पटना, 26 जनवरी 2015:- मुख्यमंत्री श्री जीतन राम माँझी ने आज 66वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर ऐतिहासिक गाँधी मैदान में राष्ट्रीय झंडोतोलन किया तथा संयुक्त टुकड़ी की सलामी ली तथा निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर राज्य एवं देशवासियों को हार्दिक बधाई दी और निम्न अभिभाषण किया-
भाइयो, बहनो और प्यारे बच्चो,
अपने देश के 66वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर आप-सभी को तथा बिहार की समस्त जनता को मैं हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ देता हूँ।
आज ही के दिन अपने देष को गणतंत्र राज्य घोषित किया गया एवं संविधान को अपनाया गया था। इसी संविधान के माध्यम से संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य की नींव रखी गई तथा नागरिकों के लिए न्याय, समानता, धर्म-निरपेक्षता एवं गरिमामय जीवन की वैधानिक परिकल्पना की और यही हमारे मार्ग का प्रकाश स्तम्भ है, जिससे देश का चतुर्दिक विकास हो रहा है।
राज्य सरकार ने सुषासन तथा विकास के लिए सार्थक प्रयास किए हैं, जिसके परिणामस्वरूप राज्य के सभी क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति हो रही है। ‘न्याय के साथ विकास’ राज्य सरकार की प्राथमिकता रही है, जिसके कार्यान्वयन हेतु सरकार ने सुशासन के कार्यक्रम बनाये हैं। उन कार्यक्रमों के आधार पर राज्य सरकार की पिछले एक वर्ष की उपलब्धियाॅं उल्लेखनीय रही है।
राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए विधि व्यवस्था, कानून का राज, सामाजिक सद्भाव का माहौल अत्यंत आवश्यक है। सरकार के प्रयासो से राज्य में साम्प्रदायिक सद्भाव और सामाजिक सौहार्द्र का वातावरण बना है एवं सभी वर्गों-सम्प्रदायों के बीच पारस्परिक विश्वास, सामंजस्य एवं स्नेह की बदौलत बिहार की एक नई पहचान बनी है।
राज्य की विधि व्यवस्था सुदृढ़ रखने एवं कानून का राज बनाये रखने की दिशा में पुलिस के कार्यों की नियमित समीक्षा की जा रही है और आवश्यकतानुसार उन्हें सभी संसाधन उपलब्ध कराये जा रहे हैं। पुलिस के आधुनिकीकरण एवं प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है ताकि वे अपना काम पूरी मुश्तैदी के साथ कर सकें। संगठित अपराध पर कड़ाई से अंकुश लगाया गया है और अपराधों को उनके तार्किक अंत तक पहुॅंचाने के लिए अनेक कदम उठाये गये हैं। राज्य के विधि विज्ञान प्रयोगशाला को अत्याधुनिक संयंत्रों से सुदृढ़ किया गया है जिससे अनुसंधानकर्ताओं को संवेदनशील काण्डों में सटीक साक्ष्य संकलित करने में मदद मिल रही है। पुलिस के लिए आधारभूत संरचना के विकास पर बल दिया जा रहा है। गत वर्ष में पुलिस भवन निर्माण निगम द्वारा 209 भवनों का निर्माण पूर्ण किया गया है एवं 455 भवनों का निर्माण कार्य प्रगति पर है।
राज्य सरकार की भ्रष्टाचार के विरूद्ध जीरो टाॅलरेंस की नीति रही है। इस दिषा में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो, विशेष निगरानी इकाई एवं आर्थिक अपराध इकाई के द्वारा भ्रष्टाचार उन्मूलन की दिशा में निरंतर कार्रवाई की जा रहीहै। साथ ही विभिन्न कानूनी प्रावधानों का उपयोग कर अवैध रूप से अर्जित संपत्तियों को जब्त करने की मुहिम जारी है।
राज्य सरकार ने अपने विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए राज्ययोजना के आकार में लगातार वृद्धि की है। राज्य का योजना उद्व्यय वर्ष 2013-14 में 34 हजार करोड़ रूपया था जिसे वर्ष 2014-15 में 57 हजार करोड़ रूपये से अधिक निर्धारित किया गया है। राज्य ने अपने आंतरिक संसाधन में भी महत्वपूर्ण वृद्धि की है। राज्य का अपना कर राजस्व वर्ष 2013-14 में 19 हजार 9 सौ 60 करोड़ रूपये था। वर्ष 2014-15 में 25 हजार 6 सौ करोड़ रूपये से अधिक राजस्व का अनुमान किया गया है। राज्य सरकार का बजट आकार पहली बार वर्ष 2014-15 में एक लाख करोड़ रूपया का आंकड़ा पार किया है।
राज्य के समग्र विकास के लिए मानव विकास की अग्रणी भूमिका है। सभी वंचित वर्गों को स्कूल पहुँचाने, नये स्कूल खोलने, कक्षाओं की संख्या में वृद्धि करने, प्राथमिक विद्यालयों को माध्यमिक विद्यालयों में उत्क्रमित करने, नामांकन में वृद्धि लाने एवं लड़के-लड़कियों के बीच शिक्षा की खाई को पाटने के लिए राज्य सरकार ने अनेक सफल प्रयास किये हैं। राज्य के शत-प्रतिषत बच्चे एवं बच्चियों का विद्यालयों में नामांकन सुनिष्चित करने के लिए प्राथमिक एवं माध्यमिक षिक्षा के क्षेत्र में पोषाक, साईकिल एवं छात्रवृŸिा योजनायंे काफी कारगर साबित हुई हंै। इन योजनाओं को लगातार सुदृढ़ किया जा रहा है। दिनांक
22.12.2014 से 13.01.2015 तक आयोजित राज्य समारोह में जिलावार निर्धारित कार्यक्रमानुसार पोशाक योजना, मुख्य मंत्री बालक/बालिका साईकिल योजना, प्रोत्साहन योजना एवं प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के अन्तर्गत आच्छादित लाभुकों के बीच राशि का वितरण किया गया है।
हर पंचायत में एक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की स्थापना के नीतिगत फैसले के आलोक में गत वर्ष 12 सौ 91 उच्च माध्यमिक विद्यालयों की स्थापना कर शैक्षणिक सत्र प्रारंभ किया गया। इस वर्ष एक हजार नये उच्च माध्यमिक विद्यालय स्थापित करने की स्वीकृति दी गई है।
राज्य में उच्च तकनीकी एवं व्यवसायिक षिक्षा के विस्तार तथा इसकी गुणवत्ता सुनिष्चित करने के लिए सरकार ने अनेक राष्ट्रीय स्तर के विष्वविद्यालय, महाविद्यालय एवं तकनीकी संस्थाओं की स्थापना की है और कई नये संस्थानों की स्थापना पर कार्य चल रहा है। इसी कड़ी में राज्य में आई0आई0एम0 के स्थापना हेतु मगध विश्वविद्यालय, बोधगया के अंतर्गत 150 एकड़ भूमि चिन्हित की गई है। राज्य के हर प्रमंडल में एक इंजीनियरिंग काॅलेज, जिला में पाॅलिटेकनिक और सभी अनुमंडलों में औद्योगिक प्रषिक्षण संस्थान स्थापित करने के लक्ष्य के विरूद्ध ठोस प्रयास किये गये हंै।
