Sunday, 29 March 2015

अलग-अलग शहरों के लिए आपदा प्रबंधन योजना बनाई जाय- मुख्यमंत्री

पटना, 28 मार्च 2015:-  अलग-अलग शहरों के लिए आपदा प्रबंधन योजना बनाई जाय। स्कूली बच्चों को भी प्राकृतिक आपदा एवं मानवीय चूक जनित आपदाओं की जानकारी दी जाय। उन्हें आपदा की स्थिति में जोखिम को कम से कम किये जाने के उपाय बताये जायें तथा प्रशिक्षण दी जाय। राज्य के सभी स्कूलों में साल के किसी एक दिन को आपदा प्रबंधन दिवस के रूप में मनाई जाय, जिसमें आपदा के समय किस तरह से राहत एवं बचाव कार्य किये जा सकते हैं और आपदा से कम से कम नुकसान हो इसका प्रशिक्षण दिया जाय। मौक ड्रील के माध्यम से बच्चों में आपदा और आपदा से उत्पन्न होने वाले जोखिमों के प्रति संवेदनशीलता लायी जाय। यह निदेश आज मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकार की 9वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। बैठक में जल संसाधन मंत्री श्री विजय कुमार चैधरी, वित्त मंत्री श्री विजेन्द्र प्रसाद यादव, विधि मंत्री श्री नरेन्द्र नारायण यादव, वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री पी0के0 शाही, खाद्य उपभोक्ता मंत्री श्री श्याम रजक, निबंधन मंत्री श्री अवधेश प्रसाद कुशवाहा, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री श्री नौशाद आलम, पशुपालन मंत्री श्री बैद्यनाथ सहनी, पर्यटन मंत्री श्री जावेद इकबाल अंसारी, स्वास्थ्य मंत्री श्री रामधनी सिंह, खान एवं भूतत्व मंत्री श्री राम लखन राम रमण, श्रम संसाधन मंत्री श्री दुलाल चन्द गोस्वामी, आपदा एवं समाज कल्याण मंत्री श्रीमती लेशी सिंह, सहकारिता मंत्री श्री जय कुमार ंिसंह, गन्ना उद्योग मंत्री श्रीमती रंजू गीता, पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री श्रीमती बीमा भारती, पथ निर्माण मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह, मुख्य सचिव श्री अंजनी कुमार सिंह, विकास आयुक्त श्री एस0के0 नेगी सहित विभिन्न विभागों के प्रधान सचिव /सचिव ने भाग लिया।
बैठक में प्राधिकरण की वार्षिक कार्य योजना 2015-16 एवं वार्षिक प्रतिवेदन 2014-15 का अनुमोदन किया गया। वार्षिक कार्य योजना में स्ट्रैक्चरल मिटीगेशन (ैजतंबजनतंस डपजपहंजपवद), नॅान स्ट्रैक्चरल मिटीगेशन, अर्लि वार्निंग सिस्टम के विकास, मानव संसाधन, प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण की योजनाओं के अन्तर्गत सुपौल जिला के सभी अस्पताल, सभी हाई स्कूल एवं कुछ चैयनित प्रशासी भवन को मिलाकर करीब 200 सरकारी भवनों में संभावित भुकंप तीव्रता के कारण होने वाली क्षति के मुल्याकंण हेतु रैपिड वीजुअल स्क्रेनिंग (त्ंचपक टपेनंस ैबतममदपदह) की योजना पारित की गई। बैठक में पुराने भवनों के मजबूतीकरण इत्यादि की भी चर्चा कर डिजास्टर रिस्क रिडक्शन पर महत्व देने को कहा गया। मुख्यमंत्री ने निदेश दिया कि सूचना जन-सम्पर्क विभाग के डायरी कलेण्डर एवं विभिन्न प्रचार साहित्यों में भी आपदा प्रबंधन से संबंधित सूचना डाली जाय।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आधारभूत संरचनाओं का निर्माण सुरक्षित हो इसके लिए सेफ डिजाइन और कन्स्ट्रक्शन होने चाहिये। सभी मकान आधारभूत संरचनाएॅ भूकंप निरोधी होनी चाहिये। इसके लिए लोगों को संवेदनशील करना होगा। उन्होंने निर्माण कार्य में लगे इंजीनियरों को भूकंप निरोधी मकानों के डिजाइन और कंस्ट्रक्शन का प्रशिक्षण दिलाये जाने को भी कहा। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि डिजास्टर मैनेजमंेट इंस्टीच्यूट की स्थापना कराई जानी चाहिये साथ ही ट्रैफिक पार्क का भी निमार्ण कराया जाय ताकि ट्रैफिक के नियमों से अधिक से अधिक लोग अवगत हो सकें और रोड एक्सीडेंट से बचा जा सके। दुर्भाग्यवश यदि दुग्र्घटना होती भी है तो ऐसे समय में कम से कम नुकसान कैसे हो इसके लिए क्या कुछ किया जा सकता है इसकी जानकारी आम लोगों को दिलाई जानी चाहिये। विभिन्न तरह के आपदा के समय किस तरह का आपदा प्रबंधन होगा इसकी भी चर्चा बैठक में की गई।
उपाध्यक्ष आपदा प्रबंधन प्राधिकर श्री अनिल कुमार सिन्हा ने उपस्थित सदस्यों का स्वागत किया। उन्होंने बताया कि प्राधिकरण द्वारा आपदा प्रबंधन के विभिन्न विषयों पर इनफाॅर्मेशन एजुकेशन, काॅम्निकेशन सामग्रियों के मुद्रण के प्रस्ताव का भी आज की बैठक मंे अनुमोदन किया गया। बैठक को प्राधिकरण के सदस्य प्रो0 एस0एन0 आर्या एवं राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य श्री कमल किशोर ने भी संबोधित किया और कहा कि बिहार में आपदा प्रबंधन की दिशा में जो काम मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में हो रहा है वह प्रेरणा दायक है।


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