पटना, 31 जनवरी 2015:- मुख्यमंत्री श्री जीतन राम माँझी ने आज सुबह वन एवं पर्यावरण विभाग द्वारा चलाये गये ‘साइकिल चलाओ-पर्यावरण बचाओ‘ अभियान के तहत चयनीत प्रतिभागियों को पुरस्कार एवं प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया। अभियान की समाप्ति के उपरांत पुरस्कार के लिए उपस्थिति कुपन के आधार पर 293 व्यक्तियों को साइकिल, 185 व्यक्तियों को ट्रैक शुट, 26 व्यक्तियों को काॅलर टी0 शर्ट एवं 35 व्यक्तियों को गोल गला का टी0 शर्ट पुरस्कार के रूप में भेंट किया तथा प्रशस्ति पत्र दी। समारोह की अध्यक्षता वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री पी0के0 शाही ने की।
मुख्यमंत्री ने समारोह का उद्घाटन दीप प्रज्जवलित कर किया और कहा कि पर्यावरण सुरक्षा के लिए वन एवं पर्यावरण विभाग द्वारा यह अनुठी योजना मात्र बिहार में पहली योजना नहीं है बल्कि पूरे भारतवर्ष की यह अपने तरह की पहली योजना है। जिसके तहत साइकिल से संजय गाॅधी जैविक उद्यान (चिडि़याघर) में टहलने के लिए आने तथा साइकिल स्टैण्ड में साइकिल रखते हुये, टहलने के उपरांत वापस अपनी साइकिल से घर जाना था। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य लोगों में साइकिल परिचालन के प्रति आकर्षण पैदा कर सस्ते एवं पर्यावरण के अनुकुल साधन के प्रति प्रोत्साहित करना था। साइकिल परिचालन से जहाॅ पूरे शरीर का व्यायाम होता है, वहीं सड़कों पर ध्वनी एवं वायु प्रदुषण के स्तर में कमी आती है। पेट्रोल-डीजल के खपत में कमी आती है एवं लोगों की आर्थिक बचत होती है। इसके अलावे सड़क दुर्घटना भी कम होती है।
मुख्यमंत्री ने इस अभियान के लिए वन एवं पर्यावरण विभाग के साथ-साथ सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया और राज्यवासियों से अपील किया कि वे पर्यावरण सुरक्षा के लिए छोटे-छोटे कार्यों के लिए एवं कम दूरी को तय करने के लिए साइकिल चलायें। उन्होंने कहा कि साइकिल गरीबों की सवारी है, साइकिल बुद्धिमानों की सवारी है। राज्य की सड़कों पर मोटर वाहनों की अधिकता से होने वाली परेशानियों की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुये उन्होंने कहा कि शारीरीक फिटनेस एवं आर्थिक बचत के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण के लिए साइकिल परिचालन को बढ़ावा दिया जाये। मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण के दुषित होने का परिणाम सबसे अधिक गरीब समाज को भोगना पड़ता है। पर्यावरण ठीक रहेगा तो स्वास्थ्य भी ठीक रहेगा। गरीबों के साथ पर्यावरण का चोली-दामन का साथ है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण के प्रदुषित होने के कारण प्राकृतिक असंतुलन हो रहा है। बाढ़, सुखाड़ की समस्या बढ़ रही है। कार्बन डाइआॅक्साइड का कम से कम उत्सर्जन हो इसके लिए प्रयास करना चाहिये। पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए अधिक से अधिक वृक्ष लगाये, जंगल की कटाई को रोके। राज्य में हरियाली के क्षेत्र को बढ़ाये। पर्यावरण की समस्या का हल मात्र सरकार से संभव नहीं है। इसमें हम सबकों सहयोग देना होगा। उन्होंने कहा कि आज सामाजिक परिवर्तन के कारण पैदल चलना, साइकिल चलाना को लोग हिन भावना से देखते है। पैदल चलना व्यायाम, योगा के दृष्टि से सबसे बेहतर है। शरीर को दुरूस्त रखने के लिए साइकिल चलाना लाभदायक है। पहले लोग पर्यावरण के बारे में बहुत सोेचते थे। यही कारण है कि पिपल के वृक्ष को लोग ब्रह्म के रूप में मानते है। पिपल का वृक्ष अत्यधिक आक्सिजन देता है।
वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री पी0के0 शाही ने कहा कि सड़क पर बढ़ रहे वाहनों के कारण ही दुर्घटनायें, सड़क जाम हो रही है। उन्होंने साइकिल परिचालन को अपने दैनिक आवश्यकता के रूप में शामिल करने की आवश्यकता बताई। प्रधान सचिव वन एवं पर्यावरण श्री विवेक सिंह ने समारोह को संबोधित करते हुये कहा कि साइकिल चलाओं पर्यावरण बचाओं अभियान 1 सितम्बर 2014 से 31 दिसम्बर 2014 तक चलाया गया। अभियान में शामिल होने के लिए कुल 47 हजार 893 लोग शामिल हुये और साइकिल से उद्यान आये, जिनमें 1286 महिलायें एवं बच्चे शामिल थे। इस अभियान में शामिल सभी व्यक्तियों को एक-एक ग्रीन कैप दिये गये। 