पटना, 23 जनवरी 2015:- मुख्यमंत्री श्री जीतन राम माॅझी ने आज सभी विभागीय सचिवों के साथ उच्चस्तरीय बैठक कर प्लान एक्सपेंडिचर की गहन समीक्षा की। समीक्षा के उपरान्त निर्देश दिया कि सभी विभाग केन्द्र सरकार के विभागों में अपना प्रतिनिधि प्रतिनियुक्त करके राशि की प्राप्ति हेतु प्रयास करें। उल्लेखनीय है कि इस वितीय वर्ष में केन्द्र सरकार से लगभग 27 हजार करोड़ रूपये की राशि प्राप्त होनी है, जिसमें से मात्र 14 हजार करोड़ रूपये की राशि प्राप्त हो पायी है। केन्द्र सरकार से निधि विमुक्ति में विलंब के कारण राज्य के कई विभागों में लक्ष्य के अनुरूप खर्च नहीं हो पा रहा है।
भारत सरकार के प्रमुख विभागों यथा- नीति आयोग, शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास, पंचायती राज, पेयजल, भूतल परिवहन आदि से अत्यंत बड़ी राशि प्राप्त नहीं हो पायी है, जिसके कारण केन्द्रांश के विरूद्ध खर्च 50 प्रतिशत से कम है, जबकि राज्य योजना का खर्चा 75 प्रतिशत से ऊपर है।
मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को यह निर्देश दिया है कि वे मुख्यमंत्री के स्तर से केन्द्रीय मंत्रीगण को पत्र लिखवाकर निधि विमुक्ति का अनुरोध करें। उल्लेखनीय है कि इस वितीय वर्ष में लगभग 36 हजार करोड़ रूपये की राशि का व्यय हो चुका है, जो इस अवधि में पिछले वर्ष लगभग 24 हजार करोड़ रूपये का था।
समीक्षा के क्रम में सभी विभागों को यह निर्देश दिया गया है कि वे योजनाओं के कार्यान्वयन में गुणवत्ता बनाये रखने में अत्यधिक ध्यान दें। सभी विभागों को अपना अनुश्रवण तंत्र सख्त करने का निर्देश दिया गया है ताकि नियमित रूप से कार्यों का भौतिक सत्यापन होता रहे।
बैठक में इस बात पर चिन्ता व्यक्त की गयी कि कुछ विभागों का व्यय अभी भी 50 प्रतिशत से कम है। इस हेतु यह निर्णय लिया गया कि ऐसे विभागीय सचिव समीक्षा करके कम व्यय के कारणों का निराकरण करें और अतिशीघ्र सुधार लायें।
बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि विभिन्न विभागों में कार्यरत बोर्ड/समितियाॅ अनावश्यक रूप से खजाने की राशि की निकासी करते हैं। राशि की निकासी तभी की जाय, जब उसका खर्च तत्काल होना संभावित हो। उल्लेखनीय है कि वित विभाग द्वारा काॅम्प्रीहेन्सिव टेªजरी मैनेजमेंट इंफोरमेशन सिस्टम (ब्ज्डप्ै) के द्वारा प्रत्येक विभाग के खर्च की दिन प्रतिदिन के आधार पर समीक्षा की जा रही है और एक करोड़ रूपये से अधिक के राशि के मामलों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। इस व्यवस्था से प्रतिदिन सरकारी खजाने में प्राप्त हो रहे राजस्व की भी समीक्षा की जा रही है।
बैठक में योजना एवं विकास मंत्री श्री पी0के0 शाही, मुख्य सचिव श्री अंजनी कुमार सिंह, विकास आयुक्त श्री एस0के0 नेगी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री अमृत लाल मीणा सहित सभी विभागों के प्रधान सचिव/सचिव उपस्थित थे।
भारत सरकार के प्रमुख विभागों यथा- नीति आयोग, शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास, पंचायती राज, पेयजल, भूतल परिवहन आदि से अत्यंत बड़ी राशि प्राप्त नहीं हो पायी है, जिसके कारण केन्द्रांश के विरूद्ध खर्च 50 प्रतिशत से कम है, जबकि राज्य योजना का खर्चा 75 प्रतिशत से ऊपर है।
मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को यह निर्देश दिया है कि वे मुख्यमंत्री के स्तर से केन्द्रीय मंत्रीगण को पत्र लिखवाकर निधि विमुक्ति का अनुरोध करें। उल्लेखनीय है कि इस वितीय वर्ष में लगभग 36 हजार करोड़ रूपये की राशि का व्यय हो चुका है, जो इस अवधि में पिछले वर्ष लगभग 24 हजार करोड़ रूपये का था।
समीक्षा के क्रम में सभी विभागों को यह निर्देश दिया गया है कि वे योजनाओं के कार्यान्वयन में गुणवत्ता बनाये रखने में अत्यधिक ध्यान दें। सभी विभागों को अपना अनुश्रवण तंत्र सख्त करने का निर्देश दिया गया है ताकि नियमित रूप से कार्यों का भौतिक सत्यापन होता रहे।
बैठक में इस बात पर चिन्ता व्यक्त की गयी कि कुछ विभागों का व्यय अभी भी 50 प्रतिशत से कम है। इस हेतु यह निर्णय लिया गया कि ऐसे विभागीय सचिव समीक्षा करके कम व्यय के कारणों का निराकरण करें और अतिशीघ्र सुधार लायें।
बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि विभिन्न विभागों में कार्यरत बोर्ड/समितियाॅ अनावश्यक रूप से खजाने की राशि की निकासी करते हैं। राशि की निकासी तभी की जाय, जब उसका खर्च तत्काल होना संभावित हो। उल्लेखनीय है कि वित विभाग द्वारा काॅम्प्रीहेन्सिव टेªजरी मैनेजमेंट इंफोरमेशन सिस्टम (ब्ज्डप्ै) के द्वारा प्रत्येक विभाग के खर्च की दिन प्रतिदिन के आधार पर समीक्षा की जा रही है और एक करोड़ रूपये से अधिक के राशि के मामलों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। इस व्यवस्था से प्रतिदिन सरकारी खजाने में प्राप्त हो रहे राजस्व की भी समीक्षा की जा रही है।
बैठक में योजना एवं विकास मंत्री श्री पी0के0 शाही, मुख्य सचिव श्री अंजनी कुमार सिंह, विकास आयुक्त श्री एस0के0 नेगी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री अमृत लाल मीणा सहित सभी विभागों के प्रधान सचिव/सचिव उपस्थित थे।
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