पटना, 15 जनवरी 2015:- किसानों को कृषि के लिये बिजली कनेक्शन दिये जाने में तेजी लायी जाय। किसानों को उनके खेत तक बिजली पहुॅचा दें, यह निर्देश आज मुख्यमंत्री श्री जीतन राम माॅझी ने ऊर्जा विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में अधिकारियों को दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के गैर ऊर्जान्वित गाॅवों को ऊर्जान्वित किया जाय। हर गाॅव तक बिजली पहुॅचाने के लक्ष्य को निश्चित रूप से पूरा किया जाय। इस क्रम में विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा किसानों से आवेदन पत्र लिये जायें और उन्हें अभियान स्वरूप विद्युत संबंध प्रदान किये जायें।
ऊर्जा सचिव श्री प्रत्यय अमृत ने मुख्यमंत्री को बताया कि 6 फरवरी से किसानों को कृषि कार्य के लिये बिजली कनेक्शन दिये जाने का अभियान प्रारंभ किया जा रहा है, इसके पहले बिजली उपभोक्ताओं को नया विद्युत कनेक्शन दिये जाने का अभियान चलाया गया था। बिजली उपभोक्ता की संख्या में गुणात्मक वृद्धि आयी है। उन्होंने बताया कि राज्य में नौ हजार गैर ऊर्जान्वित गाॅव हैं, जिनको ऊर्जान्वित किये जाने का लक्ष्य है। गैर ऊर्जान्व्ति गाॅवों तक विद्युत पोल एवं तार पहुॅचाने का काम प्रारंभ हो चुका है। सभी विधायकों को ऊर्जान्वित गाॅवों की सूची देते हुये कार्ययोजना प्रारंभ करा दी गयी है। राज्य सरकार का यह संकल्प है कि मई माह के अंत तक सभी गाॅवों में निर्बाध विद्युत आपूर्ति हो जाय। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार किसानों को निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित कराने के लिये कटिबद्ध है ताकि सिंचाई में होने वाला व्यय कम हो सके और किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो। बैठक में राजीव गाॅधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अन्तर्गत प्राप्त उपलब्धियों की भी जानकारी ली गयी और निर्देश दिया गया कि सभी खराब ट्रांसफर्मरों को बदला जाय। निर्बाध रूप से सोलह से 22 घंटे तक विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करायी जाय, इससे किसानों को पटवन में आमूलचूक मदद मिल पायेगी। किसानों को कृषि के लिये विद्युत अवश्य मिले, इस पर ध्यान दिया जाय। बैठक में मुख्यमंत्री को बताया गया कि राज्य में जले, कम क्षमता वाले कुल 14,822 ट्रांसफर्मर को बदलने की कार्रवाई चल रही है। ट्रांसफर्मरों को बदलने के लिये 350 करोड़ रूपये की योजना की मंजूरी प्रदान की गयी है। शहरी क्षेत्र में 24 घंटे एवं ग्रामीण क्षेत्र में 72 घंटे के अंदर जले हुये ट्रांसफर्मरों को बदलने का निर्देश दिया गया है। इस दिशा में संतोषजनक प्रगति दिख रही है। राज्य में औसतन 2400 मेगावाट विद्युत की आपूर्ति हो रही है। राज्य में विद्युत वितरण, आधारभूत ढ़ाॅचा के विकास के लिये सात हजार करोड़ रूपये की योजना की मंजूरी प्रदान की गयी है, जिसमें व्यापक पैमाने पर कार्य हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिया कि सौर ऊर्जा पर भी विशेष ध्यान दिये जायें। राज्य में कम से कम 250 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन किया जाय। मुख्यमंत्री को बताया गया कि इस दिशा में तेजी से कार्य किये जा रहे हैं। बैठक में राज्य में विद्युत तापघरों की स्थिति, वहाॅ पर विद्युत तापघरों के आधुनिकीकरण एवं नये तापघरों के निर्माण की दिशा में किये जा रहे कार्यों की भी गहन समीक्षा की गयी। बैठक में विद्युत उत्पादन एवं विद्युत क्रय पर हुये व्यय और प्राप्त राजस्व की समीक्षा भी की गयी तथा विद्युत उत्पादन एवं क्रय पर हुये खर्च एवं प्राप्त रिसिट के अंतर को भरने पर भी गंभीरता से विचार किये गये। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कई सुझाव भी दिये। पावर बैंकिंग प्रणाली पर भी विस्तार से चर्चा बैठक में हुयी और निर्देश दिया गया कि तीन सौ से पाॅच सौ मेगावाट पावर बैंकिंग की व्यवस्था की जाय। राज्य में आॅफ पीक आवर में बिजली की अधिकेय उपलब्धता रहती है, इसे पावर बैंक के माध्यम से प्रबंधन किये जाने का निर्णय लिया गया ताकि गर्मी के मौसम में जब अत्यधिक बिजली की आवश्यकता हो तो विद्युत की आपूर्ति की जा सके।
बैठक में वित मंत्री श्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव, मुख्य सचिव श्री अंजनी कुमार सिंह, विकास आयुक्त श्री एस0के0 नेगी, प्रधान सचिव वित श्री रामेश्वर सिंह, प्रधान सचिव योजना एवं विकास श्री डी0एस0 गंगवार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री अमृत लाल मीणा, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अतीश चन्द्रा, सचिव ऊर्जा श्री प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के सचिव सह प्रबंध निदेशक जेनरेशन श्री संजय कुमार सिंह, प्रबंध निदेशक साउथ बिहार पावर होल्डिंग कम्पनी श्रीमती पलका सहनी, प्रबंध निदेशक उतर बिहार पावर होल्डिंग कम्पनी श्री बाला डी0 मुरगन सहित सभी संबंधित पदाधिकारियों ने भाग लिया।