स्वास्थ्य सेवाआंे को सभी तक पहुॅंचाने तथा इनकी गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए राज्य सरकार ने स्वास्थ्य प्रणाली में संरचनात्मक एवं गुणात्मक सुधार किए हंै। इस दिषा में गाॅंव तथा शहर के लोगांे के प्राथमिक उपचार हेतु प्राथमिक तथा उप स्वास्थ्य केन्द्रों को सुदृढ़ किया गया है। अब सरकार, स्वास्थ्य क्षेत्र मे द्वितीय चरण के सुधार पर कार्य कर रही है। चरणवार सभी अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में सभी कार्य दिवसों पर 24 घंटे स्वास्थ्य सेवायें उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जा रही है। गंभीर रोगों से पीडि़त रोगियों को सुपरस्पेशलिटी चिकित्सा राज्य में ही उपलब्ध कराने के लिए राज्य के सभी छः चिकित्सा महाविद्यालयों में सुपरस्पेशलिटी विभागों के गठन की स्वीकृति दी गई है।
नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने एवं उनके स्वास्थ्य सेवा संबंधी आॅंकड़ों को संकलित करने के लिए राज्य के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों से लेकर जिला अस्पतालों तक वाह्य कक्ष में मरीजों के निबंधन, दवा वितरण, रेडियोलाॅजी-पैथोलाॅजी जाॅंच की सुविधा इत्यादि हेतु कम्प्यूटरीकृत प्रणाली ‘‘संजीवनी’’ का संचालन किया जा रहा है। इसके तहत अब तक ढाई करोड़ से अधिक मरीजों का पंजीयन किया गया है। राज्य में दिनांक 07 जनवरी, 2015 से नये ‘‘पेन्टावैलेन्ट वैक्सीन’’ को नियमित टीकाकरण के अंतर्गत शामिल किया गया है। इस वैक्सीन की तीन खुराक बच्चों को पाॅंच गंभीर बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करेगी।
राज्य में उत्तम आधारभूत संरचना के विकास हेतु सरकार वचनबद्ध है। राज्य के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों को राज्य मुख्यालय तथा जिला मुख्यालयों से जोड़ने एवं लोगो के सुलभ आवागमन हेतु सड़कों और पुल-पुलियों का निर्माण लगातार जारी है। पथ निर्माण विभाग के अन्तर्गत राज्य उच्च पथांे एवं वृहत जिला पथांे के अनुरक्षण हेतु नीति बनाई गई है तथा इसके आधार पर 9 हजार किलोमीटर से अधिक सड़कों के अनुरक्षण की योजनाओं पर कार्य चल रहा है जिस पर 2 हजार 5 सौ करोड़ से अधिक राशि का व्यय होगा।
ग्रामीण क्षेत्रों को संपर्कता प्रदान करने को प्राथमिकता दी जा रही है। इसी के तहत वित्तीय वर्ष 2014-15 में 2 हजार 7 सौ 86 ग्रामीण पथ जिनकी कुल लंबाई 4 हजार 8 सौ 44 किलोमीटर है, के निर्माण हेतु प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है। इस पर 4 हजार 70 करोड़ रूपये का व्यय होगा। ग्रामीण पथों के अनुरक्षण हेतु नई नीति की स्वीकृति करा कर कार्य प्रारंभ कर दिया गया है।
राज्य के प्रत्येक घर में चरणबद्ध तरीके से निजी शौचालय बनाने का अभियान चलाया जा रहा है। हमारा प्रयास है कि प्रत्येक गांव में समुचित स्वच्छता रहे। हम प्रत्येक गांव में स्वच्छताकर्मी की व्यवस्था करने पर विचार कर रहे हैं। सभी बसावटों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए हम वचनबद्ध है। नये चापाकल गाड़ने और पानी की गुणवत्ता सुनिश्चित कराने हेतु व्यापक कार्यक्रम चलाये जा रहे है।
विद्युत प्रक्षेत्र में सरकार ‘‘हमारा आधार ऊर्जस्वित बिहार’’ के मूलमंत्र पर कार्य कर रही है। राज्य बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनना चाहता है और इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए उत्पादन, संचरण एवं वितरण प्रणाली के सुदृढ़ीकरण हेतु 8 हजार करोड़ से अधिक की योजनाओं पर काम चल रहा है।
राज्य की विद्युत संचरण प्रणाली की क्षमता बढ़कर तीन हजार मेगावाट हो गई है तथा अगले वर्ष तक इसे 4 हजार 5 सौ मेगावाट तक ले जाने का लक्ष्य है। इस क्रम में राज्य में पहली बार अक्टूबर, 2014 में 2 हजार 8 सौ मेगावाट से अधिक बिजली आपूर्ति की गयी। सरकार के अथक प्रयासों का नतीजा है कि कांटी थर्मल पावर प्रोजेक्ट की 110 मेगावाट की दो यूनिट एवं बाढ़ की 660 मेगावाट की इकाइयों में बिजली उत्पादन प्रारंभ हो गई है। नवीनगर में 660 मेगावाट की तीन इकाइयों का निर्माण कार्य जारी है।
वर्तमान में जिला मुख्यालयों में औसतन 20 से 22 घंटे बिजली आपूर्ति करने का प्रयास किया जा रहा है और सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में भी पर्याप्त बिजली आपूर्ति हेतु विषेष निदेष दिये हैं। ग्रामीण विद्युतीकरण कार्यक्रम के तहत सभी विद्युतरहित गाॅवों के विद्युतीकरण की योजना की स्वीकृति दी जा चुकी है और इस पर काम भी प्रारंभ कर दिया गया है। हमने घोषणा की थी कि किसानों को कृषि कार्य हेतु विद्युत कनेक्शन के लिए विशेष अभियान चलाकर 6 माह में विद्युत कनेक्शन सुनिश्चित किया जाएगा। इस पर अमल करते हुए दिनांक 06 फरवरी से पूरे बिहार में शिविर लगाकर कृषकों को विद्युत कनेक्शन दिया जाएगा।
राज्य सरकार कृषि के विकास एवं किसानों की आर्थिक समृद्धि हेतु बहुआयामी द्वितीय कृषि रोड-मैप का चरणबद्ध तरीके से क्रियान्वयन कर रही है। किसानों को गुणवŸाापूर्ण उपादान उपलब्ध कराना, उन्हें नई तकनीकों में प्रषिक्षित करना एवं प्रत्यक्षण कर उनकी क्षमता का संवर्द्धन करने की अनेक योजनाओं का क्रियान्वयन इस कृषि रोड मैप के तहत किया जा रहा है। उचित तकनीक एवं प्रबंधन के साथ संसाधनों के उचित इस्तेमाल से अन्न, दलहन, तेलहन, फल, सब्जियाँ, ईख, जूट, मधु, मषरूम, दूध, मांस, अंडा एवं मछलियों के उत्पादन एवं उत्पादकता में उत्साहजनक परिणाम दिख रहे हैं जिसे हमने ‘इन्द्रधनुषी क्रान्ति’ का नाम दिया है। कृषि कैबिनेट द्वारा कृषि रोड मैप के कार्यक्रमों की निरंतर समीक्षा की जा रही है। राजेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय, पूसा को राजेन्द्र केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय में परिवर्तित कराने के लिए हमने कृषि मंत्रालय, भारत सरकार के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किया है।
