Monday, 12 January 2015

गुलाम सरवर के जन्म दिवस को उर्दू दिवस के रूप में मनाया जायेगा:- मुख्यमंत्री

गुलाम सरवर के जन्म दिवस को उर्दू दिवस के रूप में मनाया जायेगा:- मुख्यमंत्री 

पटना, 11 जनवरी 2015:- बिहार में गुलाम सरवर साहब द्वारा उर्दू भाषा के तरक्की के लिये किये गये कार्य से हमें प्रेरणा लेनी चाहिये। वे बिहार में उर्दू भाषा एवं कौमी एकता के प्रतीक के रूप में जाने जाते हैं। उनके द्वारा छोड़े गये अधूरे कामों को हम पूरा करें। आज मुख्यमंत्री श्री जीतन राम माॅझी स्व0 गुलाम सरवर जयंती के अवसर पर भारतीय नृत्य कला मंदिर में आयोजित तकरीब यौम-ए-उर्दू कार्यक्रम के अवसर पर दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन करते हुये संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार की द्वितीय राजभाषा उर्दू है। उर्दू साहित्य के विकास में स्व0 गुलाम सरवर साहब के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा कि हिन्दी एवं उर्दू भाषा दोनों प्यारी भाषा है। आजादी की लड़ाई में इन दोनों भाषा ने सम्पर्क भाषा के रूप में अपना काम किया है। हर स्तर पर द्वितीय भाषा के रूप में उर्दू का प्रयोग किया जाय, इसके लिये वे प्रयास करेंगे। गाॅव, घर की बातचीत को गौर करें तो पायेंगे कि 20 से 25 प्रतिशत लफ्ज उर्दू का इस्तेमाल होता है। किसी भी शिक्षण संस्थान में पहले दस से अधिक पढ़ने वाले बच्चों पर एक उर्दू शिक्षक होते थे लेकिन अब हर प्राथमिक विद्यायल में उर्दू शिक्षक बहाल होंगे, इससे उर्दू को बढ़ावा मिलेगा और इसे आम आदमी की भाषा बनाने में सहयोग प्राप्त होगा।
मुख्यमंत्री ने टी0ई0टी0 उर्दू शिक्षकों के नियोजन की दिशा में कार्रवाई करने की बात कही। उन्होंने कहा कि पद रिक्त है, अभी हमारे सामने थोड़ी वितीय स्थिति की समस्या है लेकिन किसी प्रकार की बाधा नहीं आने देंगे। उनके नियोजन के संबंध में कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने कहा कि गुलाम सरवर के जन्म दिवस को उर्दू दिवस के रूप में मनाने का संकल्प बिहार सरकार लेगी। जिस विद्यालय में उर्दू की पढ़ाई नहीं होती है, वहाॅ पर उर्दू की भी पढ़ाई हो, इसके लिये शिक्षा विभाग को निर्देश देंगे। ऐसी व्यवस्था करें कि उर्दू पढ़ने वाले बच्चों की संख्या बढ़े। तालिमी मरकज के विस्तार के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा संसाधन उपलब्ध कराये जाने पर इस संबंध में निश्चित रूप से कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने कहा कि अकिलियत की स्थिति महादलित समाज की तुलना में बहुत अच्छी नहीं है। विकास के लिये शिक्षा जरूरी है। बच्चों को शिक्षित करें। बिहार सरकार आपके विकास एवं नियोजन की दिशा में हर तरह से सहयोग करेगी। जात-पात, धर्म, सम्प्रदाय से ऊपर उठकर संकल्प लें कि अमन एवं चैन कायम करने में अपना सहयोग देंगे।
इस अवसर पर पूर्व मंत्री श्री इलियास हुसैन एवं पूर्व मंत्री श्री एम0ए0ए0 फातमी ने भी सभा को संबोधित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री द्वारा उर्दू भाषा में पत्रकारिता एवं भाषा के विकास में योगदान देने वाले साहित्यकारों को अवार्ड देकर सम्मानित किया गया। अवार्ड से सम्मानित होने वाले यथा- गुलाम सरवर सहाफती पुरस्कार से प्रो0 मुस्ताक, सैयद शाह मुस्ताक अवार्ड से श्री मोजाहिदउद्दीन, मौलाना बेताब सिद्दीकी अवार्ड से श्री रेहान गनी, तकीरहीम अवार्ड से श्री इमरान शगीर, अब्दुल कय्यूम अंसारी अवार्ड से श्री कलीम अशरफ, रमण सिंह अवार्ड से श्री इन्दु भूषण एवं श्री प्रियरंजन थे।
कार्यक्रम के संयोजक एवं पूर्व विधान पार्षद प्रो0 गुलाम गौस ने सभा की अध्यक्षता की। इस अवसर पर डाॅ0 एजाज अली, विधायक यथा- श्री अख्तरूल इस्लाम शाहीन, श्री अब्दुल गफ्फूर, डाॅ0 इजहार अहमद सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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