Saturday, 31 January 2015

छोटे-मोटे कार्यों एवं कम दूरी को तय करने के लिए साइकिल चलायें- मुख्यमंत्री

पटना, 31 जनवरी 2015:- मुख्यमंत्री श्री जीतन राम माँझी ने आज सुबह वन एवं पर्यावरण विभाग द्वारा चलाये गये ‘साइकिल चलाओ-पर्यावरण बचाओ‘ अभियान के तहत चयनीत प्रतिभागियों को पुरस्कार एवं प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया। अभियान की समाप्ति के उपरांत पुरस्कार के लिए उपस्थिति कुपन के आधार पर 293 व्यक्तियों को साइकिल, 185 व्यक्तियों को ट्रैक शुट, 26 व्यक्तियों को काॅलर टी0 शर्ट एवं 35 व्यक्तियों को गोल गला का टी0 शर्ट पुरस्कार के रूप में भेंट किया तथा प्रशस्ति पत्र दी। समारोह की अध्यक्षता वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री पी0के0 शाही ने की।
मुख्यमंत्री ने समारोह का उद्घाटन दीप प्रज्जवलित कर किया और कहा कि पर्यावरण सुरक्षा के लिए वन एवं पर्यावरण विभाग द्वारा यह अनुठी योजना मात्र बिहार में पहली योजना  नहीं है बल्कि पूरे भारतवर्ष की यह अपने तरह की पहली योजना है। जिसके तहत साइकिल से संजय गाॅधी जैविक उद्यान (चिडि़याघर) में टहलने के लिए आने तथा साइकिल स्टैण्ड में साइकिल रखते हुये, टहलने के उपरांत वापस अपनी साइकिल से घर जाना था। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य लोगों में साइकिल परिचालन के प्रति आकर्षण पैदा कर सस्ते एवं पर्यावरण के अनुकुल साधन के प्रति प्रोत्साहित करना था। साइकिल परिचालन से जहाॅ पूरे शरीर का व्यायाम होता है, वहीं सड़कों पर ध्वनी एवं वायु प्रदुषण के स्तर में कमी आती है। पेट्रोल-डीजल के खपत में कमी आती है एवं लोगों की आर्थिक बचत होती है। इसके अलावे सड़क दुर्घटना भी कम होती है।
मुख्यमंत्री ने इस अभियान के लिए वन एवं पर्यावरण विभाग के साथ-साथ सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया और राज्यवासियों से अपील किया कि वे पर्यावरण सुरक्षा के लिए छोटे-छोटे कार्यों के लिए एवं कम दूरी को तय करने के लिए साइकिल चलायें। उन्होंने कहा कि साइकिल गरीबों की सवारी है, साइकिल बुद्धिमानों की सवारी है। राज्य की सड़कों पर मोटर वाहनों की अधिकता से होने वाली परेशानियों की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुये उन्होंने कहा कि शारीरीक फिटनेस एवं आर्थिक बचत के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण के लिए साइकिल परिचालन को बढ़ावा दिया जाये। मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण के दुषित होने का परिणाम सबसे अधिक गरीब समाज को भोगना पड़ता है। पर्यावरण ठीक रहेगा तो स्वास्थ्य भी ठीक रहेगा। गरीबों के साथ पर्यावरण का चोली-दामन का साथ है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण के प्रदुषित होने के कारण प्राकृतिक असंतुलन हो रहा है। बाढ़, सुखाड़ की समस्या बढ़ रही है। कार्बन डाइआॅक्साइड का कम से कम उत्सर्जन हो इसके लिए प्रयास करना चाहिये। पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए अधिक से अधिक वृक्ष लगाये, जंगल की कटाई को रोके। राज्य में हरियाली के क्षेत्र को बढ़ाये। पर्यावरण की समस्या का हल मात्र सरकार से संभव नहीं है। इसमें हम सबकों सहयोग देना होगा। उन्होंने कहा कि आज सामाजिक परिवर्तन के कारण पैदल चलना, साइकिल चलाना को लोग हिन भावना से देखते है। पैदल चलना व्यायाम, योगा के दृष्टि से सबसे बेहतर है। शरीर को दुरूस्त रखने के लिए साइकिल चलाना लाभदायक है। पहले लोग पर्यावरण के बारे में बहुत सोेचते थे। यही कारण है कि पिपल के वृक्ष को लोग ब्रह्म के रूप में मानते है। पिपल का वृक्ष अत्यधिक आक्सिजन देता है।
वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री पी0के0 शाही ने कहा कि सड़क पर बढ़ रहे वाहनों के कारण ही दुर्घटनायें, सड़क जाम हो रही है। उन्होंने साइकिल परिचालन को अपने दैनिक आवश्यकता के रूप में शामिल करने की आवश्यकता बताई। प्रधान सचिव वन एवं पर्यावरण श्री विवेक सिंह ने समारोह को संबोधित करते हुये कहा कि साइकिल चलाओं पर्यावरण बचाओं अभियान 1 सितम्बर 2014 से 31 दिसम्बर 2014 तक चलाया गया। अभियान में शामिल होने के लिए कुल 47 हजार 893 लोग शामिल हुये और साइकिल से उद्यान आये, जिनमें 1286 महिलायें एवं बच्चे शामिल थे। इस अभियान में शामिल सभी व्यक्तियों को एक-एक ग्रीन कैप दिये गये। 80 दिन या उससे अधिक आने वाले व्यक्तियों को साइकिल दिये जाने का निर्णय लिया गया। धन्यवाद ज्ञापन मुख्य वन संरक्षण श्री एस0के0 चैधरी ने किया। समारोह में प्रधान वन संरक्षण श्री डी0के0 शुक्ला, मुख्यमंत्री के विशेष कार्यपदाधिकारी यथा श्री धर्मेन्द्र सिंह एवं श्री गोपाल सिंह सहित अनेकों वरीय अधिकारी उपस्थित थे।

Friday, 30 January 2015

स्व0 रामाश्रय प्रसाद सिंह की जयंती राजकीय समारोह के रूप में मनाई जायेगी- मुख्यमंत्री

पटना, 30 जनवरी 2015:-  स्व0 रामाश्रय प्रसाद सिंह सतह से चलकर आगे बढे़, इसका वे ज्वलंत उदाहरण थे। स्वच्छ जीवन, उत्तम विचार एवं सादगी उनके जीवन के आधार रहे थे। रामाश्रय बाबू दैहिक रूप से आज हमारे बीच नहीं है लेकिन उनके वैचारिक आदर्श एवं किए गये कार्य रास्ता दिखाने का काम करते है। आज मुख्यमंत्री श्री जीतन राम माँझी कंकड़बाग स्थित पार्क में स्व0 रामाश्रय प्रसाद सिंह की 85वीं जयंती के अवसर पर उनके आदमकद प्रतिमा का अनावरण एवं दीप प्रज्जवलन कर समारोह का उद्घाटन करते हुये उपस्थित जन सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पिता के बाद और राजनीति में जिन दो व्यक्ति उनके प्रेरणा स्रोत रहे हैै, उनमें से एक स्व0 रामाश्रय बाबू थे। राजनीति में वे मेरे आराध्य रूप में रहे है। जीवन में बडे़ लोगो की बातें करना भी बड़ा काम करता है। उन्होने कहा कि वे सादगी की मिशाल थे। उनके अंतिम समय तक उन्हे हमनें एक ही रूप में देखा है। वे मंत्री, विधायक नहीं रहते हुए भी उनके क्रियाकलाप में कोई कमी नहीं थी। जैसा  विचार एवं वे सोच रखते थे उसका मेरे जीवन पर बड़ा प्रभाव पड़ा है। रामाश्रय बाबू जैसे चरित्र अपनाने वाले को किसी प्रकार का भय एवं डर नहीं होता है।
    मुख्यमंत्री ने स्व0 रामाश्रय प्रसाद सिंह के व्यक्तित्व की चर्चा करते हुए कहा कि वे लोगो को अपने से आगे बढाने की बात करते थे। संसदीय कार्यविधि के संबंध में वे हमेशा बताते रहते थे एवं कहते थे कि विधानसभा में उपस्थित रह कर सीखिए। हमलोगो के प्रति उनका कितना लगाव था कि वे हमेशा सीखने की ही बात करते थे। यह हमलोगों के लिए सीखने योग्य बात थी और हमलोगों ने उनसे सीखा है। उनका सदा आशीर्वाद रहा है और उनसे ही प्रेरणा लेते रहेंगे। स्व0 रामाश्रय बाबू के चरणों मे शीश नवाते हुए आज उनकी जयंती पर उन्हें हजार-हजार बार नमन करते है।
      मुख्यमंत्री ने कंकडबाग स्थित पार्क स्व0 रामाश्रय प्रसाद सिंह के नाम पर नामाकरण करते हुए इस पार्क में प्रकाश, सफाई एवं सभी प्रकार की व्यवस्था किए जाने की घोषणा की। अगले वर्ष से 30 जनवरी को स्व0 रामाश्रय प्रसाद सिंह की जयंती को राजकीय समारोह के रूप मे मनाये जाने की भी उन्होंने घोषणा की। उन्होंने कहा कि मखदुमपुर स्व0 रामाश्रय बाबू के नाम से जाना जाता है। अतएवं उनकी आदमकद प्रतिमा वहां पर पार्क अथवा स्टेडियम मे लगाया जायेगा। कंकड़बाग में पार्क के सामने वाले पथ एवं चैराहा के संदर्भ में कहा कि इसपर विचार कर कारवाई करेंगें।
    इस अवसर पर जल संसाधन मंत्री श्री विजय कुमार चैधरी ने कहा कि स्व0 रामाश्रय प्रसाद सिंह असाधारण व्यक्तित्व के धनी थे। संसदीय परंपरा में उनकी कार्यशैली, व्यवहार, आचरण सदन के अंदर या बाहर, हम उनसे सीखते थे। जीवन पर्यन्त उनसे सीखते ही रहे। जो आदर्श और जिस तरह की राजनीति कर प्रेरणा का दीपक जलाया है, उनके दिखाये रास्ते पर हम चलने की कोशिश करने के लिए हम सभी संकल्पित हो।
  इस अवसर पर सभा की अध्यक्षता कर रहे पूर्व मंत्री एवं विधायक डाॅ0 अनिल कुमार ने स्व0 रामाश्रय प्रसाद सिंह के व्यक्तित्व के संबंध में चर्चा की और मुख्यमंत्री द्वारा उनके प्रति दर्शायें गये श्रद्धा के विषय में भी लोगों को बताया। इस अवसर पर विधायक श्री रण विजय सिंह, विधायक श्री अरूण कुमार सिंहा, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष श्री अनिल शर्मा, बिहार लोक सेवा आयोग के सदस्य श्री राम किशोर सिंह, स्व0 रामाश्रय प्रसाद सिंह के पुत्र श्री राजीव निरंजन एवं अन्य ने भी सभा को संबोधित किया। इस अवसर पर अनेक गणमान्य व्यक्ति एवं सामाजिक कार्यकर्ता भी काफी संख्या में उपस्थित थे।
स्व0 रामाश्रय प्रसाद सिंह स्मृति सेवा समिति के तत्वाधान में आयोजित समारोह में आयोजकों की ओर से मुख्यमंत्री को बुके, शाॅल एवं प्रतीकचिन्ह देकर सम्मानित किया गया।



पूर्व विधायक अनीस अहमद ने निधन पर मुख्यमंत्री ने गहरा शोक एवं दुख व्यक्त किया

 पटना, 30 जनवरी 2015:-  मुख्यमंत्री श्री जीतन राम माँझी ने पूर्व विधायक अनीस अहमद के निधन पर गहरा शोक एवं दुख व्यक्त किया। अपने शोक संदेश में कहा कि स्व0 अनीस अहमद एक जुझारू सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ता थे। उन्होंने मधुबनी जिला के लौकहां विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था तथा उनका लगाव हमेशा क्षेत्र से बना रहा। ईश्वर उनकी  आत्मा को चिर शांति प्रदान करें। शोक संत्पत परिवार को धैर्य दें।

सरकारी/निजी कंपनियों में नौकरियाॅ सीमित हैः युवक स्वयं नियोजन पर ध्यान दें - मुख्यमंत्री

 पटना, 30 जनवरी 2015:- सरकारी/निजी क्षेत्र में नौकरियाॅ सीमित है। युवक स्वयं नियोजन पर ध्यान दें। कृषि, मध्यम उद्योग, कुटीर उद्योग में लोग जितनी शालीनता से काम करेंगे उतना हीं क्षेत्र का विकास होगा। रोजगार की संभावनायें बढ़ेगी। पहले हिन्दुस्तान जगत गुरू कहलाता था। यहाॅ पर सबकुछ था। लोग स्वयं व्यवसाय से खुशहाल थे। छोटे-छोटे उद्योग- मलमल का व्यवसाय, दुग्ध व्यवसाय, खेती आदि में लगे थे। हमें अपनी पुरानी गौरवपूर्ण परंपराओं को याद रखना चाहिये और छोटे-छोटे उद्योग धंधे लगाने चाहिये। इसके माध्यम से राज्य में खुशहाली आयेगी और हर हाथ को काम मिलेगा। आज मुख्यमंत्री श्री जीतन राम माँझी कटिहार जिला के रघुनाथपुर, बारसोई में आई0टी0आई0 भवन का शिलान्यास एवं आई0टी0आई0 के शिक्षा सत्र का उद्घाटन कर महती जनसभा को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की जितनी भी योजनाओं है, उन सबकों ईमानदारी से धरातल पर ला दिया जाये तो  बेरोजगार, गरीब, बेसहारा लोगों को बड़ी संख्या में रोजगार मिल सकेगा तथा उनका जीवन स्तर बेहतर हो जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम पर्यावरण पर ध्यान नहीं दे रहे है। जंगल की कटाई के कारण ग्लोबल वार्मिंग की समस्या उत्पन्न हो गई है। बारिश कम हो रही है। ग्लेशियर सूख रहे है। गंगा का पानी सूख रहा है। आने वाले पीढ़ी को पर्यावरण के प्रति सतर्क रहने की जरूरत है। शुद्ध वातावरण में लोग रहना सीखें। अधिक से अधिक संख्या में वृक्ष लगायें। साफ-सफाई पर ध्यान दंे। अपने घरों में शौचालय का निर्माण जरूर कराये। बच्चों को शिक्षित करें। बुरी आदतों से स्वयं दूर रहे और अपने पास-पड़ोस को भी बुरी आदतों से दूर रहने को कहें। विकास कार्य योजनाबद्ध तरीके से किया जा रहा है। विधि व्यवस्था में सुधार हो रहा है। राज्य के सभी पंचायतों में एक-एक प्लस टू उच्च विद्यालय खोले जा रहे है। परिवहन निबंधन, खनन, वाणिज्य-कर आदि विभागों के माध्यम से आंतरिक संसाधन जुटा रहे है। बिहार को बीमारू राज्य की श्रेणी से हटाकर, प्रगतिशील राज्य की श्रृंखला में खड़ा करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष 57 हजार करोड़ रूपये का योजना बजट बनाया था। मगर केन्द्र सरकार ने हमारे बजट में कटौती कर ली है। मनरेगा, बी0आर0जी0एफ0 के साथ कई योजनाओं में भी कटौती की गई है। इंदिरा आवास के कोटे को कम कर दिया गया है। राज्य में 22 लाख लोग आवासहीन है। उन्हें आवास मुहैया कराया जायेगा। प्रत्येक अनुमंडल में एक-एक आई0टी0आई0 संस्थान तथा प्रत्येक जिले में एक-एक पाॅलिटेक्निक महाविद्यालय खोले जायेंगे। कौशल का प्रशिक्षण प्राप्त युवकों को बैंक के माध्यम से ऋण दिलाकर उन्हें स्वरोजगार के अवसर दिये जायेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विधि व्यवस्था को उच्चतम प्राथमिकता दी गई। संविदा कर्मियों पर भी ध्यान दिया जा रहा है। आशा, टोला सेवक, विकास मित्र, कृषि मित्र, सांख्यिकी मित्र, पंचायत शिक्षक, नगर शिक्षक को बहाल किया है। जिला स्तर पर लम्बित वारंट वाद एवं अन्य लम्बित वाद के निराकरण हेतु जिला पुलिस, प्रशासन को निर्देश दिया गया है। सभी विभागों के अन्तर्गत क्रियाशील योजनाओं के लाभ लेने के लिए प्रेरित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी प्राथमिकताओं में राज्य का विकास न्याय के साथ किये जाने का है। उन्होंने कहा कि बिजली की स्थिति में निरंतर सुधार लाया गया है। 16 और 25 के0वी0 के ट्रांसर्फामरों को बदलकर उनके स्थान पर 63 और 100 के0वी0 के ट्रांसर्फमर लगाये जा रहे है। राज्य में बिजली की आपूर्ति को बढ़ाया गया है। इस साल के मध्य तक 4 हजार से 45 सौ मेगावाट बिजली आपूर्ति करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
इस अवसर पर श्रम संसाधन मंत्री श्री दुलालचंद गोस्वामी ने कहा कि बारसोई- बलरामपुर सड़क बनाने का कार्य पुरा किया गया है। बारसोई में विद्युत सब पावर स्टेशन की स्वीकृति दी गई है। इस कार्य के लिए 6 एकड़ जमीन भी चिन्ह्ति कर लिया गया है। विधोर पंचायत को बारसोई से जोड़ने के लिए गाजन पुल की स्वीकृति दी गई है। आबादपुर क्षेत्र में पुल-पुलिया के निर्माण का कार्य प्रगति पर है। नदी-नालों पर पुल-पुलिया का निर्माण कराकर आवागमन की सुविधा बढ़ाई जायेगी तथा कृषि का क्षेत्र विस्तार होगा। बिहार के 38 जिलों में 1 करोड़ 22 लाख लोगों का स्वास्थ्य श्रम बीमा का पंजीकरण तथा 2 करोड़ 22 लाख निर्माण मजदूर का पंजीकरण किया गया है। पंचायत स्तर पर भी निर्माण मजदूरों का पंजीकरण होगा। बिहार के मजदूर कहीं भी काम करते हो तो उनका पंजीकरण किया जायेगा। पंजीकरण हेतु 2 रूपये प्रति माह शुल्क निर्धारित है। कटिहार जिले के बंद जुट मिल को चालू करा दिया गया है। कटिहार में 100 बेड के अस्पताल का निर्माण का कार्य प्रगति पर है।
इस अवसर पर अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री श्री नौशाद आलम, विधायक यथा श्री मनोहर प्रसाद, श्री नागेन्द्र प्रसाद यादव, पूर्व मंत्री श्री विश्वनाथ सिंह, पूर्व मंत्री श्री विश्वनाथ ऋषि, पूर्व विधायक मो0 सिद्वीक, समाजिक कार्यकर्ता श्री सुर्यदेव मंडल, मो0 रहमान, श्री प्रमोद शाह, अब्दूल गनी, मो0 खाजा शाहीद सहित अनेकों गणमान्य व्यक्तियों ने भी अपने विचारों को रखा। जिला पदाधिकारी कटिहार ने स्वागत भाषण किया।


राष्ट्रपिता महात्मा गाॅधी को शत्-शत् नमन, स्वतंत्रता संग्राम के हुतात्माओं की स्मृति में मौन श्रद्धांजलि अर्पित की गई