गंगा नदी के जल का समुचित उपयोग राज्य के किसानों के हित मे हैं। इसके लिए चुनारगढ़ से लेकर मोकामा टाल तक एक उच्चस्तरीय नहर बनाने की योजना पर काम किया जा रहा है। इसे जल्द ही मूर्तरूप दिया जायेगा।
राज्य में ‘हरियाली मिषन‘ के अन्तर्गत कृषि वानिकी योजना, निजी पौधषाला योजना एवं वृक्ष संरक्षण योजनाओं का काम आगे बढ़ा है और इनमें लोगों की सहभागिता बढ़ी है। राज्य सरकार आने वाली पीढ़ी को हरित एवं खुषहाल बिहार देना चाहती है। सरकार के इन प्रयासों और लोगों की भागीदारी के फलस्वरूप राज्य का हरित आवरण, जो लगभग 9 प्रतिषत था, वह बढ़कर अब 12.86 प्रतिषत हो गया है। इसे 15 प्रतिशत पर पहुँचाने का लक्ष्य है।
राज्य सरकार द्वारा धान अधिप्राप्ति के तहत खरीफ विपणन वर्ष 2014-15 में धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य के अतिरिक्त किसानो को 300 रूपया प्रति क्विंटल की दर से बोनसदिया जा रहा हैइसके लिए पाॅच सौ करोड़ रूपये की स्वीकृति दी गई है।राज्य की खाद्यान्न भंडारण क्षमता की वृद्धि हेतु आवश्यक कदम उठाये गये हैं। बिहार राज्य खाद्य निगम के लिए 689 नये गोदामों का निर्माण पूर्ण किया गया है जिससे 5 लाख मीट्रिक टन से अधिक भंडारण क्षमता की वृद्धि हुई है। इसके अतिरिक्त पैक्स एवं व्यापार मंडलों में 2017 नये गोदामों का निर्माण कार्य पूर्ण कर 4.67 लाख मीट्रिक टन भंडारण क्षमता का सृजन किया गया।
मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम योजना के अन्तर्गत राज्य के 534 प्रखंडों में, प्रति प्रखंड 5 की दर से, कुल 26 सौ 70 ग्रामों को आदर्श ग्राम के रूप में विकसित कराने की दिशा में हम काम कर रहे हैं। इन आदर्श ग्रामों में सभी मूलभूत सुविधायें उपलब्ध कराने के साथ-साथ सरकार की सभी विकासात्मक एवं कल्याणकारी योजनाओं का शत-प्रतिशत आच्छादन योग्य लाभार्थियों के बीच सुनिश्चित किया जायेगा।
श्रमिकों के कल्याण हेतु उन्हें कामगार बोर्ड के माध्यम से पंजीकृत करने का व्यापक अभियान चलाया जा रहा है। भवन निर्माण, औजार एवं साईकिल क्रय हेतु प्रत्येक पंजीकृत निर्माण कामगारों को 15 हजार रूपये अनुदान उपलब्ध कराया जा रहा है।
महादलित, दलित, अति पिछड़ों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के विकास हेतु विशेष योजनाआंे को तैयार कर उनका प्रभावकारी तरीके से क्रियान्वयन एवं पर्यवेक्षणकिया जा रहा है। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के छात्र-छात्राओं के लिए विद्यालय से महाविद्यालय स्तर तक की छात्रवृŸिा योजनाओं से गत वर्ष 37 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं को लाभान्वित किया गया है।
बिहार महादलित विकास योजना के अन्तर्गत सर्वेक्षित कुल 2 लाख 46 हजार से अधिक वासरहित परिवारों में से 90 प्रतिशत परिवारों को वास भूमि उपलब्ध करायी गई है। बिहार महादलित विकास योजना का अगले 2 वर्षों के लिए अवधि विस्तार कर सर्वेक्षित महादलित परिवार को वास हेतु भूमि उपलब्ध कराने के लिए रैयती भूमि का क्रय न्यूनतम प्राक्कलित बाजार मूल्य दर पर करने का निर्णय लिया गया है। इस योजनान्तर्गत अब वास रहित महादलित परिवारों को तीन डिसमील के स्थान पर पाॅच डिसमील भूमि उपलब्ध कराई जाएगी।
इसी कड़ी में राज्य सरकार ने शहरी क्षेत्रों में कम से कम दस वर्षो से वास करने वाले अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के वैसे वास रहित परिवारों, जो शहरी बी0पी0एल0 की सूची में शामिल हो तथा उसके परिवार के किसी सदस्य के पास राज्य या राज्य के बाहर वास भूमि अथवा आवास उपलब्ध न हो, को भी वास भूमि उपलब्ध कराने संबंधी नीति की स्वीकृति दी गई है।
अनुसूचित जाति/जनजाति एवं अल्पसंख्यक समुदाय की दशम वर्ग में द्वितीय श्रेणी में उत्तीर्ण छात्र एवं छात्राओं को 8 हजार रूपये प्रति छात्र/छात्रा की दर से एवं इन्हीं वर्गों के बारहवीं में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण छात्राओं को 15 हजार रूपये प्रति छात्रा तथा द्वितीय श्रेणी में उत्तीर्ण छात्राओं को 10 हजार रूपये प्रति छात्रा की दर से प्रोत्साहन छात्रवृत्ति उपलब्ध कराने के निर्णय के तहत राशि उपलब्ध कराई जा रही है। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के आवासीय विद्यालयों में बच्चों के आवासन संख्या को 28 हजार से बढ़ाकर एक लाख किये जाने पर हम काम कर रहे हैं।
राज्य सरकार ने अनुसूचित जाति/जनजाति एवं अन्य सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक रूप से कमजोर व्यक्तियों तथा छात्र-छात्राओं को प्रोत्साहन एवं सहायता प्रदान करने के लिए अम्बेदकर फाॅउण्डेशन, बिहार की स्थापना की है।
राज्य सरकार ने गरीबों को विषेष कर बी0पी0एल0 तथा अन्त्योदय के लाभुकांे को विचलन रहित एवं ससमय खाद्यान्न उपलब्ध कराने हेतु डोर स्टेप डिलिवरी योजना लागू किए हंै। लक्षित जन-वितरण प्रणाली के अन्र्तगत दुकानों की अनुज्ञप्ति आवंटन में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति, अत्यंत पिछड़ा वर्ग, पिछड़ा वर्ग एवं पिछड़े वर्ग की महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय लिया है।
