Sunday, 1 March 2015

सर्विस टैक्स में वृद्धि का प्रभाव आमलोगों पर पड़ेगा, महंगाई बढ़ेगी:- मुख्यमंत्री

पटना, 28 फरवरी 2015:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने केन्द्रीय वित मंत्री श्री अरूण जेटली द्वारा संसद में प्रस्तुत आम बजट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा कि सर्विस टैक्स बढ़ा है, जिसका प्रभाव आमलोगों पर पड़ेगा, महंगाई बढ़ेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत 21,650 करोड़ रूपये मिलता था, जो वर्ष 2015-16 में 18,000 करोड़ रूपये हो जायेगा। इसी तरह मध्याह्न भोजन के तहत 13,500 करोड़ रूपये के स्थान पर 3,325 करोड़ रूपये एवं सर्वशिक्षा अभियान में 9,193 करोड़ रूपये के स्थान पर मात्र दो हजार करोड़ रूपये मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह योजना ऐसी है, जिसे राज्य सरकार हर हाल में चलायेगी, जिसके कारण राज्य पर वितीय बोझ बढ़ेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 14वें वित आयोग के अनुशंसा के कारण राज्य को जो नुकसान हो रहा है, उसकी भरपाई होनी चाहिये। उन्होंने कहा कि जितनी बार बिहार के हित के लिये दिल्ली जाना पड़ेगा, जायेंगे। सभी दल मिलकर आवाज उठायें, बिहार के मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिये। राजस्व घाटा वाले राज्यों को ज्यादा राशि दी जा रही है, जबकि बेहतर वितीय प्रबंधन के जरिये राजस्व घाटे को कम करने वाले राज्यों को प्रोत्साहित करने के बजाय उनकी राशि में बढ़ोतरी नहीं की गयी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री अरूण जेटली ने पाॅच मेगा पावर प्रोजेक्ट की घोषणा की है, जो सही है। यह देखना है कि इसमें बिहार के लिये कोई प्रोजेक्ट है या नहीं। उन्होंने उम्मीद जतायी कि केन्द्र सरकार अपनी घोषणाओं पर तेजी से अमल करेगी और जल्द से जल्द आदेश जारी करेगी। काला धन वापस लाने के वादे के अनुरूप कोई ठोस एवं साफ बात नहीं की गयी है। मनरेगा के बारे में प्रधानमंत्री जी की कल की टिप्पणी एवं बजट में इसके लिये बड़ी राशि का प्रबंध को विरोधाभासी बताया और कहा कि इस योजना का लाभ गाॅवों में रहने वाले बहुत सारे गरीबों को अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने में मिला है। उन्होंने कहा कि 14वें वित आयोग की अनुशंसा के कारण राज्य को करीब 50 से 55 हजार करोड़ रूपये का नुकसान होगा। आयोग की सिफारिश के कारण तुलनात्मक दृष्टि से बिहार को मिलने वाली राशि में अन्य राज्यों की अपेक्षा कम बढ़ोतरी होगी। वित आयोग की सिफारिश लागू होने से सब प्रकार के अनुदान एवं केन्द्र प्रायोजित योजनाओं के माध्यम से मिलने वाली राशि बंद हो जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विशेष राज्य का दर्जा की माॅग के पीछे दो प्रमुख कारण हैं। केन्द्र प्रायोजित योजनाओं में राज्य को हिस्सा पूॅजी कम लगानी होगी तथा उद्योग-धंधों के लिये निवेश करने वालों को केन्द्रीय कर में छूट मिलेगी। उन्होंने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की माॅग अभी भी यथावत है। इससे बिहार में औद्योगिकीकरण की गति को तेज करने और विकास के लिये विशेष राज्य का दर्जा दिया जाना जरूरी है। बजट में मुद्रा बैंक बनाने की घोषणा की गयी है लेकिन इसमें स्वयं सहायता समूह को शामिल नहीं किया गया है, जबकि स्वयं सहायता समूह में महिलायें शामिल होती है। नालंदा को विश्व धरोहर घोषित करने की माॅग मान ली गयी है लेकिन बोधगया को वित मंत्री भूल गये। बोधगया में बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक आते हैं।
मुख्यमंत्री ने बिहार को विशेष सहायता देने और बिहार पुनर्गठन विधेयक के तहत मिल रही सहायता को जारी रखने की केन्द्रीय मंत्री की घोषणा का स्वागत किया। वहीं दूसरी ओर बजट को काॅरपोरेट जगत का ख्याल रखने वाला बताते हुये आशंका जाहिर की कि सामान्य लोगों के लिये की गयी घोषणायें कहीं भूल-भूलैया साबित न हो जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री अरूण जेटली ने बजट भाषण पढ़ते हुये मूल बजट से हटते हुये घोषणा की कि बिहार पुनर्गठन विधेयक का पालन किया जायेगा। इससे यह उम्मीद बंधी है कि बिहार पुनर्गठन विधेयक 2000 के तहत पिछड़ा क्षेत्र अनुदान कोष बी0आर0जी0एफ0 के माध्यम से राज्य को जो सहायता मिल रही है, वह आगे भी जारी रहेगी। भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान की तरह एक और संस्थान बिहार में खोले जाने की घोषणा का भी मुख्यमंत्री ने स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने वित मंत्री की घोषणा कि आॅध्रप्रदेश के तर्ज पर बिहार को विशेष सहायता दी जायेगी, के लिये धन्यवाद दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट में इनकम टैक्स की छूट पाॅच लाख रूपये तक होनी चाहिये थी, मगर इनकम टैक्स में कोई छूट नहीं दी गयी है।



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