पटना, 30 जनवरी 2015:- भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के हुतात्माओं की स्मृति में आज राज्यवासियों ने मौन श्रद्धांजलि अर्पित की तथा राष्ट्रपिता महात्मा गाॅधी को शत्-शत् नमन किया।
राष्ट्रपिता महात्मा गाॅधी के पुण्यतिथि पर स्वतंत्रता संग्राम के हुतात्माओं की स्मृति में मौन श्रद्धांजलि अर्पित किये जाने का मुख्य कार्यक्रम पटना के गाॅधी घाट पर आयोजित किया गया, जहाॅ मुख्यमंत्री श्री जीतन राम माँझी ने समाधि पर पुष्पचक्र अर्पित कर राष्ट्रपिता महात्मा गाॅधी एवं हुतात्माओं को श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर सशस्त्र पुलिस बल द्वारा सलामी दी गयी तथा दो मिनट की शोक सलामी एवं मौन रखकर राज्यवासियों ने स्वतंत्रता संग्राम के हुतात्माओं की स्मृति में मौन श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सचिव श्री अतीश चन्द्रा, आयुक्त पटना प्रमण्डल-सह-सचिव भवन निर्माण विभाग श्री नर्मदेश्वर लाल, पटना के जिलाधिकारी श्री अभय कुमार सिंह, वरीय पुलिस अधीक्षक श्री जितेन्द्र राणा, जदयू तकनीकी प्रकोष्ठ के महासचिव मुकेश कुमार सिंह, बिहार राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के पूर्व सदस्य श्री शिवशंकर निषाद सहित अनेकों सामाजिक, राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने भी राष्ट्रपिता महात्मा गाॅधी को नमन किया और मौन श्रद्धांजलि अर्पित की।


राष्ट्रपिता महात्मा गाॅधी ने बिहार को अपनी कर्मभूमि के रूप मे चुना इसके लिए बिहारवासी अनुग्रहित हैं - मुख्यमंत्री

पटना, 29 जनवरी 2015:- राष्ट्रपिता महात्मा गाॅधी ने बिहार को अपनी कर्मभूमि के रूप में चुना इसके लिए बिहारवासी अनुग्रहित हैं। महात्मा गाॅधी ने अफ्रीका जाकर काम किया। जब लौटे तो यहाॅ आकर सामान्य वर्ग की पीड़ा को देखा और उससे कैसे निजात दिलाया जाए इसके लिए संघर्ष किया। मुख्यमंत्री श्री जीतन राम मांझी आज भारतीय नृत्यकला मंदिर में राष्ट्रपिता महात्मा गाॅधी के दक्षिण अफ्रीका से वापसी के 100वें वर्ष गांठ के उपलक्ष्य में कला एवं संस्कृति विभाग एवं बिहार ललित कला एकैडमी के संयुक्त तवाधान में राष्ट्रपिता बापू की याद में ‘‘बापू पेंटिंग एवं प्रदर्षनी’’ का लोकार्पण कर रहे थे।
कला एवं डाक टिकट प्रदर्षनी के माध्यम से महात्मा गाॅधी की जीवनी को प्रस्तुत किए जाने के लिए मुख्यमंत्री ने कला एवं संस्कृति विभाग की प्रशंसा की और कहा कि यह अनूठी प्रदर्षनी हमें गाॅधी जी की महत्वपूर्ण घटनाओं, अध्यात्मिक, दार्षनिक तŸवों और लोकप्रिय पुनरावलोकन जो उन्हें महात्मा बनाती है से परिचित कराएगी। आधुनिक युग में जहाॅ धर्म जाति एवं समुदाय के नाम पर हिंसा से लाखों निर्दोष लोगों की जान जा रही है एवं युवा, मासूम को आतंकवाद की ओर ढकेला जा रहा है ऐसे में हमे महात्मा गाॅधी के अहिंसा और सत्याग्राह के मार्ग की जरूरत है। यह प्रदर्षनी महात्मा गाॅधी द्वारा दिखाये गए मानव अधिकारों के मूल्य और स्वतंत्रता पर जोर देने की कोषिष करेगी। उन्होंने कहा कि संसार गाॅधी दर्षन से अनुप्राणित है इसे अपनाने और जीवन में उताड़ने की जरूरत है। राष्ट्रपिता का नाम हम हर काम में ले रहे हैं, मगर जिन मूल्यों के लिए उन्होंने संर्घष किया, अत्याचार के विरूद्ध खड़े हुए, अहिंसा का सहारा लेकर आन्दोलन किया। हम उनका नाम तो लेते हैं मगर उनकी बातों पर कितना अमल करते हैं इसे विचारने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के समाचार पत्र में धर्मनिर्पेक्ष और सामाजवादी शब्दों को हटाये जाने की एक दल विषेष द्वारा की गई मांग पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसी मांगे उचित नहीं है।  महात्मा गाॅधी ने सब को सुम्मति देने की बात कही है। राष्ट्रपिता को ठीक ढंग से समझने की जरूरत है। गरीबों के उत्थान के लिए उन्होंने शहादत दी थी, धर्मनिर्पेक्षता की बात की थी, उन्होंने हिन्दु राज की बात नहीं की थी, गरीब अमीर के बीच खाई का पटने की बात कही थी। धार्मिक्ता, जातिवाद, भाषावाद की परिधि से हट कर मानवता की बात होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि गाॅधीजी के विभिन्न आयामों को प्रदर्षित करने का काम प्रदर्षनी के माध्यम से किया गया है, यह सराहनीय है। राष्ट्रपिता महात्मा गाॅधी और बाबा साहेब भीमराव अम्बेदकर के बीच कोई अलगाव नहीं था। रास्ते अलग हो सकते हैं मगर दोनों की मंजिल एक थी। वे भंगी बस्ती को ठीक करने का उपाय करते थे। अनुसूचित जाति-जनजाति के उत्थान के लिए कार्य करते थे। महात्मा गाॅधी उस समय से आज ज्यादा प्रसंगिक हो गए हैं। वे जो बात बोलते थे उसका उपयोग अपने व्यवहारिक जीवन में करते थे ऐसे महान आत्मा के चरणों में मस्तक झुकाते हैं।
समारोह के मुख्य अतिथि राष्ट्रपिता महात्मा गाॅधी के परपोत्र श्री तुषार गाॅधी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि जिन दो लोगो को हाल ही में नाॅवेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है उन्होंने ने कहा है कि उन्होंने बापू से प्रेरण ली जबकि उन दोनो का जन्म बापू की मृत्यु के बाद हुआ है। बापू के सपने को आम जनो तक पहुॅचाने के लिए इसी तरह के आयोजन लगातार किए जाए, ऐसा आयोजन की जरूरत है। बिहार के साथ बापू का जुड़ाव बहुत अहमियत रखता है। उन्होने राष्ट्रपिता के चंपारण सत्याग्रह का जिक्र करते हुए कहा कि उनसे एक भिखारी ने मिलकर उनके सत्याग्रह आन्दोलन के लिए कुछ देने की इच्छा व्यक्त की तो राष्ट्रपिता ने उसका स्वागत किया और उस भिखारी के साढ़े तीन आने के अंषदान को स्वीकार किया। जब उनसे पूछा गया तो उन्होने कहा कि इस निर्धन व्यक्ति द्वारा दिया गया साढ़े तीन आने का दान बिरलाजी के द्वारा दिए गए एक लाख रुपये के दान से अधिक महत्व रखता है। राष्ट्रपिता की जन्म भूमि गुजरात  थी जबकि उनकी कर्मभूमि बिहार थी।
समारोह को कला एवं संस्कृति मंत्री श्री विनय बिहारी ने भी संबोधित किया, स्वागत भाषण सचिव कला संस्कृति श्री आनन्द किषोर ने किया और कहा कि इस प्रदर्षनी के माध्यम से राष्ट्रपिता के संघर्ष एवं जीवन के विविध पहलूओं को दर्षाया गया है। प्रदर्षनी पाॅच दिनों तक चलेगी।
मुख्यमंत्री ने प्रसिद्ध कलाकार श्री श्याम शर्मा की पेंटिंग पर आधारित प्रदर्शनी ‘‘गाॅधी: समय का सच’’ का लोकार्पण किया और कहा कि श्री श्याम शर्मा ने गाॅधी जी की जीवनी से प्रभावित होकर पेंटिंग की श्रृंखला बनायी है जो पूरी तरह कलात्मक अभिव्यक्ति है। उन्होंने एक-एक पादर्श को गहराई से अवलोकन किया और कहा कि श्री श्याम शर्मा का प्रयास अद्भुत है। उन्होंने बिहार की धरोहर, सांस्कृति, कला साहित्य एवं महापुरूषों को डाक टिकटों में चित्रित करने के लिए डाक तार विभाग के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि इससे देश गौरवान्वित हुआ है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री एवं विशिष्ट अतिथि को स्मृति चिह्न  भेट कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर बिहार ललित कला एकैडमी के अध्यक्ष श्री ए0पी0 बादल, साहित्कार आलोक धनुवा सहित अनेकों गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।



Thursday, 29 January 2015

मुख्यमंत्री ने की आपदा प्रबंधन पर विमर्ष

पटना दिनांक-28 जनवरी 2015:- आज मुख्यमंत्री श्री जीतन राम मांझी ने बिहार राज्य आपदा प्राधिकार के उपाध्यक्ष एवं सदस्यों के साथ  प्राधिकार के योजनाओं एवं गतिविधियों के संबंध में विमर्ष किया । बिहार राज्य आपदा प्राधिकार के उपाध्यक्ष श्री अनिल कुमार सिन्हा ने मुख्यमंत्री को बिहार राज्य के लिए संभावित आपदा से बचाव के संदर्भ में योजनाओं एवं प्राधिकार द्वारा किए जा रहे कार्यो को  पावर प्रजेंटेषन के माध्यम से अवगत कराया और राज्य के बाढ, सुखाड, भूकम्प प्रभावित क्षेत्रों के संबंध मंे विस्तार से बताया। भूकम्प की पुनरावृत्ति के मद्देनजर भविष्य मे इससे बचाव की तैयारियों की भी चर्चा की गई । साथ ही  विद्यायली बच्चों की सहभागिता से जागरूकता हेतु विद्यालयों को इससे जोडने पर बल दिया  गया । प्राधिकार के उपाध्यक्ष ने जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार को और अधिक  सषक्त एवं सक्रिय बनाने के बारे में जोर दिया । साथ ही  सरकारी विभागों एवं मुख्य सरकारी प्रतिष्ठानों के भवनों, विद्यालयों, स्वास्थ्य केन्द्रों, थाना आदि के लिए आपदा प्रबंधन योजना बनाये जाने की जररूत पर बल दिया गया।
     मुख्यमंत्री को बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकार के द्वारा आपदा प्रबंधन के लिए किए जा रहे कार्यो, प्राधिकार की संरचना एवं जागरूकता के लिए किए जा रहे कार्यो के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गई। इसके अलावा प्राधिकार द्वारा जागरूकता हेतु प्राधिकार के वेवसाईट, फेसबुक एवं आई0ई0सी0 सामाग्री के विषय मे भी जानकारी दी गई।
     इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री अमृत लाल मीणा, मुख्यमंत्री के विषेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, वरीय सलाहाकार बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकार यथा- श्री अजीत शमायार एवं श्री अनुज तिवारी, परियोजना पदाधिकारी यथा-श्री आनंद विजेता, श्रीमती मधुबाला , श्री विषाल वासवानी भी उपस्थित थें ।













स्वच्छता के प्रति जागरूकता को बढ़ाने के लिए सफाई मित्रों की नियुक्ति करेंगे:- मुख्यमंत्री

पटना, 28 जनवरी 2015:- सफाई के प्रति जागरूकता को बढ़ाने के लिए तथा ग्रामीण शौचालयों की देख-रेख के लिए लगभग 42-45 हजार सफाई मित्रों की नियुक्ति कर उन्हें रोजगार से जोड़ेगें। इससे लोगों को सफाई के प्रति प्रेरणा मिलेगी। बीमारी से लोग बचेंगे। आप सब का प्रयास रहना चाहिए की हर तरफ साफ-सफाई बनी रहे, पर्यावरण दूषित न हो मुख्यमंत्री श्री जीतन राम मांझी आज श्री कृष्ण मेमोरियल हाॅल में मुसहर विकास मंच द्वारा आयोजित एक विशाल समारोह का उद्घाटन कर रहे थें।
मुख्यमंत्री ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि आप लोगों ने पटना में जुट हो कर अपने समाज के विषय में चर्चाएं की है इसका संवाद बिहार के लोगों के बीच जाएगा, आप लोगो ने जिन बातों की चर्चा की है, उन सब पर विचार किया जाना आवश्यक है। मुसहर विकास मंच द्वारा जो सुझाव मेरे समक्ष लाए गए हैं वे सभी सुझाव ठीक हैं। इनको पूरा कराने का विचार बिहार सरकार करेगी। पढ़ाई-लिखाई, विकास, अत्याचार, गरीबी इत्यादि से जुड़ी समस्याओं के निदान की चर्चा समस्यामूलक हैं। इन सभी समस्याओं का निदान खोजने का प्रयास कर रहे हैं। हमारी समस्याएं अनन्त है। इनके निराकरण का उपाय होना चाहिए। आप किसी के बहकाबे में न आएं, लोग आपको तरह-तरह से बहकाने की कोशिश करेंगे। व्यवहारिक बात यह है कि सब को इंदिरा आवास दे देने के बाद भी दो, चार, पाॅच वर्षों के बाद पुनः इतना ही आवास देनी होगी। इंदिरा आवास का लाभ ले लें, मगर ऐसी स्थिति पैदा करे कि आने वाली पीढ़ी गरीबी से दूर रहे और वे स्वयं अपने लिए आवास बनाए जाने की क्षमता रखें। हम सब को पढ़ा लिखा देंगे तो वे अपनी योग्यता के बल पर स्वयं अपना आवास बना लेंगे। उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी भी इंदिरा आवास नहीं ली । पैसा बचा-बचा कर, बुरी आदतों से दूर रह कर बच्चों को पढ़ाया लिखाया और अपना मकान बनाया। ऐसी स्थिति पैदा करे की इंदिरा आवास लेने की जरूरत ही न पड़े।
दूसरा पहलु यह है कि अपने फर्ज के प्रति जागरूक हों। स्कूलों में शिक्षक ठीक ढंग से पढ़ाये, इसके लिए ग्राम समिति प्रयास करें। सभी धर्म, जाति के गरीब एक वर्ग के हैं, गरीब लगन एवं पूरी मेहनत से शिक्षा की दौड़ में आगे बढ़े, अपना हक प्राप्त करें। गाॅव में स्कूल है तो उसे देखना आपका कर्तव्य है। शिक्षक के स्कूल नहीं आने की सूचना दें। छात्रवृŸिा के लिए 75 प्रतिशत हाजरी का बेैरियर है। छात्रवृŸिा के वितरण में अनियमितता की शिकायत मिलती है। कुछ निहित स्वार्थ के शिक्षकों और समाज के दलाल के चक्कर में अनियमिताएं होती हैं। मैंने दो संस्थाओं से सर्वेक्षण कराया तो पता चला कि 50 प्रतिशत से अधिक अनुसूचित जाति के छात्रों को छात्रवृŸिा नहीं मिल रही है। प्रतिवेदन में यह भी कहा गया है कि छात्रवृŸिा के कारण विद्यालय में बच्चों की संख्या नहीं बढ़ी है बल्कि शिक्षा के प्रति लोगो की भूख जगी है। हर कोई अपने बच्चे को पढ़ा-लिखा कर बड़ा आदमी बनाना चाहता है। गरीब बच्चों की हम हकमारी नहीं होने देंगे। टोला सेवक भी बच्चों की हाजरी पर नजर रखे और देखे की जब बच्चे स्कूल जा रहे हैं तो इनकी हाजरी क्यों नहीं बन रही है। टोला सेवक, विकास मित्रों को इसीलिए बनाया है। उनके मानदेय में वृद्धि की है। दस साल तक के लिए उनकी नौकरी को पक्की की है। बड़े लोगो के बच्चे सरकारी स्कूल के साथ  प्राइवेट स्कूल में भी नामांकन कराते हैं फिर भी उनकी हाजरी सरकारी स्कूलों में बन रही है इन सब बातों पर ध्यान दें। शिक्षा के स्तर में गिरावट न आने दे। इसमें गुणवŸाा के लिए आम लोगों की सहयोग की भी अपेक्षा है। शिक्षा ग्रहण कीजिए। प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे विशेषकर बड़े लोगों के बच्चे हैं। शिक्षा ग्रहण कीजिए अपने को जागरूक कीजिए। सबको बिना भेद-भाव के बड़े लोगों की बच्चों की तरह पढ़ा-लिखा दिया जाए तो आरक्षण की जरूरत नहीं रहेगी। आरक्षण को जारी रखने के लिए हर 10 वर्ष पर समीक्षा होती है। आरक्षण समाप्त हो जाए, इसके पहले ही आप योग्य बन जाएं, तो आपको आरक्षण की जरूरत नहीं रहेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 1931 के सर्वेक्षण के अनुसार नौ लाख मुसहर और पाॅच लाख भुइयाॅ की आबादी थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उस समय देश की आबादी तैंेतीस करोड़ थी आज आबादी चार गुणा बढ़ गई है। मुसहर की आबादी भी चार गुणा से अधिक बढ़ी है। आबादी का सर्वेक्षण होता है तो हम ध्यान नहीं देते। हमारी जनसंख्या को कम दिखाया जाता है। जनसंख्या का 70 प्रतिशत मतदाता होता है। राजनीति रूपी चाभी को जब तक नहीं अपनाओंगे तब तक आपका विकास नहीं होगा। बाबा साहेब के रास्ते पर चलना होगा। दलितों की बात करें तो हमारी आबादी बहुत अधिक है। उन्होने इस अवसर पर कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने मुझे मुख्यमंत्री बनाया, हम उनके आभारी हैं, उन्होंने हमें इसका मौका दिया। हम इसका लाभ ले रहे हैं। विश्वविद्यालय तक की शिक्षा बालिकाओं के लिए मैंने निःशुल्क कर दिया है। मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत प्रत्येक प्रखंड के पाॅच ग्राम को आदर्श ग्राम के रूप में चयनित करेंगे वहाॅ पर विकास की धारा को बहाएंगे, हर तरह की सुविधा वहाॅ सृजित करेंगे, हर घर में शौचालय होना चाहिए। अपने घर के शौचालय की सफाई करने में लज्जा नहीं लगना चाहिए। पढ़ेगा-लिखेंगा तो गरीब का बेटा डीमोरलाइज नही होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शराब, ताड़ी से दूर रहें, इस लत से गरीब दलित समाज पर कुप्रभाव पड रहा है। उन्होंने कहा कि शैक्षिक आधार पर विकास करने पर विचार करेंगे। उन्होंने इसके लिए अनुसूचित जाति आयोग को अनुशंसा देने को  कहा है। उन्होंने कहा कि आयोग की अनुशंसा पर वे विचार करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में बिहार पहला राज्य है जहाॅ पर डाॅ0 भीमराव अंबेडकर  फाउन्डेशन बनाया गया है और इसके लिए बीस करोड़ रुपये और जमीन दे रहे हैं। पर्वत पुरूष दशरथ मांझी के नाम पर कौशल विकास योजना पूर्व मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने चलाई थी। दशरथ मांझी इंस्टीच्यूट आॅफ लेवर एंड इम्पलाइमेंट संस्था बना दिया है। अलग-अलग तरह की यहाॅ पर ट्रेनिग करा कर कौशल का विकास करेंगे। स्वामी सहजानन्द सरस्वती के नाम पर शोध संस्थान बिहार में बनाएंगे जिसमें किसान मजदूर का समावेश होगा। भुइयाॅ, मुसहर दोनो एक ही हैं। समाज को तोड़ने से नहीं जोड़ने से काम चलेगा।
मुख्यमंत्री ने बसंत के आगमन की शुभ बेला पर मुसहर समाज के लोगों के साथ ढोल   बजायी तथा बसंत पंचमी एवं होली की अग्रिम बधाई राज्यवासियों को दी।
समारोह की अध्यक्षता पूर्व मंत्री श्री विश्वनाथ ऋषि ने किया तथा कहा कि उन्होंने अध्यक्ष, महादलित मिशन की हैसियत से 116 बिन्दुओं पर जो अनुशंसा की थी उस पर काम हो जाए तो महादलित समाज का स्वतः कल्याण हो जाएगा। समारोह को विधायक श्री रत्नेश सदा, अनुसूचित जाति के अध्यक्ष श्री विद्यानन्द विकल, बिहार विद्यालय समिति के पूर्व अध्यक्ष श्री ए0के0पी0 यादव, बाल संरक्षण आयोग के सदस्य श्री सत्येन्द्र गौतम मांझी, कंट्री मेैनेजर श्री राजपाल ने भी संबोधित किया। कृषि उत्पादन आयुक्त श्री विजय प्रकाश ने समारोह को संबांेधित करते हुए कहा कि मुसहर समाज में साक्षरता दर बहुत कम है। काॅलेज स्तर में इनकी साक्षरता दर और भी कम है। उन्होने सुझाव दिया कि स्पेस्लाईज्ड क्षेत्र के मजदूरों का प्रमाणीकरण कर दिए जाने से उनकी मजदूरी में बृद्धि होगी। छोटे जानवर यथा चूहे, खरगोश और रेपटाईल पर भी काम होना चाहिए। जिन विषयों में हमारे बच्चे अच्छा नहीं करते उन विषयों को चह्नित कर उनके विशेष कोचिंग की व्यवस्था की जानी चाहिए। समारोह को सचिव ग्रामीण विकास श्री एस0एम0 राजू ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर श्री असरफी सदा, डाॅ0 हुलेस मांझी सहित अनेकों गणमान्य व्यक्ति उपस्थि थें। मंच का संचालन श्री रमेश पंकज ने किया।