जुलाई 2014 के प्रभाव से राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम अन्तर्गत संचालित विभिन्न पेंषन योजनाओं तथा राज्य सरकार द्वारा संचालित सभी पेंषन योजनाओं में पेंषन की राषि प्रति माह 200 एवं 300 रूपये से बढ़ाकर 400 रूपये प्रतिमाह निर्धारित की है। वर्तमान में कुल 60 लाख 62 हजार लाभार्थी पेंशन योजनाओं से लाभान्वित हो रहे हैं।
अल्पसंख्यकों के चहुॅंमुखी विकास के लिए अनेक कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं। प्रारंभ से ही राज्य सरकार ने अल्पसंख्यक समुदायों के विद्यार्थियों के शैक्षिक विकास पर बल दिया है। मुख्यमंत्री विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना के तहत प्रारंभ से अब तक एक लाख से अधिक छात्र/छात्राएॅं लाभान्वित हुए हैं। अल्पसंख्यक छात्रावास योजनान्तर्गत अब तक अल्पसंख्यक छात्रों के लिए 27 छात्रावासों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है।
अल्पसंख्यकों के शैक्षणिक एवं आर्थिक उत्थान हेतु क्रियान्वित “मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक शिक्षा ऋण’’ योजना अंतर्गत अब तक अल्पसंख्यक छात्र/छात्राओं के बीच चार करोड़ रूपये से अधिक का ऋण एवं ‘‘मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक रोजगार ऋण योजना” के माध्यम से अल्पसंख्यक युवक/युवतियों को स्वरोजगार हेतु लगभग 38 करोड़ रूपये का ऋण वितरण किया गया है। हज यात्रियों की सुविधा के लिए पटना की तर्ज पर गया में भी हज भवन का निर्माण किया जा रहा है। राज्य में साम्प्रदायिक सौहार्द के मद्देनजर कब्रिस्तान घेराबंदी की योजना चलाई जा रही है जिसके तहत अब तक 5 सौ 77 करोड़ रूपये व्यय कर 4 हजार 6 सौ 40 कब्र्रिस्तानों की घेराबंदी की जा चुकी है। हाल ही में हमने मौलाना मजहरूल हक अरबी फारसी विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए पांच एकड़ जमीन निःशुल्क उपलब्ध करायी है।
सरकार वंचित वर्गों के उत्थान के साथ-साथ महिला सशक्तीकरण के प्रति भी संवेदनशील है। महिलाओं को मुख्यधारा से जोड़ने तथा उनके विरूद्ध होने वाले भेद-भावों को दूर करने के लिए कई उपाय किए गये हैं। सामाजिक एवं आर्थिक गतिविधियों में महिलाओं की भागीदारी सुनिष्चित हुई है। आरक्षण देकर जहाॅं एक ओर पंचायती राज, नगर निकाय एवं सहकारी समितियों में महिलाओं को भागीदारी मिली है वहीं दूसरी ओर षिक्षक एवं पुलिस की नियुक्तियों में आरक्षण प्रदान करने से महिलाओं के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित हुए हैं। बिहार सैन्य पुलिस में महिला बटालियन की स्थापना की गई है। बिहार स्वाभिमान पुलिस बटालियन के नाम से एक अनुसूचित जनजाति महिला सशक्त बटालियन के गठन का निर्णय लिया गया है।
राज्य के सर्वांगीण विकास हेतु युवा वर्ग को शिक्षित होना आवश्यक है। अतः अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति छात्र-छात्राओं एवं सभी वर्ग की छात्राओं के लिए उच्चतर शिक्षा (विश्वविद्यालय शिक्षा सहित) के लिए नामांकन एवं अन्य किसी प्रकार का शिक्षण शुल्क नहीं लिया जाएगा। इस पर होने वाला व्यय को राज्य सरकार वहन करेगी।
औद्योगिक प्रोत्साहन नीति, 2011 की मध्यावधि समीक्षा के आलोक में अनेक नये संशोधन, समावेश एवं परिवर्तन की स्वीकृति दी गई है। राज्य में अब तक 272 औद्योगिक इकाइयाँ उत्पादन में आ चुकी हैं एवं 176 औद्योगिक इकाइयों का स्थापना कार्य अंतिम चरण में हैै।खाद्य प्रसंस्करण, कृषि यंत्र उद्योग एवं सूचना प्रावैधिकी उद्योग को थ्रस्ट एरिया मानते हुए प्रोत्साहन हेतु विषिष्ट नीतियाॅं बनाई गई है। सिंगल विंडो क्लियरेंस की व्यवस्था को मूर्त रूप देने का काम चल रहा है। राज्य में औद्योगीकरण को बढ़ावा देने तथा अड़चनों को दूर करने हेतु सरकार ने उद्योग संबंधी मंत्रीपरिषदीय समिति का गठन किया है।
राज्य के आर्थिक एवं सामाजिक विकास में श्रमिकों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। श्रमिकों के हितों की रक्षा तथा खुली अर्थव्यवस्था एवं वैश्विक श्रम बाजारों की बदलती अपेक्षाओं को ध्यान में रखते हुए राज्य में ’’दशरथ मांझी श्रम एवं नियोजन अध्ययन संस्थान’’ पटना में स्थापित करने का निर्णय लिया है। यह संस्थान श्रम एवं नियोजन से जुड़े मुद्दों पर अध्ययन, शोध एवं मुल्यांकन एवं प्रशिक्षण का कार्य करेगी।
आधुनिक विकास के साथ-साथ सरकार अपनी समृद्ध विरासत को भी संजोने का प्रयास कर रही है। राज्य के धरोहरों को प्रदर्षित करने हेतु पटना में अंतर्राष्ट्रीय मानक के बिहार संग्रहालय का निर्माण तेजी से चल रहा है। बिहार में धार्मिक धरोहरों को संज्ञान में लेते हुए धार्मिक पर्यटन के कल्पना के तहत बौद्ध सर्किट, जैन सर्किट, रामायण सर्किट, सूफी सर्किट का विकास किया जा रहा है। पटना में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन सह-ज्ञान भवन, 5 हजार की क्षमता वाला आडोटोरियम तथा सभ्यता द्वार का निर्माण का कार्य प्रारंभ हो गया है।
सरकार के प्रषासनिक एवं नवाचारी नीतियों की बदौलत आज राज्य में साम्प्रदायिक सद््भाव, सामाजिक समरसता एवं शांति का माहौलबना है।सभी चुनौतियों के बावजूद राज्य प्रगति के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है। सरकार की कामना है कि समाज में सद्भाव एवं भाईचारा का वातावरण कायम रहे और बिहार भी विकसित राज्यों की कतार में खड़ा हो। गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर मैं आप सबको आह्वाहन करता हूँ कि बिहार को विकसित राज्यों की श्रेणी में लाने के लिए आप अपना भरपूर सहयोग दें। गणतंत्र दिवस के अवसर पर एक बार पुनः आप सबको अपनी शुभकामनाएँ देता हूँ।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर विभिन्न विभागों द्वारा प्रस्तुत कुल तेरह झाँकियों को भी देखा और उनमें दर्शायी गयी कलात्मक एवं शिक्षाप्रद ज्ञानों की प्रशंसा की।
