Thursday, 29 January 2015

स्वामी सहजानंद सरस्वती के नाम पर एक शोध संस्थान की स्थापना करायी जायेगी:- मुख्यमंत्री

पटना, 27 जनवरी 2015:- किसानों की स्थिति ठीक होगी, तभी मजदूरों की स्थिति ठीक हो पायेगी। जहाॅ पर तीन पैदावार होते हैं, वहाॅ पर मजदूरों की स्थिति काफी अच्छी रहती है। किसानों की स्थिति में सुधार लाना है तो मजदूरों को ठीक रखें। मजदूर के ठीक रहे बिना राज्य एवं देश की स्थिति ठीक नहीं होगी। इस सिद्धांत पर चला जाय तो यही स्वामी सहजानंद सरस्वती के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। आज शाम मुख्यमंत्री श्री जीतन राम माॅझी बिहार विधान परिषद के उप सभा भवन में लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री श्री महाचन्द्र प्रसाद सिंह द्वारा लिखित दो पुस्तक यथा-‘स्वामी सहजानंद सरस्वती-ज्योति कलश’ एवं ‘स्वामी सहजानंद सरस्वती- अमृत कलश’ का लोकार्पण कर रहे थे। इस पुस्तक का प्रकाशन प्रभात प्रकाशन द्वारा किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका विचार शुरू से ही किसानों एवं गरीबों के समर्थन में रहा है। किसानों की स्थिति कैसे अच्छी हो, इसके लिये वे लगातार सोंच करते रहे हैं और किसान मजदूरों के बीच बेहतर संबंध बनाने का प्रयास उन्होंने किया है। किसान की स्थिति जब तक ठीक नहीं होगी, मजदूरों की स्थिति भी दयनीय रहेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में डाॅ0 भीमराव अंबेदकर शोध संस्थान बनाने का निर्णय लिया गया है और इस पर काम आगे चल रहा है। इसी तर्ज पर स्वामी सहजानंद सरस्वती के नाम पर भी एक शोध संस्थान की स्थापना राज्य में करायेंगे। उन्होंने कहा कि इस प्रस्तावित संस्थान में पाश्चात्य संस्कृति को छोड़कर अपनी गौरवपूर्ण संस्कृति एवं सभ्यता पर शोध कर इसे प्रचारित कराया जाय। वैदिक रीति, रिवाज को अपनाये जायें तो सभी तरह से हमारा विकास हो सकेगा। उन्होंने कहा कि पाश्चात्य संस्कृति के प्रभाव में आकर हमारे आचरण में गिरावट आ रही और नैतिक मूल्यों का हृास हो रहा है। उन्होंने कहा कि नैतिक मूल्यों को स्थापित किया जाय, पर भी विशेष ध्यान दिया जाय। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति, सभ्यता एवं भाषा गौरवपूर्ण रही है। आज विदेशों में संस्कृत का अध्ययन हो रहा है, जबकि दूसरी ओर हम अपनी भाषा से दूर हटते जा रहे हैं। जरूरत है कि हम अपनी संस्कृति से जुड़ें। हम किसान की वर्तमान स्थिति एवं गाॅव की वर्तमान स्थिति से भलीभांति परिचित हैं। आज हरित परत का क्षेत्रफल घट रहा है, वृक्षों की कटाई धड़ल्ले से हो रही है। बड़े प्रयास के बाद हरित परत के क्षेत्रफल को सात प्रतिशत से बढ़ाकर तेरह प्रतिशत किया है। ग्लोबल वार्मिंग से बचने के लिये वृक्षारोपण करें और अधिक से अधिक क्षेत्रों में हरियाली लायें, पेड़ों की रक्षा करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले भारतवर्ष के बारे में कहा जाता था कि यहाॅ पर दूध, दही की नदियाॅ बहती थी। खेती, लघु उद्योग, गौ पालन पर लोगों का विशेष ध्यान था। लोग ज्यादा पैदावार भी करते थे और पर्यावरण को सुरक्षित भी रखते थे। पर्यावरण की सुरक्षा हम सबकी जिम्मेदारी है। हरित परत को बढ़ा देंगे, गौ पालन, कुटिर एवं लघु उद्योग स्थापित कर देंगे तो किसानों की स्थिति अच्छी हो जायेगी। उन्होंने कहा कि नौकरी के बदले नियोजन पर ध्यान दें तो ज्यादा लाभकारी होगा। उन्होंने कहा कि अनिच्छा से जो काम किया जाता है, उसमें थकावट आती है और जो काम इच्छा एवं मनोयोग से किया जाता है, उसमें समृद्धि एवं खुशहाली होती है।
समारोह की अध्यक्षता सभापति बिहार विधान परिषद श्री अवधेश नारायण सिंह ने किया और स्वामी सहजानंद सरस्वती को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि स्वामी सहजानंद सरस्वती की जीवनी पर पुस्तक लिखकर श्री महाचन्द्र प्रसाद सिंह ने बड़ा काम किया है, इसके लिये वे धन्यवाद के पात्र हैं। समारोह को कृषि मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह ने भी संबोधित किया। स्वागत भाषण लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री श्री महाचन्द्र प्रसाद सिंह ने किया और कहा कि स्वामी सहजानंद सरस्वती के 100वें वर्षगाॅठ से लेकर आज तक उनकी जयंती का भव्य आयोजन वे करते आ रहे हैं। स्वामी सहजानंद सरस्वती किसान एवं मजदूर को एक मानते थे। उन्होंने कहा था कि किसान के रूप में उन्हें भगवान मिले। किसानों की समस्याओं का मूल्यांकन वातानुकूलित कमरे में बैठकर नहीं किया जा सकता है। उन्होंने किसानों की समस्याओं का बारिकी से मूल्यांकन किया था। उनके विेचार की आज बड़ी जरूरत है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री जीतन राम माॅझी की ओर देश एवं राज्य के तमाम गरीब बड़ी उम्मीद से देख रहे हैं।
इस अवसर पर प्रभात प्रकाशन के प्रबंध निदेशक श्री पीयूष कुमार ने भी समारोह को संबोधित किया और कहा कि वे विगत चार वर्षों से बिहार में कार्य कर रहे हैं। बिहार से संबंधित दो सौ से अधिक पुस्तकों का प्रकाशन उन्होंने विगत चार वर्षों में किया है और पचास से अधिक पुस्तकों का प्रकाशन प्रक्रिया में है।
इस अवसर पर विधान पार्षद श्री शिवप्रसन्न यादव, पूर्व विधान पार्षद एवं बिहार लोक सेवा आयोग के सदस्य श्री रामकिशोर सिंह, पूर्व भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी श्री राम उपदेश सिंह, मगही अकादमी के अध्यक्ष श्री उदय शंकर शर्मा उर्फ कवि जी, जदयू किसान प्रकोष्ठ के अध्यक्ष श्री विजय कुशवाहा, सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती अनिता कुशवाहा सहित अनेक सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ता, प्रबुद्ध नागरिक एवं साहित्यकार उपस्थित थे।


No comments:

Post a Comment