आवागमन को सुगम बनाने और जाम की समस्या से लोगों को निजात दिलाने के लिए पटना में मैट्रो रेल की व्यवस्था करेंगे:-मुख्यमंत्री

पटना, 28 जनवरी 2015:- पटना में आवागमन की सुविधा बढ़ाने एवं सड़कों पर जाम से उत्पन्न होने वाली समस्याओं से निदान के लिए प्रथम चरण में पटना में मैट्रो रेल की व्यवस्था करेंगे। पटना में मैट्रो रेल के लिए 12 हजार करोड़ रुपये का डी0पी0आर0 बना है। शहरों के साथ-साथ गाॅवों का भी विकास हमारी परिकल्पना है। पटना में आवागमन की सुविधा सड़क आधारित है। जिस कारण सड़कों पर प्रायः जाम की स्थिति बनी रहती है। आज मुख्यमंत्री श्री जीतन राम मांझी पटना मैट्रो रेल परियोजना के लिए मैट्रो रेल ग्लोबल इन्वेस्टर मीट का उद्घाटन होटल चाणक्या में कर रहे थे।
मुख्यमंत्री इस अवसर पर समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि इस समारोह में आए तमाम राष्ट्रीय-अन्र्राष्ट्रीय निवेशकों का वे स्वागत करते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी ने पटना मैट्रो रेल का सपना देखा था। वे पटना में मैट्रो रेल प्रोजेक्ट लाना चाहते थे। 2013 से ही उसपर काम हो रहा था। मैं उनके इस सपने को आगे बढ़ाने के लिए जो भी मदद करनी होगी करेंगे। पटना की आबादी 22 लाख पहुॅच चुकी है। आबादी निरंतर बढ़ रही है। बिहार का जनसंख्या घनत्व बहुत है। राष्ट्रीय औसत की तुलना में यहाॅ की जनसंख्या दुगनी है। बिहार आगे बढ़ेगा तो देश आगे बढ़ेगा। बिहार को आगे बढ़ाने के लिए वातावरण बना रहे हैं। राज्य के अन्य बड़े शहरों को भी कालान्तर में मैट्रो प्रोजेक्ट से जोड़ेंगे। राज्य सभी दृष्टि से आगे बढ़ रहा है। बिहार में पूंजी निवेश करने वालों को कोई दिक्क्त नहीं होगी। उन्हें हर तरह का संरक्षण देंगे। उनकी तमाम समस्याओं और बाधाओं का युद्ध स्तर पर समाधान होगा। मैट्रो रेल प्रोजेक्ट को सफलता के साथ पूरा करें।
नगर विकास मंत्री श्री सम्राट चैधरी ने ग्लोबल इन्वेशट मीट को संबोधित करते हुए कहा कि इस परियोजना पर 12 सौ करोड़ रुपये खर्च होंगे। दानापुर-मीठापुर एवं पटना स्टेशन से आई0एस0बी0टी0 काॅरीडोर के अन्तरगत 27.88 किलोमीटर लंबी रेल परियोजना होगी जिसमें 15.47 किलोमीटर लंबाई भूमिगत होगी जबकि 12.13 किमी की लम्बाई खुले में होगी। उन्होंने बताया कि इस्ट-वेस्ट कोरिडोर दानापुर से मीठापुर के बीच 13 मैट्रो रेल स्टेशन बनेंगे जबकि नार्थ-साउथ कोरिडोर (पटना जंशन-न्या अन्तर राज्य बस अड्डा के बीच) में 12 मैट्रो रेल स्टेशन होंगे। प्रोजेक्ट के डी0पी0आर0 राईट्स (त्पजमेद्ध के द्वारा बनाया गया है। उन्होंने कहा कि इन्वेस्टर सहयोग करें, सरकार उनके साथ खड़ी है।
नगर विकास सचिव डाॅ0 बी0 राजेन्द्र ने प्रोजेक्ट पर विस्तार से चर्चा की  और कहा कि मैट्रो रेल से ट्रैफिक व्यवस्था नियंत्रित हो जाएगी और लोग सुगमता से अपनी यात्रा को कम समय में पूरी कर सकेंगे।
राईट्स के महाप्रबंधक श्री पियूस केशल ने भी समारोह को संबोधित किया और पटना मैट्रो रेल प्रोजेक्ट के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने मैट्रो रेल के डिजाइन, यात्री ढोने की क्षमता एवं परियोजनाओं  को पूरा करने में लगने वाली समय की पूरी  जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह प्रोजेक्ट 12 सौ करोड की लागत से पाॅच वर्षों में पूरा होगा।



स्वामी सहजानंद सरस्वती के नाम पर एक शोध संस्थान की स्थापना करायी जायेगी:- मुख्यमंत्री

पटना, 27 जनवरी 2015:- किसानों की स्थिति ठीक होगी, तभी मजदूरों की स्थिति ठीक हो पायेगी। जहाॅ पर तीन पैदावार होते हैं, वहाॅ पर मजदूरों की स्थिति काफी अच्छी रहती है। किसानों की स्थिति में सुधार लाना है तो मजदूरों को ठीक रखें। मजदूर के ठीक रहे बिना राज्य एवं देश की स्थिति ठीक नहीं होगी। इस सिद्धांत पर चला जाय तो यही स्वामी सहजानंद सरस्वती के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। आज शाम मुख्यमंत्री श्री जीतन राम माॅझी बिहार विधान परिषद के उप सभा भवन में लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री श्री महाचन्द्र प्रसाद सिंह द्वारा लिखित दो पुस्तक यथा-‘स्वामी सहजानंद सरस्वती-ज्योति कलश’ एवं ‘स्वामी सहजानंद सरस्वती- अमृत कलश’ का लोकार्पण कर रहे थे। इस पुस्तक का प्रकाशन प्रभात प्रकाशन द्वारा किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका विचार शुरू से ही किसानों एवं गरीबों के समर्थन में रहा है। किसानों की स्थिति कैसे अच्छी हो, इसके लिये वे लगातार सोंच करते रहे हैं और किसान मजदूरों के बीच बेहतर संबंध बनाने का प्रयास उन्होंने किया है। किसान की स्थिति जब तक ठीक नहीं होगी, मजदूरों की स्थिति भी दयनीय रहेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में डाॅ0 भीमराव अंबेदकर शोध संस्थान बनाने का निर्णय लिया गया है और इस पर काम आगे चल रहा है। इसी तर्ज पर स्वामी सहजानंद सरस्वती के नाम पर भी एक शोध संस्थान की स्थापना राज्य में करायेंगे। उन्होंने कहा कि इस प्रस्तावित संस्थान में पाश्चात्य संस्कृति को छोड़कर अपनी गौरवपूर्ण संस्कृति एवं सभ्यता पर शोध कर इसे प्रचारित कराया जाय। वैदिक रीति, रिवाज को अपनाये जायें तो सभी तरह से हमारा विकास हो सकेगा। उन्होंने कहा कि पाश्चात्य संस्कृति के प्रभाव में आकर हमारे आचरण में गिरावट आ रही और नैतिक मूल्यों का हृास हो रहा है। उन्होंने कहा कि नैतिक मूल्यों को स्थापित किया जाय, पर भी विशेष ध्यान दिया जाय। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति, सभ्यता एवं भाषा गौरवपूर्ण रही है। आज विदेशों में संस्कृत का अध्ययन हो रहा है, जबकि दूसरी ओर हम अपनी भाषा से दूर हटते जा रहे हैं। जरूरत है कि हम अपनी संस्कृति से जुड़ें। हम किसान की वर्तमान स्थिति एवं गाॅव की वर्तमान स्थिति से भलीभांति परिचित हैं। आज हरित परत का क्षेत्रफल घट रहा है, वृक्षों की कटाई धड़ल्ले से हो रही है। बड़े प्रयास के बाद हरित परत के क्षेत्रफल को सात प्रतिशत से बढ़ाकर तेरह प्रतिशत किया है। ग्लोबल वार्मिंग से बचने के लिये वृक्षारोपण करें और अधिक से अधिक क्षेत्रों में हरियाली लायें, पेड़ों की रक्षा करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले भारतवर्ष के बारे में कहा जाता था कि यहाॅ पर दूध, दही की नदियाॅ बहती थी। खेती, लघु उद्योग, गौ पालन पर लोगों का विशेष ध्यान था। लोग ज्यादा पैदावार भी करते थे और पर्यावरण को सुरक्षित भी रखते थे। पर्यावरण की सुरक्षा हम सबकी जिम्मेदारी है। हरित परत को बढ़ा देंगे, गौ पालन, कुटिर एवं लघु उद्योग स्थापित कर देंगे तो किसानों की स्थिति अच्छी हो जायेगी। उन्होंने कहा कि नौकरी के बदले नियोजन पर ध्यान दें तो ज्यादा लाभकारी होगा। उन्होंने कहा कि अनिच्छा से जो काम किया जाता है, उसमें थकावट आती है और जो काम इच्छा एवं मनोयोग से किया जाता है, उसमें समृद्धि एवं खुशहाली होती है।
समारोह की अध्यक्षता सभापति बिहार विधान परिषद श्री अवधेश नारायण सिंह ने किया और स्वामी सहजानंद सरस्वती को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि स्वामी सहजानंद सरस्वती की जीवनी पर पुस्तक लिखकर श्री महाचन्द्र प्रसाद सिंह ने बड़ा काम किया है, इसके लिये वे धन्यवाद के पात्र हैं। समारोह को कृषि मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह ने भी संबोधित किया। स्वागत भाषण लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री श्री महाचन्द्र प्रसाद सिंह ने किया और कहा कि स्वामी सहजानंद सरस्वती के 100वें वर्षगाॅठ से लेकर आज तक उनकी जयंती का भव्य आयोजन वे करते आ रहे हैं। स्वामी सहजानंद सरस्वती किसान एवं मजदूर को एक मानते थे। उन्होंने कहा था कि किसान के रूप में उन्हें भगवान मिले। किसानों की समस्याओं का मूल्यांकन वातानुकूलित कमरे में बैठकर नहीं किया जा सकता है। उन्होंने किसानों की समस्याओं का बारिकी से मूल्यांकन किया था। उनके विेचार की आज बड़ी जरूरत है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री जीतन राम माॅझी की ओर देश एवं राज्य के तमाम गरीब बड़ी उम्मीद से देख रहे हैं।
इस अवसर पर प्रभात प्रकाशन के प्रबंध निदेशक श्री पीयूष कुमार ने भी समारोह को संबोधित किया और कहा कि वे विगत चार वर्षों से बिहार में कार्य कर रहे हैं। बिहार से संबंधित दो सौ से अधिक पुस्तकों का प्रकाशन उन्होंने विगत चार वर्षों में किया है और पचास से अधिक पुस्तकों का प्रकाशन प्रक्रिया में है।
इस अवसर पर विधान पार्षद श्री शिवप्रसन्न यादव, पूर्व विधान पार्षद एवं बिहार लोक सेवा आयोग के सदस्य श्री रामकिशोर सिंह, पूर्व भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी श्री राम उपदेश सिंह, मगही अकादमी के अध्यक्ष श्री उदय शंकर शर्मा उर्फ कवि जी, जदयू किसान प्रकोष्ठ के अध्यक्ष श्री विजय कुशवाहा, सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती अनिता कुशवाहा सहित अनेक सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ता, प्रबुद्ध नागरिक एवं साहित्यकार उपस्थित थे।


Wednesday, 28 January 2015

आलमनगर के वैसे गाॅंव जो बाढ़ में कट गये हैं, उनमें भी पुनर्वास की योजनाय चलायी जायेगी:- मुख्यमंत्री

पटना, 27 जनवरी 2015:- पुरैनी प्रखंड के बलिया ग्राम में आयोजित कृषि यंत्रीकरण सह ग्राम विकास मेला के उद्घाटन अवसर पर मुख्यमंत्री ने इस मिले को राजकीय मेला घोषित करने का आदेष दिया है। हाल में मुजफ््फरपुर में घटी घटना पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि समाज में कम्यूनल हार्मोनी कायम रहना चाहिए। उन्होंने मैट्रिक तथा इंटर में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के सभी छात्र/छात्रा जो द्वितीय श्र्रेणी से उत्र्तीण करते हैं, उन्हें भी 8 हजार रूपये का प्रोत्साहन देने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने जिला पदाधिकारी को निर्देष दिया कि आलमनगर के वैसे गाॅंव जो बाढ़ में कट गये हैं, उनका भी पुनर्वास कराया जाय।
मुख्यमंत्री आदर्ष ग्राम योजना के संबंध में मुख्यमंत्री द्वारा बताया गया कि इस योजना के तहत 26 सौ ऐसे गाॅंव का चयन कर लिया गया है, जहाॅं 60 प्रतिषत से अधिक दलित /मुस्लिम आबादी है। सांसद आदर्ष ग्राम से तुलना करते हुए उन्होंने कहा कि उक्त योजनान्तर्गत मात्र एक हजार गाॅंवों का चयन हुआ है, जबकि इस योजना में 2600 गाॅंवों को चयन किया जाएगा। इसके साथ-साथ सांसद आदर्ष ग्राम योजना में जहाॅं कुछ भी राषि का प्रावधान नहीं है, वहीं मुख्यमंत्री आदर्ष ग्राम योजना में गाॅंव को प्रारंभ में एकमुष्त 20 लाख रूपये दिया जाएगा। उन्होंने कोषी क्षेत्र में पेयजल में आयरन और आर्सेनिक की समस्या से निदान हेतु स्वच्छ पेयजल पर कार्य प्रारंभ करने की बात कही।
सभा को संबोधित करते हुए राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री श्री नरेन्द्र नारायण यादव द्वारा बताया गया कि बलिया ग्राम के लिए 2007 में ही स्वास्थ्य उपकेन्द्र की स्वीकृति मिल चुकी है, जमीन भी उपलब्ध है परन्तु अभी तक बन नहीं पाया है। उन्होंने इस क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा हेतु प्रत्येक 100 एकड़ के लिए नलकूप स्थापित करने की मांग की। सांसद श्री पप्पू यादव ने समारोह को संबोधित किया।
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मंत्रिपरिषद् के निर्णय - 27 जनवरी 2015

