Monday, 2 March 2015

14वें वित्त आयोग के अनुशंसा के कारण राज्य को जो नुकसान हो रहा है, उसकी भरपाई होनी चाहिये:- मुख्यमंत्री

पटना, 02 मार्च 2015:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुये कहा कि 14वें वित आयोग की अनुशंसा के कारण राज्य को जो नुकसान हो रहा है, उसकी भरपाई होनी चाहिये। उन्होंने कहा कि यह बर्दाश्त करने वाली बात नहीं है। बिहार से जुड़े मामलों पर केन्द्र ध्यान नहीं दे रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 13वें वित आयोग से बिहार को 10.9 प्रतिशत की राशि मिलती थी, जो 14वें वित आयोग से 9.6 प्रतिशत हो जायेगी। पाॅच साल में बिहार को पचास से साठ हजार करोड़ रूपये का घाटा होगा। 14वें वित आयोग के अनुशंसा से वितीय वर्ष 2014-15 की तुलना में वितीय वर्ष 2015-16 में पन्द्रह हजार करोड़ रूपये का नुकसान होने वाला है। वितीय वर्ष 2014-15 में बिहार को 36,963 करोड़ रूपये मिला, जबकि 2015-16 में 50,747 करोड़ रूपये मिलेगा। केवल 37.3 प्रतिशत की वृद्धि, जबकि बिहार को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत 21,650 करोड़ रूपये मिलता था, जो वर्ष 2015-16 में 18,000 करोड़ रूपये हो जायेगा। इसी तरह मध्याह्न भोजन के तहत 13,500 करोड़ रूपये के स्थान पर 3,225 करोड़ रूपये मिलेगा। सर्वशिक्षा अभियान में 9,193 करोड़ रूपये के स्थान पर मात्र दो हजार करोड़ रूपये मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह योजना ऐसी है, जिसे राज्य सरकार हर हाल में चलायेगी। जिसके कारण राज्य पर वितीय बोझ बढ़ेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 14वें वित आयोग से बिहार को मात्र 37.3 प्रतिशत की वृद्धि होगी, जबकि उतर प्रदेश को 41.1 प्रतिशत, राजस्थान को 46 प्रतिशत, पश्चिम बंगाल को 56.4 प्रतिशत, गुजरात को 57.7 प्रतिशत, हरियाणा को 60.3 प्रतिशत, मध्यप्रदेश को 64.7 प्रतिशत, महाराष्ट्र को 65.1 प्रतिशत, आॅध्रप्रदेश को 65.3 प्रतिशत, झारखण्ड को 73.2 प्रतिशत, पंजाब को 75.9 प्रतिशत, जम्मू-कश्मीर को 80.3 प्रतिशत, छतीसगढ़ को 90.3 प्रतिशत राशि की वृद्धि होगी। 14वें वित आयोग के लागू होने के बाद बिहार को मिलने वाली वृद्धि अन्य राज्यों के हिसाब से तीन न्यूनतम राज्यों में से एक है। उन्होंने कहा कि नये मापदण्ड के अनुसार बिहार को नुकसान हुआ है। बिहार को जो नुकसान हो रहा है, उसकी अनदेखी करने लायक नहीं है। हमारी राज्य योजना और बाकी के खर्च पर असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि बिहार के हित के लिये हम सभी दलों की बैठक बुलाकर वस्तु स्थिति से अवगत करायेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 26.02.2015 को हमने वित मंत्री से मुलाकात की थी। हमने कहा था कि बी0आर0जी0एफ0 को खत्म कर दिया गया है। बी0आर0जी0एफ0 खत्म करना कानून का उल्लंघन है। बिहार पुनर्गठन विधेयक के कारण बिहार को विशेष सहायता मिल रही थी। वह धनराशि बी0आर0जी0एफ0 से दी जा रही थी। यह एन0डी0ए0 के शासनकाल में ही शुरू किया गया था। 10वीं पंचवर्षीय योजना में चार हजार करोड़ रूपये की विशेष सहायता दी गयी थी, जो बढ़कर वर्तमान 12वीं पंचवर्षीय योजना में बारह हजार करोड़ रूपये हो गयी। यह बिजली, सड़क एवं अन्य स्वीकृत योजनाओं के लिये दी जाती है। उन्होने कहा कि अगर बिहार के साथ अन्याय होगा तो हमलोग सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटायेंगे। उन्होंने कहा कि हम बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की माॅग करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि 32 प्रतिशत से 42 प्रतिशत की जो वृद्धि हुयी है, इसका कम्पोजिशन बदल गया है। अन्य मदों से जो पैसा मिलता था, वह समाप्त हो गया है। 