इसके पूर्व मुख्यमंत्री श्री जीतन राम माँझी ने शहीद-ए-कारगिल स्थल पर जाकर कारगिल के अमर शहीदों को नमन किया और उन्हें सपुष्प श्रद्धांजलि अर्पित की।
भाइयो, बहनो और प्यारे बच्चो,
अपने देश के 66वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर आप-सभी को तथा बिहार की समस्त जनता को मैं हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ देता हूँ।
आज ही के दिन अपने देष को गणतंत्र राज्य घोषित किया गया एवं संविधान को अपनाया गया था। इसी संविधान के माध्यम से संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य की नींव रखी गई तथा नागरिकों के लिए न्याय, समानता, धर्म-निरपेक्षता एवं गरिमामय जीवन की वैधानिक परिकल्पना की और यही हमारे मार्ग का प्रकाश स्तम्भ है, जिससे देश का चतुर्दिक विकास हो रहा है।
राज्य सरकार ने सुषासन तथा विकास के लिए सार्थक प्रयास किए हैं, जिसके परिणामस्वरूप राज्य के सभी क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति हो रही है। ‘न्याय के साथ विकास’ राज्य सरकार की प्राथमिकता रही है, जिसके कार्यान्वयन हेतु सरकार ने सुशासन के कार्यक्रम बनाये हैं। उन कार्यक्रमों के आधार पर राज्य सरकार की पिछले एक वर्ष की उपलब्धियाॅं उल्लेखनीय रही है।
राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए विधि व्यवस्था, कानून का राज, सामाजिक सद्भाव का माहौल अत्यंत आवश्यक है। सरकार के प्रयासो से राज्य में साम्प्रदायिक सद्भाव और सामाजिक सौहार्द्र का वातावरण बना है एवं सभी वर्गों-सम्प्रदायों के बीच पारस्परिक विश्वास, सामंजस्य एवं स्नेह की बदौलत बिहार की एक नई पहचान बनी है।
राज्य की विधि व्यवस्था सुदृढ़ रखने एवं कानून का राज बनाये रखने की दिशा में पुलिस के कार्यों की नियमित समीक्षा की जा रही है और आवश्यकतानुसार उन्हें सभी संसाधन उपलब्ध कराये जा रहे हैं। पुलिस के आधुनिकीकरण एवं प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है ताकि वे अपना काम पूरी मुश्तैदी के साथ कर सकें। संगठित अपराध पर कड़ाई से अंकुश लगाया गया है और अपराधों को उनके तार्किक अंत तक पहुॅंचाने के लिए अनेक कदम उठाये गये हैं। राज्य के विधि विज्ञान प्रयोगशाला को अत्याधुनिक संयंत्रों से सुदृढ़ किया गया है जिससे अनुसंधानकर्ताओं को संवेदनशील काण्डों में सटीक साक्ष्य संकलित करने में मदद मिल रही है। पुलिस के लिए आधारभूत संरचना के विकास पर बल दिया जा रहा है। गत वर्ष में पुलिस भवन निर्माण निगम द्वारा 209 भवनों का निर्माण पूर्ण किया गया है एवं 455 भवनों का निर्माण कार्य प्रगति पर है।
राज्य सरकार की भ्रष्टाचार के विरूद्ध जीरो टाॅलरेंस की नीति रही है। इस दिषा में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो, विशेष निगरानी इकाई एवं आर्थिक अपराध इकाई के द्वारा भ्रष्टाचार उन्मूलन की दिशा में निरंतर कार्रवाई की जा रहीहै। साथ ही विभिन्न कानूनी प्रावधानों का उपयोग कर अवैध रूप से अर्जित संपत्तियों को जब्त करने की मुहिम जारी है।
राज्य सरकार ने अपने विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए राज्ययोजना के आकार में लगातार वृद्धि की है। राज्य का योजना उद्व्यय वर्ष 2013-14 में 34 हजार करोड़ रूपया था जिसे वर्ष 2014-15 में 57 हजार करोड़ रूपये से अधिक निर्धारित किया गया है। राज्य ने अपने आंतरिक संसाधन में भी महत्वपूर्ण वृद्धि की है। राज्य का अपना कर राजस्व वर्ष 2013-14 में 19 हजार 9 सौ 60 करोड़ रूपये था। वर्ष 2014-15 में 25 हजार 6 सौ करोड़ रूपये से अधिक राजस्व का अनुमान किया गया है। राज्य सरकार का बजट आकार पहली बार वर्ष 2014-15 में एक लाख करोड़ रूपया का आंकड़ा पार किया है।
राज्य के समग्र विकास के लिए मानव विकास की अग्रणी भूमिका है। सभी वंचित वर्गों को स्कूल पहुँचाने, नये स्कूल खोलने, कक्षाओं की संख्या में वृद्धि करने, प्राथमिक विद्यालयों को माध्यमिक विद्यालयों में उत्क्रमित करने, नामांकन में वृद्धि लाने एवं लड़के-लड़कियों के बीच शिक्षा की खाई को पाटने के लिए राज्य सरकार ने अनेक सफल प्रयास किये हैं। राज्य के शत-प्रतिषत बच्चे एवं बच्चियों का विद्यालयों में नामांकन सुनिष्चित करने के लिए प्राथमिक एवं माध्यमिक षिक्षा के क्षेत्र में पोषाक, साईकिल एवं छात्रवृŸिा योजनायंे काफी कारगर साबित हुई हंै। इन योजनाओं को लगातार सुदृढ़ किया जा रहा है। दिनांक
22.12.2014 से 13.01.2015 तक आयोजित राज्य समारोह में जिलावार निर्धारित कार्यक्रमानुसार पोशाक योजना, मुख्य मंत्री बालक/बालिका साईकिल योजना, प्रोत्साहन योजना एवं प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के अन्तर्गत आच्छादित लाभुकों के बीच राशि का वितरण किया गया है।
हर पंचायत में एक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की स्थापना के नीतिगत फैसले के आलोक में गत वर्ष 12 सौ 91 उच्च माध्यमिक विद्यालयों की स्थापना कर शैक्षणिक सत्र प्रारंभ किया गया। इस वर्ष एक हजार नये उच्च माध्यमिक विद्यालय स्थापित करने की स्वीकृति दी गई है।
राज्य में उच्च तकनीकी एवं व्यवसायिक षिक्षा के विस्तार तथा इसकी गुणवत्ता सुनिष्चित करने के लिए सरकार ने अनेक राष्ट्रीय स्तर के विष्वविद्यालय, महाविद्यालय एवं तकनीकी संस्थाओं की स्थापना की है और कई नये संस्थानों की स्थापना पर कार्य चल रहा है। इसी कड़ी में राज्य में आई0आई0एम0 के स्थापना हेतु मगध विश्वविद्यालय, बोधगया के अंतर्गत 150 एकड़ भूमि चिन्हित की गई है। राज्य के हर प्रमंडल में एक इंजीनियरिंग काॅलेज, जिला में पाॅलिटेकनिक और सभी अनुमंडलों में औद्योगिक प्रषिक्षण संस्थान स्थापित करने के लक्ष्य के विरूद्ध ठोस प्रयास किये गये हंै।