पटना, 27 जनवरी 2015:- मंत्रिपरिषद् की बैठक में आज कुल 13 एजेंडों पर निर्णय लिए गये। उक्त जानकारी मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के प्रधान सचिव श्री बी0 प्रधान ने संवाददाताओं को दी। गृह (आरक्षी) विभाग पुलिस आधुनिकीकरण योजनान्तर्गत विभिन्न वित्तीय वर्षों में स्वीकृत बुलेट प्रुफ उपकरणों के बदले 649 अदद एल०एम०भी० हार्ड टाॅप डी०जी०एस० एण्ड डी० दर पर क्रय करने हेतु रु0 33,80,27,012 (तैंतीस करोड़ अस्सी लाख सताईस हजार बारह रू०) मात्र की स्वीकृति एवं व्यय चालू एवं अनुवर्ती वित्तीय वर्षों में करने की स्वीकृति दी गई। गोपालगंज जिला के भोरे थानान्तर्गत जगतौली ओ०पी० का सृजन एवं उसके संचालन हेतु कुल 17 (सतरह) पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई। वामपंथी उग्रवादियों का सफलतापूर्वक निरोध एवं नियंत्रण हेतु विशेष कार्य बल (ैज्थ्) को गृह मंत्रालय के द्वारा स्वीकृत आर्थिक सहायता की केन्द्र प्रायोजित योजना के दिशा-निर्देश के अनुरूप उत्क्रमित करने की स्वीकृति दी गई। मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अन्तर्गत वार्षिक योजना 2014-15 के अन्तर्गत राजभवन परिसर अन्तर्गत निर्मित ‘‘राजेन्द्र मण्डप‘‘ के विद्युत कार्य हेतु बिहार आकस्मिकता निधि से रु0 1,60,00,000/-(एक करोड़ साठ लाख) मात्र का अग्रिम राशि की स्वीकृति दी गई। गृह विभाग के अन्तर्गत बिहार राज्य के प्रोबेशन कार्यालयों में सृजित उप निदेशक (प्रोबेशन) के पद को ‘‘बिहार प्रोबेशन (परिवीक्षा) सेवा नियमावली-2014‘‘ में समाविष्ट करने हेतु ‘‘बिहार प्रोबेशन (परिवीक्षा) सेवा (संशोधन) नियमावली-2015‘‘ की स्वीकृति दी गई। जल संसाधन विभाग के अन्तर्गत गंडक नदी के दाॅये तट पर अवस्थित पी०पी० तटबंध के 13.815 कि०मी० से 28.00 कि०मी० तक तथा टी०आर०एल०-4 के 6.00 कि०मी० से 7.026 कि०मी० तक नाबार्ड ऋण सहायता से बिटुमिनस सड़क निर्माण कार्य हेतु प्राक्कलित राशि 2983.19 लाख (उनतीस करोड़ तिरासी लाख उन्नीस हजार) रूपये मात्र की प्रशासनिक स्वीकृति तथा इसके विरूद्ध वित्तीय वर्ष 2014-15 में 23.00 (तेईस) लाख रूपये तथा 2015-16 में 2960.19 लाख (उन्तीस करोड़ साठ लाख उन्नीस हजार) रूपये के व्यय की स्वीकृति दी गई। जल संसाधन विभाग के अन्तर्गत श्री ब्रह्मदेव दूबे, तत्कालीन कार्यपालक अभियन्ता, पटना नगर निगम, पटना सम्प्रति सेवा से बर्खास्त सहायक अभियन्ता, जल संसाधन विभाग, पटना को विभागीय अधिसूचना सं०-18 दिनांक-05.01.2015 द्वारा ‘‘सेवा से बर्खास्तगी‘‘ का संसूचित दण्ड पर घटनोत्तर स्वीकृति दी गई। शिक्षा विभाग के अन्तर्गत राज्य के विश्वविद्यालयों एवं उनके अधीनस्थ अंगीभूत महाविद्यालयों के सेवानिवृत्त कर्मियों के पंेशन/पारिवारिक पेंशन तथा उपदान के पुनरीक्षण के फलस्वरूप बकाये अन्तर राशि के मद में वित्तीय वर्ष 2014-15 में रूपये 237,60,68,021/- (दो सौ सैंतीस करोड़ साठ लाख अड़सठ हजार इक्कीस रूपये) मात्र सहायक अनुदान की स्वीकृति एवं विमुक्ति इस शत्र्त पर कि उन्हीं सेवानिवृत्त कर्मियों को भुगतान होगा, जिनके वेतन निर्धारण का सत्यापन इस उद्देश्य से गठित वेतन सत्यापन कोषांग द्वारा किया जा चुका है, के साथ-साथ रूपये 126,65,73,537/- (एक सौ छब्बीस करोड़ पैंसठ लाख तिहत्तर हजार पाँच सौ सैंतीस) मात्र के पुनर्विनियोग की स्वीकृति दी गई।
उन्होंने आगे बताया कि शिक्षा विभाग के अन्तर्गत विघटित बिहार राज्य विश्वविद्यालय (अंगीभूत महाविद्यालय) सेवा आयोग, पटना के सेवानिवृत्त कर्मियों को चालू वित्तीय वर्ष 2014-15 में गैर योजनान्तर्गत मद से पेंशनादि भुगतान हेतु सहायक अनुदान के रूप में रूपये 18,00,000/- (अठारह लाख रूपये) मात्र की स्वीकृति दी गई। वित्तीय वर्ष 2014-15 में राज्य योजनान्तर्गत राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों/महाविद्यालयों के विकास हेतु कुल रू० 83,93,51,564/- (तिरासी करोड़ तिरानबे लाख एकावन हजार पाँच सौ चैसठ) मात्र की योजनाओं की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान करते हुए योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु तत्काल कुल रू० 50,23,45,073/- (पचास करोड़ तेइस लाख पैतालीस हजार तिहत्तर) मात्र सहायक अनुदान व्यय की स्वीकृति दी गई। पंचायती राज विभाग के अन्तर्गत बिहार पंचायत निर्वाचन नियमावली, 2006 के नियम-105 के तहत पंचायत उप चुनाव, मार्च, 2015 हेतु मतदान तिथि की अधिसूचना निर्गत करने की स्वीकृति दी गई। विधि विभाग के अन्तर्गत बिहार विधायी कार्य सेवा (भर्ती, प्रोन्नति एवं सेवा शत्र्तें) (संशोधन) नियमावली, 2015 की स्वीकृति दी गई। विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग के अन्तर्गत गोपालगंज जिला मंे ब्रज किशोर नारायण सिंह, राजकीय पोलिटेकनिक, गोपालगंज की स्थापना की स्वीकृति एवं प्रस्तावित संस्थान के भवनादि के निर्माण कार्यों के लिए रू० 44.92 करोड़ (चैवालीस करोड़ वेरानबे लाख रूपये) मात्र के अनुमानित व्यय पर प्रशासनिक स्वीकृति तथा उक्त पोलिटेकनिक की स्थापना में प्राप्त होने वाले केन्द्रीय सहायता रू० 12.30 करोड़ मात्र से अधिक होने वाले अनावत्र्तक व्यय एवं शत-प्रतिशत आवत्र्तक व्यय का वहन राज्य सरकार द्वारा किये जाने की स्वीकृति दी गई।
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मधेपुरा को 10 मेगावाट अतिरिक्त बिजली उपलब्ध करायी जायेगी:- मुख्यमंत्री

पटना, 27 जनवरी 2015:- मधेपुरा जिला के कुमारखंड प्रखंड अन्तर्गत टेंगराहा भोकराहा ग्राम में मुख्यमंत्री श्री जीतन राम माॅझी द्वारा मुख्यमंत्री आदर्ष ग्राम योजना का शुभारंभ दीप प्रज्जवलित कर किया गया। इस योजना के संदर्भ में मुख्यमंत्री ने बताया कि मैंने अपनी सोंच के तहत नई योजना चलाने का काम किया है, जिसका नाम मुख्यमंत्री आदर्ष ग्राम योजना है। इस योजना के तहत प्रत्येक प्रखंड में पाॅंच-पाॅंच वैसे ग्रामों का चयन किया जाएगा, जहाॅं अनुसूचित जाति के लोग ज्यादा रहते हैं। आदर्ष गाॅंव हरेक दृष्टिकोण से उन्नत एवं समुन्नत होगा। योजना के कार्यान्वयन के लिए एकमुष्त कुछ राषि उस गाॅंव में दे दी जाएगी, जिससे विकासात्मक कार्य कार्यान्वित होंगे। यदि राषि पर्याप्त नहीं हुई तो विभिन्न सरकारी योजनाओं, जो वत्र्तमान में कार्यरत हैं, उनके ब्वदअमतहमदबम के द्वारा विकास का काम पूरा किया जाएगा।
इस योजना में करोड़ों रूपये खर्च होंगे परन्तु पैसे की कोई कमी नहीं है केवल आपका और पदाधिकारियों के सहयोग की आवष्यकता है। ग्रामवासियों का सहयोग इसलिए जरूरी है कि जो योजनायें चयन होंगी, उसे ग्राम सभा द्वारा चयन करना होगा। पहले क्या काम करना है, इसके लिए प्राथमिकता तय करनी होगी, सभी काम एक ही बार पूरा नहीं किया जा सकता है इसलिए धीरे-धीरे सम्पूर्ण विकास के लक्ष्य को प्राप्त किया जाएगा। यदि योजनाओं के चयन में और प्राथमिकता के निर्धारण में भाई-भतीजावाद या बिचैलिया या ठीकेदारी की मंषा पनप गई तो इस योजना का लक्ष्य पूरा नहीं हो सकेगा। पदाधिकारियों के सहयोग की आवष्यकता इसलिए है कि जो योजनायें चयन की जाएगी, उसमें अभियंताओं एवं सुपरवाईजर को ठीक ढंग से कार्य पर लगाना होगा। एजेंसी को ठीक से लगाना होगा, मुझे यह कहने में कोई दिक्कत नहीं है कि सरकारी हो या प्राइवेट सभी एजेंसी के काम की गुणवता में काफी गिरावट आयी है। यदि आॅफिसर सचेत रहेंगे तो काम की गुणवता में कोई कमी नहीं होगी और यदि गुणवता सही होगा तो पाॅंच साल में पूरे गाॅंव का विकास हो जाएगा। सभी गली, नाली का पक्कीकरण हो जाएगा, सभी के लिए आवास उपलब्ध होगा, जरूरतमंदो को राषन कार्ड मिल जाएगा।
आदर्ष ग्राम में सभी घरों में शौचालय होगा, बड़े लोग शौचालय बना लेते हैं पर गरीब नहीं बनाते हैं। शौचालय का संबंध बीमारी से भी है, खुले में शौच करने से तरह-तरह की बीमारी पनपती है और गरीब लोग इसका जल्दी षिकार हो जाते हैं। यह एक संवेदनषील मामला भी है। शौच के लिए महिलाओं को बाहर जाना पड़ता है, जिसके कारण उनके साथ कुछ गंदे विचार वाले लोग दुव्र्यवहार करते हैं। बीमारी के दृष्टिकोण से कहा गया है कि पेषाब, पैखाना रोककर नहीं रखना चाहिए। महिलायें शौच के लिए शाम होने का इंतजार करती हैं, इस कारण उन्हें कई बीमारियाॅं घेर लेती हैं, यही कारण है कि मर्द के तुलना में औरत का उम्र कम हो जाता है इसलिए जितनी आवष्यकता षिक्षा की है उतनी आवष्यकता शौचालय की भी है। शौचालय निर्माण के लिए 15,000 रूपये दिया गया था, पर भारत सरकार ने 12,500 रूपये कर दिया। हमने इसके लिए माॅडल स्टीमेट बना दिया है। बिहार सरकार इसके लिए पैसा देगी। यदि शौचालय निर्माण के लिए अपना भी पैसा लगाना पडे़ तो लगाकर बनवा लेना चाहिए क्योंकि शौचालय बनाने से बीमारी में जो खर्च होता है वह घट जाएगा।
आदर्ष ग्राम में सभी गली का पी0सी0सी0 होगा, जो जल पलावन वाला क्षेत्र है, वहाॅं से जल की निकासी होगी। सामुदायिक भवन बनेगा, शत-प्रतिषत लोगों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ मिलेगा। इस योजना में एक कार्ड मिलती है, इसकी सहायता से साल में 35,000 रूपये तक की बीमारी का इलाज कराया जा सकता है लेकिन इस योजना में भी कुछ बिचैलिया लोग कार्ड स्वयं रख लेते हैं। बीमार पड़ने पर वे आपको जिस दुकान या नर्सिंग होम से साॅंठ-गाॅंठ है, वहाॅं ले जाकर 500 रूपये की दवा दिलायेंगे और कार्ड पर 1500 रूपये भर देंगे इसलिए बिचैलियों से सावधान रहने की आवष्यकता है।
आदर्ष ग्राम में खाद्य सुरक्षा मिषन के तहत सभी लोगों को राषन कार्ड दिया जाएगा। इस आदर्ष ग्राम को जीविका योजना से भी आच्छादित किया जाएगा। जीविका योजना के तहत महिलायें आपस में स्वयं सहायता समूह का निर्माण करती हैं और एक-एक रूपया, दो-दो रूपया जमा करके अपनी समिति बनाती है। यह समिति ही तय करती है कि उसके किस सदस्य को बीमारी के लिए, शादी के लिए या अन्य कार्य के लिए कर्ज लेना है, इसके तहत जो भी कर्ज मिलेगा उसके लिए 4 प्रतिषत ही ब्याज देना होगा, जबकि बैंक से कर्ज लेने पर ज्यादा ब्याज चुकाना पड़ता है। सभी को इंदिरा आवास का लाभ मिलेगा परन्तु इसमें भी पारदर्षिता रखना है, अभी 12-13 अंक वाले लोगों को भी इंदिरा आवास का लाभ मिल जाता है लेकिन 5 अंक वाले को नहीं मिलता है। इस प्रकार मुख्यमंत्री आदर्ष ग्राम योजना से आच्छादित गाॅंवों में सम्पूर्ण विकास होगा।
मुख्यमंत्री ने सभा में कुछ विकास मित्रों एवं टोला सेवकों द्वारा पोस्टर बैनर पर अपनी माॅंगों को लिखकर प्रदर्षित किये जाने के संबंध में कहा कि टोला सेवक और विकास मित्र को हमने ही पैदा किया है। उनकी भलाई के लिए हम ही बेहतर सोच सकते हैं लेकिन आपलोग को जो काम करना है वो नहीं कर केवल रैली करते रहते हैं। अपनी माॅंगों के लिए प्रदर्षन करना बुरी बात नहीं है परन्तु उसके पहले जिस कार्य के लिए आपको लगाया गया था, वह काम पूरा होना चाहिए। जिस व्यक्ति को इंदिरा आवास का लाभ नहीं मिला है अथवा वैसे गरीब बच्चे जिनको 75 प्रतिषत उपस्थिति के बावजूद छात्रवृत्ति नहीं मिली है, उनके लिए रिपोर्ट करना चाहिए परन्तु मुझे दुख है कि यह सब नहीं हो पा रहा है। जिस कार्य के लिए आपको नियोजित किया गया था, वह नहीं होने से मुझे सदमा पहुॅंचता है। आपलोगों के लिए 7,000 रूपये मानदेय कर दिया गया है। आपकी सेवा 10 वर्ष की कर दी गई है, जो भी मैक्सिम करना है वह अप्रैल में कर देंगे। सत्ता में रहे या न रहें, आपके लिए जो भी करना है, वह करेंगे लेकिन पहले अपना काम पूरा करो। अभी जिस वृद्ध महिला को पेंषन दिया गया, उसकी उम्र 70-75 वर्ष है, उसे पहले क्यों नहीं दिया गया, इसे देखना चाहिए था।
अन्य योजनाओं की बात चली है तो कहना चाहता हॅंू कि हमारी सरकार ने वादा किया है कि यदि बिजली में सुधार नहीं होगा तो वोट माॅंगने नहीं आयेंगे। बिजली के लिए अलग-अलग कम्पनी का गठन किया गया है, उसी में से एक कम्पनी द्वारा ट्रांसफार्मर बदलने का काम किया जा रहा है। मैंने डी0एम0 से बात किया तो पता चला कि यहाॅं भी टेंडर हो गया है। मैंने निर्देष दिया है कि मधेपुरा में कहीं भी काम हो रहा होगा तो सबसे पहले इसी प्रखंड में शुरू किया जाय। 16 और 25 के0वी0ए0 के ट्रांसफार्मर को बदल कर 65 और 100 के0वी0ए0 का किया जा रहा है। जब इस प्रखंड में मैं आया हॅंू तो हर हालत में इस प्रखंड को सेचुरेट करने के बाद दूसरे प्रखंड में काम होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पप्पू यादव जी ने कहा कि जितनी मेगावाट बिजली मधेपुरा को मिलनी चाहिए, उतना नहीं मिल पा रहा है। पहले बिहार में 600-700 मेगावाट बिजली प्रतिदिन मिलती थी, अभी 2700-2800 मेगावाट बिजली प्रतिदिन मिल रही है। लगभग सभी जगह 4-5 घंटे से लेकर 18 घंटे तक बिजली मिल रही है। शहरों में तो 22 घंटे तक बिजली मिल रही है। अभी बिजली मंत्री भी हम ही हैं इसलिए 10 मेगावाट मधेपुरा को अतिरिक्त बिजली उपलब्ध कराने का वचन देते हैं।
रोड नंबर-18 को संज्ञान में लाया गया है तो आर0सी0डी0 को आदेष देते हैं कि वह इसे टेकअप करें एवं रोड बनावें। रमेष ऋषिदेव जी भी कई योजनाओं के संदर्भ में बातें करते रहते हैं। मैंने कहा है कि पटना आईये, वहीं सभी संबंधित विभागों को आदेष दे दिया जाएगा। मैंने यह भी सुनिष्चित कराया है कि अब यदि कोई काम करना चाहते हैं तो सी0ओ0 से जमीन का नो आॅब्जेक्षन लेने की आवष्यकता नहीं है। लाभुक यदि स्वयं लिखकर दे दें कि यह जमीन मेरी हैं तो योजना प्रारंभ कर दिया जाएगा।
कुछ दिन पूर्व मीडिया में कुछ स्थानों का प्रमण्डल, जिला, अनुमंडल, प्रखंड मुख्यालय इत्यादि बनने की खबरें आयी थी। पता नहीं किसने यह खबर दी है। जो कुछ भी लिखा जाय, सम्पुष्ट होकर ही लिखना चाहिये। प्रखंड, अनुमंडल, जिला इत्यादि का गठन करने हेतु श्री विजय कुमार चैधरी की अध्यक्षता में एक कमिटी का गठन किया गया है। वित्तीय स्थिति को देखकर निर्णय लिया जाएगा।
टोला सेवक, विकास मित्र, सांख्यिकी सहायक, आषा, रसोइया सबका पैमेंट समय पर हो, इसके लिए 57 हजार करोड़ रूपये का बजट बनाया गया था, यदि यह पास हो जाय तो किसी को भी धरना की आवष्यकता नहीं होगी परन्तु भारत सरकार द्वारा मात्र 47 हजार करोड़ रूपये का बजट पास किया गया है। 10 हजार करोड़ रूपये का बजट कट हो गया है। हमारे यहाॅं जो एन0एच0 है, उसे भारत सरकार द्वारा नहीं मरम्मत किया गया है, हमने अपने कोष से लगभग एक हजार करोड़ रूपये से मरम्मति करायी लेकिन वह राषि आज तक भारत सरकार द्वारा उपलब्ध नहीं करायी गयी। सभी एन0एच0 ठीक हो जाए, इसके लिए अतिरिक्त 8-9 हजार करोड़ रूपये चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन्दिरा आवास का टारगेट 6 लाख रहता था परन्तु आज कटौती करके 2 लाख 40 हजार कर दिया गया है। मनरेगा, बी0आर0जी0एफ0 सभी में राषि की कटौती कर दी गयी है। झारखंड बनने के बाद बिहार को 2800 करोड़ मिलना था, वह भी भारत सरकार पर बकाया है, ऐसी परिस्थिति में जो राषि मिलना था, वह मिला नहीं और जो मिल रहा था, उसमें भी कटौती कर दी गयी है तो आप ही बताइये क्या काम होगा। यदि विषेष राज्य का दर्जा मिल जाता है तो 90 एवं 10 के अनुपात में राज्यांश लगाना होगा। बची हुयी राशि से अधिक विकास किया जा सकेगा। हमें भारत सरकार से पर्याप्त राशि मिल जाय तो हम आपका सब काम पूरा करेंगे। आज जो सरकार की स्थिति है, हम उससे उबर सकते हैं। भारत सरकार ने कहा था कि काला धन हम वापस लायेंगे और सभी का खाता खुलवाया और कहा कि सभी के खाता में 10-15 लाख रूपये देंगे लेकिन आठ माह बीतने के बाद भी एक भी पैसा गरीब के खाता में नहीं गया और भारत सरकार सभी को धर्म के नाम पर बाॅंट रही है। हिन्दू, मुस्लिम, सिख इसाई सभी को काॅमन सिविल कोर्ड के तहत एक छाता के नीचे लाने का प्रयास कर रही है। आपस में भाईचारा बनाकर रखेंगे और मिलकर रहें तभी विकास होगा।
जिन नक्सलियों ने आत्मसर्मपण किया है, उन्हें मदद करना हमारी प्राथमिकता में है। सभी को 5 डिसमिल जमीन खरीद कर देंगे, जो 160 व्यक्ति ने आत्मसमर्पण किया है, उन्हें 1 लाख 50 हजार रूपये की दर से देय होगा। डी0एम0 को मैंने कहा है कि सभी केस का लिस्ट बनाकर भेजें ताकि उस पर विधिक राय हेतु एडोवोकेट जनरल से सलाह लिया जा सके और मुकदमे को समाप्त करने का प्रयास किया जा सके।
बिहारीगंज के आसपास और कुमारखंड में पाॅलिटेक्निक काॅलेज खोलने की घोषणा की गयी और यह आष्वासन दिया गया कि जब अनुमंडल बनाने की बात होगी तो कुमारखंड को ध्यान में रखा जाएगा। जिस प्रकार पुलिस, गृह रक्षक को लाभ दिया है, उसी प्रकार आषा, ममता, दीदी, रसोइया सभी को लाभ दिया जाएगा। आपलोग पढे़ं-लिखे और भाईचारा बनाकर रखें। सब्र रखें, हमारा प्रयास है कि सबको विकास का लाभ मिलें। किसी को निराष नहीं करेंगे। मुख्यमंत्री द्वारा 30 करोड़ की योजना का षिलान्यास एवं उद्घाटन एवं षिलापट्ट का आवरण रिमोट बटन दबाकर किया गया। उक्त अवसर पर मुख्यमंत्री को पुष्प-गुच्छ देकर श्रीमती तेतरी देवी, मुखिया टेंगराहा सिकियाहा पंचायत द्वारा सम्मानित किया गया। साथ ही आत्म समर्पणकारी मुनदेव सरदार एवं बुचाई सरदार द्वारा साल देकर स्वागत किया गया। मुख्यमंत्री ने भूमिहीनों को जमीन का पर्चा दिया एवं वृद्धावस्था पेंशन योजना की राषि लाभार्थियों के बीच वितरण की।
सभा को संबोधित करते हुए कृषि मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह ने कहा कि आपकी जो भी उम्मीदें होगी, जो बेवसी, गरीबी, लाचारी हैं। मुख्यमंत्री जी आपके कमी को दूर करेंगे और श्री जीतन राम मांझी दूर नहीं कर पाये तो कोई दूर नहीं कर पायेगा। पीडि़तोें की सेवा करने वाले मुख्यमंत्री उस परिवार से आते हैं, जो लोगों के बेवसी को समझते हैं। 2008 के विपदा के समय हमारी सरकार को कुंटलिया सरकार कहा जाने लगा था और सभी को एक-एक क्विंटल अनाज दिया गया था। कोई अपराधी पैदा नहीं होने पाये, इस दिषा में हमलोगों के द्वारा सार्थक प्रयास किया गया है। मुट्ठी भर लोगों के हाथ में सारी दौलत उसके तिजोरी में बंद है, इसे वापस लाकर गरीबों में बाॅंटना है।
कुछ बिचैलिये या दलाल चाहते हैं कि श्री नीतीश कुमार और श्री जीतन राम मांझी के बीच विवाद बढ़े और इस पार्टी का भला न हो लेकिन उनकी मंषा को सफल नहीं होने दिया जाएगा। यदि ऐसा ही होना होता तो श्री नीतीश कुमार क्यों श्री जीतन राम मांझी को अपना उत्तरदायित्व सौंपते। खाद के संबंध में मंत्री जी ने जिलाधिकारी को आदेष दिया है कि कहीं भी खाद की किल्लत नहीं हो, उचित दाम पर खाद मिले। यदि इसका अनुपालन नहीं होता है तो जिलाधिकारी पर कार्रवाई होगी। लालू जी जमीन के नेता हैं यह बी0पी0 मंडल की धरती है, हम विकास का रास्ता दिखायेंगे। खाद की कमी का कारण दिल्ली सरकार है। हम भारत सरकार से दस मेट्रिक टन की माॅंग करते हैं और वे 5 मेट्रिक टन ही खाद आपूर्ति कर रही है। बिहार सरकार खाद नहीं बनाती है। कृषि मंत्री ने कहा कि 1974 से ही मधेपुरा हमारी कर्मभूमि रही है। संघर्ष किया है, पूरी बिहार की जनता के लिए हर काम होगा। हमारे मुख्यमंत्री जी भी इसी सोंच के हैं, वे आपकी भलाई चाहते हैं।
मधेपुरा सांसद श्री राजेष रंजन ने कहा कि सामाजिक कुरीतियाॅ नक्सल को पैदा करने वालों, असामाजिक तत्वों के खिलाफ मुख्यमंत्री जी को पूरी ताकत से कार्य करना होगा। पहले मुट्ठी भर लोग ही शोषणकारी थे, आज शोषणकारी लोगों की संख्या बढ़ गयी है। कोषी इलाका इतना खराब स्थिति में है, हमारा इतिहास बहुत ही उत्कृष्ट कोटि का रहा है। राजनीतिज्ञों में सबसे ज्यादा कोषी के लोग हैं लेकिन इसका विकास आज तक नहीं हुआ। इसका विकास करना है, हम और हमारी सरकार कृतसंकल्पित है। पटना में बैठकर मिथिला का विकास नहीं हो सकता है, इसके लिए मिथिला विकास प्राधिकरण का गठन मुख्यमंत्री जी की अध्यक्षता में करने की आवष्यकता है एवं तब ही इस क्षेत्र का सम्पूर्ण विकास हो सकता है। उन्होंने कुमारखंड में दो प्रखंड बनाने की मांग, त्रिवेणीगंज में भी दो प्रखंड बनाने की मांग, सुपौल से खगडि़या तक के स्पर का चैड़ीकरण की मांग की, जिससे बाढ़ नहीं आयेगा। सांसद श्रीमती रंजीता रंजन ने भी इस प्रकार की मांग की थी राषन कार्ड 100 प्रतिषत लोगों को दिया जाए, 18 नं0 रोड को बना दिया जाय, कृषि मंत्री को खाद की किल्लत की जानकारी दी।
इस अवसर पर विधायक श्री रमेष ऋषिदेव, विधायक श्रीमती अमला देवी, जदयू, राजद के जिलाध्यक्ष समेत प्रमंडलीय आयुक्त श्री रामरूप सिंह, डी0आई0जी0 श्री नागेन्द्र प्रसाद सिंह, जिलाधिकारी श्री गोपाल मीणा एवं भारी संख्या में लोग मौजूद थे।
सभा के अंत में रामरूप सिंह, आयुक्त कोषी प्रमंडल सहरसा ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
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Tuesday, 27 January 2015