14वें वित आयोग की अनुशंसा बिहार के लिये निगेटिव में चला गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वित मंत्री की यह घोषणा कि बिहार एवं पश्चिम बंगाल को आॅध्रप्रदेश के तर्ज पर सहायता देंगे। उन्होंने कहा कि बिहार के हित के बारे में सोंचना है। बिहार के हित को लेकर सभी दल एक साथ मिलकर केन्द्र सरकार से आग्रह करें, इसके लिये हम सर्वदलीय बैठक बुलायेंगे। आॅध्रप्रदेश के तर्ज पर बिहार को सहायता मिले, इसके लिये विशेष मेमोरेंडम बनाकर केन्द्र सरकार को सौपेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा की कथनी और करनी में अंतर है। भाजपा के बड़े नेता जम्मू की चुनावी सभा में कहा था कि बाप-बेटा और बाप-बेटी के चंगुल से निकलिये। भाजपा उन्हीं के साथ मिलकर सरकार बनायी है। महाराष्ट्र में एन0सी0पी0 के बदौलत बी0जे0पी0 की सरकार बनी, जबकि बी0जे0पी0 के बड़े नेता कहते रहे कि महाराष्ट्र में एन0सी0पी0 भ्रष्टाचार में लिप्त थी। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में पी0डी0पी0 के साथ बी0जे0पी0 की सरकार बनना प्रातः स्मरणीय श्यामा प्रसाद मुखर्जी के भावना की दुबारा मृत्यु है। बी0जे0पी0 ही व्याख्या करे कि आतंकियों के सहयोग से जम्मू-कश्मीर में सरकार बनी। उनके पास न तो राजनीतिक और न ही नैतिक बल  है। उन्होंने कहा कि काला धन का मामला हो या किसानों के हित की बात। उन्होंने किसानों से वादा किया था कि लागत मूल्यों का डेढ़ गुणा न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किये जायेंगे। उनकी सरकार में किसानों के लागत मूल्य का तीन प्रतिशत भी वृद्धि नहीं हुयी है। उन्होंने कहा कि किसान विरोधी भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को काला अध्यादेश कहा जा सकता है। काला धन के मामले में सभी परिवार को पन्द्रह से बीस लाख रूपये देने की बात कही थी। वेतनभोगियों को भी काले धन के पाॅच से दस प्रतिशत हिस्सा देने की बात की थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लगभग एक साल बाद जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में शामिल हुये हैं। जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम नौ वर्षों से चल रहा है। मैं इसे अपना कर्तव्य मानता हूॅ। इस कार्यक्रम में काफी सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि नौ साल के जनता दरबार का अध्ययन करायेंगे। कितने मामले आये, कितने मामलों का निष्पादन हुआ। उन्होंने कहा कि जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में जो भी सुधार की आवश्यकता होगी, सुधार करायेंगे।
आज के जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में बिहार के विभिन्न क्षेत्रों से करीब तीन सौ लोग शामिल हुये। जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के अलावे राजस्व मंत्री श्री नरेन्द्र नारायण यादव, निबंधन, उत्पाद एवं मद्य निषेध मंत्री श्री अवधेश प्रसाद कुशवाहा, प्रधान सचिव राजस्व श्री ब्यासजी, प्रधान सचिव गृह श्री आमिर सुबहानी, पुलिस महानिदेशक श्री पी0के0 ठाकुर, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री धर्मेन्द्र सिंह गंगवार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अतीश चन्द्रा, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह एवं सभी संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे।


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