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ऊर्जा सचिव श्री प्रत्यय अमृत ने मुख्यमंत्री को बताया कि 6 फरवरी से किसानों को कृषि कार्य के लिये बिजली कनेक्शन दिये जाने का अभियान प्रारंभ किया जा रहा है, इसके पहले बिजली उपभोक्ताओं को नया विद्युत कनेक्शन दिये जाने का अभियान चलाया गया था। बिजली उपभोक्ता की संख्या में गुणात्मक वृद्धि आयी है। उन्होंने बताया कि राज्य में नौ हजार गैर ऊर्जान्वित गाॅव हैं, जिनको ऊर्जान्वित किये जाने का लक्ष्य है। गैर ऊर्जान्व्ति गाॅवों तक विद्युत पोल एवं तार पहुॅचाने का काम प्रारंभ हो चुका है। सभी विधायकों को ऊर्जान्वित गाॅवों की सूची देते हुये कार्ययोजना प्रारंभ करा दी गयी है। राज्य सरकार का यह संकल्प है कि मई माह के अंत तक सभी गाॅवों में निर्बाध विद्युत आपूर्ति हो जाय। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार किसानों को निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित कराने के लिये कटिबद्ध है ताकि सिंचाई में होने वाला व्यय कम हो सके और किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो। बैठक में राजीव गाॅधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अन्तर्गत प्राप्त उपलब्धियों की भी जानकारी ली गयी और निर्देश दिया गया कि सभी खराब ट्रांसफर्मरों को बदला जाय। निर्बाध रूप से सोलह से 22 घंटे तक विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करायी जाय, इससे किसानों को पटवन में आमूलचूक मदद मिल पायेगी। किसानों को कृषि के लिये विद्युत अवश्य मिले, इस पर ध्यान दिया जाय। बैठक में मुख्यमंत्री को बताया गया कि राज्य में जले, कम क्षमता वाले कुल 14,822 ट्रांसफर्मर को बदलने की कार्रवाई चल रही है। ट्रांसफर्मरों को बदलने के लिये 350 करोड़ रूपये की योजना की मंजूरी प्रदान की गयी है। शहरी क्षेत्र में 24 घंटे एवं ग्रामीण क्षेत्र में 72 घंटे के अंदर जले हुये ट्रांसफर्मरों को बदलने का निर्देश दिया गया है। इस दिशा में संतोषजनक प्रगति दिख रही है। राज्य में औसतन 2400 मेगावाट विद्युत की आपूर्ति हो रही है। राज्य में विद्युत वितरण, आधारभूत ढ़ाॅचा के विकास के लिये सात हजार करोड़ रूपये की योजना की मंजूरी प्रदान की गयी है, जिसमें व्यापक पैमाने पर कार्य हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिया कि सौर ऊर्जा पर भी विशेष ध्यान दिये जायें। राज्य में कम से कम 250 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन किया जाय। मुख्यमंत्री को बताया गया कि इस दिशा में तेजी से कार्य किये जा रहे हैं। बैठक में राज्य में विद्युत तापघरों की स्थिति, वहाॅ पर विद्युत तापघरों के आधुनिकीकरण एवं नये तापघरों के निर्माण की दिशा में किये जा रहे कार्यों की भी गहन समीक्षा की गयी। बैठक में विद्युत उत्पादन एवं विद्युत क्रय पर हुये व्यय और प्राप्त राजस्व की समीक्षा भी की गयी तथा विद्युत उत्पादन एवं क्रय पर हुये खर्च एवं प्राप्त रिसिट के अंतर को भरने पर भी गंभीरता से विचार किये गये। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कई सुझाव भी दिये। पावर बैंकिंग प्रणाली पर भी विस्तार से चर्चा बैठक में हुयी और निर्देश दिया गया कि तीन सौ से पाॅच सौ मेगावाट पावर बैंकिंग की व्यवस्था की जाय। राज्य में आॅफ पीक आवर में बिजली की अधिकेय उपलब्धता रहती है, इसे पावर बैंक के माध्यम से प्रबंधन किये जाने का निर्णय लिया गया ताकि गर्मी के मौसम में जब अत्यधिक बिजली की आवश्यकता हो तो विद्युत की आपूर्ति की जा सके।
बैठक में वित मंत्री श्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव, मुख्य सचिव श्री अंजनी कुमार सिंह, विकास आयुक्त श्री एस0के0 नेगी, प्रधान सचिव वित श्री रामेश्वर सिंह, प्रधान सचिव योजना एवं विकास श्री डी0एस0 गंगवार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री अमृत लाल मीणा, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अतीश चन्द्रा, सचिव ऊर्जा श्री प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के सचिव सह प्रबंध निदेशक जेनरेशन श्री संजय कुमार सिंह, प्रबंध निदेशक साउथ बिहार पावर होल्डिंग कम्पनी श्रीमती पलका सहनी, प्रबंध निदेशक उतर बिहार पावर होल्डिंग कम्पनी श्री बाला डी0 मुरगन सहित सभी संबंधित पदाधिकारियों ने भाग लिया।
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