स्वास्थ्य सेवाआंे को सभी तक पहुॅंचाने तथा इनकी गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए राज्य सरकार ने स्वास्थ्य प्रणाली में संरचनात्मक एवं गुणात्मक सुधार किए हंै। इस दिषा में गाॅंव तथा शहर के लोगांे के प्राथमिक उपचार हेतु प्राथमिक तथा उप स्वास्थ्य केन्द्रों को सुदृढ़ किया गया है। अब सरकार, स्वास्थ्य क्षेत्र मे द्वितीय चरण के सुधार पर कार्य कर रही है। चरणवार सभी अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में सभी कार्य दिवसों पर 24 घंटे स्वास्थ्य सेवायें उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जा रही है। गंभीर रोगों से पीडि़त रोगियों को सुपरस्पेशलिटी चिकित्सा राज्य में ही उपलब्ध कराने के लिए राज्य के सभी छः चिकित्सा महाविद्यालयों में सुपरस्पेशलिटी विभागों के गठन की स्वीकृति दी गई है।
नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने एवं उनके स्वास्थ्य सेवा संबंधी आॅंकड़ों को संकलित करने के लिए राज्य के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों से लेकर जिला अस्पतालों तक वाह्य कक्ष में मरीजों के निबंधन, दवा वितरण, रेडियोलाॅजी-पैथोलाॅजी जाॅंच की सुविधा इत्यादि हेतु कम्प्यूटरीकृत प्रणाली ‘‘संजीवनी’’ का संचालन किया जा रहा है। इसके तहत अब तक ढाई करोड़ से अधिक मरीजों का पंजीयन किया गया है। राज्य में दिनांक 07 जनवरी, 2015 से नये ‘‘पेन्टावैलेन्ट वैक्सीन’’ को नियमित टीकाकरण के अंतर्गत शामिल किया गया है। इस वैक्सीन की तीन खुराक बच्चों को पाॅंच गंभीर बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करेगी।
राज्य में उत्तम आधारभूत संरचना के विकास हेतु सरकार वचनबद्ध है। राज्य के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों को राज्य मुख्यालय तथा जिला मुख्यालयों से जोड़ने एवं लोगो के सुलभ आवागमन हेतु सड़कों और पुल-पुलियों का निर्माण लगातार जारी है। पथ निर्माण विभाग के अन्तर्गत राज्य उच्च पथांे एवं वृहत जिला पथांे के अनुरक्षण हेतु नीति बनाई गई है तथा इसके आधार पर 9 हजार किलोमीटर से अधिक सड़कों के अनुरक्षण की योजनाओं पर कार्य चल रहा है जिस पर 2 हजार 5 सौ करोड़ से अधिक राशि का व्यय होगा।
ग्रामीण क्षेत्रों को संपर्कता प्रदान करने को प्राथमिकता दी जा रही है। इसी के तहत वित्तीय वर्ष 2014-15 में 2 हजार 7 सौ 86 ग्रामीण पथ जिनकी कुल लंबाई 4 हजार 8 सौ 44 किलोमीटर है, के निर्माण हेतु प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है। इस पर 4 हजार 70 करोड़ रूपये का व्यय होगा। ग्रामीण पथों के अनुरक्षण हेतु नई नीति की स्वीकृति करा कर कार्य प्रारंभ कर दिया गया है।
राज्य के प्रत्येक घर में चरणबद्ध तरीके से निजी शौचालय बनाने का अभियान चलाया जा रहा है। हमारा प्रयास है कि प्रत्येक गांव में समुचित स्वच्छता रहे। हम प्रत्येक गांव में स्वच्छताकर्मी की व्यवस्था करने पर विचार कर रहे हैं। सभी बसावटों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए हम वचनबद्ध है। नये चापाकल गाड़ने और पानी की गुणवत्ता सुनिश्चित कराने हेतु व्यापक कार्यक्रम चलाये जा रहे है।
विद्युत प्रक्षेत्र में सरकार ‘‘हमारा आधार ऊर्जस्वित बिहार’’ के मूलमंत्र पर कार्य कर रही है। राज्य बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनना चाहता है और इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए उत्पादन, संचरण एवं वितरण प्रणाली के सुदृढ़ीकरण हेतु 8 हजार करोड़ से अधिक की योजनाओं पर काम चल रहा है।
राज्य की विद्युत संचरण प्रणाली की क्षमता बढ़कर तीन हजार मेगावाट हो गई है तथा अगले वर्ष तक इसे 4 हजार 5 सौ मेगावाट तक ले जाने का लक्ष्य है। इस क्रम में राज्य में पहली बार अक्टूबर, 2014 में 2 हजार 8 सौ मेगावाट से अधिक बिजली आपूर्ति की गयी। सरकार के अथक प्रयासों का नतीजा है कि कांटी थर्मल पावर प्रोजेक्ट की 110 मेगावाट की दो यूनिट एवं बाढ़ की 660 मेगावाट की इकाइयों में बिजली उत्पादन प्रारंभ हो गई है। नवीनगर में 660 मेगावाट की तीन इकाइयों का निर्माण कार्य जारी है।
वर्तमान में जिला मुख्यालयों में औसतन 20 से 22 घंटे बिजली आपूर्ति करने का प्रयास किया जा रहा है और सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में भी पर्याप्त बिजली आपूर्ति हेतु विषेष निदेष दिये हैं। ग्रामीण विद्युतीकरण कार्यक्रम के तहत सभी विद्युतरहित गाॅवों के विद्युतीकरण की योजना की स्वीकृति दी जा चुकी है और इस पर काम भी प्रारंभ कर दिया गया है। हमने घोषणा की थी कि किसानों को कृषि कार्य हेतु विद्युत कनेक्शन के लिए विशेष अभियान चलाकर 6 माह में विद्युत कनेक्शन सुनिश्चित किया जाएगा। इस पर अमल करते हुए दिनांक 06 फरवरी से पूरे बिहार में शिविर लगाकर कृषकों को विद्युत कनेक्शन दिया जाएगा।
राज्य सरकार कृषि के विकास एवं किसानों की आर्थिक समृद्धि हेतु बहुआयामी द्वितीय कृषि रोड-मैप का चरणबद्ध तरीके से क्रियान्वयन कर रही है। किसानों को गुणवŸाापूर्ण उपादान उपलब्ध कराना, उन्हें नई तकनीकों में प्रषिक्षित करना एवं प्रत्यक्षण कर उनकी क्षमता का संवर्द्धन करने की अनेक योजनाओं का क्रियान्वयन इस कृषि रोड मैप के तहत किया जा रहा है। उचित तकनीक एवं प्रबंधन के साथ संसाधनों के उचित इस्तेमाल से अन्न, दलहन, तेलहन, फल, सब्जियाँ, ईख, जूट, मधु, मषरूम, दूध, मांस, अंडा एवं मछलियों के उत्पादन एवं उत्पादकता में उत्साहजनक परिणाम दिख रहे हैं जिसे हमने ‘इन्द्रधनुषी क्रान्ति’ का नाम दिया है। कृषि कैबिनेट द्वारा कृषि रोड मैप के कार्यक्रमों की निरंतर समीक्षा की जा रही है। राजेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय, पूसा को राजेन्द्र केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय में परिवर्तित कराने के लिए हमने कृषि मंत्रालय, भारत सरकार के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किया है।