गरीबों, अभिवंचितों के उत्थान में विकास मित्र अपनी सकारात्मक भूमिका निभायें:- मुख्यमंत्री

 पटना, 26 जनवरी 2015:- जनतांत्रिक व्यवस्था में राष्ट्रीय पर्वों को मनाया जाना मात्र रस्म अदायगी नहीं होना चाहिये बल्कि इसे ग्रामीण क्षेत्रों में विशेषकर समाज के सबसे गरीब लोगों को इससे जोड़ने से ही हम कह सकते हैं कि वास्तव में यहाॅ आजादी है, जम्हूरियत है। पूर्व मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने बहुत खूबसूरती से इस कार्य को अंजाम दिया है। महादलित टोलों में उस गांव के वयोवृद्ध व्यक्ति से झंडोतोलन कराये जाने से समाज के सबसे गरीब एवं नीचले पायदान पर रह रहे लोगों में आत्म-सम्मान एवं जागरूकता आई है। आज मुख्यमंत्री श्री जीतन राम माॅझी पटना जिले के पुनपुन प्रखंड के बराह पंचायत के महादलित टोला में राष्ट्रीय ध्वज के झंडोतोलन कार्यक्रम के अवसर पर आयोजित सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बिहार के ऐसे हजारों टोलों में झंडा फहराया गया है। 38 महादलित टोलों में वहाॅ पर बिहार सरकार के मंत्री की उपस्थिति में झंडोतोलन किया गया है। ऐसे अवसरों पर पढे़-लिखे लोगों, सामाजिक कार्यकताओं की उपस्थिति से उस स्थान के लोगों को गणतंत्र की महत्ता से विशेषकर गरीबों, खासकर महादलित समुदाय के लोगों को समझाने का काम किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें आजादी मिली है, यहाॅ प्रजातंत्र है, जिसका अर्थ है कि सरकार द्वारा चलाये जा रहे योजनाओं का लाभ गरीबों को मिले, कैसे वे इसका उपयोग करें लेकिन गरीबों को योजनाओं की समुचित जानकारी नहीं मिल पाती है। जब तक उन्हें बताया नहीं जायेगा, तब तक कैसे वे इसका लाभ ले पायेंगें। ज्यादा गरीबों की संख्या अनुसूचित जाति/जन जाति, पिछडा वर्ग, अति पिछडा वर्ग, अकलियत एवं सवर्ण सभी जगह है। जिन्हें कोई रास्ता बताने वाला है तो उसका वे लाभ ले लेते हंै। दलितों एवं महादलितों में कोई रास्ता बताने वाला नहीं था, इस उद्देष्य से विकास मित्रों को नियोजित किया गया है। उनकी भूमिका काफी महत्वपूर्ण है, उनके मानदेय को बढाया गया है, साईकिल दी गई है ताकि वे घूम-घूम कर देखें कि इस समाज के लोगों को सरकार की योजनाओं का लाभ मिल रहा है या नहीं। पूर्व मुख्यमंत्री श्री नीतीष कुमार ने हमारे कहने पर ही महादलित आयोग बनाया और उसकी अनुषंसा पर विकास मित्रों को नियोजित किया गया ताकि वे अनुसूचित जाति के टोलो में जाकर देखें कि जरूरतमंदों का बी0पी0एल0 में नाम है या नहीं, इंदिरा आवास मिला है या नही, सामाजिक सुरक्षा योजना का लाभ मिला है या नहीं आदि सभी योजनाओं का लाभ मिल रहा है या नहीं और उनको योजनाओं का लाभ प्राप्त होने में सहयोग करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास मित्र, टोला स्वयं सेवक को उनके समाज के विकास के लिए लगाया गया है लेकिन अब तक विकास मित्रों द्वारा सकारात्मक भूमिका नहीं निभाई जा रही है, उनके कार्यो से निराषा हुई है। मुख्यमंत्री ने विकास मित्रों एवं टोला स्वयं सेवकों से कहा कि आपको घर में काम दिया गया है, उसका उपयोग समाज के हित में करें। जो समाज अनपढ़, अषिक्षित हैं, उन्हें योजनाओं का लाभ दिलाने का कार्य करें। वे किसी आवेदन को लेकर किसी पदाधिकारी के पास जाते हंै, यदि संबंधित पदाधिकारी द्वारा कोई संज्ञान नहीं लिया जाता है तो उक्त पदाधिकारी के विरूद्ध कारवाई की जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री श्री नीतीष कुमार ने जो काम किया है, आज तक किसी ने नहीं किया है, उन्हीं के पद चिन्हों पर चलने का काम कर रहे हंै। बिहार आगे बढ रहा है और आगे बढेगा। पूर्व मुख्यमंत्री श्री नीतीष कुमार ने गरीबों, दलितांे एवं महादलितों को आगे बढ़ने का सपना दिखाने का काम किया है। उसी को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे है और उन्होंने जो विकास की रेखा खिंची है, उसी रेखा को आगे बढा रहे हैं। जन वितरण प्रणाली के दुकानों की अनुज्ञप्ति में आरक्षण दिया गया है, जितने भी परमिट एवं लाईसेंस के मामले हैं, उसमें आरक्षण देने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसी दुष्प्रचार मे नहीं जायंे। स्वयं निर्णय लें कि कौन गरीबांे के हित में काम कर रहा है। गरीबों के हित में जो काम बचा है, उसे पूरा करने का काम करेंगें। हम सेवक हैं, सेवा का मौका मिला है, सभी तबके के लोगों की सेवा करेंगे। सरकार जो लाभ दे रहीे है, लाभ लीजिये और अपना विकास कीजिये।
मुख्यमंत्री ने बराह से परसाहा तक ढाई किलोमीटर छूटे पथ को निर्माण कराने की घोषणा करते हुए कारवाई करने का निर्देष दिया। बराह पंचायत में किराये के भवन में चल रहे अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के लिए कम से कम 30 डिसमिल भूमि उपलब्ध हो जाने पर वहाॅ अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बना देने की बात कही। मखदुमपुर उच्च विद्यालय को प्लस टू में उत्क्रमित करते हुए नये विद्यालय भवन का निर्माण कराये जाने की घोषणा  करते हुए इसके लिए कर्णांकित राषि दिए जाने की स्वीकृति प्रदान की। काॅमन कम्युनिटी हाॅल के निर्माण के लिए भी मुख्यमंत्री ने स्वीकृति प्रदान करने की घोषणा की। उन्होंने यहाॅ लघु जल आपूर्ति योजना स्वीकृत किए जाने की बात कही। मुख्यमंत्री आदर्ष ग्राम योजना के तहत बराह पंचायत को सम्मिलित किए जाने की घोषणा मुख्यमंत्री ने किया। सम्पर्क पथों के निर्माण एवं जीर्णोद्धार के लिए प्रक्रिया आरंभ कराये जाने की बात उन्होंने की। मुख्यमंत्री ने  इस क्षेत्र के विकास के लिए उद्योगों की स्थापना की मांग पर कहा कि यदि 30 से 50 एकड भूमि मिल जाती है तो यहाॅ पर उद्योग लगाने का प्रयास करेंगे।
इस अवसर पर जल संसाधन मंत्री सह जिला प्रभारी मंत्री श्री विजय कुमार चैधरी ने कहा कि गरीब, ग्रामीण लोगों की सहभागिता के लिए राष्ट्रीय पर्व का त्योहार सबसे गरीब लोगों के बीच महादलित टोलों मे मनाया जा रहा है। इससे गणतंत्र का सम्मान बढा है, उॅचाई मिली है। उन्होंने कहा कि सरकार की कोई योजना तब तक सफल नहीं होगी, जब तक आपको लाभ नहीं मिलता है। अलग-अलग योजनाओं के माध्यम से सुविधाएॅ दी जा रही है। उन्होंने लोगांे से अपील किया कि सरकार ने जिस मकसद से योजना को चलाया है, उसी मकसद में योजना से प्राप्त राषि को व्यय करें।
बराह महादलित टोला में उस टोला के सबसे वरिष्ठ नागरिक श्री नाथुन मांझी के द्वारा मुख्यमंत्री, जिला प्रभारी मंत्री, वरीय पदाधिकारियों, गणमान्य व्यक्तियों एवं वहाॅ के निवासियों की उपस्थिति में राष्ट्रीय ध्वज का झंडोत्तोलन किया गया। इस अवसर पर आयोजित समारोह मे मुख्यमंत्री ने विभिन्न योजनाओं में लाभुकों का चेक प्रदान किया गया। पटना जिला में पहली बार परिवरिष योजना के अंतर्गत 47 अनाथ बच्चों को पेंषन राषि का लाभ दिया गया है। प्रतीक के रूप में शुभम कुमार एवं आषीष कुमार को लाभ दिया गया। पारिवारिक लाभ के अंतर्गत 20-20 हजार रूपये का चेक 24 व्यक्तियों को, मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत पांच-पांच हजार रूपये की राषि छह लाभुकों को एवं सामाजिक सुरक्षा पेंषन का लाभ 15 व्यक्तियों को उपलब्ध कराया गया। जिलाधिकारी पटना श्री अभय कुमार सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया। स्थानीय विद्यालय के छात्राओं द्वारा स्वागत गान की प्रस्तुती दी गयी। बराह पंचायत के मुखिया श्री अरविन्द कुमार सिंह, प्रखण्ड 20सूत्री अध्यक्ष श्री अंजनी कुमार सिंह, जिला जदयू अध्यक्ष श्री अशोक कुमार सिंह, राज्य महादलित आयोग के अध्यक्ष श्री उदय माॅझी ने भी सभा को संबोधित किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री अमृत लाल मीणा, वरीय पुलिस अधीक्षक श्री जीतेन्द्र राणा, राज्य बाल संरक्षण आयोग के सदस्य श्री सत्येन्द्र माॅझी सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति एवं प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।


Monday, 26 January 2015

गणतंत्र दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री आवास पर गेट टुगेेदर कार्यक्रम का आयोजन हुआ

गणतंत्र दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री आवास पर गेट टुगेेदर कार्यक्रम का आयोजन हुआ


पटना, 26 जनवरी 2015:- आज शाम मुख्यमंत्री आवास 1 अणे मार्ग में गणतंत्र दिवस के अवसर पर भव्य गेट टुगेदर कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जिसमें राज्य मंत्रिमण्डल के मंत्रीगण, विधायक, विधान पार्षद, सेना के वरिष्ठ अधिकारी, राज्य सरकार के वरिष्ठ प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारी, न्यायविद् तथा बड़ी संख्या में सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। मुख्यमंत्री को गणतंत्र दिवस की बधाई एवं शुभकामनायें दी। मुख्यमंत्री श्री जीतन राम माॅझी ने भी तमाम अतिथियों से उनके समक्ष जाकर उनका स्वागत किया और उनके अभिवादन को स्वीकार करते हुये उन्हें भी गणतंत्र दिवस की शुभकामनायें दी। गेट टोगेदर कार्यक्रम लगभग तीन घंटे से अधिक समय तक चली।
गेट टुगेदर कार्यक्रम में भाग लेने वालों में अध्यक्ष बिहार विधानसभा श्री उदय नारायण चैधरी, जल संसाधन मंत्री श्री विजय कुमार चैधरी, कृषि मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री श्री महाचन्द्र प्रसाद सिंह, कला, संस्कृति मंत्री श्री विनय बिहारी, मुख्य सचिव श्री अंजनी कुमार सिंह, विकास आयुक्त श्री एस0के0 नेगी, सदस्य राजस्व पर्षद श्री ए0के0 चैहान, पुलिस महानिदेशक श्री पी0के0 ठाकुर, पूर्व मुख्य सचिव श्री अशोक कुमार सिंह, अध्यक्ष बिहार लोक सेवा आयोग श्री के.0सी0 साहा, महादलित आयोग के अध्यक्ष श्री उदय माॅझी, विधायक यथा- श्री अनिल कुमार, श्री सुमित सिंह, श्री अरूण कुमार सिन्हा, श्री सतीश कुमार, श्रीमती उषा विद्यार्थी, विधान पार्षद यथा- श्री शिवप्रसन्न यादव, प्रो0 रामवचन राय, नाजिम इमारत-ए-शरिया एवं बिहार राज्य हज कमिटी मौलाना अनिसुर्रहमान कासमी, राज्य किसान आयोग के अध्यक्ष श्री सी0पी0 सिन्हा, सदस्य श्री बागेश्वरी सिंह, प्रसिद्ध चिकित्सक यथा- डाॅ0 ए0ए0 हई, डाॅ0 एस0एन0 आर्य, निदेशक आई0जी0आई0एम0एस0, उपाध्यक्ष जमायते उलमा श्री हुस्न अहमद कादरी, पटना नगर निगम के मेयर श्री अफजल इमाम, अध्यक्ष अल्पसंख्यक आयोग श्री नौशाद अहमद, सेवानिवृत भारतीय प्रशासनिक अधिकारी यथा- श्री राम उपदेश सिंह, श्री के0पी0 रमैया, श्री आशिक इब्राहिमी, अध्यक्ष जिला परिषद जहानाबाद श्रीमती संगीता सिंह, वरिष्ठ सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ता यथा- श्री मुनेश्वर प्रसाद सिंह, पूर्व विधायक यथा- श्रीकृष्णनंदन वर्मा, श्री मुनीलाल यादव, पूर्व विधान पार्षद एवं सदस्य बिहार लोक सेवा आयोग श्री श्याम किशोर सिंह, सदस्य बिहार लेाक सेवा आयोग श्री शाहनबाज खाॅ, सामाजिक कार्यकर्ता यथा- श्री राजेन्द्र प्रसाद नट, डाॅ0 संजय यादव, श्री मुस्तकीम रंगरेज, गया जिला जदयू अध्यक्ष श्री अभय कुशवाहा, गया जिला नगर जदयू अध्यक्ष श्री राजू वर्णवाल सहित विभिन्न राजनीतिक एवं सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि, अनेक पूर्व विधायक, पूर्व विधान पार्षद, वरिष्ठ सामाजिक, राजनीतिक कार्यकर्ता, वरिष्ठ चिकित्सक, न्यायविद् एवं प्रबुद्ध नागरिकगण प्रमुख थे।



