Sunday, 8 March 2015

साइकिल चलाकर स्कूल जाती हुयी लड़कियाॅ बिहार के विकास की तस्वीर है:- मुख्यमंत्री

पटना, 08 मार्च 2015:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर श्रीकृष्ण मेमोरियल हाॅल में आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुये कहा कि मैं हमेशा कहता हूॅ कि साइकिल चलाकर स्कूल जाती हुयी लड़कियाॅ बिहार के विकास की तस्वीर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हमारे समाज के मानसिकता में बदलाव आया है। लड़कियों को पढ़ने के साथ-साथ परिवार, राज्य एवं देश के लिये कुछ करने हेतु पंख लग गये हैं। आज से पन्द्रह साल पहले जब गाॅव में कोई लड़की साइकिल चलाती थी तो गाॅव वाले उसके पिता को बुलाकर कहते थे कि लड़की को संभालो, बिगड़ रही है। आज गाॅव ही नहीं शहरों में भी लड़कियाॅ झुण्ड में साइकिल चलाकर स्कूल में पढ़ने जाती है तथा जुडो कराटे का प्रशिक्षण प्राप्त कर हर विपरित परिस्थिति का सामना करने के लिये तैयार रहती है, इसी को परिवर्तन कहते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार सरकार महिला सशक्त्किरण के लिये संवेदनशील है। हमारे पूर्व वक्ताओं ने राज्य में सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण के लिये चलाये जा रहे योजनाओं की चर्चा की है। उन्होंने इस अवसर पर घोषणा की कि बिहार दिवस के अवसर पर 22 मार्च को सरकार महिला सशक्तिकरण की राज्य नीति की घोषणा करेगी। यह राज्य नीति विभिन्न ढ़ांचागत एवं संस्थागत बाधाओं को दूर कर सभी महिलाओं की संसाधनों तक पहुॅच एवं विकास की मुख्य धारा में भागीदारी सुनिश्चित करेगा। उन्होंने यह भी घोषणा की कि महिला सुरक्षा की विशिष्ट आवश्यकताओं के मद्देनजर सरकार पटना जिले में 23 पुलिस थानों में अपराध अनुसंधान विभाग तथा डी0एफ0आई0डी0 के सहयोग से महिला विकास निगम द्वारा विशेष महिला कोषांग की व्यवस्था की गयी है। इसका प्रबंधन महिला विकास निगम द्वारा नियुक्त महिला परामर्शी द्वारा संबंधित थाना के महिला पुलिसकर्मी एवं थाना प्रभारी के सहयोग से किया जा रहा है। राज्य सरकार इसका विस्तार पुलिस अनुमण्डल स्तर (रेल पुलिस सहित) 112 थानों में करने जा रही है। उन्होंने यह भी घोषणा की कि विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं द्वारा किये गये उत्कृष्ट कार्यों के लिये प्रतिवर्ष जिला स्तर पर चयनित महिला को पचास हजार रूपये तथा राज्य स्तर पर चयनित महिला को एक लाख रूपये मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण पुरस्कार अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर प्रतिवर्ष 8 मार्च को दी जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने महिला सशक्तिकरण के लिये मुख्यमंत्री बालिका साइकिल योजना, मुख्यमंत्री बालिका पोशाक योजना का शुभारंभ किया है। 9वीं कक्षा में पढ़ने वाली लड़कियों की संख्या काफी बढ़ गयी है। आज 54 प्रतिशत लड़के एवं 46 प्रतिशत लड़कियाॅ स्कूल जा रही है। वह दिन दूर नहीं जब दोनों का प्रतिशत बराबर-बराबर हो जायेगा। उन्होंने कहा कि जनसंख्या स्थिरीकरण के लिये महिलाओं की शिक्षा आवश्यक है। अगर लड़की मैट्रिक पास है तो उस कपल का प्रजनन दर का राष्ट्रीय औसत दो है। बिहार में भी प्रजनन दर दो है। अगर लड़कियाॅ 12वीं पास है तो ऐसे कपल का देश में औसत प्रजनन दर 1.7 है, जबकि बिहार में 1.6 है, जो राष्ट्रीय औसत से भी बेहतर है। अगर सब लड़कियाॅ प्लस टू तक पढ़ ले तो जनसंख्या दर स्थिर होगा। 