गंगा नदी के जल का समुचित उपयोग राज्य के किसानों के हित मे हैं। इसके लिए चुनारगढ़ से लेकर मोकामा टाल तक एक उच्चस्तरीय नहर बनाने की योजना पर काम किया जा रहा है। इसे जल्द ही मूर्तरूप दिया जायेगा।
राज्य में ‘हरियाली मिषन‘ के अन्तर्गत कृषि वानिकी योजना, निजी पौधषाला योजना एवं वृक्ष संरक्षण योजनाओं का काम आगे बढ़ा है और इनमें लोगों की सहभागिता बढ़ी है। राज्य सरकार आने वाली पीढ़ी को हरित एवं खुषहाल बिहार देना चाहती है। सरकार के इन प्रयासों और लोगों की भागीदारी के फलस्वरूप राज्य का हरित आवरण, जो लगभग 9 प्रतिषत था, वह बढ़कर अब 12.86 प्रतिषत हो गया है। इसे 15 प्रतिशत पर पहुँचाने का लक्ष्य है।
राज्य सरकार द्वारा धान अधिप्राप्ति के तहत खरीफ विपणन वर्ष 2014-15 में धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य के अतिरिक्त किसानो को 300 रूपया प्रति क्विंटल की दर से बोनसदिया जा रहा हैइसके लिए पाॅच सौ करोड़ रूपये की स्वीकृति दी गई है।राज्य की खाद्यान्न भंडारण क्षमता की वृद्धि हेतु आवश्यक कदम उठाये गये हैं। बिहार राज्य खाद्य निगम के लिए 689 नये गोदामों का निर्माण पूर्ण किया गया है जिससे 5 लाख मीट्रिक टन से अधिक भंडारण क्षमता की वृद्धि हुई है। इसके अतिरिक्त पैक्स एवं व्यापार मंडलों में 2017 नये गोदामों का निर्माण कार्य पूर्ण कर 4.67 लाख मीट्रिक टन भंडारण क्षमता का सृजन किया गया।
मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम योजना के अन्तर्गत राज्य के 534 प्रखंडों में, प्रति प्रखंड 5 की दर से, कुल 26 सौ 70 ग्रामों को आदर्श ग्राम के रूप में विकसित कराने की दिशा में हम काम कर रहे हैं। इन आदर्श ग्रामों में सभी मूलभूत सुविधायें उपलब्ध कराने के साथ-साथ सरकार की सभी विकासात्मक एवं कल्याणकारी योजनाओं का शत-प्रतिशत आच्छादन योग्य लाभार्थियों के बीच सुनिश्चित किया जायेगा।
श्रमिकों के कल्याण हेतु उन्हें कामगार बोर्ड के माध्यम से पंजीकृत करने का व्यापक अभियान चलाया जा रहा है। भवन निर्माण, औजार एवं साईकिल क्रय हेतु प्रत्येक पंजीकृत निर्माण कामगारों को 15 हजार रूपये अनुदान उपलब्ध कराया जा रहा है।
महादलित, दलित, अति पिछड़ों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के विकास हेतु विशेष योजनाआंे को तैयार कर उनका प्रभावकारी तरीके से क्रियान्वयन एवं पर्यवेक्षणकिया जा रहा है। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के छात्र-छात्राओं के लिए विद्यालय से महाविद्यालय स्तर तक की छात्रवृŸिा योजनाओं से गत वर्ष 37 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं को लाभान्वित किया गया है।
बिहार महादलित विकास योजना के अन्तर्गत सर्वेक्षित कुल 2 लाख 46 हजार से अधिक वासरहित परिवारों में से 90 प्रतिशत परिवारों को वास भूमि उपलब्ध करायी गई है। बिहार महादलित विकास योजना का अगले 2 वर्षों के लिए अवधि विस्तार कर सर्वेक्षित महादलित परिवार को वास हेतु भूमि उपलब्ध कराने के लिए रैयती भूमि का क्रय न्यूनतम प्राक्कलित बाजार मूल्य दर पर करने का निर्णय लिया गया है। इस योजनान्तर्गत अब वास रहित महादलित परिवारों को तीन डिसमील के स्थान पर पाॅच डिसमील भूमि उपलब्ध कराई जाएगी।
इसी कड़ी में राज्य सरकार ने शहरी क्षेत्रों में कम से कम दस वर्षो से वास करने वाले अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के वैसे वास रहित परिवारों, जो शहरी बी0पी0एल0 की सूची में शामिल हो तथा उसके परिवार के किसी सदस्य के पास राज्य या राज्य के बाहर वास भूमि अथवा आवास उपलब्ध न हो, को भी वास भूमि उपलब्ध कराने संबंधी नीति की स्वीकृति दी गई है।
अनुसूचित जाति/जनजाति एवं अल्पसंख्यक समुदाय की दशम वर्ग में द्वितीय श्रेणी में उत्तीर्ण छात्र एवं छात्राओं को 8 हजार रूपये प्रति छात्र/छात्रा की दर से एवं इन्हीं वर्गों के बारहवीं में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण छात्राओं को 15 हजार रूपये प्रति छात्रा तथा द्वितीय श्रेणी में उत्तीर्ण छात्राओं को 10 हजार रूपये प्रति छात्रा की दर से प्रोत्साहन छात्रवृत्ति उपलब्ध कराने के निर्णय के तहत राशि उपलब्ध कराई जा रही है। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के आवासीय विद्यालयों में बच्चों के आवासन संख्या को 28 हजार से बढ़ाकर एक लाख किये जाने पर हम काम कर रहे हैं।
राज्य सरकार ने अनुसूचित जाति/जनजाति एवं अन्य सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक रूप से कमजोर व्यक्तियों तथा छात्र-छात्राओं को प्रोत्साहन एवं सहायता प्रदान करने के लिए अम्बेदकर फाॅउण्डेशन, बिहार की स्थापना की है।
राज्य सरकार ने गरीबों को विषेष कर बी0पी0एल0 तथा अन्त्योदय के लाभुकांे को विचलन रहित एवं ससमय खाद्यान्न उपलब्ध कराने हेतु डोर स्टेप डिलिवरी योजना लागू किए हंै। लक्षित जन-वितरण प्रणाली के अन्र्तगत दुकानों की अनुज्ञप्ति आवंटन में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति, अत्यंत पिछड़ा वर्ग, पिछड़ा वर्ग एवं पिछड़े वर्ग की महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय लिया है।
जुलाई 2014 के प्रभाव से राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम अन्तर्गत संचालित विभिन्न पेंषन योजनाओं तथा राज्य सरकार द्वारा संचालित सभी पेंषन योजनाओं में पेंषन की राषि प्रति माह 200 एवं 300 रूपये से बढ़ाकर 400 रूपये प्रतिमाह निर्धारित की है। वर्तमान में कुल 60 लाख 62 हजार लाभार्थी पेंशन योजनाओं से लाभान्वित हो रहे हैं।