80 दिन या उससे अधिक आने वाले व्यक्तियों को साइकिल दिये जाने का निर्णय लिया गया। धन्यवाद ज्ञापन मुख्य वन संरक्षण श्री एस0के0 चैधरी ने किया। समारोह में प्रधान वन संरक्षण श्री डी0के0 शुक्ला, मुख्यमंत्री के विशेष कार्यपदाधिकारी यथा श्री धर्मेन्द्र सिंह एवं श्री गोपाल सिंह सहित अनेकों वरीय अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने समारोह का उद्घाटन दीप प्रज्जवलित कर किया और कहा कि पर्यावरण सुरक्षा के लिए वन एवं पर्यावरण विभाग द्वारा यह अनुठी योजना मात्र बिहार में पहली योजना नहीं है बल्कि पूरे भारतवर्ष की यह अपने तरह की पहली योजना है। जिसके तहत साइकिल से संजय गाॅधी जैविक उद्यान (चिडि़याघर) में टहलने के लिए आने तथा साइकिल स्टैण्ड में साइकिल रखते हुये, टहलने के उपरांत वापस अपनी साइकिल से घर जाना था। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य लोगों में साइकिल परिचालन के प्रति आकर्षण पैदा कर सस्ते एवं पर्यावरण के अनुकुल साधन के प्रति प्रोत्साहित करना था। साइकिल परिचालन से जहाॅ पूरे शरीर का व्यायाम होता है, वहीं सड़कों पर ध्वनी एवं वायु प्रदुषण के स्तर में कमी आती है। पेट्रोल-डीजल के खपत में कमी आती है एवं लोगों की आर्थिक बचत होती है। इसके अलावे सड़क दुर्घटना भी कम होती है।
मुख्यमंत्री ने इस अभियान के लिए वन एवं पर्यावरण विभाग के साथ-साथ सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया और राज्यवासियों से अपील किया कि वे पर्यावरण सुरक्षा के लिए छोटे-छोटे कार्यों के लिए एवं कम दूरी को तय करने के लिए साइकिल चलायें। उन्होंने कहा कि साइकिल गरीबों की सवारी है, साइकिल बुद्धिमानों की सवारी है। राज्य की सड़कों पर मोटर वाहनों की अधिकता से होने वाली परेशानियों की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुये उन्होंने कहा कि शारीरीक फिटनेस एवं आर्थिक बचत के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण के लिए साइकिल परिचालन को बढ़ावा दिया जाये। मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण के दुषित होने का परिणाम सबसे अधिक गरीब समाज को भोगना पड़ता है। पर्यावरण ठीक रहेगा तो स्वास्थ्य भी ठीक रहेगा। गरीबों के साथ पर्यावरण का चोली-दामन का साथ है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण के प्रदुषित होने के कारण प्राकृतिक असंतुलन हो रहा है। बाढ़, सुखाड़ की समस्या बढ़ रही है। कार्बन डाइआॅक्साइड का कम से कम उत्सर्जन हो इसके लिए प्रयास करना चाहिये। पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए अधिक से अधिक वृक्ष लगाये, जंगल की कटाई को रोके। राज्य में हरियाली के क्षेत्र को बढ़ाये। पर्यावरण की समस्या का हल मात्र सरकार से संभव नहीं है। इसमें हम सबकों सहयोग देना होगा। उन्होंने कहा कि आज सामाजिक परिवर्तन के कारण पैदल चलना, साइकिल चलाना को लोग हिन भावना से देखते है। पैदल चलना व्यायाम, योगा के दृष्टि से सबसे बेहतर है। शरीर को दुरूस्त रखने के लिए साइकिल चलाना लाभदायक है। पहले लोग पर्यावरण के बारे में बहुत सोेचते थे। यही कारण है कि पिपल के वृक्ष को लोग ब्रह्म के रूप में मानते है। पिपल का वृक्ष अत्यधिक आक्सिजन देता है।
वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री पी0के0 शाही ने कहा कि सड़क पर बढ़ रहे वाहनों के कारण ही दुर्घटनायें, सड़क जाम हो रही है। उन्होंने साइकिल परिचालन को अपने दैनिक आवश्यकता के रूप में शामिल करने की आवश्यकता बताई। प्रधान सचिव वन एवं पर्यावरण श्री विवेक सिंह ने समारोह को संबोधित करते हुये कहा कि साइकिल चलाओं पर्यावरण बचाओं अभियान 1 सितम्बर 2014 से 31 दिसम्बर 2014 तक चलाया गया। अभियान में शामिल होने के लिए कुल 47 हजार 893 लोग शामिल हुये और साइकिल से उद्यान आये, जिनमें 1286 महिलायें एवं बच्चे शामिल थे। इस अभियान में शामिल सभी व्यक्तियों को एक-एक ग्रीन कैप दिये गये। 80 दिन या उससे अधिक आने वाले व्यक्तियों को साइकिल दिये जाने का निर्णय लिया गया। धन्यवाद ज्ञापन मुख्य वन संरक्षण श्री एस0के0 चैधरी ने किया। समारोह में प्रधान वन संरक्षण श्री डी0के0 शुक्ला, मुख्यमंत्री के विशेष कार्यपदाधिकारी यथा श्री धर्मेन्द्र सिंह एवं श्री गोपाल सिंह सहित अनेकों वरीय अधिकारी उपस्थित थे।