40 वर्ष बाद जनसंख्या दर नीचे आ जायेगा। नारी के शिक्षित होने से भू्रण हत्या नहीं होगी। बाल विवाह नहीं होगा। स्वयं सहायता समूह का काम बेहतरीन हो जायेगा और महिलायें इतनी संगठित हो जायेगी कि लड़की के पिता अगर अपनी लड़की का बाल विवाह करना भी चाहें तो संगठित महिलायें नहीं होने देगी। लोगों की मानसिकता में बदलाव होगा इसलिये सरकार का लक्ष्य है कि लड़कियों को 12वीं तक शिक्षित करने के लिये प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक उच्च विद्यालय खोला जाय।
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि हुनर प्राप्त करने के बाद महिलाओं को औजार कार्यक्रम के तहत पाॅच हजार रूपये देंगे ताकि महिलाओं को टूल्स मिल सके। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार का लक्ष्य 2017 तक दस लाख स्वयं सहायता समूह का गठन करना है। अभी तक तीन लाख पन्द्रह हजार महिला स्वयं सहायता समूह का गठन हो चुका है। दस लाख स्वयं सहायता समूह के गठन होने पर डेढ़ करोड़ महिलायें इससे जुड़ेगी। डेढ़ करोड़ परिवार में चेतना आयेगी। उन्हें सरकारी योजना एवं बैंक से जुड़ी योजना की जानकारी मिलेगी तथा लाभ प्राप्त होगा। उनकी आमदनी बढ़ेगी। महिलाओं में बचत की प्रवृति बढ़ेगी। स्वयं सहायता समूह से महिलाओं में शक्ति आती है। स्वयं सहायता समूह से महिलायें बारी-बारी से मिटिंग का प्रोसिडिंग लिखती है। बैंक के कारोबार के संबंध में जानकारी प्राप्त करती है और बैंक के साथ जुड़े योजनाओं का लाभ उठाती है। उन्होंने जन-धन योजना पर प्रहार करते हुये कहा कि यह नई बोतल में पुरानी शराब है। बिहार में स्वयं सहायता समूह के माध्यम से सभी स्वयं सहायता समूह की दीदीयों को बैंकों में खाता खुलवाया गया है। स्वयं सहायता समूह अपने आपको उत्पादन से भी जोड़ रही है। उन्होंने कहा कि हमने निर्देश दिया है कि लड़कियों को सेनेटरी नैपकीन की राशि नगद दे दी जाय तथा सेल्फ हेल्फ ग्रुप को सेनेटरी नैपकीन बनाने के लिये प्रमोट किया जाय।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सेल्फ हेल्फ ग्रुप की दीदीयों को जन वितरण प्रणाली के डीलरशीप से जोड़ने पर उनसे जो जानकारी प्राप्त हुयी है कि जन वितरण प्रणाली की दुकान से कम से कम चार हजार से पाॅच हजार रूपये की बचत होती है। उन्होंने कहा कि संगठन के माध्यम से सेल्फ हेल्फ ग्रुप की महिलायें जबरन जमीन पर हुयी कब्जा करने वालों को भी खदेड़कर भगायी है। उन्होंने कहा कि सेल्फ हेल्फ ग्रुप से महिलाओं में सामाजिक एवं आर्थिक प्रगति होती है तथा लिंगानुपात में हो रही गड़बड़ी दूर हो रही है। उन्होंने कहा कि बेटी पैदा हो तो जश्न मनाइये।
मुख्यमंत्री ने अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर प्रदेश एवं देश की महिलाओं को बधाई एवं शुभकामनायें दी। भव्य कार्यक्रम आयोजन के लिये समाज कल्याण विभाग एवं ग्रामीण विकास विभाग को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम की सबसे बड़ी खासियत यह थी कि कुछ ऐसी महिलाओं ने जिन्होंने संघर्ष के बल पर अपना राह तय किया, एक हद तक मंजिल को प्राप्त किया और आगे जाने का इरादा है। ऐसी महिलाओं का आप बीती सुनने का मौका मिला। इनकी आप बीती बिहार एवं देश की महिलाओं को प्रेरित करेगी। