Monday, 9 March 2015

हमने सर्वाधिक जोर शिक्षा पर दिया है:- मुख्यमंत्री

पटना, 09 मार्च 2015:- हमने सर्वाधिक जोर शिक्षा पर दिया है, पहले से स्थिति सुधरी है। स्थिति में निरंतर सुधार आयेगी। सब तरह के विकास के साथ शिक्षा का विकास नहीं होगा तो विकास बेमानी होगी। शिक्षकों की समस्याओं को भी देखना है, सब काम करना है। आज मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार भागलपुर के सी0एम0एस0 स्कूल के प्रांगण में स्व0 गणेश तिवारी स्मृति सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर स्व0 गणेश तिवारी के तैल चित्र पर माल्यार्पण किया तथा दीप प्रज्ज्वलित कर स्मृति सम्मान समारोह का उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्व0 गणेश तिवारी जाने-माने शिक्षक नेता थे। राज्य स्तर पर मजदूर संगठनों में भी वे काफी लोकप्रिय थे। वे शिक्षकों के बड़े नेता थे, सबको साथ लेकर चलते थे। जिस काम को करने का निर्णय लेते थे, उसको पूरा कर ही दम लेते थे। श्रमिक वर्ग के समस्याओं के प्रति संवेदनशील रहना उनके जीवन का हिस्सा था। उनके स्मृति में सम्मान समारोह का आयोजन हुआ है। इस प्रकार का कार्यक्रम होते रहना चाहिये। उन्होंने कहा कि शिक्षा और शिक्षकों के सम्मान के लिये आयोजित किये जाने वाले कार्यक्रमों में उनका सहयोग मिलता रहेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खेल-कूद को बढ़ावा मिलना चाहिये, खेल-कूद को प्रोत्साहित किया जाना चाहिये। खेल मैदान, स्टेडियम की माॅग होती है तो उन्हें खुशी होती है। पढ़ाई के साथ-साथ खेल भी मनुष्य के जीवन में महत्व रखता है। मनुष्य के सर्वांगीण विकास के लिये पढ़ाई-लिखाई के साथ-साथ खेल भी जरूरी है। क्रिकेट काफी लोकप्रिय हो चुका है। फुटबाॅल का क्रेज भी कम नहीं हुआ है। किसी भी तरह का खेल क्यों न हो, उसे बढ़ावा मिलना चाहिये। खेल के विकास के लिये जो आवयकता होगी, उसे जरूर प्रदान करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गत वर्ष मार्च महीने से वे कामकाज से अलग हो गये थे। उन्हें जब एहसास हुआ कि मुख्यमंत्री का पद छोड़कर भला नहीं किया है और लोगों ने उन्हें पुनः बागडोर संभालने के लिये दवाब डाला तो मैंने सोंच-विचार कर पूरे मने से आपकी खिदमत में आ गया हूॅ। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में क्या-क्या नई समस्या पनपी है, इन सबको लेकर वे चर्चा करेंगे, जरूरत पड़ी तो शिक्षक पंचायत भी लगायेंगे। शिक्षकों की समस्याओं को सुनेंगे और उसका निदान निकालेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने बालिकाओं के लिये राज्य में साइकिल की योजना चलायी थी, जो काफी लोकप्रिय हुयी। महिला सशक्तिकरण को बल मिला। बालिकाओं में शिक्षा की ललक बढ़ी, उनके अरमानों को पर लगा और वे बड़े स्वाभिमान के साथ साइकिल चलाते हुये स्कूल जाती है तो यह दृश्य मोहक होता है।
इस अवसर पर स्व0 गणेश तिवारी के पुत्र श्री मुंत्युजय तिवारी ने स्वागत भाषण किया और कहा कि वे अपने पिता के पद चिह्न पर चल रहे हैं और खेल को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ सामाजिक सेवा में लगे हुये हैं। इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट सेवा प्रदान करने वाले 25 लोगों को मुख्यमंत्री ने प्रतीक चिह्न भेंटकर सम्मानित किया।
राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री श्री नरेन्द्र नारायण यादव ने भी समारोह को संबोधित किया और कहा कि कबीरदास ने कहा था कि गुरू एवं भगवान एक साथ हों तो गुरू को पहले प्रणाम करेंगे क्योंकि गुरू ही ने भगवान को पहचानने की शिक्षा दी है। गुरूजन शिक्षा को नई दिशा देने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये हर पंचायत में एक-एक प्लस टू उच्च विद्यालय खोलेगी। लोकतंत्र में जनता की बड़ी ताकत है। अपना विश्वास, स्नेह मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार को दें ताकि वे विकास को और तेज गति से आगे बढ़ा सकें।
समारोह को शिक्षक नेता एवं विधान पार्षद श्री केदार पाण्डेय ने भी संबोधित किया और मुख्यमंत्री द्वारा शिक्षकों के प्रति सम्मान रखने के लिये तथा शिक्षक के सम्मान में आयोजित समारोह में उपस्थिति देने के लिये साधुवाद दिया। उन्होंने कहा कि यह मुख्यमंत्री का शिक्षा और शिक्षकों के प्रेम और स्नेह को दर्शाता है कि चैथी बार मुख्यमंत्री का शपथ लेने के बाद पटना से बाहर पहले सार्वजनिक समारोह में उन्होंने एक शिक्षक स्व0 गणेश तिवारी के स्मृति सम्मान समारोह में भाग लिया और शिक्षकों के मान-सम्मान को बढ़ाया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सामाजिक परिवर्तन की धारा को मजबूत कर रहे हैं। राज्य की जनता के दुखों को उबारने में उन्होंने अपना जीवन लगा दिया है। बिहार के मान-सम्मान को वे बढ़ा रहे हैं। इस अवसर पर विधायक श्री अजीत शर्मा ने भी समारोह को संबोधित किया।
इस अवसर पर सांसद श्रीमती कहकशां परवीन, विधायक यथा- श्री गोपाल मण्डल, श्री अजय मण्डल, विधान पार्षद यथा- श्री संजीत सिंह, श्री मनोज यादव, पूर्व सांसद श्री भूदेव चैधरी, जिला परिषद अध्यक्ष भागलपुर श्रीमती सविता देवी, महापौर भागलपुर नगर निगम श्री दीपक भवानिया, आर्यभट्ट विश्वविद्यालय के कुलपति श्री उदय कान्त मिश्र सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
इस अवसर पर श्री मृंत्युजय तिवारी ने मुख्यमंत्री को अंगवस्त्र एवं स्मृति चिह्न भेंटकर सम्मानित किया।


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