‘न्याय के साथ विकास’ राज्य सरकार की प्राथमिकता है, इसके कार्यान्वयन के लिये सुशासन का कार्यक्रम बनाया है:- मुख्यमंत्री

पटना, 26 जनवरी 2015:- मुख्यमंत्री श्री जीतन राम माँझी ने आज 66वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर ऐतिहासिक गाँधी मैदान में राष्ट्रीय झंडोतोलन किया तथा संयुक्त टुकड़ी की सलामी ली तथा निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर राज्य एवं देशवासियों को हार्दिक बधाई दी और निम्न अभिभाषण किया-
भाइयो, बहनो और प्यारे बच्चो,
अपने देश के 66वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर आप-सभी को तथा बिहार की समस्त जनता को मैं हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ देता हूँ।
आज ही के दिन अपने देष को गणतंत्र राज्य घोषित किया गया एवं संविधान को अपनाया गया था। इसी संविधान के माध्यम से संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य की नींव रखी गई तथा नागरिकों के लिए न्याय, समानता, धर्म-निरपेक्षता एवं गरिमामय जीवन की वैधानिक परिकल्पना की और यही हमारे मार्ग का प्रकाश स्तम्भ है, जिससे देश का चतुर्दिक विकास हो रहा है।
राज्य सरकार ने सुषासन तथा विकास के लिए सार्थक प्रयास किए हैं, जिसके परिणामस्वरूप राज्य के सभी क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति हो रही है। ‘न्याय के साथ विकास’ राज्य सरकार की प्राथमिकता रही है, जिसके कार्यान्वयन हेतु सरकार ने सुशासन के कार्यक्रम बनाये हैं। उन कार्यक्रमों के आधार पर राज्य सरकार की पिछले एक वर्ष की उपलब्धियाॅं उल्लेखनीय रही है।
राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए विधि व्यवस्था, कानून का राज, सामाजिक सद्भाव का माहौल अत्यंत आवश्यक है। सरकार के प्रयासो से राज्य में साम्प्रदायिक सद्भाव और सामाजिक सौहार्द्र का वातावरण बना है एवं सभी वर्गों-सम्प्रदायों के बीच पारस्परिक विश्वास, सामंजस्य एवं स्नेह की बदौलत बिहार की एक नई पहचान बनी है।
राज्य की विधि व्यवस्था सुदृढ़ रखने एवं कानून का राज बनाये रखने की दिशा में पुलिस के कार्यों की नियमित समीक्षा की जा रही है और आवश्यकतानुसार उन्हें सभी संसाधन उपलब्ध कराये जा रहे हैं। पुलिस के आधुनिकीकरण एवं प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है ताकि वे अपना काम पूरी मुश्तैदी के साथ कर सकें। संगठित अपराध पर कड़ाई से अंकुश लगाया गया है और अपराधों को उनके तार्किक अंत तक पहुॅंचाने के लिए अनेक कदम उठाये गये हैं। राज्य के विधि विज्ञान प्रयोगशाला को अत्याधुनिक संयंत्रों से सुदृढ़ किया गया है जिससे अनुसंधानकर्ताओं को संवेदनशील काण्डों में सटीक साक्ष्य संकलित करने में मदद मिल रही है। पुलिस के लिए आधारभूत संरचना के विकास पर बल दिया जा रहा है। गत वर्ष में पुलिस भवन निर्माण निगम द्वारा 209 भवनों का निर्माण पूर्ण किया गया है एवं 455 भवनों का निर्माण कार्य प्रगति पर है।
राज्य सरकार की भ्रष्टाचार के विरूद्ध जीरो टाॅलरेंस की नीति रही है। इस दिषा में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो, विशेष निगरानी इकाई एवं आर्थिक अपराध इकाई के द्वारा भ्रष्टाचार उन्मूलन की दिशा में निरंतर कार्रवाई की जा रहीहै। साथ ही विभिन्न कानूनी प्रावधानों का उपयोग कर अवैध रूप से अर्जित संपत्तियों को जब्त करने की मुहिम जारी है।
राज्य सरकार ने अपने विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए राज्ययोजना के आकार में लगातार वृद्धि की है। राज्य का योजना उद्व्यय वर्ष 2013-14 में 34 हजार करोड़ रूपया था जिसे वर्ष 2014-15 में 57 हजार करोड़ रूपये से अधिक निर्धारित किया गया है। राज्य ने अपने आंतरिक संसाधन में भी महत्वपूर्ण वृद्धि की है। राज्य का अपना कर राजस्व वर्ष 2013-14 में 19 हजार 9 सौ 60 करोड़ रूपये था। वर्ष 2014-15 में 25 हजार 6 सौ करोड़ रूपये से अधिक राजस्व का अनुमान किया गया है। राज्य सरकार का बजट आकार पहली बार वर्ष 2014-15 में एक लाख करोड़ रूपया का आंकड़ा पार किया है।
राज्य के समग्र विकास के लिए मानव विकास की अग्रणी भूमिका है। सभी वंचित वर्गों को स्कूल पहुँचाने, नये स्कूल खोलने, कक्षाओं की संख्या में वृद्धि करने, प्राथमिक विद्यालयों को माध्यमिक विद्यालयों में उत्क्रमित करने, नामांकन में वृद्धि लाने एवं लड़के-लड़कियों के बीच शिक्षा की खाई को पाटने के लिए राज्य सरकार ने अनेक सफल प्रयास किये हैं। राज्य के शत-प्रतिषत बच्चे एवं बच्चियों का विद्यालयों में नामांकन सुनिष्चित करने के लिए प्राथमिक एवं माध्यमिक षिक्षा के क्षेत्र में पोषाक, साईकिल एवं छात्रवृŸिा योजनायंे काफी कारगर साबित हुई हंै। इन योजनाओं को लगातार सुदृढ़ किया जा रहा है। दिनांक
22.12.2014 से 13.01.2015 तक आयोजित राज्य समारोह में जिलावार निर्धारित कार्यक्रमानुसार पोशाक योजना, मुख्य मंत्री बालक/बालिका साईकिल योजना, प्रोत्साहन योजना एवं प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के अन्तर्गत आच्छादित लाभुकों के बीच राशि का वितरण किया गया है।
हर पंचायत में एक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की स्थापना के नीतिगत फैसले के आलोक में गत वर्ष 12 सौ 91 उच्च माध्यमिक विद्यालयों की स्थापना कर शैक्षणिक सत्र प्रारंभ किया गया। इस वर्ष एक हजार नये उच्च माध्यमिक विद्यालय स्थापित करने की स्वीकृति दी गई है।
राज्य में उच्च तकनीकी एवं व्यवसायिक षिक्षा के विस्तार तथा इसकी गुणवत्ता सुनिष्चित करने के लिए सरकार ने अनेक राष्ट्रीय स्तर के विष्वविद्यालय, महाविद्यालय एवं तकनीकी संस्थाओं की स्थापना की है और कई नये संस्थानों की स्थापना पर कार्य चल रहा है। इसी कड़ी में राज्य में आई0आई0एम0 के स्थापना हेतु मगध विश्वविद्यालय, बोधगया के अंतर्गत 150 एकड़ भूमि चिन्हित की गई है। राज्य के हर प्रमंडल में एक इंजीनियरिंग काॅलेज, जिला में पाॅलिटेकनिक और सभी अनुमंडलों में औद्योगिक प्रषिक्षण संस्थान स्थापित करने के लक्ष्य के विरूद्ध ठोस प्रयास किये गये हंै।
स्वास्थ्य सेवाआंे को सभी तक पहुॅंचाने तथा इनकी गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए राज्य सरकार ने स्वास्थ्य प्रणाली में संरचनात्मक एवं गुणात्मक सुधार किए हंै। इस दिषा में गाॅंव तथा शहर के लोगांे के प्राथमिक उपचार हेतु प्राथमिक तथा उप स्वास्थ्य केन्द्रों को सुदृढ़ किया गया है। अब सरकार, स्वास्थ्य क्षेत्र मे द्वितीय चरण के सुधार पर कार्य कर रही है। चरणवार सभी अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में सभी कार्य दिवसों पर 24 घंटे स्वास्थ्य सेवायें उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जा रही है। गंभीर रोगों से पीडि़त रोगियों को सुपरस्पेशलिटी चिकित्सा राज्य में ही उपलब्ध कराने के लिए राज्य के सभी छः चिकित्सा महाविद्यालयों में सुपरस्पेशलिटी विभागों के गठन की स्वीकृति दी गई है।
नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने एवं उनके स्वास्थ्य सेवा संबंधी आॅंकड़ों को संकलित करने के लिए राज्य के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों से लेकर जिला अस्पतालों तक वाह्य कक्ष में मरीजों के निबंधन, दवा वितरण, रेडियोलाॅजी-पैथोलाॅजी जाॅंच की सुविधा इत्यादि हेतु कम्प्यूटरीकृत प्रणाली ‘‘संजीवनी’’ का संचालन किया जा रहा है। इसके तहत अब तक ढाई करोड़ से अधिक मरीजों का पंजीयन किया गया है। राज्य में दिनांक 07 जनवरी, 2015 से नये ‘‘पेन्टावैलेन्ट वैक्सीन’’ को नियमित टीकाकरण के अंतर्गत शामिल किया गया है। इस वैक्सीन की तीन खुराक बच्चों को पाॅंच गंभीर बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करेगी।
राज्य में उत्तम आधारभूत संरचना के विकास हेतु सरकार वचनबद्ध है। राज्य के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों को राज्य मुख्यालय तथा जिला मुख्यालयों से जोड़ने एवं लोगो के सुलभ आवागमन हेतु सड़कों और पुल-पुलियों का निर्माण लगातार जारी है। पथ निर्माण विभाग के अन्तर्गत राज्य उच्च पथांे एवं वृहत जिला पथांे के अनुरक्षण हेतु नीति बनाई गई है तथा इसके आधार पर 9 हजार किलोमीटर से अधिक सड़कों के अनुरक्षण की योजनाओं पर कार्य चल रहा है जिस पर 2 हजार 5 सौ करोड़ से अधिक राशि का व्यय होगा।
ग्रामीण क्षेत्रों को संपर्कता प्रदान करने को प्राथमिकता दी जा रही है। इसी के तहत वित्तीय वर्ष 2014-15 में 2 हजार 7 सौ 86 ग्रामीण पथ जिनकी कुल लंबाई 4 हजार 8 सौ 44 किलोमीटर है, के निर्माण हेतु प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है। इस पर 4 हजार 70 करोड़ रूपये का व्यय होगा। ग्रामीण पथों के अनुरक्षण हेतु नई नीति की स्वीकृति करा कर कार्य प्रारंभ कर दिया गया है।
राज्य के प्रत्येक घर में चरणबद्ध तरीके से निजी शौचालय बनाने का अभियान चलाया जा रहा है। हमारा प्रयास है कि प्रत्येक गांव में समुचित स्वच्छता रहे। हम प्रत्येक गांव में स्वच्छताकर्मी की व्यवस्था करने पर विचार कर रहे हैं। सभी बसावटों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए हम वचनबद्ध है। नये चापाकल गाड़ने और पानी की गुणवत्ता सुनिश्चित कराने हेतु व्यापक कार्यक्रम चलाये जा रहे है।
विद्युत प्रक्षेत्र में सरकार ‘‘हमारा आधार ऊर्जस्वित बिहार’’ के मूलमंत्र पर कार्य कर रही है। राज्य बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनना चाहता है और इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए उत्पादन, संचरण एवं वितरण प्रणाली के सुदृढ़ीकरण हेतु 8 हजार करोड़ से अधिक की योजनाओं पर काम चल रहा है।
राज्य की विद्युत संचरण प्रणाली की क्षमता बढ़कर तीन हजार मेगावाट हो गई है तथा अगले वर्ष तक इसे 4 हजार 5 सौ मेगावाट तक ले जाने का लक्ष्य है। इस क्रम में राज्य में पहली बार अक्टूबर, 2014 में 2 हजार 8 सौ मेगावाट से अधिक बिजली आपूर्ति की गयी। सरकार के अथक प्रयासों का नतीजा है कि कांटी थर्मल पावर प्रोजेक्ट की 110 मेगावाट की दो यूनिट एवं बाढ़ की 660 मेगावाट की इकाइयों में बिजली उत्पादन प्रारंभ हो गई है। नवीनगर में 660 मेगावाट की तीन इकाइयों का निर्माण कार्य जारी है।
वर्तमान में जिला मुख्यालयों में औसतन 20 से 22 घंटे बिजली आपूर्ति करने का प्रयास किया जा रहा है और सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में भी पर्याप्त बिजली आपूर्ति हेतु विषेष निदेष दिये हैं। ग्रामीण विद्युतीकरण कार्यक्रम के तहत सभी विद्युतरहित गाॅवों के विद्युतीकरण की योजना की स्वीकृति दी जा चुकी है और इस पर काम भी प्रारंभ कर दिया गया है। हमने घोषणा की थी कि किसानों को कृषि कार्य हेतु विद्युत कनेक्शन के लिए विशेष अभियान चलाकर 6 माह में विद्युत कनेक्शन सुनिश्चित किया जाएगा। इस पर अमल करते हुए दिनांक 06 फरवरी से पूरे बिहार में शिविर लगाकर कृषकों को विद्युत कनेक्शन दिया जाएगा।
राज्य सरकार कृषि के विकास एवं किसानों की आर्थिक समृद्धि हेतु बहुआयामी द्वितीय कृषि रोड-मैप का चरणबद्ध तरीके से क्रियान्वयन कर रही है। किसानों को गुणवŸाापूर्ण उपादान उपलब्ध कराना, उन्हें नई तकनीकों में प्रषिक्षित करना एवं प्रत्यक्षण कर उनकी क्षमता का संवर्द्धन करने की अनेक योजनाओं का क्रियान्वयन इस कृषि रोड मैप के तहत किया जा रहा है। उचित तकनीक एवं प्रबंधन के साथ संसाधनों के उचित इस्तेमाल से अन्न, दलहन, तेलहन, फल, सब्जियाँ, ईख, जूट, मधु, मषरूम, दूध, मांस, अंडा एवं मछलियों के उत्पादन एवं उत्पादकता में उत्साहजनक परिणाम दिख रहे हैं जिसे हमने ‘इन्द्रधनुषी क्रान्ति’ का नाम दिया है। कृषि कैबिनेट द्वारा कृषि रोड मैप के कार्यक्रमों की निरंतर समीक्षा की जा रही है। राजेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय, पूसा को राजेन्द्र केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय में परिवर्तित कराने के लिए हमने कृषि मंत्रालय, भारत सरकार के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किया है।
गंगा नदी के जल का समुचित उपयोग राज्य के किसानों के हित मे हैं। इसके लिए चुनारगढ़ से लेकर मोकामा टाल तक एक उच्चस्तरीय नहर बनाने की योजना पर काम किया जा रहा है। इसे जल्द ही मूर्तरूप दिया जायेगा।
राज्य में ‘हरियाली मिषन‘ के अन्तर्गत कृषि वानिकी योजना, निजी पौधषाला योजना एवं वृक्ष संरक्षण योजनाओं का काम आगे बढ़ा है और इनमें लोगों की सहभागिता बढ़ी है। राज्य सरकार आने वाली पीढ़ी को हरित एवं खुषहाल बिहार देना चाहती है। सरकार के इन प्रयासों और लोगों की भागीदारी के फलस्वरूप राज्य का हरित आवरण, जो लगभग 9 प्रतिषत था, वह बढ़कर अब 12.86 प्रतिषत हो गया है। इसे 15 प्रतिशत पर पहुँचाने का लक्ष्य है।
राज्य सरकार द्वारा धान अधिप्राप्ति के तहत खरीफ विपणन वर्ष 2014-15 में धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य के अतिरिक्त किसानो को 300 रूपया प्रति क्विंटल की दर से बोनसदिया जा रहा हैइसके लिए पाॅच सौ करोड़ रूपये की स्वीकृति दी गई है।राज्य की खाद्यान्न भंडारण क्षमता की वृद्धि हेतु आवश्यक कदम उठाये गये हैं। बिहार राज्य खाद्य निगम के लिए 689 नये गोदामों का निर्माण पूर्ण किया गया है जिससे 5 लाख मीट्रिक टन से अधिक भंडारण क्षमता की वृद्धि हुई है। इसके अतिरिक्त पैक्स एवं व्यापार मंडलों में 2017 नये गोदामों का निर्माण कार्य पूर्ण कर 4.67 लाख मीट्रिक टन भंडारण क्षमता का सृजन किया गया।
मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम योजना के अन्तर्गत राज्य के 534 प्रखंडों में, प्रति प्रखंड 5 की दर से, कुल 26 सौ 70 ग्रामों को आदर्श ग्राम के रूप में विकसित कराने की दिशा में हम काम कर रहे हैं। इन आदर्श ग्रामों में सभी मूलभूत सुविधायें उपलब्ध कराने के साथ-साथ सरकार की सभी विकासात्मक एवं कल्याणकारी योजनाओं का शत-प्रतिशत आच्छादन योग्य लाभार्थियों के बीच सुनिश्चित किया जायेगा।
श्रमिकों के कल्याण हेतु उन्हें कामगार बोर्ड के माध्यम से पंजीकृत करने का व्यापक अभियान चलाया जा रहा है। भवन निर्माण, औजार एवं साईकिल क्रय हेतु प्रत्येक पंजीकृत निर्माण कामगारों को 15 हजार रूपये अनुदान उपलब्ध कराया जा रहा है।
महादलित, दलित, अति पिछड़ों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के विकास हेतु विशेष योजनाआंे को तैयार कर उनका प्रभावकारी तरीके से क्रियान्वयन एवं पर्यवेक्षणकिया जा रहा है। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के छात्र-छात्राओं के लिए विद्यालय से महाविद्यालय स्तर तक की छात्रवृŸिा योजनाओं से गत वर्ष 37 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं को लाभान्वित किया गया है।
बिहार महादलित विकास योजना के अन्तर्गत सर्वेक्षित कुल 2 लाख 46 हजार से अधिक वासरहित परिवारों में से 90 प्रतिशत परिवारों को वास भूमि उपलब्ध करायी गई है। बिहार महादलित विकास योजना का अगले 2 वर्षों के लिए अवधि विस्तार कर सर्वेक्षित महादलित परिवार को वास हेतु भूमि उपलब्ध कराने के लिए रैयती भूमि का क्रय न्यूनतम प्राक्कलित बाजार मूल्य दर पर करने का निर्णय लिया गया है। इस योजनान्तर्गत अब वास रहित महादलित परिवारों को तीन डिसमील के स्थान पर पाॅच डिसमील भूमि उपलब्ध कराई जाएगी।
इसी कड़ी में राज्य सरकार ने शहरी क्षेत्रों में कम से कम दस वर्षो से वास करने वाले अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के वैसे वास रहित परिवारों, जो शहरी बी0पी0एल0 की सूची में शामिल हो तथा उसके परिवार के किसी सदस्य के पास राज्य या राज्य के बाहर वास भूमि अथवा आवास उपलब्ध न हो, को भी वास भूमि उपलब्ध कराने संबंधी नीति की स्वीकृति दी गई है।
अनुसूचित जाति/जनजाति एवं अल्पसंख्यक समुदाय की दशम वर्ग में द्वितीय श्रेणी में उत्तीर्ण छात्र एवं छात्राओं को 8 हजार रूपये प्रति छात्र/छात्रा की दर से एवं इन्हीं वर्गों के बारहवीं में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण छात्राओं को 15 हजार रूपये प्रति छात्रा तथा द्वितीय श्रेणी में उत्तीर्ण छात्राओं को 10 हजार रूपये प्रति छात्रा की दर से प्रोत्साहन छात्रवृत्ति उपलब्ध कराने के निर्णय के तहत राशि उपलब्ध कराई जा रही है। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के आवासीय विद्यालयों में बच्चों के आवासन संख्या को 28 हजार से बढ़ाकर एक लाख किये जाने पर हम काम कर रहे हैं।
राज्य सरकार ने अनुसूचित जाति/जनजाति एवं अन्य सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक रूप से कमजोर व्यक्तियों तथा छात्र-छात्राओं को प्रोत्साहन एवं सहायता प्रदान करने के लिए अम्बेदकर फाॅउण्डेशन, बिहार की स्थापना की है।
राज्य सरकार ने गरीबों को विषेष कर बी0पी0एल0 तथा अन्त्योदय के लाभुकांे को विचलन रहित एवं ससमय खाद्यान्न उपलब्ध कराने हेतु डोर स्टेप डिलिवरी योजना लागू किए हंै। लक्षित जन-वितरण प्रणाली के अन्र्तगत दुकानों की अनुज्ञप्ति आवंटन में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति, अत्यंत पिछड़ा वर्ग, पिछड़ा वर्ग एवं पिछड़े वर्ग की महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय लिया है।
जुलाई 2014 के प्रभाव से राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम अन्तर्गत संचालित विभिन्न पेंषन योजनाओं तथा राज्य सरकार द्वारा संचालित सभी पेंषन योजनाओं में पेंषन की राषि प्रति माह 200 एवं 300 रूपये से बढ़ाकर 400 रूपये प्रतिमाह निर्धारित की है। वर्तमान में कुल 60 लाख 62 हजार लाभार्थी पेंशन योजनाओं से लाभान्वित हो रहे हैं।
अल्पसंख्यकों के चहुॅंमुखी विकास के लिए अनेक कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं। प्रारंभ से ही राज्य सरकार ने अल्पसंख्यक समुदायों के विद्यार्थियों के शैक्षिक विकास पर बल दिया है। मुख्यमंत्री विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना के तहत प्रारंभ से अब तक एक लाख से अधिक छात्र/छात्राएॅं लाभान्वित हुए हैं। अल्पसंख्यक छात्रावास योजनान्तर्गत अब तक अल्पसंख्यक छात्रों के लिए 27 छात्रावासों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है।
अल्पसंख्यकों के शैक्षणिक एवं आर्थिक उत्थान हेतु क्रियान्वित “मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक शिक्षा ऋण’’ योजना अंतर्गत अब तक अल्पसंख्यक छात्र/छात्राओं के बीच चार करोड़ रूपये से अधिक का ऋण एवं ‘‘मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक रोजगार ऋण योजना” के माध्यम से अल्पसंख्यक युवक/युवतियों को स्वरोजगार हेतु लगभग 38 करोड़ रूपये का ऋण वितरण किया गया है। हज यात्रियों की सुविधा के लिए पटना की तर्ज पर गया में भी हज भवन का निर्माण किया जा रहा है। राज्य में साम्प्रदायिक सौहार्द के मद्देनजर कब्रिस्तान घेराबंदी की योजना चलाई जा रही है जिसके तहत अब तक 5 सौ 77 करोड़ रूपये व्यय कर 4 हजार 6 सौ 40 कब्र्रिस्तानों की घेराबंदी की जा चुकी है। हाल ही में हमने मौलाना मजहरूल हक अरबी फारसी विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए पांच एकड़ जमीन निःशुल्क उपलब्ध करायी है।
सरकार वंचित वर्गों के उत्थान के साथ-साथ महिला सशक्तीकरण के प्रति भी संवेदनशील है। महिलाओं को मुख्यधारा से जोड़ने तथा उनके विरूद्ध होने वाले भेद-भावों को दूर करने के लिए कई उपाय किए गये हैं। सामाजिक एवं आर्थिक गतिविधियों में महिलाओं की भागीदारी सुनिष्चित हुई है। आरक्षण देकर जहाॅं एक ओर पंचायती राज, नगर निकाय एवं सहकारी समितियों में महिलाओं को भागीदारी मिली है वहीं दूसरी ओर षिक्षक एवं पुलिस की नियुक्तियों में आरक्षण प्रदान करने से महिलाओं के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित हुए हैं। बिहार सैन्य पुलिस में महिला बटालियन की स्थापना की गई है। बिहार स्वाभिमान पुलिस बटालियन के नाम से एक अनुसूचित जनजाति महिला सशक्त बटालियन के गठन का निर्णय लिया गया है।
राज्य के सर्वांगीण विकास हेतु युवा वर्ग को शिक्षित होना आवश्यक है। अतः अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति छात्र-छात्राओं एवं सभी वर्ग की छात्राओं के लिए उच्चतर शिक्षा (विश्वविद्यालय शिक्षा सहित) के लिए नामांकन एवं अन्य किसी प्रकार का शिक्षण शुल्क नहीं लिया जाएगा। इस पर होने वाला व्यय को राज्य सरकार वहन करेगी।
औद्योगिक प्रोत्साहन नीति, 2011 की मध्यावधि समीक्षा के आलोक में अनेक नये संशोधन, समावेश एवं परिवर्तन की स्वीकृति दी गई है। राज्य में अब तक 272 औद्योगिक इकाइयाँ उत्पादन में आ चुकी हैं एवं 176 औद्योगिक इकाइयों का स्थापना कार्य अंतिम चरण में हैै।खाद्य प्रसंस्करण, कृषि यंत्र उद्योग एवं सूचना प्रावैधिकी उद्योग को थ्रस्ट एरिया मानते हुए प्रोत्साहन हेतु विषिष्ट नीतियाॅं बनाई गई है। सिंगल विंडो क्लियरेंस की व्यवस्था को मूर्त रूप देने का काम चल रहा है। राज्य में औद्योगीकरण को बढ़ावा देने तथा अड़चनों को दूर करने हेतु सरकार ने उद्योग संबंधी मंत्रीपरिषदीय समिति का गठन किया है।  
राज्य के आर्थिक एवं सामाजिक विकास में श्रमिकों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। श्रमिकों के हितों की रक्षा तथा खुली अर्थव्यवस्था एवं वैश्विक श्रम बाजारों की बदलती अपेक्षाओं को ध्यान में रखते हुए राज्य में ’’दशरथ मांझी श्रम एवं नियोजन अध्ययन संस्थान’’ पटना में स्थापित करने का निर्णय लिया है। यह संस्थान श्रम एवं नियोजन से जुड़े मुद्दों पर अध्ययन, शोध एवं मुल्यांकन एवं प्रशिक्षण का कार्य करेगी।
आधुनिक विकास के साथ-साथ सरकार अपनी समृद्ध विरासत को भी संजोने का प्रयास कर रही है। राज्य के धरोहरों को प्रदर्षित करने हेतु पटना में अंतर्राष्ट्रीय मानक के बिहार संग्रहालय का निर्माण तेजी से चल रहा है। बिहार में धार्मिक धरोहरों को संज्ञान में लेते हुए धार्मिक पर्यटन के कल्पना के तहत बौद्ध सर्किट, जैन सर्किट, रामायण सर्किट, सूफी सर्किट का विकास किया जा रहा है। पटना में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन सह-ज्ञान भवन, 5 हजार की क्षमता वाला आडोटोरियम तथा सभ्यता द्वार का निर्माण का कार्य प्रारंभ हो गया है।
सरकार के प्रषासनिक एवं नवाचारी नीतियों की बदौलत आज राज्य में साम्प्रदायिक सद््भाव, सामाजिक समरसता एवं शांति का माहौलबना है।सभी चुनौतियों के बावजूद राज्य प्रगति के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है। सरकार की कामना है कि समाज में सद्भाव एवं भाईचारा का वातावरण कायम रहे और बिहार भी विकसित राज्यों की कतार में खड़ा हो। गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर मैं आप सबको आह्वाहन करता हूँ कि बिहार को विकसित राज्यों की श्रेणी में लाने के लिए आप अपना भरपूर सहयोग दें। गणतंत्र दिवस के अवसर पर एक बार पुनः आप सबको अपनी शुभकामनाएँ देता हूँ।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर विभिन्न विभागों द्वारा प्रस्तुत कुल तेरह झाँकियों को भी देखा और उनमें दर्शायी गयी कलात्मक एवं शिक्षाप्रद ज्ञानों की प्रशंसा की।
इसके पूर्व मुख्यमंत्री श्री जीतन राम माँझी ने शहीद-ए-कारगिल स्थल पर जाकर कारगिल के अमर शहीदों को नमन किया और उन्हें सपुष्प श्रद्धांजलि अर्पित की।