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव श्री अंजनी कुमार सिंह को निर्देश दिया कि ऐसी महिलायें या लड़कियाॅ जिन्होंने अपनी राह खुद बनायी है और कुछ करना चाहती है, उन्हें हरसंभव सहायता एवं सहयोग प्रदान करें। कस्तुरबा गाॅधी बालिका विद्यालय में पढ़ा रही अस्मा परवीन की समस्याओं को दूर करें। अगर मार्शल आर्ट विशेषज्ञ गुड्डी जैसी लड़की मार्शल आर्ट के लिये स्कूल खोलना चाहती है तो उन्हें हरसंभव मदद करें।
मुख्यमंत्री उन्होंने कहा कि विकास का लाभ सबको मिले, समाज के सभी वर्गों को मिले। समाज में सभी लोगों का विकास, न्याय के साथ विकास है। यही हमारे विकास का नमूना है। महिला के सशक्तिकरण का मतलब है बिहार का सशक्तिकरण एवं आधी आबादी का सशक्तिकरण।
इस अवसर पर समाज कल्याण मंत्री श्रीमती लेशी सिंह ने कहा कि पूरे बिहार की महिलाओं को बधाई एवं शुभकामनायें देता हूॅ। आज का दिन महत्वपूर्ण है। सशक्तिकरण एवं विकास के लिये आज हमलोग एकत्रित हुये हैं। हमारी सरकार ने मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव एवं नगर निकाय चुनावों में पचास प्रतिशत का आरक्षण दिया है। शिक्षक नियोजन, साथ ही साथ सहकारी संस्थाओं में महिलाओं को पचास प्रतिशत का आरक्षण दिया गया है। उन्होंने कहा कि पुलिस बल में आरक्षित तीन प्रतिशत पदों के अतिरिक्त 35 प्रतिशत पद आरक्षित किया गया है। चालीस पुलिस जिलों एवं चार रेल पुलिस जिलों में महिला थाना की स्थापना की गयी है। इसके साथ-साथ मुख्यमंत्री बालिका साइकिल योजना, मुख्यमंत्री पोशाक योजना, हुनर योजना एवं औजार योजना महिलाओं के सशक्तिकरण के लिये लागू की गयी है। आज अगर हम पंचायती राज को महिलाओं का राज कहें तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार, समाज कल्याण मंत्री श्रीमती लेशी सिंह के अलावे सचिव समाज कल्याण श्री अरविन्द कुमार चैधरी, सुश्री गुड्डी, श्रीतमी कल्पना देवी, मीना खातुन, रानी बेगम, आशा देवी, अस्मा परवीन, मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी जीविका श्रीमती एन0 विजय लक्ष्मी ने भी अपने-अपने उद्गार व्यक्त किये। इस अवसर पर ग्रामीण कार्य मंत्री श्री श्रवण कुमार, गन्ना उद्योग मंत्री श्रीमती रंजू गीता, मुख्य सचिव श्री अंजनी कुमार सिंह, पुलिस महानिदेशक श्री पी0के0 ठाकुर, विकास आयुक्त श्री एस0के0 नेगी, सचिव ग्रामीण विकास श्री प्रदीप कुमार, आई0जी0 कमजोर वर्ग श्री अरविन्द पाण्डेय भी उपस्थित थे। इस अवसर पर प्रबंध निदेशक महिला विकास निगम श्री इमामुद्दीन ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने महिला विकास निगम, समाज कल्याण विभाग एवं ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा लगायी गयी प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उन्होंने जेन्डर रिर्सोस सेन्टर का शिलान्यास किया तथा राज्य को गौरवान्ति करने वाली महिलायें- सुश्री सुनीता कुमारी, फतमा खातुन, शुगुफ्ता यास्मीन, किसान चाची, सुमन देवी, विकलांग वैष्णवी देवी, पद्मश्री श्रीमती उषा किरणा खान, पद्मश्री सुधा वर्गीज, पद्मश्री श्रीमती शारदा सिन्हा को प्रमाण पत्र एवं पुरस्कार देकर सम्मानित किया।


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