगा। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूह की दीदीयों ने बताया कि एक दीदी का मकान जबरन दबंग पड़ोसी ने कब्जा कर लिया था। सभी दीदी ने मिलकर मकान से कब्जा हटवाया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री साइकिल योजना के कारण 9वीं कक्षा में पढ़ने वाली लड़कियों की संख्या में तीन गुणा वृद्धि हुयी और वे भविष्य की सपनों की उड़ान में उड़ने लगी। उन्होंने कहा कि साइकिल चलाकर जाती हुयी लड़की बिहार के विकास की तस्वीर है। उन्होने कहा कि लोहिया के सप्त क्रांति की बात कही थी। सप्त क्रांति में एक क्रांति है नर-नारी समानता। उन्होंने कहा कि जयप्रकाश नारायण ने भी कहा था कि सम्पूर्ण क्रांति का मतलब वही है, जो लोहिया जी का सप्त क्रांति है। सशक्त होती हुयी महिला समाज में आगे बढ़ रही है। आधी आबादी की शक्ति का समाज के निर्माण में उपयोग किया जाना है। समावेशी समाज का सपना तभी साकार होगा, जब नर-नारी समानता हो।
मुख्यमंत्री ने बिहारवासियों को बिहार दिवस की शुभकामनायें दी। उन्होंने कहा कि 1912 में बिहार अलग प्रान्त के रूप में गठित हुआ था। पूर्व में बिहार दिवस नहीं मनाया जाता था। बिहार दिवस मनाने का फैसला 22 मार्च को किया गया। बिहार के गठन के एक सौ साल पूरा पर बिहार दिवस के अवसर पर एक वृहद आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि बिहार दिवस उत्सव के रूप में मनाया जाता है। बिहार का इतिहास गौरवशाली है। मानवता के लिये बिहार का इतिहास महत्वपूर्ण है। बिहार दिवस का संकल्प बिहार में सद्भाव स्थापित करने का है। हमारा बिहार गौरव के उच्च शिखर पर फिर से पहुॅचे। बिहार दिवस अपनी पहचान को प्रकट करने एवं उस पर नाज करने का अवसर है। सभी बिहारी मिलकर बिहार को आगे बढ़ायें। अब बिहारी कहलाना अपमान नहीं, शान का विषय है। बिहार दिवस धूमधाम से पटना, प्रत्येक जिला, गाॅवों एवं स्कूलों में भी मनाया जाता है। इसके साथ-साथ जहाॅ भी प्रवासी बिहारी हैं, बिहार दिवस मनाते हैं। हम अपनी गौरवशाली अतीत को याद कर प्रेरणा लेते हैं। आज के दिन हम संकल्प लें कि शांति, सौहार्द्र एवं पारस्परिक प्रेम के साथ हम मिलकर रहेंगे और बिहार को आगे बढ़ाने का सपना साकार करेंगे। यह सपना तभी साकार होगा, जब विकास का किरण समाज के हर व्यक्ति एवं वर्ग को मिलेगा। हम न्याय के साथ विकास कर रहे हैं। हमारा उद्देश्य है न्याय के साथ विकास। उन्होंने कहा कि बिहार आगे बढ़ रहा है। बिहार के गौरवशाली अतीत को आप सभी के सहयोग से पुनसर््थापित करना है।
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री श्री पी0के0 शाही ने अपने सारगर्भित विचार व्यक्त किये। मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने बिहार राज्य महिला सशक्तिकरण नीति 2015 का सूत्रण एवं पुस्तक का विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने बच्चों के नामांकन हेतु अपील परफाॅर्मा का विमोचन किया। उन्होंने महान खगोलशास्त्री आर्यभट्ट पर बने एक सी0डी0 एवं डिजिटल का लोकार्पण किया एवं भोजपुरी अकादमी द्वारा प्रकाशित भोजपुरी पत्रिका जनवरी से मार्च तक के संयुक्तांक का लोकार्पण किया। किलकारी के बच्चों ने राज्य के प्रसिद्ध, ऐतिहासिक एवं पौराणिक स्थलों की तस्वीर को प्रतीक चिह्न के रूप में मुख्यमंत्री को भेंट किया।
इस मौके पर मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के अलावे जल संसाधन तथा सूचना एवं जन-सम्पर्क मंत्री श्री विजय कुमार चैधरी, वित एवं वाणिज्यकर मंत्री श्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव, खान एवं भूतत्व मंत्री श्री राम लखन राम रमन, समाज कल्याण मंत्री श्रीमती लेशी सिंह, शिक्षा मंत्री श्री पी0के0 शाही, निबंधन, उत्पाद एवं मद्य निषेध मंत्री श्री अवधेश प्रसाद कुशवाहा, पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री श्रीमती बीमा भारती, गन्ना उद्योग मंत्री श्रीमती रंजू गीता, खाद्य एवं उपभेाक्ता संरक्षण मंत्री श्री श्याम रजक, पंचायती राज मंत्री श्री बिनोद प्रसाद यादव, बिहार विधान परिषद के उप सभापति श्री सलिम परवेज, सांसद श्री रामनाथ ठाकुर, सांसद श्रीमती कहकशां परवीन, राजद नेता श्री रामचन्द्र पूर्वे, मुख्य सचिव श्री अंजनी कुमार  सिंह, पुलिस महानिदेशक श्री पी0के0 ठाकुर, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री धर्मेन्द्र सिंह गंगवार, प्रधान सचिव शिक्षा श्री आर0के0 महाजन, प्रधान सचिव गृह श्री आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के सचिव श्री चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अतीश चन्द्रा एवं संबंधित सभी विभागों के पदाधिकारी, गणमान्य व्यक्ति एवं आम नागरिक उपस्थित थे। प्रधान सचिव शिक्षा श्री आर0के0 महाजन ने स्वागत भाषण किया। अपर सचिव शिक्षा ने धन्यवाद ज्ञापन किया।


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