राज्य स्वास्थ्य समिति की झांकी को प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किये जाने का निर्णय लिया गया

पटना, 26 जनवरी 2015:- आज 66वें गणतंत्र दिवस समारोह के अवसर पर पटना के ऐतिहासिक गाॅधी मैदान में राष्ट्रीय झंडोतोलन, संयुक्त टुकडि़यों के मार्चपास्ट के पश्चात विभिन्न विभागों की कुल तेरह झांकियाॅ निकाली गयी। बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार, कला, संस्कृति एवं युवा कार्य विभाग, उद्योग विभाग, समाज कल्याण विभाग, बिहार राज्य महादलित विकास मिशन, राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार शिक्षा परियोजना, कृषि विभाग, पर्यटन विभाग, सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, आपदा प्रबंधन विभाग एवं बिहार पुलिस की आकर्षक झांकियाॅ प्रस्तुत की गयी। प्रस्तुत झांकियों के माध्यम से न्याय सबके लिये, बुद्ध सम्यक् दर्शन संग्रहालय, बिहार में महिला उद्यमिता, विकासशील बिहार का आधार, सामाजिक सुरक्षा, सुपोषित परिवार, महादलित समुदाय के लिये रेडियो योजना, स्वस्थ शिशु, स्वस्थ बिहार-समृद्ध बिहार, समावेशी विद्यालय, संरक्षित खेती, मंदार पर्वत, पर्यटकीय गंतव्य, आर्यभट्ट, हमारा गाॅव, हमारी योजना, डिजास्टर मैनेजमेंट एवं पुलिस की सर्तकता इत्यादि को कलात्मक ढ़ंग से प्रस्तुत किया गया, जिसे दर्शकों ने काफी सराहा। मुख्यमंत्री श्री जीतन राम माॅझी ने भी झांकियों की बारिकियों को ध्यान से देखा तथा प्रस्तुत झांकियों की प्रशंसा की।
निर्णायकों ने राज्य स्वास्थ्य समिति की झांकी को प्रथम पुरस्कार, उद्योग विभाग की झांकी को द्वितीय पुरस्कार एवं बिहार पुलिस की झांकी को तृतीय पुरस्कार से सम्मानित करने का निर्णय लिया। इस अवसर पर उत्कृष्ट सेवा एवं अद्म्य साहस का परिचय देने के लिये सेना के अधिकारियों को भी मुख्यमंत्री ने पुरस्कार एवं नगद राशि से सम्मानित किया। इस अवसर पर आकर्षक संयुक्त परेड का मार्चपास्ट हुआ। निर्णायकों ने मार्चपास्ट में सम्मिलित उत्कृष्ट टुकडि़यों का चयन कर उन्हें पुरस्कृत किये जाने का निर्णय सुनाया।


मुख्यमंत्री ने अपने आवास पर झंडोतोलन किया, बच्चों को मिठाइयाँ खिलाई

पटना, 26 जनवरी 2015:- मुख्यमंत्री श्री जीतन राम माँझी ने आज सुबह 66वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर अपने आवास 1 अणे मार्ग में राष्ट्रीय ध्वज फहराया, संयुक्त टूकड़ी की सलामी ली। बच्चों के बीच मिठइयाँ बाँटी, बच्चों ने भी मुख्यमंत्री को अपने हाथों से मिठाइयाँ खिलाई। मुख्यमंत्री का आशीर्वाद लिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री अमृत लाल मीणा, सचिव श्री अतीश चन्द्रा, ए0डी0जी0 विशेष शाखा श्री सुनील कुमार, विशेष कार्य पदाधिकारी यथा- श्री धर्मेन्द्र कुमार, श्री गोपाल सिंह सहित अनेक वरीय प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने बच्चों को गणतंत्र दिवस की शुभकामना देते हुये उनसे कहा कि वे स्वयं शिक्षित हों, अपने पास-पड़ोंस में भी शिक्षा के दीप को जलायें। आपका कोई साथी निरक्षर न रहे, इसके लिये प्रयासरत रहें। जो कुछ कर सकते हों, करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के महापुरूषों से सीख लें और राज्य एवं राष्ट्र के निर्माण में भागीदार बनने के लिये बेहतर से बेहतर शिक्षा ग्रहण करें, चरित्रवान बनें।


खेती में जब तक किसानों की स्थिति ठीक नहीं होगी, तब तक मजदूरों की स्थिति ठीक नहीं होगी:- मुख्यमंत्री