अल्पसंख्यकों के चहुॅंमुखी विकास के लिए अनेक कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं। प्रारंभ से ही राज्य सरकार ने अल्पसंख्यक समुदायों के विद्यार्थियों के शैक्षिक विकास पर बल दिया है। मुख्यमंत्री विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना के तहत प्रारंभ से अब तक एक लाख से अधिक छात्र/छात्राएॅं लाभान्वित हुए हैं। अल्पसंख्यक छात्रावास योजनान्तर्गत अब तक अल्पसंख्यक छात्रों के लिए 27 छात्रावासों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है।
अल्पसंख्यकों के शैक्षणिक एवं आर्थिक उत्थान हेतु क्रियान्वित “मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक शिक्षा ऋण’’ योजना अंतर्गत अब तक अल्पसंख्यक छात्र/छात्राओं के बीच चार करोड़ रूपये से अधिक का ऋण एवं ‘‘मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक रोजगार ऋण योजना” के माध्यम से अल्पसंख्यक युवक/युवतियों को स्वरोजगार हेतु लगभग 38 करोड़ रूपये का ऋण वितरण किया गया है। हज यात्रियों की सुविधा के लिए पटना की तर्ज पर गया में भी हज भवन का निर्माण किया जा रहा है। राज्य में साम्प्रदायिक सौहार्द के मद्देनजर कब्रिस्तान घेराबंदी की योजना चलाई जा रही है जिसके तहत अब तक 5 सौ 77 करोड़ रूपये व्यय कर 4 हजार 6 सौ 40 कब्र्रिस्तानों की घेराबंदी की जा चुकी है। हाल ही में हमने मौलाना मजहरूल हक अरबी फारसी विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए पांच एकड़ जमीन निःशुल्क उपलब्ध करायी है।
सरकार वंचित वर्गों के उत्थान के साथ-साथ महिला सशक्तीकरण के प्रति भी संवेदनशील है। महिलाओं को मुख्यधारा से जोड़ने तथा उनके विरूद्ध होने वाले भेद-भावों को दूर करने के लिए कई उपाय किए गये हैं। सामाजिक एवं आर्थिक गतिविधियों में महिलाओं की भागीदारी सुनिष्चित हुई है। आरक्षण देकर जहाॅं एक ओर पंचायती राज, नगर निकाय एवं सहकारी समितियों में महिलाओं को भागीदारी मिली है वहीं दूसरी ओर षिक्षक एवं पुलिस की नियुक्तियों में आरक्षण प्रदान करने से महिलाओं के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित हुए हैं। बिहार सैन्य पुलिस में महिला बटालियन की स्थापना की गई है। बिहार स्वाभिमान पुलिस बटालियन के नाम से एक अनुसूचित जनजाति महिला सशक्त बटालियन के गठन का निर्णय लिया गया है।
राज्य के सर्वांगीण विकास हेतु युवा वर्ग को शिक्षित होना आवश्यक है। अतः अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति छात्र-छात्राओं एवं सभी वर्ग की छात्राओं के लिए उच्चतर शिक्षा (विश्वविद्यालय शिक्षा सहित) के लिए नामांकन एवं अन्य किसी प्रकार का शिक्षण शुल्क नहीं लिया जाएगा। इस पर होने वाला व्यय को राज्य सरकार वहन करेगी।
औद्योगिक प्रोत्साहन नीति, 2011 की मध्यावधि समीक्षा के आलोक में अनेक नये संशोधन, समावेश एवं परिवर्तन की स्वीकृति दी गई है। राज्य में अब तक 272 औद्योगिक इकाइयाँ उत्पादन में आ चुकी हैं एवं 176 औद्योगिक इकाइयों का स्थापना कार्य अंतिम चरण में हैै।खाद्य प्रसंस्करण, कृषि यंत्र उद्योग एवं सूचना प्रावैधिकी उद्योग को थ्रस्ट एरिया मानते हुए प्रोत्साहन हेतु विषिष्ट नीतियाॅं बनाई गई है। सिंगल विंडो क्लियरेंस की व्यवस्था को मूर्त रूप देने का काम चल रहा है। राज्य में औद्योगीकरण को बढ़ावा देने तथा अड़चनों को दूर करने हेतु सरकार ने उद्योग संबंधी मंत्रीपरिषदीय समिति का गठन किया है।
राज्य के आर्थिक एवं सामाजिक विकास में श्रमिकों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। श्रमिकों के हितों की रक्षा तथा खुली अर्थव्यवस्था एवं वैश्विक श्रम बाजारों की बदलती अपेक्षाओं को ध्यान में रखते हुए राज्य में ’’दशरथ मांझी श्रम एवं नियोजन अध्ययन संस्थान’’ पटना में स्थापित करने का निर्णय लिया है। यह संस्थान श्रम एवं नियोजन से जुड़े मुद्दों पर अध्ययन, शोध एवं मुल्यांकन एवं प्रशिक्षण का कार्य करेगी।
आधुनिक विकास के साथ-साथ सरकार अपनी समृद्ध विरासत को भी संजोने का प्रयास कर रही है। राज्य के धरोहरों को प्रदर्षित करने हेतु पटना में अंतर्राष्ट्रीय मानक के बिहार संग्रहालय का निर्माण तेजी से चल रहा है। बिहार में धार्मिक धरोहरों को संज्ञान में लेते हुए धार्मिक पर्यटन के कल्पना के तहत बौद्ध सर्किट, जैन सर्किट, रामायण सर्किट, सूफी सर्किट का विकास किया जा रहा है। पटना में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन सह-ज्ञान भवन, 5 हजार की क्षमता वाला आडोटोरियम तथा सभ्यता द्वार का निर्माण का कार्य प्रारंभ हो गया है।
सरकार के प्रषासनिक एवं नवाचारी नीतियों की बदौलत आज राज्य में साम्प्रदायिक सद््भाव, सामाजिक समरसता एवं शांति का माहौलबना है।सभी चुनौतियों के बावजूद राज्य प्रगति के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है। सरकार की कामना है कि समाज में सद्भाव एवं भाईचारा का वातावरण कायम रहे और बिहार भी विकसित राज्यों की कतार में खड़ा हो। गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर मैं आप सबको आह्वाहन करता हूँ कि बिहार को विकसित राज्यों की श्रेणी में लाने के लिए आप अपना भरपूर सहयोग दें। गणतंत्र दिवस के अवसर पर एक बार पुनः आप सबको अपनी शुभकामनाएँ देता हूँ।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर विभिन्न विभागों द्वारा प्रस्तुत कुल तेरह झाँकियों को भी देखा और उनमें दर्शायी गयी कलात्मक एवं शिक्षाप्रद ज्ञानों की प्रशंसा की।
इसके पूर्व मुख्यमंत्री श्री जीतन राम माँझी ने शहीद-ए-कारगिल स्थल पर जाकर कारगिल के अमर शहीदों को नमन किया और उन्हें सपुष्प श्रद्धांजलि अर्पित की।
No comments:
Post a Comment