पटना, 25 जनवरी 2015:- खेती में जब तक किसानों की स्थिति ठीक नहीं होगी, तब तक मजदूरों की स्थिति ठीक नहीं होगी। कृषि को लाभप्रद बनाये जाने के लिये राज्य सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। कृषि रोडमैप के माध्यम से कृषि क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिये कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा पर विशेष बल दिया जा रहा है। पिछले छह वर्षों में राज्य में एक नये कृषि विश्वविद्यालय, चार नये कृषि महाविद्यालय तथा एक नये उद्यान महाविद्यालय की स्थापना की गयी है। कृषि क्षेत्र में विज्ञान के सतत् प्रयोग से ही किसानों की हालत में सुधार किया जा सकता है। देश में कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा में विज्ञान के प्रयोग की प्रथम शुरूआत 1905 में पूसा से शुरू हुयी थी। 1934 के विनाशकारी भूकम्प के बाद सन् 1936 में कृषि अनुसंधान संस्थान दिल्ली चला गया, फिर भी इस संस्थान ने पूसा से अपने लगाव को कायम रखा। पुनः आज भारत सरकार इस संस्थान को अपना रही है, यह एक महज संयोग नहीं हो सकता बल्कि पूरे देश के खाद्य सुरक्षा के लिये बिहार के किसानों की महती भूमिका के लिये आवश्यक है। बिहार को दूसरे हरित क्रांति की धूरी के रूप में विकसित करने के लिये राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री श्री जीतन राम माॅझी आज मुख्यमंत्री सचिवालय के संवाद सभाकक्ष में राजेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय का राजेन्द्र केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय में सम्परिवर्तन के लिये समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर समारोह का उद्घाटन दीप प्रज्ज्वलित कर कर रहे थे।
मुख्यमंत्री श्री जीतन राम माॅझी एवं केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री राधामोहन सिंह तथा कृषि मंत्री बिहार श्री नरेन्द्र सिंह की उपस्थिति में कृषि उत्पादन आयुक्त श्री विजय प्रकाश एवं महानिदेशक भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान डाॅ0 अध्यपन ने समझौता ज्ञापन पत्र पर हस्ताक्षर कर इसका आदान-प्रदान कर किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इसके लिये वर्ष 2008 से भारत सरकार से अनुरोध कर रही थी, इसी कड़ी में आज का दिन बिहार और विश्वविद्यालय के इतिहास में मील के पत्थर के रूप में जाना जायेगा। उन्होंने आशा व्यक्त किया कि भारत सरकार शीघ्र ही इस विश्वविद्यालय को केन्द्रीय विश्वविद्यालय के रूप में अंगीकार करेगी। उन्होंने कहा कि खेती महंगी होती जा रही है, इसका उपाय वैज्ञानिकों को करना होगा। हमने जैविक खाद, हरे खाद पर ध्यान नहीं दिया तो आने वाली पीढ़ी हम सब पर उंगली उठायेगी। बढ़ती जनसंख्या के भार को सहन करने तथा बढ़ते वायु प्रदूषण को रोकने के लिये हमें कृषि अनुसंधान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होगी। उन्होंने कहा कि आज हम जो कुछ भी इस्तेमाल कर रहे हैं, वह कहीं न कहीं प्रदूषित हो रही है। परंपरागत कृषि पर भी ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि संयुक्त परिवार का संकल्प मिट रहा है, जिस कारण जमीन का स्वरूप भी बदल रहा है। 20 प्रतिशत से अधिक लोग किसान कहलाने के रूप में नहीं हैं। अधिकांश लोगों के पास एक, दो, पाॅच एकड़ जमीन रह गये हैं, वे मजदूर के रूप में कृषि में आ गये हैं। कृषि ऐसी विधा है, जिसके माध्यम से उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है, हरित क्रांति लायी जा सकती है तथा लोगों की आय में वृद्धि की जा सकती है। बढती जनसंख्या के लिए भोजन की व्यवस्था की जा सकती है। उन्होंने कहा कि कृषि का बजट 2005-06 में एक सौ करोड़ रूपये का था, जो 2014-15 में बढ़कर 2700 करोड़ रूपये का हो गया है। कृषि रोडमैप पर डेढ़ लाख करोड़ रूपये लगभग खर्च करने की योजना है। वर्ष 2022 तक के लिये कृषि रोडमैप बनाया है। इस साल 126 लाख टन धान के उत्पादन का अनुमान है। उत्कृष्ट उत्पादन के लिये राज्य को दो बार कृषि कर्मण पुरस्कार मिल चुका है। राज्य सरकार कृषि संस्थानों के निर्माण पर दो हजार करोड़ रूपये खर्च कर रही है। कृषि स्नातकों के लिये रोजगार के अवसर बढ़ाये जा रहे हैं तथा वर्ष 1989-90 के बाद पहली बार 417 कृषि पदाधिकारी की बहाली की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समेकित कृषि प्रणाली अनुसंधान केन्द्र, पिपराकोठी को 25 एकड़, इन्स्टीच्यूट आॅफ शुगर केन माधोपुर, पश्चिमी चम्पारण को 77 एकड़, केला अनुसंधान संस्थान गोरौल वैशाली को 25 एकड़, कृषि विज्ञान केन्द्र खिजिरसराय गया, सुखेत मधुबनी, लादा समस्तीपुर, तुर्की मुजफ्फरपुर, परसौनी पूर्वी चम्पारण, नरकटियागंज, पश्चिमी चम्पारण को 25- 25 एकड़ भूमि दी गयी है।
मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय कृषि मंत्री से माॅग की कि सारण प्रमण्डल में कृषि इंजीनियरिंग महाविद्यालय की स्थापना केन्द्रीय विश्वविद्यालय के अन्तर्गत करायी जाय। 15 प्रखण्डों से अधिक वाले अवशेष ग्यारह जिलों में भी कृषि विज्ञान केन्द्र खोले जायें, राज्य सरकार इसके लिये जमीन सुलभ करायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि नेशनल डेयरी रिसर्च इन्स्टीच्यूट की स्थापना तथा फिसरिज रिसर्च एवं टेªनिंग सेन्टर हेतु भी राज्य सरकार भूमि सुलभ करायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय के बनने के बाद बिहार के किसानों की अपेक्षा बढ़ जायेगी। संस्थान को राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय अनुभव का लाभ मिलेगा। कृषि के सामने अत्यधिक चुनौतियाॅ हैं। छोटे-छोटे किसानों के लिये तकनिक विकसित करने की आवश्यकता है। मौसम में लगातार बदलाव आ रहा है, इससे भी खेती प्रभावित हेाती है। उम्मीद है कि केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय के माध्यम से अत्याधुनिक तकनिक का लाभ बिहार के किसानों को मिलेगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि 27 हजार करोड़ रूपये भारत सरकार से राज्य सरकार को आना था, मगर मात्र 14 हजार करोड़ रूपये आये हैं। तेरह हजार करोड़ रूपये आना बाकी है। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा एन0एच0 सड़कों के रख-रखाव पर हुये खर्च एक हजार करोड़ रूपये को दिलाये जाने का भी अनुरोध किया। उन्होंने नालंदा को वल्र्ड हेरिटेज में शामिल करने के लिये यूनेस्को को प्रस्ताव भेजने के लिये केन्द्र सरकार के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने आशा व्यक्त किया कि केन्द्र सरकार बिहार को आवश्यक मदद करेगी।
केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री राधामोहन सिंह ने समारोह को संबोधित करते हुये कहा कि स्वतंत्रता प्राप्ति तक देश में सर्वाधिक कृषि उत्पादकता बिहार में थी। बिहार में कृषि शिक्षा को बढ़ाने के लिये राज्य में एक पूर्णरूपेण कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना की माॅग काफी समय से की जा रही है। वर्तमान राजेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय पूसा को केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय में स्थानांतरित किये जाने का विचार था। 2009 में बिहार सरकार द्वारा इस प्रस्ताव की पहल की गयी तथा बिहार में केन्द्रीय विश्वविद्यालय के इस प्रस्ताव पर योजना आयोग द्वारा अपनी सैद्धांतिक सहमति दी गयी। राजेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय के तहत पाॅच महाविद्यालय, सात अनुसंधान संस्थान, ग्यारह कृषि विज्ञान केन्द्र कार्यरत हैं। प्रस्तावित केन्द्रीय विश्वविद्यालय एवं बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर का क्षेत्राधिकार सम्पूर्ण बिहार होगा। 12वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान इस केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय के लिये कुल चार सौ करोड़ रूपये का प्रावधान किये जाने का प्रस्ताव किया गया है।
केन्द्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि बिहार में पूर्णरूपेण केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु त्वरित कार्रवाई को सुनिश्चित करने के लिये कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग तथा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के संबंधित अधिकारियों के साथ केन्द्रीय कृषि मंत्री द्वारा समझौता ज्ञापन पर औपचारिक हस्ताक्षर करने के लिये आज यह बैठक मुख्यमंत्री के साथ पटना में की जा रही है। उन्होंने कहा कि यह पहल निश्चित रूप से बिहार की जनता के लिये वरदान साबित होगी और इससे देश भर में विशेषकर बिहार में समृद्धि आयेगी। बिहार राज्य में प्रोद्यौगिकी एवं मानव संसाधन विकास के लिये एक नये युग का सूत्रपात होगा, जिससे राज्य के सामान्यतः छोटे एवं गरीब किसानों के जीवन में खुशहाली आयेगी।
कृषि मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह ने समारोह को संबोधित करते हुये कहा कि आज का दिन कृषि के लिये ऐतिहासिक दिन है। बिहार में ही कृषि को वैज्ञानिक बनाने की बुनियाद पड़ी थी। बिहार में एक नया कृषि विश्वविद्यालय सबौर में स्थापित किया गया है। कृषि को महत्वपूर्ण रूप में जाना जाता है। राज्य सरकार कृषि पर विशेष ध्यान दे रही है। वर्ष 2017-22 तक का कृषि रोडमैप बना लिया गया है, कृषि कैबिनेट बनाया है। कृषि क्षेत्र में विकास से देश का विकास होगा। उन्होंने केन्द्रीय कृषि मंत्री से अनुरोध किया कि वे कृषि क्षेत्र के लिये अधिक से अधिक धन राज्य को मुहैया करायें। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थानों को मजबूत कीजिये। बिहार में लीची एवं मखाना क्षेत्र को बढ़ावा दिलाइये। गन्ना अनुसंधान केन्द्र यहाॅ पर स्थापित हो जाय तो चीनी के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हो सकती है। यहाॅ की मिट्टी उवर्रक है। कृषि उत्पादन के प्रोसेसिंग क्षेत्र में उद्योग को यहाॅ लाने में मदद करें, आपके पहल की हम अपेक्षा रखते हैं।
इस अवसर पर कृषि उत्पादन आयुक्त श्री विजय प्रकाश ने स्वागत भाषण किया, जबकि कुलपति राजेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय श्री आर0के0 मितल ने राजेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय पर आधारित एक वृतचित्र की प्रस्तुती की। इस अवसर पर विकास आयुक्त श्री एस0के0 नेगी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री अमृत लाल मीणा, कृषि निदेशक श्री धर्मेन्द्र सिंह, निदेशक उद्यान श्री अमरेन्द्र सिंह सहित अनेक कृषि वैज्ञानिक उपस्थित थे।


चरणबद्ध रूप से राज्य के सभी प्राथमिक विद्यालयों में एक-एक उर्दू शिक्षक की नियुक्ति की जायेगी:- मुख्यमंत्री

पटना, 25 जनवरी 2015:- उर्दू राज्य की दूसरी राजभाषा है, इसको इज्जत मिले। उर्दू पढ़ने वाले हिन्दी जाने एवं हिन्दी पढ़ने वाले उर्दू जानें। दोनों भाषाओं को सीखना बहुत जरूरी है, उर्दू मधुर भाषा है। जिस विद्यालय में दस बच्चे उर्दू पढ़ने वाले होंगे वहाॅ पर उर्दू शिक्षक की बहाली करने का पूर्व में प्रावधान था, मगर मैंने निर्णय लिया है कि राज्य के सभी विद्यालयों में एक-एक उर्दू शिक्षक नियुक्त करेंगे। प्रथम चरण में अल्पसंख्यक बाहुल्य इलाके के विद्यालयों में उर्दू शिक्षक भरे जायेंगे। आज दोपहर मुख्यमंत्री श्री जीतन राम माॅझी इमरत-ए-शरिया फुलवारीशरीफ में आयोजित तालिमी इजलास के अन्तर्गत ‘अल्पसंख्यकों की शैक्षणिक समस्यायें एवं समाधान’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी का उद्घाटन करते हुये महती जनसभा को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का दिन बिहार के इतिहास के लिये अत्यंत प्रमुख ऐतिहासिक दिन माना जायेगा। बिहार में दो केन्द्रीय विश्वविद्यालय यथा- मोतिहारी एवं गया में खुले हैं। तीसरा कृषि जगत में एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय खोले जाने के लिये केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार के बीच समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर हुआ है। पूर्व मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने इस काम को प्रारंभ किया था। उन्होंने बिहार को आगे बढ़ाने के लिये कोई प्रयत्न नहीं छोड़ रखा था। उन्होंने ही हमें नामित कर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाया, हम उनके कामों को आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि किसी काम को दस प्वाइंट तक करना है और सात प्वाइंट तक हो चुका है, शेष तीन प्वाइंट छूटे काम को पूरा करना है। ऐसी स्थिति में छूटे कामों को पूरा नहीं करने वालों को नकारा कहा जायेगा। मैं पूर्व मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के सभी कार्य को आगे बढ़ाने में लगा हुआ हूॅ। 2008 से राजेन्द्र कृषि महाविद्यालय को राजेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय में सम्परिवर्तन की बात चल रही थी। मामूली काम के लिये यह काम रूका हुआ था। जब ये बातें मेरे संज्ञान में आयी तो मैंने निर्देश दिया कि सभी समस्याओं का निदान तुरंत होना चाहिये। समाधान निकाला गया और सारी अड़चने समाप्त हुयी। भारत सरकार को हमारी बात माननी पड़ी और आज केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना के लिये केन्द्रीय कृषि मंत्री की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर हुआ।
मुख्यमंत्री ने अमिर-ए-शरियत हजतर मौलाना निजामुद्दीन साहब के प्रति सम्मान प्रकट करते हुये कहा कि हम आप जैसे लोगों से सीख लेते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में 73 हजार प्राथमिक विद्यालय हैं। लगभग 18 हजार उच्च एवं मध्य विद्यालय हैं। हमने निर्णय लिया है कि हर पंचायत में एक प्लस टू उच्च विद्यालय खोलेंगे। ऐसा कैटेरिया बना दिया है, जिसके तहत हर पंचायत में कम से कम एक उच्च विद्यालय अवश्य खुलेंगे। 1700 उच्च विद्यालय बनाये जा चुके हैं और शेष पंचायतों में उच्च विद्यालय बनाये जाने की प्रक्रिया चल रही है। सामाजिक पृष्ठभूमि के आधार पर बच्चियों के लिये अलग विद्यालय की व्यवस्था कर रहे हैं, जहाॅ पर बालिका विद्यालय नहीं है, वहाॅ पर प्रोजेक्ट विद्यालय के तर्ज पर विद्यालय खोल रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी एवं निजी क्षेत्र के विद्यालयों के कार्य प्रणाली में अंतर क्यों है, जबकि प्राइवेट स्कूल से कहीं ज्यादा सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों को सुविधायें दे रहे हैं। प्राइवेट स्कूलों में शिक्षकों का दोहन हो रहा है, उन्हें बहुत कम पैसे पर काम करना पड़ता है। सरकारी विद्यालयों के नियोजित शिक्षकों को भी हमने सुविधा दे रखी है। उनकी सेवानिवृति की आयु को साठ साल कर दिया है तथा उनके वेतन में वृद्धि कर दिया है। हम सबकी माॅगों को पूरा करना चाहते हैं, मगर हमारा हाथ बंधा हुआ है। भारत सरकार से वह सहयोग नहीं मिल रहा है, जो मिलना चाहिये। उन्होंने शिक्षकों से विशेष रूप से अनुरोध किया कि उन्हें जो सुख, सुविधा मिल रही है, उसके अनुसार रिजल्ट दें। पूर्व मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने विभिन्न तरह के पदों पर नियोजन का मौका युवकों को दिया था। उन्हें घर के निकट ही बच्चों को पढ़ाकर अपनी योग्यता को बढ़ाने का अवसर दिया ताकि वे अपने कार्यों के साथ-साथ अपनी पढ़ाई को भी जारी रख सकें, अपनी योग्यता को बढ़ा सकें और ऊॅची से ऊॅची नौकरी पायें, मगर अफसोस है, ऐसा नहीं हुआ। नियोजित शिक्षक अपनी योग्यता बढ़ाने के विरूद्ध हड़ताली मोड़ पर अपनी माॅगों को पूरा कराने के लिये नारा लगाने में समय बीता रहे हैं। पहले शिक्षक पढ़ते थे और पढ़ाते थे। बच्चों को अनुशासन सीखाते थे। जरूरत है कि आज शिक्षकगण अपनी इस पुरानी परंपरा का निर्बाह करें और खोई हुये गरिमा को वापस लायें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज लोग गाॅवों को भूलकर शहरों में रहने लगे हैं। अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल में पढ़ाते हैं। स्कूल में जो पढ़ाई होती थी, उसी के बल पर वे आज इस स्थान पर पहुॅचे हैं।
मुख्यमंत्री ने चिकित्सकों की चर्चा करते हुये कहा कि चिकित्सक देहात में रहना पसंद नहीं करते इसलिये मैंने सोंचा है कि अब जो भी चिकित्सकों की नई बहाली होगी, उसमें यह शर्त रखेंगे कि उन्हें पाॅच वर्षों तक देहात में रहकर सेवा देनी होगी, तभी उन्हें शहर में पदस्थापित करेंगे। उन्होंने कहा कि गाॅवों में पदस्थापित चिकित्सक पटना से जायेंगे तो वे क्या सेवा कर पायेंगे। उन्होंने कहा कि समाज के प्रबुद्ध लोग अपनी जिम्मेदारियों को समझें और इनकलाब का नारा लगाने वालों को समझायें, उन्हें काम करने की सलाह दें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मौलाना मजहरूलहक अरबी-फारसी विश्वविद्यालय के लिये पाॅच एकड़ जमीन एवं 65 लाख रूपये दे दिया है, जिस राशि या अन्य जरूरतों को पूरा करने की जो आवश्यकता होगी, वह भी वे पूरा कराने पर ध्यान देंगे। उर्दू अकादमी, मदरसा बोड सबको अपनी जमीन हो, इसके लिये भी बात कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अल्पसंख्यकों की स्थिति इतनी खराब क्यों है, इसका भी अध्ययन कराया है। सुन्नी वक्फ बोर्ड, शिया वक्फ बोर्ड के पास हजारो एकड़ जमीन है। अगर इसका प्रबंधन ठीक हो जाय तो अकिलियत समाज के लोगों को मदद के लिये सरकार की ओर नहीं देखना होगा बल्कि वे सरकार की मदद कर सकेंगे। जब तक मेरे पास समय है, मैं बोर्डों की संपति का बेहतर प्रबंधन करने की कोशिश करूॅगा।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर घोषणा किया कि इमारत-ए-शरिया के प्रांगण में काॅन्फ्रेंस हाॅल बनाने के लिये वे राशि सुलभ करायेंगे। उन्होंने अमिर-ए-शरियत से अनुरोध किया कि वे इसके लिये प्राक्कलन एवं अन्य औपचारिकतायें पूरी करायें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सबको एक मानकर चलते हैं। हम सभी एक हैं, हम सबको भगवान, खुदा के पास पहुॅचना है। पहुॅचने के रास्ते अलग-अलग हो सकते हैं, मगर मंजिल हम सबकी एक ही है। हम सभी धर्म का सम्मान एवं आदर करते हैं। मुख्यमंत्री ने मुजफ्फरपुर के अजीजपुर में हुयी घटना का जिक्र करते हुये कहा कि वहाॅ के लोगों का दोष नहीं। शैल देवी ने अपनी जान को जोखिम में डालकर दस मुसलमानों की जान बचायी, सबको पनाह दिया। हिन्दुओं ने भी मुसलमानों को अपने घर में पनाह दी और उन्हें बचाया। उन्होंने कहा कि उक्त घटना में साजिश का गंध आ रहा है। कैसे-कैसे लोग वहाॅ गाड़ी से आये थे। हम साजिश को नहीं चलने देंगे। जैसे ही घटना की सूचना मुझे मिली, मैंने अपनी मुम्बई यात्रा को बीच में ही छोड़कर तथा प्रधानमंत्री जी से मुलाकात के समय को छोड़कर पटना लौटे और पीडि़तों से मुलाकात की। अजीजपुर की घटना से संबंधित सभी मामलों का निस्तार फास्ट टैªक कोर्ट से कराकर दोषियों को सजा देंगे। कम से कम समय में दोषियों को सजा दिलाने का इतिहास स्थापित करेंगे। जरूरत पड़ी तो सी0बी0आई0 से भी जाॅच करायेंगे। दोषी तत्व पाताल में भी होंगे तो उन्हें खोजकर सजा देंगे। घटना के दूसरे ही दिन पाॅच-पाॅच लाख रूपये का मुआवजा मृतकों के आश्रित को दिला दिया। हर्जाने की क्षतिपूर्ति करायी जायेगी, जले सामानों का मूल्यांकन कराकर जितनी क्षतिपूर्ति हुयी है, उसका क्षतिपूर्ति करायेंगे। अजीजपुर गाॅव में पुलिस थाना खुलवा रहे हैं। गाॅवों में पी0सी0सी0 सड़क, चापाकल, मदरसा सबकी व्यवस्था करेंगे और जो भी जरूरत होगी, उसे भी पूरा करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अफवाह पर ध्यान न दें, बहरूपिया लोग यहाॅ आने लगे हैं। वह आपको भरमायेंगे। उनके जाल में कभी न फॅसें। उन्होंने कहा कि हमारे संविधान ने सर्वधर्म सद्भाव की शिक्षा दी है, मगर आज मंदिर वहीं बनायेंगे, धारा 370 को समाप्त करेंगे, समान सिविल कोड को लागू कर हिन्दुस्तान की विभिन्नता में एकता की खुबसूरती को समाप्त करने की कोशिश हो रही है। हम इस कोशिश को जहाॅ भी रहें, विफल करें, अपनी एकता को बनाये रखें। आपसी प्रेम, सद्भाव के रिश्ते को मजबूत करें।
अमिर-ए-शरियत हजरत मौलाना निजामुद्दीन ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि इनसान की फजीलत (बरतरी) तालिम की वजह से है। जिस कौम ने तालिम पर ध्यान दिया, वे आगे बढ़ी है और तरक्की की है। उन्होंने कहा कि आज अल्पसंख्यकों में तालिम के बारे में एहसास है। हर कोई चाहता है कि उनका बच्चा पढ़े। उन्होंने कहा कि जहाॅ पर तालिम के लिये बेहतर सुविधा न हो, उसे निशाना बनाकर वहाॅ पर बेहतर सुविधा सृजित की जाय। गाॅवों में लोअर प्राइमरी स्कूल से मिडिल स्कूल तक की शिक्षा का प्रबंध जरूर होना चाहिये। योजनाओं को कागज से जमीन पर उतारने की जरूरत है। तालिम के लिये जो जरूरत हो, उसे पूरा किया जाय। जो कौम तालिम एवं सेहत के ऐतबार से तरक्की करोगी, वही कौम सेहतमंद रहेगी। अमन, इंसाफ हो, लोगों को रोजगार मिले, भ्रष्टाचार से मुक्ति मिल जाय तो मूल्क एवं राज्य को तरक्की से नहीं रोका जा सकता है। अमन कायम रखें, भाईचारा कायम रहे, तालिम, सेहत, रोजगार और अमन ओ शांति के लिये काम किया जाय। तालिम के साथ तरबियत जरूर सीखाया जाय।
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री श्री वृशिण पटेल, विज्ञान एवं प्रावैधिकी मंत्री श्री शाहिद अली खाॅ ने भी समारोह को संबोधित किया तथा शिक्षा, स्वास्थ्य, शांति एवं सुशासन के लिये सरकार के द्वारा उठाये गये कदमों की विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर नायब अमिर -ए-शरियत मौलाना सैयद वलीरहमानी, नाजिम इमारत-ए-शरिया श्री अनिसुर्रहमान कासमी, कुलपति मौलाना मजहरूलहक अरबी-फारसी विश्वविद्यालय डाॅ0 एजाज अली अरसद, निदेशक उच्च शिक्षा श्री एस0एम0 करीम, प्रो0 शकील अहमद कासमी, काजी निसार अहमद कासमी सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति, सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ता उपस्थित थे।